पब्लिक के सब्र का बाँध टूटा,ओवरब्रिज जनता ने शुरू किया बाड़मेर बाड़मेर शहर के बीचों बीच बना 23 करोड़ रुपए की लागत का ओवरब्रिज अब यातायात के लिए तैयार है, लेकिन उद्घाटन के चक्कर में जनता का पसीना निकल रहा है। शहर का नेहरू नगर एकमात्र फाटक बंद होने पर शहर दो भागों में बंट जाता है। ऐसे में बार-बार लगने वाले जाम में लोों को रेंगते हुए चलना पड़ता है, लेकिन जनता की सुनने वाला कोई नहीं है। आख़िरकार बुधवार को जनता के सब्र का बाँध टूट गया। रेलवे फाटक के बार बार बंद हो जाने से बिगड़ती यातायात व्यवस्था से परेशान जनता ने ओवरब्रिज को जनता के लिए खोल दिया ,ठेकेदार के आदमियों द्वारा जनता को रोका तो जनता उनके पीछे डंडा लेकर पडी और उन्हें खदेड़ दिया ,जनता का कहना था की चार साल से परेशां हो रहे हें। शहर के सारे रास्ते बंद हें। मात्र रास्ता नेहरु नगर वाला खुला हें मगर यहाँ रेलवे की फाटक हे जो दिन में बीस बार बंद होती हें। जब फाटक बंद होती हें तो यहाँ का ट्रेफिक असहनीय हो जाता हें। अब चूँकि ओवरब्रिज का काम पूरा हो गया महज राजनितिक वोटो के लिए बड़े आदमी से उद्घाटन के चक्कर में जान बुझ कर जनता को परेशान किया जा रहा हें जो अब बर्दास्त नहीं होता ,जनता ने ओवरब्रिज को खोल दिया। सोमवार से यही क्रम हें जनता ब्रिज पर आवागमन शुरू करती हें ठेकेदार के आदमी बंद करते हें। मगर अब जनता ने सारे अवरोधक पार कर इसे खोल दिया।
ओवरब्रिज के उद्घाटन में हो रही देरी से अब लोगों का भी सब्र टूटने लगा है, मंगलवार को दिनभर में कई बार संबंधित ठेकेदार की ओर से ओवरब्रिज पर यातायात बंद करवाया गया, लेकिन लोग आक्रोशित होकर विरोध पर उतर आए। पिछले तीन सालों से शहर की जनता ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर परेशान हो रही है, लेकिन अब ओवरब्रिज तैयार होने के बावजूद जनता को जाम में परेशान होना पड़ता है।
तीन साल से चल रहा था निर्माण
नेहरू नगर ओवरब्रिज का पिछले तीन साल से निर्माण चल रहा है, लेकिन अब ओवरब्रिज पूर्ण रूप से तैयार है। अधिकारियों का भी कहना है कि ओवरब्रिज तैयार है बस उद्घाटन को लेकर इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में सवाल ये है कि तीन सालों से परेशान हो रही जनता को जब ओवरब्रिज तैयार है फिर भी जाम में फंसे रहकर परेशान होना पड़ता है।
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मंगलवार को दिनभर में कई बार ओवरब्रिज पर यातायात चालू और बंद किया गया। इस बीच लोग काफी परेशान नजर आए। कुछ लोग तो ओवरब्रिज के बंद होने पर वापस नेहरू नगर की तरफ से लौट आए। लेकिन कुछ लोग अड़ गए कि उद्घाटन के चक्कर में जनता को परेशान क्यों किया जा रहा है। जब ओवरब्रिज पूर्ण रूप से तैयार है तो जनता के लिए क्यों नहीं खोला जा रहा है। इस दौरान ओवरब्रिज पर यातायात बंद करने के लिए ठेकेदार के कार्मिक एंगल व अन्य लोहे के चद्दर डाल बंद करने लगे तो एक शख्स हाथ में लाठी लेकर उसे मारने के लिए दौड़ पड़ा। इस शख्स के गुस्से को देख बाकी लोग भी आग बबूला हो गए और ओवरब्रिज पर अवरोधकों को हटाकर फिर से यातायात के लिए खो दिया गया। मंगलवार को दिनभर में पांच-छह बार ओवरब्रिज पर यातायात को बंद और चालू किया गया।
मंगलवार को दिनभर में कई बार ओवरब्रिज पर यातायात चालू और बंद किया गया। इस बीच लोग काफी परेशान नजर आए। कुछ लोग तो ओवरब्रिज के बंद होने पर वापस नेहरू नगर की तरफ से लौट आए। लेकिन कुछ लोग अड़ गए कि उद्घाटन के चक्कर में जनता को परेशान क्यों किया जा रहा है। जब ओवरब्रिज पूर्ण रूप से तैयार है तो जनता के लिए क्यों नहीं खोला जा रहा है। इस दौरान ओवरब्रिज पर यातायात बंद करने के लिए ठेकेदार के कार्मिक एंगल व अन्य लोहे के चद्दर डाल बंद करने लगे तो एक शख्स हाथ में लाठी लेकर उसे मारने के लिए दौड़ पड़ा। इस शख्स के गुस्से को देख बाकी लोग भी आग बबूला हो गए और ओवरब्रिज पर अवरोधकों को हटाकर फिर से यातायात के लिए खो दिया गया। मंगलवार को दिनभर में पांच-छह बार ओवरब्रिज पर यातायात को बंद और चालू किया गया।
