रविवार, 3 नवंबर 2013

"कॉल गर्ल भेजकर एनडीए सरकार ने खरीदे थे सांसद"

नई दिल्ली। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। यादव का आरोप है कि केवल मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव की सरकार के लिए ही सांसद नहीं खरीदे गए थे,एनडीए सरकार ने भी यही काम किया था। "कॉल गर्ल भेजकर एनडीए सरकार ने खरीदे थे सांसद"
यादव को हाल ही में सीपीएम नेता अजीत सरकार की हत्या के मामले में बरी किया गया था। यादव का कहना है कि एनडीए सरकार ने पैसे और कारें देकर सांसदों का समर्थन हासिल किया था। यही नहीं एक सांसद को राज्य मंत्री बनाने का वादा किया गया था।

यादव ने ये सारे खुलासे अपनी पुस्तक द्रोहकाल का पथिक में। पुस्तक में यादव ने लिखा है कि पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा दूसरे दलों के सांसदों को टारगेट बनाते थे। 2001 में जब पप्पू यादव सांसद थे तब एनडीए की सरकार थी। यादव के मुताबिक वाजपेयी सरकार का समर्थन करने पर केरल कांग्रेस के नेता पीसी थॉमस को बतौर रिवॉर्ड राज्य मंत्री बनाया गया था।

उस वक्त राजद सांसद अनवरूल हक को एनडीए सरकार का समर्थन करने पर एक करोड़ रूपए कैश और एक कार दी गई थी। इसी तरह सुखदेव पासवान को भी खुश किया गया था। यही नहीं यशवंत सिन्हा ने भारतीय समयुक्त लोकतांत्रिक पार्टी के सांसदों को टारगेट किया था। पप्पू यादव इसी पार्टी के सदस्य थे।

यादव ने सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह किया है कि सरकारें सांसदों को ब्लैकमेल करने से भी नहीं चूकती है। अपनी पुस्तक में पप्पू यादव ने बिहार के रहने वाले सुमित नाम के व्यक्ति का जिक्र किया है। सुमित ने कॉल गर्ल सप्लाई कर कई सांसदों को अपने जाल में फंसाया था। यादव ने बताया है कि 1990 में जब लालू प्रसाद यादव ने बिहार में सरकार बनाई थी तब विधायक खरीदे गए थे।

मशहूर गायिका रेशमा का निधन



नई दिल्ली: मशहूर गायिका रेशमा का लाहौर में निधन हो गया है। साल 1947 में बीकानेर में जन्मीं रेशमा गले के कैंसर से जूझ रही थीं। यूं तो वह पाकिस्तानी नागरिक थीं, लेकिन 3 दशक पहले आई बॉलिवुड फिल्म हीरो के गाने 'लंबी जुदाई' से वह भारत में भी लोकप्रिय हो गईं।

रेशमा ने बेहद कम उम्र से गाना शुरू कर दिया था। जब वह 12 साल की थीं, तब पहली बार उन्होंने रेडियो पाक पर गाना गाया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पाकिस्तान में एक लोग गायिका के तौर पर वह बेहद लोकप्रिय हो चुकी थीं, लेकिन भारत में उनकी आवाज गूंजी सुभाष घई की फिल्म हीरो के गाने 'लंबी जुदाई' के जरिए। यह गाना 80 के दशक का सुपरहिट गाना रहा।हीरो मूवी का गाना 'चार दिनां दा प्यार हाय रब्बा, बड़ी लम्बी जुदाई... ' गाना एक तरह से रेशमा के लिए भारत से जुदाई का ही ऐलान साबित हुआ था। इस गाने के बारे में रेशमा का कहना था, 'हीरो में गाया हुआ मेरा यह गाना सचमुच मेरे ऊपर फिट हो गया। उस गीत ने मुझे जितनी प्रसिद्धि दिलाई, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। इसी की बदौलत मैं रातों-रात स्टार बन गई।'
इसके बाद भी उन्होंने प्लेबैक सिंगिंग के लिए कोशिशें की थीं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। एक इंटरव्यू में इस बारे में बात करते हुए रेशमा ने कहा था,'दरअसल पारिवारिक कारणों से इस गाने के बाद मैं पाकिस्तान चली गई, जबकि उस समय मेरे पास टॉप म्यूजिक डायरेक्टर्स के ऑफर थे।'

रेशमा का कहना था कि भारत और पाकिस्तान उनके लिए दो आंखों की तरह हैं। उनका कहना था कि कलाकारों के लिए देश की सीमाएं कभी बाधा नहीं बनतीं और भारत में उन्हें हमेशा बेहद प्यार और सम्मान मिला है। रेशमा चाहती थीं कि भारत-पाकिस्तान अमन-चैन से रहें।

