सोमवार, 22 फ़रवरी 2016

जयपुर चोरी करके भाग रहे थे, रास्ते में नर्स से दुष्कर्म



जयपुर चोरी करके भाग रहे थे, रास्ते में नर्स से दुष्कर्म


गांधीनगर पुलिस ने पारंपरिक पुलिसिंग से 25 दिन की छानबीन के बाद एक नर्स अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीन आरोपित दबोच लिए। आरोपित नकबजन हैं, जबकि उनके तीन साथियों की तलाश है। पुलिस ने बताया कि नकबजनों ने शिवदासपुरा क्षेत्र में दुकानों से चोरी करके भाग रहे थे। रामबाग सर्किल पर अकेली नर्स दिखी तो बाइक रोककर जबरन उसको बैठा लिया और एसएमएस स्टेडियम के पास सामूहिक दुष्कर्म किया।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पूर्व) ज्ञानेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त बस्सी निवासी हीरालाल उर्फ कलरा बावरिया, बीरबल उर्फ जगदीश और कानोता निवासी रामस्वरूप उर्फ रामू बावरिया हैं। आरोपितों की शिनाख्त परेड़ कराई जाएगी। एसीपी गांधीनगर मोहेश चौधरी ने बताया कि 15 पुलिसकर्मियों की टीम ने 20 दिन की छानबीन में दुष्कर्म के साथ नकबजनी की वारदातों का खुलासा हुआ है। छानबीन में सीसीटीवी से सुराग लगे तो प्रतापनगर से रामबाग सर्किल तक करीब 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग खंगाली।

यह था मामला

प्रतापनगर क्षेत्र निवासी 28 वर्षीय नर्स 26 जनवरी की सुबह करीब पांच बजे मिनी बस से रामबाग चौराहा पर उतर कर अस्पताल जा रही थी। इसी दौरान बाइक सवार तीन युवक आए और उसे जबरन बाइक पर खींचने लगे। विरोध करने पर दो युवक ने पेड़ से डंडे तोड़े और मारपीट कर बाइक से एसएमएस स्टेडियम की ओर ले जाकर झाडि़यों में दुष्कर्म किया।

रायपुर गरीबों के लिए बनेंगे पांच करोड़ घर : प्रधानमंत्री



रायपुर गरीबों के लिए बनेंगे पांच करोड़ घर : प्रधानमंत्री



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना एवं इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्ंिरग क्लस्टर का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा, देश की आजादी के इतने वर्ष बाद पांच करोड़ परिवार ऐसे हैं जिनके लिए आवास निर्माण आवश्यक है।

इनमें से लगभग दो करोड़ लोग शहरों में हैं तथा तीन करोड़ लोग गांवों में हैं। ये ऐसे गरीब लोग हैं जिनके लिए अपने संसाधनों से मकान बना पाना संभव नहीं है।

मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए 2022 तक का लक्ष्य रखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने सपना देखा है कि आजादी के 75 साल होने पर हिंदुस्तान के गरीब से गरीब को भी अपना घर मिले। 2022 तक पांच करोड़ घर बनाने हैं।

काम बहुत बड़ा है लेकिन इससे रोजगार भी बढ़ेगा तथा देश की आर्थिक प्रगति होगी। मोदी ने कहा कि इसके लिए देश की सभी राज्य सरकारें आगे आएं। जितना जल्द हो सके अपने यहां जगह तय करें।

अजमेर प्रेम विवाह प्रकरण: अब प्रेमी के घर में तोडफ़ोड़



अजमेर प्रेम विवाह प्रकरण: अब प्रेमी के घर में तोडफ़ोड़


घर से भाग कर प्रेम विवाह करने को लेकर दो समाजों के बीच उपजे विवाद में युवती के परिजन ने शनिवार देर रात युवक के घर में तोडफ़ोड़ कर दी। युवक की मां ने रविवार शाम घर में तोडफ़ोड़ व लूटपाट की शिकायत दी। रामगंज थाना पुलिस ने शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी। रामगंज कंजर बस्ती स्थित हेमन्त अटारिया के यहीं की रहने वाली सोनिया से प्रेम विवाह को लेकर शनिवार को विवाद ने उग्र रूप ले लिया था। इस दौरान युवती के समाज के लोगों ने रामगंज पुलिस चौकी के बाहर पथराव कर दिया था।

हेमन्त की मां नर्बदा देवी ने बताया कि देर रात आए सोनिया के रिश्तेदारों ने उनके घर में घुस कर टीवी, रेफ्रिजरेटर के साथ घरेलू सामान में तोड़-फोड़ की। उसने व उसके छोटे बेटे ने जैसे-तैसे अपनी जान बचा कर अपने रिश्तेदार के घर में पनाह ले रखी है। नर्बदादेवी ने रामगंज थानाप्रभारी को शिकायत देकर जानोमाल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। उसने बताया कि आरोपितों से उसे और उसके छोटे बेटे को खतरा है।

युवती बालिग!

