नई दिल्ली। मंदिर पर आश्रम बनाकर रह रहे साधु द्वारा एक नवविवाहिता के साथ उसके पति और सास की सहायता से चार महीने तक ज्यादती करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार, महेंद्र गिरी उर्फ टिन्नी बाबा नसरूल्लागंज के नीलकंठ गांव में नर्मदा तट पर आश्रम बनाकर कई सालों से रह रहा था।
गांव की महिला मनू गिरी और उसका बेटा विश्राम बंजारा उसके साथ रहते थे। विश्राम की शादी 3 मई को खातेगांव निवासी 24 वर्षीय युवती से हुई थी। पीडिता ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि विवाह के दस दिन बाद से ही महेन्द्र गिरी उर्फ टिन्नी बाबा उसके साथ ज्यादती करता था। पति और सास उसकी सहायता करते थे। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी और उसे बांधकर रखा जाता था। जानकारी मिलने पर सोमवार को उसके माता-पिता और बहन पुलिस लेकर आश्रम पहुंचे और उसे बाबा के चंगुल से मुक्त कराया।
उधर दिल्ली की एक अदालत ने गैंग रेप मामले के चारों वयस्क आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला 10 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। इस मामले के नाबालिग आरोपी के बारे में फैसला गत शनिवार को आया। इसमें उसे तीन साल की सजा सुनाई गई है।
नाबालिग दोषी को सुविधा
दिल्ली गैंगरेप के समय नाबालिग रहा आरोपी तीन साल की सजा पाकर सुधार गृह में है। यहां वह अपने घर से बेहतर सुविधा भोग रहा है। यहां पर उसे खाने में दूध-फल मिलनता है, जो उसके घर कभी-कभी ही नसीब होता रहा होगा। वह सुधार गृह के एक कमरे में रहता है। सोने के लिए अच्छा बेड मिला है। उसे टीवी देखने और खेलने की सुविधा मिली है।
रेप और हत्या के आरोप में मिलने वाली फांसी और उम्र कैद की सजा से वह इसलिए बच गया, क्योंकि स्कूल का एक सर्टिफिकेट कहता है कि वह जुर्म के वक्त 18 साल का होने से महज 170 दिन कम थे। 16 दिसंबर 2012 यानी वारदात वाली रात उसकी उम्र 17 साल छह महीने और 11 दिन थी। स्कूल सर्टिफिकेट के हिसाब से गैंगरेप का ये नाबालिग आरोपी 4 जून 1995 को पैदा हुआ था।
गांव की महिला मनू गिरी और उसका बेटा विश्राम बंजारा उसके साथ रहते थे। विश्राम की शादी 3 मई को खातेगांव निवासी 24 वर्षीय युवती से हुई थी। पीडिता ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि विवाह के दस दिन बाद से ही महेन्द्र गिरी उर्फ टिन्नी बाबा उसके साथ ज्यादती करता था। पति और सास उसकी सहायता करते थे। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी और उसे बांधकर रखा जाता था। जानकारी मिलने पर सोमवार को उसके माता-पिता और बहन पुलिस लेकर आश्रम पहुंचे और उसे बाबा के चंगुल से मुक्त कराया।
उधर दिल्ली की एक अदालत ने गैंग रेप मामले के चारों वयस्क आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला 10 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। इस मामले के नाबालिग आरोपी के बारे में फैसला गत शनिवार को आया। इसमें उसे तीन साल की सजा सुनाई गई है।
नाबालिग दोषी को सुविधा
दिल्ली गैंगरेप के समय नाबालिग रहा आरोपी तीन साल की सजा पाकर सुधार गृह में है। यहां वह अपने घर से बेहतर सुविधा भोग रहा है। यहां पर उसे खाने में दूध-फल मिलनता है, जो उसके घर कभी-कभी ही नसीब होता रहा होगा। वह सुधार गृह के एक कमरे में रहता है। सोने के लिए अच्छा बेड मिला है। उसे टीवी देखने और खेलने की सुविधा मिली है।
रेप और हत्या के आरोप में मिलने वाली फांसी और उम्र कैद की सजा से वह इसलिए बच गया, क्योंकि स्कूल का एक सर्टिफिकेट कहता है कि वह जुर्म के वक्त 18 साल का होने से महज 170 दिन कम थे। 16 दिसंबर 2012 यानी वारदात वाली रात उसकी उम्र 17 साल छह महीने और 11 दिन थी। स्कूल सर्टिफिकेट के हिसाब से गैंगरेप का ये नाबालिग आरोपी 4 जून 1995 को पैदा हुआ था।
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