सोमवार, 26 अगस्त 2013

लेडी दबंग और लेडी सिंघम-ज्योतिप्रिया सिंह औरवैशाली माने

कोल्हापुर कोल्हापुर में इन दिनों दो महिला पुलिस अफसरों की जोड़ी खूब चर्चा में है. मनचलों के खिलाफ उनकी कार्रवाई का तरीका कुछ ऐसा है कि अब लोग उन्हें उनके नाम से कम, बल्कि लेडी दबंग और लेडी सिंघम के नाम से ज्यादा जानने लगे हैं. brave officers-लेडी दबंग और लेडी सिंघम-ज्योतिप्रिया सिंहऔरवैशाली माने
पीले रंग की सलवार-कमीज में कोल्हापुर की एडिशनल एसपी यानी बड़ी मैडम ज्योतिप्रिया सिंह हैं और जींस में हैं शहर की छोटी मैडम यानी डीएसपी वैशाली माने. इन दोनों अफसरों को अब इस शहर के लोग उनके नाम से कम, बल्कि लेडी दबंग और लेडी सिंघम के नाम से ज्यादा जानते हैं.

दोनों अफसर पहले बाइक पर और फिर दौड़ लगाकर मनचलों और असामाजिक तत्वों को पकड़ती हैं. जैसे ही कोई लड़का उनसे रेस लगाते हुए आगे निकलने की कोशिश करता है, तो मैडम का गुस्सा सीधे सातवें आसमान पर पहुंच जाता है. पहले मैडम के सिपहसालार लड़के पर हाथ साफ करते हैं और फिर छोटी मैडम भी थप्पड़ जड़कर अपना गुस्सा निकालती हैं.

दरअसल, महाराष्ट्र के शहर कोल्हापुर में पिछले कुछ दिनों से लड़कियों के स्कूल और कॉलेजों के सामने रोड साइड रोमियो और शोहदे किस्म के लड़कों के होने की कई शिकायतें सामने आई थीं. कुछ मामलों में तो लड़कियों के घरवालों ने भी पुलिस में छेड़खानी की रिपोर्ट दी थी. लेकिन स्कूल-कॉलेजों के आस-पास बढ़ रही इस तरह की परेशानियों से निबटने के लिए कोल्हापुर पुलिस की इन दो अफ़सरों ने जो तरीका ढूंढ़ निकाला, वो थोड़ा हटकर था. ये तरीका था डायरेक्ट एक्शन यानी सीधी कार्रवाई का.

दोनों मैडम बाइक पर चलती हैं छोटी मैडम यानी शहर की डीएसपी वैशाली माने मोटरसाइकिल का हैंडल थामती हैं, जबकि दुपट्टा संभालती हुई एडिशनल एसपी साहिबा ज्योतिप्रिया सिंह उनके पीछे बैठ जाती हैं.

जब दोनों बाइक पर चलती हैं तो अचानक ही लड़कों के सामने आफत बनकर खड़ी हो जाती हैं. और फिर क्या अच्छे लड़के और क्या मनचले, सवाल-जवाब के सिलसिले में जिसकी भी जुबान लड़खड़ाती है, उसे दबोच लेती हैं और जो भागने की गलती करते हैं, उन्हें फिर चांटे ही नसीब होते हैं.

जब दोनों मैडम खुद कार्रवाई करने निकलती हैं तो फिर लवाजमे का साथ हो जाना लाज़िमी है. लिहाजा, आस-पास के कई थानों की पुलिस दोनों के साथ मिशन मजनूं पर रवाना हो जाती हैं. कई जगहों पर कार्रवाई करके तकरीबन 150 से ज्यादा लड़कों की धरपकड़ के बाद मिशन मजनूं पूरा होता है. तमाम लड़कों से पूछताछ होती है और फिर चेतावनी के साथ उन्हें रिहा कर दिया जाता है.

वैसे कोल्हापुर पुलिस की इस कार्रवाई से मनचलों का हौसला कितना टूटेगा, ये तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल इस कार्रवाई के दौरान खुद पुलिस का कानून की अनदेखी करना भी एक अहम सवाल है.



