बाड़मेर।भारत-पाक मिलकर कर रहे पिलर की मरम्मत
बाड़मेर।भारत और पाकिस्तान दोनों मिलकर इन दिनों बॉर्डर के उन पिलर की मरम्मत कर रहे हैं, जो क्षतिग्रस्त हो गए या धोरों में दब गए हैं। ये पिलर दोनों देशों के बीच की जीरो लाइन व सीमा तय करते हैं। सम और विषम संख्या में बंटे इन पिलरों की मरम्मत की मांग लंबे समय से भारत की ओर से पाकिस्तान से की जा रही थी।
सीमा सुरक्षा बल और पाक रेंजर्स की हाल में हुई बैठक में इस मुद्दे को ठोस तरीके से भारत ने रखा था, जिस पर पाकिस्तान की सहमति मिलने के बाद कार्य प्रारंभ किया गया है। गौरतलब है कि सरहद पर लगे सम संख्या के पिलर भारत और विषम संख्या के पिलर पाकिस्तान के हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच सरहद को चिह्नित करने के लिए जीरो लाइन पर पिलर बनाए हुए हैं। पिलर के इस तरफ भारतीय सीमा में तारबंदी है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से तारबंदी नहीं की गई है। ये पिलर दोनों देशों की सीमा को बांटते हैं। इन पिलर को लेकर अब समस्या आ रही है। कई जगह पिलर टूट गए हैं तो कई जगह पिलर रेत के टीलों के स्थान बदलने के चलते जमींदोज हो रहे हैं। यह समस्या जैसलमेर जिले की 464 किमी व बाड़मेर की 270 किमी सीमा में से कुछ क्षेत्र में आ रही है। �
दोनों देशों की सहमति जरूरी
पिलर जीरो लाइन को इंगित करते हैं, इसलिए इन पिलर की मरम्मत या रेत हटाने के लिए दोनों देशों की ओर से सहमति जरूरी है। दोनों की सहमति के बिना कोई भी जीरो लाइन तक नहीं जा सकता। ऐसे में भारत ने पाकिस्तान से पिलर मरम्मत व रेत हटाने को लेकर सहमति की बात कही थी।
�भारत-पाक की आईजी स्तरीय बैठक में यह मुद्दा उठाया था। पिलर मरम्मत का कार्य अब करवा दिया गया है। प्रतुल गौतम, डीआईजी, बीएसएफ सेक्टर बाड़मेर
बाड़मेर।भारत और पाकिस्तान दोनों मिलकर इन दिनों बॉर्डर के उन पिलर की मरम्मत कर रहे हैं, जो क्षतिग्रस्त हो गए या धोरों में दब गए हैं। ये पिलर दोनों देशों के बीच की जीरो लाइन व सीमा तय करते हैं। सम और विषम संख्या में बंटे इन पिलरों की मरम्मत की मांग लंबे समय से भारत की ओर से पाकिस्तान से की जा रही थी।
सीमा सुरक्षा बल और पाक रेंजर्स की हाल में हुई बैठक में इस मुद्दे को ठोस तरीके से भारत ने रखा था, जिस पर पाकिस्तान की सहमति मिलने के बाद कार्य प्रारंभ किया गया है। गौरतलब है कि सरहद पर लगे सम संख्या के पिलर भारत और विषम संख्या के पिलर पाकिस्तान के हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच सरहद को चिह्नित करने के लिए जीरो लाइन पर पिलर बनाए हुए हैं। पिलर के इस तरफ भारतीय सीमा में तारबंदी है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से तारबंदी नहीं की गई है। ये पिलर दोनों देशों की सीमा को बांटते हैं। इन पिलर को लेकर अब समस्या आ रही है। कई जगह पिलर टूट गए हैं तो कई जगह पिलर रेत के टीलों के स्थान बदलने के चलते जमींदोज हो रहे हैं। यह समस्या जैसलमेर जिले की 464 किमी व बाड़मेर की 270 किमी सीमा में से कुछ क्षेत्र में आ रही है। �
दोनों देशों की सहमति जरूरी
पिलर जीरो लाइन को इंगित करते हैं, इसलिए इन पिलर की मरम्मत या रेत हटाने के लिए दोनों देशों की ओर से सहमति जरूरी है। दोनों की सहमति के बिना कोई भी जीरो लाइन तक नहीं जा सकता। ऐसे में भारत ने पाकिस्तान से पिलर मरम्मत व रेत हटाने को लेकर सहमति की बात कही थी।
�भारत-पाक की आईजी स्तरीय बैठक में यह मुद्दा उठाया था। पिलर मरम्मत का कार्य अब करवा दिया गया है। प्रतुल गौतम, डीआईजी, बीएसएफ सेक्टर बाड़मेर
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