रविवार सुबह लाहौर के हॉस्पिटल में रेशमा के निधन की खबर आते ही भारत और पाकिस्तान समेत दुनिया भर में उनके प्रशंसक शोक में डूब गए। फिल्म जगत की कई हस्तियों ने उनके निधन पर दुख जाहिर किया है।

हेमाराम चौधरी पर संशय बरकरार। . पहली सूचि में नाम नहीं गुड़ा के अलावा कोई विकल्प नहीं

हेमाराम चौधरी पर संशय बरकरार। . पहली सूचि में नाम नहीं गुड़ा के अलावा कोई विकल्प नहीं 


बाड़मेर बाड़मेर जिले कि राजनीती में जो उथल पुथल हो रही थी वो राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के बाड़मेर से चुनाव लड़ने कि सम्भावना से हुई। हेमाराम चौधरी के बाड़मेर लड़ने से बाड़मेर ,गुड़ा मालानी ,बायतु और सिवाना सीटे प्रभावित हो रही थी। सम्भवतः एक के लिए तीन सीटो के बलिदान को कांग्रेस के आलाकमान ने नहीं मन। बाड़मेर जिले कि सभी सीटे घोषित होने के बाद हेमाराम चौधरी का गुड़ा से नाम ना होना कांग्रेस कि रणनीति का हिस्सा हे या हेमाराम चौधरी द्वारा गुड़ा से चुनाव लड़ने कि सहमति प्रदान नहीं कि। आने वाले दिनों में यह खुलासा भी हो जायेगा  मगर पहली सूचि में उनका नाम न होने से उनकी राजनीती प्रतिष्ठा पर विपरीत प्रभाव  पड़ा हें। जबकि अशोक गलत और उनके विरोधी माने जाने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी कि टिकर बायतु से प्रथम सूचि में शामिल हें। 

शनिवार, 2 नवंबर 2013

कांग्रेस कि सूचि जारी देखिये कौन हे उम्मीदवार

कांग्रेस कि सूचि जारी देखिये कौन हे उम्मीदवार 

मेवाराम जैन ,अमिन खान सोनाराम ,मदन प्रजापत  ,पदमाराम ,
सोनाराम चौधरी 


,पदमाराम
अमिन खान 

मेवारामजैन 

मदन प्रजापत 
महंत निर्मलदास ,साले मोहम्मद का नाम घोषित बाड़मेर आगामी विधानसभा चुनावो के लिए कांग्रेस ने आज अपनी सूचि जारी कि जिसमे बाड़मेर जिले कि छह सीटो पर और जैसलमेर जिले कि एक विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किये। एक मात्र नया चेहरा सिवाना से महंत मैदान में उतरा हें। शेष बाड़मेर से मेवाराम जैन। शिव से अमिन खान ,बायतु से कर्नल सोनाराम चौधरी ,चौहटन से पदमाराम।,पचपदरा से मदन प्रजापत को तथा पोकरण से साले मोहम्मद को घोषित किया हें। जैसा कयास लगाया गया था कि हेमाराम कि बाड़मेर से दावेदारी के कारन टिकटों का बंटाधार हो सकता था। मगर हेमाराम चौधरी के नाम कि घोषणा पहली सूचि में नहीं हें। इन चार नमो का खुलासा बाड़मेर नर्व्स ट्रैक पर शुक्रवार को ही कर दिया था। शिव से अमिन खान को सामने मानवेन्द्र सिंह के चुनाव लड़ने के निर्णय पर उतरा हें। हेमाराम चौधरी के नाम कि घोषणा ना होना संशय पैदा कर रहा हें। अब उनके लिए सिर्फ गुडा मालानी ही बचा हें।

जयपुर। कांग्रेस ने शनिवार रात को विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। कांग्रेस ने लगभग 63 नामों की सूची जारी की है।


कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने अपना काम शुक्रवार को पूरा कर लिया था। इसके बाद शनिवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शाम को दिल्ली से जोधपुर आ गए और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान जयपुर पहुंच गए।

