बुधवार, 11 दिसंबर 2013

निर्वस्त्र होकर किया यहां विरोध प्रदर्शन

स्टॉकहोम। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार समारोह शुरू होने से कुछ मिनटों पहले चीन के असंतुष्ट कार्यकर्ता लियू जियाओबो की कैद की तरफ ध्यान आकृष्ट करने के लिए चार लोगों ने निर्वस्त्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। इन लोगों ने पुलिस की घेराबंदी को पार करने की कोशिश की।
स्वीडिश टीवी चैनल एसवीटी की खबर के अनुसार विरोध प्रदर्शन मंगलवार को कांसर्ट हॉल में किया गया। तीन साल पहले चीनी लेखक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। स्टॉकहोम पुलिस ने कहा, चार लोगों को कांसर्ट हॉल के आसपास के प्रतिबंधित इलाके में घुसने से रोका गया।

पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि चारों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि उन्होंने उनकी राष्ट्रीयता के बारे में नहीं बताया। कम्युनिस्ट शासित चीन में राजनीतिक सुधार की मांग को लेकर चार्टर 08 नाम के घोषणापत्र का सह लेखन करने के लिए 2009 में लियू को 11 साल के कैद की सजा सुनाई गई थी।

लियू को इसके अगले साल यानि 2010 में ओस्लो में नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में भी शामिल नहीं होने दिया गया। इस साल की शुरूआत में 140 नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने चीन को एक पत्र लिखकर लियू को रिहा करने के लिए कहा था। पत्र में 130 से अधिक देशों के 4,00,000 लोगों ने हस्ताक्षर किए थे।

भाजपा प्रत्याशी की हार पर लगाई फांसी

/दौसा। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भले ही रिकॉर्ड जीत हासिल हुई हो लेकिन एक भाजपा प्रत्याशी की हार इतनी बड़ी हार साबित हुई जो कई लोगों की जिंदगीभर का सकूल छीन ले गई।
मामला दौसा की सिकराय विधानसभा क्षेत्र का है जहां पूर्व विधायक और भाजपा उम्मीदवार नंदलाल बंसीवाल की हार के बाद उसके समर्थक कैलाश उर्फ कालूराम खंडेला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

जानकारी के अनुसार मृतक कैलाश पूर्व विधायक की हार के सदमे में था और पिछले दो-तीन दिन से वोट नहीं देने पर लोगों को कोसता रहा था।

आखिर मंगलवार शाम को वह यह हार पचा नहीं पाया और फंदे से झूल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल में रखवा दिया, बुधवार सुबह उसका पोस्टमार्टम करवाया गया।

नतीजों के बाद से तनाव में चल रहा था
पुलिस ने बताया कि सिकराय विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक नंदलाल बंसीवाल इस बार चुनाव हार गए। इसके कारण आलुदा निवासी कैलाश उर्फ कालूराम खंडेला कई दिनों से परेशान चल रहा था।

लोगों को कहता फिरा, वोट नहीं दिया
गांव की गली-गली, ढाणी-ढाणी घूमकर के वह लोगों को कहता कि तुमने वोट नहीं दिया, इसलिए वह हार गया। लोगों ने उसे समझाया भी लेकिन वह इस सदमे से बाहर नहीं निकल पाया।

समझाने पर भी नहीं समझा
सरपंच जुगल मीणा ने बताया कि कैलाश कई दिनों से तनाव में था, लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया था। वह पूर्व विधायक की हार को लेकर लोगों को कोसता था।

सड़क दुर्घटना में 11 जातरूओं की मौत, नौ घायल

जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले के बालेसर कस्बे के पास रात में एक ट्रक एवं क्रुजर की आमने सामने की भिडंत में गुजरात से बाबा रामदेव के दर्शन के लिए जा रहे 11 जातरूओं की मौत हो गई तथा नौ लोग घायल हो गए।सड़क दुर्घटना में 11 जातरूओं की मौत, नौ घायल
पुलिस के अनुसार टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि सात लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई जबकि चार ने यहां मथुरादास माथुर अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया तथा नौ लोग अभी यहां भर्ती है।

मृतकों में आठ महिला एवं दो बच्चे शामिल है। सूत्रों ने बताया कि गुजरात में पंचमहल जिले के वेजलपुरा गांव सेलोग क्रुजर में सवार होकर रामदेवरा जा रहे थे कि सामने से आ रहे ट्रक से बालेसर के पास भिंड़त हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने सभी को यहां अस्पताल पहुंचाया।

नंदन निलेकणि होंगे कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार!

नंदन निलेकणि होंगे कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार!

नंदन निलेकणि होंगे कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार!
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली करारी हार से कांग्रेस में गहन मंथन जारी है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जहां पार्टी के पुनर्गठन की बात कही तो पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी उचित समय पर अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। गत रविवार को आए चुनाव परिणामों के बाद सोनिया ने यह बात कही। हालांकि वे इस सवाल को टाल गई कि पीएम पद के उम्मीदवार राहुल गांधी ही होंगे।


दरअसल कांग्रेस पर दबाव है कि भाजपा की तरह वह भी अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करे। भाजपा ने गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है। अब सवाल यह उठता है कि अगर राहुल इनकार कर देते हैं तो फिर कौन होगा वह शख्स जिसे कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। इसको लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। जो नाम अभी तक सामने आते रहे हैं वे हैं - वित्त मंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटोनी, व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे। एक और नाम सामने आ रहा है जिसे वाइल्ड कार्ड एंट्री समझा जा रहा है।


