शनिवार, 2 सितंबर 2017

बाड़मेर एनएचएम प्रबंधकीय कर्मचारी सामुहिक अवकाष पर नियमितिकरण मांग को लेकर

बाड़मेर एनएचएम प्रबंधकीय कर्मचारी सामुहिक अवकाष पर
नियमितिकरण मांग को लेकर

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी संविदा कार्मिक लेखाकार,
कम्प्यूटर आॅपरेटर, ब्लाॅक/पीएचसी आषा सुपरवाईजर, बी.पी.एम. के पदों पर
पिछले 9-10 वर्षों से लगातार एनआरएचएम योजना में अति अल्प मानदेय में
संविदा पर कार्यरत है। सुराज संकल्प घोषणा पत्र 2013 के पेज संख्या 12
(कर्मचारी कल्याण) के बिन्दु संख्या 5 में कार्यरत समस्त संविदा
कार्मिकों को नियमित करने की घोषणा की गई थी। जिसकी पालना स्वरूप
राजस्थान चिकित्सा विभाग में कार्यरत संविदा कार्मिकों तथा आयुष
चिकित्सक, आयुष कम्पाउण्डर, ए.एन.एम., जी.एन.एम., लैब सहायक, लैब
टेक्नीषीयन को नियमित किया जा चुका है। लेकिन एनएचएम के प्रबंधकीय संविदा
कार्मिकों जो की पिछले 8-9 वर्षों से लगातार अपनी सेवायें दे रहे है
किन्तु सरकार द्वारा उक्त कार्मिकों को नियमित नहीं किया गया है। जिसके
कारण उक्त कार्मिकों में रोष व्याप्त है। इस कारण जिला बाड़मेर के एनएचएम
प्रबंधकीय संविदा कार्मिक दिनांक 28 अगस्त 2017 से आज दिनांक तक सामुहिक
अवकाष पर रहे है। इसी क्रम में उक्त संविदा कार्मिक दिनांक 8 सितम्बर
2017 तक अवकाष पर रहेगंे।

रामरहीम की कोर्ट से गुहार, मसाज के लिए हनीप्रीत को रहने दो साथ

रामरहीम की कोर्ट से गुहार, मसाज के लिए हनीप्रीत को रहने दो साथ


चंडीगढ़/सिरसा:बलात्कारी बाबा राम रहीम ने सी.बी.आई. कोर्ट से अपील की है कि हनीप्रीत को जेल में उसके साथ रहने की अनुमति दी जाए। राम रहीम ने कहा कि हनीप्रीत उसकी फिजियोथेरेपिस्ट के साथ-साथ मसाज करती है। बता दें, इससे पहले भी पिता-पुत्री ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें साथ रहने की अनुमति दी जाए। हनीप्रीत ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में एप्लीकेशन दिया था, जबकि गुरमीत राम रहीम ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने दोनों की गुहार को खारिज कर दिया। हालांकि गुरमीत को दोषी करार दिए जाने के दिन पुलिस ने दोनों को कोर्ट से रोहतक तक साथ जाने दिया और सुनैरा जेल में पुलिस गेस्टहाउस में दोनों साथ ही रहे।


रामरहीम की कोर्ट से गुहार, मसाज के लिए हनीप्रीत को रहने दो साथ

शाही जीवनशैली को मिस कर रहा राम रहीम

सूत्रों के मुताबिक हनीप्रीत के साथ-साथ बलात्कारी बाबा अपनी शाही जीवनशैली को भी मिस कर रहा है। सिरसा स्थित उसके डेरे से खुलासा हुआ कि गुरमीत रामरहीम ने अपने आश्रम में दुनिया भर की मशहूर इमारतों की प्रतिकृति बनवा रखी थी। इनमें एफिल टॉवर, क्रूज शिप, रिसॉर्ट और दुनिया के 7 अजूबों की प्रतिकृति भी शामिल हैं, जब इन रिसॉर्ट में जाता, तो सारे सी.सी.टी.वी. कैमरे बंद कर दिए जाते थे। रामरहीम अपनी इन संपत्तियों को फिल्मों की शूटिंग के लिए इस्तेमाल करता था।




उल्लेखनीय है कि 2002 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखे गए एक अनाम लेटर में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख के खिलाफ रेप के आरोप लगाए गए थे. ये मामला तब बढ़ा, जब आरोपों से संबंधित खबर छापने पर एक पत्रकार की उसी साल गोली मारकर हत्या कर दी गई।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले PM मोदी-अमित शाह की अहम बैठक

केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले PM मोदी-अमित शाह की अहम बैठक
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले PM मोदी-अमित शाह की अहम बैठक

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बीच आज अंतिम दौर को लेकर चर्चा होगी। अमित शाह ने अपने घर पर बैठक बुलाई है जिसके बाद वह पीएम मोदी से मिलने जाएंगे। इस दौरान परवेश वर्मा ने अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार परवेश वर्मा को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं बैठक में नए राज्यपालों की सूची पर भी मुहर लग सकती है। बैठक में इस्तीफा देने वाले मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले अमित शाह ने वृंदावन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ भी दूसरे दौर की मीटिंग की जिसमें कैबिनेट को लेकर चर्चा की।