1.गंगानगर -जगदीश जंधू
2.करणपुर- गुरमीत सिंह कुन्नर
3.हनुमानगढ़ -विनोद कुमार लीलावाल
4.सूरतगढ़ -गंगाजल मील
5.बीकानेर -पश्चिम बीडी कल्ला
6..कोलायत- भंवर सिंह भाटी
7.डूंगरगढ़ -मंगलाराम गोदारा
8.सादुलपुर- कृष्णा पूनिया
9.सुजानगढ़ -भंवरलाल मेघवाल
10.सूरजगढ़ -श्रवण कुमार
11.झुंझुनूं -बृजेन्द्र ओला
12.नवलगढ़ -प्रतिभा सिंह
13.उदयपुरवाटी -राजेन्द्रसिंह गुढ़ा
14.खेतड़ी- डॉ जितेन्द्र सिंह
15.भ्भ्फतेहपुर- भंवरू खान
16.सीकर - राजेन्द्र पारीक
17.दातारामगढ़ - नारायणसिंह
18.श्रीमाधोपुर- दीपेन्द्र सिंह
19.चौमूं- भगवान सहाय सैनी
20.हवामहल- ब्रज किशोर शर्मा
21.सिविल लाइंस- प्रतापसिंह खाचरियावास
22.तिजारा- दुर्रू मियां
23.बानसूर- शकुंतला रावत
24.थानागाजी- उर्मिला जोशी
25.रामगढ़- जुबेर खान
26.कामां- जाहिदा खान
27.डीग- कुम्हेर- विश्वेन्द्र सिंह
28.महुआ- हरिसिंह महुआ
29.सिकराय- ममता भूपेश
30.दौसा- मुरारीलाल मीणा
31.लालसोट- परसादीलाल मीणा
32.बामनवास- नवलकिशोर मीणा
33.खंड़ार - अशोक बैरवा
34.किशनगढ़- नाथूराम सिनोदिया
35.नसीदाबाद- महेन्द्रसिंह गुर्जर
36.केकड़ी- रघु शर्मा
37.जायल- मंजू मेघवाल
38.मकराना - जाकिर हुसैन
39.नावां- महेन्द्र चौधरी
40.सरदारपुरा- अशोक गहलोत
41.पोकरण- सालेह मोहम्मद
42.शिव- अमीन खां
43. बाड़मेर- मेवाराम जैन
44.बायतू- कर्नल सोनाराम
45.पचपदरा- मदन प्रजापत
46.सिवाना- महंत निर्मल दास
47.चौहटन- पदमा राम मेघवाल
48.रानीवाड़ा- रतन देवासी
49.सिरोही- संयम लोढ़ा
50.गोगुंदा - मांगीलाल गरासिया
51.खेरवाड़ा- दयाराम परमार
52.सलूंबर- बसंती देवी मीणा
53.सागवाड़ा- सुरिन्दर बामणिया
54.गढ़ी- कांता गरासिया
55.बांसवाड़ा- अर्जुन सिंह बामणिया
56.बागीदौरा- महेन्द्रजीत सिंह मालवीया
57.कंुभलगढ़- गणेश सिंह परमार
58.सांगोद- भरतसिंह कंुदनपुर
59.कोटा उत्तर- शांति धारीवाल
60.लाड़पुरा- नईमुद्दीन
61.अंता- प्रमोद कुमार
62.किशनगंज-छतरी बाई सहरिया
63.मनोहरथाना -कैलाशचंद मीणा

आंध्रप्रदेश में दो ट्रेनें भिड़ीं, आठ की मौत, कई घायल

विजयनगर। आंध्रप्रदेश में शनिवार को विजयनगर से 10 किलोमीटर दूर गाजुलारेजा स्टेशन पर दो ट्रेनों की भिड़ंत में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई।
आंध्रप्रदेश में दो ट्रेनें भिड़ीं, आठ की मौत, कई घायल
जानकारी के अनुसार गाजुलारेजा स्टेशन पर खड़ी बोकारो जाने वाली एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों में आग की अफवाह फैल गई। आग की अफवाह के बाद लोग घबराहट व जल्दबाजी में ट्रेन से उतरने लगे। तभी रायगढ़ विजयवाडा पेसेंजर ट्रेन ने एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस को टक्कर मार दी। इससे आठ लोगों की मौत हो गई व कई घायल हो गए।

अब पाक तालिबान का नया आका बना सजना

इस्लामाबाद। एक ड्रोन हमले में शुक्रवार को हकीमुल्ला मेहसूद के मारे जाने के बाद पाकिस्तानी तालिबान ने शनिवार को खान सैयद सजना उर्फ खालिद को तालिबान का नया प्रमुख नियुक्त किया है।अब पाक तालिबान का नया आका बना सजना
डॉन के अनुसार पाकिस्तानी तालिबान परिषद की एक बैठक में खान सैयद सजना को मेहसूद का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया।

खबरों में कहा गया है कि सैयद (36 वर्ष) 2012 में बान्नू जेल तोड़ने की घटना का सूत्रधार था। इस हमले में तालिबान ने 400 कैदियों को मुक्त करा लिया था।

खुफिया जगह पर हुई बैठक में लगभग सभी सदस्य मौजूद थे। एक अधिकारी ने पहले बताया था कि सजना पढ़ा लिखा नहीं है और न ही उसे कोई औपचारिक धार्मिक ज्ञान मिला। हालांकि, उसे अफगानिस्तान में लड़ने का अनुभव है।

तालिबान प्रमुख बनने से पहले सजना दक्षिण वजीरिस्तान तालिबान का प्रमुख था। बैठक में सजना सहित चार नामों पर विचार किया गया था।