॥ नेहरू नगर ओवरब्रिज यातायात के लिए तैयार है। उद्घाटन के बाद ओवरब्रिज को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। कभी तक उद्घाटन की कोई तिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमने ओवरब्रिज पर यातायात बंद करवाया था, लेकिन जनता खोल देती है।
-जेपी सुथार, इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी
अहमदाबाद।। सोहराबुद्दीन और अन्य फर्जी मुठभेड़ों के आरोपी पुलिस ऑफिसर डी. जी. वंजारा को आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने अपने 'भगवान' नरेंद्र मोदी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया? पारिवारिक सूत्रों की मानें तो मुंबई की तलोजा जेल में बंद वंजारा अपने गुरु आसाराम बापू की गिरफ्तारी से बुरी तरह टूट चुके हैं। आसाराम की गिरफ्तारी से ही वंजारा का विश्वास मोदी से उठ गया। वंजारा ने कुछ दिन पहले अपने एक करीबी परिजन से कहा भी कि मेरा भगवान (मोदी) मेरे गुरु (आसाराम) को नहीं बचा पाया, तो वह मुझे कैसे बचाएगा।
फर्जी एनकाउंटर केस में दूसरे पुलिस ऑफिसरों के साथ सात साल से जेल में बंद वंजारा ने अपने करीबी परिजन को बताया कि अपने गुरु आसाराम की गिरफ्तारी ने उन्हें तोड़ दिया है। उन्होंने उनसे कहा, 'मेरा भगवान मेरे गुरु को नहीं बचा सका, वह मुझे कैसे बचाएगा।' वंजारा ने भगवान मोदी के संदर्भ में इस्तेमाल किया। वंजारा ने अपने इस्तीफे वाली चिट्ठी में भी मोदी का जिक्र भगवान के रूप में किया है।
खुद को राष्ट्रवादी हिंदू बताने वाले वंजारा ने मुंबई की जेल में ट्रांसफर होने के दौरान इस संवादताता को बताया कि उनके ऐक्शन देश भक्ति से प्रेरित थे। उन्होंने कहा था, 'यह जेल नहीं है। जेल तो आपके दिमाग में है। मुझे पूरी जिंदगी जेल में गुजर जाने की भी फिक्र नहीं है। ये एनकाउंटर क्राइम नहीं हैं। जिहाद के खिलाफ चुप रहना अपराध है। यह मेरे लिए देशभक्ति है।'आसाराम की गिरफ्तारी ने तोड़ा?: वंजारा का मोदी पर से विश्वास आसाराम की गिरफ्तारी के बाद उठा। पारिवारिक दोस्तों ने मुंबई मिरर को बताया कि 'साहेब 7 साल से धैर्य रखे हुए थे। उन्हें गंदी राजनीति के तहत तलोजा जेल ले जाया गया। इसके बाद पिछले सात साल से जो आसाराम बापू वंजारा की ताकत बने हुए थे, उन्हें भी जेल में डाल दिया गया। साहेब को पूरा भरोसा था कि उनके भगवान (मोदी) गुरु को बचा लेंगे। लेकिन अब वह टूट चुके हैं।'
आसाराम के आश्रम से मंगाते थे दूध: वंजारा के बारे में कहा जाता है कि वह आसाराम बापू के अंधभक्त हैं। उनके साथ काम करने चुके एक कॉन्स्टेबल ने बताया कि वंजारा एक दशक पहले आसाराम के संपर्क में आए। उनके मुताबिक वंजारा आसाराम के इतने बड़े भक्त हैं कि बनासकांठा में तैनाती के दौरान उनका अहमदाबाद में आसाराम की गौशाला से दूध मंगाने पर जोर रहता था। बनासकांठा और अहमदाबाद की दूरी 139 किलोमीटर है। वंजारा आसाराम के अहमदाबाद के मोटेरा स्थित आश्रम का दूध पीने की जिद करते थे, क्योंकि वह उसे गुरु का प्रसाद मानते थे।
आसाराम पर लिखीं दो दर्जन कविताएं: जेल में वंजारा ने आसाराम को समर्पित दो दर्जन कविताएं लिखी हैं। एक कविता 7 जुलाई 2007 को साबरमती जेल में गुरु पूर्णिमा पर लिखी गई है। इसमें वंजारा ने लिखा है, 'मैंने आज अपनी जेल की कोठरी ही नहीं आत्मा को भी साफ किया है। आज मोटेरा में उनके आशीर्वाद के लिए लोग उमड़े हैं। हर कोई मेरे गुरु के गुण गा रहा है। यह वही हैं जिनकी वजह से मेरी जिंदगी ही नहीं कोठरी में भी सूर्य का प्रकाश फैल गया है।'
जोधपुर।। आसाराम के लड़की से यौन उत्पीड़नमामले की जांच कर रही जोधपुर पुलिस को अब धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं। जोधपुर पुलिस के डीसीपी अजय लांबा को धमकी भरे फैक्स भेजे गए हैं। यही नहीं मामले को दबाने के लिए आसाराम समर्थकों ने घूस की पेशकश भी की है। सरकारी वकील आनंद पुरोहित ने बुधवार सुबह आसाराम की बेल का विरोध करते हुए भी इस बात का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर आसाराम को जमानत पर छोड़ा जाता है, तो वह मामले को प्रभावित कर सकते हैं।