गडकरी को मिल सकती है रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी

सूत्रों के अनुसार नई मोदी टीम में कई सीनियर मंत्रियों का विभाग बदल सकता हैं। नितिन गडकरी को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के कयास हैं, तो सुरेश प्रभु को रेल की जगह पर्यावरण मंत्रालय मिल सकता हैं। राधामोहन सिंह भी कृषि की जगह दूसरे मंत्रालय में शिफ्ट किए जा सकते हैं। वहीं प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और धमेंद्र प्रधान को मिल सकता है अच्छे काम का इनाम बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

बूंदी जिले के लाखेरी में शुक्रवार को एक प्रेमी युगल ने ट्रेन से कटकर जान दे दी।

बूंदी जिले के लाखेरी में शुक्रवार को एक प्रेमी युगल ने ट्रेन से कटकर जान दे दी।


लाखेरी (बूंदी)। बूंदी जिले के लाखेरी में शुक्रवार को एक प्रेमी युगल ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। दोनों पटरी के साथ-साथ चल रहे थे। ट्रेन के आते ही पटरी के बीचों-बीच खड़े हो गए और सेकंडों में ही तेज रफ्तार ट्रेन उनके ऊपर से निकल गई। युवक की पहचान कर ली गई है, लेकिन युवती की पहचान नहीं हुई है। जानिए क्या है मामला ...


कहीं पड़ी थी टांग तो कहीं धड़, ऐसी हालत में मिली लड़के-लड़की की लाश




- इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के हिम्मतपुरा गांव के पास रेल रूट पर एक युवक व युवती पटरियों के सहारे चल रहे थे। दोनों ने कंधे पर बैग टांग रखा था। पास में एक ट्रेन को झंडी दिखाने वाले गार्ड की चौकी थी।

- वहां से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस गुजरने वाली थी इसलिए गार्ड अलर्ट था। तभी ट्रेन आ गई। गार्ड ने देखा की युवक व युवती अचानक पटरी के बीच खड़े हो गए। यह देख गार्ड के होश उड़ गए। उसे समझते देर नहीं लगी कि दोनों सुसाइड करने जा रहे हैं।

- गार्ड ने उन्हें आवाज देकर सुसाइड करने से रोकना चाहा, लेकिन तभी ट्रेन तेजी से उनके ऊपर से निकल गई। घबराए गार्ड ने इंदरगढ़ पुलिस को सूचना दी। सूचना पर सीआई पुरुषोत्तम महरिया वहां पहुंचे।

- पुलिस ने मृतकों के कपड़ों में कागज आदि तलाशे। युवक की जेब से उसका आईकार्ड मिला। कार्ड के आधार पर युवक की पहचान सवाईमाधोपुर के गंगापुर सिटी निवासी शैलेष मीणा (28) के तौर पर हुई। उसमें मिले नंबर पर पुलिस ने फोन किया। किसी परिजन ने बात होने पर पुलिस ने उसे बताया कि शैलेष और उसके साथ एक युवती ने ट्रेन से कटकर जान दे दी है। इस पर परिजन ने बताया कि शेलैष गुरुवार से ही लापता है। वहीं मोहल्ले की एक युवती भी गायब है। परिजन उनकी तलाश कर रहे हैं।




देवी मां के मंदिर से दर्शन कर लौटे थे

- पुलिस ने बताया कि दोनों इंदरगढ़ में देवी मां के दर्शन कर लौटे थे। दोनों के पास से माला व पूजा का सामान मिला है। संभव है कि दोनों इंदरगढ़ में किसी होटल में रुके होंगे।

- दोनों ने सुसाइड का ऐसा स्थान चुना जा काफी सुनसान जगह पर है।

शुक्रवार, 1 सितंबर 2017

बाडमेरकुलदेवी मन्दिर कुर्जा में रात्रि जागरण कल



बाडमेरकुलदेवी मन्दिर कुर्जा में रात्रि जागरण कल
कुर्जा 01 सितम्बर । मां संच्चियाय भक्त मण्डल कुर्जा द्वारा बाडमेर से 12 किलोमीटर दूर मालू कुलदेवी संच्चियाय माता मन्दिर कुर्जा में रात्रि जागरण 3 सितम्बर व भव्य मेला 4 सितम्बर को लगेगा। मां संच्चियाय भक्त मण्डल कुर्जा के प्रवक्ता कपिल मालू ने बताया कि अखिल भारतीय मालू जैन भाईपा समाज संस्थान द्वारा निर्मित मालू गौत्रीय कुलदेवी संच्चियाय माता मन्दिर कुर्जा में मां संच्चियाय भक्त मण्डल के तत्वाधान में भाद्रवा सुदी बारस 3 सितम्बर रविवार को बालोतरा के सुप्रसिद्व भजन गायक वैभव बागमार द्वारा भव्य रात्रि जागरण का आयोजन होगा व भाद्रवा सुदी तेरस 4 सितम्बर सोमवार को पैदल यात्रा संघ व भव्य मेले का आयोजन होगा।मालू ने बताया कि रात्रि जागरण व मेले मे आने जाने के लिए वाहनो की व्यवस्था की गई है।

तीखी बात क्या राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था हांफने लगी है ?



तीखी बात

क्या राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था हांफने लगी है ?