यही नहीं, पुलिस ऐसे लड़कों को भी पकड़कर पीट डालती है, जो स्कूल कॉलेज के आसपास किसी अन्य काम से भी गए होते हैं. अब सवाल ये उठता है कि क्या किसी गर्ल्स कॉलेज के पास जाना या फिर वहां से गुजरना कानूनन जुर्म है? अगर नहीं, तो इन पुलिसवालों और खासकर एडिशनल एसपी ज्योतिप्रिया सिंह की मौजूदगी में डीएसपी वैशाली माने का किसी लड़के को सरेआम पीटने और जलील करने का हक किसने दिया?

जिम्बाब्वे: भाई ने बहन को किया प्रेगनेंट !

जिम्बाब्वे: एक तरफ जहां भाई-बहन का रिश्ता बहुत पाक माना जाता है. वहीं एक ऐसे भाई-बहन भी हैं, जो पति-पत्नी की तरह रहते हैं. जिम्बाब्वे में एक ऐसा ही मामला सामने आया है.
जिम्बाब्वे का रहने वाला एक भाई-बहन का जोड़ा पति-पत्नी की तरह रहता है और बहन अपने भाई से दो बार प्रेगनेंट भी हो चुकी है. इन दोनों की इस हरकत से उनका परिवार अपने समुदाय में बहुत शर्मिंदा है. इस वजह से दोनों को घर से निकाल दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, जिम्बाब्वे के बिंगा जिले के रहने वाले हैरॉड मुकाम्‍बे और उसकी छोटी बहन मेलोडी पति-पत्नी की तरह रहते थे, जिससे उनका टोंगा समुदाय हैरान है. इस बात का पता तब चला जब भाई के साथ संबंध में रहने से बहन एक बार फिर गर्भवती हो गई और सबको पता चल गया. बताया जा रहा है कि बहन इससे पहले भी 2008 में एक बार गर्भवती हो गई थी लेकिन तब गर्भ गिरा दिया गया था. इस घटना के बाद मां के होश उड़ गए.

पाक: बीवी से औलाद नहीं तो खरीदी युवती

लाहौर : पाकिस्तान में बेटे की चाहत में 20 साल की युवती खरीदने वाला एक 55 साल का शख्स पकड़ा गया है. बताया जा रहा है कि दो शादी करने के बावजूद बेटा नहीं होने के चलते इस शख्स ने 20 साल की लड़की को खरीदा. मोहम्मद अली नामक इस शख्स को पहली शादी से अली की तीन बेटियां हैं, जबकि दूसरी बीवी से उसे कोई संतान नहीं है.

अली ने बेटे के लिए लाहौर के पास मामू कंजन से एक लाख बीस हजार में 20 साल की युवती को खरीदा था. अली ने युवती को खरीदने के बाद किराए के मकान में रखा. कुछ दिन पहले युवती ने इमरजेंसी नंबर 1122 पर फोन कर अली की शिकायत की. युवती का आरोप है कि अली ने उसे घर में कैद कर रखा है और उसका यौन उत्पीड़न करता है.

युवती ने पुलिस को बताया कि उसे खरीदने के लिए हुए सौदे के दौरान अली ने निकाह करने का वादा किया था. वहीं गिरफ्तार हो चुके अली ने पुलिस को बताया कि वो अपनी दूसरी बीवी से प्यारा करता है. बेटा होने के बाद वो युवती को छोड़ देता और बेटे को दूसरी पत्नी को सौंप देता.