सरहद का सुलतान फिर कांग्रेस में सक्रीय हिस्टीशीटर गाजी फकीर कांग्रेस कि बैठक में लेंगे हिस्सा

सरहद का सुलतान फिर कांग्रेस में सक्रीय हिस्टीशीटर गाजी फकीर कांग्रेस कि बैठक में लेंगे हिस्सा 


बाड़मेर। विगत दिनों सरहद के सुलतान गाज़ी फ़क़ीर कि जिला पुलिस जैसलमेर द्वारा हिस्ट्रीशीट खोलने तथा उनके राष्ट्रद्रोही गतिविधियो में शामिल होने के आरोपो के बाद उनसे पल्ला झाड़ चुकी कांग्रेस ने मुस;लिम वोटो के लिए फिर उनसे गठबंधन करने का मानस बना। जबकि गाज़ी के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय ने जांच रिपोर्ट राज्य सरकार से तलब कि हें। हिस्ट्रीशीटर गाज़ी फ़क़ीर कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक मोर्चे कि शिव में आयोजित होने वाली बैठक में भाग लेंगे। इस आशय कि प्रेस विज्ञप्ति अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेष महासचिव गुलाम मोहम्मद नेगरड़ा ने जारी कर जानकारी दी। 

गौरतलब हे विगत दिनों गाज़ी फ़क़ीर कि हिस्ट्रीशीट पुनः खोलने के बाद विवादो में आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार किया था कि पुलिस ने अपनी कार्यवाही को सरकार के आदेशानुसार सही अंजाम दिया हें। मगर विधानसभा चुनावो कि आहात के साथ कांग्रेस गाज़ी फ़क़ीर को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने कि रणनीति बना चुकी हें। कांग्रेस का ध्येय हें गाज़ी फ़क़ीर के जरिये पाकिस्तान में बेठे उनके आका पीर पगारो का  समर्थन  हासिल किया जाए। इस बैठक में हिस्ट्रीशीटर के साथ सांसद हरीश चौधरी ,अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमिन खान भी हिस्सा लेंगे 

राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेष महासचिव गुलाम मोहम्मद नेगरड़ा ने प्रेस विज्ञपित जारी कर बताया कि ब्लाक कांग्रेस कमेटी षिव व अल्पसंख्यक विभाग द्वारा चार नवम्बर को प्रात: 11.00 बजें षिव की ग्राम पंचायत कानासर में अल्पसंख्यक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की एक आम बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में पषिचमी राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गाजी फकीर जैसलमेर अल्पसंख्यक विभाग मामलात के राज्य मंत्री अमीन खान, सांसद हरीष चौधरी, हुसैन फकीर देवीकोट सहित कर्इ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आम सभा को सम्बोधित करेगें। इस आमसभा में बाड़मेर जिले के कर्इ कांग्रेसी कार्यकर्ता शरीक होगें। 

एक दिवलो राजस्थानी रे नाम आयोजित

एक दिवलो राजस्थानी रे नाम आयोजित 
राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा,मानव श्रृंखला बनाई

बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करने वाले राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें दीपावली की पूर्व संध्या पर एक दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जला कर अपनी मांग के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन ीकयो। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भाषा की मान्यता के लिए हजारों पोस्टकार्ड भेजे जाने की कड़ी में यह कार्यक्रमआयोजित किया गया।साथ ही मानव श्रृंखला बनाकर अपनी मांग परजोर तारके से रखीै ।इस कार्यक्रम का नाम अेक दिवलो मायड़ भासा रै नांव’ दिया गया । इस कार्यक्रम के तहत बाडमेर के गांधी चौक पर सैकडों दीपक राजस्थानी भाशा के नाम जलाऐ गयें।पूरा शहर इस कार्यक्रम में भाग लेने उमड पडा।कार्यक्रम में राजस्थानी महिला परिषद् कि डॉ प्रियंका चौधरी ,सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,अशरफ अली ,काबुल खान ,रमेश सिंह इंदा ,डॉ अब्दुल मालिक ,मोटियार परिषद् के जिला पाटवी हिन्दू सिंह तामलोर ,दिग्विजय सिंह चुली ,रावत प्रजापत ,सुखराम जैन ,सवाई चावड़ा ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,स्वरुप सोनी मोढ़ा ,प्रेम सेन ,सहित शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों नें राजस्थानी भाशा के नाम दीपक जला भाशा की मान्यता के लिऐं सेंकल्प लिया

राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाडमेर के सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि कार्यक्रम में भाहर के तमाम साहित्यकार कवि जन प्रतिनिधियो तथा राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें सैकडों दीपकजलाऐं॥ आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति नें इस दिन एक दीपक जलाकर भाषा की मान्यता के प्रति संकल्पना जताई। डॉ प्रियंका चौधरी ने कहा है कि यह आंदोलन की सकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। दीया आस और विश्वास का प्रतीक है। हम इसके माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं। निश्चित रूप से केंद्र सरकार तक हमारा संदेश पहुंचेगा और भाषा की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा।गांधी चौक में जय राजस्थान जय राजस्थानी के नारे लगा आम जन ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जोरदार समर्थन किया

शिव विधानसभा जानिये अमिन खान कि राजनितिक कुंडली

शिव विधानसभा से अमिन खान होंगे कांग्रेस के उम्मीदवार


जानिये अमिन खान कि राजनितिक कुंडली 


बाड़मेर जिले कि ख़ास बन चुकी शिव विधानसभा सीट पर इस बार दो दिग्गज आमने सामने होंगे। अमिन खान कांग्रेस के वफादार सिफाही रहे हें। उन्होंने वैन विभाग में नौकरी करने के बाद राणासर पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ कर राजनितिक केरियर कि शुरुआत कि। उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1980 में शिव से लड़ा। उनके सामने निर्दलीय शोभ सिंह मैदान में थे। उन्होंने शोभ सिंह को लगभग पांच हज़ार मतों से हराकर चुनाव जीता तथा विधानसभा पहुंचे। 1985 के चुनावो में अमिन खान जनता पार्टी के रावत उम्मीद सिंह से ग्यारह हज़ार मतों से चुनाव हार गए ,तीसरा चुनाव उन्होंने 1990 में लड़ा उनके सामने जनता दल के हरी सिंह थे। अमिन खान ने हरी सिंह को चार हज़ार से अधिक मतो से हराया। दूसरी बार विधायक बने। अगले चुनाव 1993 में हरी सिंह भाजपा से खड़े हुए उन्होंने अमिन खान को छह हज़ार से अधिक मतो से हराया। 1998 में फिर अमिन खान से हरी सिंह को उनीस हज़ार से अधिक मतो से हराया। २००३ में भाजपा के डॉ जालम सिंह रावलोत ने अमिन खान को दस हज़ार से अधिक मतों से हराया। फिर 2008 में अमिन खान ने डॉ जालम सिंह को उन्तीस हज़ार से अधिक वोटो से हराकर हिसाब चुकता किया। 


अमिन खान का प्रभाव अमिन खान जिले के दूसरे बड़े मुस्लिम नेता हें। उनसे पहले अब्दुल हादी मुस्लिमो के बड़े नेता रहे ,हादी के इंतकाल के बाद एकमात्र प्रभावी मुस्लिम नेता हें ,अमिन खान का मुस्लिम समाज के साथ अन्य समाजो में जाट ,राजपूत ,अनुसूचित जाती ,अनुसूचित जन जाती में खासा प्रभाव रहा। 


बड़बोलापन। ऽमिन खान कोई बात साफगोई से कहते हें। साफ़ गोई क्षेत्र के लोगो को पसंद नहीं आ रही। उनके बात करने के अंदाज से उनके समर्थक परेशान रहते हें। उनके द्वारा दिए बयानो के कारण उनका राजनीती नुक्सान भी हुआ। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के खिलाफ टिपणी के बाद देश भर में हो हल्ला हुआ। बाद में उन्होंने कांग्रेस कि प्रदेश बैठक में कार्यसमिति के सददस्य पैसे लेकर बनाने का बयां देकर कांग्रेस के सामने संकट खड़ा कर दिया। गाहे बगाहे उनके कई बयान चर्चाओ में आते रहे। इसके बावजूद उनके व्यक्तित्व के कारन कांग्रेस को उनके आगे बार बार झुकना पड़ा। 


राजनितिक पद। ।अमिन खान चौथी बार विधायक बनाने के सात पहली बार राज्य मंत्री मंडल में अल्पसंख्यक मामलात और ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री बने। इस्तीफे के बाद वापस मंत्री बनाये गए तो ग्रामीण मंत्रालय उनसे छीन लिया। अशोक गहलोत के नज़दीक माने जाने वाले अमिन खान श्रीमती सोनिआ गांधी के सलाहकार अहमद पटेल के काफी नज़दीक माने जाते हें। 


चुनावी गणित। .इ बार अमिन खान के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके द्वारा राजनितिक सिखाये मानवेन्द्र सिंह उनके सामने होंगे। मानवेन्द्र सिंह कि मुस्लिम वोटो पर व्यक्तिगत पकड़ हें। मुस्लिम वोटो के बिखराव को रोकना उनका पहला मकसद होगा 