कई महिलाओं से अकेले में मिलते थे आसारामःआसाराम के प्रमुख सेवादार शिवा ने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताया है कि आसाराम कई महिलाओं से अकेले में मिलते थे। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से अपने शिष्य और उसकी बेटी के जोधपुर आने की पूर्व सूचना भी आसाराम को शिवा ने दी थी। शिवा ने यह भी माना कि नाबालिग लड़की पर किसी पुरुष का प्रेत होने की बात कहते हुए उसे बुलाया गया था। सेवादार के इस बयान से अब आसाराम की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। 14 दिन की जुडिशल कस्टडी में भेजे गए आसाराम की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट 3 से 4 बजे की बीच फैसला सुना सकती है।
आसाराम गुरु के वेश में अपराधीः उधर, पीड़ित लड़की आसाराम को हर हाल में सजा पाते देखना चाहती है। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उसने आसाराम को गुरु के वेश में अपराधी करार दिया। उसने कहा कि उसे बस आसाराम को सजा मिलने का इंतजार है। उत्तर प्रदेश में अपने घर में उसने कुछ मीडियावालों से बात करते हुए कहा कि जोधपुर आश्रम में उस दिन आसाराम से मिलकर उसने बहुत बड़ी भूल की थी। वह मेरी जिंदगी का सबसे बुरा दिन था।उसने कहा मुझे यकीन है कि मेरा सबसे अच्छा दिन जल्द आएगा। मैं आसाराम को सजा पाते हुए देखना चाहती हूं। पीड़ित लड़की ने साथ ही कहा कि इस गुरु को कभी भी बच्चों से मिलने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। पीड़ित लड़की की मां ने कहा कि हमें इस बात का पता नहीं था कि आश्रम में शैतान भी होते हैं। हम श्रद्धा में अंधे हो गए थे।
रिश्तेदारों को धमकी: उधर, आसाराम के समर्थकों ने पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। लड़की के पिता ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली में उनकी ससुराल में आसाराम के कुछ लोग पहुंच गए। इन लोगों ने कहा कि अभी तक जो हुआ, उससे निपट लेंगे। अब लड़की के पिता को समझाएं कि सीबीआई जांच की रट न लगाएं। मुंह बंद नहीं किया तो सात पुश्तें नहीं बचेंगी। पीड़ित पिता ने कहा कि उनके सभी रिश्तेदार खासे डरे हुए हैं। उन्हें भी अपनी जान की फिक्र सता रही है। उन्होंने धमकी के बारे में पुलिस को अवगत करा दिया है और पुख्ता सुरक्षा की मांग की है।
नई दिल्ली। पहले कहा जाता था कि भारतीय पुरूष हर छह सैकेण्ड में सेक्स के बारे में सोचते हैं लेकिन अब यह धारणा बदलती जा रही है। भारतीयों का सेक्स में इंटरेस्ट घटता जा रहा है। हर औसत भारतीय पुरूष सप्ताह में एक दिन भी सेक्स नहीं कर रहा। वह सेक्स टॉय इस्तेमाल करने के बारे में भी शर्माता है।
सेक्सुअल पार्टनर के मामले में भी इंडियन काफी पीछे हैं। जहां क्रोएिशिया के नागरिक 11 और ग्रीक पुरूष 9 सेक्स पार्टनर रखते हैं वहीं भारतीय पुरूष सिर्फ तीन सेक्स पार्टनर ही रखते हैं। लाइफ स्टाइल मैगजीन मैंस हेल्थ के ग्लोबल सेक्स सर्वे में यह बात सामने आई है। सर्वे सितंबर के अंक में छपा है। सर्वे दुनिया के 30 देशों में किया गया। सर्वे के दौरान 50 हजार 796 लोगों से सवाल किए गए। यह अपनी तरह का दुनिया में सबसे बड़ा सर्वे है।
ओरल सेक्स है इटली के लोगों की पहली पसंद
भारतीय पुरूष अपने घर में ही सेक्स करना पसंद करते हैं जबकि दुनिया के दूसरे लोग जहां मूड हो जाए वहां सेक्स कर लेते हैं। सर्वे के अनुसार हॉलैण्ड के लोग कैम्पिंग सेक्स के चैंपियन हैं। वहीं क्रोएशिया के लोग पूल,टैक्सी,कार, हॉट पब,पार्क और खुले मैदान में भी सेक्स कर लेते हैं। इटली के लोगों का ओरल सेक्स फेवरेट एक्ट है। अमरीकी महिलाएओं की तरह भारतीय महिलाएं भी टैक्सी में सेक्स करना पसंद करती है। इसकी वजह है संयुक्त परिवार में रहने के कारण प्राइवेसी नहीं मिलना।
कैटरीना कैफ सबसे सेक्सी सेलिब्रिटी
सर्वे के मुताबिक बॉलीवुड एक्ट्रेस कैटरीना सबसे सेक्सी सेलिब्रिटी है। भारतीय पुरूष कैटरीना को सबसे सेक्ली एक्ट्रेस मानते हैं। दूसरे स्थान पर सनी लियोन और एंजेलियान जॉली है।
चित्रांगदा चौथे और प्रियंका चोपड़ा पांचवे स्थान पर है।
