सोमवार, 12 नवंबर 2018

कांग्रेस पहली लिस्ट सीईसी की बैठक खत्म...140 से ऊपर की हो सकती है पहली सूची,कल जारी होगी

कांग्रेस पहली लिस्ट सीईसी की बैठक खत्म...140 से ऊपर की हो सकती है पहली सूची,कल जारी होगी 
नई दिल्ली : राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नामों पर कांग्रेस आलाकमान अंतिम मुहर लग चुकी है. कई दिनों तक चली स्क्रीनिंग कमेटी की दनादन बैठकों के बाद सोमवार शाम दिल्ली में 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी के आवास पर केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश और केन्द्र के कई आला नेता पहुंच चुके हैं. स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरपर्सन कुमारी शैलजा, संगठन महासचिव अशोक गहलोत, रामेश्वर डूडी, पीसीसी चीफ सचिन पायलट, ललितेश त्रिपाठी और शाकिर सनादी समेत प्रमुख नेता 10 जनपथ में पहुंचे.करीब पौने तीन घंटे चली इस बैठक में सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई. सूत्रों की मानें तो बैठक में कई उम्मीदवारों को लेकर नेताओं की अलग-अलग राय दिखी और आपसी खींचतान देखने को मिली. भाजपा की सूची जारी होने के बाद कई सीटों पर दोबारा मंथन हुआ. हालांकि अभी तक लिस्ट जारी करने के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. बैठक में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली, मोहसिना किदवी और अंबिका सोनी जैसे बड़े नेता अभी बाहर आ चुके हैं. सूत्रों के अनुसार पहली सूची में कांग्रेस 140 से ज्यादा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकती है.शाम को होने वाली सीईसी की बैठक से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने पहुंचे हैं. दरअसल सीटों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की रविवार को हुई बैठक में कुछ सीटों को लेकर आपसी खींचतान नजर आई थी. इसी के चलते गहलोत ने राहुल से मिलकर इस पर मंत्रणा की.




सूत्रों की मानें तो कांग्रेस में राजस्थान की 200 में से 160 सीटों पर सहमति बना ली गई है. जबकि 40 सीटों अभी भी रस्साकशी जारी है. बताया जा रहा है कि खासकर 10 सीटों पर युवाओं को टिकट देने को लेकर पेंच अटका हुआ है. टिकटों को लेकर कुमारी शैलजा, सचिन पायलट के सामने अशोक गहलोत और रामेश्वर डूडी अड़े हुए हैं.

वसुंधरा के खास कैबिनेट मंत्री ने पद से दिया इस्तीफा....भाजपा भी छोड़ी

वसुंधरा के खास कैबिनेट मंत्री ने पद से दिया इस्तीफा....भाजपा भी छोड़ी

पाली: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. हाल ही में जारी हुई भाजपा की पहली लिस्ट में अपना टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र गोयल ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा से भी अपना नाता तोड़ दिया है. अब वे आगामी चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों के अनुसार गोयल 17 नवंबर को अपना नामांकन भरेंगे.




सुरेन्द्र गोयल ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा मांगा है. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का त्याग पत्र भेजा है.इससे पहले सुरेन्द्र गोयल जैतारण के भाकरवास गांव में हजारों की संख्या में अपने समर्थकों के साथ इकट्ठा हुए थे. उस दौरान कार्यक्रम में गोयल के समर्थकों ने जमकर भाजपा का विरोध जताया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने गोयल के समर्थन में तथा भाजपा और ओम माथुर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


सूत्रों के अनुसार एक साथ काफी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारियों द्वारा भाजपा छोड़ने का भी फैसला ले लिया. इसके साथ ही गोयल ने 17 नवंबर को निर्दलीय के रूप में नामांकन भरने का भी ऐलान किया है.
गोयल बोले जो फूल मैने जैतारण में खिलाया आज उसे काट दिया


कार्यक्रम में मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने अपने उद्बोधन में बताया कि उन्होंने अपना पूरा जीवन भाजपा को दिया. लेकिन उनका टिकट काटने से पहले उनसे एक बार भी नहीं पूछा. अब उन्होंने जैतारण से उस फूल को काट दिया है, जिसे कभी उन्होंने मेहनत से खिलाया था.

बाड़मेर 850 ग्राम अफीम व 06 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद करने में सफलता, एक आरोपी गिरफतार

बाड़मेर 850 ग्राम अफीम व 06 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद करने में सफलता, 
एक आरोपी गिरफतार                           
           
   
             मनीष अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक द्वारा विधानसभा चुनाव के मध्यनजर अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत दिनांक 11.11.2018 को मुखबीर की ईत्तला पर श्री मानाराम गर्ग उप अधीक्षक पुलिस थानाधिकारी षिव मय हैड कानि. कमलसिंह 721, रामचन्द्र कानि.639, मोहनलाल कानि.319, तुलसाराम कानि.630, मुकनचन्द कानि.1131, सोनाराम कानि.1372 व गुणेशदान कानि. चालक 997 की टीम द्वारा सरहद राजबेरा में अभियुक्त लाखाराम पुत्र श्री खंगाराराम जाति जाट निवासी राजबेरा पुलिस थाना शिव को दस्तयाब कर उसके कब्जे से 850 ग्राम अवैध विनिर्मित अफीम व 06 किलोग्राम अवैध डोडा पोस्त बरामद कर अभियुक्त लाखाराम को गिरफतार किया जाकर पुलिस थाना षिव पर एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर अग्रीम अनुंसधान किया जा रहा है।