हादी परिवार कि नाराजगी। । गत पांच सालो में अमिन खान के अब्दुल हादी परिवार से रिश्ते काफी कट्टु रहे हें। अमिन खान गाहे बगाहे हादी परिवार कि पुत्रवधु और चौहटन प्रधान पर हमले बोलते रहे हें। अमिन खान कि हादी परिवार से नाराजगी साफ़ झलकती हें। अब टिकट मिलाने कि सम्भावना के बीच हादी परिवार को मानना उनके लिए चुनाव जीतने सम्मान होगा। 


जाट नेताओ कि नाराजगी। . इस बार अमिन खान को जाट नेताओ कि नाराजगी भी झेलनी पड़ेगी। 

राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा,मानव श्रृंखला बनाई

एक दिवलो राजस्थानी रे नाम आयोजित 
राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा,मानव श्रृंखला बनाई

बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करने वाले राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें दीपावली की पूर्व संध्या पर एक दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जला कर अपनी मांग के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन ीकयो। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भाषा की मान्यता के लिए हजारों पोस्टकार्ड भेजे जाने की कड़ी में यह कार्यक्रमआयोजित किया गया।साथ ही मानव श्रृंखला बनाकर अपनी मांग परजोर तारके से रखीै ।इस कार्यक्रम का नाम अेक दिवलो मायड़ भासा रै नांव’ दिया गया । इस कार्यक्रम के तहत बाडमेर के गांधी चौक पर सैकडों दीपक राजस्थानी भाशा के नाम जलाऐ गयें।पूरा शहर इस कार्यक्रम में भाग लेने उमड पडा।कार्यक्रम में राजस्थानी महिला परिषद् कि डॉ प्रियंका चौधरी ,सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,अशरफ अली ,काबुल खान ,रमेश सिंह इंदा ,डॉ अब्दुल मालिक ,मोटियार परिषद् के जिला पाटवी हिन्दू सिंह तामलोर ,दिग्विजय सिंह चुली ,रावत प्रजापत ,सुखराम जैन ,सवाई चावड़ा ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,स्वरुप सोनी मोढ़ा ,प्रेम सेन ,सहित शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों नें राजस्थानी भाशा के नाम दीपक जला भाशा की मान्यता के लिऐं सेंकल्प लिया

राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाडमेर के सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि कार्यक्रम में भाहर के तमाम साहित्यकार कवि जन प्रतिनिधियो तथा राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें सैकडों दीपकजलाऐं॥ आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति नें इस दिन एक दीपक जलाकर भाषा की मान्यता के प्रति संकल्पना जताई। डॉ प्रियंका चौधरी ने कहा है कि यह आंदोलन की सकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। दीया आस और विश्वास का प्रतीक है। हम इसके माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं। निश्चित रूप से केंद्र सरकार तक हमारा संदेश पहुंचेगा और भाषा की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा।गांधी चौक में जय राजस्थान जय राजस्थानी के नारे लगा आम जन ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जोरदार समर्थन किया

18 साल किशोरी ने बेच दी वर्जिनिटी

मॉस्को। दुनिया में तमाम चीजें बिकती हैं। इसी कड़ी में एक रशियन टीनेजर ने अपनी वर्जिनिटी नीलाम कर दी है। इसके लिए उसे 18000 पौंड (करीब 18 लाख रूपए) मिले हैं।
साइबेरिया की रहने वाली 18 साल की इस युवती ने अपना नाम नहीं जाहिर किया, हालांकि उसका निकनेम शॉतिनुहा है। ऑनलाइन ऑक्शन साइट पर उसने अपनी कंडीशन "नई-बिना इस्तेमाल की हुई" बताई थी।

विज्ञापन में किशोरी ने वर्जिनिटी खरीदने वाले पुरूष से क्रास्नोयार्क्स के एक होटल में मिलने का प्रस्ताव रखा है। विज्ञापन में यह भी बताया कि उससे संबंध बनाने वाले पुरूष एडवांस में पैसे देने होगे।

रूसी पुलिस के अनुसार वे तब तक इस मामले की जांच नहीं करेंगे। क्योंकि किशोरी और खरीददार किसी नियम का उल्लंखन नहीं किया है।

एक अग्रेंजी अखबार को दिए इंटरव्यू में शॉतिनुहा में कहा कि मुझे पैसों की सख्त जरूरत है तो मैं अपनी सबसे कीमती चीज बेच रही हूं। मैं खरीददार से किसी भी दिन मिलने के लिए तैयार हूं और मैं अपनी वर्जनिटी को जांचने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।

नीलामी वेबसाइट पर वर्जिनिटी के कथित खरीददार का नाम एवजेनी वोल्नोव बताया गया है लेकिन खरीददार के बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं दी गई हैं। किशोरी का कौमार्य खरीदने के लिए वोल्नोव ने 100,000 रूबल्स (3100 अमरिकी डॉलर) का भुगतान किया।