एसएमएस जयपुर में रेजीडेण्ट डॉक्टरों एवं नर्सों के बीच मार-पीट के समाचारों की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि जोधपुर के उम्मेद चिकित्सालय में डॉक्टरों के बीच हुई तू-तू मैं-मैं और नवजात शिशु की मौत का वीडियो पूरे देश के सोशियल, इलैक्ट्रोनिक और प्रिण्ट मीडिया में सुर्खियां बटोरने लगा। अभी इस वीडियो पर सोशियल मीडिया में थू-थू करने का सिलसिला चल ही रहा था कि महात्मा गांधी हॉस्पीटल जोधपुर में बाड़मेर हाईवे से जले हुए लोगों को लाने वाले परिजनों ने हॉस्पीटल के रेजीडेण्ट चिकित्सकों एवं स्टाफ के साथ-मार पीट कर ली और तीन जनों को पुलिस पकड़ कर ले गई। ऐसी सैंकड़ों घटनाएं है जो पिछले कुछ सालों में घटित हुई हैं। साफ अनुभव किया जा सकता है कि रेजीडेण्ट डॉक्टरों के व्यवहार में अचानक तल्खी और चिड़चिड़ाहट में वृद्धि हुई है।

रेजीडेण्ट डॉक्टर्स द्वारा मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ किए जा रहे खराब व्यवहार का मनोविज्ञन समझ में आना कोई मुश्किल बात नहीं है। चौबीस-चौबीस घण्टे की ड्यूटी, मरीजों और उनके परिजनों द्वारा रेजीडेण्ट डॉक्टर्स से किए जाने वाले दिन-रात के सवाल, वार्डों में भर्ती मरीजों की फाइलों में लम्बी-लम्बी नोटिंग्स, सीनियर डॉक्टर्स की बेगार, नर्सिंग स्टाफ की बदतमीजियां और भी बहुत कुछ सहना पड़ता है रेजीडेण्ट डॉक्टर्स को। स्वाभाविक है कि उनके स्वभाव में चिड़चिड़ाहट एवं खीझ उत्पन्न हो जाए। रेजीडेण्ट डॉक्टर्स के दिमाग में बन चुकी यह एक ऐसी तंग सुरंग है जिसका अंधेरा मिटने का नाम नहीं ले रहा।

जब से राजस्थान सरकार ने निःशुल्क दवा योजना आरम्भ की, जब से जननी सुरक्षा योजना आरम्भ हुई तथा जब से मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना आरम्भ हुई, राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में रोगियों की बाढ़ सी आ गई है। विगत चार सालों में ओपीडी तीन से चार गुना तक बढ़ गई है जबकि डॉक्टरों की संख्या वही की वही है। वार्ड तो पहले भी ठसाठस भरे रहते थे, आज भी हैं। आज राज्य के सीमांत गांव में बैठे व्यक्ति की भी यह कोशिश होती है कि वह जयपुर के एसएमएस हॉस्पिीटल या संभाग मुख्यालय के मेडिकल कॉलेज से संलग्न हॉस्पीटल में पहुंचे। साधारण डिलीवरी के मामले जो कि गांव की एएनएम से लेकर ग्राम पंचायत की पीएचसी, पंचायत समिति की सीएचसी या जिले के जिला अस्पताल में निबटाए जा सकते हैं, उसके लिए भी लोग गर्भवती को लेकर संभाग मुख्यालय के चिकित्सालयों में भागते हैं। मरीजों और प्रसूताओं की इस भीड़ को पीएचसी, सीएचसी अथवा जिला अस्पताल में रोकने के लिए सरकार के पास कोई कार्यक्रम नहीं है।

निःशुल्क दवा योजना की हालत यह है कि निःशुल्क दवा केन्द्रों पर बहुत सी दवाएं उपलब्ध ही नहीं होतीं। जोधपुर में सहकारी बाजार में जो करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ, उसके रैकेट का आज तक खुलासा नहीं हुआ। केवल महाप्रबंधक मधूसूदन शर्मा को जेल भेजा गया, उसी के समाचार जनता के पास हैं। इस घोटाले में और कौन लोग लिप्त थे, किसी को कुछ पता नहीं लगा। इस घोटाले को खुले लगभग छः माह का समय हो गया है किंतु आज तक जोधपुर के निःशुल्क दवा केन्द्रों एवं पेंशनर काउंटरों पर पर्याप्त दवाएं उपलब्ध नहीं हैं।

कुल मिलाकर पूरे राज्य का दृश्य ये है कि सरकारी चिकित्सा व्यवस्था हांफती हुई दिखाई दे रही है तथा सरकार की ओर से इस दिशा में कोई कार्यवाही होती हुई दिखाई नहीं दे रही है।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

www.rajasthanhistory.com

Attachments area

बाड़मेर,नगर परिषद से अधिकारियांे से मांगा स्पष्टीकरण



बाड़मेर,नगर परिषद से अधिकारियांे से मांगा स्पष्टीकरण
बाड़मेर, 01 सितंबर। कांजी हाउस से जानवरांे को सरहदी इलाकांे मंे छोड़ने के मामले मंे जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने नगर परिषद के अधिकारियांे से स्पष्टीकरण मांगा है।

जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि ग्रामीणांे की ओर से प्रस्तुत की गई शिकायत मंे पशुआंे के लिए किसी तरह के चारे-पानी के इंतजाम नहीं करने के बारे मंे अवगत कराया गया था। इसको गंभीरता से लेते हुए नगर परिषद के अधिकारियांे से स्पष्टीकरण के साथ विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

