रविवार, 6 जुलाई 2014

एक अद्भूत मंदिर: राधा-कृष्ण के इस स्वर्ण मंदिर पर रीझेगी दुनिया



मथुरा। ब्रज भूमि में अब भव्यता की बहार है। प्रेम मंदिर से भव्य देवालयों की शुरुआत हुई। अब ब्रह्मजी की नगरी चौमुहां में हाइवे किनारे श्रीराधा-कृष्ण का स्वर्ण मंदिर बनेगा, जो दुनिया में संभवत: सबसे भव्य और महंगा होगा। 108 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित मंदिर के चारों ओर ताज की तरह चार मीनार जैसे स्ट्रकचर होंगे।

वैदिक संस्कृति, विज्ञान व नौ गृहों के प्रारूप से प्रस्तावित मंदिर का शिलान्यास भी शानदार होगा। भगवान श्री लक्ष्मीनारायन महाशक्ति पीठ धाम नई दिल्ली द्वारा इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। देश के नामचीन दो दर्जन इंजीनियरों की टीम पिछले एक साल से मंदिर की डिजायन बनाने के लिए दुनियाभर में भव्य मंदिर, गुरुदारा, मस्जिद व खास इमारतों का अध्ययन कर रही है।

कान्हा की नगरी मथुरा के वृंदावन में भव्य मंदिरों के निर्माण का सिलसिला शुरू हुआ। प्रेम मंदिर और वैष्णो माता मंदिर बनने के बाद वात्सल्य ग्राम में सर्वमंगला मंदिर और भव्य चंद्रोदय मंदिर निर्माणाधीन हैं। इसके बाद अब श्रीराधा-कृष्ण स्वर्ण मंदिर का प्रस्ताव तैयार है। भगवान श्रीलक्ष्मी नारायन धाम नई दिल्ली के महासचिव गुरुदास सुशील वर्मा और चीफ कोर्डिनेटर विश्व रमण निर्मल ने 'जागरण' को बताया कि प्रस्तावित मंदिर के लिए 108 एकड़ जमीन में मंदिर खास होगा। इसमें ताज जैसी कुछ झलक मिलेंगी। इसमें राधा-कृष्ण की स्वर्ण जड़ित मूर्तियां होंगी और मंदिर भी सोने का ही होगा। सभी प्रमुख देवी-देवताओं की स्वचालित झांकियां मंदिर में स्थापित होंगी। इसके लिए दुनियाभर में अध्ययन का दौर चल रहा है। उन्होंने बताया कि एक टीम तिरुपति बालाजी के पास नारायणी स्वर्ण मंदिर गई है, जो वहां प्लान नोट करेगी।

मनचाही भाषा में दिखेंगी कान्हा की लीलाएं- प्रस्तावित मंदिर में आधा घंटे में भगवान श्री कृष्ण व राधा की सभी बाल लीलाओं का सजीव चित्रण होगा। इसमें बहुभाषी डबिंग होगी। हिंदी, अग्रेजी, बंगाली, ब्रजभाषा, भोजपुरी, राजस्थानी, हरियाणवी, तमिल व अन्य मनचाही भाषा को क्लिक कर राधा-कृष्ण की लीलाओं का बखान भी सुन सकेंगे। मंदिर में दर्शनार्थियों के ठहरने का इंतजाम भी होगा, जो पांच सितारा होटल से कम नहीं होगा। अस्पताल, स्कूल, विधवाश्रम और गौशाला भी- धर्म लोगों के हित के लिए होता है। यह बात अब तेजी से समझ आ रही है। इसीलिए मंदिर प्रांगण में आयुर्वेद, होम्योपैथिक, एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के अस्पताल बनेंगे। दिव्य बीज मंत्रों के जरिए सभी रोगों का इलाज मुफ्त में होगा। कष्ट निवारक कक्ष में बैठने मात्र से रोगी की जांच हो सकेगी। यह भी जनहित के काम

-पांच एकड़ की गौशाला ब्रज की गायों को संरक्षण देगी।

-स्कूल में गरीब छात्र-छात्रओं को हाईटेक एजुकेशन व प्लेसमेंट की व्यवस्था होगी।

-विधवा महिलाओं के संरक्षण को एक आश्रम भी बनाया जाएगा।

-मंदिर में 24 घंटे नि:शुल्क लंगर चलेगा।

शराब से भरी बोलेरो केम्पर पलटी, चालक घायल

बालोतरा। जोधपुर-बाड़मेर नेशनल हाइवे पर सरहद दूदवा में शराब से भरी बोलेरो केम्पर बेकाबू होकर पलट गई।हादसे में चालक को चोटें आई है।बाड़मेर स्थित आबकारी विभाग के डिपो से भारत निर्मित अंग्रेजी शराब के कर्टन लादकर चालक कैलाश पुत्र जालूराम ब्राह्मण निवासी ब्लाऊ जाटी सिमरखिया के लिए रवाना हुआ था। The alcohol-fired Kemper Bolero, driver injured
सरहद दूदवा में शनिवार मध्याह्न चालक के हाथों से बेकाबू होकर वाहन पलट गया। इससे इसमें भरे शराब के कर्टन बिखर गए। शराब की बोतलें फूट गई। चालक कैलाश घायल हो गया। सूचना मिलने पर 108 एम्बुलेंस बालोतरा के पायलट उम्मेदसिंह, ओमप्रकाश माली व ईएमटी धर्मपालसिंह जुगतावत ने मौके पर पहुंचकर घायल चालक को बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया। -  