कए अंग्रेजी अखबार की मानें तो कांग्रेस के गलियारों में चर्चा है कि आधार योजना (यूडीएआई) के चेयरमैन नंदन निलेकणि को कांग्रेस अपना चेहरा बना सकती है। अखबार के अनुसार हालांकि जब निलेकणि से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे कहा कोरी बकवास बताया।


ये वो बातें हैं जो निलेकणि की उम्मीदवारी को वाजिब ठहराती हैं -

- वे राजनीतिज्ञ नहीं टेक्नोक्रेट हैं।
- उनकी छवि अच्छी है।
- बिजनस जगत के लोग उन्हें जानते हैं।
- इन्फोसिस के संस्थापक निलेकणि धनाडय हैं और उन्होंने इसे अच्छाई के कामों में खर्च किया है।
- यूनीक आइडेंटिटी अथॉरिटी के चेयरमैन के तौर उन्हें सरकार में चार साल से ज्यादा का अनुभव हो गया है। उन्होंने राजनीतिक रूप से मुश्किल योजना में सभी राज्यों और पार्टियों के साथ काम किया है।
- उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि अच्छी है।
- सोनिया और राहुल गांधी से उनके रिश्ते अच्छे हैं।
- 58 साल की उम्र में उन्हें तुलनात्मक रूप से नौजवान कहा जाएगा।
- वे आईआईटी से आते हैं जो आधुनिकता और प्रतिभा का प्रतीक है।
- आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल की तरह वे युवाओं को आकर्षित कर सकते हैं।

मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं लोकसभा चुनाव

नई दिल्ली। 15वीं लोकसभा की अंतिम बैठक अगले वर्ष जनवरी में होगी। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए मार्च या अप्रैल का समय तय किया जा सकता है। मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं लोकसभा चुनाव
सूत्रों का कहना है कि सरकार वोट ऑन अकाउंट अगले महीने करवाने की तैयारी कर रही है। जनवरी 13 से 17 के बीच वोट ऑन अकाउंट पास किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि ऎसा मार्च या अप्रैल में आम चुनाव करवाने के चलते किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 2004 और 2009 के आम चुनाव भी क्रमश: अप्रैल और मई माह के बीच करवाए गए थे।

वहीं, सरकार का शीतकालीन सत्र को छोटा करने की मंशा नहीं है। हालांकि अब तक के सत्र को देखते हुए लगता है कि इस सत्र में कोई खास फैसले होने की उम्मीद नहीं है। लोकसभा का अंतिम सत्र भी परम्परागत फरवरी माह से पहले ही किए जाने की संभावना है। इससे साफ हो जाता है कि जनवरी के बाद कभी भी चुनाव करवाए जा सकते हैं।

...तो पत्थर मार कर ले लेते महिला की जान

कुंडूज। अफगानिस्तान में पर पुरूष के साथ संबंध रखने के आरोप में तालिबान द्वारा पत्थर मारकर मौत की सजा प्राप्त एक महिला को पुलिस ने समय पर पहुंचकर बचा लिया।
कुंडूज प्रांत के पुलिस प्रवक्ता सैयद सरवर हुसैनी ने बताया कि दस्ते आर्ची जिले के एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी का किसी और पुरूष के साथ संबंध है। इसके बाद तालिबान ने उस महिला को पत्थर मार मार कर मौत के घाट उतारने की सजा सुनाई थी।

तालिबानी आतंकवादी महिला को मारने के लिए पत्थरों की व्यवस्था कर रहे थे कि तभी पुलिस ने एन मौके पर पहुंच कर महिला को मुक्त करा लिया। पुलिस को यह सूचना महिला के किसी रिश्तेदार ने दी थी।

महिला का पति खुद भी तालिबानी गुट से जुड़ा हुआ है और शुक्रवार को उसने महिला को आतंकवादियों के हवाले कर दिया था। इसके बाद से यह महिला आतंकवादियों के गढ़ में कैद थी।

पत्नी-प्रेयसी के बीच उलझे विधायक जी



लखनऊ। दारुलशफा स्थित बी-99 आवास से मंगलवार शाम तीखी कहासुनी व महिला के चिल्लाने की आवाजें बाहर आई तो आसपड़ोस के लोगों को कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हुआ। इसके बाद एक विधायक के आवास में मचे कोहराम की सूचना बाहर आने में ज्यादा वक्त न लगा। मीडियाकर्मियों व पुलिस को इसकी भनक लग गई। दिल्ली तक से फोन की घंटियां बजने लगीं। बताया गया कि एएसपी को इसकी सूचना पूर्वाचल के एक सांसद ने फोन से दी।

कुछ देर बाद ही सीओ हजरतगंज दिनेश यादव, इंस्पेक्टर अशोक वर्मा, एसओ महिला थाना शिवा शुक्ला व पुलिस बल विधायक के आवास पर पहुंच गया। मीडियाकर्मी भी आ गए। तब मामला सामने आया कि विधायक जी के घर में मौजूद उनकी महिला मित्र से परिजनों का विवाद हुआ है। पुलिस विधायक व युवती को कोतवाली ले आई, जहां करीब दो घंटे तक सीओ हजरतगंज के कमरे में वार्ता चली और दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई। एएसपी पूर्वी राजेश कुमार ने कमरे से बाहर आकर बताया कि युवती ने पुलिस को लिखकर दिया है कि वह कोई कार्रवाई नहीं चाहती।