श्रीनगर में पुलिस के जवानों की बस पर आतंकी हमला, 1 जवान शहीद, 8 घायल, लश्कर ने ली जिम्मेदारी

श्रीनगर में पुलिस के जवानों की बस पर आतंकी हमला, 1 जवान शहीद, 8 घायल, लश्कर ने ली जिम्मेदारी


श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के पंथाचौक पर आज शाम पुलिस के जवानों की बस पर आतंकी हमला किया गया है। इस हमले में 8 पुलिसकर्मियों के घायल होने और 1 जवान के शहीद होने की खबर है। हमले की सूचना मिलते ही पंथा चौक इलाके में ट्रैफिक को रोक दिया गया है। आतंकी हमले के बाद इलाके में अफरा तफरी का माहौल है। पंथा चौक इलाके में पूरी तरह से घेर लिया गया है। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है। शुरूआती खबरों के मुताबिक हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर—ए—तैयबा ने ली है।




जानकारी के अनुसार, श्रीनगर के पंथाचौक पर पुलिस के जवानों की बस किया गया ये आतंकी हमला आतंकियों ने पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी को निशाना बनाकर किया है। पुलिसकर्मियों को लेकर जा रही इस बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में 8 पुलिसकर्मियों के घायल होने और 1 जवान के शहीद होने की खबर है। दो पुलिसकर्मियो की हालत गंभीर है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर ने ली है।




यह हमला उस वक्त किया गया, जब दिन भर की ड्यूटी के बाद पुलिसकर्मी जम्मू कश्मीर आर्म्ड पुलिस के मुख्यालय की तरफ लौट रहे थे। हमले में गंभीर रूप से घायल पुलिसकर्मियों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वहीं हमले के बाद से ही इलाके में पूरी तरह से घेर लिया गया है। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है, जिसके चलते मुठभेड़ अभी जारी है।

राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत समेत दो के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत समेत दो के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

पंचकुला। हरियाणा के पंचकुला जिले के सेक्टर पांच पुलिस स्टेशन ने दो साध्वियों के साथ रेप केस में जेल की हवा खा रहे गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत समेत राम रहीम सिंह के दो निकट सहयोगियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। लुकआउट नोटिस जारी किए जाने के बाद हनीप्रीत अपने पासपोर्ट के साथ देश की सीमा से बाहर नहीं जा पाएंगी और हरियाणा पुलिस उन्हें तलाश भी कर रही है।




आपको बता दें कि हनीप्रीत को करीब—करीब हर मौके पर राम रहीम के साथ देखा गया है, वहीं राम रहीम की फिल्मों में भी शूटिंग के दौरान हनीप्रीत राम रहीम के इर्दगिर्द ही देखी गई है। गौरतलब है​ कि हनीप्रीत वही लड़की है, जिसे राम रहीम की गिरफ्तारी के वक्त उसके साथ देखा गया था। हनीप्रीत इंसान को गुरमीत राम रहीम के साथ उस सरकारी हेलिकॉप्टर में भी देखा गया था, जिससे राम रहीम को रोहतक जेल ले जाया गया था।




राम रहीम के दो निकट सहयोगियों के खिलाफ जारी किए गए लुकआउट नोटिस में हनीप्रीत के अतिरिक्त डेरा प्रवक्ता आदित्य इन्सां का भी नाम शामिल है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने उन्हें देश छोड़कर फरार होने से






हनीप्रीत पर यौन शोषण मामले में राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद राम रहीम को कोर्ट से भगाने की साजिश बताई जा रही है। 25 अगस्त यानी शुक्रवार को डेरा प्रमुख राम रहीम को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने साध्वियों से यौन शोषण मामले में उन्हें दोषी ठहराया था दोषी ठहराए जाने के बाद राम रहीम का भगाने का प्लान बनाया था। लेकिन हरियाणा पुलिस और सैना की तैनात मौजूदगी को देखकर इनके प्लान पर पानी फिर गया।

गोरखपुर के बाद अब बांसवाड़ा में 51 दिनों मे 81 नवजात शिशुओं की मौत, 4 की हालत अब भी नाजुक

गोरखपुर के बाद अब बांसवाड़ा में 51 दिनों मे 81 नवजात शिशुओं की मौत, 4 की हालत अब भी नाजुक


बांसवाड़ा। राजस्थान के आदिवासी बाहुल क्षेत्र बांसवाडा में प्राय गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था में समुचित पोषाहार नहीं मिलने से उनके बच्चे अत्यधिक कमजोर पैदा हो रहे हैं ओर इसके बाद इनमें से कई नवजात बच्चे मौत का शिकार हो रहे हैं। बांसवाडा जिले के राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय मे बीते 53 दिनों मे ऐसे 81 नवजात बच्चों की दुनिया मे कदम रखने के चन्द दिनों बाद ही मौत हो गई। इनमें 50 बच्चे जुलाई माह में और 31 बच्चे 22 अगस्त तक मौत के मुंह मे जा चुके हैं।




