रालेगण सिद्धि: समाजसेवी अन्ना हजारे मजबूत लोकपाल की मांग के लिए बेमियादी अनशन पर बैठ गए हैं। अन्ना महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने पैतृक निवास रालेगण सिद्धि स्थित यादवबाबा मंदिर के सामने अनशन पर बैठे हैं। अनशन स्थल पर लोगों की भीड़ जुटने लगी है। इसमें देश से लोग जुट रहे हैं। अनशन से पहले अन्ना ने एक मार्च भी निकाला और लोगों से उस आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोगों से अपील भी की।
अन्ना के इस आंदोलन में शामिल होने के लिए किरण बेदी भी रालेगण आने वाली हैं। अन्ना के मंच पर किसी को बैठने की इजाजत नहीं है। अन्ना को सहयोग देने वाले लोग मंच के सामने बने पंडाल में ही बैठेंगे। 'आप' की तरफ से अन्ना को समर्थन देने रालेगण सिद्धि कौन आएगा, इस पर अभी फैसला नहीं हो सका है। पूर्व आईपीएस अधिकारी और समाजसेवी वाई पी सिंह ने ट्वीट किया है, 'ऐसा लगता है कि अनशन पर बैठे अन्ना के साथ केजरीवाल के लिए सम्मानजनक जगह ढूंढने के वास्ते बातचीत चल रही है लेकिन रालेगण स्थित अन्ना के स्थानीय समर्थक इसके लिए राजी नहीं हैं।
अन्ना इस बार अपने नए बैनर 'जनतंत्र मोर्चा' के तले अनशन पर बैठे हैं। अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे ने यादव बाबा के दर्शन किए। उनका मेडिकल चेक अप भी हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक है। अनशन स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अन्ना के अनशन का समर्थन किया है। केजरीवाल के समर्थन पर अन्ना से जब सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि अनशन स्थल का दरवाजा किसी के लिए न तो बंद है न ही खुला है। अन्ना ने यह भी कहा है कि अनशन के दौरान अगर उनकी मौत हो गई तो भी कोई बात नहीं। उन्होंने कहा, लोकपाल आंदोलन को आजादी की दूसरी लड़ाई है। अगर इस दौरान मैं मर गया तो यह मेरा सौभाग्य होगा।'
महाराष्ट्र में खासकर अन्ना के गृह जनपद अहमदनगर में इस वक्त कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रात में यहां का तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक चला जा रहा है। अनशन पर बैठने से पहले हजारे ने चेतावनी है कि अगर जन लोकपाल नहीं लाया गया तो जनता कांग्रेस की 'खुमारी' उतार देगी। उन्होंने कहा, 'जनता ने अभी चार राज्यों में उनकी मस्ती उतार दी है। अगर अब जन लोकपाल नहीं आया तो देशभर में मस्ती उतार देगी।'अन्ना का कहना है कि यूपीए के ‘अनियंत्रित भ्रष्टाचार’ के चलते लोग गुस्से में हैं, जो राज्य विधानसभा चुनावों में दिख गया है। हजारे ने कहा कि चार विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह दिख गया है कि लोग कांग्रेस के नेतृत्व वाले मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ खासतौर पर अनियंत्रित महंगाई, जनलोकपाल विधयेक को पारित नहीं करने और आम आदमी को प्रभावित करने वाले मूलभूत मुद्दों पर गुस्से में हैं।’ उन्होंने कहा कि लोगों ने लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक परिपक्व प्रतिक्रिया दी है।
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