*आदूराम मेघवाल का टिकट क्यों रोका वसुंधरा राजे ने*


*आदूराम मेघवाल का टिकट क्यों रोका वसुंधरा राजे ने*





*बाड़मेर सरहदी क्षेत्र चोहटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रबल दावेदार आदूराम मेघवाल की स्थानीय स्तर ,संघ,सांसद सहित कई स्तर पर पैरवी के बावजूद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने टिकट रोक दिया। अंदर खाने के सूत्रों के अनुसार मेडम को गुजरात से किसी बड़े नेता का फोन आने के बाद आदूराम मेघवाल के नाम को इस सूची में आने से रोक दिया।।आदूराम मेघवाल एक मात्र दावेदार थे जिनकी पैरवी ओमप्रकाश माथुर ने व्यक्तिगत रुचि लेकर की थी।।चोहटन में आदूराम के नाम पर पुनः चर्चा होगी या वर्तमान विधायक तरुण कागा और पुराराम मेघवाल के भाग्य खुलेंगे यह देखना हैं।।

*स्वामी प्रतापपुरी नेचुनाव लड़ने से किया मना,कर्नल शिव से चाहते है प्रतापपुरी को*


*स्वामी प्रतापपुरी नेचुनाव लड़ने से किया मना,कर्नल शिव से चाहते है प्रतापपुरी को*


*जैसलमेर बाडमेर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा द्वारा हिन्दू मुस्लिम सांप्रदायिकता को आधार बना चुनाव लड़ने की मंशा पर स्वामी प्रतापपुरी ने फिलहाल पानी फेर दिया। स्वामी ने राजनीति में आने से इनकार कर दिया। भाजपा उन्हें मनाने में लगी है।

पोकरण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के संभावित उम्मीदवार के रूप में स्वामी प्रताप पूरी का नाम चर्चा में आया।।अंदर खाने के सूत्रों के अनुसार स्वामी प्रतापपुरी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। स्वामी प्रतापपुरी ने वसुंधरा राजे को संदेश भेज कहा कि वो चुनाव लड़ना नही चाहते।इधर सूत्रों ने बताया कि कर्नल सोनाराम चौधरी स्वामी प्रतापपुरी को शिव विधानसभा से लड़ाने के लिए वसुंधरा राजे को सलाह दी है।।वसुंधरा राजे बात आगे बढाने में लगी है।स्वामी को राजी करने का प्रयास किया जा रहा है कि वो पोकरण या शिव में से कही से अपनी सहमति दे।।कर्नल बाड़मेर में अपनी स्थति मजबूत करने की गरज से शिव में स्वामी प्रतापपुरी की उम्मीदवारी मांग रहे है।।कर्नल ने वसुंधरा राजे को बोल दिया कि स्वामी को शिव में जाटों और दलितों के वोट दिला देंगे।।प्रतापपुरी को राजपूत रावणा राजपूत भी वोट देंगे जीत निश्चित है।वसुंधरा राजे प्रतापपुरी को मनाने में लगी है।।