ये मृतक नवताज शिशु 1 से 20 दिनों की अवधि उम्र के थे। पिछले आठ माह के आंकडों की बात कि जाए तो यहां पर जुलाई माह मे एकाएक मौतों का आंकडा काफी हद तक ऊपर बढ़ गया। यही क्रम अगस्त 2017 तक दिखाई दिया है। इससे पहले 6 माह मे जनवरी में सबसे ज्यादा 33 व जून में 21 बच्चों की सबसे कम मौतें हुई।




शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर रंजना चरपोटा ने बताया कि मौतों के पीछे प्रमुख कारण बच्चोें का कमजोर पैदा होना, प्रसव से पहले गर्भवती को उचित मात्रा में पोषक नहीं मिलना तथा अधिकांश बच्चे जो अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड मे इलाज के लिए पहुुंचते हैं, उनका वजन डेढ़ किलो से भी काफी हद तक कम पाया गया है। प्रसव के पूर्व प्रसुताओं मे हिमोग्लोबिन भी कम होता है और प्रसव पूर्व देखभाल सही नहीं होने के कारण प्रसव भी समय से पूर्व हो रहे हैं। इस स्थिति मे बच्चे के बचने की गुजाईश कम हो जाती है।




देखभाल में लापरवाही :

ग्रामीण अंचलों मे आशा सहयोगिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम के माध्यम ये गर्भवती के स्वास्थ्य की उचित देख भाल नहीं होना भी मौत का एक कारण है। इससे प्रसुताओं मे कम हिमोग्लोबिन का पता नहीं चल पाता। प्रसव पूर्व आयरन फॉलिक एसीड की गाोलियां नहीं दिए जाने के कारण रक्त मे कमी पाई जा रही है।




ये भी है कारण :

जून तक मृत्यु दर जिला अस्पताल में आंकी जा रही थी, लेकिन इसके बाद मिशन पुकार के कारण सक्रियता बढ़ी, निगरानी जागरूगता बढ़ी तो गंभीर प्रसुताएं रैफर होकर ज्यादा आने लगी। इससे भी आंकडा बढ़ा है।




मिट्टी खाती हैं गर्भवती महिलाएं :

ग्रामीण क्षेत्रों मे ज्यादातर गर्भवती महिलाएं केल्शियम की गोलियां भी समुचित मात्रा मे नहीं ले पाती है। ऐसे मे केल्शियम की कमी होने पर वे घर के लेपे हुए आंगन की मिटटी कुरेद कर सेवन कर केल्शियम की कमी को पुरा करने का प्रयास करती है। इससे जन्म लेने वाले नवताज शिशु में कीड़े पड़ जाते हैं। ऐसे में बच्चे प्राय बीमार हो जाते हैं और कई बार कमजोरी के कारण मौत के मुं​ह में समा जाते हैं।









चार बच्चों की है हालत खराब :

नवजात शिशु के परिजन रामलाल ने बताया कि हमारे बच्चे को सांस नहीं ली जा रही है। इसलिए डॉक्टर ने बाहर ले जाने के लिए बोला है, लेकिन हमारे पास पैसे की व्यवस्था नहीं होने के कारण हम ऐसा नहीं कर सकते। भगवान जो करें वो सही। इसी तरह अभी अस्पताल मे चार नवजात शिशु और मौत के मुंह मे जाने लिए खड़े हैं। वहीं डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। बाहर ले जाओ, यहां पर कोई इलाज नहीं हो रहा है।




परिजनों से पहले ही लिखवाकर ले लेते हैं डॉक्टर :

खास बात तो ये देखने मिलती है कि अस्पताल मे प्रसुताओं को भर्ती करने वाले टिकिट पर उनके परीजनों के हाथ से डाक्टर 'नवजात शिशु को इलाज कराने बाहर ले जाना चाहते हैं' ये लिखवा देते हैं और इलाज करते हैं, ताकि इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो जाए तो परीजनों की जिम्मेदारी बता दी जाती है। हालांकि लिखने के लिए परिजन मजबूर रहते हैं, क्योकि डॉक्टर दवा नहीं करेगा, ऐसा मानकर ये आदिवासी लोग लिख देते हैं।

ओझल 'सरस्वती' की खोज में अब तेजी की उम्मीद, जैसलमेर पहुंची हरियाणा-राजस्थान की संयुक्त टीम

ओझल 'सरस्वती' की खोज में अब तेजी की उम्मीद, जैसलमेर पहुंची हरियाणा-राजस्थान की संयुक्त टीम


जैसलमेर। काल के प्रवाह को दौरान लुप्त हुई वैदिक काल की सरस्वती नदी की पुनः खोज के लिए केंद्र सरकार के अंतर्गत अध्ययन दल ने जैसलमेर के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया। जैसलमेर हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डवलपमेंट बोर्ड की टीम और राजस्थान सरकार के भूजल टीम ने जैसलमेर जिले के सीमावर्ती गांवों में सरस्वती नदी की विजिबिलिटी सहित अन्य संभावनाएं तलाशी। गौरतलब है कि किसी जमाने में सरस्वती नदी जैसलमेर जिले से बहती थी और पूर्व में इस नदी की खोज के लिए कई सर्वे हो चुके हैं। केन्द्र सरकार ने भी इसका एक प्रोजेक्ट तैयार किया था। फिलहाल हरियाणा सरकार का एक प्रोजेक्ट युद्धस्तर पर चल रहा है।