बस्ती के रुधौली से कांग्रेस विधायक संजय प्रताप जायसवाल दारुलशफा में रहते हैं। बताया गया कि पूर्वाचल निवासी युवती यहां अलीगंज क्षेत्र में एक हॉस्टल में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। युवती की करीब डेढ़ वर्ष से विधायक से मित्रता है। दोनों के बीच फोन से बातचीत के जरिए मेल-मुलाकात बढ़ी थी। युवती विधायक के दारुलशफा स्थित आवास आई थी, जहां विधायक के भाई व अन्य परिजन भी आ गए। युवती को देखकर विधायक के परिजन भड़क गए और उनके बीच विवाद शुरू हो गया। युवती से हाथापाई के बाद विवाद बढ़ता चला गया।

दूसरी ओर, विधायक का कहना है कि युवती से मित्रता के बारे में उनकी पत्नी, परिजन व युवती के घरवालों को पता है। विवाद शुरू होने पर उन्हें कमरे में बंद कर दिया गया था, जिसके बाद बात बिगड़ती चली गई। विधायक ने यह भी कहा कि विवाद बढ़ने पर उन्होंने अपना सिर किसी चीज से लड़ा लिया था। यही वजह थी कि विधायक ने सिर पर रुमाल बांध रखा था।

परिवारिक विवाद था, निपट गया

सीओ आफिस में पुलिस अधिकारी पहले करीब एक घंटे तक युवती से पूछताछ करते रहे। बाद में विधायक को भी भीतर बुला लिया गया। कुछ देर बाद कमरे से बाहर आए विधायक ने कहा कि यह उनका पारिवारिक विवाद था, जो निपट गया।

चोल राजवंश, भारत का वो राजवंश जिनके राजाओं को "सूर्य पुत्र" कहा जाता है



चोल राजवंश, भारत का वो राजवंश जिनके राजाओं को "सूर्य पुत्र" कहा जाता है। इस राजवंश ने अपने शुरूआती दौर से ही इतिहास के जानकारों और उसमें रूचि रखने वालों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। अतः भारत में ये राजवंश हमेशा से ही अपने यश, वैभव, बल और सेना के चलते इतिहासकारों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है। इस राजवंश के बारे में एक बड़ी ही प्रसिद्ध कहावत मशहूर है, कहा जाता है कि जहां कावेरी नदी की धार मुड़ती थी ये राजवंश वहां तक फैला था। एक मजबूत नौसेना का स्वामी ये राजवंश एक ज़माने में दक्षिण भारत का सबसे शक्तिशाली राजवंश रहा है। इस राजवंश के शासनकाल की अवधि 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच की थी। 9वीं से 13 वीं शताब्दी के शुरूआती दौर को देखें तो पता चलता है कि अपने सांस्कृतिक, आर्थिक और सैन्य मोर्चों की बदौलत चोल साम्राज्य दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया का सुपर पावर था और उस समय किसी भी राजवंश या साम्राज्य में इतनी हिम्मत नहीं थि की वो इनका डट के मुकाबला कर सकें।सभी चोल राजाओं में सबसे प्रसिद्ध राजराजा चोल हैं और उनके बेटे राजेंद्र चोल हैं इन दोनों राजाओं के बारें में ये प्रसिद्ध था कि हर उगते सूरज के साथ इनके राज्य का विस्तार हुआ है। जिन्होंने प्रारम्भिक कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने के बाद क़रीब दो शताब्दियों न केवल एक मजबूत प्रशासन की नीव रखी बल्कि, निर्माण, कला और साहित्य को भी बहुत प्रोत्साहन दिया। अगर तमिल साहित्य को देखें तो मिलता है की संगम कवियों ने चोल शासकों और उनकी शासन व्यवस्था का बहुत अधिक मात्रा में प्रचार प्रसार किया है और पूरा का पूरा तमिल साहित्य चोल राजवंशों की गाथाओं से भरा पड़ा है। अगर बात इस राजवंश की कला के क्षेत्र में की गयी उपलब्धियों पर हो तो पता चलता है कि इन्होने कला और निर्माण को उसके सर्वोत्तम रूप में प्रसारित और प्रचारित किया। स्लाइड्स के माध्यम से देखिये क्यों ख़ास थी चोल राजवंश की कला शैली।






ऐरावतेश्वर मंदिर, दरासुरम ऐरावतेश्वर मंदिर दरासुरम का एक मुख्य आकर्षण है और भक्त यहाँ वर्ष भर आते हैं। पुराणों के अनुसार देवताओं के राजा इंद्र के सफ़ेद हाथी ऐरावत ने यहाँ भगवान शिव की पूजा की थी। दुर्वासा ऋषि द्वारा दिए गए श्राप से मुक्त होने के लिए ऐरावत ने भगवान शिव की आराधना की। हिंदुओं में मृत्यु के देवता माने जाने वाले भगवान् यम ने भी इस मंदिर में भगवान शिव की आराधना की थी। इस मंदिर में भगवान शिव की ऐरावतेश्वर के रूप में पूजा की जाती है। यह मंदिर प्रारंभिक द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर में पत्थरों पर सुंदर नक्काशी की गई है।






