मतदाता 810 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे।
इसी के साथ पांच राज्यों के मौजूदा विधानसभा चुनावों में मतदान का दौर भी खत्म हो जाएगा।
छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की मतगणना आठ दिसंबर को होगी और मिजोरम के परिणाम इसके अगले दिन आएंगे।
बीजेपी-कांग्रेस के बीच "आप" की एंट्री
चार अक्टूबर को इन चुनावों की घोषणा के बाद ही प्रतिद्वंद्वी दलों के बीच राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास का सबसे तीखा और तल्ख राजनीतिक संघर्ष छिड़ गया था। पंद्रह साल से सत्तारूढ कांग्रेस और उसे अपदस्थ करने के लिए बेताब भारतीय जनता पार्टी के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की मजबूत दावेदारी ने दिल्ली के सत्ता संघर्ष को काफी दिलचस्प बना दिया है।
इन चुनावों के प्रमुख उम्मीदवारों में दीक्षित समेत कांग्रेस सरकार के सात मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री, भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवर्घन और पार्टी के वरिष्ठ नेता विजेन्द्र गुप्ता तथा आम आदमी पार्टी के केजरीवाल शामिल हैं। दीक्षित को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में गुप्ता और केजरीवाल से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है।
किसने कब किया दिल्ली पर राज
1952 में गठित दिल्ली विधानसभा को 1956 में भंग कर दिया गया था। संविधान संशोधन के जरिए 1991 में इसके पुनर्गठन के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पहली सरकार 1993 में भाजपा की बनी। इस सरकार के पांच साल के कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज रहे। लेकिन 1998 के चुनावों में कांग्रेस की सफलता के बाद से दीक्षित दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर बनी हुई हैं।
1 करोड़ 19 लाख 36 हजार 582 वोटर
राष्ट्रीय राजधानी के कुल एक करोड़ 19 लाख 36 हजार 582 मतदाताओं में 53 लाख 20 हजार 705 महिलाएं शामिल हैं। इन वोटरों के लिए कुल 11763 मतदान केन्द्रों पर 11963 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की व्यवस्था की गई है। चुनाव मैदान में उतरे 810 उम्मीदवारों में से 70 महिलाएं हैं। सर्वाधिक 23 उम्मीदवार बुराडी और सबसे कम चार पटेल नगर से चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं।
आप-कांग्रेस 70-70, बीजेपी 69 पर
सत्तारूढ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। बसपा के 69, भाजपा के 68, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नौ, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन, शिरोमणि अकाली दल के दो तथा निर्दलीय और अन्य 509 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। विधानसभा की 70 सीटों में से 12 अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं। इलाके के हिसाब से सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र नरेला है। सर्वाधिक दो लाख 82 हजार 632 मतदाता विकासपुरी में और सबसे कम 85821 वोटर दिल्ली कैंट विधानसभा क्षेत्र में हैं।
दिल्ली में चुनाव के लिए ये व्यवस्था
निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में मतदान शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त कर लिए गए हैं। मतदान के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में केन्द्रीय बलों और दिल्ली पुलिस के कर्मियों को तैनात किया गया है। मतदान को सुचारू ढंग से संपन्न कराने के लिए 70 सामान्य, 18 व्यय तथा पांच पुलिस और जारूकता पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।
ये रहे चुनाव के स्टार प्रचारक
इन चुनावों के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित शामिल थीं। भारतीय जनता पार्टी की ओर से उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी और अध्यक्ष राजनाथ सिंह के अलावा वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज ने धुआंधार प्रचार किया।