शनिवार, 5 जुलाई 2014

नए राज्यपालों के नामों की घोषणा कर सकता है केंद्र



नई दिल्ली: केंद्र सरकार आज उन राज्यों के लिए राज्यपाल की घोषणा कर सकती है जहां के राज्यपालों ने हाल के दिनों में इस्तीफ़ा दिया है। माना जा रहा है कि बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं को इन राज्यों का राज्यपाल नियुक्त कर सकती है।
Centre may announce names of new Governors
यशवंत सिन्हा, लालजी टंडन, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह सहित कई नेताओं को राज्यपाल बनाए जाने की अटकलें हैं। नई सरकार बनने के बाद से अब तक पांच राज्यों के राज्यपालों ने अपना इस्तीफ़ा सौंपा है, जिनमें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त, नगालैंड के राज्यपाल अश्विनी कुमार, गोवा के राज्यपाल बीवी वांचू हैं, जबकि कर्नाटक के राज्यपाल एचआर भारद्वाज और त्रिपुरा के राज्यपाल देवानंद कुंवर पिछले महीने रिटायर हो गए।

बिहार के एक स्कूल में मिड-डे मील में निकला सांप, 54 बच्चे बीमार



सितामढ़ी। सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील में लापरवाही बरते जाने के मामले हर दिन सामने आते रहते हैं। अब ताजा मामला बिहार के सितामढ़ी जिले का हैं, जहां पर एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में एक सांप निकला है। मिड-डे मील खाने के बाद स्कूल के 54 बच्चें बीमार हो गए हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि जिले के मेघपुर मिडल स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील खाने के बाद उल्टियों की शिकायत होने लगी और फिर वे बेहोश हो गए। बाद में बच्चों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। हालांकि बच्चों की स्थिती नियंत्रण में बताई गई है।
`Snake` found in mid-day meal, 54 children taken ill in Bihar
एक अधिकारी ने बताया कि बच्चों को दी गई खिचड़ी को जब्त कर लिया गया है। साथ ही बताया कि उसमें एक काले रंग की कोई लंबी चीज पाई गई है। हमें उसके सांप होने की आशंका है, जिसे खाने के साथ पकाया गया था। खिचड़ी के सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।

वहीं पुलिस का कहना है कि छात्रों को खाना परोसे जाने के बाद देखा गया कि मिड-डे मील में एक काले रंग की लंबी चीज है, जो कि खाने के साथ पकाई गई है। खाना खाने के बाद बच्चों की तबियत खराब होनी शुरू हो गई और उन्होंने उल्टियां करनी शुरू कर दी।

गौरतलब है कि एक साल पहले बिहार के सारण जिले में जहरीला मिड-डे मील खाने की वजह से एक स्कूल के 23 छात्रों की मौत हो गई थी।

बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर चार रोज पूर्व भारत पाकिस्तान सरहद पर स्थित अंतराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन मुनाबाव की टोह लेते पकड़ा गया बांग्ला देशी कट्टरपंथी युवक सम्मासुदीन आंतकवादी गतिविधि को अंजाम देने आया था,उसके साथ कितने साथी बाड़मेर में रह रहे हैं , ख़ुफ़िया एजेंसियों के दिमाग में घूम रहा हैं। समशुदीन के पकडे जाने के बाद बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की धमकी मुस्लिम कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो से मिलना साज़िश का एक हिस्सा लगती हैं ,


सम्शुद्दीन पर गहराया शक ?
शम्शुद्दीन पुत्र सल्लाउद्दीन सप्ताह पहले मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर सीमा सुरक्षा बल के हत्थे चढ़ा था ,चूँकि वह रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया था इसीलिए उसे रेल वे पुलिस को सुपुर्द किया गया ,उसके पास पाकिस्तानी सिम थी जिसे उसने तत्काल तोड़ कर नष्ट करने का प्रयास किया। सवाल यह उठता हेमन की मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर देश की आधा दर्जन से अधिक ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसिया कार्य करती हैं ,इनसे आँख बचा कर सम्शुद्दीन मुनाबाव रेलवे स्टेशन पहुंचा कैसे ,पहुंचा तो स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे क्यों नहीं पकड़ा ,सम्शुद्दीन पकडे जाने के बाद बाड़मेर लाया गया मगर वह रेलवे देकर भगा गया। चार दिन बादफ उसे पुनः पकड़ा ,इन चार दिनों मरे वह कहा पनाह लिए था इसकी तहकीकात जरुरी हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में ही रेलवे कुआं नंबर तीन के पास स्थित एक मदरसे में रह कर मौलवी बन कर कार्य करता रहा सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी ,


देवबंद से प्रशिक्षित हे सम्शुद्दीन?

पकड़ा गया बांग्लादेशी सम्शुद्दीन सहारनपुर में देवबंद के मडराओ में प्रशिक्षित मौलवी हैं ,उसने उर्दू जुबान और शिक्षा वाही से प्राप्त की ,सम्शुद्दीन के हाव भाव और व्यव्हार से साफ़ लगता हैं की वह बाड़मेर जिले में किसी गतिविधि को अंजाम देने आया था। उसके कुछ साथी बाड़मेर जिले के विभिन स्थानो पर होने की संभावना हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में लम्बे समय से रह रहा था ,आखिर किस उद्देश्य से वह बाड़मेर ठहरा था ,


आंतकवादी संगठनो की धमकी , तो उन्होंने की हे तैयारी ?


बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की आंतकवादी संगठनो की धमकी से साफ़ हैं की वो इन क्षेत्रो में अपने गुर्गे उतार चुके हैं जो धीरे धीरे तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं। इन आंतकवादी संगठनो के प्रशिक्षित लोग आम लोगो के साथ रह कर कार्य कर रहे हैं ,सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को इसकी भनक नहीं ,सम्शुद्दीन किसी भी तरह से बंगलादेशी प्रतीत नहीं होता , फिर उसका भारतीय निर्वाचन आयोग से पहचान पात्र कैसे बना बड़ा सवाल हैं।

सरहद पर कट्टरता का पाठ क्यों?

भारत पाकिस्तान की सीमा पर बेस बाड़मेर जिले में कोई साढ़े पांच सौ मदरसे संचालित हो रहे हैं ,इन मदरसो में बाहरी प्रांतो के मुल्ला मौलवी कार्य कर रहे हैं ,इन लोगो के बारे ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं ,सरहदी इलाको में यह लोग धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे हैं। सरहदी क्षेत्र के मुस्लिम परिवारो के पारम्परिक जीवन शैली में पिछले पांच सालो तेजी से बदलाव आया हैं। सम्शुद्दीन जैसे सेकड़ो संदिग्ध मदरसो में कार्य ,जिससे देश की सरहद की सुरक्षा को हैं। इन बाहरी प्रांतो के मौलाना मौलवियो बाड़मेर में भारतीय निर्वाचन आयोग से मतदाता पहचान पात्र भी हासिल कर लिए , जिसकी जाँच होना जरुरी हैं ,फ़िलहाल उसे जयपुर पूछताछ के लिए ले जाया गया हैं।





त्वरित टिपणी। … वसुंधरा राजे की मनरेगा को योजना में बदलने की सार्थक पहल ,स्वागत होना चाहिए


त्वरित टिपणी। … वसुंधरा राजे की मनरेगा को योजना में बदलने की सार्थक पहल ,स्वागत होना चाहिए

चन्दन  सिंह भाटी 

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्रीय ग्रामीण मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिख कर मनरेगा को गारंटी कानून से योजना में बदलने को लिख सार्थक और दूरदर्शी प्रयास किया हैं जिसका स्वागत होना चाहिए ,वसुंधरा मनरेगा की धरातलीय स्थति लिखी हैं की इस कानून से कोई फायदा जनता को नहीं हो रहा ,यही हकीकत हैं ,इस समय मनरेगा में सर्वाधिक भरष्टाचार ,हैं इस स्कीम से जुड़ा हर अधिकारी और कर्मचारी योजना का आनंद लेकर अपने घर भर रहे हैं ,जबकि जिन लोगो कानून को लाया गया उन्हें एक ढेले का फायदा नहीं हो रहा ,इस योजना से जुड़े अंतिम सरकारी व्यक्ति मेट से लेकर उच्च स्तरीय अधिकारी प्रति माह लाखो रुपयो से खेलते हैं जिन आवाम को रोजगार और मज़दूरी उपलब्ध करनी थी नहीं करा पाये ,कानून तो बना दिया मगर इसे व्यवस्थित रूप से लागु करने की सरकार नाकाम ,रही आज ग्राम पंचायत का सरपंच ,और ग्राम सेवक करोड़पति हो गए मेट लाखो में खेलता हैं ,मगर मज़दूर को उसकी मज़दूरी नहीं मिल रही। वसुंधरा की यह सोच की इसे योजना के रूप में चलाया सकारात्मक रूख हैं ,बाड़मेर हे ग्राम पंचायतो में आबादी से अधिक जॉब कार्ड जारी हो रखे हैं ,प्रत्येक में पचास से साठ फीसदी जॉब कार्ड फर्जी बने हे जिसका भुगतान सहायक से लेकर सरपंच तक मिलजुल कर बांटते हैं ,मनरेगा में एक भी काम सार्थक रूप से पुरे राजस्थान में नज़र नहीं आ रहा ,कहने को इस योजना में को दो लाख टांके बाड़मेर जिले हे मगर ऐसी से नब्बे फीसदी टांको का निर्माण हुए बिना भुगतान उठा लिया ,इस योजना में स्वीकृत कार्यो की उच्च स्तरीय जाँच हो जाये तो साड़ी पोल पट्टी सामने आ जाएगी ,बाड़मेर जिले में गत तीन सालो में कोई अठारह मगर धरातल पर पंचायत में कोई काम होता आपको दिखाई नहीं देगा ,मनरेगा कागजी गयी हे जिसका फायदा चंद प्रभावी लोग उठा रहे हैं ,इसे कानून से योजना में बदलने से शायद आम जान को रोजगार उपलब्ध हो जाये ,

प्रेमियों की मुराद पूरी करते हैं यह भगवान


प्रेमियों का मिलन करवाने वाले मंदिर

यूं तो हर मुहल्ले और शहर में मंदिर मिल जाएंगे। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जो किसी खास बात को लेकर बहुत प्रसिद्घ हो जाते हैं।