लाहौर। पाकिस्तान की मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता असमां जहांगीर हमेशा से कहती रही हैं कि उन्हें देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जान का खतरा है। अब इस मामले में अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया है कि पाक सुरक्षा एजेंसियां असमां की हत्या भारत में करवाने की साजिश रच रही थीं।
उनकी कोशिश थी कि भारत में ही असमां पर आतंकी हमला करवाया जाए। वाशिंगटन पोस्ट ने खुलासा सीआईए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर किया है। असमां पर हमले से पहले ही अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक लग गई थी और साजिश विफल कर दी गई।
अखबार की इस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा नहीं है कि कौन लोग इस साजिश को अंजाम देना चाहते थे लेकिन उसने ये साफ तौर पर कहा है कि असमां की हत्या की साजिश को हर कीमत पर अंजाम दिया जाना था।
पाक में मुंबई हमले की सुनवाई स्थगित
पाकिस्तान में मुंबई हमले की सुनवाई एक बार फिर स्थगित हो गई है। इस बार कारण दिया गया कि सात सितंबर को न्यायिक आयोग की भारत रवानगी संबंधी अधिसूचना अभी तक तक न्याय मंत्रालय से जारी नहीं हो पाई है। सुनवाई के दौरान विशेष अभियोजक एम अजर चौधरी ने अदालत को बताया कि अधिसूचना बुधवार को न्यायालय के सुपुर्द कर दी जाएगी। इस पर,न्यायाधीश अतीकुर रहमान ने सुनवाई को बुधवार तक के लिए टाल दिया।
पैगंबर बताने पर महिला गिरफ्तार
पाकिस्तान के लाहौर में खुद को पैगंबर बताने वाली एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यह गिरफ्तारी देश के ईश निंदा कानून के तहत की है। महिला का नाम सलमा फातिमा है और उसने क्षेत्र में ईश निंदा संबंधी पर्चे बांटे थे। इस पर्चे में उसने ईश निंदात्मक टिप्पणी भी की थी। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसके घर को घेर लिया था। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। एक स्थानीय धार्मिक नेता की शिकायत पर फातिमा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
लंदन। ब्रिटेन में नाबालिग सिख किशोरियां एशियाई लोगों के एक समूह द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही है और अधिक चिंताजनक बात यह है कि वे इस प्रकार के मामलों की प्रशासन को रिपोर्ट करने में भी हिचक रही हैं। बीबीसी द्वारा की गयी एक जांच में खुलासा हुआ है कि कई मामलों में इन एशियाई लोगों ने किशोरियों को यह भरोसा दिलाया कि वे सिख हैं और इस आड़ में उनका भरोसा जीता।
बीबीसी के "इनसाइड आउट" कार्यक्रम में बताया गया कि अपने परिवारों की बदनामी होने के डर से ये किशोरियां इस प्रकार के मामलों की सूचना प्रशासन या परिवार किसी को नहीं देतीं और अक्सर ऎसे मामलों में उन्हें घर छोड़ना पड़ता है।
रिपोर्टर क्रिस रोजर्स एक 16 वर्षीय ब्रिटिश सिख किशोरी से मुलाकात के लिए अमेरिका के एक दूरवर्ती इलाके में गए। इस किशोरी का मुस्लिम युवकों के एक समूह ने लंबी अवधि तक यौन शोषण किया। यह किशोरी उन दर्जनों ब्रिटिश सिख किशोरियों में से एक थी जो उनके राज को छुपाने के लिए विदेश में रह रही हैं।
परिवार कल्याण मामलों को देखने वाली "द सिख अवेयरनेस सोसायटी यूके" (एसएएस) ने दावा किया है कि उसने पांच साल की अवधि में ब्रिटेन में बाल यौन शोषण की 200 से अधिक रिपोटों की जांच की है। हालांकि इस दावे की पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक आंकड़ें उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि नाबालिग सिख किशोरियों के यौन उत्पीड़न के मामले दुर्लभ ही प्रशासन को रिपोर्ट किए जाते हैं।
जोधपुर।जमीन-जायदाद व चल-अचल सम्पत्तियों में भले की पुरूष्ा मुखिया हों, लेकिन सरकारी दस्तावेज में अब परिवार की मुखिया महिला होगी। खाद्य सुरक्षा अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि सामग्री वितरण के लिए बने राशन कार्ड में परिवार की मुखिया घर की वरिष्ठतम महिला को बनाया जाए।
राज्य में अब तक सभी जिलों में नए राशन कार्ड का वितरण नहीं हो पाया है। राज्य सरकार ने पुराने राशन कार्डधारियों को भी खाद्य सुरक्षा योजना के लिए पात्र माना है। नए और पुराने दोनों प्रकार के राशन कार्ड पर "खाद्य सुरक्षा" की सील लगाई जाएगी। यदि सील पुराने राशन कार्ड पर लगाई गई है तो नए राशन कार्ड मिलने पर वही सील लगाई जाएगी।