थिलाई नटराजर मंदिर, चिदंबरम थिलाई नटराजर मंदिर चिदंबरम का प्रमुख आकर्षण है। यह शैवों के लिए पूजा के सबसे महत्वपूर्ण केन्द्रों में से एक है और यह देश भर के यात्रियों को आकर्षित करता है। कई संतों ने इसकी प्रशंसा में गीत गाएं हैं। इसका निर्माण लगभग 2 सदी पहले किया गया था और तब से इस ने वास्तुकला, नृत्य और तमिलनाडु के अन्य कला रूपों को प्रभावित किया है। आज जिस रुप में यह मंदिर खड़ा है इसे विभिन्न समय पर विभिन्न राजवंशों ने पुनर्निर्मित किया था और उनके शैलीगत प्रभावों को मंदिर की वास्तुकला में देखा जा सकता है। इस मंदिर ने कई राजवंशों को बनते और नाश होते देखा है और इन में से हर एक ने इस पर अपनी छाप छोड़ी है। यहां भगवान शिव को थिलाई कोथन के रुप में पूजा जाता है और यहां स्थापित मुख्य मूर्ति नटराज या "ब्रह्मांडीय नर्तकी" की है।






ब्रहदीश्वर मंदिर, तंजावुर ब्रहदीश्वर मंदिर तमिल वास्तुकला में चोलों द्वारा की गई अद्भुत प्रगति का एक प्रमुख नमूना है। हिंदू देवता शिव को समर्पित मंदिर, भारत का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ-साथ, भारतीय शिल्प कौशल के आधारस्तम्भों में से एक है। मंदिर की भव्यता व बड़े पैमाने पर इसकी स्थापत्य दीप्ति व शांति से प्रेरित होकर इसे 'महानतम चोल मंदिर' के रूप में यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसे राजराजा चोल द्वारा बनाया गया था। वास्तुकला की द्रविड़ शैली में निर्मित, ब्रहदीश्वर मंदिर में नंदी बैल की प्रतिमा है, तथा यह हिंदुओं के बीच बड़ा पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसे एक ही चट्टान के टुकड़े से बनाया गया है तथा माना जाता है कि इसका वजन लगभग 25 टन है।

श्वेतरान्येशवरार मंदिर, तिरूवेनकाडु श्वेतरान्येशवरार मंदिर, नागापट्टिनाम जिले में तिरवेंकाडु में स्थित है। यह तमिलनाडु में स्थित नौ नवग्रह मंदिरों में से चौथा नवग्रह मंदिर है। इस मंदिर में बुद्ध ग्रह( बुध) स्थित है। भगवान शिव इस मंदिर के अधिष्ठात्री देवता हैं तथा यहां उनकी श्वेतरानेश्वरार के रूप में पूजा की जाती है। देवी पार्वती की यहां ब्रहविधानायकी के रूप में पूजा होती है। मंदिर में बुद्ध का पवित्र गर्भग्रह है, जो नौ नवग्रहों में से एक हैं तथा लोगों को सम्पदा व बुद्धि प्रदान करता है। श्वेतरानेश्वरार नाम दो शब्दों श्वेतरानयम तथा ईश्वरार से मिलकर बना है, और श्वेतरानयम दो शब्दों- श्वेतम तथा अरण्यम से मिलकर बना है। मंदिर के द्वार पर नंदी की एक मूर्ति भी इस मंदिर की खासियत है। उनके शरीर पर घाव के 9 निशान हैं तथा इस देवी मंदिर के द्वार पर ही स्थापित किया गया है। इसका मुख भगवान शंकर के मंदिर की ओर है तथा कान देवी की तरफ उन्मुख हैं, जो यह दर्शाते हैं कि नंदी दिव्य जोड़े शिव व पार्वती से आज्ञा लेने को तत्पर हैं।

आदि कुम्बेस्वर मन्दिर कुंभकोणम का कुम्बेस्वर मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है और महामहाम का वार्षिक उत्सव इसी मन्दिर में मनाया जाता है। मन्दिर कम से कम 1300 साल पुराना है। मन्दिर 7वीं शताब्दी से अस्तित्व में है जब शहर पर चोलों का शासन था। मन्दिर का उल्लेख 7वीं शताब्दी में तमिलनाडु के सन्त कवि द्वारा रचित साईवनायानार के श्लोकों में मिलता है। 15वीं से 17वीं शताब्दी के बीच नायक शासकों द्वारा इस मन्दिर में बहुत काम किया गया और इसका विस्तार भी किया गया। आज, यह शहर का सबसे बड़ा शिव मन्दिर है जिसमें कि एक 125 फीट ऊँचा नौ मन्जिला विशाल खम्भा राजागुपुरम् प्रवेशद्वार पर स्थित है। मन्दिर परिसर के अन्दर ही तीन विशाल सकेन्द्रीय परिसर हैं।



जम्‍बूलिंगेश्‍वर मंदिर,श्रीरंगम जम्‍बूलिंगेश्‍वर मंदिर श्रीरंगम के पास तिरुवनैकवल में स्थित है साथ ही ये मंदिर चोल वंश के राजाओं द्वारा कराये गए निर्माण का एक बेहतरीन नमूना है । इस मंदिर की दीवारों पर शिलालेख बने हुए है जो स्‍पष्‍ट रूप से बयां करते है कि वह चोल वंश के है। यह मंदिर लगभग 1800 साल पुराना है लेकिन आज भी इस मंदिर की स्थिति काफी बेहतर है। जम्‍बूकेश्‍वरा गर्भगृह के नीचे पानी का एक स्‍त्रोत भी खोजा गया है। समय के साथ - साथ, जल का यह स्‍त्रोत खाली हो गया, इसे भरने का काफी प्रयास किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव के लिए इसी स्‍थान पर तपस्‍या की थी। इस स्‍थान पर देवी पार्वती ने अखिलेश्‍वरी देवी का रूप धारण किया था और जंगल में तपस्‍या शुरू कर दी थी।




