नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन [डब्ल्यूएचओ] की ओर से पोलियो प्रभावित देशों की सूची से भारत का नाम हटा दिया गया है। ऐसा पिछले एक वर्ष में भारत में पोलियो का एक भी मामला सामने न आने की उपलब्धि को देखते हुए किया गया है।
यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उपस्थिति में शनिवार को दिल्ली में 'पोलियो समिट-2012' के दौरान दी।
आजाद ने कहा, 'मुझे शनिवार को डब्ल्यूएचओ का पत्र मिला, जिसमें भारत को पोलियो प्रभावित देशों की सूची से अलग करने की बात कही गई है। इस सूची में अब पाकिस्तान, नाइजीरिया और अफगानिस्तान ही रह गए हैं।'
भारत में डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि नतेला मेनाब्डे ने कहा, 'सूची से नाम हटने के बाद भी भारत को 'पोलियो मुक्त देश' का दर्जा प्राप्त करने के लिए दो वर्ष तक पोलियो मुक्त रहना होगा।' जबकि, पंजाब के बठिंडा में तीन दिनों के भीतर पोलियो के दो संदिग्ध मामले सामने आना चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'इसका श्रेय उन 23 लाख स्वयंसेवकों को जाता है, जिन्होंने दूर-दराज क्षेत्रों में जाकर बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाया। इससे यह उम्मीद भी जगी है कि हम सिर्फ भारत से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से पोलियो को मिटा सकते हैं। टीकाकरण जारी रखना होगा और निगरानी भी बढ़ानी होगी।' डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, नवंबर, 2010 के बाद भारत में पहली बार हवा में पोलियो वायरस की मौजूदगी के बारे में पर्यावरण से लिए गए अधिकांश नमूनों की जांच रिपोर्ट नकारात्मक आई है।
मरीजों को मिले कैशलेस सुविधा: पीएम
प्रधानमंत्री ने बीमा योजनाओं द्वारा मरीजों पर ध्यान केंद्रित किए जाने पर बल देते हुए कहा कि देश में अस्पताल में भर्ती नहीं होने वाले मरीजों के लिए भी परेशानी मुक्त और कैशलेस सुविधा की दिशा में काम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय येाजना में शिक्षा व स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी।
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