एक सूत्र के मुताबिक यह न तो वेश्यावृत्ति का मामला है और न ही किसी तरह के नियम का उल्लंघन। इस कारण पुलिस ने किशोरी के खिलाफ किसी भी तरह का केस दर्ज नहीं किया है। गौरतलब है कि अप्रैल 2013 में भी इस युवती ने अपनी वर्जिनिटी बेचने की कोशिश की थी।

जेठ करता था रेप,पति देता था पहरा

फरीदाबाद। दहेज लोभी एक परिवार ने अपनी बहू के साथ अपराध की हदें लांघ दी, जेठ उसके पति की मौजूदगी में उसके साथ रेप करता और पति बाहर बैठकर पहरा देता। यह सब तब तक चलता रहा जब तक की बहू को निकल भागने का मौका न मिला।
दहेज के लालचियों की प्रताडना का शिकार बनी इस विवाहिता ने पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया कि उसके जेठ ने कई बार उसके साथ रेप किया। इस साजिश में ससुराल के अन्य लोग भी शामिल थे। सेक्टर 23 में रहने वाली इस पीडिता ने अपनी दर्द भरी दास्तां बया करते हुए बताया कि संजय कॉलोनी में रहने वाले रवि वर्मा को वह लगभग दो साल से जानती थी। रवि ने उससे मेलजोल बढ़ाया तथा जुलाई 2013 में एक मंदिर में उसके साथ शादी रचाई। बाद में यह शादी कोर्ट में रजिस्टर्ड भी करा ली।

वह अपने वैवाहिक जीवन की शुरूआत भी ढंग से नहीं कर पाई थी कि एक दिन जब वह अपने कमरे में अकेली थी तो तो अविवाहित जेठ अरूण वर्मा ने उसके साथ रेप किया। तब उसका पति रवि घर में ही मौजूद था। सास मानसी और ससुर किशन वर्मा भी कमरे का दरवाजा बंद कर बाहर खड़े थे। सभी अरूण की करतूत को जानबूझकर समर्थन दे रहे थे।

पीडिता का कहना है कि ससुराल वाले उससे पांच लाख रूपए पीहर से लाने की मांग करते थे तथा उसे कमरे में बंद रख जाता था। इस दौरान जेठ ने कई बार उसके साथ बलात्कार किया। विरोध करने पर सब उसकी पिटाई करते थे। मौका पाकर बीते 7 अक्टूबर को वह घर से भाग निकली तथा सूरजकुड मार्ग पर एक सिद्धदाता आश्रम में पहुंच गई। करीब छह दिन तक आश्रम में रही, बाद में मायके वाले उसे आकर ले गए। अब ससुराल वाले उसे व उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

टीवी शो में अपनी उम्र से 20 साल कम दिखेंगे अमिताभ बच्चन



महानायक अमिताभ बच्चन अनुराग कश्यप निर्देशित टीवी कार्यक्रम में अपनी उम्र से 20 साल कम के दिखेंगे.
टीवी शो में अपनी उम्र से 20 साल कम दिखेंगे अमिताभ बच्चन
बच्चन ने अपनी उम्र को कम दिखाने की प्रक्रिया को ‘हास्यप्रद’ और ‘असुविधाजनक’ बताया.

बच्चन ने अपने ब्लाग में लिखा कि कार्यक्रम की शूटिंग के लिए अपनी उम्र से 20 साल कम के दिखने के प्रयास हास्यप्रद हैं. उम्र में बढ़ोत्तरी होना कितना सुविधाजनक होता है लेकिन समय को पीछे धकेलना कितना असुविधाजनक होता है.

बच्चन ने इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद की तस्वीरें भी साझा कीं.

कश्यप बच्चन के साथ एक कार्यक्रम के लिए काम रहे हैं.

अभिनेत्री ने लगाया दु‌र्व्यवहार का आरोप, कांग्रेस सांसद ने नकारा



कोल्लम। कांग्रेस के एमपी एन पीथांबरा कुरूप ने कोल्लम में कल शाम एक कार्यक्रम के दौरान मलयालम अभिनेत्री श्वेता मेनन से कथित दु‌र्व्यवहार करने के आरोप से उठे विवाद पर सफाई देते हुए आज कड़े शब्दों में इस तरह के किसी कृत्य से इंकार किया है।
N peethambara kurup
लोकसभा में कोल्लम के एमपी, 73 वर्षीय कुरूप ने आज यहां मीडिया को बताया कि यह पूरी तरह से गलत है। मैं ये बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मीडिया के एक तबके में इस घटना को लेकर मेरा नाम सामने आया है।

यह विवाद तब सुर्खियों में आया जब श्वेता मेनन ने राष्ट्रपति ट्रॉफी बोट रेस कार्यक्रम के दौरान अपने साथ हुए शारीरिक शोषण की शिकायत जिला अधिकारी से की। शिकायत में श्वेता ने शोषण करने वाले का नाम नहीं लिया था। मीडिया फुटेज में कुरूप को श्वेता को छूते हुए दिखाया गया है जिसके बाद एमपी ने मामले पर अपनी सफाई दी।