बाड़मेर जैसलमेर प्रवासी राजपुत समाज का स्नेह मिलन समारोह आयोजित

बाड़मेर जैसलमेर प्रवासी राजपुत समाज का स्नेह मिलन समारोह आयोजित


बाड़मेर 11 नवम्बर।
आज राणी रूपादे संस्थान मे बाड़मेर जैसलमेर प्रवासी राजपुत समाज द्वारा स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया  गया। समारोह के सत्कारपूर्ती ख्याला मठ के मठाद्यीष संन्त श्री गोरखनाथजी महाराज ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रवासी समाज को थार केी गोरव परम्परा केा निभाते हुए बहार भी थार की सस्ंकृती का उजाला बहार बिखेरना चाहिए। समारोह अध्यक्ष रावत त्रिभूवनसिह जी बाड़मेर ने कहा कि जो युवा बेरोजगार घुम रहे है उनको प्रवासीयों से प्रेरणा लेकर खुद का व्यापार शुरू करना चाहिए। समारोह के मुख्य अतिथि युवराज चैतन्यराजसिह जैसलमेर ने कहा कि प्रवासी समाज द्वारा बालिका षिक्षा के बारे में अलख जगाई है। इस मुहिम केा स्थानीय लोगो सर्मथन देकर सफल बनाना चाहिए समारोह कि विषिष्ठ अतिथि पृथ्वीसिह रामदेरिया समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के लिए बालिका षिक्षा जरूरी है। इस उद्देष्य को लेकर प्रवासीयो के प्रयास सराहनीय है समारोह के प्रेरणास्त्रोत षिक्षाविद कमलसिह जी ने कहा कि युवा अपने लक्ष्य से दिगभ्रमीत नही होना चाहिए हर युवा को अपने लक्ष्य के प्रति सजग होके उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कडी मेहनत करनी चाहिए। प्रवासी सगठन के सरक्षक नारायणसिह कपुरडी ने कहा कि श्री राणी रूपादे महिला षिक्षण संस्था बनाई जा चुकी है।प्रवासी समाज के आर्थिक सहयोग सें महिला छात्रावास निर्माण शुरू करेगें। अगले कुछ वर्षो मे महिला षिक्षण कार्य शुुरू हो जायेगा इस समारोह को हरिसिह रणधा, विक्रमादित्यसिह चाडी, स्वरूप सिह खारा ने सम्बोधित किया। प्रवासी राजपुत सगठन द्वारा कमलसिह चुली को षिक्षा क्षेत्र में अतुल्यनीय योगदान के लिए समानित किया गया।  बाड़मेर जैसलमेर राजपुत प्रवासी सगठन के प्रवक्ता स्वरूपसिह पायला ने बताया कि प्रवासी सगठन कि सर्व सम्मती से कार्यकारणी गठित की गई है। सगठन के सरक्षक नारायणसिह कपुरडी को बनाया गया है। सगठन के अध्यक्ष समुन्द्रसिह नोसर बनाया गया है, उपाध्यक्ष पर भगवानसिह जसाई, जीतुसिह सालारिया, उम्मेदसिह जानसिह की बेेरी, भैरसिह मुगेंरिया, कमलसिह भाडली नियुक्त किया गया है सचिव पद पर जेतमालसिह हरसाणी नियुक्त किया गया है। मंत्री पद पर नेपालसिह भुरटिया और सगंठन मंत्री पर तनसिह चाडी को बनाया गया, कोषाध्यक्ष पर प्रेमसिह रेवाड़ा को नियुक्त किया गया, प्रचार मंत्री पर लुणसिह भाडली, व सावलसिह निम्बला को नियुक्त किया गया है। सगठन प्रवक्ता पर स्वरूपसिह पायला को नियुक्त किया गया मंच सचालन मांगुसिह बिषाला, दीपसिह रणधा ने की ओर समारोह कि व्यवस्था का जिम्मा प्रवीणसिह आगोर ओर नाथ सम्प्रदाय ने सम्भाला। हरिसिह पुर्व विधायक पहाडसिह महाबार, हेमसिह लुणू, रूपसिह चौहटन, प्रताबसिह महाबार, चैनसिह हरसाणी, भीखसिह गोरडिया, भगवानसिह कवास, रामसिह सोमेसरा, मूलसिह जसाई, जबरसिह कोलू, गजेन्द्रसिह डाबड़, भूपेन्द्रसिह नागडदा, खुमाणसिह थूम्बली, श्यामसिह जसाई, व अन्य सौकण्डो ने सम्मेलन मे हिस्सा लिया।

रविवार, 11 नवंबर 2018

देखे सूची।।भाजपा ने 131 उम्मीदवारों की सूची जारी की,कर्नल बाड़मेर, हमीर सिंह सिवाना, बायतु कैलाश,लादूराम गुड़ा, अमराराम पचपदरा

 भाजपा ने 131 उम्मीदवारों की सूची जारी की,कर्नल बाड़मेर, हमीर सिंह सिवाना, बायतु कैलाश,लादूराम गुड़ा, अमराराम पचपदरा







जैसलमेर, शिव,पोकरण,चोहटन,अगली सूची तक इंतजार



*भाजपा की यह सूची वसुंधरा राजे के रंग में रंगी है।।न अमित शाह ,न नरेंद्र मोदी की चली। प्रभारी,संगठन मंत्री,संयोजक सब बेचारे।।कोई नया प्रयोग नही।।।वसुंधरा राजे ने अपने चहेतों और वफादारों को टिकट दिलवा दिए।*

बाड़मेर । अच्छी यादों से ही होता है अच्छे जीवन का निर्माण :- बोहरा

बाड़मेर। अच्छी आदतों से ही होता है अच्छे जीवन का निर्माण:- बोहरा

 रिपोर्ट:-  कवि मुकेश अमन/ बाड़मेर

बाड़मेर । जिला मुख्यालय से महज् 6 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 68 अहमदाबाद रोड़ कुशल वाटिका के पास स्थित सांसियों का तला में अभियान ग्रामोदय एवं होप फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को एक दिवसीय संस्कार शिविर का आयोजन हुआ ।

सांसियों के तला में चल रहे अभियान ग्रामोदय, 2018 के तहत् रविवार को स्थानीय बच्चों में नैतिक गुणों एवं संस्कारों के नवनिर्माण तथा स्वच्छता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने को लेकर एक दिवसीय संस्कार शिविर का आयोजन हुआ ।


संस्कार शिविर में बच्चों को जीवन में अच्छी आदतों व व्यवहारों की जानकारी देते हुए अभियान प्रेरक मुकेश बोहरा अमन ने कहा कि अच्छी आदतों से ही अच्छे जीवन का निर्माण होता है जिससे हमारा जीवन उन्नत, सरल एवं समृद्ध बनता है । उन्होंनें कहा कि प्रातः भोर जागरण, नित्य स्नान के साथ-साथ शारीरिक स्वच्छता एवं परिवेश स्वच्छता के प्रति सजगता से ही जीवन आनंदित होता है ।