एएसआई हीरालाल सुबह कड़ी सुरक्षा में सोनिया को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां फोरेंसिक मेडिसन विभाग में सोनिया का मेडिकल बोर्ड से उम्र का मेडिकल किया। सोनिया ने पुलिस व मेडिकल बोर्ड के समक्ष आधार कार्ड, राशन कार्ड, मैरिज सर्टिफिकेट पेश किए जिसमें उसकी उम्र 21 वर्ष होना सामने आया। वहीं फोरेंसिक मेडिसिन विभाग की प्रारंभिक जांच में सोनिया को बालिग होना पाया गया है। हालांकि विभागीय रिपोर्ट सोमवार तक आएगी। फिलहाल सोनिया और हेमन्त को पुलिस ने अपनी निगरानी में ले रखा है।

युवती का मेडिकल बोर्ड से उम्र का मुआयना कराया है। घर में तोडफ़ोड़ की नर्बदा देवी ने शिकायत दी है। प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।



भूपेन्द्र सिंह, थानाप्रभारी रामगंज

रविवार, 21 फ़रवरी 2016

जैसलमेर, सूफी और फ्यूजन के रस में भीगी मरू महोत्सव की शाम






जैसलमेर, सूफी और फ्यूजन के रस में भीगी मरू महोत्सव की शाम



जैसलमेर, 21 फरवरी। विष्व विख्यात मरू महोत्सव के दूसरे दिन की सांस्कृतिक संध्या को देष विदेष के फनकारों ने फ्यूजन सूफी संगीत के सुरों से नहला दिया। देषी और विदेषी कलाकारों ने पर्यटकों के सामने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर सुरों में सरोबार कर दिया। सांस्कृतिक संध्या में ड्यूंस आॅफ राजस्थान, विख्यात दिल्ली के एका बैण्ड तथा रूस व युक्रेन के ट्रायो बैण्ड के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा। ड्यूंस आॅफ राजस्थान के कलाकारों नें ‘पिया के रंग रंग दीनी ओढ़नी...‘ जैसे सूफी गानों की प्रस्तुतियां दी। बैण्ड में इंडियाज गाॅट टैलेंट के सेमी फाइनिस्ट रहे सुमित, जाकिर हुसैन, भरत व अषोक ने अपनी प्रस्तुतियां दी।

वहीं ट्रायो बैण्ड की विदेषी कलाकारों ने सैक्सोफोन एवं वायलिन पर वेस्टर्न व बाॅलीवुड गानों की जुगलबंदी पेष की। ट्रायो बैण्ड ने बाॅलीवुड के विभिन्न नए पुराने गानों की धुने अपने कस्टमाइज्ड वाद्य यंत्रों पर बजा कर फ्यूजन प्रस्तुत कर यह साबित कर दिया कि संगीत सीमाओं से परे है।

जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा के आतिथ्य में सांस्कृतिक शाम में उप वन संरक्षक श्रीमती सुदीप कौर के साथ ही जिला व पुलिस प्रषासन के विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी, सेना के अधिकारी, देषी विदेषी सैलानी तथा स्थानीय गणमान्य नागरिको सहित बड़ी तादात में संगीतप्रेमी देर तक मौजूद रहे।

एका बैण्ड के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बेंजामिन पिंटो ने अपने सुरों को रिक्की की गिटार, लोकेज के बेस गिटार, व जैक रिवेला के ड्रम पर साधा। आॅस्ट्रिया से आए कलाकार क्रिस्टियन ने अपने मुंह से विभिन्न प्रकार की आवाजें निकाल पर बीट बाॅक्सिंग बैण्ड पर प्रस्तुति देकर दर्षकों को बांधे रखा। जैसलमेर के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार तगाराम भील ने अलगोजा वादन कर राजस्थानी गीतों की धुनें पेेष कर राजस्थानी संगीत की धरोहर को स्टेज पर साकार किया।

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सम के लहरदार रेतीले धोरों पर तीन दिवसीय मरु महोत्सव का आतिषबाजी के साथ होगा समापन

पतंगबाजी, ऊंट दौड़ व सांस्कृतिक संध्या का होगा आयोजन




जैसलमेर, 21 फरवरी। तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय मरु महोत्सव का समापन सोमवार को जैसलमेर से 40 किलोमीटर दूर सम के लहरदार रेतीले धरों पर होगा। सोमवार को सुबह नौ बजे से 11 बजे तक पतंगबाजी का आयोजन होगा। वहीं सायं चार बजे तक एडवेंचर गतिविधियां होंगी। इसके अलावा ऊंट दौड़ का आयोजन भी किया जाएगा। मरु महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रंखला में अंतिम और भव्य सांस्कृतिक संध्या सम के धोरों में सवा छह बजे से आयोजित होगी जिसमें ख्यातनाम कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। मेले का समापन भव्य और रंगीन आतिषबाजी के साथ होगा।

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जैसलमेर मरु महोत्सव के दूसरे दिन रहा बीएसएफ जवानों का रोमांच



मरु महोत्सव के दूसरे दिन रहा बीएसएफ जवानों का रोमांच

पणिहारी दौड व रस्साकषी सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में

देशी-विदेशी सेलानियों ने लिया भाग



जैसलमेर, 21 फरवरी/जग विख्यात मरु महोत्सव - 2016 के कार्यक्रमों की कड़ी में दूसरे दिन सोमवार को स्वर्ण नगरी जैसलमेर के पास स्थित डेडानसर मैदान में सीमा सूरक्षा बल के जवानों की प्रस्तुतियों ने देषी विदेषी सैलानियों को रोमांचित कर दिया। वहीं बल के ऊंटों के हैरतंगेज कारनामें दिखा कर आगुंतकों को अचरज में डाल दिया। वहीं ऊंट सजावट, शाने-मरुधर, पणिहारी दौड़, कबड्डी, रस्साकषी व कैमल पोलो जैसी प्रतियोगिताओं सहित एयरोमाॅडल शो व भारतीय वायुसेना के जवानों की एयर वाॅरियर ड्रिल ने देषी विदेषी मेहमानों का भरपूर मनोरंजन किया। दूसरे दिन के कार्यक्रम में राज्य मानव आयोग के अध्यक्ष एच.आर.कुडी, पुलिस महानिदेषक गृहरक्षा नवदीपसिंह, नगरपरिषद सभापति श्रीमती कविता खत्री, पुलिस अधीक्षक डाॅ राजीव पचार मौजूद थे।