त्‍यागराजस्‍वामी मंदिर, तिरूवरूर त्‍यागराजस्‍वामी मंदिर, तमिलनाडू के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इसे लगभग एक सौ साल पहले चोल वंश के द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर का परिसर 33 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इस क्षेत्र में कई छोटे - छोटे मंदिर बने हुए है। इस मंदिर का मुख्‍य भाग, दो हिस्‍सों में विभाजित है, एक भाग में भगवान शिव के वाल्मिकीनाथर स्‍वरूप की पूजा की जाती है। जबकि दूसरे भाग में त्‍यागराजर की पूजा की जाती है। यह दोनों ही भाग, दर्शनार्थियों के लिए हमेशा खुले रहते है। दोनों ही भागों में भगवान शिव के रूपों की आराधना होती है। वाल्मिकीनाथर श्राइन में पुतुरू को शिवलिंग के स्‍थान पर रखा गया है। इस मंदिर में यहां गाएं जाने भजन काफी लोकप्रिय होते है। जिन्‍हे 7 वीं सदी के सेवा नयाम्‍मर्स द्वारा बनाया गया था।

मंगलवार, 10 दिसंबर 2013

कैयर्न के सी एस आर बजट कि बन्दर बाँट कि तयारी रिश्तेदारो को ?

कैयर्न के सी एस आर बजट कि बन्दर बाँट कि तयारी रिश्तेदारो को ?

बाड़मेर हाथ से गयी सत्ता के बाद भी बाड़मेर के कांग्रेस के नेता अपने लोगो को किसी भी तरह के फायदे से वंचित रखना नहीं चाहते। कैयर्न इंडिया के सी एस आर फंड के तहत सौर ऊर्जा के उपकरण ग्रामीण इलाको में वितरण के लिए बनाई योजना को ज़िला परिषद् के जनप्रतिनिधियो द्वारा अपने रिश्तेदारो को फायदा देने के लिए भाजपा कि सरकार बनाने से पहले आनन् फानन में आवश्यक बैठक बुला कर वितरण करने कि तयारी कर ली हें। सूत्रानुसार कैयर्न द्वारा सामाजिक सरोकार से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रो के विकास के लिए फंड जारी करती हें ,इस बार कैयर्न द्वारा इस योजना के तहत ग्रामीणो को निशुल्क सौर ऊर्जा के उपकरण गरीब लोगो को वितरण करने के लिए बजट जारी किया था ,कुछ दिन पूर्व यह उपकरण आ गए। चूँकि इन उपकरणों के वितरण में स्थानीय जन प्रतिनिधियो से सलाह मशवरा किया जाना था इसी बीच आठ दिसंबर को चुनाव परिणाम में सत्ताधारी कांग्रेस बुरी तरह हार गयी ,हाथ से सत्ता जाते देख कांग्रेस के जन प्रतिनिधियो ने इन उपकरणों को तत्काल वितरण कि कार्य योजना बना बैठक बुला ली ,समाचार हे कि हरे हुए विधायको से भी प्रस्ताव ले लिए हें। इन प्रतावो को अंतिम रूप दे दिया हें ,एक दो दिन में इसे वितरण किया जाना हें।

11 12 13 का अदभुत संयोग

11 12 13 का अदभुत संयोग 
यदि आप अंकशास्त्र या ज्योतिष पर विश्वास करते हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी यह है कि इस साल यानि 11 दिसंबर को एक अद्भुत योग बनने जा रहा है। यह दुर्लभ योग 100 साल बनता है।

11 दिसंबर 13 क ो- 11-12-13 का अjुत योग बनने जा रहा है। अंकशास्त्र के अनुसार इस दिन किया गया शुभ कार्य स्थाई और शुभकारी सिद्ध होता है। अंकशास्त्र के मुताबिक 11 दिसंबर को 1+1=2 मूलांक बनेगा।

मूलांक 2
मूलांक दो वाले जातक चंद्रमा से प्रभावित होते हैं। इस मूलांक वाले व्यक्ति शीतल स्वभाव के, कल्पनाशील, कलाप्रिय और शांत होते हैं।

इस दिन जन्म लेने वाले जातक शारीरिक रूप से बेशक दुर्बल हो, परन्तु इनकी मानसिक शक्ति प्रबल होती है। स्वभाव से चंचल होने के कारण इनके विचारों में परिवर्तन होता रहता है। अतिशय भावुकता और उदारता इनके लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है।

इन लोगों के लिए महत्वपूर्ण वर्ष 1,10,19,28 होते हैं। इनके लिए 2,11,20,29 तारीखें महत्वपूर्ण हैं। इनके लिए सोमवार, शुक्रवार और रविवार का दिन शुभ माना गया है। सफेद, अंगुरी, क्रिमी रंग इनके लिए शुभ है।

ऎसे जातक अपना कॅरियर कला, अभिनय, चित्रकला, कविता या संगीत के क्षेत्र में बनाए तो बेहतर होगा। यदि व्यापार करना चाहेेे तो चावल, दूध, शुगर मिल या फिर जल संबंधि कार्य कर सकते हैं।

