सागवाड़ा। डूंगरपुर के सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. कांतिलाल वर्मा ने मंगलवार दोपहर अपने आवास पर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। गंभीर हालत में अहमदाबाद ले जाते समय रास्ते में उनकी मृत्यु हो गई। वे पत्नी की आत्महत्या को लेकर दर्ज प्रकरण में पुलिस कार्रवाई न होने से क्षुब्ध थे।
जानकारी के अनुसार डा. वर्मा की पत्नी निर्मला ने 13 दिसंबर 2013 को घर पर ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
3 फरवरी को डा. वर्मा ने नादिया निवासी विपिन पण्ड्या के खिलाफ पत्नी को भगा ले जाने और बाद में ब्लैकमेल कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का प्रकरण दर्ज कराया। उन्होंने सागवाड़ा अस्पताल में तहसीलदार को दिए बयानों में इसी प्रकरण में अब तक कार्रवाई नहीं होने से परेशान होना बताया था।
डा. वर्मा की मौत से नाराज लोगों ने थाने पर प्रदर्शन कर सड़क पर जाम लगा दिया। कुछ प्रदर्शनकारियों में घुसने का प्रयास किया तो पुलिस ने लाठियां भांज कर भीड़ को तितर-बितर किया। अब पुलिस कह रही है कि आरोपी विपिन पण्ड्या की गिरफ्तारी के लिए संभाग में नाकाबंदी कराई गई है।
नहीं तो चिकित्सा सेवा ठप : ब्लॉक चिकित्साधिकारी डा. राजाराम मीना समेत कई चिकित्सकों व मेलनर्स स्टॉफ ने आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार नहीं करने पर चिकित्सा सेवा ठप करने की बात कही। मोची समाज ने भी आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर बुधवार को सागवाड़ा बंद का आह्वान किया।
सुसाइड नोट: 22 पेज
डॉ. वर्मा ने 22 पेज का सुसाइड नोट लिखा, जो पुलिस ने उनके आवास से बरामद किया। हालांकि, इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई।
मंत्री के नाम पर धमकाने का आरोप
मंगलवार को डा. वर्मा के पुत्र डा. हर्षद ने एएसपी को पत्र देकर विपिन पण्ड्या पर राज्य सरकार के एक मंत्री के नाम पर धमकाने का आरोप लगाया।