नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री जसवंत सिंह पार्टी के भीतर सीटों को लेकर मचे घमासान से दूर राजस्थान के बाड़मेर से चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे हैं।
हालांकि इस सीट के लिए अभी उनका नाम घोषित नहीं हुआ है। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति उनका नाम इस सीट के लिए घोषित करेगी।
जसवंत सिंह अपनी पूरी बातचीत में नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लेते हैं। वे मानते हैं इस समय पूरे देश में भाजपा की हवा चल रही है और पार्टी को बहुमत मिलेगा।
कई मंत्रालय संभालने वाले जसवंत सिंह प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर कहते हैं कि कभी मन में विचार नहीं आया, लेकिन ईश्वर को जब जो देना होगा, वह देगा।
क्या आप राजस्थान वापसी करने जा रहे हैं?
हां, मैं राजस्थान से लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा हूं। मेरी जानकारी के अनुसार मैं प्रत्याशी बनूंगा। कौन सी सीट से लड़ूंगा इसका फैसला पार्टी करेगी। जोधपुर,चित्तौड़ से भी उनके समर्थन में पत्र लिखकर आए हैं। लेकिन बाड़मेर के कई विधायकों ने उनसे वहीं से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। मेरी प्राथमिकता भी बाड़मेर है।
फिर चुनाव लड़ने के लिए आप क्या तैयारी कर रहे हैं?
घर वापसी में कोई तैयारी नहीं की जाती है। स्मृति लुप्त नहीं हुई है। लोगों से मिलकर पुरानी बातें ताजा करने का मौका मिलेगा। अब आप पूछेंगे मुद्दे, तोे बाड़मेर की कई आवश्कता हैं। पानी, रोजगार, रेलवे स्टेशन, हॉल्ट बनाना आदि कई स्थानीय मुद्दे हैं।
आपने राष्ट्रीय मुद्दे नहीं बताए।
भई मेरी समझ से तो यूपीए सरकार की कारगुजारियों के चलते अपने आप ही राजग को सरकार तश्तरी में मिल रही है। राष्ट्रीय स्तर पर तो कई मुद्दे हैं। महंगाई, रूपये का अवमूल्यन, आर्थिक संकट, खाद्य सामग्री में गिरावट, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब करना, रक्षा मामलों में घोटाला। भ्रष्टाचार और नाकामियां अपने आप में बड़े मुद्दे हैं।
कहा जा रहा है कि भाजपा को बहुमत कहां से मिलेगा?
भई आप गणित में क्यो उलझते हैं। अभी तो भाजपा के पक्ष मे हवा चल रही है। लोग परिवर्तन चाहते हैं। जनता कांग्रेस के कुशासन से उब गई है। बदलाव चाहती है। थोड़ा इंतजार करें सब कुछ 16 मई को सामने आ जाएगा। नतीजे सामने आते ही सब साफ हो जाएगा।
लेकिन भाजपा में बड़े नेताओं के बीच ही सीटों पर चल रही खींचतान। लालकृष्ण आडवाणी का कहना एक व्यक्ति का राज आदि? बुजुर्गो को चुनाव न लड़ाने की बात हुई। इससे पार्टी को नुकसान नहीं होगा?
इस बारे में सभी नेता स्थिति साफ कर चुके हैं। राजनाथ सिंह स्वयं बोल चुके हैं। अफवाहों को बतंगड़ बनाया जा रहा है। इस पर मैं क्या टिप्पणी करूं।
आपने लगभग सभी प्रमुख मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभाई। क्या कभी आप के मन में विचार नहीं आया कि मैं भी प्रधानमंत्री बनूं?
मेरे घर की दीवार प्रधानमंत्री के सरकारी आवास सात रेसकोर्स से लगी है। लेकिन कभी भी मेरे मन में यह विचार नहीं आया कि दीवार के उस पार जाऊं । ईश्वर की कृपा और पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें कई पद दिए हैं। लेकिन अब ईश्वर को जो देना होगा, वह देगा। -
हालांकि इस सीट के लिए अभी उनका नाम घोषित नहीं हुआ है। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति उनका नाम इस सीट के लिए घोषित करेगी।
जसवंत सिंह अपनी पूरी बातचीत में नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लेते हैं। वे मानते हैं इस समय पूरे देश में भाजपा की हवा चल रही है और पार्टी को बहुमत मिलेगा।
कई मंत्रालय संभालने वाले जसवंत सिंह प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर कहते हैं कि कभी मन में विचार नहीं आया, लेकिन ईश्वर को जब जो देना होगा, वह देगा।
क्या आप राजस्थान वापसी करने जा रहे हैं?
हां, मैं राजस्थान से लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा हूं। मेरी जानकारी के अनुसार मैं प्रत्याशी बनूंगा। कौन सी सीट से लड़ूंगा इसका फैसला पार्टी करेगी। जोधपुर,चित्तौड़ से भी उनके समर्थन में पत्र लिखकर आए हैं। लेकिन बाड़मेर के कई विधायकों ने उनसे वहीं से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। मेरी प्राथमिकता भी बाड़मेर है।
फिर चुनाव लड़ने के लिए आप क्या तैयारी कर रहे हैं?
घर वापसी में कोई तैयारी नहीं की जाती है। स्मृति लुप्त नहीं हुई है। लोगों से मिलकर पुरानी बातें ताजा करने का मौका मिलेगा। अब आप पूछेंगे मुद्दे, तोे बाड़मेर की कई आवश्कता हैं। पानी, रोजगार, रेलवे स्टेशन, हॉल्ट बनाना आदि कई स्थानीय मुद्दे हैं।
आपने राष्ट्रीय मुद्दे नहीं बताए।
भई मेरी समझ से तो यूपीए सरकार की कारगुजारियों के चलते अपने आप ही राजग को सरकार तश्तरी में मिल रही है। राष्ट्रीय स्तर पर तो कई मुद्दे हैं। महंगाई, रूपये का अवमूल्यन, आर्थिक संकट, खाद्य सामग्री में गिरावट, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब करना, रक्षा मामलों में घोटाला। भ्रष्टाचार और नाकामियां अपने आप में बड़े मुद्दे हैं।
कहा जा रहा है कि भाजपा को बहुमत कहां से मिलेगा?
भई आप गणित में क्यो उलझते हैं। अभी तो भाजपा के पक्ष मे हवा चल रही है। लोग परिवर्तन चाहते हैं। जनता कांग्रेस के कुशासन से उब गई है। बदलाव चाहती है। थोड़ा इंतजार करें सब कुछ 16 मई को सामने आ जाएगा। नतीजे सामने आते ही सब साफ हो जाएगा।
लेकिन भाजपा में बड़े नेताओं के बीच ही सीटों पर चल रही खींचतान। लालकृष्ण आडवाणी का कहना एक व्यक्ति का राज आदि? बुजुर्गो को चुनाव न लड़ाने की बात हुई। इससे पार्टी को नुकसान नहीं होगा?
इस बारे में सभी नेता स्थिति साफ कर चुके हैं। राजनाथ सिंह स्वयं बोल चुके हैं। अफवाहों को बतंगड़ बनाया जा रहा है। इस पर मैं क्या टिप्पणी करूं।
आपने लगभग सभी प्रमुख मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभाई। क्या कभी आप के मन में विचार नहीं आया कि मैं भी प्रधानमंत्री बनूं?
मेरे घर की दीवार प्रधानमंत्री के सरकारी आवास सात रेसकोर्स से लगी है। लेकिन कभी भी मेरे मन में यह विचार नहीं आया कि दीवार के उस पार जाऊं । ईश्वर की कृपा और पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें कई पद दिए हैं। लेकिन अब ईश्वर को जो देना होगा, वह देगा। -
राजस्थान पत्रिका से साभार
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