शुक्रवार, 5 सितंबर 2014

राजस्थान की ऎसी लव स्टोरी कभी नहीं पढ़ी होगी आपने

जयपुर। एक साथ जीने-मरने की कसमें खाना और बेइंतहा मोहब्बत की पींगे पढ़ना। जमाने को मोहब्बत पर ऎतराज के चलते दोनों का एक साथ मौत को गले लगाना, लेकिन प्रेमी का बच जाना और माशूका की हत्या के मामले में कोर्ट का प्रेमी को ताउम्रकैद की सजा सुनाना।
a true love story of rajasthan

लेकिन मामले का सुप्रीम कोर्ट में जाना और जिंदगीभर जेल की सजा का 10 साल की सजा में बदल जाना। ये कोई फिल्मी स्टोरी नहीं, बल्कि राजस्थान में घटी एक सच्ची दास्तां है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने प्रेमी की ताउम्र सजा को 10 साल की कैद में बदलने का आदेश जारी किया है।

ये है कहानी
राजस्थान निवासी नरेन्द्र और नाथी के बीच प्रेम संबंध थे। लेकिन दोनों के एक ही गोत्र के होने से समाज और गांववालों को दोनों की मोहब्बत स्वीकर नहीं थी। लेकिन प्यार तो अंधा होता है। दोनों ने साथ ही जीने और साथ ही मरने की कसमें खाई थीं।

जब दोनों ने घरवालों को मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन जब मोहब्बत को रोकने के लिए सामाजिक दीवारें खड़ी होने लगीं तो दोनों ने एक साथ मौत को गले लगाना मुनासिब समझा।

नरेन्द्र और नाथी ने फैसला किया कि दोनों ही चाकू से एक-दूसरे के हाथों मरना पसंद करेंगे। ठीक वादे के मुताबिक दोनों ने एक-दूसरे के पेट में चाकू घोंपा। लेकिन जमाने के साथ ही नरेन्द्र को मौत ने भी धोखा दे दिया था।

चाकू के वार से नाथी ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया लेकिन दो बार चाकू के पेट में घोंपने के बावजूद नरेन्द्र जिंदा रहा। मौके पर पहुंची पुलिस ने नाथी के शव को तो परिजनों के सुपुर्द कर दिया और नरेन्द्र को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया।

पुलिस ने नाथी की हत्या के आरोप में नरेन्द्र को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। ट्रायल कोर्ट ने नरेन्द्र को हत्या का आरोपी मानते हुए ताउम्र कैद की सजा सुना दी। मामले में राजस्थान हाइकोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसल को बरकरार रखा और नरेन्द्र जिंदगीभर सजायाफ्ता कैदी बन गया।

मामले के देश के सर्वोच्च न्यायालय में जाते ही नरेन्द्र को फिर से जेल की काल कोठरी के बाहर सांस लेने की उम्मीद होने लगी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस टीएस ठाकुर और आर भानुमती ने नरेन्द्र के वकील की दलीलों को सुनकर और मामले पर गहन सोच-विचार कर एक निर्णय दिया। सुप्रीम कोर्ट ने नरेन्द्र की सजा ताउम्र से घटाकर 10 साल कर दी।

कोर्ट ने कहा, "इस मामले में दोनों ही एक गोत्र के थे, जिनको एक साथ जिंदगी बितानी थी। लेकिन समाज और गांव वालों के विरोध के चलते दोनों ने एक समझौते के तहत मौत को चुना। इसमें दोनों ने ही एक-दूसरे के साथ अपनी जिंदगी खत्म करनी चाही, लेकिन प्रेमिका की मौत होने से मामले में प्रेमी को हत्या का दोषी नहीं ठहराया जा सकता।"

कोर्ट ने कहा, "नाथी की हत्या पूर्व नियोजित नहीं थी। बल्कि नरेन्द्र और नाथी दोनों ने स्वेच्छा से आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन नाथी की मौत हो गई। जिसके चलते कोर्ट नरेन्द्र को आईपीसी की धारा 300 का दोषी नहीं मानती है।"

बेंच ने नरेन्द्र को आईपीसी की धारा 304-आई आईपीसी के तहत दोषी मानते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई। - 

