शनिवार, 14 दिसंबर 2013

भाटी राजस्थानी भाषा समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त

भाटी राजस्थानी भाषा समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहट ने दफ्तरी हुकम निकल समिति के सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी को राजस्थानी भाषा कि मान्यता के लिए दिए सराहनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रदेश उप पाटवी के पद पर नियुक्ति दी हें। प्रदेश समिति द्वारा जारी आदेश में लिखा हें कि समिति के सम्भाग उप पाटवी पद पर रहते हुए चन्दन सिंह भाटी द्वारा राजस्थानी भसझा कि मान्यता के लिए उच्च स्तरीय और सराहनीय प्रयास हुए ,जिसे देखते हुए भाटी को प्रदेश कि राजस्थान के सभी जिलो में समिति के कार्यकारिणी के विस्तार और राजस्थानी भाषा के समर्थको को जोड़ने कि जिम्मेदारी दी गयी हें। महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहठ ने बताया कि राजस्थानी रत्न से समानित चन्दन सिंह भाटी को प्रदेश में राजस्थानी भाषा के अभियान कि अलख जगाने के निर्देश जरी किये हें।

ट्रक ने कार को रौंदा, चार मरे

जोधपुर। जोधपुर जिले के देचू कस्बे में ट्रक और कार की भिड़ंत होने से चार लोगों की मौत हो गई। भिड़ंत की इतनी जोरदार थी कि तीन शव कार में बुरी तरह फंस गए। इन्हें निकालने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक शव को बमुश्किल निकालकर अस्पताल ले जाया गया। ट्रक ने कार को रौंदा, चार मरे
जानकारी के अनुसार शनिवार शाम जिले के देचू कस्बे के पास ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। इससे कार में सवार चारों लोगों की मौत हो गई। आसपास के लोगों ने तुरंत पहंुचकर मदद की। लेकिन शव निकालने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि शव बुरी तरह कार में फंस गए। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जिले में ये तीसरी बड़ी सड़क दुर्घटना है। इससे पहले ट्रक और सवारी गाड़ी की भिड़ंत में 12 जनों की मौत हो गई। वहीं एक दूसरे हादसे में रोडवेज टैंकर से टकरा गई। इसमें चार जनों की मौत हो गई थी।

"समलैंगिकता पर बयान दर्शाता है कि सोनिया पूर्णत: भारतीय नहीं"

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मो. आजम खान ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी द्वारा समलैंगिकता के पक्ष में दिये गये हाल के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सोनिया गांधी द्वारा दिये गये बयान यह दर्शाते हंै कि सोनिया गांधी पूर्णत. भारतीय नहीं है और पश्चिमी कुकृत्यों को मानवीय स्वतंत्रता के नाम पर भारत में बढ़ावा देना चाहती है और मात्र दो प्रतिशत व्यक्तियों को खुश करने के लिए भारतीय सभ्यता को नष्ट करना चाहती हैं। "समलैंगिकता पर बयान दर्शाता है कि सोनिया पूर्णत: भारतीय नहीं"
आजम खान ने कहा कि समलैंगिकता एक अप्राकृतिक एवं निकृष्ट कार्य है जिसे किसी भी धर्म एवं वर्ग द्वारा मान्यता नहीं दी गयी और ना ही हमारी संस्कृति इसकी छूट देती है। खान ने कहा कि सारे अप्राकृतिक कार्य और संबंध व्यक्ति विशेष और समाज को गर्त की ओर ले जाते हैं और एड्स जैसी लाइलाज भयंकर बीमारियों को जन्म देते हैं। समाज को उस पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण नहीं करना चाहिए जोकि विनाश का कारक है।

खान ने कहा कि सभी पवित्र ग्रन्थ इस कृत्य की भत्र्सना करते हैं और जो व्यक्ति या वर्ग स्वयं को इस कृत्य का समर्थक बताते हैं वह सामाजिक और धार्मिक नहीं हो सकते।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा यदि इस कृत्य पर रोक ना लगायी जाती तो इसके समर्थक हदें पार करते हुए जानवरों से लैंगिक संबंध बनाने की मांग को स्वीकार्य कराये जाने के लिए प्रयासरत हो जाते।

विभिन्न समाचार पत्रों और समाचार चैनलों द्वारा इस प्रकरण की सुर्खियों को प्राथमिकता देने पर खान ने कहा कि समाज उत्थान और सर्वागीण विकास के तमाम मुद्दे प्राथमिकता पर लाने चाहिए। जिसमें गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, कुरीतियों को समूल नष्ट किया जा सके। उन सभी प्रसिद्ध व्यक्तियों, दलों और वर्गो जिन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा इस जनउपयोगी निर्णय का स्वागत किया है। वे सभी प्रशंसा के पात्र हैं चाहे उसमें भाजपा के शीर्षस्थ नेता ही क्यों ना हों।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उच्चतम न्यायालय के इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यकत करते हुए कहा था कि मैं समलैंगिकों के अधिकारों पर दिल्ली उच्च न्यायाल के फैसले को पलटने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से निराश हूं। संसद इस मुद्दे पर विचार करेगी जबकि भाजपा के सभी नेता इस फैसले पर मौन रहे।