ऐसे ही कुछ मंदिर हैं जो प्रेमियों का मिलन करवाने के लिए बहुत प्रसिद्घ हो चुके हैं। इन मंदिरों के विषय में माना जाता है कि यहां आकर जो प्रेमी मिलन की मन्नत मांगते हैं उनकी मुराद पूरी होती है।



गणेश जी करवाते हैं प्रेमियों का मिलन

राजस्थान का जोधपुर शहर, यहां गणेश जी का एक प्रसिद्घ मंदिर है। यहां हर बुधवार भक्तों की लंबी कतार लगती है।

इनमें अधिकतर ऐसे लोग होते हैं जो गणेश जी से यह मन्नत मांगने आते हैं कि जिसे चाहते हैं उससे शादी हो जाए। इस कारण गणेश जी इश्किया गजानन के नाम से भी प्रसिद्घ हैं।

गणेश जी की ख्याति इसलिए भी ही है कि यहां मांगी गई प्रेम की मिन्नतें गणेश जी पूरी करते हैं। किसी समय गणेश जी का यह मंदिर गुरु गणपति के नाम से जाना जाता था।


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प्रेमियों की शादी करवाते हैं हनुमान
मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर है आगासौद कस्बा। यहीं पर है हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर जो पूरे इलाके में शादी वाले हनुमान जी के नाम से प्रसिद्घ है।

माना जाता है कि शादी वाले हनुमान जी को लाल गुलाब का फूल बहुत पसंद है। जो भक्त हनुमान जी को लाल गुलाब का फूल भेंट करते हैं हनुमान जी उसकी मनोकामना पूरी करते हैं।

मंदिर के पुजारी पंडित राजकुमार का कहना है कि शादी वाले हनुमान जी यूं तो सभी तरह की मुरादें पूरी करते हैं। लेकिन यहां ऐसे युवक युवतियां अधिक आते हैं जिनकी शादी में बाधा आ रही होती है। हनुमान जी की कृपा से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।

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प्रेम के देवता विनायक
उत्तर भारत की तरह दक्षिण भारत में भी गणेश और हनुमान जी का एक मंदिर प्रेमियों के बीच काफी प्रसिद्घि है। तमिलनाडु में गणेश जी का एक मंदिर है जो कधाल विनयागार यानी प्रेम के देवता विनायक के नाम से प्रसिद्घ है।

यहां प्रेमी प्रेमिका विवाह की प्रार्थना लेकर गणेश जी के पास आते हैं। इस मंदिर में कई प्रेमी युगलों की शादी हो चुकी है।



खम्मम में प्रेम का प्रसिद्घ मंदिर
आंध्रप्रदेश के खम्मम जिले में हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी के साथ उनकी पत्नी के भी दर्शन प्राप्त होते हैं। यह मंदिर इकलौता गवाह है हनुमान जी के विवाह का।

मान्यता है कि हनुमान जी के इस मंदिर में आकर जो दंपत्ति हनुमान और उनकी पत्नी के दर्शन करते हैं उनके वैवाहिक जीवन में प्रेम और आपसी तालमेल बना रहता है। वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति दिलाते हैं विवाहित हनुमान जी।

 


शब्दों में ऊँ इसलिए है अलग



देखा जाए तो हर धर्म में कोई न कोई प्रतीक चिह्न हुआ ही करता है। हिंदुओं में ऊँ को पवित्र अक्षर माना जाता है। हर धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत ऊँ के उच्चारण से किया जाता है।

ऊँ शब्द तीन अक्षरों अ, उ और म से मिलकर बना है। पर इसमें ऐसा क्या खास है कि इसे हिन्दुओं ने अपना पवित्र धार्मिक प्रतीक मान लिया है। असंख्य शब्दों और चिह्नों में से ऊँ और स्वास्तिक को ही क्यों चुना गया। ये सवाल महत्त है। जरा देखें ओम के उच्चारण से क्या घटित और परिवर्तित होता है।


ऊँ की ध्वनि मानव शरीर के लिए प्रतिकूल डेसीबल की सभी ध्वनियों को वातावरण से निष्प्रभावी बना देती है।

विभिन्न ग्रहों से आनेवाली अत्यंत घातक अल्ट्रावायलेट किरणें ओम उच्चारित वातावरण में निष्प्रभावी हो जाती हैं।



इसके उच्चारण से इंसान को वाक्य सिद्धि की प्राप्त होती है।


चित्त एवं मन शांत एवं नियंत्रित हो जाते हैं।

सनातन धर्म ही नहीं, भारत के अन्य धर्म-दर्शनों में भी ऊँ को महत्व प्राप्त है।

बौद्ध दर्शन में ऊँ का प्रयोग जप एवं उपासना के लिए प्रचुरता से होता है। इस मंत्र के अनुसार, ऊँ को मणिपुर चक्र में अवस्थितमाना जाता है। यह चक्र दस दल वाले कमल के समान है। जैन दर्शन में भी ऊँ के महत्व को दर्शाया गया है। कबीर निर्गुण संत एवं कवि थे। उन्होंने भी ऊँ के महत्व को स्वीकारा और इस पर साखियां भी लिखीं।

गुरुनानक ने ऊँ के महत्व को प्रतिपादित करते हुए लिखा- ओम सतनाम कर्ता पुरुष निर्भोनिर्बेरअकालमूर्त। ऊँ सत्य नाम जपने वाला पुरुष निर्भय, बैर-रहित एवं अकाल-पुरुष के सदृश हो जाता है।