बाड़मेर प्रशासन की लापरवाही तीस हज़ार मदरसो के बच्चे मोदी के भाषण से वंचित

बाड़मेर प्रशासन की लापरवाही तीस हज़ार मदरसो के बच्चे मोदी के भाषण से वंचित 

तामलियर मदरसे में मोदी भक्त ने मोबाइल से दिखाया भाषण 


बाड़मेर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिक्षक दिवस पर स्कूली छात्रों को दिए भाषण से बाड़मेर जैसलमेर के मदरसों में पढ़ने वाले करीब तीस बच्चों को जिला प्रशासन की लापरवाही हे वंचित रहना पड़ा ,शिक्षा विभाग के अधिकारियो ने पल्ला झड़ते हुए कहा की हमें विद्यालयों के छात्रों को ही भाषण सुनाने और दिखने के आदेश थे मदरसो के नहीं। 

शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर के विद्यालयी बच्चो के सम्बोधन से मदरसो में पढने वाले तीस हज़ार बच्चो को वंचित रखा गया। इसमे शिक्षाविभाग  और जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आई। नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनाने और दिखने के लिए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में हर तरह का इंतज़ाम किया ,इन सरहदी जिलो में करीब सात सौ मदरसे शिक्षा विभाग से पंजीकृत हैं ,जिन्हे सरकारी योजना में पोषाहार और उर्दू शिक्षको का लाभ दिया जा रहा हैं ,मगर इन मदरसा  शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा मदरसों  को नरेंद्र मोदी का भाषण दिखने और सुनाने की व्यवस्था के  कहा गया ,जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भक्त सफी खान तामलिया को यह पता चला तो उन्होंने तामलियर मदरसे में बच्चो को अपने एंड्रॉयड मोबाइल से नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाया ,जबकि शेष किसी भी मदरसे में प्रधानमंत्री का भाषण नहीं दिखाया ,मदरसा संचालको का आरोप हे की उन्हें इस कार्यक्रम की शिक्षा विभाग और जिला प्रशन द्वारा सूचना या आदेश नहीं दिया ,नहीं कार्यक्रम की कोई जानकारी मिली ,

इधर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की हमें सिर्फ विद्यालयों में प्रधानमंत्री के भाषण को दिखने और सुनाने की व्यव्श्था करने को कहा गया था ,इसमे मदरसो को शामिल नहीं किया गया था। इधर जिला प्रशासन के इस रवैये से मुस्लिम समाज में गहरा रोष व्याप्त हैं। 

तामलियर के सफी खान सम्मा ने बताया की शिक्षा विभाग द्वारा किसी भी मदरसे को इस कार्यक्रम की सूचना नहीं दी गयी ,आज सुबह वॉटसअप पर इस कार्यक्रम की मुझे किसी मित्र द्वारा जानकारी दी गयी तब मदरसे में जाकर मैंने मोबाइल से बच्चो को नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाया और सुनाया ,जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग का यह रैवया गलत परंपरा का द्योतक हैं। शनिवार को मदरसा संचालक और मुस्लिम समाज के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को देंगे ,

गाजे बाजे के साथ आज निकलेगी ठाकुरजी की रेवाडियां

रिपोर्ट :- ओमप्रकाश सोनी / बालोतरा
बालोतरा। शहर के उम्मेदपुरा स्थित माली समाज न्याति बगेची से शुक्रवार को देवझूलनी एकादशी पर दोपहर 1 बजे रेवाडियां निकाली जाएगी। माली समाज के प्रबुद्धजनों ने बताया कि दोपहर एक बजे ठाकुरजी की रेवाडी गाजे बाजे के साथ संत रामेश्वरदास,महामंडलेश्वर राघवदास महाराज व नरसिंगदास महाराज के सानिध्य में निकाली जाएगी। रेवाडियां माली समाज न्याति बगेची से भजन मंडलियों के साथ शहर के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई लूणी नदी किनारे स्थित चोंच मंदिर होते हुए वापस समाज भवन में विसर्जित होगी। माली समाज
के प्रबुद्धजनों ने सनातन धर्म के सभी श्रद्धालुओं को इस आयोजन में आने का न्यौता दिया है।