शादी के चार दिन बाद ही ससुर ने किया बहू का रेप

जबलपुर। बदले वक्त ने रिश्तों को भी तांक पर रख दिया है। कभी बहू और बेटी में फर्क न करने की बात कही जाती है तो कभी बहू और बेटी की आबरू को तार-तार कर अपनी हवस का शिकार बनाया जाता है। ऎसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है, जिसमें विवाह के चार दिन बाद ही ससुर ने बहू के साथ दुराचार कर डाला। पति ने भी अपनी जीवनसंगिनी का साथ देने की बजाए उस पर और अत्याचार करना शुरू कर दिये। शादी के चार दिन बाद ही ससुर ने किया बहू का रेप
सिपाही ससुर द्वारा दुष्कर्म किए जाने से नाराज मायके वालों ने शुक्रवार को गोरखपुर थाने में जमकर हंगामा किया। वे आरोपी पर कार्रवाई न किए जाने से नाराज थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने महिला थाने को जांच के निर्देश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार नवविवाहिता का पिता भी पुलिस विभाग में कार्यरत है। इसी साल 18 नवम्बर को उसकी शादी बागवान नगर रामपुर छापर निवासी सिपाही पुत्र के साथ हुई थी। नवविवाहिता ने गोरखपुर थाने में दी गई शिकायत में आरोप लगाए है कि 22 नवम्बर को पति की अनुपस्थिति में उसके सिपाही ससुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पति से शिकायत की तो उल्टे उसने उसी को बुरी तरह से मारा पीटा। पति व ससुर उसे घर में कैद कर रखे थे। वह किसी तरह दो दिसम्बर को उनके चंगुल से छूट कर भाग निकली। तीन दिन सहेली के घर रूक कर पांच दिसम्बर को पिता के घर पहुंची और आपबीती सुनाई।

मैनेज करने को डाल रहे थे दबाव

शुक्रवार को गोरखपुर थाने में हंगामा कर रहे नवविवाहिता के मायके वालों ने पुलिस पर दबाव देकर मैनेज कराने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि तीन दिन पहले थाने में शिकायत किए जाने के बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया।

इनका कहना है

दोनों परिवारों के बीच मारपीट का मामला भी थाने पहुंच चुका है। नवविवाहिता ने ससुर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला थाने को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
-सिद्धार्थ बहुगुणा, एएसपी

भारद्वाज राज्य के नये पुलिस महानिदेषक , कार्यभार सम्भाला

भारद्वाज राज्य के नये पुलिस महानिदेषक
महानिदेषक का कार्यभार सम्भाला

जयपुर, 13 दिसम्बर। भारतीय पुलिस सेवा के 1977 बैच के अधिकारी श्री ओमेन्द्र भारद्वाज ने आज राजस्थान पुलिस के महानिदेषक पद का कार्यभार सम्भाल लिया है। राज्य सरकार ने इस संबंध मंे आज आदेष जारी किये हैं।
श्री भारद्वाज ने राजस्थान एवं केन्द्र सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। श्री भारद्वाज ने महानिदेषक,जेल, गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पदों के साथ ही अतिरिक्त महानिदेषक पुलिस,मुख्यालय, आयोजना एवं कल्याण, आसूचना(एस.एस.बी.), पुनर्गठन एवं तकनीकी के महत्वपूर्ण पदों पर कुषलतापूर्वक कार्य किया है।
उन्होंने महानिरीक्षक पुलिस,आयोजना एवं कल्याण,सीआईडी(अपराध षाखा), भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पदों के अलावा उप महानिरीक्षक पुलिस रेंज कोटा, अजमेर व जिला पुलिस अधीक्षक भरतपुर,झंुझुनू,चित्तौड़गढ़,सीआईडी(अपराध षाखा), जयपुर,टोंक एवं कमाण्डेंट,आठवीं बटालियन,आर.ए.सी.(आई.आर.) अगरतला पद पर कार्य किया है।
श्री भारद्वाज केन्द्र सरकार में इंटेलीजेंस ब्यूरो,नई दिल्ली में सहायक निदेषक एवं सहायक पुलिस अधीक्षक,उदयपुर तथा राजस्थान पुलिस अकादमी,जयपुर में भी पदस्थापित रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय स्थित महानिदेषक कार्यालय के उनके कक्ष में श्री भारद्वाज को अतिरिक्त महानिदेषक पुलिस सर्वश्री पी.के.व्यास,मनोज भट्ट, कपिल गर्ग, मेघ चन्द मीणा,यू.आर.साहू, के.नरसिंहा राव, बी.एल.सोनी निदेषक,राजस्थान पुलिस अकादमी,टी.एल.मीणा,एम.एल.लाठर, महानिरीक्षक पुलिस सर्वश्री राजेष निर्वाण, टी. गुइटे, जयपुर पुलिस आयुक्त श्री भूपेन्द्र कुमार दक,उप महानिरीक्षक पुलिस सर्वश्री हवा सिंह घुमरिया, विषाल बंसल,विपिन कुमार पाण्डे,गुरू चरण राय, आलोक वषिष्ठ,डा. बी.एल.मीणा,अतिरिक्त पुलिस आयुक्त,जयपुर गिर्राज मीणा के अलावा पुलिस अधीक्षक सर्वश्री हिंगलाज दान,औम प्रकाष,अमनदीप,महेन्द्र सिंह,विकास कुमार, मदन मेघवाल,बहादुर सिंह राठौड़ एवं श्रीमती परमज्योति ने महानिदेषक पुलिस पदासीन होने पर हार्दिक बधाईयां दी।
उल्लेखनीय है कि श्री भारद्वाज 29 अक्टूब,2013 से कार्यवाहक पुलिस महानिदेषक के रूप में कार्य कर रहे थे। श्री हरीष मीना, पुलिस महानिदेषक 28 अक्टूबर,2013 से 13 दिसम्बर,2013 तक अवकाष पर थे।