इस तरह ऊँ के महत्व को सभी संप्रदाय के धर्म-गुरुओं, उपासकों, चिंतकों ने प्रतिपादित किया है, क्योंकि यह एकाक्षरी मंत्र साधना में सरल है और फल प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ।

यह ब्रह्मांड का नाद है एवं मनुष्य के अंतर में स्थित ईश्वर का प्रतीक। किसी भी मंत्र के पहले ऊँ जाेडने से वह शक्ति संपन्न हो जाता है। एक बार ऊँ का जाप हजार बार किसी मंत्र के जाप से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

 

देवशयनी एकादशी:कर्म की एकाग्रता का समय हुआ शुरू



किसी भी समुदाय की परंपराएं उसके लोग, मौसम, जीवन-शैली, आर्थिक स्थिति और लोगों की मानसिकता को आधार मानकर विकसित की जाती है।

हम इन परंपराओं के पीछे की मान्यता और दर्शन से चाहे अनभिज्ञ हों, लेकिन हम उनका पालन इसलिए करते हैं कि वे हमें विरासत में मिली होती है, लेकिन यदि हम उन परंपराओं के पीछे के दर्शन को भी समझेंगे तो शायद अपनी विरासत के प्रति हममें और सम्मान भी जागेगा।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को हमारी मान्यता में देवताओं की रात शुरू हो जाती है। ये माना जाता है कि विष्णु इस दिन से शयन में चले जाते हैं। हमारे यहां हर शुभ कार्य में विष्णु की उपस्थिति अनिवार्य मानी जाती है और चूंकि विष्णु शयन में होते हैं, इसलिए इस पूरे अंतराल में सारे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी के बीच के समय में विष्णु क्षीरसागर चले जाते हैं। इस बीच गृह-प्रवेश, विवाह, देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा, यज्ञ-हवन, संस्कार आदि कार्य नहीं किए जाते हैं। पौराणिक मान्यता ये भी है कि एक-के-बाद-एक देवता शयन की अवस्था में आते हैं। विष्णु के लौटने के बाद शिव इस अवस्था में जाते हैं।

भारतीय संस्कृति में व्रत नियमों एवं पूजा का विधान मौसम एवं प्रकृति को ध्यान में रखकर भी किया गया है। देवशयनी एकादशी का दर्शन भी यही है। इस दिन से चातुर्मास का समय शुरु होता है। चातुर्मास का समय वर्षा ऋतु का होता है। प्राचीन काल से ही भारत कृषि प्रधान देश है।

इसलिए वर्षा ऋतु के चार माह खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस समय में किसान अपने सामाजिक जिम्मेदारियों से दूर रहकर चार महीने अपना खेती का काम निश्चिंत होकर कर सके इसलिए भी यह व्यवस्था की गई है।

साथ ही नदी-नालों के कारण कहीं आवागमन भी संभव नहीं हो पाता था। इसलिए लगातार कृषि कार्य में लगे किसान को चार माह तक खेती के साथ ही अध्यात्म ज्ञान प्राप्ति के लिए समय दिया गया है एवं इस समय में कथा, पुराण, वेद पाठ व धर्म-ग्रंथों पर विचार द्वारा धर्मावलंबियों को प्रेरित करने की परंपरा प्रारंभ की गई।

सभी हिन्दू धर्म स्थानों पर धार्मिक गतिविधियां दिखाई देती है। त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-शिव में भगवान विष्णु को पालनहार माना गया है। व्यवहार दृष्टि से विचार करें तो किसान को विष्णु के समान सम्मान प्रदान किया गया है, क्योंकि हमारा जीवन अन्ना पर निर्भर होता है और अन्ना किसान ही पैदा करता है।

अत: किसान ही अन्नादाता है। चातुर्मास के समय में धर्म ज्ञान का लाभ ही नहीं वरन शरीर तथा मन को सबल बनाने की क्रियाएं भी शामिल की गई हैं।

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ख़ुदा की इबादत में महीने भर सजदे करना ही रमजान



रमजान का महीना रोजेदारों को अपने आचरण की पवित्रता से आत्मिक शुद्धि का अवसर देता है। इस्लाम में रमजान के महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। माह-ए-रमजान या रमजानुल मुबारक हमें अपने भीतर के गुणों और अच्छाइयों को परखने व उन्हें निखारने का अवसर देता है।

जब हम रोजा (उपवास) रखकर अच्छाइयों की राह पर चल देते हैं, तो अल्लाह हमसे प्रसन्न हो जाते हैं। जाहिर है, ऐसे में रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं और शैतान (बुरी प्रवृत्तियां) बांध दिए जाते हैं।

रोजे रखने का मतलब भूखा-प्यासा रहना ही नहीं है। यह मनुष्य के अंतस में अच्छाइयों और सद्भावनाओं को जगाने की प्रक्रिया है। रोजे के दौरान अपनी इंद्रियों को वश में रखना बहुत जरूरी है। इस दौरान वर्जित और बुरी बातों की तरफ जाना तो दूर, उनके बारे में सोचना भी गुनाह माना जाता है।

रोजे के दौरान बुरा कहने, बुरा देखने और बुरा करने की ही मनाही नहीं, बुरा सोचने, झूठ बोलने, किसी को तकलीफ पहुंचाने, पीठ पीछे बुराई करने की भी मनाही है। रोजेदार को मन, वचन और कर्म से खुद को सात्विक और अनुशासित रखना होता है। आचरण की शुचिता का खयाल रखना होता है। इस दृष्टि से यह आत्मिक शुद्धि का महीना है।