पलों में जीती पणिहारियांः-

महोत्सव के दूसरे दिन पणिहारी मटका रेस प्रतियोगिता में देशी-विदेशी महिलाओं ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में पहले तीनों ही स्थानों पर भारतीय प्रतिभागी रही। इन प्रतिभागियों ने दस मीटर पर रखी ईढ़ाणी को अपने सिर पर रखने से लेकर 50 मीटर की मटका दौड़ को कुछ ही पलों में पूरा कर लिया। विदेषी युवतियों व महिलाओं ने भी प्रतियोगिता में बड़े उत्साह से भाग लिया। पणिहारी मटका रेस में स्थानीय प्रतिभागी प्रेम चैधरी पहले, कान्ता कुमारी दूसरे और मुन्नी देवी तीसरे स्थान पर रही।

रस्साकषी में जीते विदेशी मेहमानः-

डेडानसर मैदान में आयोजित भारतीय एवं विदेशी पुरुषों तथा महिलाओं की रस्साकषी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने उत्साह से भाग लिया वहीं दर्षकों ने भी प्रतियोगिता का लुत्फ उठाया। सभी श्रेणी की प्रतियोगिताओं में 11-11 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में रस्साकषी की दो प्रतियोगिताओं में विदेषी मेहमानों ने बाजी मारी तो एक मुकाबले में सीमा सुरक्षा बल के दल ने जीत दर्ज की। सैलानियों की महिला श्रेणी की रस्साकषी प्रतियोगिता में विदेषी दल ने पहले दो राउंड जीत कर प्रतियोगिता अपने नाम की। इसी प्रकार सैलानियों की पुरुष श्रेणी में भी विदेषी सैलानियों का दल दो राउंड से बाजी मार ले गया परन्तु विदेषी सैलानियों के साथ हुए एक अन्य मुकाबले में सीमा सुरक्षा बल के दल ने बाजी पलट दी। बीएसएफ ने पहले दो राउंड अपने नाम कर यह मुकाबला बड़ी आसानी से जीत लिया।



कबड्डी में बालिकाओं ने दिखाया दमः-

पारम्परिक खेल कबड्डी की प्रतियोगिताओं में बालिकाओं ने भी मैदान में दम खम दिखाया। महिला श्रेणी का मैच समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों की बालिकाओं की टीम और जैसलमेर बी.एड. काॅलेज के बीच खेला गया जिसमें समाज कल्याण विभाग की टीम विजेता रही। इसी प्रकार पुरुष श्रेणी में ग्रामीण अंचल टीम हमीरा ने जैसलमेर स्पोट्र्स क्लब की टीम पर जीत दर्ज की।

सज-धज कर आए ऊंटः-

मरु महोत्सव में रविवार को ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता भी बहुत ही आकर्षण का केन्द्र रही। इस प्रतियोगिता में सजे धजे ऊंटों को देखकर पर्यटक उत्साहित हो उठे। इस प्रतियोगिता में पांच प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ऊंटों को मोरी, गोरबन्ध, कन्ठमाल, लूम, परची, पिलाण, तंग, मोड़, पायल, घूघरा, पूंछ बंधनी इत्यादि से श्रृंगारित किया गया।

ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता के निर्णायकों ने श्रृंगारित ऊंटों को बारीकी से जांचा परखा। इस प्रतियोगिता में के. सी. मिश्रा प्रथम, बीएसएफ के कंवर सिंह द्वितीय और बीएसएफ के ही दुर्गाराम तीसरे स्थान पर रहे। विजेताओं को राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एच. आर. कुड़ी, डीजीपी गृहरक्षा नवदीप सिंह तथा पी. एस. राजावत ने पुरस्कृत किया।

ऊंट की मंथर चाल से दर्शक हुए अभिभूत

ऊंटों की तेज चाल की प्रतियोगिता शान-ए-मरूधरा में भी प्रतियोगिता भी ऊंटों ने दर्षकों को खासा रिझाया। इसमें सात प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें प्रति प्रतियोगी को मात्र कच्छी-बनियान धारण किए हुए उन्हें निर्धारित 100 मीटर की दूरी तय करनी थी। ऊंट सवार ने निर्धारित दूरी पर रखे जूते पहने अपना टेवटा बांधा तथा कुर्ता पहना एवं उसके बाद साफा बांध कर ऊंट पर गद्दी एवं पिलाणा जमा कर उसे तंग से बांध कर मंथर चाल से पहुॅंचा। यह नजारा मनोहारी व हास्यप्रद तथा दर्षकों को खूब हंसाया। इस प्रतियोगिता मे प्रतिभागी बंषीलाल पहले, रतनलाल दूसरे तथा गोरधन लाल तीसरे स्थान पर रहे।



कैमल पोलो मैच में ऊंटों ने निभाया पूरा साथ, कैमल पोलो संघ की टीम रही विजेता

कैमल पोलो की प्रतियोगिता में सवारों और ऊंटों का आपसी सामंजस्य ने दर्षकों ने खूब सराहा। कैमल पोलो का मैच कैमल पोलो एसोसिएषन आॅफ इंडिया और सीमा सुरक्षा बल की टीम के बीच हुआ। खेल की शुरूआत में ही कैमल पोलो एसोसिएषन की टीम ने एक गोल दाग कर बढ़त बना ली। बढ़त बरकरार रखते हुए कैमल पोलो एसोसिएषन ने एक और गोल दागकर 2-0 से जीत दर्ज की।