संस्कार शिविर में होप फाउण्डेशन, बाड़मेर की टीम की ओर से भरत संखलेचा, विपुल बोथरा, पायल जैन आदि ने बच्चों से संवाद करते हुए अच्छा बनने एवं स्वयं के स्वास्थ्य व जीवन के प्रति सजग होने की प्ररेणा दी । संस्कार शिविर में बच्चों के साथ-साथ उनकी माताएं भी उपस्थिति रही और महिलाओं ने संस्कार शिविर की सहराना की । संस्कार शिविर में होप फाउण्डेशन, बाड़मेर के विपुल बोथरा, भरत संखलेचा, शुभम कोटड़िया, धीरज तातेड़, ऋतिक सिंघवीं, ऋतिक छाजेड़, वर्षित माहेश्वरी, पायल जैन, मुस्कान वड़ेरा, हिमानी भंसाली, भाविका सिंघवीं, निराली छाजेड़, हेतल माहेश्वरी, भारती माहेश्वरी आदि कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवाएं दी । वहीं संस्कार शिविर के समापन पर शिविर के बच्चों एवं उपस्थित महिलाओं को मिठान्नादि का अल्पाहार करवाया गया ।
शिविर के दौरान कालाराम, सुनिल सिसोदिया, लालसिंह, चंदा सिसोदिया, नंदा सिसोदिया, मदन, अनिल सिसोदिया, सहित बड़ी संख्या में बच्चें, युवा व महिलाएं उपस्थित रही । 

बाड़मेर। भयंकरों दुःखों से परिपूर्ण होगा छठा आरा : साध्वी सुरंजनाश्री

बाड़मेर। भयंकरों दुःखों से परिपूर्ण होगा छठा आरा : साध्वी सुरंजनाश्री

रिपोर्ट :- चन्द्रप्रकाश छाजेड़ बी. / बाड़मेर

बाड़मेर। ६ वर्ष की बालिका गर्भ धारण कर बालको को जन्म देगी वो भी 1 या 2 नहीं सूअर के समान सद्रश अधिकाधिक बच्चे पैदा कर महा क्लेश का अनुभव करेगी, अतिशय दुःख के कारण अशुभ कर्म उपार्जन कर नरक- त्रियंच गति प्राप्त करेंगे, यह छठा आरा भयंकरों दुःखों से परिपूर्ण होगा। यह उद्बोधन साध्वी सुरंजनाश्री महाराज ने चातुर्मासिक प्रवचनमाला के दौरान रविवार को स्थानीय जैन न्याति नोहरा में उपस्थित जनसमुदाय को दिया।


साध्वी श्री ने छठे आरें की भयंकरता का वर्णन करते हुए कहा कि अभी पांचवा आरा चल रहा हे, और पांचवे आरे के अंत में और छठे आरे में इंसान का क्या हाल होगा शायद ही कुछ लोगो को मालूम होगा। उन्होंने कहा कि हम लोग अभी 5वें आरे के अंदर जी रहे हैं। यहां एक उत्तरता काल है और यह साढ़े 18 हजार साल चलने वाला है। बाद में छठा आरा शुरू होगा और यह भी 21 हजार साल का रहेगा। यह दुखों से भरा रहेगा, इस काल के अंदर रोटी, कपड़ा, मकान, झाड़, पान, पत्ते, धातु वगैरह कुछ भी नहीं रहेगा। इसके बाद का 21 हजार साल का पहला आरा चलेगा जो आगे का छठे और जैसा होगा। इन 42 हजार साल के अंदर बिल्कुल बारिश भी नहीं होगी और इस समय के लोग झील यानी कि गुफा में रहेंगे और गंगा नदी में से पानी पिएंगे और इस नदी में से मिली मछली, कच्छ, वगैरह जलचर आदि का प्राणी आहार करेगा। दूसरा आरा बैठेगा तभी आषाढ़ सुदी एकम से लेकर भद्रावती चौथ तक कुल 49 दिन का ऐसा 7 हफ्ते में से 5 हफ्ते सतत बारिश होगी और 2 हफ्ते सूखा जाएगा और इसके कारण 68 प्रकार के धन-धान्य पैदा होंगे। फिर शाकाहारी बन जाएंगे और बाकी के मांसाहारी रहेंगे और ऐसा करके शाकाहारी लोग संवत्सर यानी कि नई जिंदगी जीना चालू करेंगे।