11 दिसंबर का भाग्यांक-9
दिनांक 11.12.13 का भाग्यांक 9 बनता है। इस अंक का स्वामी मंगल है। इस अंक वाले जातक परिश्रमी, संघर्षशील, स्वाभिमानी होते हैं। इस भाग्यांक वालों का स्वभाव थोडा उग्र होता है। ऎसे भाग्यांक वाले जातकों की संख्या अधिक होती है, परन्तु शत्रु इनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाते। ये दृढ़ निश्चयी स्पष्ट वक्ता तथा अपने भाग्य के स्वयं निर्माता होते हैं। इनका ह्वदय कोमल होता है।
इनके जीवन में महत्वपूर्ण वर्ष 9,18,27 होते हैं। इनके लिए महत्वपूर्ण तारीखें6,18 और 27 है और मंगलवार, गुरूवार और शुक्रवार शुभ दिन होते हैं।
कॅरियर की दृष्टि से इन्हें कंस्ट्रक्शन वर्क, मशीनरी, सोना, चिकित्सा के क्षेत्र में सर्जन और बिजली संबधी कार्य करना बेहतर हो सकता है। पुलिस, सेना या न्यायालय संबंधि कार्य भी कर सकते हैं। इन्हें लाल रंग की ड्रेस पहनना ज्यादा उपयुक्त रहेगा।

मूलांक दो वाले चंद्रमा से संबंधि उपायों में से कोई एक उपाय कर सकते हैं...
- ऊं सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करें।
- ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करना उपयुक्त रहेगा।
- सोमवार को गाय को बताशे खिलाएं।
- चांदी का छल्ला या कड़ा पहनें।
- सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
- शिवलिंग पर दूध चढाएं।

भाग्यांक 9 वाले मंगल से संबंधित कोई एक उपाय कर सकते हैं....
- ऊं अं अंगारकाय नम: मंत्र का जप करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करें।
- मंगलवार को गाय को गुड़ खिलाएं।
- तांबे का कड़ा पहने।
लाल चंदन का तिलक लगाएं।
यहां इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी भी उपाय या पूजा करने से पहले आप अपने पंडित/अंकज्योतिषी से परामर्श लें, ताकि विधि-विधान से उपाय कर सकें।

जयपुर में रचा जाएगा विश्व कीर्तिमान


जयपुर । अन्तरराष्ट्रीय निशानेबाज राज्यवर्द्धन सिंह राठौड ने कहा है कि देश को एकता के धागे में पिरौने वाले लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर आगामी 15 दिसम्बर को आयोजित एकता के लिये दौड़ होने वाले कार्यक्रम में राजस्थान सहित देशभर में करीब 10 लाख लोग शरीक होकर विश्व में नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे ।
  राठौड ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि पूरी तरह से गैरराजनैतिक आयोजन में राजस्थान में सभी 33 जिलों में पटेल की जयंती पर 15 दिसम्बर को सुबह आठ बजे से आयोजित दौड में बालक, बालिकाएं, महिलाएं और पुरूष शरीक होंगे ।

उन्होंने बताया कि लौहपुरूष को श्रद्धांजलि देने के लिये आयोजित रन फॉर यूनिटी में उम्र का कोई बंधन नहीं रखा गया है । उन्होंने बताया कि जयपुर में दौड़ सुबह आठ बजे अमर जवानज्योति से शुरू होगी । उन्होंने बताया कि दौड में शरीक होने वालों को प्रमाणपत्र और स्कार्फ भेंट किया जायेगा ।

मदन सैनी ने बताया कि देश की 565 देशी रियासतों काविलीनीकरण कराने वाले पटेल की गुजरात में बडौदा के पास सरदार सरोवर में 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के लिये देश के प्रत्येक राजस्व गांव से मिट्टी और हर किसान के घर से खेती में काम आने वाले बेकार हो चुके औजारों में से एक किलो पुराना लौहा एकत्रित करने का अभियान शुरू हो गया है।

बाड़मेर महिला की दर्दभरी दास्ताँ। । छेड़छाड़ का विरोध करने पर हाथ तोड़ डाले

महिला की दर्दभरी दास्ताँ। । छेड़छाड़ का विरोध करने पर हाथ तोड़ डाले  



बाड़मेर बाड़मेर जिले में पिछले कुछ समय महिलाओ के साथ छेड़छाड़ बलात्कार की घटनाए थमने का नाम ही नहीं ले रही है एक के बाद एक हो रही घटनाओ ने महिलाओ की सुरक्षा को लेकर कई गम्भीर सवाल खड़े कर दिए है बाड़मेर शहर में सुबह तो यह खबर आई कि एक नाबालिक के साथ बलात्कार के बाद बच्ची ने आत्महत्या कर ली है उसके बाद एक देर शाम एक महिला पुलिस अधिशक के समाने पेश हुई और अपना दस्ता बताते हुए कहा कि पिछले महीने कि 28 तारीख को छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसके हाथ तोड़ दिए और मासूम बच्चे के साथ ही पिटाई कर दी अब पुलिस कोई भी करवाई नहीं कर रही है
 


