श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का सीयाणी नगर प्रवेष सम्पन्न
उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब
सीयाणी - थार नगरी के समीपवर्ती पूज्य पलिलवाल रत्न श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का सीयाणी नगर प्रवेष सम्पन्न हुआ सीयाणी नगर में प्रथम बार दिक्षा मुमुक्षु पींकी छाजेड़ की श्री विचक्षण मणि, सौम्यामूर्ति, शान्त स्वभावी गुरूवर्या श्री सुरंजना श्री म.सा. आदि ठाणा के पावन सानिध्य में सम्पन्न आगामी 13 फरवरी को होगी।
सियाणी जेन श्री सघं के अध्यक्ष बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि पूज्य श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी ने बाड़मेर से विहार कर मारूड़ी देरासर, हाथमा, क होते हुए आज प्रात: 11 बजे सियाणी नगर में प्रवेष किया। पूज्य श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का पंचायत भवन पर बैण्ड बाजों, ढोल नगाड़ो, एवं सामैया द्वारा स्वागत किया गया। पूज्य गुरूवर्या श्री विचक्षण मणि, सौम्यामूर्ति, शान्त स्वभावी गुरूवर्या श्री सुरंजना श्री म.सा. आदि ठाणा ने गुरूवर श्रीजी अगवार्इ की पुज्य गुरूवर ने सामैया पर वासक्षेप डालकर मंगलचरण सुनाकर प्रवेष की शौभायात्रा रवाना हुर्इ। प्रवेष की शौभायात्रा में शहर के सुप्रसिद्ध बैण्ड अपनी मधुर स्वर लहरीयों बिखेरता हुआ वातावरण को धर्ममय बनाता हुआ चल रहा बाद में ढोल नगाड़ो, के बाद गुरूवर चल रहेािे पीछे पुरूष वर्ग जयकारों के साथ चल रहे थे। पिछे दीक्षार्थी पिंकी छाजेड़ एवं मण्डल की बालिकाएं नृत्य करती हुर्इ पूज्य गुरूवर्या श्री के आगे चल रही थी बाद में गुरूवर्या अपनी साध्वी मण्डल के साथ बाद में मंगलकलष सिर पर धारण किये महिलाएं एवं मंगल गीत गाती महिलाएं चल रही थी। प्रवेष की शौभायात्रा पंचायत भवन से नगर में मुख्य मार्गो से होती हुर्इ आदिनाथ जिनालय एवंम दादा गुरूदेव के दर्षन वंदन कर पास में कुषल विचक्षण नगर में धर्मसभा में परिवर्तित हुर्इ। शौभायात्रा का जगह-जगह अक्षत की गहुलियों से स्वागत एवं जगह-जगह बालक एवं बालिकाओं झूमते नृत्य करते हुए चल रहे थे। धर्मसभा में पूज्य गुरूवरके मुखारबिंद से मंगलाचरण से कार्यक्रम शुरू हुआ तत्पष्चात गुरूवंदना किया बाद में मुमुक्षु पिंकी छोजेड़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी दिक्षा महोत्सव पर आप सभी ज्यादा से ज्यादा पधारकर मुझे आर्षीवाद देवें। बाद में बालिका मण्डाल स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
भुरचदं छाजेड ने बताया कि धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वीवर्या श्री सिद्धाजंना श्री जी ने कहा कि जिस व्यकित ने मन का उपयोग करना सिख लिया वह व्यकित मन से परे स्वयं के चेतन्य जगत को प्राप्त कर लेता है मन का वातावरण अलग है मन यदि र्इन्द्रीयों से जुड़ता है शरीर से जुड़ता है संसार से जुड़ता है, बाहय आकर्षण से जुड़ता है तो वह नाना योनियों में भटकता है नाना विचारों में भटकता है मन यदि संसार से जुड़ता है तो वह भटकता और भटकाता है यदि सयमं से, निजी चेतना से जुड़ता है तो सिथर होता है और सिथर बनता है तो सिद्ध सिला पर सिथत हो जाता है। पुज्य लाभ मुनि ने र्धम सभा में कहा कि दीक्षा को आत्म कल्याण हेतु मार्ग बताया।जेन धर्म भगवान महावीर स्वामी के साथ गोतम स्वामी का नाम जुउा है। तत्पषचात पुज्य मणिरत्न सागर जी म.सा ने अपने उधबोधन में बताया कि मोक्ष ही जगत के सभी जीवों के कल्याण का रास्ता है उन्होंने मुमुक्षु पींकी छाजेड़ के माता पिता की प्रषंसा करते हुऐ कहा कि घन्य है वे माता पिता जिन्होंने अपनी बेटी को जगत तथा पुरे विष्व में संयम पथ पर जाने कि आज्ञा प्रदान की मुमुक्षु पींकी छाजेड की आगामी 13 फरवरी को दीक्षा है इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम में आप अपनी भागीदारी निभाकर दिक्षा के कार्यक्रम को सफल बनावें। इस अवसर पर बाड़मेर,बिषाला, धोरिमन्ना, चौहटन, भादरेष, नवसारी, बालोतरा, जोधपुर, देवड़ा, रामसर, अहमदाबाद सहित कर्इ क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा।़
उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब
सीयाणी - थार नगरी के समीपवर्ती पूज्य पलिलवाल रत्न श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का सीयाणी नगर प्रवेष सम्पन्न हुआ सीयाणी नगर में प्रथम बार दिक्षा मुमुक्षु पींकी छाजेड़ की श्री विचक्षण मणि, सौम्यामूर्ति, शान्त स्वभावी गुरूवर्या श्री सुरंजना श्री म.सा. आदि ठाणा के पावन सानिध्य में सम्पन्न आगामी 13 फरवरी को होगी।
सियाणी जेन श्री सघं के अध्यक्ष बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि पूज्य श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी ने बाड़मेर से विहार कर मारूड़ी देरासर, हाथमा, क होते हुए आज प्रात: 11 बजे सियाणी नगर में प्रवेष किया। पूज्य श्री मणिरत्न सागर एवंम लाभ मुनि जी का पंचायत भवन पर बैण्ड बाजों, ढोल नगाड़ो, एवं सामैया द्वारा स्वागत किया गया। पूज्य गुरूवर्या श्री विचक्षण मणि, सौम्यामूर्ति, शान्त स्वभावी गुरूवर्या श्री सुरंजना श्री म.सा. आदि ठाणा ने गुरूवर श्रीजी अगवार्इ की पुज्य गुरूवर ने सामैया पर वासक्षेप डालकर मंगलचरण सुनाकर प्रवेष की शौभायात्रा रवाना हुर्इ। प्रवेष की शौभायात्रा में शहर के सुप्रसिद्ध बैण्ड अपनी मधुर स्वर लहरीयों बिखेरता हुआ वातावरण को धर्ममय बनाता हुआ चल रहा बाद में ढोल नगाड़ो, के बाद गुरूवर चल रहेािे पीछे पुरूष वर्ग जयकारों के साथ चल रहे थे। पिछे दीक्षार्थी पिंकी छाजेड़ एवं मण्डल की बालिकाएं नृत्य करती हुर्इ पूज्य गुरूवर्या श्री के आगे चल रही थी बाद में गुरूवर्या अपनी साध्वी मण्डल के साथ बाद में मंगलकलष सिर पर धारण किये महिलाएं एवं मंगल गीत गाती महिलाएं चल रही थी। प्रवेष की शौभायात्रा पंचायत भवन से नगर में मुख्य मार्गो से होती हुर्इ आदिनाथ जिनालय एवंम दादा गुरूदेव के दर्षन वंदन कर पास में कुषल विचक्षण नगर में धर्मसभा में परिवर्तित हुर्इ। शौभायात्रा का जगह-जगह अक्षत की गहुलियों से स्वागत एवं जगह-जगह बालक एवं बालिकाओं झूमते नृत्य करते हुए चल रहे थे। धर्मसभा में पूज्य गुरूवरके मुखारबिंद से मंगलाचरण से कार्यक्रम शुरू हुआ तत्पष्चात गुरूवंदना किया बाद में मुमुक्षु पिंकी छोजेड़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी दिक्षा महोत्सव पर आप सभी ज्यादा से ज्यादा पधारकर मुझे आर्षीवाद देवें। बाद में बालिका मण्डाल स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
भुरचदं छाजेड ने बताया कि धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वीवर्या श्री सिद्धाजंना श्री जी ने कहा कि जिस व्यकित ने मन का उपयोग करना सिख लिया वह व्यकित मन से परे स्वयं के चेतन्य जगत को प्राप्त कर लेता है मन का वातावरण अलग है मन यदि र्इन्द्रीयों से जुड़ता है शरीर से जुड़ता है संसार से जुड़ता है, बाहय आकर्षण से जुड़ता है तो वह नाना योनियों में भटकता है नाना विचारों में भटकता है मन यदि संसार से जुड़ता है तो वह भटकता और भटकाता है यदि सयमं से, निजी चेतना से जुड़ता है तो सिथर होता है और सिथर बनता है तो सिद्ध सिला पर सिथत हो जाता है। पुज्य लाभ मुनि ने र्धम सभा में कहा कि दीक्षा को आत्म कल्याण हेतु मार्ग बताया।जेन धर्म भगवान महावीर स्वामी के साथ गोतम स्वामी का नाम जुउा है। तत्पषचात पुज्य मणिरत्न सागर जी म.सा ने अपने उधबोधन में बताया कि मोक्ष ही जगत के सभी जीवों के कल्याण का रास्ता है उन्होंने मुमुक्षु पींकी छाजेड़ के माता पिता की प्रषंसा करते हुऐ कहा कि घन्य है वे माता पिता जिन्होंने अपनी बेटी को जगत तथा पुरे विष्व में संयम पथ पर जाने कि आज्ञा प्रदान की मुमुक्षु पींकी छाजेड की आगामी 13 फरवरी को दीक्षा है इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम में आप अपनी भागीदारी निभाकर दिक्षा के कार्यक्रम को सफल बनावें। इस अवसर पर बाड़मेर,बिषाला, धोरिमन्ना, चौहटन, भादरेष, नवसारी, बालोतरा, जोधपुर, देवड़ा, रामसर, अहमदाबाद सहित कर्इ क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा।़