नये बस स्टेण्ड के बरसाती नाले में पक्के अतिक्रमण, बाधित हुई निकासी





रिपोर्ट :- ओमप्रकाश सोनी / बालोतरा
बालोतरा। बालोतरा शहर के नये बस स्टेण्ड इलाके में बरसाती नाले में पक्के निर्माण कार्य ओर अतिक्रमण होने के कारण नाला अवरूद्ध हो गया। शहर में हुई 188 एम एम बारिष का सारा पानी नगरपरिषद ने पुरानी सीवरेज में डाला ओर वो पानी नये बस स्टेण्ड के बरसाती नाले में पहुच गया। नये बस स्टेण्ड से आगे नाले के बहाव क्षेत्र में निर्माण कार्याे से पानी की निकासी बाधित हो गई ओर पानी पास की कच्ची बस्ती में फेल गया। जानकारी मिलने पर नगरपरिषद ने पानी की निकासी करवाने के लिये जेसीबी मषीन भेजी पर जेसीबी बरसाती पानी के नाले में धंस गई जिस कारण पानी की निकासी नही हो पाई। पानी से घिरे लोगो को परेषानियो का सामना करना पड़ा। वही बारिष ने 38 करोड़ की लागत से बन रही नई सीवरेज के निर्माण कार्य की भी पोल खोल कर रख दी। पहली ही बारिष में सीवरेज अनेेक स्थानो पर धंस गई हैं।

यह तो शुरूआत है, सफर बहुत लम्बा है...

बाड़मेर।बीते तीन वर्ष से तीन मुस्लिम बहनों के लिए हर दिवस शिक्षक दिवस है। इन सगी बहनों ने अपनी दिनचर्या का एक-एक पल बालिका शिक्षा को समर्पित कर रखा है, वह भी नि:शुल्क। बाड़मेर जिले के दूरस्थ गांव गोरामाणियों की ढाणी नगर में बने बालिका मदरसे में पढ़ रही करीब एक सौ अल्पसंख्यक बालिकाएं ही इनका परिवार है।

It's a start, is a long way ...


प्राथमिक स्तर के आवासीय मदरसे में शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति विशेष्ा अलख जगाई जा रही है। शिक्षिका बहनों ने एक-एक बालिका को एक पौधे के संरक्षण व संवर्द्धन का दायित्व सौंप रखा है। इसके लिए बाकायदा बालिकाओं को पौधों पर हाथ रखकर इनके विकास व सुरक्षा की शपथ दिलाई गई है।


यूं बढ़ी इस डगर पर


मूलत: गोरामाणियों की ढाणी नगर निवासी अब्दरूफ वष्ााüें पहले रोजगार की तलाश में गुजरात के गांधीधाम में जाकर बस गए। वहां पर उनका आयुर्वेद दवाओं का कारोबार चल पड़ा। अब्दरूफ ने अपनी तीनों पुत्रियों जैनब बानो, फातिमा बानो, हमीदा बानो को जामनगर जिले के एक मदरसे से आलीमा की डिग्री तक शिक्षा दिलाई। अपनी पुत्रियों के पढ़ लिख जाने के बाद उन्हें लगा कि यही काम वे मूल गांव में क्षेत्र की अन्य बालिकाओं के लिए कर सकते हैं। पिता अपनी इच्छा से पुत्रियों को अवगत कराया और तीन वष्ाü पहले गांव में आवासीय बालिका मदरसा स्थापित किया। इस मदरसे को मदरसा बोर्ड से मान्यता मिली। तब से इस मदरसे में तीनों बहनें नि:शुल्क सेवाएं देते हुए बालिकाओं को शिक्षित कर रही हंंै। मदरसे में पढ़ रही बालिकाओं के आवास व भोजन इत्यादि का खर्च अब्दुरूफ वहन कर रहे हैं। पिता की इच्छा पर तीनों पुत्रियां शिक्षा को समर्पित हो गई है।

शिक्षिका के रूप में याद करें


जैनब, फातिमा व हामिदा का कहना है कि अभी तो यह शुरूआत है, मदरसा शुरू हुए तीन वष्ाü ही हुए हैं, सफर बहुत लम्बा है। वे कहती है कि अल्पसंख्यक समुदाय में बालिका शिक्षा को लेकर कई बाधाएं हैं। मदरसे में बालिकाएं लाने के दौरान उन्हें कई अनुभवों से गुजरना पड़ा। उनका सपना है कि वे शिक्षिका के रूप में अपने काम को उस ऊंचाई तक ले जाए कि उन्हें शिक्षिका के रूप में याद किया जाए।


शिक्षिकाओं के साथ प्रेरक भी

तीनों बहनें शिक्षिका होने के साथ-साथ अल्पसंख्यक बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित कर रही है। आने वाले समय में यह मदरसा अल्पसंख्यक बालिका शिक्षा के क्षेत्र में पश्चिमी राजस्थान में मील का पत्थर साबित हो सकता है। -बलदेवसिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बाड़मेर -

केन्द्रीय कर्मचारियों का डीए सात प्रतिशत बढ़ा

नई दिल्ली। सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
govt approves 7 percent DA hike, raises it to 107 percent from july 1