राजे दूसरे दिन पहुंचीं एसएमएस अस्पताल

जयपुर। राजस्थान की 13वीं मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले ही दिन सचिवालय पहुंच प्रशासनिक अमले में खलबली मचाने वाली वसुंधरा राजे शनिवार सुबह अस्पताल पहुंची। राजे यहां किसी प्रशासनिक फेरबदल के इरादे से नहीं बल्कि एक हादसे में गंभीर जख्मी रिटार्यड इंजीनियर की कुशलक्षेम में पूछने पहुंची।
दरअसल, इंजीनियर श्याम सुंदर खंडेलवाल राजे के "राजतिलक" समारोह के लिए आम रास्ते पर लगाए गए बैरिकेट्स से शुक्रवार रात घायल हो गए थे। जब इसकी खबर राजे तक पहुंची तो वे शनिवार सुबह सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती रिटार्यड इंजीनियर श्याम सुंदर खंडेलवाल से मिलने पहुंची।

उपचार में जुटे सीटी सर्जरी विभाग के डॉ. राजकुमार यादव ने राजे को बताया कि खंडेलवाल की गर्दन में बांस घुसने के कारण स्वास व भोजन नली पूरी तरह से कट गई है। वहीं दवाइयों से उनका ब्लड प्रेशर को मेनटेन किया जा रहा है, उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है।

डॉक्टरों ने बताया कि खंडेलवाल की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। मुख्यमंत्री राजे इससे पहले अमर जवान ज्योति गईं, जहां उन्होंने सेना की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। एसएमएस अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घायल श्याम सुंदर के तत्काल उपचार शुरू करने पर संतोष्ा प्रकट किया और कहा कि संबंधित चिकित्सक बेहतर से बेहतर उपचार करें।

ले.जनरल दलबीर बने उप थलसेनाध्यक्ष

जोधपुर। पूर्वी कमान के आर्मी कमाण्डर जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह को उप थलसेनाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है। रक्षा प्रवक्ता एस डी गोस्वामी ने बताया कि दलबीर सिंह सैनिक स्कूल चितौड़गढ़ राजस्थान के विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने जून 1974 में 4/5 गोरखा राइफल्स में कमीशन लिया था।
सेना मुख्यालय में महानिदेशक (सूचना तकनीकी) लेफ्टिनेंट जनरल अरूण कुमार साहनी को दक्षिण पश्चिम कमान जयपुर का आर्मी कमाण्डर (जीओसी इन सी) नियुक्त किया गया है। ले. जनरल साहनी ने वर्ष 1976 में रेजिमेंन्ट ऑफ आर्टिलरी में कमीशन लिया था।

इसी तरह मुख्यालय दक्षिण पश्चिम कमान जयपुर में चीफ ऑफस्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय को पूर्वी कमान का आर्मी कमाण्डर (जीओसी इन सी) पद के लिए नियुष्ठत किया गया है। जनरल राय ने वर्ष 1976 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन प्राप्त किया था। इससे पूर्व उन्होंने जोधपुर स्थित डेजर्ट कोर की कमान की थी।

भंवरी मामला: कोर्ट में सीबीआई ने कहा- हमारी गिरफ्त में नहीं आ रही इंद्रा



जोधपुर। एएनएम भंवरी के अपहरण और हत्या के मामले में लंबे समय से फरार चल रही आरोपी इंद्रा विश्नोई के संबंध में शुक्रवार को सीबीआई ने अदालत में प्रगति रिपोर्ट पेश कर कहा कि सीबीआई इंद्रा को गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन वह गिरफ्त में नहीं आ पा रही है।
भंवरी मामला: कोर्ट में सीबीआई ने कहा- हमारी गिरफ्त में नहीं आ रही इंद्रा
सीबीआई मामलात की अदालत में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ब्रज माधुरी शर्मा ने सीबीआई से इंद्रा की गिरफ्तारी के संबंध में प्रगति रिपोर्ट मांगी थी। इस पर वरिष्ठ लोक अभियोजक ऐजाज खान और अशोक जोशी ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि इंद्रा को सीबीआई गिरफ्तार करने का लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन पता नहीं चल पा रहा है

इस मामले में इंद्रा को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। साथ ही 11 जनवरी, 2012 को उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट ने उसे 16 अप्रैल, 2012 को अपराधी भी घोषित कर दिया था। सीबीआई ने इंद्रा विश्नोई पर 5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा भी कर रखी है।