हरियाणा बोर्ड के डिप्टी प्रेसिडेंट प्रशांत भारद्वाज के नेतृत्व में टीम ने सीमावर्ती रणाऊ, तनोट, किशनगढ़, कुरिया बेरी व धरमी कुआ क्षेत्र में सर्वे कर डाटा कलेक्शन किया। टीम ने यहां सरस्वती नदी की विजिबिलिटी भी जांची। अब इस टीम द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की जाकर हरियाणा सरकार को सौंपी जाएगी। इस टीम में भूजल विभाग राजस्थान सरकार के मुख्य अभियंता सूरजभानसिंह, हरियाणा सिंचाई विभाग के एसई अरविंद कोशिक, तकनीकी कंसलटेंट आदित्य व जैसलमेर के वरिष्ठ भूजल वैज्ञानिक एन.डी इणखिया भी शामिल थे।




प्रशांत भारद्वाज ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 2014 में यह प्रोजेक्ट शुरू किया था। 21 अप्रैल 2015 को हमने सारे रिकार्ड व डाटा कलेक्शन कर सरस्वती नदी की खोज शुरू कर दी। हमारे पास इसरो, ओएनजीसी, राजस्थान व हरियाणा के भूजल विभाग के साथ जियोलॉजिकल स्टडी और वैज्ञानिक सबूत भी है। उन्होंने बताया कि यह नदी हरियाणा के साथ साथ राजस्थान व गुजरात भी में बहती थी। ऐसे में अब यहां की सरकारों को भी इस प्रोजेक्ट में साथ जुड़ने की जरूरत है। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने भी यही कहा था।




भारद्वाज ने बताया कि यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है और हमारी संस्कृति, सभ्यता व धरोहर से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में हमारे पास 5 हजार से 18 से 20 हजार साल पुराने फॉसिल्स उपलब्ध है। यह प्रोजेक्ट का भविष्य जल प्रबंधन व हेरिटेज टूरिज्म के तौर पर देखा जा सकता है।




उल्लेखनीय है कि सरस्वती नदी के प्रोजेक्ट को लेकर राजस्थान सरकार कम रूचि दिखा रही है, जबकि हरियाणा सरकार ने इसका बोर्ड गठित कर सर्वे शुरू कर दिया है। जून 2015 में तत्कालीन पीएचईडी मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा था कि सरस्वती नदी राजस्थान सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उस दौरान डीपीआर भी तैयार हो गई थी और पहला फेज 80 करोड़ था। उन्होंने कहा था कि यदि साल के अंत तक केन्द्र से बजट नहीं मिला तो राजस्थान सरकार बजट देगी और प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।




राजस्थान सरकार के भूजल विभाग के मुख्य अभियनता सूरजभानसिंह ने बताया की सरस्वती नदी का परवाह क्षेत्र में हनुमानगढ़, बीकानेर और जैसलमेर होते हुए गुजरात कच्छ के रास्ते तक पहुंचता है। उन्होंने बताया कि अध्ययन दल ने पुराने अध्यनों के निष्कर्षों को शामिल करते मौजूद समय में जो खोजबीन की है, उससे इतना साफ़ है कि सरस्वती के चैनल्स के पुनःजीवित होने से संबंधित क्षेत्रों में आगामी 20 साल से 30 साल तक पीने के पानी का बंदोबस्त हो जाएगा।




आपको बता दें कि जैसलमेर जिले से सरस्वती नदी के जुड़ाव को लेकर साक्ष्य मिल चुके हैं तथा उन पर आगे समग्र अनुसंधान से इस जिले के कायाकल्प होने की भी आशाएं संजोई गई थी। जानकारों की मानें तो जैसलमेर के लाठी क्षेत्र में भूगर्भीय मीठा पानी सरस्वती नदी के चैनल की वजह से ही प्राप्त होता रहा है। केंद्र सरकार के पास जैसलमेर जिले में सरस्वती नदी के बहाव क्षेत्र का पूरा नक्शा तैयार है। यदि जिले के मौजूदा नक्शे को उस चैनल के नक्शे पर रखकर देखा जाए तो भावी संभावनाओं की तस्वीर काफी हद तक साफ हो सकती है।

भारतीय मूल के जे वाई पिल्‍लई बने सिंगापुर के कार्यवाहक राष्‍ट्रपति

भारतीय मूल के जे वाई पिल्‍लई बने सिंगापुर के कार्यवाहक राष्‍ट्रपति

भारतीय मूल के जे वाई पिल्‍लई बने सिंगापुर के कार्यवाहक राष्‍ट्रपति
सिंगापुर,  भारतीय मूल के जानेमाने नौकरशाह जे वाई पिल्‍लई को आज सिंगापुर के कार्यवाहक राष्‍ट्रपति के तौर पर नियुक्‍त किया गया। 83 वर्षीय पिल्‍लई टोनी टैन केंग याम की जगह लेंगे, जिनका गुरुवार को राष्‍ट्रपति के तौर पर छह साल का कार्यकाल पूरा हो गया।