इसी काल चक्र के पांचवे आरे के अंत में अग्नि की बारिश होगी, और उसमे भरत क्षेत्र के बहुत से लोग जल जायेंगे, कुछ लोग वैताढय पर्वत के बिल में रहेंगे। वहां पर मनुष्य का शरीर एक हाथ जितना होगा और आयुष्य 20 वर्ष का ही होगा, दिन में सक्त ताप, और रात में भयंकर ठण्ड रहेगी। बिलवासी मानव सूर्योदय के समय मछलिया और जलचरो को पकड़ कर रेती में दबा कर रखेंगे दिन में इतनी प्रचंड गर्मी पड़ेगी की वो रेती में दबाया हुवा मछली आदि अपने आप भुन जायेगा, और फिर रात में उसका भक्षण करेंगे परस्पर कलेश वाले, दीन-हीन, दुर्बल, रोगीष्ठ, अपवित्र, नग्न, आचारहीन और माता-बहन-पत्नी के प्रति विवेकहीन होंगे, और ६ वर्ष की बालिका गर्भ धारण कर बालको को जन्म देगी वो भी 1 या 2 नहीं सूअर के समान सद्रश अधिकाधिक बच्चे पैदा कर महा क्लेश का अनुभव करेगी, अतिशय दुःख के कारण अशुभ कर्म उपार्जन कर नरक- त्रियंच गति प्राप्त करेंगे, इस आरे में दुःख ही दुःख हे। अब आप सोच रहे होंगे की इतना दुःख हे वहा तो सुख कहा और कैसे प्राप्त करना, क्यों की ये तो हमने भूमिका मात्र बताई हे वहा दुःख की पूरी जानकारी अभी आपको बताएँगे तो आपके रौंगटे खड़े हो जाये, अभी अगर आपको छ्टे आरे में जन्म ना लेना हो और सुखी जीवन जीकर अपना जीवन सफल बनाना हो तो उसके लिए वीर प्रभु फरमाते हे उसे जीवन भर रात्रि भोजन का त्याग करना चाहिए, नहीं तो रात्रि भोजन और कन्दमूल आदि के कुसंस्कार वाले छ्टे आरे में जन्म धारण करने के फल स्वरूप अनेकविध कष्ठ, दुःख और यातनाओ के भागी बनेंगे, इस प्रकार कषाय की परंपरा से दुखों की परंपरा का सर्जन होता हे।

ज्ञान पंचमी की आराधना सोमवार को- खरतरगच्छ चातुर्मास समिति के सहसंयोजक मनसुखदास पारख व शिवाजी गु्रप अध्यक्ष कैलाश मेहता ने बताया कि सोमवार को गुरूमैया की निश्रा में स्थानीय जैन न्याति नोहरा में ज्ञान पंचमी की आराधना करवाई जायेगी तथा विभिन्न मंडलों के सहयोग से ज्ञान के उपकरणों की सजवाट की जायेगी व ज्ञान की पूजा की जायेगी। ज्ञान की वृद्धि के लिए पुस्तक, कलम आदि ज्ञान के उपकरण चढ़ाये जायेगें।


सामुहिक 1008 आयंबिल का आयोजन 25 को-  खरतरगच्छ चातुर्मास समिति के मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड़ व खरतरगच्छ जैन युवक परिषद के वीरचंद भंसाली ने बताया कि कलिकाल कल्पतरू जैन जगत के तृतीय दादा गुरूदेव जिनकुशलसूरिजी की 739वीं जन्म जयंती के उपलक्ष में दिनांक 25 नवम्बर रविवार को गुरूमैंया श्री सुरंजनाश्रीजी म.सा. की पावन प्रेरणा व निश्रा में सामुहिक 1008 आयंबिल का आयोजन खरतरगच्छ संघ द्वारा किया गया है। सम्पूर्ण आयंबिल करवाने का लाभ नेमीचंद बोहरीदास पारख परिवार हरसाणीवालों द्वारा लिया गया है। आयंबिल की व्यवस्था वसी कोटड़ा चौबीस गांव भवन में की गई है।

बाड़मेर। संतों की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करता है पत्रकारिता जगत - साध्वी सुरंजनाश्री


बाड़मेर। संतों की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करता  है पत्रकारिता जगत - साध्वी सुरंजनाश्री 

बाड़मेर। साध्वी सुरंजनाश्री महाराज ने चातुर्मासिक के दौरान सराहनीय सेवा के लिए रविवार को स्थानीय जैन न्याति नोहरा बाड़मेर में चातुर्मास समिति द्वारा बहुमान कार्यक्रम आयोजित किया गया । 



इस दौरान साध्वी श्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकार बंधु जो सेवाएं दे रहे है वो महापुरूषों की सेवा है। जो चाहे महावीर है, राम या कृष्ण है वो इस दुनिया में व्यक्ति के रूप में विद्यमान नही है लेकिन उनकी अमृतमयी वाणी है, उनकी हितकार जीवन के लिए वाणी, व्यक्ति को जीवन जीने की कला की वाणी साधु-संतो के माध्यम से निकलती है उन्हें एक मोती की तरह चुन-चुन कर अखबार के अंदर आप प्रकाशित करते है। कहीं ऐसे प्राणी है जो आलस में भी धर्म-ध्यान नहीं करते है केवल अपने परिवार के लिए खाना, कमाना, जीना एस-आराम में रह जाते है उन्हें पता नही कि सुख कहां से आता है और दुःख कहां से आता है, व्यक्ति निरोग कैसे बनता है, व्यक्ति स्वस्थ कैसे बनता है, व्यक्ति सम्पन्न कैसे होता है, व्यक्ति निर्धन कैसे होता है और ये सब करने के लिए कोई मार्केटिंग नही है ?, इसके लिए कोई डॉक्टर नही है जो व्यक्ति को सुखी करने का ईलाज कर सके। यह सब करने के लिए जगत में सारे ही धर्म के स्थान है चाहे मंदिर है, मठ, है, चर्च है, गुरूद्वारा है चाहे मस्जिद है उन्हीं के माध्यम से व्यक्ति धर्म की राह जानते है और राह जानने के बाद उस पथ पर वो चलते है फिर व्यक्ति धीरे-धीरे धर्म की बातों से अपने जीवन के अवगुण शराब पीना, गंदी चीजे खाना, रात्रि भोजन करना को छोड़ देता है। 