सीबीआई के आवेदन पर उसकी संपत्ति की कुर्क की जा चुकी हैं, लेकिन नीलामी के लिए कोई बोली दाता उपलब्ध नहीं हुआ। इस पर सीबीआई ने अदालत में एक आवेदन पेश कर कहा था कि आरोपी की जब्त की गई संपत्ति को सरकारी उपयोग में लिया जाए। इस संबंध में 10 जनवरी, 2014 को बहस मुकर्रर की गई


भंवरी मामले में आरोपियों की निगरानी याचिका पर सुनवाई टली
एएनएम भंवरी हत्याकांड के आरोपियों विशनाराम, कैलाश विश्नोई, अशोक विश्नोई आदि की ओर से हाईकोर्ट में दायर निगरानी याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को नहीं हो सकी। न्यायाधीश अतुल कुमार जैन की अदालत में यह सुनवाई अब 16 दिसंबर को होगी।।निगरानी याचिका पर सुनवाई के लिए सीबीआई की ओर से मुंबई से आए विशिष्ट लोक अभियोजक ऐजाज खां व अशोक जोशी अदालत में मौजूद थे, लेकिन याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नीलकमल बोहरा के अस्वस्थ होने की वजह से सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया। बोहरा इस मामले में ही आरोपी अशोक विश्नोई की ओर से भी पैरवी कर रहे हैं। शुक्रवार को उनके नहीं आने से न्यायाधीश निर्मलजीत कौर की अदालत में अशोक विश्नोई के जमानत आवेदन पर भी सुनवाई नहीं हो सकी।

राष्ट्रधर्म के ओजस्वी कवि दिनकर

अनिता महेचा

मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रथम राष्ट्र कवि थे तो दिनकर उनके सच्चे उत्तराधिकारी थे। गुप्तजी की राष्ट्रीयता में सांस्कृतिक तत्व गहरा था, उसी का एक व्यापक पक्ष हमें दिनकर के काव्य में दृष्टिगत होता है। दिनकर ने प्रारंभ से ही ओजस्विता एवं तेजस्विता से परिपूर्ण कविताएं लिखी। उनकी कविताओं में योद्धा सा गंभीर घोष है, अनल की सी तीव्र उष्मा है और सूर्य का सा प्रखर तेज है। दिनकर ने 14 वर्ष की आयु में अपना पहला गीत लिखा था। आप को राजगुरु धुरेन्द्र शास्त्री से राष्ट्र प्रेम, स्वदेशानुराग एवं राष्ट्र भाषा की चिंगारी प्राप्त हुई थी तथा माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त, बालकृष्ण शर्मा ‘‘नवीन‘‘ आदि तत्कालीन कवियों से ओजस्वी काव्य की प्रेरणा मिली। गुप्तजी के बाद राष्ट्रीयता की सम्यक और प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति दिनकर के काव्य में परिलक्षित होती है।
dinkar ji



प्रगतिशील चेतना के संवाहक, राष्ट्रीय भावनाओं के प्रचारक और क्रांतिदृष्टा दिनकर का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के एक छोटे से गांव सिमरिया नामक स्थान पर सन 1908 में 30 सितम्बर को हुआ। उनके पिता रविनाथ सिंह का देहावसान रामधारी सिंह के जन्म के दो वर्ष के पश्चात् हो गया।


पिता की स्मृति में रखा दिनकर नाम


अपने पिता के नाम को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए रामधारी सिंह ने अपना उपनाम ‘‘ दिनकर‘‘ रखा। पिता का साया शीघ्र ही सिर से उठ जाने के कारण दिनकर का बचपन अधिक सुख से नहीं बीता। साधारण से किसान परिवार में पैदा होकर भी उन्होंने अपनी काव्य प्रतिभा से प्रमाणित कर दिया कि प्रतिभा और विद्वत्ता किसी वर्ग विशेष की विरासत नहीं है। दिनकर की प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत से प्रांरभ हुई। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव की पाठशाला में ग्रहण की। तत्पश्चात ‘बारी‘ नामक ग्राम के ‘राष्ट्रीय मिडिल स्कूल‘ से मिडिल,‘ मोकामा घाट‘ के हाई स्कूल से सन् 1928 में मैट्रिक तथा 1932 में पटना कॉलेज से बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करके प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त हुए। सन् 1934 में वे बिहार सरकार के सब-रजिस्ट्रार के पद पर आसीन हुए। सन् 1943 तक वे इसी पद पर कार्यरत रहे। सन् 1943 से 1947 तक वे बिहार सरकार के प्रचार विभाग में उपनिदेशक पद पर आसीन रहे। सन् 1950 में वे मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में हिन्दी विभागाध्यक्ष नियुक्त हुए। लेकिन सन 1962 में राज्यसभा के सदस्य मनोनीत हो जाने के कारण उन्हांने यह पद त्याग दिया। अब वे मुक्त व मुखर होकर कवि, आलोचक और राजनीतिक रूप का प्रभाव दिखाने लगे।


हिन्दी जगत की सेवा को समर्पित

सन् 1964 में वे भागलपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति नियुक्त हुए, बाद में केन्द्रीय सरकार की हिन्दी सलाहकार परिषद् के अध्यक्ष बने और देश में हिन्दी लागू करने के प्रयासों में जुटे रहे। सन् 1959 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पद्मभूषण की उपाधि से विभूषित किया गया। उनकी प्रशंसनीय साहित्य-सेवाओं के उपलक्ष्य में भागलपुर विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। उनके ‘ऊर्वशी‘ काव्य ग्रंथ पर उन्हें 1973 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया।