अपने बयान में कुरूप ने सफाई देते हुए कहा कि इस घटना में उनका नाम लिया जाना बहुत ही दुखदायी है पर वह पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि सभी सबूतों के साथ वो अपनी बेगुनाही साबित करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव पास होने से इसे सिर्फ राजनीति से प्रेरित घटनाक्रम के रूप में देखा जाना चाहिए। ये दुख की बात है कोई भी गंदा आरोप मेरे उपर सिर्फ इसलिए लगाया जा सकता है क्योंकि मैं एक राजनीतिक व्यक्ति हूं।

इस घटना से पूरा मलयालम फिल्म जगत आक्रोश में है और वह घटना के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग कर रहा है। पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई केस दर्ज नहीं किया है अब वो चाहे तो श्वेता के जिला अधिकारी को किए गए कथित शिकायत या मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाकर रिपोर्ट दर्ज करे।

इसी बीच कोंट्टायम में केरल के मुख्यमंत्री ओमेन चंडी ने इस घटना के बाबत कहा कि हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है और अगर आती है तो जांच पूरी होने के बाद दोषी के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी

बंद कमरे में नग्न रहने पर नौकरी से नहीं निकाल सकते: कोर्ट

मुंबई। एक नियोक्ता कंपनी या संस्था अपने कर्मचारी से संबंधित कोई भी निर्णय इस आधार पर नहीं कर सकती कि वह बंद कमरे में क्या कर रहा था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया है। बंद कमरे में नग्न रहने पर नौकरी से नहीं निकाल सकते: कोर्ट
गौरतलब है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने संस्थान की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक कर्मचारी नौकरी से हटा दिया था। बैंक के जनरल मैनेजर बालाकृष्णन पर आरोप था कि 11-12 सिंतबर 2012 को चंडीगढ़ में होने वाली कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के बजाय बंद कमरे में दिन भर शराब पीते रहे। गेस्ट हाउस के केयर टेकर का कहना था कि जनरल मैनेजर नग्न अवस्था में कमरे में घूम रहे थे।

वन्नादिल बालाकृष्णन की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एसजे वाजीफदार और केआर श्रीराम ने यह फैसला सुनाया। हिंदी में डॉक्टरेट बालाकृष्णन ने बैंक के फैसले को चैंलेज करते हुए कहा था कि उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में काम करने से पहले बालाकृष्णन 23 सालों तक केन्द्र सरकार के साथ जुड़े रहे। 16 नवंबर 2011 को बैंक ने एक साल के प्रोबेशन पर उन्हें सीधी नियुक्ति दी, लेकिन 1 दिसंबर 2012 को उन्हें हटा दिया गया।

एसबीआई के वकील हरिहर भावे ने अपनी दलील में बालाकृष्णन को शराबी बताया और कहा कि उन्हें बंद कमरे में नग्न अवस्था में घूमते हुए देखा गया था।

मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों ने पाया कि बैंक का निर्णय व्यक्ति की निजी और व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायाधीश वजीफदार ने कहा कि एक कर्मचारी बंद कमरे में क्या करता है? नियोक्ता इस आधार पर फैसला नहीं ले सकता।

बालाकृष्णन के वकीलों नरेन्द्र बंदीवाडेकर और हिमांशु कोडे ने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई सबूत नहीं दिया गया। यह सामान्य निष्कासन नहीं था बल्कि यह बदले की भावना से प्रेरित लगता है।

अगस्त 2012 में बालाकृष्णन की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया कि कॉन्फ्रेंस के समय वह चिकनपॉक्स से पीडित थे। उन्हें लगातार एलर्जी हो रही थी और चेहरे के साथ पूरे शरीर पर दाने उभर आए थे। एलर्जी और तमाम परेशानियों की वजह से याचिकाकर्ता शर्ट नहीं पहन सकता और साथ ही इस स्थिति में शराब नहीं पी सकते थे।

बालाकृष्णन ने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी सर्विस के पहले 10 महीनों में उनके खिलाफ किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आई। यह पूरा मामला उन्हें नौकरी से निकालने के लिए रचा गया। उनका कहना था कि उनके खिलाफ जो दो शिकायतें आई थी, उस नाम और पद का व्यक्ति संस्थान में है ही नहीं।

5 सिंतबर 2013 को मामले की आखिरी सुनवाई करते हुए न्यायाधीशों ने निर्देश दिया था कि यह पद स्थायी आधार पर नहीं भरा जाना चाहिए और कोई भी नियुक्ति अगले निर्णय के अधीन होगी।