शुरुआत फर्ज की नमाज से होती है, जो सुबह चार-पांच बजे के बीच होती है। रोजेदार सहरी के वक्त कुछ खा लेते हैं और पूरे दिन के उपवास (रोजे) के लिए तैयार हो जाते हैं। वे मस्जिद में फर्ज की नमाज अदा करते हैं और रोजाना के कामों में व्यस्त हो जाते हैं, लेकिन उनके अंतस में रोजे की कैफियत बनी रहती है। पांचों वक्त की नमाज, रात में तरावीह की नमाज में कुरआन का चिंतन व श्रवण आदि। इस्लाम में रोजे को फर्ज माना गया है। रोजे बीमारी, लाचारी या दुख-तकलीफ में ही छोड़े जा सकते हैं।

इस माह में नफ्ल का सवाब फर्ज के बराबर मिलता है और प्रत्येक फर्ज का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है। अल्लाह तआला रोजेदारों के पिछले सारे गुनाह माफ कर देता है। जो लोग किसी रोजेदार को इफ्तार करवा देते हैं तो इस कारण उस व्यक्ति के तमाम गुनाह माफ हो जाते हैं।

अल्लाह तआला फरमाते है कि मोमिन की रोजी बढ़ा दी जाती है। रमजानुल मुबारक एक दूसरे के हमदर्दी का भी महीना है। सब्र करने का महीना है रमजानुल मुबारक रमजान त्याग का महीना है। अल्लाह ने अपने बंदों को बुराइयों को त्याग कर अच्छे मार्ग पर चलने का यह सुनहरा मौका प्रदान किया है।

इंसान गलतियों का पुतला है और अक्सर वह गलतियां करता है। इसलिए इस मौके को हाथ से जाने न दें और ईमानदारी से अल्लाह की इबादत करें। बुराइयों को त्यागने वाला ही सही मायनों में अल्लाह की इबादत करने का सच्चा हकदार है। रोजा आत्मा की शुद्धता का सबसे उत्तम साधन है।

रोजेदार के मन में किसी तरह का गलत ख्याल तक नहीं होना चाहिए। रोजे का मतलब भूखे पेट रहकर अल्लाह की इबादत करना नहीं है, बल्कि सही मायनों में जीवन से बुराइयों को मिटाकर अच्छाइयों को अपनाना है, जिससे समाज में शांति और अमन कायम रहे।

रोजा इफ्तार में हिंदू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मो के लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह समाज में भाईचारा बढ़ाने का एक जरिया है। अल्लाह भी अपने बंदों से यही उम्मीद करता है कि सब मिल-जुलकर रहें। सही मायनों में रमजान प्रेम का महीना है।

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शुक्रवार, 4 जुलाई 2014

बाड़मेर सहित राजस्थान दस रेलवे स्टेसन उड़ाने की धमकी ,हाई अलर्ट पर राजस्थान

बाड़मेर सहित राजस्थान दस रेलवे स्टेसन उड़ाने की धमकी ,हाई अलर्ट पर राजस्थान


बाड़मेर आंतकवादी संगठन ने राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर सहित दस रेलवे स्टेसनो को उड़ने का धमकी भरा पत्र भेजा ,इस पात्र के बाद राजस्थान में हड़कम्प मच गया ,सरकार ने राजस्थान के समस्त जिलो की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर हाई अलर्ट पर रखा हैं ,बाड़मेर के रेलवे स्टेसन की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी हैं।

लश्कर-ए तोयबा के एरिया कमांडर करीम अंसारी ने पंजाब को खून से रंग देने की धमकी देकर सुरक्षा एजेंसियों की एक बार फिर नींद उड़ा दी है। फिरोजपुर डिवीजन के रेलवे मैनेजर एनसी गोयल को 30 जून को भेजे पत्र में उसने पंजाब और राजस्थान के प्रमुख स्टेशनों और जालंधर के देवी तालाब मंदिर समेत प्रमुख धार्मिक स्थानों को एक सप्ताह के भीतर उड़ा देने की धमकी दी है।

अंतर्देशीय पत्र के माध्यम से फिरोजपुर कार्यालय को भेजे अपने पत्र में करीम अंसारी ने पंजाब के दो दर्जन प्रमुख स्थानों का नाम लिया है। उसने लिखा है कि आगामी 10 जुलाई को फिरोजपुर छावनी समेत दर्जन भर प्रमुख स्टेशनों को विस्फोट कर उड़ा दिया जाएगा और 12 जुलाई को जालंधर के प्रमुख मंदिर देवी तालाब समेत दर्जन भर प्रमुख मंदिरों को उड़ा दिया जाएगा।

अंत में उसने लिखा है कि पंजाब को खून से रंग देने पर ही उसे सुकून मिलेगा। फिरोजपुर कार्यालय में पहुंचने के बाद से ही रेलवे ने जीआरपी और आरपीएफ को अलर्ट करते हुए फिरोजपुर, फरीदकोट, भटिंडा, पटियाला, नवांशहर और गुरुदासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मांगी है। पत्र में पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश का भी जिक्र है। पत्र भेजने वाले ने अपना नाम करीम अंसारी, एरिया कमांडर, आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा, करांची पाकिस्तान लिखा है।