राष्ट्रीय चेतना के सशक्त संवाहक


दिनकर की काव्य यात्रा की कहानी बड़ी विचित्र और अद्भुत रही है। वे मूलतः राष्ट्रीय भावों के संवाहक और मानवतावादी विचारों को अभिव्यक्ति देने वाले प्रतिभाशाली कवि थे। उनका साहित्य परिमाण और गुणों में विपुल और महान् है। उनकी काव्यकृतियों में – ‘बारदोली विजय‘, ‘रेणुका‘, ‘हुंकार‘, ‘रसवन्ती‘, ‘द्वन्द्व गीत‘, ‘सामधेनी‘, ‘बापू‘, ‘इतिहास के आंसू‘, ‘दिल्ली‘, ‘धूप और धुआँ‘, ‘नील कुसम‘, ‘नीम के पत्ते‘, ‘ सीपी और शंख‘, ‘परशुराम की प्रतिज्ञा‘, ‘कोयला और कवित्व‘ आदि विशेष उल्ल्ेाखनीय हैं। ‘प्रणभंग‘, ‘कुरुक्षेत्र‘, ‘रश्मिरथी‘, और ‘ऊर्वशी‘ उनके प्रबंध काव्य हैं। उनकी चुनी हुई कविताएं चक्रवाल में संग्रहीत हैं।




संवेदनशीलता का भरपूर समावेश है सृजन में


‘रेणुका‘, ‘हुंकार‘, ‘रसवन्ती‘ में एक ओर छायावादी रोमानियत, मधुर कल्पना व भावुकता मिलती है तो दूसरी ओर प्रगतिवादी सामाजिक चेतना। ‘रेणुका‘ में अतीत के प्रति गहरा आकर्षण है। ‘हुंकार‘ में कवि दीनता और विपन्नता के प्रति दयाद्र्र हो गया है। ‘रसवन्ती ‘ में कवि सौन्दर्य का प्रेमी बन गया है। ‘द्वन्द्व- गीत‘ में कवि के अन्तर्जगत और बाह्य-जगत का द्वन्द है। ‘सामधेनी‘ में कवि धीरे-धीरे क्रान्ति से शांति की ओर आता दिखाई देता है। कुरुक्षेत्र में कवि का शंकालु मन, समस्यानुकूल और प्रश्नानुकूल हो गया है। ‘रश्मिरथी‘ में कवि की नई विचारधारा यह है कि व्यक्ति की पूजा उसके गुणाें के कारण होनी चाहिए। ‘नील-कमल‘ की कविताओं में प्रयोगशीलता का पुट है। कोयला और कवित्त में कवि ने कला और धर्म के सामंजस्य पर विशेष रूप से बल दिया है।


गद्य और पद्य दोनों में अपूर्व रचनाधर्म

दिनकरजी मुख्य रूप से कवि हैं किन्तु उन्होंने गद्य साहित्य का भी यथेष्ट निर्माण किया है। इस सम्बन्ध में उनकी ‘मिट्टी की ओर‘, ‘अद्र्ध-नारीश्वर‘, ‘काव्य की भूमिका‘, ‘शुद्ध कविता की खोज‘, ‘संस्कृति के चार अध्याय‘, ‘हमारी सांस्कृतिक एकता‘, ‘धर्म-नैतिकता और विज्ञान‘ आदि गद्य रचनाएं अत्यन्त महत्त्व की एवं भाव पूर्ण हैं। इन रचनाओं में उनके गंभीर अध्ययन एवं स्वतंत्र चिन्तन की छाप सर्वत्र दृष्टिगत होती है। इनकी महत्ता और लोकप्रियता का अन्दाजा इस तथ्य से ही लगाया जा सकता है कि उनकी कुछ कृतियों का अनुवाद उड़िया, कन्नड़, तेलगु, अंग्रेजी, स्पेनिश, रूसी आदि कई भाषाओं में हो चुका है।

इतना ही नहीं, सन् 1955 में पोलैन्ड, लन्दन, जिनेवा, पेरिस और काहिरा, 1957 में चीन, हांगकांग, बैंकाक और बर्मा, 1961 में रूस,1967 में मॉरीशस तथा 1968 पश्चिम जर्मनी की यात्रा के समय सांस्कृतिक और साहित्यिक प्रतिनिधित्व किया। इससे राष्ट्र के सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गौरव-गरिमा में वृद्धि हुई, साथ ही उन्हें विदेशों में पर्याप्त प्रतिष्ठा और ख्याति अर्जित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सन् 1974 में 24 अप्रेल को अस्पताल में ही दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

रचनाओं से झरता है राष्ट्रीय ओज

दिनकर के काव्य में पौरुष और ओज को प्रमुख स्थान प्राप्त है। उनकी राष्ट्रीयता से भरी-पूरी भावना में उत्साह, पौरुष व प्रतिशोध के भाव बहुत गहरे तक समाये हुए हैं। दिनकर ओज व पौरुष के कवि हैं और उनकी रचनाएँ इन भावों की अजस्र सरणियाँ बहाती हैं -