साध्वी श्री ने कहा कि महापुरूषों के मार्ग को जगत के सभी संत हमें बताते है। और संतों की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य पत्रकारिता जगत के लोग करते है। जो हर व्यक्ति के घर तक धर्म की वाणी को पहुंचाने का कार्य करते है। गुरूवर्या श्री ने पत्रकार बंधुओं को संस्कारित व व्यसन रहित जीवन जीने का बोध दिया। जो धर्म की बातें अखबार में छपती है वो हमारे दैनिक जीवन में उतारे।

*मानवेन्द्र सिंह भँवर जितेंद्र सिंह की राजनीतिक मन्त्रणा,टिकटों को लेकर

*मानवेन्द्र सिंह भँवर जितेंद्र सिंह की राजनीतिक मन्त्रणा,टिकटों को लेकर*

*दिल्ली स्थित मानवेन्द्र सिंह के आवास पर आक कांग्रेस के दिग्गज भँवर जितेंद्र सिंह पहुंचे।।मानवेन्द्र सिंह के साथ लम्बी राजनीति मन्त्रणा हुई जिसमें पश्चिमी राजस्थान को टिकटो पर भी व्यापक चर्चा हुई।।किसान नेता  केसर सिंह राठौड़,हुकम अजित सिंह, भी मौजूद थे।।इस मन्त्रणा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।।भँवर जितेंद्र सिंह राहुल गांधी के सबसे विश्वसनीय है।।*

बाड़मेर जेसलमेर बगावत से सहमे दोनो दलों में कई नामो पर पेचीदगियां,अंतिम समय मे करेंगे घोषित*




*बाड़मेर जेसलमेर बगावत से  सहमे दोनो दलों में कई नामो पर पेचीदगियां,अंतिम समय मे करेंगे घोषित*

*भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनो दल बगावत की आशंका से सहमे हुए है।इसी डर से बाड़मेर जेसलमेर की सीट पर प्रत्यासियो को लेकर अंतिम निर्णय नही हो रहा।।बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा क्षेत्र में अमीन खान और शम्मा खान में दावेदारी को लेकर कांटे की टक्कर है।।इनमें से किसी एक को मिलनी है टिकट।।दूसरे दावेदार से कांग्रेस को बगावत का खतरा।।शिव में हनुमान बेनिवल की पार्टी से उदाराम मेघवाल मैदान में है जो कांग्रेस के परंपरागत जाट दलित वोट का ध्रुवीकरण करेंगे।।बाड़मेर विधानसभा में कहने को वर्तमान विधायक मेवाराम जैन को टिकट के संकेत मिल गए।।इस बार यहां युथ आइकॉन आज़ाद सिंह राठौड़ प्रबल दावेदार है उनकी दावेदारी की जबरदस्त चर्चा दिल्ली मीटिंग में हुई।।कांग्रेस को नया चेहरा उतारना चाहिए।।मेवाराम जैन दो बार भाजपा की मेहरबानी से जीते।।इस बार भाजपा के वोटों पर सख्ती होगी।।भाजपा के लिए डॉ प्रियंका चौधरी और कर्नल सोनाराम के बीच टिकट युद्ध है।कर्नल सोनाराम ने इतना दबाव बना लिया कि पार्टी को टिकट देनी पड़ेगी।ऐसे में प्रियंका चौधरी कितना सहयोग करेगी देखने की बात होगी।।पचपदरा गुड़ामालानी में भाजपा अगर मंत्री पुत्र को उतरती है तो मुकाबले से पहले  हथियार डालने वाली बात होगी।।शिव में भाजपा के पास उम्मीदवारों की लंबी सूची है।।धन सिंह मौसेरी,खुमान सिंह,स्वरूप सिंह लाइन में है।।जजेसलमेर में सबसे बुरी फंसी है कांग्रेस ।।गत चुनाव में सामान्य सीट पर रूपाराम धनदे को टिकट देकर भँवर जाल में फंस गई।।इस सीट पर पांच राजपूत  विधायक कांग्रेस से जीत कर गए है राजपूत अपनी सीट पुरजोर तरीके से मांग रहे।।सुनीता भाटी पूरा जोर लगा रही है।तो रूपाराम धनदे आश्वसत नजर आ रहे ।।दोनो के बीच राजपरिवार की महारानी राशेश्वरी राज्य लक्ष्मी खामोशी से अपने काम मे जुटी है।।यहां रूपाराम धनदे और सुनीता भाटी दोनो फ़क़ीर परिवार की पसन्द नही है।।जो भी टिकट लाएगा उसको बगावत का खतरा होगा।।सिवाणा में कांग्रेस कलबी या राजपुरोहित को टिकट देगी तो भाजपा भी राजपुरोहित मैदान में ला सकती है ऐसे में राजपूत निर्दलीय ताल ठोक सकते है। दोनो दलों में एक एक टिकट सही वितरण नही की तो उसका प्रभाव साथ वाली सीटों पर होगा।।इसी से  सहमे दोनो दल बार बार उम्मीदवारों पर चर्चा कर रहे है।।अंतिम दौर में प्रत्यासी कुछ सीटों पर घोषिक्त होंगे जिसमे पचपदरा,शिव,सिवाणा, जेसलमेर सीट है।।पोकरण में स्वामी प्रतापपुरी और गजेंद्र सिंह शेखावत में से कोई एक उम्मीदवार होगा तो कांग्रेस के ओएस दूसरा विकल्प नही होने से फ़क़ीर परिवार के खाते में सीट जानी तय है।पोकरण में चुनाव साम्प्रदायिक रंग में रंगे होने की आशंका से इनकार नही किया जा सकता।।बहरहाल 48 घण्टे का इंतज़ार और करना होगा।।