महिला ही सब कुछ
राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यादेश 2013 की धारा 13(1) के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले परिवार के राशन कार्ड में आयु में वरिष्ठ स्त्री सदस्य को परिवार के मुखिया के रूप में मान्य होगी। ऎसी महिला के नाम के आगे "परिवार की मुख्यिा" की सील भी लगाई जाएगी।
यदि किसी पात्र परिवार में अठारह वष्ाü या उससे अधिक की आयु की स्त्री नहीं है और 18 वष्ाü से कम आयु की स्त्री है तो ऎसे प्रकरणों में परिवार का वरिष्ठ पुरूष्ा सदस्य राशन कार्ड में परिवार का मुखिया होगा। जैेसे ही परिवार में कोई महिला 18 वष्ाü की आयु पूरी कर लेगी तो वे स्वत: ही मुखिया बन जाएगी। इकसे बाद राशन कार्ड में परिवर्तन किया जाएगा।
निर्देश दे दिए हैं
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कायदों के बारे में जिला रसद अधिकारी को अवगत करवाया दिया है। सभी राशन कार्ड में महिला ही मुखिया के तौर पर मान्य होगी। इसकी सीलें तैयार कर ली गई हैं।गौरव गोयल, जिला कलक्टर जोधपुर
बिना राशन कार्ड भी होगा काम
जिन पात्र गृहस्थियों के पास नए व पुराने राशन कार्ड नहीं हैं और न ही आवेदन किया है। ऎसे पात्र लाभार्थियों को सम्बन्घित श्रेणी के आवेदन उपलब्ध करवाए जाएंगे। आवेदन की पूर्ति एवं जांच के बाद उन्हें खाद्य सुरक्षा कार्ड दिया जाएगा। खाद्य सुरक्षा कार्ड में प्रविष्ठि कर उचित मूल्य दुकानदार लाभार्थी को खाद्यान उपलब्ध करवाएगा।
नई दिल्ली। मंदिर पर आश्रम बनाकर रह रहे साधु द्वारा एक नवविवाहिता के साथ उसके पति और सास की सहायता से चार महीने तक ज्यादती करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार, महेंद्र गिरी उर्फ टिन्नी बाबा नसरूल्लागंज के नीलकंठ गांव में नर्मदा तट पर आश्रम बनाकर कई सालों से रह रहा था।
गांव की महिला मनू गिरी और उसका बेटा विश्राम बंजारा उसके साथ रहते थे। विश्राम की शादी 3 मई को खातेगांव निवासी 24 वर्षीय युवती से हुई थी। पीडिता ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि विवाह के दस दिन बाद से ही महेन्द्र गिरी उर्फ टिन्नी बाबा उसके साथ ज्यादती करता था। पति और सास उसकी सहायता करते थे। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी और उसे बांधकर रखा जाता था। जानकारी मिलने पर सोमवार को उसके माता-पिता और बहन पुलिस लेकर आश्रम पहुंचे और उसे बाबा के चंगुल से मुक्त कराया।
उधर दिल्ली की एक अदालत ने गैंग रेप मामले के चारों वयस्क आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला 10 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। इस मामले के नाबालिग आरोपी के बारे में फैसला गत शनिवार को आया। इसमें उसे तीन साल की सजा सुनाई गई है।
नाबालिग दोषी को सुविधा
दिल्ली गैंगरेप के समय नाबालिग रहा आरोपी तीन साल की सजा पाकर सुधार गृह में है। यहां वह अपने घर से बेहतर सुविधा भोग रहा है। यहां पर उसे खाने में दूध-फल मिलनता है, जो उसके घर कभी-कभी ही नसीब होता रहा होगा। वह सुधार गृह के एक कमरे में रहता है। सोने के लिए अच्छा बेड मिला है। उसे टीवी देखने और खेलने की सुविधा मिली है।
रेप और हत्या के आरोप में मिलने वाली फांसी और उम्र कैद की सजा से वह इसलिए बच गया, क्योंकि स्कूल का एक सर्टिफिकेट कहता है कि वह जुर्म के वक्त 18 साल का होने से महज 170 दिन कम थे। 16 दिसंबर 2012 यानी वारदात वाली रात उसकी उम्र 17 साल छह महीने और 11 दिन थी। स्कूल सर्टिफिकेट के हिसाब से गैंगरेप का ये नाबालिग आरोपी 4 जून 1995 को पैदा हुआ था।
