*थार चुनाव रणभेरी 2018 सिवाणा विधानसभा क्षेत्र*
*भाजपा कांग्रेस का खेल बिगाड़ेंगे हनुमान बेनीवाल के मोहरे*
*राजपूत बाहुल्य सीट पर राजपूतों की अनदेखी दोनो दलों की*
*गढ़ सिवाना*
*बाड़मेर न्यूज ट्रैक*
राजस्थान में विधानसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लगातार प्रदेश का दौरा कर नेताओं को लेकर जनता और कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोल रहे हैं. राजधानी जयपुर में चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में अमित शाह आगे की रणनीति तय करेंगे.
सीटों के लिहाज से राजस्थान के सबसे बड़े क्षेत्र मारवाड़ में जोधपुर संभाग के 6 जिले-बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, पाली, सिरोही की कुल 33 सीट और नागौर जिले की 10 सीटों को मिलाकर कुल 43 विधानसभा क्षेत्र हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे मारवाड़ में पिछले चुनाव में बीजेपी ने 39 सीट जीत कर इस गढ़ को ढहा दिया. कांग्रेस के खाते में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सीट समेत महज तीन सीटें आईं जबकि एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया.
बाड़मेर जिले की बात करें तो यह जैसलमेर के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला है. जिले की सात विधानसभा-शिव, बाड़मेर, बायतु, पचपदरा, सिवाना, गुड़ामलानी और चौहटन सीटों में बाड़मेर छोड़कर सभी 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. सिवाना विधानसभा क्षेत्र संख्या 138 की बात करें तो यह सामान्य सीट है. 2011 की जनगणना के अनुसार इस विधानसभा की जनसंख्या 364066 है और यह पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है. कुल आबादी का 17.21 फीसदी अनुसूचित जाति और 8.81 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं.
2017 की वोटर लिस्ट के अनुसार इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 226381 है और 269 पोलिंग बूथ हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 69.36 फीसदी मतदान हुआ था. जबकि 2014 लोकसभा चुनाव में 60.59 फीसदी मतदान हुआ था.
2013 विधानसभा चुनाव का परिणाम
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हमीर सिंह भयाल ने कांग्रेस के महंत निर्मलदास को 20701 वोटों से पराजित किया. बीजेपी के हमीर सिंह भयाल को 69014 और कांग्रेस के महंत निर्मलदास को 48313 वोट मिले थे. वहीं 10020 वोट पाकर बीएसपी के विजयराज तीसरे मंबर पर रहे थे.
2008 विधानसभा चुनाव का परिणाम
साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कानसिंह ने बीएसपी के महेंद्र कुमार को 3982 मतों से शिकस्त दी. वही 28018 वोट पाकर कांग्रेस के बाला राम तीसरे नंबर पर रहे. बीजेपी के कानसिंह को 32040 और बीएसपी के महेंद्र कुमार को 28058 वोट मिले थे.
*इस बार दावेदार दोनो पार्टीयां राजपूत उम्मीदवार से कर रही परहेज*
सिवाना विधानसभा क्षेत्र में आज भी मूलभूत सुविधाओं की दरकार है।।गत बार मानवेन्द्र सिंह को पसन्द पर कान सिंह कोटड़ी की टिकट काट के हमीर सिंह भायल को दी।हमीर सिंह विधानसभा चुनाव जीत गए।मगर पांच साल के कार्यकाल में हमीर सिंह विकास के नाम कोई उपलब्धि हासिल नही कर पाए।।लोगो की नाराजगी बढ़ी है।।वर्तमान में हमीर सिंह भायल,कान सिंह कोटड़ी,महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी राजपुरोहित टिकट की कतार में है।।यहां संभावना कान सिंह और विजयलक्ष्मी के बीच ज्यादा है।।विजय लक्ष्मी राजपुरोहित समाज से जिन्हें लुभाने के लिए उनको टिकट दी जा सकती है।।कांग्रेस इस सीट पर राजपुरोहित या कलबी उम्मीदवार को उतारने का प्रयास कर रहे रहे।। 2008 में कलबी समाज से बालाराम कलबी को कांग्रेस को प्रत्यासी बनाया ।।बालाराम निर्दलीय महेंद्र टाइगर से पिछड़ कर बुरी तरह हार गए।जबकि क्षत्रिय युवक संघ संस्थापक तन सिंह जी के लड़के ने टिकट मांग थी नही मिली।।इस बार निर्मलदास,पृथ्वी सिंह रामेदरिया, गोपाराम मेघवाल,प्रबल दावेदार है।।आज़ाद सिंह राठौड़ को भी यहां से आजमाया जा सकता है।।किसान नेता केसर सिंह राठौड़ भी दावेदारी जता रहे है।।
बी एस पी के महेंद्र टाइगर 2008 में अठ्ठाईस हजार वोट लाकर चर्चा में आये।फिर भी अगले चुनाव में किसी दल ने घास नही डाली।इस बार फिर मैदान में उतरेंगे।दोनो दलों के समीकरण बिगाड़ेंगे यह तय है।।राजपूत बाहुल्य सीट होने के बावजूद राजपूतो की अनदेखी दोनो दल कर कर रहे है।।जो भारी पड़ सकती है।।