बाड़मेर जिले में पिछले एक महीने में करीब आधा दर्जन से ज्यादा मामले छेड़छाड़ बलात्कार के सामने आए है जिसने पुलिस की नींद उदा दी है अब हम आपके एक ऐसी दिल दहला देने वाली कहानी बताते है जिसमे एक महिला के घर पर आकर कुछ लोग छेड़छाड़ करते है तो महिला उसका विरोध करती है और महिला उन लोगो को पहचान लेती है तो आरोपी उस महिला को मारने पर उतारू हो जाते है और महिला के हाथो को तोड़ डालते है जब उसका मासूम बचा भी अपनी माँ को बचाने का प्रयास करता है तो उस मासूम को भी आरोपी मारपीट कर देते है उसके बाद महिलादूसरे दिन गिडा थाने में मामला दर्ज करती है महिला के परिवार वाले महिला का इलाज कराने के लिए गम्भीर हालात में जोधपुर ले जाते है लेकिन पुलिस इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई भी कारवाही नहीं करती है आखिर में कमला IG के सामने पेश होती है अपनी दस्ता बताती है तो IG साहब बाड़मेर एसपी से मिलने के लिए कहते है मगलवार को यह महिला बाड़मेर पुलिस अधिशक से मिलती है   महिला के दोनों हाथो पर प्लास्टर कर रखे है और मासूम बच्चे के चहरे पर भी चोट के निशान साफ़ नजर आ रहे है

 इस पुरे मामले पर बाड़मेर पुलिस अधिशक सवाई सिंह गोदारा का कहना है कि महिला का लज्जा भग करने पर आरोपियो ने महिला के हाथ तोड़ दिए और मारपीट कर दी थी अब हम इस मामले में जल्द ही आरोपियो को गिरफ्तार करेगे

 बाड़मेर जिले में तेल निकलने के बाद बाड़मेर जिले का जमकर विकास हो रहा है लेकिन जिस तरह अपराध में इजाफा हुआ है उसने सबको चोका दिया है

"आप"को बिना शर्त कांग्रेस का समर्थन!

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद अब कांग्रेस अब बीजेपी को किसी भी सूरत में दिल्ली की सत्ता में नहीं आने देना चाहती। सबसे बड़ृी पार्टी बनकर उभरी भाजपा के पास भी हालांकि बहुमत नहीं है। पर कांग्रेस किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती। कांग्रेस विधायक दूसरे नंबर पर रही "आप" को बिना शर्त समर्थन देने को राजी हैं। मालूम हो कि चुनाव में बीजेपी को 32, आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को 8 तथा जनता दल (यू) को 1 और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है।
मंगलवार को कांग्रेस के दिल्ली चुनाव प्रभारी एंव महासचिव शकील अहमद की अध्यक्षता में हुई विधायकों की बैठक में विधायकों ने राय दी कि वे जल्द दोबारा चुनाव नहीं चाहते। इस पर काफी खर्च आता है। विधायकों की राय से अब शकील अहमद आलाकमान को अवगत कराएंगे। पार्टी के कई नेताओं की भी राय है कि भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए कांग्रेस को आप को बाहर से बिना शर्त समर्थन देना चाहिए। अंतिम निर्णय आलाकमान ही लेगा।

पंद्रह वर्ष तक लगातार दिल्ली पर शासन करने वाली कांग्रेस इस बार सिर्फ आठ सीट जीत सकी है। दिल्ली विधानसभा का जो अंकगणित है उसमें कांग्रेस और आप की सरकार आसानी से बन सकती है लेकिन आप लगातार कह रही है कि वह न तो किसी को समर्थन देगी और न समर्थन लेगी। कांग्रेस महासचिव अहमद ने कहा कि दिल्ली में अपेक्षा के अनुरूप हमें सीटें नहीं मिली है लेकिन किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है।

अहमद ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद कहा था कि कांग्र्रेस किसी को भी समर्थन देने पर विचार नहीं कर रही है। उधर, आप ने कांग्रेस की इस पेशकश को खारिज कर दिया है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी का फैसला है कि न किसी का समर्थन लेंगे और न किसी को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सुबह हुई बैठक में भी इसी फैसले को सही माना गया।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी की ओर से दिल्ली में अब दोबारा चुनाव के आसार को लेकर अलर्ट कर दिया है। मंगलवार को ही दिल्ली के विधायक दल की बैठक में पार्टी ने साफ कर दिया कि वे सरकार बनाने की पहल नहीं करेंगे। ऎसे में दोबारा चुनाव की स्थिति में सभी उम्मीदवार और कार्यकर्ता तैयार रहें।

कांग्रेस-भाजपा विधायकों को "आप" का न्योता

दिल्ली में आम आदमी को "आप"(आम आदमी पार्टी) से जोड़ने वाले अरविंद केजरीवाल ने अब चुनावी रण में जीत हासिल करने वाले कांग्रसी और भाजपाई विधायकों को खुला न्यौता दिया है। भाजपा के दोबारा चुनाव के संकेतों के बाद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा है कि जो विधायक अपनी पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं वे हमारे साथ आ सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि आप को दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 7 विधायकों की दरकार है और उसने भाजपा व कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने इनकार कर दिया है। ऎसे में दोबारा चुनाव या राष्ट्रपति शासन की नौबत आ पहुंची है। इन परिस्थितियों में केजरीवाल ने नया सियासी पासा फैंकते हुए कहा है,"ऎसे विधायक जो अपनी पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं और सरकार बनाने में विश्वास करते हैं। उनका हमारी पार्टी में स्वागत है।"


भाजपा बोली जोड़-तोड़ की सरकार नहीं

दिल्ली में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार डॉ. हर्षवर्घन ने कहा कि चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है और वह इसे देखते हुए सरकार बनाने के लिए कदम नहीं उठाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा जोड़तोड़ कर सरकार बनाने में विश्वास नहीं करती है। बता दें कि 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 32 सीटें मिली हैं। एक सीट भाजपा के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल को मिली है। इस प्रकार भाजपा बहुमत के आंकडे 36 से चार कदम दूर है। उधर,आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली हैं। जबकि कांग्रेस को 8, जनता दल (यू) को 1 और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है।

अच्छी खबर आरटेट-2013 स्थगित, टेट हो सकता हे ख़त्म ?