- पंजाब में फिरोजपुर छावनी, बठिंडा, फरीदकोट, धूली, जोखल, हिसार, पटियाला और राजस्थान में जयपुर, बीकानेर, गंगानगर, बाड़मेर, कोटा, जोधपुर, अलवर और नामची स्टेशनों को 10 जुलाई को उड़ाने की धमकी। इसके साथ ही बठिंडा, फरीदकोट, पटियाला के प्रमुख मंदिर, जालंधर के श्री देवी तालाब मंदिर, लुधियाना का वेद मंदिर, दुर्गा माता मंदिर, फगवाड़ा का हनुमान गढ़ी, पा रावण, अमृतसर का काली मंदिर, रामतीर्थ, बटाला और गुरुदासपुर के प्रमुख मंदिरों को 12 जुलाई को उड़ाने की धमकी दी।

- विभागीय सूत्र बताते हैं कि करीम अंसारी की पिछले दस सालों में यह पांचवीं धमकी है। हर बार वह तरह-तरह से धमकी देकर सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा देता है, लेकिन दूसरी ओर पिछले दस सालों से भारत की खुफिया ब्यूरो उसका पता नहीं लगा पा रही है।

- जीआरपी के एसपी आरएस घुम्मण ने कहा कि सभी संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बरतने के कड़े निर्देश दे दिए गए हैं। प्लेटफार्म पर और गाड़ियों में रैंडम चेकिंग करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

- उन्होंने आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार के संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति के दिखाई देने पर उसकी सूचना तत्काल नजदीकी जीआरपी, आरपीएफ जवान या रेलवे कर्मचारी या फिर 100 नंबर पर दें। जालंधर सिटी स्टेशन समेत आसपास के स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।





भूत ने खींची सेल्फी और पोती को बताया कि मैं परेशान हूं



बुखारेस्ट। सेल्फी यानी मोबाइल फोन के जरिए खुद की खींची तसवीर का क्रेज दुनियाभर में कुछ इस कदर छाया है कि इंसान तो क्या, भूत भी खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। सुनने में यह भले ही अजीब लगे, लेकिन रोमानिया की एक महिला ने यही दावा किया है कि उनकी दादी के भूत ने उनके मोबाइल पर सेल्फी खींची है। इस सेल्फी के जरिए भूत दादी ने चेताया है कि उन्हें मौत के बाद दंड दिया जा रहा है।
Dead grandmother`s ghost `took selfie to send family help message
इस खबर के बाद दक्षिण पूर्वी रोमानिया के स्कर्टेस्टी चर्च में डरे-सहमे स्थानीय लोगों का जमावड़ा लग गया है। 34 वर्षीय जिना मिहाई नाम की इस महिला का कहना है कि एक भविष्यवक्ता के मुताबिक दादी ने उन्हें सेल्फी के जरिए संदेश देने की कोशिश की है। संदेश यह कि दादी के लिए प्रार्थना किए जाने की जरूरत है।

मिल रही पाप की सजा
मिहाई ने कहा कि जब मैंने अपना मोबाइल फोन ऑन किया तो मरी दादी का चेहरा मोबाइल स्क्रीन पर देखकर दंग रह गई। ऎसा लग रहा था कि उनकी गर्दन में सांप लपेटा गया है। मैं इस तसवीर को एक भविष्यवक्ता के पास ले गई। उसने मुझे बताया कि गले में सांप लपेटे होने का मतलब यह है कि उन्हें इस धरती पर किए गए किसी पाप की सजा दी जा रही है। उन्होंने यह संदेश दिया है कि अगर हम उनके लिए प्रार्थना करें, तो शायद उनकी आत्मा को अभी भी मुक्ति मिल सकती है। जब से यह वाकया सामने आया है, तब से मिहाई समेत दर्जनों स्थानीय लोग चर्च में घंटों प्रार्थना में अपना वक्त निकाल रहे हैं।

परंपरा न तोड़ने की चेतावनी
असल में रोमानिया में गुजर गई पीढ़ी के लिए वष्ाü मे एक बार गरीबों को खिलाने की परंपरा रही है। मिहाई का कहना है कि उनकी दादी को मरे तीन वर्ष हुए हैं और इन बीते तीन वर्षो में उन्हें अपनी मरी दादी के नाम पर किसी गरीब को खाना खिलाने का मौका नहीं मिल पाया है। फ्लोरिका मिहाई नाम की एक अन्य परिजन ने बताया कि पुजारी के मुताबिक हमे बीते दिनों गरीबों को खाना नहीं खिलाने के एवज में अब लगातार 40 दिनों तक ऎसा करना होगा और हम यही कर रहे हैं। हम दादी की आत्मा की मुक्ति चाहते हैं।

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शादी ना कराने पर 23 लड़कियों ने अपने माता-पिता पर ठोका मुकदमा



