बाड़मेर। संतों की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करता है पत्रकारिता जगत - साध्वी सुरंजनाश्री
बाड़मेर। साध्वी सुरंजनाश्री महाराज ने चातुर्मासिक के दौरान सराहनीय सेवा के लिए रविवार को स्थानीय जैन न्याति नोहरा बाड़मेर में चातुर्मास समिति द्वारा बहुमान कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
इस दौरान साध्वी श्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकार बंधु जो सेवाएं दे रहे है वो महापुरूषों की सेवा है। जो चाहे महावीर है, राम या कृष्ण है वो इस दुनिया में व्यक्ति के रूप में विद्यमान नही है लेकिन उनकी अमृतमयी वाणी है, उनकी हितकार जीवन के लिए वाणी, व्यक्ति को जीवन जीने की कला की वाणी साधु-संतो के माध्यम से निकलती है उन्हें एक मोती की तरह चुन-चुन कर अखबार के अंदर आप प्रकाशित करते है। कहीं ऐसे प्राणी है जो आलस में भी धर्म-ध्यान नहीं करते है केवल अपने परिवार के लिए खाना, कमाना, जीना एस-आराम में रह जाते है उन्हें पता नही कि सुख कहां से आता है और दुःख कहां से आता है, व्यक्ति निरोग कैसे बनता है, व्यक्ति स्वस्थ कैसे बनता है, व्यक्ति सम्पन्न कैसे होता है, व्यक्ति निर्धन कैसे होता है और ये सब करने के लिए कोई मार्केटिंग नही है ?, इसके लिए कोई डॉक्टर नही है जो व्यक्ति को सुखी करने का ईलाज कर सके। यह सब करने के लिए जगत में सारे ही धर्म के स्थान है चाहे मंदिर है, मठ, है, चर्च है, गुरूद्वारा है चाहे मस्जिद है उन्हीं के माध्यम से व्यक्ति धर्म की राह जानते है और राह जानने के बाद उस पथ पर वो चलते है फिर व्यक्ति धीरे-धीरे धर्म की बातों से अपने जीवन के अवगुण शराब पीना, गंदी चीजे खाना, रात्रि भोजन करना को छोड़ देता है।
साध्वी श्री ने कहा कि महापुरूषों के मार्ग को जगत के सभी संत हमें बताते है। और संतों की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य पत्रकारिता जगत के लोग करते है। जो हर व्यक्ति के घर तक धर्म की वाणी को पहुंचाने का कार्य करते है। गुरूवर्या श्री ने पत्रकार बंधुओं को संस्कारित व व्यसन रहित जीवन जीने का बोध दिया। जो धर्म की बातें अखबार में छपती है वो हमारे दैनिक जीवन में उतारे।
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