मंगलवार, 3 सितंबर 2013

आंध्रप्रदेश में लगेगा राष्ट्रपति शासन!

हैदराबाद। आंधप्रदेश राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है। कांग्रेस नेतृत्व आंध्र को विभाजित कर तेलंगाना बनाए जाने का अपना निर्णय पलटने के मूड में नहीं है वहीं मुख्यमंत्री किरण कुमार सहित सीमांध्र के कांग्रेसी नेता एकीकृत आंध्र की मांग पर अड़े हुए हैं।आंध्रप्रदेश में लगेगा राष्ट्रपति शासन!

आंध्र के प्रस्तावित बंटवारे के विरोध में सीमांध्र (रायलसीमा व तटीय आंध्र) में विरोध प्रदर्शनों में कमी नहीं आई है। सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। शिक्षकों व परिवहन कर्मियों की हड़ताल के कारण सीमांध्र में जन-जीवन अस्त व्यस्त है। बड़ी संख्या में केंद्रीय व राज्य के मंत्रियों तथा विधायकों के इस्तीफे की धमकी के बीच आंध्र में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।


राष्ट्रपति शासन का संकेत देते हुए केंद्र सरकार ने आंध्र हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे लगा कि राज्य सरकार हालात काबू में लाने में सक्षम नहीं है तो राष्ट्रपति शासन का विकल्प खुला है। सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई में असिस्टेंट सोलीसिटर जनरल पूनम अशोक गौड़ ने कोर्ट को बताया कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार स्थिति काबू में नहीं ला पाती तो केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट पर कार्रवाई करेगी।


उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने संकेत दिए हैं कि अगर पार्टी नेतृत्व 30 जुलाई के कांग्रेस कार्यसमिति के निर्णय को लागू करने की पहल करती है तो सीमांध्र के मंत्रियों के साथ वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

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