जयपुर। विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में रोजगार की आस लगाए बैठे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आगामी 29 दिसम्बर कोआयोजित होने वाली आरटेट परीक्षा स्थगित कर दिया है। वसुंधरा राजे ने चुनावो के दौरान टेट कि समीक्षा और इसे ख़त्म करने का वादा किया था।
बोर्ड ने परीक्षा को स्थगित करने के पीछे नेट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को बताया गया है। जबकि परीक्षा के स्थगन के पीछे चुनावी नतीजों को भी माना जा रहा है। हालांकि,बोर्ड की ओर से इस दिशा में कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।


उल्लेखनीय है कि टेट के लिए अब तक 5.50 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं। और आगामी शिक्षा भर्तियों को लेकर टेट का यह एग्जाम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

आगामी परीक्षा तिथि तय नहीं

शिक्षा विभाग ने 29 दिसम्बर को होने वाले टेट एग्जाम के लिए नई तिथि की घोषणा नहीं की गई है। जानकारों के अनुसार टेट की आगामी तिथि 2 से तीन महीने आगे खिसक सकती है।

अन्ना के 'एलान-ए-जंग का शानदार नजारा



रालेगण सिद्धि: समाजसेवी अन्‍ना हजारे मजबूत लोकपाल की मांग के लिए बेमियादी अनशन पर बैठ गए हैं। अन्‍ना महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने पैतृक निवास रालेगण सिद्धि स्थित यादवबाबा मंदिर के सामने अनशन पर बैठे हैं। अनशन स्‍थल पर लोगों की भीड़ जुटने लगी है। इसमें देश से लोग जुट रहे हैं। अनशन से पहले अन्ना ने एक मार्च भी निकाला और लोगों से उस आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोगों से अपील भी की।








अन्ना के इस आंदोलन में शामिल होने के लिए किरण बेदी भी रालेगण आने वाली हैं। अन्‍ना के मंच पर किसी को बैठने की इजाजत नहीं है। अन्‍ना को सहयोग देने वाले लोग मंच के सामने बने पंडाल में ही बैठेंगे। 'आप' की तरफ से अन्‍ना को समर्थन देने रालेगण सिद्धि कौन आएगा, इस पर अभी फैसला नहीं हो सका है। पूर्व आईपीएस अधिकारी और समाजसेवी वाई पी सिंह ने ट्वीट किया है, 'ऐसा लगता है कि अनशन पर बैठे अन्‍ना के साथ केजरीवाल के लिए सम्‍मानजनक जगह ढूंढने के वास्‍ते बातचीत चल रही है लेकिन रालेगण स्थित अन्‍ना के स्‍थानीय समर्थक इसके लिए राजी नहीं हैं।



अन्‍ना इस बार अपने नए बैनर 'जनतंत्र मोर्चा' के तले अनशन पर बैठे हैं। अनशन पर बैठने से पहले अन्‍ना हजारे ने यादव बाबा के दर्शन किए। उनका मेडिकल चेक अप भी हुआ। डॉक्‍टरों ने बताया कि उनकी तबीयत बिल्‍कुल ठीक है। अनशन स्‍थल पर कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था की गई है। 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अन्‍ना के अनशन का समर्थन किया है। केजरीवाल के समर्थन पर अन्‍ना से जब सवाल किए गए तो उन्‍होंने कहा कि अनशन स्‍थल का दरवाजा किसी के लिए न तो बंद है न ही खुला है। अन्‍ना ने यह भी कहा है कि अनशन के दौरान अगर उनकी मौत हो गई तो भी कोई बात नहीं। उन्‍होंने कहा, लोकपाल आंदोलन को आजादी की दूसरी लड़ाई है। अगर इस दौरान मैं मर गया तो यह मेरा सौभाग्‍य होगा।'

महाराष्‍ट्र में खासकर अन्‍ना के गृह जनपद अहमदनगर में इस वक्‍त कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रात में यहां का तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक चला जा रहा है। अनशन पर बैठने से पहले हजारे ने चेतावनी है कि अगर जन लोकपाल नहीं लाया गया तो जनता कांग्रेस की 'खुमारी' उतार देगी। उन्होंने कहा, 'जनता ने अभी चार राज्‍यों में उनकी मस्‍ती उतार दी है। अगर अब जन लोकपाल नहीं आया तो देशभर में मस्‍ती उतार देगी।'अन्‍ना का कहना है कि यूपीए के ‘अनियंत्रित भ्रष्टाचार’ के चलते लोग गुस्से में हैं, जो राज्य विधानसभा चुनावों में दिख गया है। हजारे ने कहा कि चार विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह दिख गया है कि लोग कांग्रेस के नेतृत्व वाले मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ खासतौर पर अनियंत्रित महंगाई, जनलोकपाल विधयेक को पारित नहीं करने और आम आदमी को प्रभावित करने वाले मूलभूत मुद्दों पर गुस्से में हैं।’ उन्होंने कहा कि लोगों ने लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक परिपक्व प्रतिक्रिया दी है।