/दौसा। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भले ही रिकॉर्ड जीत हासिल हुई हो लेकिन एक भाजपा प्रत्याशी की हार इतनी बड़ी हार साबित हुई जो कई लोगों की जिंदगीभर का सकूल छीन ले गई।
मामला दौसा की सिकराय विधानसभा क्षेत्र का है जहां पूर्व विधायक और भाजपा उम्मीदवार नंदलाल बंसीवाल की हार के बाद उसके समर्थक कैलाश उर्फ कालूराम खंडेला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के अनुसार मृतक कैलाश पूर्व विधायक की हार के सदमे में था और पिछले दो-तीन दिन से वोट नहीं देने पर लोगों को कोसता रहा था।
आखिर मंगलवार शाम को वह यह हार पचा नहीं पाया और फंदे से झूल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल में रखवा दिया, बुधवार सुबह उसका पोस्टमार्टम करवाया गया।
नतीजों के बाद से तनाव में चल रहा था
पुलिस ने बताया कि सिकराय विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक नंदलाल बंसीवाल इस बार चुनाव हार गए। इसके कारण आलुदा निवासी कैलाश उर्फ कालूराम खंडेला कई दिनों से परेशान चल रहा था।
लोगों को कहता फिरा, वोट नहीं दिया
गांव की गली-गली, ढाणी-ढाणी घूमकर के वह लोगों को कहता कि तुमने वोट नहीं दिया, इसलिए वह हार गया। लोगों ने उसे समझाया भी लेकिन वह इस सदमे से बाहर नहीं निकल पाया।
समझाने पर भी नहीं समझा
सरपंच जुगल मीणा ने बताया कि कैलाश कई दिनों से तनाव में था, लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया था। वह पूर्व विधायक की हार को लेकर लोगों को कोसता था।
मामला दौसा की सिकराय विधानसभा क्षेत्र का है जहां पूर्व विधायक और भाजपा उम्मीदवार नंदलाल बंसीवाल की हार के बाद उसके समर्थक कैलाश उर्फ कालूराम खंडेला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के अनुसार मृतक कैलाश पूर्व विधायक की हार के सदमे में था और पिछले दो-तीन दिन से वोट नहीं देने पर लोगों को कोसता रहा था।
आखिर मंगलवार शाम को वह यह हार पचा नहीं पाया और फंदे से झूल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल में रखवा दिया, बुधवार सुबह उसका पोस्टमार्टम करवाया गया।
नतीजों के बाद से तनाव में चल रहा था
पुलिस ने बताया कि सिकराय विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक नंदलाल बंसीवाल इस बार चुनाव हार गए। इसके कारण आलुदा निवासी कैलाश उर्फ कालूराम खंडेला कई दिनों से परेशान चल रहा था।
लोगों को कहता फिरा, वोट नहीं दिया
गांव की गली-गली, ढाणी-ढाणी घूमकर के वह लोगों को कहता कि तुमने वोट नहीं दिया, इसलिए वह हार गया। लोगों ने उसे समझाया भी लेकिन वह इस सदमे से बाहर नहीं निकल पाया।
समझाने पर भी नहीं समझा
सरपंच जुगल मीणा ने बताया कि कैलाश कई दिनों से तनाव में था, लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया था। वह पूर्व विधायक की हार को लेकर लोगों को कोसता था।
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