वायुसेना के जांबाजो की एयर वाॅरियर ड्रिल ने खड़े किए रोंगटेः-

डेडानसर मैदान में भारतीय वायु सेना के जांबाजो ने रोमांचक एवं रोंगटे खडे करने वाली ‘एयर वाॅरियर ड्रिल’ की शानदार प्रस्तुति दी। वाॅरियर ड्रिल में राइफल करतबों को विभिन्न तरीकों से प्रस्तुत किया गया। कदम से कदम मिलाते हुए इन वायु सेना के जाबाजो ने इनक्लाइंग रूपरेखा, 4 चैकोर समूह, जिग जैग रूपरेखा एवं अपने हाथों से राइफल को उछाल कर पुनः प्राप्त करना, राइफल को चलाते हुए बीच में से निकलने जैसे करतबों को पेष कर दर्षको के रौंगटे खडे करा दिए। वहीं एयरोमाॅडल शो के लड़ाकू विमानों के दो माॅडलों ने आकाष में हैरतंगेज करतब दिखाए। करतब इतने रोमांचक थे कि डेडानसर मैदान में बैठे हर मेहमान की नजर आसमान से नहीं हटी।

सीमा सुरक्षा प्रहरियों का साथ दिया रेगिस्तान के जहाज ने

डेडानसर मैदान मे सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रस्तुत किये गये ऊटों के विभिन्न हैरतअंगेज करतबों वाले ‘‘कैमल टैटू शो‘‘ ने दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों द्वारा ऊंट के विभिन्न रोमांचकारी करतबों को प्रस्तुत कर मरु भूमि एवं सीमाओं की सुरक्षा में इस मूक पशु रेगिस्तान जहाज ने अपनी महत्ता से अवगत करा दिया। सीमा सुरक्षा बल के डिप्टी कमांडेंट कुलदीप चैधरी के नेतृत्व में उंटो पर सजे धजे सीमा प्रहरियों ने गौरवपूर्व प्रदर्षन किया। टैटू शो के दौरान सीमा चैकसी के दौरान उपजने वाली परिस्थितियों को प्रदर्षित किया गया। प्रषिक्षित ऊंटो ने दुनिया का आठवां अजूबा माने जाने वाले दुनिया के एक मात्र कैमल-माउंटेड बैण्ड की लोक गीतों की धुनो पर नृत्य भी पेष किया। बैण्ड ने फूलाराम राणा की अगुआई में मधुर धुने प्रस्तुत की। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने ऊंटों के साथ एक्रोबेट तथा पीटी का प्रदर्षन भी किया। सीमा प्रहरियों ने प्रषिक्षित ऊंटों पर सवार होकर क्राॅसिंग, त्रिकोणीय संरचना, शक्करपारा संरचना, चक्रव्यूह लहरिया, चैराहा तथा पीपल के पत्ते की संरचना बना कर दर्षकों को अचम्भित कर दिया। डेडानसर मैदान में कार्यक्रम के अंत में सीमा सुरक्षा बल के हैड कांस्टेबल लतीफ खां लंगा एवं उनके साथियों ने बल के कैम्पों में पायी जाने वाली दैनिक उपयोग की वस्तुओं से बैण्ड की प्रस्तुति दी। उन्होंने ‘‘हम तो सीमा के प्रहरी है, फीदा इस पर हो जायेंगे‘‘ गाना प्रस्तुत कर देष भक्ति की भावना प्रस्तुत की।

मातृभाषा दिवस: बोली फूटती है, तब भाषा जन्म लेती है

मातृभाषा दिवस: बोली फूटती है, तब भाषा जन्म लेती है


कोटा बारह कोसा बोली पलटे, बनफल पलटे पाकां बरस छत्तीस जोबन पलटे, लखण न पलटे लाखां....
तात्पर्य है 12 कोस चलने पर बोली बदल जाती है और वन फल पकने पर बदलते हैं। यौवन 36 बरस में पलटता है, लेकिन आदतें जीवनभर नहीं बदलती। आज मातृभाषा दिवस है और बदलती बोली के फूटते बोल ही भाषा के जनक होते हैं। यही कारण है कि साहित्य, धर्म, व्यवसाय समेत हर बात को फैलाने के लिए बोलियों का उपयोग किया गया।

राजस्थानी भाषा की आधा दर्जन बोलियों में हाड़ौती भी शामिल है। हाड़ौती यानी हाड़ा राजाओं की बोली, जो हाड़ौती अंचल में बोली जाती रही है। कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ और आस-पास के क्षेत्रों में हाड़ौती के बोल ज्यादा सुनाई देते हैं।

15वीं शताब्दी में लिखा युद्ध काव्य

हाड़ौती बोली की शुरुआत का स्पष्ट कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। हाड़ौती से जुड़े साहित्यकारों की मानें तो 15वीं शताब्दी में गागरौन के शिवदास गाडण ने अचलदास खींची की वचनिका लिखी। यह एक युद्ध काव्य था, जो कि गद्य और पद्य दोनों में लिखा गया।

शिवदास के ही वंशज के तौर पर पहचाने गए गागरौन के संत पीपाजी के भी कई पद हाड़ौती में मिलते हैं। संत पीपाजी रामानंद के प्रमुख शिष्यों में एक थे। इसके बाद बड़ा नाम सन् 1857 में अपनी कलम से विदेशी दासता के खिलाफ अलख जगाने वाले बूंदी के कवि पं.सूर्यमल्ल मिश्रण का है, जो राजस्थानी की आन बान के वाहक बने।