पोकरण स्वामी प्रतापपुरी की संभावित उम्मीदवारी का भाजपा का विरोध शुरू,बाहरी प्रत्यासी मंजूर नही

पोकरण स्वामी प्रतापपुरी की संभावित उम्मीदवारी का 

भाजपा का विरोध शुरू,बाहरी प्रत्यासी मंजूर नही

*पोकरण समाचार डेस्क*
सोशल मीडिया के जरिये चर्चा में आये पोकरण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के संभावित उम्मीदवार  प्रताप पूरी जी महाराज का भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
--- क्या भाजपा को पोकरण विधानसभा क्षेत्र से निष्ठावान कार्यकर्ता नजर नही आया जो बाहरी को उतारने को मजबूर है
---संत को संत ही रहना ठीक रहता है यही उनकी मर्यादा है
---भाजपा युवा शक्ति खुलकर करेगी बाहरी प्रत्याशी का विरोध

अभी अभी बाड़मेर कुड़ी पटाऊ में प्रेमी युगल ने फंदा लगाया ,पुलिस मौके पे

अभी अभी बाड़मेर कुड़ी पटाऊ  में प्रेमी युगल ने फंदा लगाया ,पुलिस मौके पे 


बाड़मेर जिले के बालोतरा उपखण्ड के जोधपुर हाई वे स्थित कुड़ी पतौ गांव में एक प्रेमी युगल के आत्महत्या की खबर आ रही हैं,

सूत्रानुसार पतौ गांव के हाई वे रोड पर एक पेड़ पर प्रेमी प्रेमिका  पेड़ पर लटके दिखने से हड़कंप मच गया ,ग्रामीणों ने पचपदरा पुलिस को सुचना दी गयी,मृतकों की शिनाख्त नहीं हुई अभी ,

भारतीय इतिहास के सबसे 'मूर्ख' राजा को, जिसके नाम पर बना चर्चित मुहावरा

भारतीय इतिहास के सबसे 'मूर्ख' राजा को, जिसके नाम पर बना चर्चित मुहावरा

साभार [नलिन चौहान]। 
जानें- भारतीय इतिहास के सबसे 'मूर्ख' राजा को, जिसके नाम पर बना चर्चित मुहावरा
मध्यकालीन बादशाह मोहम्मद बिन तुगलक (1324-51) अपने अनेक प्रयोगधर्मी निर्णयों के कारण चर्चित रहा। उसके व्यक्तित्व की जल्दबाजी और बेसब्री की प्रवृत्ति के कारण उसे ‘बुद्धिमान मूर्ख राजा’ कहा जाता था। अंग्रेज इतिहासकार एम एम्फिस्टन के अनुसार तुगलक में पागलपन का कुछ अंश था, जबकि आशीर्वाद लाल श्रीवास्तव के अनुसार उसमें ‘विरोधी तत्वों का मिश्रण’ था।
...तो अकाल में मनुष्यों ने एक-दूसरे को खाया


उल्लेखनीय है कि तुगलक के समय दिल्ली में (सन् 1344) भयंकर अकाल पड़ा था। 1912 के ‘दिल्ली डिस्ट्रिक्ट गजेटियर’ के अनुसार, दिल्ली में अकाल का इतिहास मोहम्मद तुगलक के समय तक पहुंचता है। जिसकी फिजूलखर्ची के कारण 1344 ईस्वी का अकाल पड़ा। कहा जाता है कि मनुष्यों ने एक-दूसरे को खाया।

...इसलिए बिकने लगा छह दीनार में बिकने लगा था एक मन गेहूं
इब्नबतूता की भारत यात्रा या चौहदवीं शताब्दी का भारत पुस्तक के अनुसार, भारत वर्ष और सिंधु प्रांत में दुर्भिश पड़ने के कारण जब एक मन गेहूं छह दीनार में बिकने लगे। फरिश्ता तथा बदाऊंनी के अनुसार हिजरी सन् 742 में सैयद अहमदशाह गवर्नर (माअवर-कनार्टक) का विद्रोह शांत करने के लिए, बादशाह के दक्षिण ओर कुछ एक पड़ाव पर पहुंचते ही यह दुर्भिश प्रारंभ हो गया था।