लेना अनल-किरीट भाल पर आशिक होने वाले।

काल कूट पहले पी लेना, सुधा बीज बोने वाले।

राष्ट्रपुरुष के ओज को संकेतित करने वाले दिनकर तलवार की चमक मे पौरुष का प्रतिबिम्ब देखते हैं। वास्तव में दिनकर राष्ट्र धर्म के ओजस्वी कवि रहे हैं। क्रान्ति का स्वर उनकी ‘कस्मे दैवाय…‘ कविता में इन पंक्तियों में सुना जा सकता है -


क्रान्ति धात्रि, कविते जाग उठ, आडमबर में आग लगा के।

पतन, पाप, पाखण्ड जले जग में ऎसी ज्वाला सुलगा दे।


युगों तक गूंजेगी राष्ट्रीयता की चेतना ऋचाएं

दिनकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे हिन्दी के गद्य और पद्य साहित्य में समान अधिकार से लिखने वाले युग चेता और जनप्रिय रचनाकार के रूप में सदैव अविस्मरणीय बने रहेंगे। वे सच्चे राष्ट्रीय कवि थे। उन्होंने अधिकांश ऎसी कविताओं का सृजन किया है जो जनजीवन को शौर्य, पराक्रम और वीरता से परिपूर्ण कर राष्ट्रीयता का अमर मंत्र फूंकने में सक्षम हैं। दिनकर की कालजयी रचनाएँ युगों तक शौर्य-पराक्रम और स्वतंत्र्य चेतना का उद्घोष करती रहेंगी।

क्रूर अपराध का मासूम चेहरा, प्रदेश में पहली बार दी जाएगी महिला को फांसी

इंदौर. ढाई साल पहले श्रीनगर कॉलोनी (मेन) में लूट के लिए युवती, उसकी मां और नानी की नृशंस हत्या करने के मामले में जिला अदालत ने शुक्रवार को तीनों आरोपियों को फांसी की तिहरी सजा सुनाई। इनमें एक युवती भी शामिल है।

इंदौर ही नहीं प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस साल इंदौर जिला कोर्ट में अब तक तीन अलग-अलग मामलों में सात लोगों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। अदालत ने प्रत्येक आरोपी को तीनों की हत्या में अलग-अलग फांसी की सजा सुनाई। यानी तिहरी सजा सुनाई।

उन पर एक-एक हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। हालांकि सजा की ऊपरी अदालत में पुष्टि होने पर फांसी एक बार ही दी जा सकती है।

डीएनए रिपोर्ट बनी आधार- अदालत ने जिन आधारों पर मृत्युदंड की सजा सुनाई, उनमें डीएनए रिपोर्ट सबसे अहम रही। रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों के कपड़ों पर खून के जो धब्बे थे, वे मृतकाओं के थे। इसके अलावा फ्रिंगर प्रिंट, गहनों, चाकू, पिस्टल और चाकू की जब्ती भी महत्वपूर्ण रही। प्रकरण के ट्रायल में 36 गवाहों के कथन हुए। इनमें एक गवाह राहगीर राजू सेन थे, जिन्होंने आरोपियों को घटनास्थल से भागते देखा था। इसके अलावा 17 पुलिसकर्मियों, तीन डॉक्टर और शेष अन्य लोगों के कथन हुए।

मेघा की कॉल डिटेल से सुलझी गुत्थी
हत्या के 48 घंटे बाद तक पुलिस को हत्यारों का सुराग नहीं मिल रहा था। मेघा की कॉल डिटेल निकाली तो उसमें नेहा से कई बार बातचीत होने के प्रमाण मिले। पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर लोगों से पूछताछ शुरू की। नेहा गिरफ्त में आई तो हाव-भाव से ही पुलिस को उस पर शक हो गया था।



यह तो कुदरत का इंसाफ है : निरंजय
तीन परिजन को खोने वाले निरंजय देशपांडे फिलहाल पूना में हैं। उन्होंने ‘भास्कर’ से चर्चा में कहा कि यह तो कुदरत का इंसाफ है। हत्यारों ने जैसा किया, वैसी ही सजा मिली। बकौल निरंजय, उन्हें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा था। अब हत्यारों को फांसी पर जल्द लटकाना चाहिए। फैसले की जानकारी मिली तो उस भयावह दिन का पूरा घटनाक्रम फिर आंखों के सामने आ गया।


ये हैं हत्यारे- देवेंद्र नगर की नेहा वर्मा (23), घनश्यामदास नगर के राहुल चौधरी (24) और विद्या नगर में रहने वाला मनोज नानूराम अटोदे (32)।

तीन पीढ़ी को खत्म करने वालों को इसके अलावा सजा का कोई विकल्प नहीं था : कोर्ट
विरल से विरलतम
जिला लोक अभियोजक रवींद्रसिंह गौड़ के मुताबिक, कोर्ट ने फैसले में कहा कि जिनकी हत्या की गई, वे बिना किसी अपराध और विद्वेश के जीवन जी रहे थे। ऐसे में तीनों आरोपियों ने चंद रुपयों के लिए बड़े क्रूर तरीके से गोली मारी और चाकुओं से शरीर को क्षत-विक्षत किया। इसलिए ऐसे अपराधी दया के पात्र नहीं हो सकते। कोर्ट ने इसे विरल से विरलतम घटना माना।

यह हुआ था 19 जून 2011 को...