प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरूवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी गई।

विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सात फीसदी बढ़ाया गया है जिससे अब यह बढ़कर 107 फीसदी हो गया है।

उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी गत एक जुलाई से लागू होगी। उन्हाेंने बताया कि इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर 7691 करोड़ रूपए का बोझ बढ़ेगा और इससे लगभग 30 लाख केन्द्रीय कर्मचारी और 50 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।

महंगाई भत्ते में यह वृद्धि छठे वेतन आयोग के फार्मूले के आधार पर की गई है। सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग भी गठित किया हुआ है जिसकी रिपोर्ट आने पर उसे 2016 से लागू किया जाएगा। - 

श्रीकृष्ण के गांव में नहीं की जाती लड़कियों की शादी, हजारों वर्षो से है परम्परा -

भगवान श्रीकृष्ण के गांव में अगर किसी लड़की की शादी हो, तो उसके लिए इससे बढ़कर क्या होगा, लेकिन इसके उलट सदियों से श्रीकृष्ण के गांव नंदगांव में आज भी लड़कियों की शादी नहीं की जाती है। वर्षो पुरानी यह परम्परा अब नियम का रूप ले चुकी है और लोग अपनी लड़कियों की शादी यहां करने के बारे में सोचते भी नहीं है। इस परम्परा के पीछे श्रीकृष्ण ही कारण हैं। Barsana girls not married in Nandgaon from thousands years
मथुरा जाना, बना वजह

श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध में गोपियों द्वारा उद्धव को उपलक्ष्य बनाकर कृष्ण को उपालंभ देने का वर्णन है। जब भगवान कृष्ण को मथुरा बुलाया गया तो बलराम सहित वे तैयार हो गए। कंस ने उद्घव जी से कहा था कि तुम ही उन्हें यहां ला सकते हो। जब राधा और गोपियों को मालूम चला कि उद्घव उनके चहेते कान्हा को ले जाने आए हैं, तो रास्ता रोक कर खड़ी हो गई। उनका ध्येय यह था कि वे जैसे-तैसे करके कृष्ण को मथुरा जाने से रोक लें और वादा करवालें कि वे कभी उन्हें छोड़कर नहीं जाएंगे। लेकिन हुआ वही जो होना था। कृष्ण मथुरा चले गए। कई दिन बीत गए। माता यशोदा, राधा, गोप, गोपियां सब अत्यंत दुखी थे। उसी समय उद्धव कृष्ण की ओर से गोपियों को समझाने-बुझाने आए। बरसाना वासी कहते हैं कि उन्हें छला गया, आगे से ऎसी नौबत नहीं आएगी। कहते हैं तब से यह परंपरा बरकार हैं, नंदगांव और बरसाना के बीच शादी नहीं होती।

खाने पड़ते हैं लट्ठ

राधा के जन्मदिन की बधाईयां देने के लिए भक्त बरसाना वासियों को बधाइयां आज भी देते हैं। इस अवसर पर नंदबाबा के गांव से भी भारी संख्या में लोग राधिका जन्म पर्व मनाने आते हैं। बधाइयां देते हैं, लेकिन अजब परंपरा यह है कि बरसाना से इस गांव में आज भी लड़कियों की शादी नहीं की जाती। भला ऎसा हो सकता है कि गांव से गांव सकुशल शादी न हों। लेकिन नंदगांव-बरसाने के बीच हजारों साल से यह परंपरा कायम है। शादी तो दूर की बात है, जब नंदगांव वासी फाल्गुन में यहां आते हैं तो बरसाना की गोरियां लाठियां बरसाती हैं। यहां उनका स्वागत डंडों से किया जाता है।

लडडू क्यों बरसते हैं

फाल्गुन में यहां विश्वप्रसिद्घ मेला लगता है। इस दौरान लट्ठमार होली का उत्सव चलता है। बरसाने की गोपियां होली के बहाने लाठी मारकर परंपरा निभाती हैं। नंदगांव वाले जवान बचने के लिए ढाल-ओढ़े रहते हैं। घी-बूंदी के लड्डूओं की भी बरसात की जाती है। यहां उपस्थित हजारों लोग इस महा-उल्लास का लुत्फ लेते हैं। माना जाता है कि डंड़ों की चोट खाने वाले नंदगांव के रहने वाले हैं और डंडे बरसाने वाली बरसाना की गोपियां। - 