सूर्यमल्ल मिश्रण ने भरी ऊर्जा, जगाई जनचेतना

बूंदी के राजकवि पं.सूर्यमल्ल मिश्रण ने राजस्थानी कविता को नई चेतना और ऊर्जा दी। इसके बाद भैरवलाल काला बादल का गीत 'अब तो बरसा दे बळती आग काला बादळ रेÓ उनकी पहचान ही बन गया। काला बादल के गीत लोगों में अव्यवस्था के खिलाफ विद्रोह जगाते थे।

तू हाल सभा में चाल म्हारा ढोला जी, तू खाग्यो रे घर को माल म्हारा ढोला जी..., गोली सूँ डरो तो घूँघट लो, थां की पागां म्हॉने दो, लो हाथां में चुड़लो घाल म्हारा ढोला जी। गीत का उपयोग लांबाखोह की महिलाओं ने बरड़ के किसान आंदोलन में अपने पतियों को ले जाने के लिए किया था।

आज की हाड़ौती

आजादी के बाद भी हाड़ौती में कवि सम्मेलनों के माध्यम से कवियों ने गांव-गांव में अलख जगाई। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी हाड़ौती के कवि सम्मेलन हो रहे हैं। कवि सम्मेलनों के सबसे लोकप्रिय कवियों में एक जगदीश सोलंकी ने भी अपनी काव्ययात्रा की शुरुआत में राजस्थानी गीत लिखे और उनके राजस्थानी गीतों का एक लघु संकलन प्रकाशित हुआ।

अतुल कनक ने काव्ययात्रा का शुरुआत तो हिन्दी कविताओं से की, बाद में राजस्थानी की ओर रुख किया। राजस्थानी उपन्यास जूण जातरा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया। अंचल में प्रेमजी प्रेम, डॉ. शांति भारद्वाज राकेश, अंबिका दत्त साहित्य अकादमी पुरस्कार और डॉ.ओम नागर को साहित्य अकादमी का ही युवा पुरस्कार मिला है।

इनका रहा योगदान

डॉ. कन्हैयालाल शर्मा ने हाड़ौती बोली के भाषाई विवेचन के लिए बहुत काम किया। उन्होंने हाड़ौती बोली और साहित्य शीर्षक से पुस्तक लिखी। उन्होंने युद्ध काव्य पृथ्वीराज का कड़ा, लोककथा का संपादन करते हुए रंज्या हीर और तेजाजी का प्रकाशन किया। डॉ.नरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी ने 2011 में हाड़ौती अंचल की हिन्दी काव्य परम्परा और विकास पुस्तक लिखी।

हाड़ौती के लोक गीतों पर आधारित कमला कमलेश की पुस्तक हाड़ौती लोक काव्य सम्पदा भी महत्वपूर्ण है। अतुल कनक व ओम नागर ने संयुक्त रूप से 2010 में राजस्थानी भाषा की पत्रिका राजस्थानी गंगा के हाड़ौती विशेषांक का संपादन किया। हाड़ौती में तेजाजी गायन को शब्दों में पिरोने का काम चित्रकार मदन मीणा ने किया।

बाइबिल का अनुवाद

हाड़ौती में बाइबिल का अनुवाद भी किया गया। इसका एक पृष्ठ इंटरनेट पर मौजूद भी है। इस पृष्ठ में हाड़ौती में उपयोग लिए जाने वाले शब्दों की मौजूदगी है। इस पृष्ठ में दिया गया संदेश...ईश्वर के सान्निध्य से आदमी अंधकार से उजास की ओर आता है। हम सब उसी की संतानें हैं।

होने लगा नया लेखन

समय के साथ हाड़ौती लेखन में भी बदलाव आया। नई कविता लेखन के साथ-साथ अनुवाद भी होने लगा। अनुवाद में डॉ.शांति भारद्वाज राकेश, अतुल कनक, ओम नागर और अम्बिका दत्त के साथ ही रामेश्वर शर्मा रामू भैया जुटे हैं।

विभिन्न भाषाओं से हाड़ौती में अनुवाद के साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा आधा दर्जन पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी हैं। अंता से हाड़ौती भाषा की मासिक पत्रिका कूंपळ निकालने के लिए क्षेत्र के साहित्यकारों द्वारा गोष्ठियां की जा चुकी है। जल्द ही इस मासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू होगा।







साभार प्रमोद मेवाड़ा.

बाड़मेर २८ फरवरी रविवार को राजकीय अस्पताल में श्रमदान करेगा ग्रुप फॉर पीपुल्स

बाड़मेर २८ फरवरी रविवार को राजकीय अस्पताल में श्रमदान करेगा ग्रुप फॉर पीपुल्स 

बाड़मेर सामाजिक सरोकार के तहत आगे आई ग्रुप फॉर पीपुल्स के कार्यकर्ता आगामी रविवार को राजकीय अस्पताल में श्रमदान करेंगे ,ग्रुप फॉर पीपुल्स की रविवार को डकल बंगलो में आयोजित बैठक में सर सम्मति से यह निर्णय लिया ,ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया की ग्रुप द्वारा आगामी अट्ठाईस फरवरी रविवार को राजकीय अस्पताल में श्रमदान कार्यक्रम रखा गया हैं ,जिसमे समस्त कार्यकर्ता अस्पताल में स्वछता अभियान के तहत पूर्ण सफाई करेंगे ,उन्होंने बताया की ग्रुप के अध्यक्ष अक्षयदान बारहट ,रमेश सिंह इन्दा ,अनिल सुखानी ,नरेश देव सारण ,रमेश कड़वासरा ,इंद्र प्रकाश पुरोहित , बाबू भाई शेख ,जय श्री खत्री ,रविन्द्र चौधरी  ,दिलीप सिंह गोगादेव ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,हितेश मूंदड़ा ,ललित छाजेड़ ,स्वरुप सिंह भाटी ,नरेंद्र खत्री ,छोटू सिंह पंवार ,मगाराम माली ,सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे ,सर्व सम्मति से निर्णय लिया की राजकीय अस्पताल को साफ सुथरा रखने के लिए अभियान के तहत श्रमदान का आयोजन किया जाए 