तुगलक के दरबार में रहा था इब्नबतूता
बादशाह के दक्षिण से लौटते समय तक जनता इस कराल-अकाल के चंगुल में जकड़ी हुई थी। उल्लेखनीय है कि उत्तरी अफ्रीका का निवासी इब्नबतूता चौहदवीं सदी में भारत आया और आठ वर्षों तक मोहम्मद तुगलक के दरबार में रहा। तुगलक ने उसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया और अपना दूत बनाकर चीन भेजा।





खुशफहमी में उपहार देने की आदत

दुर्भाग्य से इन्हीं दिनों अकाल पड़ा और चारों ओर विद्रोह की अग्नि भड़क उठी। शाही सेनाओं ने विद्रोहियों को कठोर दंड दिए। इस पर लोग खेती छोड़कर जंगलों में भाग गए। खेत वीरान हो गए और गांवों में सन्नाटा छा गया। शाही सेना ने लोगों को जंगलों से पकड़कर उन्हें कठोर यातनाएं दीं। इन यातनाओं से बहुत से लोग मर गए। यह मोहम्मद की अंतिम असफल योजना थी। तुगलक के बारे में इब्नबतूता ने लिखा कि उसके दो प्रिय शौक थे, खुशफहमी में उपहार देना और क्रोध में खून बहाना।



जॉन डाउसन की पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ इंडिया बॉएं इट्स ओन हिस्टोरियंस’ के अनुसार, माना जाता है कि कम या अधिक समूचा हिंदुस्तान (1344-45 का भारत) अकाल की चपेट में था, खासकर दक्कन में उसकी मार ज्यादा तकलीफदेह थी।

‘मध्यकालीन भारत’ पुस्तक के लेखक व इतिहासकार सतीशचन्द्र के अनुसार, एक भयानक अकाल ने, जिसने इस क्षेत्र को छह वर्षों तक तबाह रखा, स्थिति को और बिगाड़ा। दिल्ली में इतने लोग मरे कि हवा भी महामारक हो उठी। यहां तक कि सुल्तान दिल्ली छोड़कर करीब 1337-40 तक स्वर्गद्वारी नामक शिविर में रहा जो दिल्ली से 100 मील दूर कन्नौज के पास गंगा के किनारे स्थित था।



प्रजा रही कष्ट में
तुगलक के शासनकाल के आरंभ में ही गंगा के दोआब में एक गंभीर किसान विद्रोह हो चुका था। किसान गांवों से भाग खड़े हुए थे तथा तुगलक ने उनको पकड़कर सजा देने के लिए कठोर कदम उठाए थे। गौरतलब है कि दिल्ली के तख्त पर बैठने के कुछ दिन बाद तुगलक ने दोआब क्षेत्र में भू राजस्व कर में वृद्धि की। इतिहासकार बरनी के अनुसार बढ़ा हुआ कर, प्रचलित करों का दस तथा बीस गुना था। किसानों की भूमि कर के अतिरिक्त घरी, अर्थात गृहकर तथा चरही अर्थात चरागाह कर भी लगाया गया। प्रजा को इन करों से बड़ा कष्ट हुआ।

यह भी जानें

सत्ता पर काबिज होते ही ‘मुहम्मद बिन तुगलक’ ने अपने साम्राज्य को अपने हिसाब से बदलना शुरु कर दिया. इसके लिए उसने कई परिवर्तन किए। उसने 1329 में दिल्ली की जगह देवगिरी को अपनी राजधानी बना दिया, जिसे दौलताबाद के नाम से जाना गया। दिलचस्प बात तो यह थी कि इस फैसले के तहत सिर्फ राजधानी को नहीं बदला गया था, बल्कि दिल्ली की आबादी को भी दौलताबाद में स्थानांतरित होने का आदेश दिया था।

तुगलक अपने एक दूसरे सख्त फैसले के लिए वह जाना जाता है। इसके तहत उसने रातों-रात चांदी के सिक्कों की जगह तांबे के सिक्कों को चलन में लाने का आदेश दे दिया था, जबकि उसने तांबे के जो सिक्के जारी किए थे, वे अच्छे नहीं थे। आसानी से उनकी नकल की जा सकती थी।



हुआ भी यही लोगों ने नकली सिक्के अपने घर में ही बनाने लगे, इससे राजस्व की भारी क्षति हुई और फिर उस क्षति को पूरा करने के लिए उसने करों में भारी वृद्धि भी की, जिस कारण लोग उससे नाराज रहने लगे।

30 लाख सैनिक फिर भी था कमजोर...

तुगलक भारत में अपना विस्तार चाहता था, इसीलिए 1329 तक उसने करीब 30 लाख सैनिक इकट्ठा कर लिए। इस दौरान उसकी सेना में कुछ ऐसे भी लोग भी भर्ती थे जो सैनिक थे ही नहीं। वह लड़ना ही नहीं जानते थे, सिर्फ संख्या बल बढ़ाने के लिए सैनिक बनाए गए थे। तुगलक ने इन सैनिकों को साल भर तक भुगतान करने का जिम्मा ले रखा था, इसलिए इस तरह उसके राजस्व पर इसका गहरा असर पड़ा।

(लेखक दिल्ली के अनजाने इतिहास के खोजी हैं)

 दैनिक जागरण