बरसाना की नहीं थीं राधा, यहां हुआ था जन्म

बहुत कम लोगों का मालूम है कि श्रीराधे कहां अवतरित हुई थीं। मंदिरों की साज-सज्जा और हरे-भरे पर्वत पर महल में स्थापित प्रतिमाओं के कारण उनका जन्म स्थल बरसाना ही माना जाता है। श्री राधा के यहां जन्म लेने के पीछे कई पौराणिक कहानियां हैं। जिनमें से एक सबसे ज्यादा प्रचलित है। आईए जानते हैं बरसाना नहीं, तो किस जगह हुआ था श्रीराधा का जन्म।

यहां हुआ श्री राधे का जन्म

गोप मुखिया वृषभानु के कोई संतान नहीं थीं। बताते हैं हरि-प्रार्थना के पश्चात एक संध्या उन्हें यमुना किनारे दिव्य प्रकाश दिखा। निकट जाने पर वहां एक बच्ची सफेद वस्त्रों में लिपटी मिली। उन्होने ईश्वरीय प्रभाव मान कर सहर्ष स्वीकार कर लिया। यह जगह गोकुल के पास यमुना के पूर्वी तट पर स्थित रावल गांव था जो बरसाना से करीब दस कोस पर है। वृषभानु गोप बरसाना लौट आए, श्री राधा का लालन-पालन यहीं हुआ। ब्रजभूमि के इतिहास पर वर्णित संपादक गोपाल प्रसाद, रामबाबू द्विवेदी की पुस्तकों में यह बताया गया है कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, उस समय नंद बाबा का निवास गोकुल में था और वृषभानु गोप रावल में थे। उसी स्मृति में कुछ सौ साल पहले यहां मंदिर बनवाया गया। मंदिर का शिखर मराठों ने बनवाया। राधाजी की मां कीर्ति रानी का पीहर भी रावल था।
Where was Radha born?
हजारों साल पहले निकली कृष्ण-राधा की प्रतिमा

इतना ही नहीं उनकी स्वयं भू प्रतिमा भी यहां आज भी मंदिर में विराजमान है। गोकुल से जुडे इस गांव के एक टीले पर करील के ऊंचे पेड़ के पास श्रीकृष्ण के साथ उनकी प्रतिमा कई हजार बरस पहले स्वंय भूमि से निकली बताई जाती हैं। आज भी वह पेड़ गर्भ गृह के ऊपर है। श्री हरि के मंदिर के अलौकिक नजारे और प्राचीनता का गवाह यह गांव है रावल। रावल यमुना किनारे स्थित है। वृषभानु गोप उन्हें बरसाना लाए। वे बरसाना में ही रहीं। कान्हा भी गोकुल से नंदगांव में गाय चराते थे।

श्रीकृष्ण की झलक पाकर ही नेत्र खोले थे

मान्यता है कि, राधा का जन्म कान्हा से साढ़े ग्यारह महीने पूर्व रावल में हुआ था। कन्हैया के नंदोत्सव में बधाई देने के लिए वृषभानु व माता कीर्ति करीब एक बरस की श्री जी को लेकर गोकुल आए। तब तक राधा ने अपने नेत्र नहीं खोले थे। दोनों पहली बार यहीं मिले थे। इसी अवसर पर श्रीराधा ने अपने नेत्र खोलकर श्री कृष्ण के दर्शन किए। यानी इस तरह श्रीकृष्ण से ग्यारह महीने पहले ही प्रगटी थी राधा जी। - 

गुरुवार, 4 सितंबर 2014

अभिनेत्री से रेप करने वाला रेल मंत्री सदानंद गौड़ा का बेटा होगा गिरफ्तार!

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा का बेटा कार्तिक अभिनेत्री से बलात्कार, अपहरण और धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हो सकता है। बेंगलूरू कोर्ट ने गुरूवार को कार्तिक के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री मैत्रिया गौड़ा ने कार्तिक पर इल्जाम लगाया है। गौरतलब है कि पिछले माह बेंगलूरू में ही कार्तिक ने किसी और लड़की से सगाई की थी जिसके बाद मैत्रिया ने यह एफआईआर दर्ज करवाई थी।Union minister Sadananda Gowda`s son faces arrest
मैत्रिया का दावा है कि कार्तिक उसे मैंगलोर लेकर गया और वहां 5 जून को उससे शादी की। मैत्रिया ने बताया, "उसने मुझे मंगलसूत्र पहनाया और कहा कि अब से मैं उसकी पत्नी हूं। इसके बाद हमने संबंध बनाए। उसने मुझे कभी नहीं बताया कि उसकी सगाई हो रही है। वह मेरा पति है। उसे यह कबूल करना ही होगा कि उसने मुझसे शादी की है।"