इस्लामाबाद पाकिस्तान ने गिरफ्तार किए 88 भारतीय मछुआरे



इस्लामाबाद पाकिस्तान ने गिरफ्तार किए 88 भारतीय मछुआरे


पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी (एमएसए) ने शनिवार को कथित तौर पर देश की जल सीमा में मछली पकडऩे के आरोप में 88 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया। पाक अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा है, ''भारतीय मछुआरों को अरब सागर के पाकिस्तानी जल क्षेत्र में मछली पकडऩे के दौरान गिरफ्तार किया गया था।ÓÓ

अधिकारी ने कहा कि एमएसए ने 18 नावों को भी जब्त किया है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए मछुआरों के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 3/4 और मत्स्य अधिनियम की धारा 3/9 के तहत मामला दर्ज किया है। पिछले तीन महीनों में मछुआरों की गिरफ्तारी की यह तीसरी घटना है।

नई दिल्ली जाट नेता की आंदोलन खत्म करने की अपील, कहा-मांगे हुईं पूरी



नई दिल्ली जाट नेता की आंदोलन खत्म करने की अपील, कहा-मांगे हुईं पूरी


गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद जाट संघर्ष समिति के नेता जयपाल सिंह सांगवान ने जाटों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारी मांगे पूरी हो गई हैं। गौरतलब है कि पिछले करीब चार दिनों से हरियाणा इस आंदोलन की वजह से उबल रहा था। पूरे प्रदेश में आंदोलन हो रहे थे। आंदोलनकारियों को नियंत्रित करने के लिए सेना तैनात की गई थी। लेकिन वह भी बेअसर नजर आई। आंदोलनकरी जगह-जगह तोडफ़ोड़ और आगजनी कर रहे थे।

आंदोलन करने वाले जाट समुदाय के लोगों ने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सरकारी और निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया है। एस्सोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक इस आंदोलन की वजह से 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वही आंदोलन में दस लोगों की मौत हो गई।

नई दिल्ली।हरियाणा: जाट आंदोलन में 20 हजार करोड़ 'स्वाहा'



नई दिल्ली।हरियाणा: जाट आंदोलन में 20 हजार करोड़ 'स्वाहा'


हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर जारी जाट आंदोलन से अब तक 20 हजार करोड़ रूपए तक का नुकसान हो चुका है। उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम ने एक रिपोर्ट जारी कर यह खुलासा किया है।

एसोचैम ने कहा है कि जाट आंदोलन का सबसे ज़्यादा असर उद्योग जगत को हुआ है। इसके अलावा निजी एवं सार्वजनिक संपत्तियों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ हरियाणा की सीमा से सटे दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के राज्यों में भी आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इसके साथ ही हरियाणा से कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी गुजरते हैं। इन्हें रोके जाने से भी देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

संगठन ने कहा कि जहां राज्य सरकार को सार्वजनिक संपत्तियों जैसे बसों, निजी वाहनों, रेलवे स्टेशनों, पुलिस थानों, मॉल और होटलों के जलाए जाने से हुए नुकसान को वहन करना है वहीं, अधिकतर जिलों में यातायात, व्यापार एवं कारोबारी गतिविधियाँ पूरी तरह से ठप्प हैं। रोहतक, झज्जर, बहादुरगढ़, हिसार, भिवानी, ङ्क्षजद, गोहाना, सोनीपत, कैथल, करनाल एवं पानीपत जिलों में व्यापार एवं उद्योग को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है।एसोचैम ने राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील करते हुए कहा है कि 'राज्य प्रशासन को राज्य की छवि खराब कर रहे असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करने के लिए आगे आना होगा। इससे निवेशकों की धारणा को झटका लगा है और वे इस क्षेत्र में निवेश करने में हिचकेंगे।

संगठन ने कहा कि करीब तीन करोड़ की आबादी वाला राज्य हरियाणा उद्योग, व्यापार, कृषि, डेयरी एवं परिवहन से करीब चार लाख 50 हजार करोड़ रूपए का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) जुटाकर अबतक प्रगतिशील राज्य माना जाता रहा है। राज्य में गुड़गांव जैसे वैश्विक व्यावसायिक केन्द्र हैं जहां सूचना प्रोद्यौगिकी का कई कंपनियों एवं मारूति सुजुकी जैसी बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों समेत कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालय हैं। जारी घटनाक्रम के कारण मारूति ने गुड़गांव और मनेसर स्थित संयंत्रों में उत्पादन बंद कर दिया है।



एसोचैम ने कहा, ''हजारों टन सामान से लदे सैकड़ों ट्रक और यात्रियों तथा सामानों से भरी ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। यह हिंसक आंदोलन केवल कंपनियों एवं कारोबारियों के बैलेंस शीट पर प्रभाव नहीं डालेगा बल्कि इससे राज्य का बजट भी प्रभावित होगा।''

बाड़मेर मातृभाषा दिवस मातृ भाषा संस्कारो की जननी और वाहक है ।: बोली फूटती है, तब भाषा जन्म लेती है

बाड़मेर  मातृभाषा दिवस मातृ भाषा संस्कारो की जननी और वाहक है ।: बोली फूटती है, तब भाषा जन्म लेती है

