रविवार, 21 फ़रवरी 2016

नई दिल्ली।हरियाणा: जाट आंदोलन में 20 हजार करोड़ 'स्वाहा'



नई दिल्ली।हरियाणा: जाट आंदोलन में 20 हजार करोड़ 'स्वाहा'


हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर जारी जाट आंदोलन से अब तक 20 हजार करोड़ रूपए तक का नुकसान हो चुका है। उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम ने एक रिपोर्ट जारी कर यह खुलासा किया है।

एसोचैम ने कहा है कि जाट आंदोलन का सबसे ज़्यादा असर उद्योग जगत को हुआ है। इसके अलावा निजी एवं सार्वजनिक संपत्तियों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ हरियाणा की सीमा से सटे दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के राज्यों में भी आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इसके साथ ही हरियाणा से कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी गुजरते हैं। इन्हें रोके जाने से भी देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

संगठन ने कहा कि जहां राज्य सरकार को सार्वजनिक संपत्तियों जैसे बसों, निजी वाहनों, रेलवे स्टेशनों, पुलिस थानों, मॉल और होटलों के जलाए जाने से हुए नुकसान को वहन करना है वहीं, अधिकतर जिलों में यातायात, व्यापार एवं कारोबारी गतिविधियाँ पूरी तरह से ठप्प हैं। रोहतक, झज्जर, बहादुरगढ़, हिसार, भिवानी, ङ्क्षजद, गोहाना, सोनीपत, कैथल, करनाल एवं पानीपत जिलों में व्यापार एवं उद्योग को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है।एसोचैम ने राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील करते हुए कहा है कि 'राज्य प्रशासन को राज्य की छवि खराब कर रहे असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करने के लिए आगे आना होगा। इससे निवेशकों की धारणा को झटका लगा है और वे इस क्षेत्र में निवेश करने में हिचकेंगे।

संगठन ने कहा कि करीब तीन करोड़ की आबादी वाला राज्य हरियाणा उद्योग, व्यापार, कृषि, डेयरी एवं परिवहन से करीब चार लाख 50 हजार करोड़ रूपए का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) जुटाकर अबतक प्रगतिशील राज्य माना जाता रहा है। राज्य में गुड़गांव जैसे वैश्विक व्यावसायिक केन्द्र हैं जहां सूचना प्रोद्यौगिकी का कई कंपनियों एवं मारूति सुजुकी जैसी बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों समेत कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालय हैं। जारी घटनाक्रम के कारण मारूति ने गुड़गांव और मनेसर स्थित संयंत्रों में उत्पादन बंद कर दिया है।



एसोचैम ने कहा, ''हजारों टन सामान से लदे सैकड़ों ट्रक और यात्रियों तथा सामानों से भरी ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। यह हिंसक आंदोलन केवल कंपनियों एवं कारोबारियों के बैलेंस शीट पर प्रभाव नहीं डालेगा बल्कि इससे राज्य का बजट भी प्रभावित होगा।''

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