गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का सीयाणी नगर प्रवेष सम्पन्न

श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का सीयाणी नगर प्रवेष सम्पन्न

उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब


सीयाणी - थार नगरी के समीपवर्ती पूज्य पलिलवाल रत्न श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का सीयाणी नगर प्रवेष सम्पन्न हुआ सीयाणी नगर में प्रथम बार दिक्षा मुमुक्षु पींकी छाजेड़ की श्री विचक्षण मणि, सौम्यामूर्ति, शान्त स्वभावी गुरूवर्या श्री सुरंजना श्री म.सा. आदि ठाणा के पावन सानिध्य में सम्पन्न आगामी 13 फरवरी को होगी।

सियाणी जेन श्री सघं के अध्यक्ष बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि पूज्य श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी ने बाड़मेर से विहार कर मारूड़ी देरासर, हाथमा, क होते हुए आज प्रात: 11 बजे सियाणी नगर में प्रवेष किया। पूज्य श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का पंचायत भवन पर बैण्ड बाजों, ढोल नगाड़ो, एवं सामैया द्वारा स्वागत किया गया। पूज्य गुरूवर्या श्री विचक्षण मणि, सौम्यामूर्ति, शान्त स्वभावी गुरूवर्या श्री सुरंजना श्री म.सा. आदि ठाणा ने गुरूवर श्रीजी अगवार्इ की पुज्य गुरूवर ने सामैया पर वासक्षेप डालकर मंगलचरण सुनाकर प्रवेष की शौभायात्रा रवाना हुर्इ। प्रवेष की शौभायात्रा में शहर के सुप्रसिद्ध बैण्ड अपनी मधुर स्वर लहरीयों बिखेरता हुआ वातावरण को धर्ममय बनाता हुआ चल रहा बाद में ढोल नगाड़ो, के बाद गुरूवर चल रहेािे पीछे पुरूष वर्ग जयकारों के साथ चल रहे थे। पिछे दीक्षार्थी पिंकी छाजेड़ एवं मण्डल की बालिकाएं नृत्य करती हुर्इ पूज्य गुरूवर्या श्री के आगे चल रही थी बाद में गुरूवर्या अपनी साध्वी मण्डल के साथ बाद में मंगलकलष सिर पर धारण किये महिलाएं एवं मंगल गीत गाती महिलाएं चल रही थी। प्रवेष की शौभायात्रा पंचायत भवन से नगर में मुख्य मार्गो से होती हुर्इ आदिनाथ जिनालय एवंम दादा गुरूदेव के दर्षन वंदन कर पास में कुषल विचक्षण नगर में धर्मसभा में परिवर्तित हुर्इ। शौभायात्रा का जगह-जगह अक्षत की गहुलियों से स्वागत एवं जगह-जगह बालक एवं बालिकाओं झूमते नृत्य करते हुए चल रहे थे। धर्मसभा में पूज्य गुरूवरके मुखारबिंद से मंगलाचरण से कार्यक्रम शुरू हुआ तत्पष्चात गुरूवंदना किया बाद में मुमुक्षु पिंकी छोजेड़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी दिक्षा महोत्सव पर आप सभी ज्यादा से ज्यादा पधारकर मुझे आर्षीवाद देवें। बाद में बालिका मण्डाल स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

भुरचदं छाजेड ने बताया कि धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वीवर्या श्री सिद्धाजंना श्री जी ने कहा कि जिस व्यकित ने मन का उपयोग करना सिख लिया वह व्यकित मन से परे स्वयं के चेतन्य जगत को प्राप्त कर लेता है मन का वातावरण अलग है मन यदि र्इन्द्रीयों से जुड़ता है शरीर से जुड़ता है संसार से जुड़ता है, बाहय आकर्षण से जुड़ता है तो वह नाना योनियों में भटकता है नाना विचारों में भटकता है मन यदि संसार से जुड़ता है तो वह भटकता और भटकाता है यदि सयमं से, निजी चेतना से जुड़ता है तो सिथर होता है और सिथर बनता है तो सिद्ध सिला पर सिथत हो जाता है। पुज्य लाभ मुनि ने र्धम सभा में कहा कि दीक्षा को आत्म कल्याण हेतु मार्ग बताया।जेन धर्म भगवान महावीर स्वामी के साथ गोतम स्वामी का नाम जुउा है। तत्पषचात पुज्य मणिरत्न सागर जी म.सा ने अपने उधबोधन में बताया कि मोक्ष ही जगत के सभी जीवों के कल्याण का रास्ता है उन्होंने मुमुक्षु पींकी छाजेड़ के माता पिता की प्रषंसा करते हुऐ कहा कि घन्य है वे माता पिता जिन्होंने अपनी बेटी को जगत तथा पुरे विष्व में संयम पथ पर जाने कि आज्ञा प्रदान की मुमुक्षु पींकी छाजेड की आगामी 13 फरवरी को दीक्षा है इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम में आप अपनी भागीदारी निभाकर दिक्षा के कार्यक्रम को सफल बनावें। इस अवसर पर बाड़मेर,बिषाला, धोरिमन्ना, चौहटन, भादरेष, नवसारी, बालोतरा, जोधपुर, देवड़ा, रामसर, अहमदाबाद सहित कर्इ क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा।़

बीवियों की यातना से परेशान पति बन रहे हैं संन्यासी!

जबलपुर। महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए गए कड़े कानूनों से उल्टे पुरूषों के प्रताडित होने के कई ऎसे मामले सामने आए हैं। जिनमें ये कानून पतियों के लिए ही मुसीबत का सबब बन गए। कुछ मामलों में तो आलम यह है कि पत्नियों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पतियों ने संन्यास ही ले लिया। मध्य प्रदेश के जबलपुर में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं।बीवियों की यातना से परेशान पति बन रहे हैं संन्यासी!
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पत्नियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों के बाद बीते पांच वर्ष में 4,500 पति ऎसे फरार हुए कि अब तक उनका पता ही नहीं चल सका और उनमें से कई तो संन्यासी ही बन गए। पत्नियों द्वारा कानून की चाबुक चलाए जाने के बाद संन्यासी बने ऎसे ही कई पति नर्मदा तट पर पूजा अर्चना व मंदिरों मे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र से लेकर प्रदेश स्तर पर सरकारों ने पिछले वर्षो में काफी सजगता दिखाई और महिलाओं को सुरक्षा और उनके अधिकारों को संरक्षण देने के लिए कई कड़े कानून बनाए और कई कानूनों में संशोधन कर उन्हें सख्त बनाया। इसके चलते छोटी-मोटी बातों पर भी महिलाएं पुलिस का दरवाजा खटखटा देती हैं, जिससे जीवन में खलल तो पैदा हो ही जाता है, पारिवारिक अशांति भी बढ़ जाती है।

पति-पत्नी के बीच विवादों के चलते परिवार टूटने और पतियों के भाग जाने के जो मामले जबलपुर में आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। परिवार परामर्श केंद्र के परामर्शदाता अंशुमान शुक्ला ने बताया कि जबलपुर में बीते पांच वर्ष में आई पारिवारिक विवाद की शिकायतों के बाद से लगभग 4,500 पति लापता हैं।

अंशुमान ने बताया, ""जो पति घर छोड़ गए हैं, उनमें से कई तो संन्यासी बन गए हैं।"" अंशुमान ने बताया कि शिकायतकर्ता महिलाओं ने ही आकर उन्हें अपने पति के संन्यासी बनने की खबरें दी हैं।

अंशुमान के मुताबिक पत्नियों की ओर से दर्ज कराई जाने वाली शिकायतों के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए पति भाग जाते हैं, और आने वाली मुसीबत से बचने के लिए फिर उनके पास शेष जीवन संन्यासी बनकर बिताने का ही विकल्प रह जाता है।

पत्नी द्वारा थाने में शिकायत किए जाने से परेशान प्रकाश साहू का कहना है कि उसके पिता का हाल ही में निधन हुआ है, और पत्नी ने प्रताड़ना की शिकायत थाने में दर्ज करा दी। पत्नी उससे इस शर्त पर तलाक चाहती है कि उसे इसके एवज में रकम दी जाए। इस स्थिति से बचने के लिए वह ऎसा रास्ता खोज रहा है, जिससे वह अपने को मुसीबत से बचा सके।

जबलपुर में यदि पतियों के पत्नी से प्रताडित होकर भागने और संन्यासी बनने का सिलसिला इसी तरह जारी रहा, तो आने वाले समय में नर्मदा के तट और मंदिरों में पत्नियों से दूर भागकर संन्यासी बनने वालों की भरमार हो जाएगी।

विधानसभा में "आमने-सामने" हुए बेनीवाल और खींवसर

जयपुर।14वीं राजस्थान विधानसभा के पहले सत्र के अंतिम दिनऊर्जा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। दोनों के बीच बिजली छीजत को लेकर सवाल-जवाब हुए। इसके चलते सदन में काफी देर तक हंगामा हुआ। विधानसभा में "आमने-सामने" हुए बेनीवाल और खींवसर
ऊर्जा मंत्री खींवसर और बेनीवाल के बीच हंगामे की शुरूआत बेनीवाल द्वारा खींवसर पर आरोप लगाने के बाद हुई। इसके चलते सदन में शोरगुल तेज हो गया और कार्यवाही बाधित हुई। इस दौरान कांग्रेस के सचेतक और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा भी खड़े हो गए। इस पर विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए बाधा डालने पर टोका।

आठ घंटे बिजली देने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहाकि सरकार ने ये वादा किया है लेकिन सरकार के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है। प्रदेश में बिजली व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। इसके चलते फिलहाल किसानों को आठ घंटे बिजली देना संभव नहीं है। इस संबंध में राजपा की गीता वर्मा तथा डॉ. किरोडी लाल मीणा ने सवाल पूछा था। इस पर डोटासरा ने सवाल किया कि भाजपा ने प्रदेश के किसानों के साथ छलावा किया है।

निर्दलीय विधायक मानिक चन्द सुराना के सवाल पर खींवसर ने कहा कि फिलहाल पांच से साढ़े पांच रूपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जा रही है। उन्होंने बताया कि अगस्त 2014 तक राजस्थान बिजली के क्षेत्र में आत्म निर्भर हो जायेगा। राजपा विधायक डॉ. किरोडी लाल के बिजली की छीजत को 35 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत तक लाने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि छीजत को कम करने के लिये ऑडिट कम्पनी को काम सौंपा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर विचार होगा।

गजब! नए कानून के तहत पत्नी को पीटना हुआ वैध

काबुल। पूरी दुनिया में पत्नी को पीटना कानूनी अपराध है, लेकिन अफगानिस्तान में लगता है ऎसा नहीं है। एक नए कानून के तहत वहां घरेलू हिंसा को कानूनी रूप दे दिया है जिसके चलते रिश्तेदारों के खिलाफ शिकायत करना नामुमकिन हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, नया कानून ऑनर किलिंग (इज्जत के लिए हत्या) को बढ़ावा देगा। गजब! नए कानून के तहत पत्नी को पीटना हुआ वैध
इस नए कानून को अफगानिस्तान की संसद ने पारित कर दिया है और राष्ट्रपति हामिद करजई के हस्ताक्षर के बाद कानून अमल में आ जाएगा। ब्रिटेन के अखबार "द गार्जियन" में छपी खबर के मुताबिक, नया कानून पुरूष्ाों को बिना किसी डर के अपनी पत्नी, बच्चों और बहनों को पीटने का अधिकार दे देगा।

अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए धर्मार्थ संगठन चलाने वाली मनीजा नादेरी ने कहा कि इस तरह का कानून बनाकर सरकार ने महिलाओं के अधिकारों को एक तरीके से खत्म कर दिया है। पिटाई होने पर अब वे शिकायत भी नहीं कर सकेंगी, न ही उन्हें न्याय मिल पाएगा।

छात्रा से रेप, 30 किलो का पत्थर बांधा

जयपुर। नीम का थाना के पाटन थाना क्षेत्र में एक स्कूली छात्रा की बलात्कार के बाद निर्मम हत्या करने का मामला सामने आया है। बुधवार को छात्रा स्कूल के लिए निकली थी, लेकिन वापस घर नहीं लौटी।
छात्रा को परिजन व पुलिस तलाशते रहे। गुरूवार सुबह किसी ने कुएं में शव देखकर पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने छात्रा के परिजनों को बुलाकर उसकी शिनाख्त करवाई।

पुलिस ने बताया कि थाना क्षेत्र के मौकलवास निवासी 13 वर्षीय स्कूली छात्रा का शव कुएं में मिला था। पुलिस का मानना है कि बलात्कार के बाद उसकी हत्या की गई। आरोपियों ने छात्रा के गले में चुन्नी लपेटकर उसके 30 किलो का पत्थर बांधा और उसे कुएं में पटक दिया था।

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी राजकीय अस्पताल में भिजवाया। सूत्रों ने बताया कि मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में ले रखा है। वहीं छात्रा की स्कूल व आस-पड़ोस के लोगों से भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।

स्कूल से कर लिया था अगवा
पुलिस ने बताया कि छात्रा स्कूल के लिए घर से निकली थी। रास्ते से ही उसको अगवा किया गया। छात्रा के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी भी दर्ज करवाई थी। जिसपर उसकी तलाश की जा रही थी।

सुबह स्वामी की ढाणी स्थित एक खेत में बने कुएं में उसका शव पड़े होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने बताया कि मामले में आरोपी जल्द से जल्द पकड़ में आ जाएंगे। कुछ लोगों पर संदेह गहराया है, जिसके आधार पर पूछताछ की जा रही है।

"बेशर्म" मंत्री ने डांसर के साथ लगाए ठुमके

लखनऊ। मुजफ्फरनगर हिंसा पीडितों के प्रति उदासीनता को लेकर पहले से आलोचना और विपक्ष के हमले झेल रही समाजवादी पार्टी सरकार अब एक बार फिर से मुश्किल में है।
सपा सरकार में राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप और व पार्टी के कुछ नेता मुजफ्फरनगर में नर्तकी के नृत्य का आनंद लेते कैमरे पर देखे गए।

स्थानीय समाचार चैनलों द्वारा प्रसारित फुटेज में राज्यमंत्री और मुजफ्फरनगर के स्थानीय सपा नेता एक समारोह में महिला के नृत्य का आनंद ले रहे हैं। मंत्री के समर्थक और नेता नर्तकी पर पांच-पांच सौ रूपये के नोट उड़ाते साफ तौर पर देखे गए।

मामले के तूल पकड़ने के बाद तो स्वरूप ने कहा कि वह एक स्थानीय युवा सपा नेता के यहां शादी समारोह में गए थे। वहां नृत्य चल रहा था। उन्होंने लोगों को नृत्य का आनंद लेते देखा। उनके पीछे खड़े कुछ लोग पैसे भी लुटा रहे थे, लेकिन वह किसी को पैसे लुटाने से कैसे रोक सकते थे।

उधर, विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने गुरूवार को संवाददाताओं से कहा कि अखिलेश सरकार मुजफ्फरनगर के दंगों के बाद हुए प्रयासों की सराहना करती है।

देखने वाली बात है कि दंगों के बाद मुजफ्फरनगर के प्रभारी मंत्री आजम खान वहां जाते तक नहीं, जो मंत्री जाते हैं कि वह नृत्य समारोह का आनंद लेने और ठुमके लगाने में मस्त है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्तियों को मर्यादाओं का भी पालन करना पड़ता है।

भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक

आस्था या विश्वास के लिए ये ज़रूरी नहीं है कि आप उसे किसी विशेष वास्तु में ढूंढें, ये किसी भी आकार आकृति और रूप में आपके सामने आ सकता है। क्या पता शायद अगली बार एक खिलौने वाला हवाई जहाज ही आपकी आस्था का प्रतीक बन जाये। आस्था के सम्बन्ध में भारतियों की एक अलग राय है कभी यहां लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र एक बुलट होती है तो कभी कोई पेड़ पौधा कभी लोग सिगरेट से अपनी मनोकामना की पूर्ति कराते हैं तो कभी कोई कुछ करता है। 33 करोड़ देवी देवता होने के बावजूद एक "रॉयल इंफील्ड बुलट" की पूजा, या "किसी मज़ार पर सिगरेट चढ़ाना" अब इसे आस्था कहा जाए या अंधविश्वास लेकिन बात जो भी हो सुनने में और देखने में ये सब बड़ा रोचक होता है। आप यकीन मानें या ना मानें लेकिन हिंदुस्तान में ऐसे बहुत से मंदिर है जो हमेशा से ही कौतुहल का विषय रहे हैं। इसी क्रम में आज फिर हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ असामान्य मंदिरों और स्थानों के बारे में। आज आपको ऐसा बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा जिसकी कल्पना आपने कभी नहीं की होगी। साथ ही इन बातों को पढ़ने के बाद आपको विश्वास हो जायगा कि भारत के लोगों कि आस्था इतनी आसामान्य है कि आप उसे शब्दों में पिरो नहीं सकते हैं। काल भैरव नाथ मंदिर , मध्य प्रदेश असामान्य: जहां प्रसाद में मिलती है शराब हर साल हज़ारों लोग उज्जैन के काल भैरव नाथ मंदिर आते हैं और महाकाल को शराब चढ़ाते हैं, यही शराब यहां प्रसाद के रूप में भी बांटी जाती है। कहा जाता है कि काल भैरव नाथ इस शहर के रक्षक हैं। इस मंदिर के बाहर साल के 12 महीने और 24 घंटे शराब उपलब्ध रहती है। चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता असामान्य : प्रसाद में मिलती है न्यूडल चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता कोलकाता के टांगरा में एक 60 साल पुराना चाइनीज काली मंदिर है। इस मंदिर की एक ख़ास बात ये है कि दुर्गा पूजा के दौरान प्रवासी चीनी लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यहाँ आने वालों में ज्यादातर लोग या तो बौद्ध हैं या फिर ईसाई। एक बात और है जो इस मंदिर को खास बनाती है वो ये है कि इस मंदिर के मुख्य पुजारी एक बंगाली ब्राह्मण हैं । यहां आने वाले लोगों को प्रशाद में न्यूडल, चावल और सब्जियों से बनी करी परोसी जाती है। 
भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक
हवाई जहाज गुरुद्वारा, पंजाब असामान्य : जहां चढ़ाया जाता है खिलौने वाला हवाई जहाज पंजाब के दोआबा क्षेत्र में पड़ने वाला संत बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा भी बड़ा विचित्र है यहां आने वाले भक्त गुरूद्वारे पर खिलौने का हवाई जहाज चढ़ाते हैं।

भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक

 ऐसा करने के पीछे लोगों में ये मान्यता है कि बाबा उन्हें विदेश बेजते हैं। आज भी रोजाना हज़ारों लोग इस गुरूद्वारे पर मत्था टेकने आते हैं यहां आने के बाद आप यूके यूएसए और कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले लोगों को इस स्थान पर एकत्र हुए देख सकते हैं। यहां गुरूद्वारे के बाहर आपको कई दुकानें मिलेंगी जो हवाई जहाजों के खिलौने बेचती हैं और इन्हें खरीदने के लिए लोगों कि भीड़ लगी रहती है। एकमात्र ब्रहमा मंदिर, राजस्थान असामान्य : विश्व का एकमात्र ब्रहमा मंदिर ब्रहमा मंदिर, पुष्‍कर झील के किनारे पर स्थित है। यह भारत के कुछ मंदिरों में से एक है जो हिंदूओं के भगवान ब्रहमा को समर्पित है। यह मंदिर मूल रूप से 14 वीं सदी में बनाया गया था। मंदिर में राजसी छवि वाले कमल पर विराजमान, ब्रहमा जी की चार मुख वाली मूर्ति स्‍थापित है जिसके बाएं तरफ उनकी युवा पत्‍नी गायत्री और दाएं तरफ सावित्री बैठी हैं।
भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक
 बुलट बाबा, राजस्थान असामान्य : जहां पूजी जाती है एक बुलट बुलट बाबा या ओम बनना समाधी राजस्थान के जोधपुर में स्थित है। यहां आने वाले भक्त रॉयल इंफील्ड की एक बुलट की पूजा करते हैं। साथ ही यहां चढ़ावे के तौर पर "बुलट बाबा" को शराब चढ़ाई जाती है। यहां के स्थानीय निवासियों का मानना है कि बुलट बाबा यहां के लोगों की सड़क यात्रा के दौरान हादसों से सुरक्षा करते हैं। 

भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक
बाबा जसवंत सिंह वॉर मेमोरियल असामान्य : वॉर मेमोरियल जो पूजा जाता है मंदिर कि तरह अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पड़ने वाला ये स्थान कोई मंदिर नहीं बल्कि एक वॉर मेमोरियल है मगर यहां मौजूद भारतीय सेना के जवानों द्वारा इसे किसी मंदिर से कम नहीं समझा जाता। यहां आज भी सुबह 4.30 को बाबा को चाय, सुबह 9 पर नाश्ता और शाम 7 बजे डिनर दिया जाता है। ये वॉर मेमोरियल भारतीय सेना के जवान जसवंत सिंह को समाप्त है। मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित इस सैनिक ने चीनी सिपाहियों के विरुद्ध युद्ध में अपनी जान की कुर्बानी दी थी। 1962 में भारत-चीन युद्ध में लगातार 72 घंटे लड़ कर उन्होंने साहस और शौर्य का बेजोड़ परिचय दिया था। जसवंत घर का रख-रखाव काफी अच्छे से किया गया है, ताकि यहां आने वाले पर्यटक इस जांबाज सिपाही को श्रद्धांजली अर्पित कर सकें।

 

करिश्माई कलाकार ममे खाँ माँगणियार रेत के धोरों से सात समन्दर पार बिखेरा फन का जादू

करिश्माई कलाकार ममे खाँ माँगणियार
रेत के धोरों से सात समन्दर पार बिखेरा फन का जादू



जैसलमेर

रेतीले धोरों की धरा पश्चिमी राजस्थान कला और लोक संस्कृति की नदियाँ बहाने वाली रही है। ठेठ सीमावर्ती दुर्गम इलाकों से लेकर ढांणियों और शहरों तक गूंजती लोक लहरियाँ यहाँ की सांगीतिक परम्पराओं का आज भी जीवंत दिग्दर्शन कराती हुई यह संदेश मुखरित करती हैं कि यहाँ का लोक संगीत दुनिया के मुकाबले इ€कीस ही ठहरता है।
पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में निवासरत मांगणियार ऐसा अनूठा समुदाय है जिसका हर सदस्य परम्परागत लोक संगीत का संवाहक है। गाने-बजाने का मौलिक हुनर इनकी वंश परम्परा का मूल हिस्सा रहा है जो पीढिय़ों से पूरे वेग के साथ प्रवाहित होता आया है।
इस क्षेत्र के मांगणियार कलाकार दुनिया के कई मुल्कों में अपने लोक संगीत की छाप छोड़ चुके हैं। प्रदेश व देश का कोई सा भी लोक साँस्कृतिक महोत्सव मांगणियारों के बिना अधूरा ही है। इन्हीं मांगणियारों में नई पीढ़ी के हुनरमंद कलाकार ममे खां बॉलीवुड से लेकर सात समन्दर पार तक के लोक गायन और संगीत परिवेश में अपनी पैठ रखते हैं।
विरासत में मिला गायन का हुनर
जैसलमेर जिले के छोटे से गाँव सत्तों में अपने जमाने के महान लोक गायक राणे खाँ के घर जन्मे ममे खाँ को लोक संगीत विरासत में मिला। पिता ही उनके पहले गुरु रहे जिनसे ममे खाँ ने परम्परागत लोक संगीत और सूफी म्यूजिक की दीक्षा ली व खूब अभ्यास करते हुए पिता के न€शे कदम पर चल कर यह हसीन मुकाम पाया।
बचपन से ही दुनिया में छा जाने वाला कलाकार बनने की तमन्ना संजोने वाले ममे खाँ ने पूरी लगन से अपने संास्कृतिक व्यक्तित्व को निखारा। मात्र बारह वर्ष की आयु में इस होनहार बालक को साँस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी) नई दिल्ली में अपने मौलिक हुनर का परिचय देने और निखारने का अवसर मिला।
अपनी आवाज और अदाओं से ही हर किसी को मंत्र मुग्ध कर देने वाले ममे खाँ के लिए किशोरावस्था के बाद से ही शौहरत के कई रास्ते खुल गए। वे मुम्बई, दिल्ली, मद्रास, केरल और देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विश्व के कई देशों में अपनी विलक्षण प्रतिभा व वाणी माधुर्य की पहचान कायम कर चुके हैं। आधुनिक व पुरातन संगीत से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण आयोजनों में वे शिरकत कर चुके हंै। खासकर यूरोप, यूएसए, कनाड़ा, एशिया और अरब देशों में कई बार यात्रा कर उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
कई शैलियों के उस्ताद हैं
ममे खाँ मांगणियार संगीत की कई विधाओं में महारथ हासिल कर चुके हैं। मांगणियारी संगीत की विभिन्न शैलियों में उनका गायन बेमिसाल है। मुख्य रूप से कल्याण, कमायचा, दरबारी, तिलंग, सोरठ, बिलवाला, कोहियारी, देश, करेल, सुहाब, सामेरी, बिरवास, मलार आदि का गायन हर आयोजन को ऊँचाई देता है।
देश-विदेश में कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ममे खाँ ने अपनी धाक जमायी है। अमेरिका, इंगलैण्ड, जर्मनी, फ्रंास, सिंगापुर, स्पेन, स्वीडन, पोलेण्ड, आस्ट्रिया, मलेशिया, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, कनाडा, इटली, बैकहोम आदि में कई बार साँस्कृतिक आयेाजनों में वे शिरकत कर चुके हैं। देश के नामी कला संस्कृति व संगीत संस्थानों में उनकी प्रस्तुतियों को खूब सराहा गया है। रूपायन संस्थान ने मेमे खाँ पर केन्द्रित ’’राजस्थान डेजर्ट वंडर फोक सोंग्स ’’ कार्यक्रम पर सी.डी. भी जारी की है जिसमें ममे खाँ के गाए संगीत, भजनों, परम्परागत सूफी संगीत का समावेश है।
ममे खाँ ने दुनिया की नामी हस्तियों के समक्ष अपना हुनर दिखाया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के मुख्य आतिथ्य में नइ दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय समारोह, बोरुण्डा संगीत समारोह, प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थापना दिवस पर आयोजित महोत्सवों, पर्यटन उत्सवों, साँस्कृतिक केन्द्रों के कार्यक्रमों, सूफी महोत्सव, देश के तमाम प्रतिष्ठित समारोहों तथा लोक संगीत से जुड़े कई कार्यक्रमों में वे अपनी अलग पहचान कायम कर चुके हैं।
कई देशों में है पहचान
ममे खाँ देश-विदेश में डेढ़ सौ से अधिक प्रतिष्ठित महोत्सवों और समारोहों में अपना कमाल दिखा चुके हैं। इनमें कोटा, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, पुष्कर के फेस्टिवलों, दिल्ली ट्यूरिज्म व क्राफ्ट फेस्टिवल, भोपाल के आदिवासी लोक कला मण्डल, रवीन्द्र मंच शिल्पग्राम उत्सव, राजस्थान फेस्टिवल, मरु महोत्सव, मारवाड़ महोत्सव, थार महोत्सव, पश्चिमी व दक्षिणी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्रों, रवीन्द्र भवन(भोपाल), दिल्ली में दस्तकार महोत्सव, आईसी.सी.आर सूफी महोत्सव, जनेन्द्र भवन(मद्रास), स्वर लयम इन्स्टीट्यूट (केरल) ,कोच्चि, अर्नाकुलम, दिल्ली हाट (स्पीक मैके), इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय(भोपाल), टाटा नगर, जीएल इण्डिया कंपनी, संगीत एवं नाटक प्रभाग (भोपाल), रुहानियत सूफी कार्यक्रम(मुम्बई), रवीन्द्र मंच (पूणे), सिकंदरा €लब हैदराबाद, रुहानियत(कोलकाता), जोधपुर, नेहरु मेमोरियल त्रिमूर्ति भवन दिल्ली, पेट्रोनेट कंपनी(जयपुर), चित्रकला परिषद बैंग्लोर आदि में अपने कार्यक्रम पेश कर चुके हैं।
इसी प्रकार खमानी ऑडिटोरियम(दिल्ली), ऑल इण्डिया सूफी एवं मैजेस्टिक म्यूजिक फेस्टिवल(पूणे), छतीसगढ़ पर्यटन महोत्सव, जमशेदपुर थियेटर टाटा, आइडिया जलसा(मुम्बई), नागौर फोर्ट सूफी दरबार, उस्ताद राणे खाँ वार्षिकोत्सव (जैसलमेर), संगीत महाभारती व Žल्यू फ्रोग (मुम्बई), गोल्फ €लब (कोलकाता), चोईस €लब कोच्चि आदि में हुए कार्यक्रमों में अपने फन का कमाल दिखा चुके हैं।
ममे खाँ पचास से अधिक देशों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्थाओं की ओर से आयोजित महत्त्वपूर्ण समारोहों व उत्सवों में शिरकत कर यादगार छाप छोड़ चुके हैं। इनमें फ्रांस, बेल्जियम, यूएसए, स्पेन, स्वीडन, लंदन, स्कॉटलैण्ड, जर्मनी, इटली, हॉलेण्ड, कनाड़ा, टर्की, यमन, अफ्रीका, पाकिस्तान, लेबनान, आस्ट्रिया, मलेशिया, मोर€को, दुबई, पौलेण्ड, क्रोएशिया, ऑयरलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, अल्जीरिया, सिंगापुर, न्यूजीलैण्ड आदि प्रमुख हैं।


बालीवुड में पैठ
ममे खाँ के कार्यक्रमों ने विदेशों में काफी प्रसिद्घि पायी है। विदेशी मीडिया ने भी उनके कार्यक्रमों को प्रमुखता से स्थान दिया है। देश भर में 200 से अधिक कार्यक्रमों में भागीदारी निभा चुके ममे खाँ दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में शताधिक बार अपनी कला का शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। बॉलीवुड में भी अपनी पैठ रखने वाले ममे खाँ ने कविता सेठ के साथ आईएम फिल्म का गीत गाया है। ऋतिक रोशन की ‘लक बाई चाँस’ फिल्म में ममे खाँ ने शंकर महादेवन के साथ गीत पेश किया है।
जैसलमेरी मांगणियारों की गायन शैली को साम समंदर पार पहुँचा कर ख्याति दिलाने वाले ममे खाँ जाँगड़ा एवं सूफी शैली के अपनी तरह के बेजोड़ गायक हैं। भगवान श्रीकृष्ण के भजन, नीम्बूड़ा, दमादम मस्त कलंदर व रियासतकालीन संस्कृति के गीतों पर केन्द्रित उनका गायन श्रोताओं की $खास पसंद रहा है।
दिल्ली में तीन बार सूफी फेस्टीवल में अपनी गायकी का परिचय देने वाले ममे खाँ देश-विदेश के दो दर्जन थियेटरों में भी अपने हुनर का कमाल दिखा चुके हैं। परम्परागत संगीत के संरक्षण व प्रचार-प्रसार के साथ ही ममे खाँ ने कई नवीन विधाओं को भी आत्मसात किया है। संसार भर में गायकी के लिए मशहूर मि€स फ्यूजन ग्रुप में ममे खाँ के साथ फ्रांस व ईरान के कलाकार भी शामिल हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकगायन में मशहूर कलाकार ममे खाँ राजस्थान प्रदेश ही नहीं बल्कि हिन्दुस्तान की वह श$िख्सयत हंै जिस पर सभी को ना$ज है। राजस्थान भर के लिए यह गौरव की बात है कि रेत के धोरों से निकला यह कलाकार पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है।

बताओ, वाड्रा की राज्य में कितनी जमीन

अजमेर। राजस्व मंडल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की राजस्थान में मौजूद जमीनों की तलाश में जुट गया है।
मंडल ने सभी जिला कलक्टर को खत लिखकर इस संबंध में शीघ्र जवाब मांगा है।

राज्य से भाजपा के चार सांसद इस संबंध में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को खत लिखकर जांच की मांग कर चुके हैं।

अब राजस्व मंडल ने सभी जिला कलक्टर से पूछा है कि आपके अधीन क्षेत्र में वाड्रा की कहां और कितनी जमीन है। उसे किस मूल्य पर खरीदा गया है। सभी जिलों से सूचना आने के बाद राजस्व मंडल इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजेगा।

सोनिया गांधी बोलीं, आरक्षण जाति से ही



नई दिल्ली। राजनीतिक दलों ने संकेत दिए हैं, फिलहाल आरक्षण का आधार जातिगत ही रहेगा। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के जातिगत आरक्षण को खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के बयान पर चर्चा के लिए कोई भी राजनीतिक दल तैयार नहीं है।

संसद में बुधवार को जातिगत आरक्षण पर सभी दल एकमत हो गए। संसद में हंगामे के बाद कांग्रेस ने भी द्विवेदी के बयान से किनारा कर लिया।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, कांग्रेस का दृढ़ विचार है कि आरक्षण जाति आधारित ही जारी रहना चाहिए। उन्होंने दो पेज का बयान जारी कर इस मुद्दे पर पार्टी का रूख स्पष्ट किया। कहा, आरक्षण की व्यवस्था कांग्रेस ही लाई थी और पार्टी इसी व्यवस्था पर कायम रहेगी।

सदन में हंगामा बढ़ते देख संसदीय मामलों के राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा, सरकार संविधान प्रदत्त आरक्षण देती रहेगी। बावजूद इसके ऎसा विरोध हुआ कि शीतकालीन सत्र का पहला ही दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने जनार्दन द्विवेदी से स्पष्टीकरण भी मांगा है।

क्या कहा था द्विवेदी ने
जातिगत आधार पर आरक्षण खत्म कर देना चाहिए। राहुल गांधी को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के लिए पहल करनी चाहिए। जो जातियों की बेडियां तोड़ेगा, वही भविष्य का नेता होगा।

भाजपा ने बताया शिगूफा
भाजपा ने द्विवेदी के इस बयान के समय और मंशा पर सवाल उठाए। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, जनता का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस ने यह नया शिगूफा छोड़ा था। कांग्रेस जानबूझकर नया विवाद खड़ा करना चाहती है, ताकि महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे से बच सके। अभी सरकार विरोधी लहर है। इसीलिए यह सब किया जा रहा है।

सदन में लगे सरकार विरोधी नारे
सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर सरकार से जवाब मांगा। बसपा सांसदों ने सरकार को गरीब विरोधी बताते हुए सदन में सरकार विरोधी नारे लगाए। सबसे अहम बात, हंगामे के बीच राजीव शुक्ला ने जब कांग्रेस का रूख साफ किया तब जनार्दन द्विवेदी भी सदन में मौजूद थे, लेकिन वह इस पर कुछ भी कहने से बचे।

द्विवेदी संविधान के विरूद्ध बोल रहे हैं। कांग्रेस को मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट करनी होगी।
रामविलास पासवान लोजपा नेता

कांग्रेस सामाजिक न्याय खत्म करने की कोशिश में है। इसका विरोध किया जाएगा।
रामगोपाल यादव सपा नेता

द्विवेदी की निजी राय थी। कांग्रेस मौजूदा आरक्षण नीति के ही पक्ष में है, न कि इसमें बदलाव के।
रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस आरक्षण की व्यवस्था से दूर भागने की कोशिश कर रही है। इसमें साजिश की बू आती है।
केसी त्यागीजद(यू) नेता

एक शिक्षक के हिस्से में चार विद्यार्थी!



बाड़मेर।शिक्षा विभाग में विद्यालयों की मॉनिटरिंग, शिक्षकों के पदस्थापन व छात्र-शिक्षक अनुपात को लेकर अजीब स्थिति है। एक और जहां माध्यमिक विद्यालयों में केवल दो या तीन शिक्षक कार्यरत है। वहीं दूसरी इसी विभाग के अधीन ऎसे भी स्कूल है, जिनमें बारह विद्यार्थियों के लिए तीन-तीन शिक्षक नियुक्त है। वर्ष भर में इन शिक्षकों को मिलने वाले वेतन व इनसे लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों के बीच इतना असंतुलन हैकि खर्च होने वाली राशि से उन विद्यार्थियों को देश के किसी भी महंगे कॉन्वेण्ट स्कूल में आसानी से पढ़ाया जा सकता है।

शहर व कस्बों के निकट ही ऎसा


जिला मुख्यालय बाड़मेर, बालोतरा व पंचायत समिति मुख्यालयों एवं इनके ईर्द-गिर्द ऎसे दर्जनों विद्यालय है, जहां नामांकित विद्यार्थियों की संख्या पचास से भी कम है। उस पर संकट यह कि विद्यालय में जितने विद्यार्थी नामांकित है, उपस्थिति उसकी आधी अथवा उससे भी कम रहती है। सही मायने में ऎसे विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति के मामले में भी कागजी घोड़े ही दौड़ रहे हैं।


शिक्षकों की पहुंच के लिए सुविधाजनक इन विद्यालयों का संचालन कहने को तो जरूरतमंद विद्यार्थियों की सुविधा के लिए किया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि प्रभावशाली व पहुंच वाले शिक्षकों की नौकरी बिना किसी तकलीफ के चलती रहे, उस नाते ये विद्यालय चल रहे हैं।

एक विद्यार्थी पर तीन हजार खर्च



बाड़मेर शहर में हिन्दी व अंगे्रजी माध्यम ऎसा कोईविद्यालय नहीं है, जहां एक विद्यार्थी की फीस प्रतिमाह तीन हजार रूपए हो, लेकिन सरकारी खजाने में अनजाने ही सही, पर एक विद्यार्थी पर प्रतिमाह तीन हजार रूपए खर्च हो रहे हैं। जिन विद्यालयों में तीन-तीन शिक्षक है और छात्रों की उपस्थिति दस-पंद्रह है, वहां पर ऎसा ही हो रहा है। तीन तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तनख्वाह, पोषाहार का खर्च जोड़ दिया जाए तो ऎसे विद्यालयों में प्रतिमाह नब्बे हजार से एक लाख रूपया खर्च हो रहा है।

20 से कम नामांकन हो तो बंद


जिन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बीस से कम हो, उन्हें अनार्थिक विद्यालय घोषित कर बंद करने का प्रावधान है,लेकिन संकट यह है कि शहरों व पंचायत समिति मुख्यालयों के भीतर व निकट स्थित ऎसे विद्यालयों में तिकड़म लगाकर नामांकन बीस से अधिक दर्शा दिया जाता है। ऎसा ही उपस्थिति के मामले में कर दिया जाता है। इन तिकड़मों के जरिए ये विद्यालय चल रहे हैं और जिम्मेदार आंखें मूंदे हुए हैं।

केस-1

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बायतु के अधीन स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय उत्तरलाई में चौतीस विद्यार्थियों का नामांकन है। यहां नामांकित विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति पंद्रह से भी कम रहती है। यहां पर तीन अध्यापक अध्यापिकाएं कार्यरत है। कईबार विद्यालय की स्थिति यह रहती है कि जितने शिक्षक हैं, उसके दुगुने विद्यार्थी ही विद्यालय पहुंचते हैं।

केस-2


ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बाड़मेर के अधीन स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोडली भाखरी में 31 विद्यार्थी नामांकित है। इनमें से बमुश्किल 13-14 विद्यार्थी विद्यालय आते हैं। यहां पर भी तीन शिक्षक कार्यरत है। शहर के भीतर स्थित इस विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के लिहाज से यह विद्यालय बेहद सुविधाजनक है और वे तबीयत से अपनी नौकरी कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाते एक गिरफ्तार

बालोतरा।शहर पुलिस ने बुधवार शाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच पर सट्टा लगा रहे एक सटोरिए को गिरफ्तार कर 5 लाख 32 हजार 754 रूपए का हिसाब-किताब जब्त किया है। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बुधवार शाम थानाधिकारी सुखाराम विश्नोई के नेतृत्व में एएसआई रावताराम मय टीम ने शहर के नेहरू कॉलोनी इलाके में एक कमरे में दबिश दी।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाते एक गिरफ्तार

यहां पर अली खां पुत्र गफ्फार शाह अंसारी सिडनी में चल रहे सिक्सर पर्थ अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाते पाया गया। तलाशी लेने पर उससे 5 लाख 32 हजार 754 रूपए का सट्टे का हिसाब-किताब पाया गया। आरोपित ने मुकेश सिंधी के मकान में यह कमरा किराए पर ले रखा था। पुलिस ने आरोपित अली हुसैन के कब्जे से हिसाब-किताब की डायरियां, 24 मोबाइल मय लाइन बॉक्स, एक लैपटॉप, टेलीविजन, दो वॉकी फोन, चार्जर, केलकुलेटर, सेट अप टॉप बॉक्स आदि बरामद किए हैं। आरोपित से पुलिस गहन पूछताछ कर रही है।

दंग रह गई पुलिस


कमरे में तलाशी के दौरान मिले उपकरणों व अत्याधुनिक तकनीक को देखकर पुलिस अधिकारी व टीम में शामिल जवान दंग रह गए। दरअसल आरोपित सटोरिए ने 24 मोबाइल सेटों को एक सूटकेस में फिक्स कर इन सभी का कनेक्शन एक लाइन बोर्ड पर दे रखा था। बकायदा इसका कंट्रोलिंग सिस्टम भी कर रखा था। ताकि किसी भी मोबाइल से कॉल आने पर उसे अटेण्ड किया जा सके। यह सिस्टम देखकर पुलिस अधिकारी भी दंग रह गए।

बुधवार, 5 फ़रवरी 2014

अब मतदान केन्द्रों पर वोट डालने के साथ आराम भी कीजिए

जयपुर। लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को वोटिंग के लिए प्रेरित करने के लिए चुनाव आयोग ने जोरदार बंदोबस्त कर लिए हैं। इसके तहत मतदाताओं को गर्मी से बचाने की जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारियों की होगी। साथ ही वोटिंग में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत एक पुरूष मतदाता के बाद दो महिलाओं को प्रवेश दिया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी मतदाताओं को अप्रेल-मई में गर्मी के दौरान सिर पर गीला तौलिया लगाकर घर से निकलने की सलाह भी देंगे।अब मतदान केन्द्रों पर वोट डालने के साथ आराम भी कीजिए
मिलेगा आराम और होगा उपचार
मतदान केन्द्र पर गोद में बच्चा लेकर आने वाली महिला, बुजुर्ग और विकलांगों को मतदान में प्राथमिकता मिलेगी और केन्द्रों पर चिकित्सा सुविधा के भी बंदोबस्त रहेंगे। तबीयत बिगड़ने पर मतदाता को आराम के लिए अतिरिक्त कमरों की व्यवस्था की जाएगी। चुनाव के दौरान तेज गर्मी को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने इस बार ऎसे ही कई इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोग गर्मी के बावजूद मतदान के लिए आएं और मतदान प्रतिशत कम न हो।

लंबी कतार वाले केंद्र होंगे चिह्नित...
पिछले चुनावों के दौरान जिन मतदान केन्द्रों पर लम्बी कतारें लगती हैं। उन मतदान केन्द्रों को पहले से चिह्नित कर अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जाएंगी। कहा गया है कि यहां कतार को सही रखने के लिए एनएसएस व एनसीसी के छात्रों को भी तैनात किया जा सकता है।

सुविधा जांच के लिए नोडल अधिकारी...
मतदान केन्द्रों पर सभी सुविधाओं की जांच के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी व विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निग अधिकारी के स्तर पर अलग-अलग नोडल अधिकारी रखे जाएंगे। जिनके नाम व नंबर इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान में भी शामिल किए जाएंगे।

वोटिंग में महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता

केन्द्रों पर बिजली, पानी और छाया की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए।
केन्द्र पर मतदान कक्ष के अलावा अतिरिक्त कमरे खाली रखे जाएं।
मतदान के लिए महिला-पुरूष की अलग-अलग कतारें लगाई जाएं।
एक पुरूष मतदाता के बाद दो महिलाओं को प्रवेश दिया जाए
मतदाता पर्ची और लोगों को चुनाव संबंधी जानकारी देने के लिए हेल्प डेस्क हो।
मूक-बधिर मतदाता की मदद के लिए अलग स्टाफ रखा जाए और शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए रैम्प हों।
गर्मी में डीहाइड्रेशन से बचाव के लिए प्रत्येक पोलिंग पार्टी को छोटा फर्स्ट-एड किट दिया जाए, जिसमें सभी आवश्यक दवाएं होंगी। दवाओं के साथ एक पर्चा होगा, जिसमें लिखा होगा कि किस तकलीफ में कौनसी दवा ली जाएगी।
लू से बचाव के लिए ओआरएस का पैकेट दिया जाए
मतदाताओं में प्रचार किया
जाए कि वे गीला तौलिया सिर पर घर से निकलें।
शांतिपूर्ण मतदान की निगरानी के लिए संचालित की जाने वाली पेट्रोल यूनिट में आवश्यक दवाओं के साथ चिकित्सा विभाग का पैरामेडिकल स्टाफ रखा जाए। ऎसी व्यवस्था की जाएगी यह पेट्रोल यूनिट सभी मतदान केन्द्रों पर आवश्यकता पड़ने पर तत्काल पहुंच सके।

बाप रे! पति-पत्नी, बेटों ने किया 25 महिलाओं का रेप

रेप के कई मामले आपने सुने होंगे। पर ये एक ऎसा मामला है जिसमे पति-पत्नी और उनके बेटे महिलाओं को रेप का शिकार बनाया। ये खेल पिछले 30 साल से चल रहा था। कई बार पति ने अपने बेटों को भी साथ मिलकर रेप करने के लिए कहा।
22 रेप, 13 यौन शोषण के मामले साबित

इंग्लैंड का 51 वर्षीय डेबोरा बाबिक अब तक कई महिलाओं से रेप कर चुका है। हालांकि कोर्ट में 22 रेप मामले ही साबित हो पाए हैं। इसके अलावा चार रेप की कोशिश और 13 यौन शोषण के मामले में भी आरोप साबित हुए।

पत्नी करती बचाव

रेप करने के लिए वह हर महिला को जान से मारने की धमकी देता। हर रेप के बाद उसकी पत्नी डेबोरा बाबिक पीडित महिला को मुंह नहीं खोलने के लिए तरह-तरह के गिफ्ट देती।

दोनों बेटे भी दुष्कर्मी

इस दम्पत्ति के दोनों बेटे भी रेप के मामलों में सजा दी गई है। इनमें से बडे बेटे मैथ्यू 23 ने दो महिलाओं का रेप किया और एक मामले में रेप की कोशिश की। दूसरे बेटे मिकोरली 17 ने भी एक महिला से दुष्कर्म किया। मैथ्यू को 8 साल और मिकोरली को 3 साल की सजा हुई है।

ऎसे खुला मामला

इस रेपिस्ट फैमिली की पोल तब खुली जब एक महिला ने बाबिक के दुष्कर्म की आवाज उठाई। महिला की शिकायत पर जब इसे पकड़ा गया तो दुष्कर्मी की पत्नी ने महिला को फोन कर जान से मारने की धमकी दी।

फोन ट्रेकिंग और गवाही के कारण दुष्कर्मी पति और उसकी सहयोगी पत्नी को सजा हो गई। मिलान बाबिक को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उसकी पत्नी को भी जेल भेज दिया गया है।

राजे ने पीएम से मांगी कानून में रियायत

जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर व्यापारियों के लिए खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों में रियायतें देने की मांग की है। राजे ने यह मांग भी की है कि इस कानून की पालना में आ रही दिक्कतों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक भी बुलाएं। राजे ने पीएम से मांगी कानून में रियायत
हाल ही खाद्य पदार्थ व्यापारियों की ओर से मुख्यमंत्री राजे को इस बारे में एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें कानून के अप्रायोगिक प्रावधानों से हो रहीं समस्याओं के निदान की मांग की गई थी। राजे ने अपने पत्र के साथ इस ज्ञापन को भी प्रधानमंत्री को भेजा है।

राजे ने कहा है कि कानून के तहत खाद्य व्यापारियों के पंजीकरण और लाइसेंस शर्तो में रियायत दी जानी चाहिए। व्यापारियों ने राजे को बताया कि कानून के कई प्रावधानों से खाद्यान्न एवं खाद्य पदार्थो के व्यापार में मुसीबतें खड़ी हो गई हैं।

कृषि उत्पाद बाजार के कमीशन एजेन्ट सीधे किसानों से अरिष्कृत उत्पाद खरीदते हैं और इसी रूप में आगे बेचते हैं। ऎसे में इन एजेन्टों को कानून के प्रावधानों से मुक्त रखना चाहिए। लेकिन कानून में परिष्कृत और गैर परिष्कृत उत्पादों में कोई भेद स्पष्ट नहीं किया गया है।

राजे ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से कानून के ऎसे प्रावधानों के बारे मेें फिर से समीक्षा करने और इस दौरान पंजीकरण की समय सीमा आगे बढ़ाने की मांग की है।