बुधवार, 4 सितंबर 2013

गुरु आसाराम की गिरफ्तारी ने तोड़ा वंजारा को?



अहमदाबाद।। सोहराबुद्दीन और अन्य फर्जी मुठभेड़ों के आरोपी पुलिस ऑफिसर डी. जी. वंजारा को आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने अपने 'भगवान' नरेंद्र मोदी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया? पारिवारिक सूत्रों की मानें तो मुंबई की तलोजा जेल में बंद वंजारा अपने गुरु आसाराम बापू की गिरफ्तारी से बुरी तरह टूट चुके हैं। आसाराम की गिरफ्तारी से ही वंजारा का विश्वास मोदी से उठ गया। वंजारा ने कुछ दिन पहले अपने एक करीबी परिजन से कहा भी कि मेरा भगवान (मोदी) मेरे गुरु (आसाराम) को नहीं बचा पाया, तो वह मुझे कैसे बचाएगा।
गुजरात सरकार ने वंजारा का इस्तीफा नामंजूर किया
फर्जी एनकाउंटर केस में दूसरे पुलिस ऑफिसरों के साथ सात साल से जेल में बंद वंजारा ने अपने करीबी परिजन को बताया कि अपने गुरु आसाराम की गिरफ्तारी ने उन्हें तोड़ दिया है। उन्होंने उनसे कहा, 'मेरा भगवान मेरे गुरु को नहीं बचा सका, वह मुझे कैसे बचाएगा।' वंजारा ने भगवान मोदी के संदर्भ में इस्तेमाल किया। वंजारा ने अपने इस्तीफे वाली चिट्ठी में भी मोदी का जिक्र भगवान के रूप में किया है।

खुद को राष्ट्रवादी हिंदू बताने वाले वंजारा ने मुंबई की जेल में ट्रांसफर होने के दौरान इस संवादताता को बताया कि उनके ऐक्शन देश भक्ति से प्रेरित थे। उन्होंने कहा था, 'यह जेल नहीं है। जेल तो आपके दिमाग में है। मुझे पूरी जिंदगी जेल में गुजर जाने की भी फिक्र नहीं है। ये एनकाउंटर क्राइम नहीं हैं। जिहाद के खिलाफ चुप रहना अपराध है। यह मेरे लिए देशभक्ति है।'आसाराम की गिरफ्तारी ने तोड़ा?: वंजारा का मोदी पर से विश्वास आसाराम की गिरफ्तारी के बाद उठा। पारिवारिक दोस्तों ने मुंबई मिरर को बताया कि 'साहेब 7 साल से धैर्य रखे हुए थे। उन्हें गंदी राजनीति के तहत तलोजा जेल ले जाया गया। इसके बाद पिछले सात साल से जो आसाराम बापू वंजारा की ताकत बने हुए थे, उन्हें भी जेल में डाल दिया गया। साहेब को पूरा भरोसा था कि उनके भगवान (मोदी) गुरु को बचा लेंगे। लेकिन अब वह टूट चुके हैं।'
आसाराम के आश्रम से मंगाते थे दूध: वंजारा के बारे में कहा जाता है कि वह आसाराम बापू के अंधभक्त हैं। उनके साथ काम करने चुके एक कॉन्स्टेबल ने बताया कि वंजारा एक दशक पहले आसाराम के संपर्क में आए। उनके मुताबिक वंजारा आसाराम के इतने बड़े भक्त हैं कि बनासकांठा में तैनाती के दौरान उनका अहमदाबाद में आसाराम की गौशाला से दूध मंगाने पर जोर रहता था। बनासकांठा और अहमदाबाद की दूरी 139 किलोमीटर है। वंजारा आसाराम के अहमदाबाद के मोटेरा स्थित आश्रम का दूध पीने की जिद करते थे, क्योंकि वह उसे गुरु का प्रसाद मानते थे।

आसाराम पर लिखीं दो दर्जन कविताएं: जेल में वंजारा ने आसाराम को समर्पित दो दर्जन कविताएं लिखी हैं। एक कविता 7 जुलाई 2007 को साबरमती जेल में गुरु पूर्णिमा पर लिखी गई है। इसमें वंजारा ने लिखा है, 'मैंने आज अपनी जेल की कोठरी ही नहीं आत्मा को भी साफ किया है। आज मोटेरा में उनके आशीर्वाद के लिए लोग उमड़े हैं। हर कोई मेरे गुरु के गुण गा रहा है। यह वही हैं जिनकी वजह से मेरी जिंदगी ही नहीं कोठरी में भी सूर्य का प्रकाश फैल गया है।'

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