निर्देशक से हुई थी मैत्रिया की शादी
इस बीच निर्देशक ऋषि ने यह दावा किया है कि जुलाई 2004 में उसकी शादी मैत्रिया से हुई थी। वर्ष 2003 में मैत्रिया की डेब्यू फिल्म "सूर्य द ग्रेट" के दौरान निर्देशक और मैत्रिया में प्रेम हुआ और दोनों साथ रहने लगे। मैत्रिया के खिलाफ केस दर्ज करने वाले निर्देशक ऋषि ने कहा कि उन दोनों का रिश्ता केवल 4 माह चला और फिर मैत्रिया 2 लाख रूपए लेकर भाग गई। इसके बाद वर्ष 2006 में ऋषि को पता चला कि इसी तरीके से मैत्रिया ने पुणे के एक फिल्म निर्देशक के साथ भी धोखा किया है।

ऋषि ने कहा, "जब मुझे पता चला कि उसने मंत्री के बेटे के खिलाफ केस फाइल किया है तो उससे संपर्क करने पर उसने मुझे धमकाया कि अगर इस बारे में मैंने कुछ भी कहा तो इसका अंजाम बुरा होगा।"

उधर अभिनेत्री ने बुधवार रात आरटी नगर पुलिस के पास एक और शिकायत दर्ज की है। इस शिकायत में अभिनेत्री ने निर्देशक ऋषि और नेहल गौड़ा के खिलाफ मीडिया में छवि खराब करने का आरोप लगाया है। आरटी नगर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है और वे लीगल इशू को पढ़ने के बाद एफआईआर दर्ज करेंगे। -  

मीनाक्षी लेखी ने पिलांजी गांव लिया गोद

नई दिल्ली। नई दिल्ली संसदीय सीट से सांसद और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पिलांजी गांव का विकास और मूलभूत बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इसे गोद लिया है।

meenakshi lekhi adopts village to develop Old Pilanji  as a model



लेखी ने इस मौके पर गुरूवार को बताया कि उनका ध्यान गांव में पानी, सफाई, कचरा प्रबंधन, बिजली और सुरक्षा मुहैया कराने पर रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के 100 दिन पूरा करने के मौके और उनके 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से किए गए आह्वान का अनुसरण करते हुए उन्होंने पिलांजी गांव को गोद लिया है।

उन्होंने कहा कि उपलब्ध स्रोतों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए वह गांव में आधुनिक और वैकल्पिक प्रौद्योगिकी पर जोर देंगी। पानी का फिर से साफ करने और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में गांव को आगे बढ़ाया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषग्यों की एक समिति का गठन किया गया है जो गांव के विकास के लिए परियोजनाओं की सतत डिलीवरी को सुनिश्चित करने पर ध्यान रखेंगे।

जानी मानी प्रवक्ता ने कहा कि यह उनकी स्वप्निल परियोजना है और सरकार के सौ दिन पूरा होने के मौके पर इसकी शुरूआत से खुशी की अनुभूति हो रही है। यह शुरूआत है और इसी तर्ज पर पांच और गांव को गोद लूंगी। उन्होंने विश्वास जताया कि यह एक सफल परियेजना होगी और पूरे देश में ऎसे काम परिलक्षित होंगे। उन्होंने कहा कि वह 500 शौचालय के निर्माण की योजना भी बना रही हैं। - 

जसोल माता के दर्शनार्थ पैदल संघ रवाना


रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 

बाड़मेर। 04 सितम्बर। जय जसोल माँ पैदल यात्रा संघ गुरुवार को बाड़मेर से जसोल के लिए रवाना हुआ। जिसे हमीरपुरा मठ के मंहत श्री नारायणपुरी महाराज  ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। नारायणपुरी महाराज ने सभी जातरूओं की कुशल मंगलमय यात्रा की कामना की। इस अवसर पर प्रकाश माली ,नरेश माली, छगनसिंह,जगदीश परमार पुखराज माली ,गौतम भार्गव, सहित सैकड़ो भक्तगण उपसिथत रहें।भक्तो ने चालो-चालो माजीसा धाम, माजीसा तेरी जय बोलेगे के जयकारों के साथ डीजे की धुन के साथ नाचते-गाते हुए माहौल को भकितमय बना दिया। इस दौरान सरूप सोनी ,मांगीलाल जैन ,सुरेश माली सैकड़ो महिला पुरूष एवं युवा जसोल के लिए रवाना हुए।