राष्‍ट्रपति सलाहकार परिषद के अध्‍यक्ष पिल्‍लई तब तक राष्‍ट्रपति पद पर बने रहेंगे, जब तक कि 13 सितंबर को नामांकन वाले दिन या 23 सितंबर को चुनाव वाले दिन के बाद कोई उम्‍मीदवार निर्वाचित नहीं हो जाता। स्‍ट्रेट्स टाइम्‍स के अनुसार, राष्‍ट्रपति कार्यालय खाली होने पर संसद के सभापति के बाद राष्‍ट्रपति सलाहकार परिषद के अध्‍यक्ष को इसकी जिम्‍मेदारी सौंपी जाती है।




कहा जा रहा है कि 1991 में जब से राष्‍ट्रपति चयन की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से यह पहली बार है जब कार्यालय खाली हुआ है। हालांकि पिल्‍लई को पहली बार यह जिम्‍मेदारी नहीं सौंपी गई है। राष्‍ट्रपति के विदेश यात्रा पर जाने के दौरान हर बार वही कार्यवाहक राष्‍ट्रपति की जिम्‍मेदारी निभाते आ रहे हैं।

रविवार सुबह 10 बजे मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार संभव, अभी तक चार मंत्रियों ने कुर्सी छोड़ी



रविवार सुबह 10 बजे मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार संभव, अभी तक चार मंत्रियों ने कुर्सी छोड़ी
कल हो सकता है मोदी कैबिनेट का विस्तार, जानें- किन मंत्रियों को मिल सकती है जगह


अबतक संजीव बालियान, राजीव प्रताप रूडी, महेंद्र नाथ पांडे और फग्गन सिंह सहित मोदी के चार मंत्री मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके हैं. इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है.







नई दिल्ली: रविवार यानी तीन सितंबर सुबह 10 बजे मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन जाने से पहले ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना है. इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी सूचित कर दिया गया है.




अब तक चार मंत्रियों ने दिया इस्तीफा




अबतक संजीव बालियान, राजीव प्रताप रूडी, महेंद्र नाथ पांडे और फग्गन सिंह सहित मोदी के चार मंत्री मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके हैं. इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है. एबीपी न्यूज़ आपको बता रहा है कि किन-किन मंत्रियों को मोदी कैबिनेट जगह मिल सकती है.




बालियान के इस्तीफे के साथ मोदी के 4 मंत्रियों का इस्तीफा, उमा-कलराज ने भी की पेशकश




माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस मंत्रिमंडल विस्तार के लिए नए मंत्रियों को शामिल करने के लिए जगह बना रहे हैं. आगामी महीनों में गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव हैं, ऐसे में इस कैबिनेट विस्तार में इन राज्यों से आने वाले नेताओं की झलक देखी जा सकती है.




किन-किन मंत्रियों को मिलेगी मोदी कैबिनेट में जगह?




राजीव प्रताप रूडी की जगह जेडीयू के वशिष्ठ नारायण सिंह और आरसीपी सिंह में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है.शिवसेना की ओर से आनंद राव अडसुल को मंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है.मध्य प्रदेश से आलोक संजर, गणेश सिंह, राकेश चौधरी या प्रभात झा में किसी एक को मंत्री बनाए जाने की संभावना है.कर्नाटक में अगले साल होने वाले चुनाव के मद्देनजर लिंगायत समुदाय के शिवकुमार उदासी और सुरेश आंगड़ी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शोभा करंडलजे के लिए भी लॉबिंग कर रहे हैं.असम से उप-मुख्यमंत्री हेमंत विश्वशर्मा का नाम भी केंद्रीय कैबिनेट के लिए लिया जा रहा है.चुनावी राज्य हिमाचल प्रदेश से अनुराग ठाकुर मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को हिमाचल में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के आसार हैं.एआईएडीएमके के दोनों धड़ों में सहमति बन गई तो एम थंबीदुरै, पन्नूसामी वेणुगोपाल और राज्यसभा सांसद वी मैत्रेयन को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.

खाकी वर्दी नहीं स्मार्ट यूनिफार्म में नजर आएंगे पुलिस के जवान

खाकी वर्दी नहीं स्मार्ट यूनिफार्म में नजर आएंगे पुलिस के जवान

खाकी वर्दी नहीं स्मार्ट यूनिफार्म में नजर आएंगे पुलिस के जवान
अब पुलिस के जवान खाकी वर्दी की जगह स्‍मार्ट यूनिफार्म में नजर आएंगे जो देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में अलग अलग मौसम की परिस्‍थितियों को देखते हुए डिजायन किया गया है।


ब्रिटिश युग की मौजूदा खाकी वर्दी पर रिसर्च के पांच सालों बाद अहमदाबाद के नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ डिजायन ने पुलिस के लिए स्‍मार्ट यूनिफॉर्म तैयार किया है। यह यूनिफार्म सभी राज्‍यों, केंद्रशासित प्रदेशों और सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्सेज के लिए होगी।


ब्‍यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के साथ मिलकर पूरे यूनिफॉर्म को डिजायन किया गया है। इसमें शर्ट, ट्राउजर, बेल्‍ट, कैप, जूते, बिल्‍ला और जैकेट के अलावा रेनवियर और हेड गियर भी है। इस संबंध में सभी राज्‍यों की पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेज को रिपोर्ट भेज दिया गया है। देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में अलग अलग मौसम की स्‍थितियों को देखते हुए नए यूनिफॉर्म को डिजायन किया गया है। 9 राज्‍यों की पुलिस व आम जनता से लिए गए इनपुट के अनुसार मौजूदा यूनिफॉर्म में काफी खामियां हैं। इसकी फिटिंग और शेड्स हर राज्‍य के अनुसार वहां के पुलिसवालों के लिए बदलती जाएगी।