रियाद। सऊदी अरब की 23 महिलाओं ने पिछले साल अपने माता-पिता पर इसलिए मुकदमा कर दिया, क्योंकि उन्होंने उनकी शादी नहीं कराई। नेशनल सोसायटी फॉर ±यूमन राइट्स (एनएसएचआर) ने यह जानकारी दी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रियाद में 11, मदीना में 4, दम्माम में 2 मक्का में 2, जेद्दाह में 2 और जजान में ऎसे 2 मामले सामने आए हैं। इन मामलों को अरबी में "अदहल" कहा जाता है।
Denied marriage, 23 Saudi women sue guardians
एनएसएचआर की सदस्य और सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता सुहेला जेन अल-अबिदीन हम्माद ने सरकार से अपील की है कि वह "अदहल" से महिलाओं के बचाव के लिए एक कानून बनाए। साथ ही कहा कि एक ऎसा कानून बनाना जरूरी है, जिसमें एक निश्चित आयु होने पर लड़कियां खुद शादी कर सकें। इसके लिए मां-बाप की अनुमति की कोई जरूरत न हो। महिलाएं अपने माता-पिता के दया की पात्र बन गई है।

एनएसएचआर ने हाल ही में ऎसे कई मामलों को निपटाया, जिसमें लड़कियों के माता-पिता ने उनकी शादी करवाने से इंकार कर दिया। क्योंकि उन्होंने या तो लड़के को नापसंद कर दिया या फिर वह अपनी बेटियों की तनख्वाह पर ही जीना चाहते थे। हम्माद ने कहा कि "अदहल" के कारण लड़कियां अवसाद, आत्महत्या की प्रवृत्ति और नशीली दवाओं की लत समेत कई मानसिक समस्याओं की शिकार हो जाती हैं।

रसोई में लगेगी आग: 250 रूपए महंगा होगा गैस सिलेण्डर! -



महंगाई की मार झेल रही आम जनता पर मोदी सरकार जल्द ही एक और बोझा डाल सकती है। सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय रसोई गैस और केरोसिन के दाम में बढ़ोतरी की सिफारिश कर सकता है।

समाचार चैनलों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय विशेषज्ञ पैनल की रसोई गैस के दाम में 250 रूपए और केरोसिन की कीमत में 4 रूपए की बढ़ोतरी की सिफारिश को राजनीतिक मामलों की समिति के समक्ष रख सकती है। आधिकरक सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय इस संबंध में ड्राफ्ट नोट तैयार कर रहा है।
Oil Ministry may propose to hike LPG price by Rs 250 per cylinder
सूत्रों के मुताबिक पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के डीजल की कीमतों में प्रति माह 40 से 50 पैसे की बढ़ोतरी का समर्थन करते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय यह प्रस्ताव रख सकता है कि जब तक डीजल(प्रति लीटर)पर 3.40 रूपए का घाटा पूरा नहीं हो जाता तब तक मासिक संशोधन जारी रहे। पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए पेट्रोल की तरह डीजल के दाम को भी बाजार के हवाले करने पर मुहर लगा दे।

जून 2010 में पेट्रोल की कीमतों को बाजार के हवाले कर दिया गया था। पेट्रोल की कीमतें हर महीने की पहली तारीख और 16 तारीख को संशोधित होती है। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारिख की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों पर विचार करे।

अक्टूबर 2013 में किरीट पारेख की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। यूपीए सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों के उचित तंत्र को विकसित करने के लिए पारिख की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में गैस सिलेण्डर के दाम में 250 रूपए,डीजल के दाम में 5 रूपए और केरोसिन के दाम में 4 रूपए की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। ये सिफारिश 72,000 करोड़ की ईंधन सब्सिडी के बिल में कटौती के लिए की गई थी।

गुरुवार, 3 जुलाई 2014

बाड़मेर जी आर पी की हिरासत से भाग बांग्लादेशी फिर पकड़ा गया

बाड़मेर जी आर पी की हिरासत से भाग बांग्लादेशी फिर पकड़ा गया

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में जी आर पी पुलिस की कस्टडी से चार रोज भाग निकला बांग्लादेशी को पुनः गिरफ्तार कर लिया ,,आज उसे जयपुर पूछताछ के लिए ले जाया गया हैं। सूत्रानुसार चार रोज पहले जी आर पी पुलिस ने सरहद के निकट एक बांलादेशी युवक को पाकिस्तान जाने की फिराक में गिरफ्तार किया था। प्रारंभिक पूछताछ में इसने शहर स्थित एक मदरसे में ठहराव करने को सीकर था ,इस युवक ने गिरफ़्तारी के बाद अपना सिम कार्ड नष्ट कर दिया था ,जी आर पी पुलिस को चकमा देकर यह फरार हो , इस बात को जी आर पी पुलिस ने छुपाये रखा मगर आज विशेष टीम ने उसे पुनः पकड़ लिया ,बताया जा रहा हैं यह युवक पाकिस्तान जाने की फिराक में सरहदी क्षेत्र में था ,पूछताछ में उसने खुद को पहले भारतीय नागरिक बताया उसके पास भारतीय नागरिकता का सबूत भी मिला ,बाद में इसने स्वीकार किया की वह ढाका बांलादेश का निवासी हैं ,इस युवक ने अपना नाम शम्शुद्दीन पुत्र सल्लाउद्दीन बताया ,बाड़मेर आने के बाद इसने एक मदरसे में नौकरी लग गया था ,काफी दिनों तक क्षेत्र की जानकारी लेने के बाद पाकिस्तान जाने के लिए निकल गया मगर सरहद पर पकड़ा गया। गुरूवार को उसे विशेष टीम के साथ जयपुर भेजा हैं जहां उससे सयुंक्त रूप से एजेंसिया पूछताछ करेगी ,उसने उत्तर प्रदेश में कई मदरसो में मौलवी के रूप में काम करना भी स्वीकार किया