अलकायदा की भारत में शाखा खोलने का एलान ,मोदी सकते में

अलकायदा की भारत में शाखा खोलने का  एलान ,मोदी सकते  में 
नई दिल्ली। आतंकवादी संगठन अल कायदा के भारतीय उपमहादि्वप में अपनी शाखा खोलने के ऎलान से नरेंद्र मोदी सरकार चौकन्नी हो गई है।

ib alerts all states on al qaeda video


भारतीय उपमहादि्वप में अल कायदा की शाखा खोले जाने वाली अयमान अल जवाहिरी के संदेश वाले जारी वीडियो को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने असली बताया है।

इसे देखते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, आईबी और रॉ के उच्च अधिकारी मौजूद थे। उन लोगों ने सरकार को अल कायदा के ऎलान की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी दी।

सूत्रों के अनुसार, वीडियो में अल कायदा में नए रंगरूटों की भर्ती की घोषणा को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने सभी राज्यों को अलर्ट कर दिया है।

गौरतलब है कि जवाहिरी ने अपने 55 मिनट के वीडियो संदेश में कहा था कि वह अपनी नई शाखा की मदद से भारतीय उपमादि्वप में इस्लामिक साम्राज्य को स्थापित करेगा।

उसकी शाख का नाम कायदात अल जिहाद होगा और असीम उमर उसका मुखिया होगा।

दौसा।"बहन के हों हाथ पीले, इसलिए करने लगी जिस्म का सौदा" -

दौसा। पुलिस ने बुधवार रात भांकरी रोड स्थित एक होटल से धनावड़ ग्राम पंचायत सचिव सहित तीन लोगों को वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया है।
Sex racket busted in dausa rajasthan

इसके अलावा वेश्यावृत्ति के लिए कमरा देने पर होटल प्रबंधक को भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने युवती के पास से 1500 रूपए भी बरामद किए हैं। सदर थाना पुलिस ने गुरूवार सुबह आरोपितों को महिला थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

पुलिस ने मामला दर्जकर युवती के बयान दर्ज किए। इसके बाद दोपहर में चारों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

सीओ तारासिंह भादोरिया ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित ऊकरूंद निवासी व धनावड़ ग्राम पंचायत सचिव अशोक बैरवा, उसका दोस्त बीरासना निवासी लक्ष्मण बैरवा व युवती कोलकाता निवासी हाल विश्वकर्मा जयपुर है।

इसी प्रकार होटल प्रबंधक रणजीतसिंह रापजूत को भी गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि रात को ग्राम पंचायत सचिव व उसके दोस्त के भांकरी रोड स्थित अरावली होटल के कमरा नम्बर 207 में वेश्यावृत्ति करने की सूचना मिली थी।

इस पर उन्होंने सदर थाना प्रभारी मुनीन्द्रसिंह के साथ होटल में दबिश देकर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

मजबूरी में अपनाया देह व्यापार का धंधा
गिरफ्तार युवती ने पुलिस को बताया कि वह कोलकाता की रहने वाली है। उसके पिता सालों पूर्व उसे, छोटी बहन व मां को छोड़कर चले गए। ऎसे में परिवार के पेट पालने की जिम्मेदारी उस पर आ गई।

वह एक माह पूर्व ही जयपुर आई थी। छोटी बहन की शादी व परिवार का पेट पालने के लिए ही उसने देह व्यापार का धंधा अपनाया था। आरोपित ने साढ़े चार हजार रूपए में सौदा तय किया था। - 

कल्याण सिंह बने राजस्थान के राज्यपाल



जयपुर। बारिश से बने खुशनुमा माहौल के बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने गुरूवार को राजभवन में राजस्थान के बीसवें राज्यपाल के रूप में शपथ ली।
kalyan singh takes oath as rajasthan Governor


राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुनील अबंवानी ने उन्हें शपथ दिलाई। सिंह ने हिन्दी में शपथ ग्रहण की।




इससे पहले मुख्य सचिव राजीव महर्षि ने सिंह का राज्यपाल पद पर नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति भवन से जारी वारंट को पढ़ कर सुनाया।




शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मंत्रिपरिषद के सदस्य, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, सैन्य अधिकारी, राज्य सरकार के अधिकारी और सिंह के परिवार के सदस्य मौजूद रहे।