19 जून 2011 को बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी निरंजय देशपांडे (उज्जैन) की पुत्री अश्लेषा (23), पत्नी मेघा (45) और सास रोहिणी फड़के (70) को तीन आरोपियों ने मार डाला था। यह परिवार एक महीने पहले ही श्रीनगर में किराए से रहने आया था।


ऐसे रची थी हत्या की साजिश
आरोपी नेहा की मेघा से मुलाकात ऑर्बिट मॉल में हुई थी। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। नेहा मेघा के घर जाने लगी। धीरे-धीरे नेहा को देशपांडे परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाज हो गया। वह अपने प्रेमी राहुल से भी देशपांडे


परिवार के बारे में बात किया करती थी। उसने ही बताया था कि परिवार में ज्यादातर समय महिलाएं ही रहती हैं। उन्हें आसानी से रिवॉल्वर और चाकू की नोंक पर लूटा जा सकता है। नेहा ने राहुल के साथ मिलकर लूट की साजिश बनाई तो राहुल ने अपने दोस्त मनोज को भी साथ मिला लिया। इस तरह तीनों ने मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया।

मुंबई: इमारत में भीषण आग, फिल्‍म फाइनेंसर और उनकी पत्‍नी सहित 7 मरे



मुंबई में एक बहुमंजिली इमारत में लगी आग में सात लोगों की मौत हो गई है। मारे गए लोगों में फिल्‍म फाइनेंसर दिनेश गांधी और उनकी पत्‍नी भी शामिल हैं। हादसा दक्षिण मुंबई के केम्‍पस कॉर्नर इलाके में स्थित मोंट ब्‍लेंक बिल्डिंग में हुआ। शुक्रवार देर शाम लगी इस आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे कुछ दमकलकर्मी भी घायल हो गए हैं।



बताया जा रहा है कि आग 27 मंजिला इमारत की 12वीं मंजिल पर लगी। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 14 गाडियां और सात वाटर टैंकर लगे हैं। अब तक इमारत से 25 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

13 साल की बेटी को जुआ में हारने पर की शादी

कोलकाता। एक जुआरी ने पहले अपनी 13 साल की बेटी को जुए में दांव पर लगाया और फिर हारने के बाद पड़ोसी के साथ उसकी शादी कर दी। ये चौंकाने वाली घटना पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में कृष्णापुर-बुरीतला गांव की है। 13 साल की बेटी को जुआ में हारने पर की शादी
मासूम बच्ची के जुआरी पिता ने एक दिसंबर को स्थानीय युवक सुकुमार मंडल के साथ जुआ खेलना शुरू किया। सब कुछ हारने के बाद उसने अपनी बच्ची को दांव पर लगा दिया और हार गया।

इसके बाद दोनों परिवारों ने शादी की तैयारियां शुरू कर दी। शादी की तारीख 22 जनवरी तय की गई जबकि 9 दिसंबर को हुई सगाई में गांव के लोगों और रिश्तेदारों ने हिस्सा लिया।

अपने से दोगुनी उम्र के व्यक्ति से सगाई होने और शादी की तारीख पक्की होने के बाद 8वीं कक्षा की छात्रा और 13 साल की बच्ची ने स्कूल जाना बंद कर दिया। हबीबपुर के बीडीओ अर्नब रॉय ने कहा कि एक टीम बांग्लादेश सीमा पर स्थित कृष्णापुर गांव भेजी गई है। ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।

उन्होंने कहा कि कमेटी शुक्रवार को उनसे मिलेगी। बच्चों के लिए काम करने वाली गैरसरकारी संस्था हिल्डलाइन के सदस्य भी बैठक में मौजूद रहेंगे। बीडीओ ने इसके साथ ही सोशल वेलफेयर ऑफिसर को सूचित कर दिया है। बीडीओ ने कहा कि शादी रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

रॉय ने कहा कि घटना के पीछे अशिक्षा एक अहम वजह है। हम कोशिश करेंगे कि दोनों परिवारों को बाल विवाह के बारे में बता सकें। यह समझाने की कोशिश करेंगे कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है।

शुक्रवार, 13 दिसंबर 2013

पर्यटन विकास स्थाई समिति की बैठक गुरूवार १९ दिसम्बर को

जैसलमेर । स्वर्णनगरी जैसलमेर में आगामी १२ से १४ फरवरी २०१४ तक तीन दिवसीय आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मरू समारोह २०१४ के आयोजन एवं व्यवस्थाओं को लेकर प्रारम्भिक तैयारियां के संबंध में १९ दिसम्बर, गुरूवार को अपरान्ह् ३ बजे जिला कलक्टर एन.एल मीना की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में जैसलमेर जिला पर्यटन विकास स्थायी समिति की बैठक का आयोजन रखा गया है। यह जानकारी सहायक निदेशक पर्यटक स्वागत केन्द्र जैसलमेर ने दी।

सहायक निदेशक पर्यटक स्वागत केन्द्र ने मरू समारोह व्यवस्थाओं से जुडे समस्त संबंधित जिलाधिकारियों, होटल एवं पर्यटन व्यवसाईयों के साथ ही विभिन्न स्वंयसेवी संस्थाओं के पदाधिकारीगण से आग्रह किया है कि वे इस महत्वपूर्ण बैठक में अपने सार्थक सुझावों संहित नियत समय पर आवश्यक रूप से उपस्थित होवें।