इस खाकी वर्दी की फैब्रिक काफी मोदी है जो गर्मी के मौसम के लिए उपयुक्‍त नहीं है। साथ इसमें आवश्‍यक सामानों के लिए भी पर्याप्‍त जगह नहीं है। इसके साथ पहनी जाने वाली कैप स्‍मार्ट तो है पर जाड़े के मौसम के अनुसार नहीं है और तो और हेल्‍मेट भी वजनी है। मेटल की बनी बेल्‍ट काफी चौड़ी है जो झुकने पर पेट में चुभती है।

जेब को झटकाः सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर 7.23 रु महंगा, नॉन सब्सिडाइज्ड LPG के दाम 73.5 रुपये बढ़े



जेब को झटकाः सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर 7.23 रु महंगा, नॉन सब्सिडाइज्ड LPG के दाम 73.5 रुपये बढ़ेSubsidised cooking gas price raised by 7.23 rupees per LPG cylinder
अब दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलेंडर (14.2 किलो) के दाम बढ़कर 487.18 रुपये हो गए हैं जो कि पहले 479.77 रुपये थे. वहीं गैर सब्सिडाइज्ड गैस सिलेंडर के दाम 73.5 रुपये की बढ़ोतरी के बाद 524 रुपये से बढ़कर 597.50 रुपये हो गए हैं.

नई दिल्लीः आपकी रसोई का बजट एक बार फिर बढ़ने वाला है. आज घरेलू रसोई गैस या एलपीजी के दाम में करीब 14 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है. सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर 7.23 रुपये महंगा हो गया है जबकि गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में 73.5 रुपये की भारी बढ़ोतरी की गई है. सरकार की योजना है कि चालू वित्त वर्ष के आखिर तक एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी पूरी तरह खत्म कर दी जाए. बढ़े हुए दाम आज से ही लागू हो गए हैं.




जानें एलपीजी सिलेंडर के नए दाम

अब दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलेंडर (14.2 किलो) के दाम बढ़कर 487.18 रुपये हो गए हैं जो कि पहले 479.77 रुपये थे.

वहीं गैर सब्सिडाइज्ड गैस सिलेंडर के दाम 73.5 रुपये की बढ़ोतरी के बाद 524 रुपये से बढ़कर 597.50 रुपये हो गए हैं.




इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने रसोई गैस सिलेंडर के बढ़े हुए नए दामों की घोषणा की है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को औसत तेल कीमतों और पिछले महीने के फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर एलपीजी और एटीएफ के दामों में बदलाव करती हैं. इससे पहले 1 अगस्त को एलपीजी सिलेंडर के दाम में 2 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी.







एटीएफ, केरोसिन के दाम भी बढ़ाए गए

इसी के साथ ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) के दाम भी 4 फीसदी बढ़ा दिए हैं.

एटीएफ या जेट फ्यूल के दाम 1910 रुपये बढ़ाकर 50,020 रुपये प्रति किलोलीटर हो गए हैं जो कि पहले 48,110 रुपये थे.

इसके अलावा पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के तहत मिलने वाले केरोसिन यानी मिट्टी के तेल में भी 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.




पिछले साल जुलाई से अब तक 68 रुपये महंगी हुई रसोई गैस

पिछले साल जुलाई में सरकार ने हर महीने सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर पर 2 रुपये बढ़ाने की पॉलिसी लागू की थी और इसी के बाद से अब तक सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर 68 रुपये महंगा हो चुका है. जुलाई 2016 में रसोई गैस का दाम 419.18 रुपये था. वहीं 1 जुलाई को रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 32 रुपये का इजाफा हुआ था. रसोई गैस सिलेंडर के जीएसटी के दायरे में आने के बाद इसपर टैक्स बढ़ा था और इसीलिए एकसाथ एलपीजी 32 रुपये महंगी हुई थी.




वहीं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान 31 जुलाई को लोकसभा में जानकारी दी थी कि सरकार ने तेल कंपनियों को हर महीने रसोई गैस के दाम 2 रुपये की बजाए 4 रुपये बढ़ाने के लिए कहा है जिससे मार्च 2018 तक रसोई गैस पर सब्सिडी पूरी तरह खत्म हो सके.




झटका: अब मोदी सरकार खत्‍म करेगी LPG सब्सिडी, हर महीने बढ़ेंगे दाम




एक साल में 12 सब्सिडाइज्ड सिलेंडर

सरकार एक वित्त वर्ष में कंज्यूमर को 14.2 किलोग्राम वाले 12 सिलेंडर सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराती है. इससे ज्यादा सिलेंडर लेने पर ग्राहक को गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत अदा करनी होती है.




देश में कुल एलपीजी ग्राहक

गैर सब्सिडी सिलेंडर के ग्राहकों की संख्या 2.66 करोड़ है जबकि सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर के देश में 18.11 करोड़ ग्राहक हैं. इसमें 2.6 करोड़ वो गरीब महिलाएं भी शामिल हैं जिन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत पिछले एक साल में मुफ्त गैस कनेक्शन मुहैया कराए गए हैं.