जैसलमेर,राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अपने मिशन में असफल,न महिलाओ को न युवाओ को रोजगार उपलब्ध करा पाया*
*कागज़ों में स्वयं सहायता समूह रिवोल्विंग फंड के लिए चलते है*,इस साल फंड भी जारी नहीं
जैसलमेर दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना लचर नेतृत्व और लापरवाह भ्रष्ट कार्मिकों के कारण अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में विफल रही।।योजना का मूल उद्देश्य शहरी गरीबो को सशक्त आधारभूत स्तर की संस्थानों में संगठित करने,कौशल विकास के लिए अवसर सृजित करने ,युवाओ और महिलाओ को रोजगार परख प्रशिक्षण,स्वयं सहायता समूहों के गठन और उन समूहों के माध्यम से रोजगार ,शहरी बेघरों को चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य सेवाओ युक्त आश्रय मुहैया कराना,शहरी क्षेत्र में ठेलों पर बिक्री चलाने वालों की आजीविका में सुधार करना।उन्हें उचित स्थान उपलब्ध कराना।।ऐसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों को लेकर शुरू किया मिशन जैसलमेर में दम तोड़ चुका है।।कहने को योजना में शहरी क्षेत्र में करीब साठ से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया था।।इन समूहों में एक भी समूह सक्रिय नहीं है।इन समूहों का गठन भी दस हजार रुपये के रिवोल्विंग फंड के उद्देश्य से कराया गया।।मिशन के तहत किसी भी स्वयं सहायता समूह को रोजगार परख प्रशिक्षण आयोजित नहीं नए।नही कभी स्वयं सहायता समूहों की बैठकों का आयोजन किया गया।शहरी क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कोई कार्य असज तक नही किया गया।।जबकि प्रावधान के की समूहों को गृह लघु उद्योगों का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाए।।जेसलमेर में कितनी महिलाओ को रोजगार के लिए दो लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया गया,जिन महिलाओं को ऋण उपलब्ध कराया उनमें कितनी महिलाएं रोजगार के साधन नियमित चला रही है इसकी जानकारी योजना के स्थानीय जिम्मेदारों को भी नही।।योजना के उद्देश्यों पर महज कागज़ी खाना पूर्ति के अलावा योजना के प्रति जिम्मेदार गंभीर नहीं रहे।जिसके कारण इस योजना का उद्देश्य ही खत्म हो गया।।इस सम्बंध में जब प्रभारी ललित लोढा से दूरभाष पर बात करनी चाही तो उन्होंने दो टूक शब्दों में जवाब दिया कि आफिस की जानकारी है आफिस के हिसाब से देंगे।सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाओ।।बहरहाल इस योजना में कुल पांच प्रमुख लक्ष्यों की परत दर परत खुलासा करेंगे।।इस योजना में बनाये गए स्वयं सहायता समूहों का भौतिक सत्यापन के साथ साथ जारी की गई रिवोल्विंग फंड की राशि के उपयोग ,उनकी बैंक स्थति ,का भी भौतिक सत्यापन होना चाहिए।मजे की बात हे की वित्तीय वर्ष समाप्त होने को हे और समूहों को रिवोल्विंग फंड इस साल का जारी नहीं किया,।योजना गैर जिम्मेदार अद्धिकारियो के कारण अपने उद्देश्यों से भटक कर राह गई है।। पुनः दूरभाष पर राष्ट्रिय शहरी आजीविका मिशन जैसलमेर के प्रभारी अधिकारी ललित लोढ़ा ने बताया की जैसलमेर में स्वयं सहायता समूह कितने हे इसकी मुझे जानकारी नहीं हैं ,मंगलाराम हमारे कार्मिक हे उन्हें पता हैं ,इस साल स्वयं सहायता समूहों को रिवोल्विंग फंड अभी जारी नहीं किया , कार्यवाही चल रही हैं ,
*कागज़ों में स्वयं सहायता समूह रिवोल्विंग फंड के लिए चलते है*,इस साल फंड भी जारी नहीं
जैसलमेर दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना लचर नेतृत्व और लापरवाह भ्रष्ट कार्मिकों के कारण अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में विफल रही।।योजना का मूल उद्देश्य शहरी गरीबो को सशक्त आधारभूत स्तर की संस्थानों में संगठित करने,कौशल विकास के लिए अवसर सृजित करने ,युवाओ और महिलाओ को रोजगार परख प्रशिक्षण,स्वयं सहायता समूहों के गठन और उन समूहों के माध्यम से रोजगार ,शहरी बेघरों को चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य सेवाओ युक्त आश्रय मुहैया कराना,शहरी क्षेत्र में ठेलों पर बिक्री चलाने वालों की आजीविका में सुधार करना।उन्हें उचित स्थान उपलब्ध कराना।।ऐसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों को लेकर शुरू किया मिशन जैसलमेर में दम तोड़ चुका है।।कहने को योजना में शहरी क्षेत्र में करीब साठ से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया था।।इन समूहों में एक भी समूह सक्रिय नहीं है।इन समूहों का गठन भी दस हजार रुपये के रिवोल्विंग फंड के उद्देश्य से कराया गया।।मिशन के तहत किसी भी स्वयं सहायता समूह को रोजगार परख प्रशिक्षण आयोजित नहीं नए।नही कभी स्वयं सहायता समूहों की बैठकों का आयोजन किया गया।शहरी क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कोई कार्य असज तक नही किया गया।।जबकि प्रावधान के की समूहों को गृह लघु उद्योगों का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाए।।जेसलमेर में कितनी महिलाओ को रोजगार के लिए दो लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया गया,जिन महिलाओं को ऋण उपलब्ध कराया उनमें कितनी महिलाएं रोजगार के साधन नियमित चला रही है इसकी जानकारी योजना के स्थानीय जिम्मेदारों को भी नही।।योजना के उद्देश्यों पर महज कागज़ी खाना पूर्ति के अलावा योजना के प्रति जिम्मेदार गंभीर नहीं रहे।जिसके कारण इस योजना का उद्देश्य ही खत्म हो गया।।इस सम्बंध में जब प्रभारी ललित लोढा से दूरभाष पर बात करनी चाही तो उन्होंने दो टूक शब्दों में जवाब दिया कि आफिस की जानकारी है आफिस के हिसाब से देंगे।सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाओ।।बहरहाल इस योजना में कुल पांच प्रमुख लक्ष्यों की परत दर परत खुलासा करेंगे।।इस योजना में बनाये गए स्वयं सहायता समूहों का भौतिक सत्यापन के साथ साथ जारी की गई रिवोल्विंग फंड की राशि के उपयोग ,उनकी बैंक स्थति ,का भी भौतिक सत्यापन होना चाहिए।मजे की बात हे की वित्तीय वर्ष समाप्त होने को हे और समूहों को रिवोल्विंग फंड इस साल का जारी नहीं किया,।योजना गैर जिम्मेदार अद्धिकारियो के कारण अपने उद्देश्यों से भटक कर राह गई है।। पुनः दूरभाष पर राष्ट्रिय शहरी आजीविका मिशन जैसलमेर के प्रभारी अधिकारी ललित लोढ़ा ने बताया की जैसलमेर में स्वयं सहायता समूह कितने हे इसकी मुझे जानकारी नहीं हैं ,मंगलाराम हमारे कार्मिक हे उन्हें पता हैं ,इस साल स्वयं सहायता समूहों को रिवोल्विंग फंड अभी जारी नहीं किया , कार्यवाही चल रही हैं ,