भिखारी कहने पर राहुल के खिलाफ समन चंडीगढ़। चंडीगढ़ की एक अदालत ने 21 माह पुराने एक मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मंगलवार को समन जारी किया और 19 सितंबर से पहले कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।राहुल पर कथित रूप से एक क्षेत्र के लोगों की भावनाओं को आहत करने का आरोप है। राहुल को यह समन हाथों-हाथ सुपुर्द किया जाएगा। इससे पहले भी कोर्ट से राहुल के खिलाफ आठ बार समन जारी किया जा चुका है, लेकिन कोई भी समन राहुल तक नहीं पहुंच सका है।यह था मामला :वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद ठाकुर ने वष्ाü 2011 में राहुल गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश में दिए गए एक चुनावी भाषण के खिलाफ मामला दायर किया था। राहुल ने कथित तौर पर अपने भाषण में उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोगों को अन्य राज्यों में जाकर काम करने एवं भीख मांगने वाला बताया था।राहुल ने 14 नवंबर, 2011 को उप्र में इलाहाबाद के समीप फूलपुर में एक चुनावी भाषण के दौरान उप्र एवं बिहार के लोगों से पूछा था कि आखिर कब तक वे महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगते रहेंगे या पंजाब में जाकर मजदूरी करते रहेंगे। ठाकुर ने अपनी याचिका में दावा किया है कि राहुल ने इन राज्यों में काम करने वाले उप्र एवं बिहार के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
हैदराबाद। आंधप्रदेश राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है। कांग्रेस नेतृत्व आंध्र को विभाजित कर तेलंगाना बनाए जाने का अपना निर्णय पलटने के मूड में नहीं है वहीं मुख्यमंत्री किरण कुमार सहित सीमांध्र के कांग्रेसी नेता एकीकृत आंध्र की मांग पर अड़े हुए हैं।
आंध्र के प्रस्तावित बंटवारे के विरोध में सीमांध्र (रायलसीमा व तटीय आंध्र) में विरोध प्रदर्शनों में कमी नहीं आई है। सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। शिक्षकों व परिवहन कर्मियों की हड़ताल के कारण सीमांध्र में जन-जीवन अस्त व्यस्त है। बड़ी संख्या में केंद्रीय व राज्य के मंत्रियों तथा विधायकों के इस्तीफे की धमकी के बीच आंध्र में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
राष्ट्रपति शासन का संकेत देते हुए केंद्र सरकार ने आंध्र हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे लगा कि राज्य सरकार हालात काबू में लाने में सक्षम नहीं है तो राष्ट्रपति शासन का विकल्प खुला है। सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई में असिस्टेंट सोलीसिटर जनरल पूनम अशोक गौड़ ने कोर्ट को बताया कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार स्थिति काबू में नहीं ला पाती तो केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट पर कार्रवाई करेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने संकेत दिए हैं कि अगर पार्टी नेतृत्व 30 जुलाई के कांग्रेस कार्यसमिति के निर्णय को लागू करने की पहल करती है तो सीमांध्र के मंत्रियों के साथ वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
अहमदाबाद। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर 10 सितम्बर को सुराज संकल्प यात्रा के सम्मेलन में आने का न्यौता दिया और लगभग दो घंटे की बातचीत में चुनावी रणनीति पर भी मंथन हुआ।
प्रवासी राजस्थानियों ने किया स्वागत
अहमदाबाद पहुंचने पर वसुंधरा राजे का प्रवासी राजस्थानियों ने स्वागत किया और प्रदेश में भाजपा की मजबूती के लिए काम करने का विश्वास दिलाया। अम्बा माता के दर्शन करने के बाद राजे कार्यकर्ताओं से फीड़बैक लेने के लिए सड़क मार्ग से पाली जिले के रणकपुर पहुंचीं।
नई दिल्ली/पटना। इंडियन मुजाहिद्दीन के मास्टरमाइंड आतंकवादी यासीन भटकल ने एनआईए को पूछताछ में बताया कि भारत की दस बड़ी हस्तियां आईएम के निशाने पर हैं, जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का सबसे पहला नंबर है। दूसरा निशाना वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी।
भटकल ने एनआईए को इस गेमप्लान का खुलासा करते हुए बताया कि इस काम को अंजाम देने के लिए हमें बाहर के आतंकी संगठनों से पूरी मदद भी मिल रही है, जिसमें नए आतंकी भी तैयार किए जा रहे हैं। मुंबई में 26/11 धमाकों के बाद आईएम को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए विदेशी फंड मिलना जारी है ।
गौरतलब है कि बिहार से सटी नेपाल सीमा से अब्दुल करीम टुंडा के बाद यासीन भटकल को गिरफ्तार किया गया था।
तहसीन के पिता से पूछताछ