मध्यप्रदेश:सिंगरौली में बवाल,कर्फ्यू लगा

सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला मुख्यालय बैढन में शुक्रवार को एक युवक की संदिग्ध स्थितियों में मौत की सूचना के बाद आक्रोशित भीड़ ने प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर की कार समेत कम से कम चार सरकारी वाहनों को आग लगा दी। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे नगर में कर्फ्यू लगा दिया है। उग्र भीड़ के पथराव में कम से कम दो दर्जन पुलिस कर्मचारी घायल हुए हैं। प्रशासन ने आसपास के जिलों से पुलिस बल बुलाकर नगर में तैनात कर दिया है।
इस बीच शाम को कर्फ्यू के बावजूद कथित तौर पर पुलिस की गोली लगने से एक युवक की मौत की सूचना के बाद एकत्रित हुई भीड़ ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के एक वाहन में आग लगा दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा। पुलिस सूत्रों ने कहा कि लगभग एक सप्ताह पहले कथित तौर पर पुलिस के साथ गए अखिलेश साहू नाम के युवक की संदिग्ध स्थितियों में मौत की सूचना के बाद उग्र हुए लोगों ने पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया।

लोगों ने भीड़ को समझाने आए कलेक्टर के वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। उपद्रव बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज के बाद आंसू गैस के गोले छोडे और फिर गोलियां भी चलाई। कथित तौर पर पुलिस की गोली से एक युवक की मौत हो गई। दोनों ही युवकों का पोस्टमार्टम शनिवार को किया जाएगा। बताया गया है कि बैढन निवासी अखिलेश (27) नाम का व्यक्ति पास के गांव अमझर में अपने रिश्तेदार के यहां गया था।

वहां पांच दिसंबर की रात्रि में कथित तौर पर पुलिस का एक दल उसे चोरी के सिलसिले में अपने साथ ले गया था। इसके बाद से वह घर नहीं लौटा और न ही उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी गई। इसके बाद शुक्रवार को गांव के ही एक कुएं में इस युवक का शव मिला। इसकी सूचना मिलते ही बैढन में लोगों को हुजूम थाने के बाहर और अन्य स्थानों पर एकत्रित हो गया।

कौन बनेगा मंत्री, दो दिन बाद खुलेगा पिटारा

जयपुर। राजस्थान में रिकार्ड जीत के साथ सत्ता में वापसी कर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुकीं वसुंधरा राजे के मंत्रिमंडल का गठन दो दिन बाद ही होगा। कौनसे नेता की मुट्ठी में क्या (विभागीय जिम्मेदारी) यह सवाल अब सर्खियों में हैं। सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के शनिवार को शपथ लेने के बाद पार्टी आलाकमान छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के मंत्रिमंडल के बारे में भी विचार विमर्श कर निर्णय लेगा।
भाजपा आलाकमान का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीनों राज्यों का मंत्रिमंडल बनाया जाए ताकि चुनाव में पार्टी को लाभ मिल सके। छत्तीसगढ़ में रमनसिंह के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राजस्थान में भी राजे ने अकेले ही शपथ ली है। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान भी शनिवार को अकेले ही शपथ लेंगे। इसके बाद तीनों राज्यों के मंत्रियों के बारे में फैसला होगा।

सूत्रों के हवाले से खबर आ रही हैं कि सीएम की कुर्सी पर बैठने जा रही वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री पद के साथ अपने पास 5 महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी रखेंगी। सूत्रों की मानें तो भाजपा विधायक दल की नेता वसुंधरा राजे सीएम पद के साथ वित्त, कार्मिक, सामान्य प्रशासन, बिजली, पर्यटन की जिम्मेदारी संभालेंगी।

एक दर्जन मंत्रियों की सूची तैयार

सूत्रों के अनुसार संघ और भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मंथन के बाद राजे ने करीब एक दर्जन मंत्रियों की सूची तैयार कर ली है। इसमें प्रदेश के प्रमुख नेताओं को पहले दौर में मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने की तैयारी है। शेषको लोकसभा चुनाव के बाद ही पद पर बैठाने का निर्णय किया गया है। माना जा रहा है कि प्रथम मंत्रिमंडल में राजे सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास कर रही हैं। तिवाड़ी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।

इन नामों, विभागों पर चर्चा
वसुंधरा राजे- सीएम पद के साथ वित्त, कार्मिक, सामान्य प्रशासन, बिजली, पर्यटन की जिम्मेदारी।
गुलाबचंद कटारिया- गृह, नागरिक सुरक्षा
कैलाश मेघवाल- सामाजिक न्याय
नरपतसिंह राजवी- उद्योग या चिकित्सा
अरूण चतुर्वेदी व वासुदेव देवनानी- समस्त शिक्षा
कालूलाल गुर्जर- ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज
नंदलाल मीणा - जनजाति विकास
सांवरलाल जाट- जलदाय
प्रभुलाल सैनी- कृषि मंत्री
प्रतापसिंह सिंघवी- स्वायत्तशासन एवं नगरीय विकास