शपथ ग्रहण के बाद राजभवन में नए राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राज्यपाल ने राजभवन में मौजूद अतिथियों और अधिकारियों से मुलाकात की।




एयरपोर्ट पर अगवानी

सिंह राजकीय विमान से सुबह 9 बजे जयपुर पहुंचे, यहां उनकी अगवानी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर, मुख्य सचिव राजीव महर्षि, डीजीपी ओमेंद्र भारद्वाज सहित आलाधिकारियों ने की।




यहां सिंह को राजस्थान पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सिंह के साथ उनकी पत्नी रामवती, सांसद पुत्र राजवीर सिंह भी आए। सिंह खासा कोठी में कुछ देर विश्राम करके राजभवन पहुंचे।




अधिकारियों को देख चौंकी राजे

कल्याण सिंह की अगवानी करने स्टेट हैंगर पहुंचीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे संभागीय आयुक्त मंजीत सिंह को देख कर उखड़ गईं।




राजे ने मुख्य सचिव और डीजीपी के पास खड़े सिंह को पास बुलाकर कहा कि आप भी यहां आए हैं इसकी जानकारी नहीं थी।




मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब ही यहां आ जाएंगे तो कैसे काम चलेगा। मुख्यमंत्री की नाराजगी को देखते हुए सिंह एक तरफ खड़े हो गए।

बाड़मेर भाजपा नेताओं के बेटों ने बाड़मेर फायरिंग रेंज में चलाई गोलियां -

बाड़मेर  69 सेकेंड के एक वीडियो ने राजस्थान भाजपा के दो नेताओं के बेटों की करतूत और बीएसएफ अधिकारियों की लापरवाही की पोल खोल दी है।sons of rajasthan bjp leaders fire in barmer bfs shooting range
वीडियो में भाजपा नेताओं के बेटों को बाड़मेर में बीएसएफ के फायरिंग रेंज में सुरक्षाबलों के हथियारों से फायरिंग करते दिखाया गया है।

इस वीडियो के सामने आने के बाद मचे बवाल को देखते हुए बीएसएफ ने मामले की जांच का आदेश दिया है।

बीएसएफ ने उस डिप्टी कमांडेंट को कारण बताओ नोटिस भेजा है जिसे वीडियो में उन दो लड़कों को फायरिंग में मदद करते हुए देखा गया है।

यह वीडियो मंगलवार शाम को एक स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ था। उस वीडियो में भाजपा के वरिष्ठ नेता जोगराज सिंह के बेटे गौरव सिंह को कम से कम 7 बार फायरिंग करते हुए दिखाया गया है।

एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व सरपंच रूप सिंह के बेटे शिव प्रताप सिंह को भी फायरिंग करते देखा गया है। बताया जाता है कि उस वीडियो को शिव प्रताप के भाई अजीत सिंह ने रिकॉर्ड किया था।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि शिव और गौरव के पिता क्षेत्र के राजपूत नेताओं में गिने जाते हैं। उन दोनों ने पिता के रसूख का इस्तेमाल करके बीएसएफ अधिकारियों के साथ फायरिंग रेंज में पहुंच गए और सुरक्षाबलों के हथियारों से निशानेबाजी की।

क्या कहना है भाजपा नेता और उनके बेटे का
भाजपा नेता रूप सिंह का कहना है कि उनको इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि बीएसएफ को ऎसी अनुमति नहीं देनी चाहिए। ऎसा नहीं होना चाहिए। वह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। वे लोग ऎसी चीजों की अनुमति कैसे दे सकते हैं?

गौरव सिंह का कहना है कि उस वीडियो में वह नहीं हैं। एक मीडियाकर्मी सेव्यक्तिगत विवाद के कारण उनको जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है। वह जालिपा फायरिंग रेंज में गए ही नहीं थे। फायरिंग रेंज उनके गांव के रास्ते में ही पड़ता है लेकिन वे कभी भी वहां नहीं रूके।

एक सप्ताह पहले की है घटना
बीएसएफ के एक उच्च सूत्र ने बताया कि यह घटना एक सप्ताह पहले की है। उस समय फायरिंग का वार्षिक अभ्यास हो रहा था। उसमें जवानों के निशानेबाजी की दक्षता देखी जाती है।

बीएसएफ के आईजी संतोष मेहरा ने कहा कि इस घटना के बारे में उनको रिपोर्ट मिली है। वे लोग वीडियो की जांच कर रहे हैं और एक जांच समिति का भी गठन कर दिया है।