भटकल से एनआईए की गहन पूछताछ में बड़े खुलासे हो रहे हैं। भटकल के साथी आतंकवादी तहसीन इलियास उर्फ मोनू की खोज में एनआईए की टीम सोमवार को बिहार के समस्तीपुर जिले के मनियापुर गांव गई, तहसीन के पिता वसीम अख्तर से भी पूछताछ की गई।
भटकल ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए एनआईए को बताया कि तेहसीन(मोनू) ने पाकिस्तान में विशेष प्रशिक्षण लिया और 2010 में चिन्नास्वामी स्टेडियम ब्लास्ट में भी इसका हाथ था, तहसीन इन दिनों आईएम के विशेष मॉडयूल का संचालन कर रहा है।
निशाने पर लोकसभा चुनाव
इंडियन मुजाहिद्दीन की नई रणनीति के बारे में आतंकी यासीन भटकल ने एनआईए को बताया कि प्लान में सफल नहीं होने की वजह से हम दुखी हैं, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में 10 बड़े नेताओं को निशाना बनाने के लिए आतंकियों की नई टीम तैयार की जा रही है।
कोटा। जेके लोन अस्पताल परिसर से छह दिन पहले गायब हुई मूक-बधिर महिला को दो युवकों ने अगवा किया था। अभियुक्त चार दिन तक उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म करते रहे। बाद में उसे उसके गांव की सड़क पर छोड़ गए।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 22 वर्षीय मूक-बधिर विवाहिता व उसकी डेढ़ वर्षीय बेटी को उसका ससुर 28 अगस्त को जेके लोन अस्पताल लाया था। यहां बच्ची को दिखाने के बाद ससुर दवाई लेने चला गया।
पीछे से महिला व बच्ची गायब मिली। अपने स्तर पर तलाश के बाद ससुर ने 29 अगस्त को नयापुरा थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई। इसी बीच सोमवार रात करीब 9 बजे ससुर को पौती के साथ बहू अपने गांव के रोड पर पैदल आती मिली। उसने इशारों में पूरा वाकया समझाया तो ससुर के रौंगटे खड़े हो गए। पीडिता के अनुसार दोनों युवक उसका मुंह बंदकर दुष्कर्म करते थे।
बच्ची को इधर-उधर पटक देते थे। उसके बाल पकड़कर खींचते और पीटते। कोटा शहर में कई जगह उससे यह सब किया। बाद में अभियुक्त उसे छोड़ मिनी बस में चले गए। तत्काल हरकत में आया ससुर उसे लेकर सुल्तानपुर आ गया और वहां मिनी बस में मौजूद दो युवकों की पहचान कराई।
दोनों की पहचान बारां व हाल सुल्तानपुर निवासी सुरेश बैरवा (22) तथा सुल्तानपुर में ही रहने वाले दुर्गाशंकर मेघवाल (32) के रूप में हुई। दोनों सुल्तानपुर से कोटा के बीच संचालित मिनी बसों पर ही काम करते हैं। रात को ही ससुर ने सुल्तानपुर थाने में दोनों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया। सुल्तानपुर पुलिस ने बिना नम्बरी एफआईआर नयापुरा थाने को भेजी, जहां मंगलवार को यह प्रकरण दर्ज किया गया। मामले में जांच वृत्ताधिकारी (द्वितीय) सीताराम माहिच करेंगे।
नई दिल्ली। बीजेपी के तीन बड़े नेताओं के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन ने पार्टी को बैकफुट पर खड़ा कर दिया है और कांग्रेस को फ्रंटफुट पर। स्टिंग ऑपरेशन में बीजेपी के बड़े नेता नरेंद्र मोदी की शह पर, उनके खासमखास अमित शाह को तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर केस में बचाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
इस स्टिंग का हवाला देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि मामला गंभीर है और इसलिए इसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। पार्टी ने आरोप लगाया है कि स्टिंग ऑपरेशन से ये साफ हो गया है कि कानूनी प्रक्रिया में दखल देकर नरेंद्र मोदी के खास अमित शाह को बचाने की कोशिश हो रही है और चूंकि ये पूरा मामला मोदी की देखरेख में चल रहा था, इसलिए उन्हें अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।
कांग्रेस ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर उस स्टिंग ऑपरेशन को दिखाया, जिसपर बवाल मचा है। पार्टी के मुताबिक नरेंद्र मोदी को इस पूरे मामले की जानकारी थी। सीडी में दिखाया गया है कि पार्टी के सांसद भूपेंद्र यादव एक खोजी पत्रकार से मिलकर इस बात की डील करते हैं कि तुलसी प्रजापति की मां नर्मदा बाई से एक सादा वकालतनामा हस्ताक्षर करा लाए ताकि वो इस केस में अपनी मर्जी का वकील रखकर उसे मैनेज कर सकें। वे इस स्टिंग ऑपरेशन में इसके लिए पैसे के लेनदेन और इंदौर में नर्मदा बाई की सुरक्षा के ठेके का जिक्र भी कर रहे हैं।