बाड़मेर  राजस्थानी भाषा एक प्राचीनतम भाषा है ।मातृ भाषा संस्कारो की जननी और वाहक है ।: बोली फूटती है, तब भाषा जन्म लेती है,उक्त विचार विश्व मातृ भाषा दिवस की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघरशा समिति बाड़मेर के तत्वावधान में आयोजित विच्चर गोष्ठी  में राजस्थानी भाषा समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी  ने व्यक्त किये ।भाटी  ने कहा कि बोलचाल में मातृभाषा का उपयोग व्यक्ति की सादगी व् सौम्यता का परिचय देता है .
मुख्य वक्ता अखेदान बारहट  ने कहा कि मातृभाषा में शब्दों का प्रवाह तीव्रता से होता है ।राजस्थान कि सांस्कृतिक साहियिक इतिहासिक विरासत को समझने समझाने में मातृभाषा का उपयोग प्रभावी रहता है ।
समिति के जिला सह संयोजक नरेश देव सारण  ने कहा कि बिना मातृभाषा समाज का एक बड़ा वर्ग संवाद हीनता का शिकार होता है ।  मात्र भाषा में वेदव्यास , कबीर , मीरा ने जो काव्य रचे है उन रचनाओ को अगर वे अन्य बाषाओ में रचने कि कोशिश करते तो शायद सफल नहीं होते .मातृ भाषा पर डायल सोनी कि ये पंक्तिया बहुतयाद आती है " मू निज वाणी छोड़ सिख लू हिंदी भी तो लाभ कई , थारी अंगेरजी री ज़िद सूं हिंदी भी तो हार गयी "।
इस अवसर पर बाबू भाई शेख ,दुरजन सिंह गुडीसर ,रमेश सिंह इन्दा ,जय श्री खत्री ,हितेश मुंदरा ,छोटू सिंह पंवार ,नरेंद्र खत्री ,एडवोकेट दलपत सिंह ,रमेश कड़वासरा ,रविन्द्र चौधरी ,शाहिद हुसैन ,नरपत सिंह लंगेरा ,मगाराम माली सहित समिति के कई कार्यकर्त्ता उपस्थित थे 
शिक्षाविद एवं जिला उप पाटवी अनिल सुखानी  राजस्थानी भाषा को आठवी अनुसूची में सम्मिलित करने और इसको मान्यता प्रदान करने की जरुरत पर बल दिया ।  । कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के युवाओ एवं बुद्धिजीवियों ने भाग लिया ।    , इससे पहले जय नारायण व्यास अभियांत्रिकी   महाविद्यालय के छात्रों ने प्रधानमंत्री के नाम राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचै में शामिल करने की मांग को लेकर पोस्ट कार्ड लिखे ,

झालावाड़ संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर ने किया निरीक्षण



झालावाड़ संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर ने किया निरीक्षण


संभागीय आयुक्त रघुवीर मीणा, जिला कलक्टर डॉ.जितेन्द्र कुमार सोनी ने शनिवार को हीराकुंवर बा जनाना अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान वे करीब आधा घंटा अस्पताल में रूके। यहां शिशु रोग विभाग को अधिक सुंदर बनाए जाने की जरूरत बताई। जिला कलक्टर ने डीन से कहा कि शिशु रोग विभाग को आकर्षक बनाया जाए। इससे बच्चों की वार्ड में रहने की रूचि बने। यहां वार्ड में चित्रकारी कर दीवारों को रंग-बिरंगा पुताया जाए।

गंदगी बर्दाश्त नहीं

जनाना चिकित्सालय में दीवारों पर हो रही गंदगी को देख जिला कलक्टर बिफर गए। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से कहा कि दीवारों पर पान व गुटखे की पीक की सफाई कराई जाए। ऐसी गंदगी बर्दाश्त नहीं होगी। इसके लिए सभी अधीनस्थों को भी निर्देश दिए जाएं।

कब बिछाई चादर

प्रसूति वार्ड में प्रसूताओं से जिला कलक्टर ने बात की। उन्होंने प्रसूताओं से अस्पताल प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। चद्दर पर हो रही गंदगी पर इसे बदलने व नई चादरों को बेड पर बिछाने के निर्देश दिए।

लगातार हो रही गंदगी

प्रसूति वार्ड में अंदर जाते समय अधिकारियों को गंदगी के चलते मुंह पर हाथ रखना पड़ा। कलक्टर ने कहा कि गंदगी बहुत अधिक है। इस पर अभी तक अस्पताल प्रशासन काबू नहीं पा सका है।

मरीजों से की बात

कलक्टर जब सीढिय़ों से नीचे उतर रहे थे। इसी बीच वार्ड के बाहर खाली जगह पर बैठे तारज निवासी नरेश मालव ने कहा कि उनके परिजन को रैफर कर दिया। लेकिन जनाना चिकित्सालय में उपचार नहीं किया जा रहा है। इस पर कलक्टर ने मौके पर अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश देकर उसका समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए।

परिजनों को रहने की हो सुविधा

शिशु गहन चिकित्सा इकाई से बाहर निकलते समय वार्डों के बाहर सो रहे परिजनों से भी संभागीय आयुक्त व जिला कलक्टर ने बात कर उनके हाल जाने। आयुक्त मीणा ने उनके गांव का पता पूछा। इस पर परिजनों ने अधिकारियों से उनके रहने की उचित व्यवस्था करने की बात कही। इस दौरान डीन डॉ.आर.के.आसेरी, अस्पताल अधीक्षक डॉ.राजन नंदा, प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.मंजू अग्रवाल समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

