बुधवार, 4 सितंबर 2013

सिख किशोरियां यौन उत्पीड़न की शिकार

लंदन। ब्रिटेन में नाबालिग सिख किशोरियां एशियाई लोगों के एक समूह द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही है और अधिक चिंताजनक बात यह है कि वे इस प्रकार के मामलों की प्रशासन को रिपोर्ट करने में भी हिचक रही हैं। बीबीसी द्वारा की गयी एक जांच में खुलासा हुआ है कि कई मामलों में इन एशियाई लोगों ने किशोरियों को यह भरोसा दिलाया कि वे सिख हैं और इस आड़ में उनका भरोसा जीता।
बीबीसी के "इनसाइड आउट" कार्यक्रम में बताया गया कि अपने परिवारों की बदनामी होने के डर से ये किशोरियां इस प्रकार के मामलों की सूचना प्रशासन या परिवार किसी को नहीं देतीं और अक्सर ऎसे मामलों में उन्हें घर छोड़ना पड़ता है।

रिपोर्टर क्रिस रोजर्स एक 16 वर्षीय ब्रिटिश सिख किशोरी से मुलाकात के लिए अमेरिका के एक दूरवर्ती इलाके में गए। इस किशोरी का मुस्लिम युवकों के एक समूह ने लंबी अवधि तक यौन शोषण किया। यह किशोरी उन दर्जनों ब्रिटिश सिख किशोरियों में से एक थी जो उनके राज को छुपाने के लिए विदेश में रह रही हैं।

परिवार कल्याण मामलों को देखने वाली "द सिख अवेयरनेस सोसायटी यूके" (एसएएस) ने दावा किया है कि उसने पांच साल की अवधि में ब्रिटेन में बाल यौन शोषण की 200 से अधिक रिपोटों की जांच की है। हालांकि इस दावे की पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक आंकड़ें उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि नाबालिग सिख किशोरियों के यौन उत्पीड़न के मामले दुर्लभ ही प्रशासन को रिपोर्ट किए जाते हैं।

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