रविवार, 21 फ़रवरी 2016

जैसलमेर, सूफी और फ्यूजन के रस में भीगी मरू महोत्सव की शाम






जैसलमेर, सूफी और फ्यूजन के रस में भीगी मरू महोत्सव की शाम



जैसलमेर, 21 फरवरी। विष्व विख्यात मरू महोत्सव के दूसरे दिन की सांस्कृतिक संध्या को देष विदेष के फनकारों ने फ्यूजन सूफी संगीत के सुरों से नहला दिया। देषी और विदेषी कलाकारों ने पर्यटकों के सामने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर सुरों में सरोबार कर दिया। सांस्कृतिक संध्या में ड्यूंस आॅफ राजस्थान, विख्यात दिल्ली के एका बैण्ड तथा रूस व युक्रेन के ट्रायो बैण्ड के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा। ड्यूंस आॅफ राजस्थान के कलाकारों नें ‘पिया के रंग रंग दीनी ओढ़नी...‘ जैसे सूफी गानों की प्रस्तुतियां दी। बैण्ड में इंडियाज गाॅट टैलेंट के सेमी फाइनिस्ट रहे सुमित, जाकिर हुसैन, भरत व अषोक ने अपनी प्रस्तुतियां दी।

वहीं ट्रायो बैण्ड की विदेषी कलाकारों ने सैक्सोफोन एवं वायलिन पर वेस्टर्न व बाॅलीवुड गानों की जुगलबंदी पेष की। ट्रायो बैण्ड ने बाॅलीवुड के विभिन्न नए पुराने गानों की धुने अपने कस्टमाइज्ड वाद्य यंत्रों पर बजा कर फ्यूजन प्रस्तुत कर यह साबित कर दिया कि संगीत सीमाओं से परे है।

जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा के आतिथ्य में सांस्कृतिक शाम में उप वन संरक्षक श्रीमती सुदीप कौर के साथ ही जिला व पुलिस प्रषासन के विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी, सेना के अधिकारी, देषी विदेषी सैलानी तथा स्थानीय गणमान्य नागरिको सहित बड़ी तादात में संगीतप्रेमी देर तक मौजूद रहे।

एका बैण्ड के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बेंजामिन पिंटो ने अपने सुरों को रिक्की की गिटार, लोकेज के बेस गिटार, व जैक रिवेला के ड्रम पर साधा। आॅस्ट्रिया से आए कलाकार क्रिस्टियन ने अपने मुंह से विभिन्न प्रकार की आवाजें निकाल पर बीट बाॅक्सिंग बैण्ड पर प्रस्तुति देकर दर्षकों को बांधे रखा। जैसलमेर के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार तगाराम भील ने अलगोजा वादन कर राजस्थानी गीतों की धुनें पेेष कर राजस्थानी संगीत की धरोहर को स्टेज पर साकार किया।

.............................

सम के लहरदार रेतीले धोरों पर तीन दिवसीय मरु महोत्सव का आतिषबाजी के साथ होगा समापन

पतंगबाजी, ऊंट दौड़ व सांस्कृतिक संध्या का होगा आयोजन




जैसलमेर, 21 फरवरी। तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय मरु महोत्सव का समापन सोमवार को जैसलमेर से 40 किलोमीटर दूर सम के लहरदार रेतीले धरों पर होगा। सोमवार को सुबह नौ बजे से 11 बजे तक पतंगबाजी का आयोजन होगा। वहीं सायं चार बजे तक एडवेंचर गतिविधियां होंगी। इसके अलावा ऊंट दौड़ का आयोजन भी किया जाएगा। मरु महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रंखला में अंतिम और भव्य सांस्कृतिक संध्या सम के धोरों में सवा छह बजे से आयोजित होगी जिसमें ख्यातनाम कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। मेले का समापन भव्य और रंगीन आतिषबाजी के साथ होगा।

.............................

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें