गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

सोनिया गांधी बोलीं, आरक्षण जाति से ही



नई दिल्ली। राजनीतिक दलों ने संकेत दिए हैं, फिलहाल आरक्षण का आधार जातिगत ही रहेगा। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के जातिगत आरक्षण को खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के बयान पर चर्चा के लिए कोई भी राजनीतिक दल तैयार नहीं है।

संसद में बुधवार को जातिगत आरक्षण पर सभी दल एकमत हो गए। संसद में हंगामे के बाद कांग्रेस ने भी द्विवेदी के बयान से किनारा कर लिया।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, कांग्रेस का दृढ़ विचार है कि आरक्षण जाति आधारित ही जारी रहना चाहिए। उन्होंने दो पेज का बयान जारी कर इस मुद्दे पर पार्टी का रूख स्पष्ट किया। कहा, आरक्षण की व्यवस्था कांग्रेस ही लाई थी और पार्टी इसी व्यवस्था पर कायम रहेगी।

सदन में हंगामा बढ़ते देख संसदीय मामलों के राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा, सरकार संविधान प्रदत्त आरक्षण देती रहेगी। बावजूद इसके ऎसा विरोध हुआ कि शीतकालीन सत्र का पहला ही दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने जनार्दन द्विवेदी से स्पष्टीकरण भी मांगा है।

क्या कहा था द्विवेदी ने
जातिगत आधार पर आरक्षण खत्म कर देना चाहिए। राहुल गांधी को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के लिए पहल करनी चाहिए। जो जातियों की बेडियां तोड़ेगा, वही भविष्य का नेता होगा।

भाजपा ने बताया शिगूफा
भाजपा ने द्विवेदी के इस बयान के समय और मंशा पर सवाल उठाए। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, जनता का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस ने यह नया शिगूफा छोड़ा था। कांग्रेस जानबूझकर नया विवाद खड़ा करना चाहती है, ताकि महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे से बच सके। अभी सरकार विरोधी लहर है। इसीलिए यह सब किया जा रहा है।

सदन में लगे सरकार विरोधी नारे
सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर सरकार से जवाब मांगा। बसपा सांसदों ने सरकार को गरीब विरोधी बताते हुए सदन में सरकार विरोधी नारे लगाए। सबसे अहम बात, हंगामे के बीच राजीव शुक्ला ने जब कांग्रेस का रूख साफ किया तब जनार्दन द्विवेदी भी सदन में मौजूद थे, लेकिन वह इस पर कुछ भी कहने से बचे।

द्विवेदी संविधान के विरूद्ध बोल रहे हैं। कांग्रेस को मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट करनी होगी।
रामविलास पासवान लोजपा नेता

कांग्रेस सामाजिक न्याय खत्म करने की कोशिश में है। इसका विरोध किया जाएगा।
रामगोपाल यादव सपा नेता

द्विवेदी की निजी राय थी। कांग्रेस मौजूदा आरक्षण नीति के ही पक्ष में है, न कि इसमें बदलाव के।
रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस आरक्षण की व्यवस्था से दूर भागने की कोशिश कर रही है। इसमें साजिश की बू आती है।
केसी त्यागीजद(यू) नेता

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