खोजी पत्रकार के स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया गया है कि बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर इस पूरी साजिश का हिस्सा हैं। वे दावा कर रहे हैं कि उन्होंने इस ऑपरेशन की जानकारी नरेंद्र मोदी को दे दी है और मोदी ने कहा है कि हमें अमित शाह को ही रिपोर्ट करना है। स्टिंग के तीसरे किरदार बीजेपी में आरएसएस के नुमाइंदे और पार्टी के संगठन महामंत्री रामलाल हैं। रामलाल को पूरी जानकारी है कि अमित शाह को बचाने की कोशिशें कहां तक पहुंची हैं। वो खोजी पत्रकार को भरोसा भी दिलाते हैं कि प्रकाश जावड़ेकर उनका सहयोग करेंगे। जाहिर तौर पर बीजेपी को सांप सूंघ गया है और वो किसी तरह इसे साजिश साबित करने में जुटी है।
दरअसल स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया गया है कि कैसे बीजेपी की ये तिकड़ी मोदी की सहमति के साथ तुलसीराम प्रजापति का केस लड़ रही उसकी मां नर्मदा बाई को पटाकर उनसे एक वकालतनामा लिखवा रही है ताकि वो इस केस में अपना वकील खड़ा कर सकें। मतलब आरोपी अमित शाह का वकील मजबूती से केस लड़कर उन्हें बचाने में लगे और उसके खिलाफ लड़ रहा नर्मदा बाई का वकील केस को कमजोर कर उन्हें हराने में।
गौरतलब है कि तुलसी प्रजापति को 28 दिसंबर 2006 को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया था। ये मुठभेड़ बनासकांठा के छपरी गांव में हुई थी। तुलसी प्रजापति की मां नर्मदा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सीबीआई जांच कराने की अपील की थी। जिसके बाद अप्रैल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। जांच के बाद सीबीआई ने सितंबर 2012 में तुलसी प्रजापति मुठभेड़ मामले में अपनी चार्जशीट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी।
चार्जशीट में मुठभेड़ को फर्जी ठहराते हुए सीबीआई ने इसे परफेक्ट मर्डर बताया। सीबीआई के मुताबिक तुलसी की हत्या सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। सीबीआई ने इस साजिश का पहला आरोपी अमित शाह को बनाया। शाह पर हत्या, आपराधिक साजिश रचने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसे आरोप लगाए गए। चार्जशीट के मुताबिक शाह ने अपनी सत्ता का गलत इस्तेमाल किया।
सीबीआई के मुताबिक तुलसीराम को इसलिए मारा गया क्योंकि वो सोहराबुद्दीन और कौसर बी की हत्या का सबसे अहम गवाह था। कॉल डिटेल्स के आधार पर सीबीआई ने पाया कि तुलसी को दबोचने के लिए शाह ने करीब 380 फोन कॉल किए थे। अमित शाह ने ये कॉल आईपीएस अफसर राजकुमार पांडियन और डी जी वंजारा को किए थे। सीबीआई का आरोप है कि शाह ने जांच की दिशा भटकाने के लिए अफसरों पर दबाव भी बनाया।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि अमित शाह एक फिरौती रैकेट में सरगना हैं। सीबीआई ने कहा कि ये गिरोह नेता-पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ से चल रहा है। सीबीआई के मुताबिक तुलसी प्रजापति की मौत एक राजनीतिक हत्या थी, जिसे पूरी साजिश के साथ अंजाम दिया गया।
अजमेर। आगे वाली सीट पर बैठन की बात को लेकर एक 12 वीं कक्षा के छात्र ने अपने सहपाठी को मंगलवार सुबह चाकू से वार कर घायल दिया। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार रामेश्वर विद्यापीठ स्कूल की 12 वीं कक्षा (कला वर्ग) में पढ़ने वाला जसवीर व लोकेश वर्मा के बीच आगे वाली सीट पर बैठने की बात पर कहासुनी हो गई। इस पर लोकेश ने अपने बैग में से चाकू निकाल कर जसवीर पर ताबड़तोड वार कर दिए। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई और छात्र कक्षा से बाहर निकलकर स्कूल प्रशासनको घटना सूचना दी।
क्लास रूम मे हुए इस घटनाक्रम के बाद खून से लथपथ जसवीर को फर्श पर पड़ा देख स्कूल प्रशासन के होश उड़ गए। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल छात्र को जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया,जहां उसकी हालत ठीक बताई जा रही है। हमलावर छात्र को हिरासत में लिया गया हैं।