पुलिस के सामने हुआ महिला का मर्डर, दोनों कांस्टेबलों के छूट गए पसीने

पुलिस के सामने हुआ महिला का मर्डर, दोनों कांस्टेबलों के छूट गए पसीने
लोसल. थाना इलाके के गांव राजपुरा की रोही में रविवार सुबह एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना पुलिस के दो कांस्टेबलों की मौजूदगी में हुई है। हत्या के आरोप में महिला के पति को गिरफ्तार कर लिया गया है।

लोसल थानाधिकारी भगवान सिंह के अनुसार राजपुरा की रोही में रह रहा बावरिया बुधराम नागौर जिले के चितावा पुलिस थाना का स्टैडिंग वारंटी है। चितावा थाने के दो कांस्टेबल सुबह करीब साढ़े नौ बजे बुधराम को गिरफ्तार करने के लिए राजपुरा की रोही स्थित उसके डेरे पर आए। कांस्टेबलों ने बुधराम को हिरासत में लिया तो उसकी पत्नी सुप्यार व अन्य परिजन इसका विरोध करने लगे।

इसके दौरान गोली चल गई, जो सुप्यार के लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।

पुलिस का दावा है कि गोली बुधराम बावरिया की लोडेड बंदूक से चली थी। गोली लगने से महिला की मौत की सूचना पर डीएसपी कमल सिंह चौहान भी मौके पर पहुंचे। बुधराम को लोसल थाने लेकर आए और उसकी पत्नी का शव लोसल के अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया।

नागौर फाटक तोड़कर बेकाबू ट्रेलर कार पर चढ़ा, 2 लोग घायल



नागौर फाटक तोड़कर बेकाबू ट्रेलर कार पर चढ़ा, 2 लोग घायल


राष्ट्रीय राजमार्ग-8 9 स्थित बंद रेलवे फाटक (फाटक संख्या सी-8 5) को तोड़ते हुए एक अनियंत्रित ट्रेलर ने फाटक के दूसरी तरफ खड़ी कारों को टक्कर मार दी। हादसे में तीन कारें क्षतिग्रस्त हो गई तथा दो जने घायल हो गए। इस दौरान राजमार्ग पर दोनों तरफ वाहनों की लम्बी कतारें लगी। मौके पर पहुंची जीआरएपी पुलिस ने दुर्घटनाकारित वाहन को जब्त किया।

जानकारी अनुसार नागौर की ओर से लापरवाही एवं तेज गति से आ रहा ट्रेलर साढे नौ बजे के करीब बंद फाटक के दोनो बैरियर तोड़ते हुए सामने फाटक खुलने के इंतजार में खड़ी तीन कारों पर चढ़ गया और एक के बाद एक तीनों कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

इनोवा में बैठे कुचेरा निवासी राजेन्द्र बुरड़ (42)तथा कैलाश शर्मा (6 7)घायल हो गए। घायलों को रेण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उपचार के लिए ले जाया गया। वहां से रेफर किए गए गम्भीर घायल कैलाश शर्मा को 108 के चालक हरेन्द्र ताड़ा मेड़ता चिकित्सालय ले गए। मौके पर पहुंची जीआरएपी पुलिस ने दुर्घटनाकारित वाहन जब्त किया। क्षतिग्रस्त वाहनों को के्रन के जरिए हटवाया गया।

बाड़मेर।भारत-पाक मिलकर कर रहे पिलर की मरम्मत

बाड़मेर।भारत-पाक मिलकर कर रहे पिलर की मरम्मत


बाड़मेर।भारत और पाकिस्तान दोनों मिलकर इन दिनों बॉर्डर के उन पिलर की मरम्मत कर रहे हैं, जो क्षतिग्रस्त हो गए या धोरों में दब गए हैं। ये पिलर दोनों देशों के बीच की जीरो लाइन व सीमा तय करते हैं। सम और विषम संख्या में बंटे इन पिलरों की मरम्मत की मांग लंबे समय से भारत की ओर से पाकिस्तान से की जा रही थी।

सीमा सुरक्षा बल और पाक रेंजर्स की हाल में हुई बैठक में इस मुद्दे को ठोस तरीके से भारत ने रखा था, जिस पर पाकिस्तान की सहमति मिलने के बाद कार्य प्रारंभ किया गया है। गौरतलब है कि सरहद पर लगे सम संख्या के पिलर भारत और विषम संख्या के पिलर पाकिस्तान के हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच सरहद को चिह्नित करने के लिए जीरो लाइन पर पिलर बनाए हुए हैं। पिलर के इस तरफ भारतीय सीमा में तारबंदी है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से तारबंदी नहीं की गई है। ये पिलर दोनों देशों की सीमा को बांटते हैं। इन पिलर को लेकर अब समस्या आ रही है। कई जगह पिलर टूट गए हैं तो कई जगह पिलर रेत के टीलों के स्थान बदलने के चलते जमींदोज हो रहे हैं। यह समस्या जैसलमेर जिले की 464 किमी व बाड़मेर की 270 किमी सीमा में से कुछ क्षेत्र में आ रही है। �

दोनों देशों की सहमति जरूरी

पिलर जीरो लाइन को इंगित करते हैं, इसलिए इन पिलर की मरम्मत या रेत हटाने के लिए दोनों देशों की ओर से सहमति जरूरी है। दोनों की सहमति के बिना कोई भी जीरो लाइन तक नहीं जा सकता। ऐसे में भारत ने पाकिस्तान से पिलर मरम्मत व रेत हटाने को लेकर सहमति की बात कही थी।

�भारत-पाक की आईजी स्तरीय बैठक में यह मुद्दा उठाया था। पिलर मरम्मत का कार्य अब करवा दिया गया है। प्रतुल गौतम, डीआईजी, बीएसएफ सेक्टर बाड़मेर