शनिवार, 2 नवंबर 2013

एक दिवलो राजस्थानी रे नाम आयोजित

एक दिवलो राजस्थानी रे नाम आयोजित 
राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा,मानव श्रृंखला बनाई

बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करने वाले राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें दीपावली की पूर्व संध्या पर एक दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जला कर अपनी मांग के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन ीकयो। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भाषा की मान्यता के लिए हजारों पोस्टकार्ड भेजे जाने की कड़ी में यह कार्यक्रमआयोजित किया गया।साथ ही मानव श्रृंखला बनाकर अपनी मांग परजोर तारके से रखीै ।इस कार्यक्रम का नाम अेक दिवलो मायड़ भासा रै नांव’ दिया गया । इस कार्यक्रम के तहत बाडमेर के गांधी चौक पर सैकडों दीपक राजस्थानी भाशा के नाम जलाऐ गयें।पूरा शहर इस कार्यक्रम में भाग लेने उमड पडा।कार्यक्रम में राजस्थानी महिला परिषद् कि डॉ प्रियंका चौधरी ,सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,अशरफ अली ,काबुल खान ,रमेश सिंह इंदा ,डॉ अब्दुल मालिक ,मोटियार परिषद् के जिला पाटवी हिन्दू सिंह तामलोर ,दिग्विजय सिंह चुली ,रावत प्रजापत ,सुखराम जैन ,सवाई चावड़ा ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,स्वरुप सोनी मोढ़ा ,प्रेम सेन ,सहित शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों नें राजस्थानी भाशा के नाम दीपक जला भाशा की मान्यता के लिऐं सेंकल्प लिया

राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाडमेर के सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि कार्यक्रम में भाहर के तमाम साहित्यकार कवि जन प्रतिनिधियो तथा राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें सैकडों दीपकजलाऐं॥ आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति नें इस दिन एक दीपक जलाकर भाषा की मान्यता के प्रति संकल्पना जताई। डॉ प्रियंका चौधरी ने कहा है कि यह आंदोलन की सकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। दीया आस और विश्वास का प्रतीक है। हम इसके माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं। निश्चित रूप से केंद्र सरकार तक हमारा संदेश पहुंचेगा और भाषा की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा।गांधी चौक में जय राजस्थान जय राजस्थानी के नारे लगा आम जन ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जोरदार समर्थन किया

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