'पूरी दुनिया में फैलाना है विश्वबंधुत्व का संदेश'

ब्रह्माकुमारी संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि की पुण्यतिथि पर शांतिवन में कार्यक्रम 

आयोजित, देश-विदेश से पहुंचे हजारों अनुयायी 


'पूरी दुनिया में फैलाना है विश्वबंधुत्व का संदेश'



 आबूरोड



ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि की छठवीं पुण्य तिथि रविवार को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके देश-विदेश से आए हजारों लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर स्व.दादी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी तथा पूरी दुनिया में विश्वबंधुत्व फैलाने का संदेश दिया। संस्थान के शांतिवन स्थित दादी के समाधि स्थल प्रकाश स्तंभ पर सवेरे साढ़े आठ बजे कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान शांतिवन परिसर में काफी संख्या में संस्था के अनुयायी दादी की यादों में कतार बद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था प्रमुख दादी जानकी ने कहा कि दादी ने उस समय माताओं बहनों को एक सम्मानजनक दर्जा दिलाया जब इस समाज में महिलाओं के अधिकारों की चर्चा तक नहीं थी। महिला प्रधान संस्था का प्रतिनिधित्व करते हुए पूरे विश्व में महिलाओं में आत्म सम्मान और नारी सशक्तिकरण का एहसास कराया। इस मौके अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी ह्रदमोहिनी तथा संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ने भी विचार व्यक्त करते हुए दादी को आदर्श जीवन वाला व्यक्तित्व बताया। कार्यक्रम में संस्था के महासचिव बीके निर्वेर, अतिरिक्त मुख्य सचिव बृजमोहन, रमेश, सूचना निदेशक करुण, ग्राम विकास प्रभाग की अध्यक्ष मोहिनी, कार्यकारी सचिव मृत्युंजय, मुन्नी समेत सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों व देश-विदेश से आए हजारों लोगों ने प्रकाश स्तंभ पर मौन रहकर श्रद्धांजलि दी।

डायमंड हॉल में हुआ आयोजन

श्रद्धांजलि सभा के बाद शांतिवन के डायमंड हॉल में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने स्मृति के संस्मरण सुनाए।

फूलों से सजा प्रकाश स्तंभ

दादी प्रकाशमणि की पुण्य तिथि के मौके पर प्रकाश स्तंभ को पूरी आकर्षक रूप से सजाया गया था। प्रकाश स्तंभ पर कोलकाता से आए कारीगरों ने सुंदर रूप दिया था, जो सभी के आकर्षण का केंद्र रहा।

शांति की दुनिया में तब्दील शांतिवन

संस्था के शांतिवन परिसर में सवेरे से ही हजारों की संख्या में होने के बावजूद लोग बिल्कुल शांति और मौन की भाषा में लवलीन रहे। चारो ओर शांति का माहौल था। पूरा वातारण आध्यात्मिक बना हुआ था। संस्था के सभी अनुयायी स्व.दादी को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रकाश स्तंभ पर पुष्प अर्पित कर रहे थे।

रावणा राजपूत समाज की प्रतिभाएं सम्मानित


रावणा राजपूत समाज की प्रतिभाएं सम्मानित 



गुडा बालोतान

कवराड़ा गांव में रविवार को रावणा राजपूत सेवा संस्थान सिलावटी ब्लॉक कवराड़ा के तत्वाधान में समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान भाद्राजून ढाणी स्थित कृष्णा गौशाला के महामंडलेश्वर संतोष भारती महाराज के सानिध्य में आयोजित हुआ। समारोह की अध्यक्षता एसडीएम रामचंद्र गरवा ने की। वही एसीबी पुलिस निरीक्षक जितेन्द्रसिंह मेड़तिया, परिवहन एओ विजयसिंह सिसोदिया, रावणा राजपूत समाज जिलाध्यक्ष मोहब्बतसिंह परिहार, समाज सेवी दलपतसिंह सांखला व रावणा राजपूत समाज तहसील अध्यक्ष हनुमानसिंह भाटी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।

प्रतिभावान सम्मान समारोह के दौरान अतिथियों ने सामाजिक उत्थान, राजनीति में समाज की भूमिका, समाज में स्वरोजगार, सामाजिक शिक्षा एवं समाज के संगठन को लेकर चर्चा की। वहीं एसीबी पुलिस निरीक्षक जितेन्द्रसिंह मेड़तिया ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के साथ समाज में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। परिवहन एओ विजयसिंह ने समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने वाले सम्मेलन का आयोजन कर शिक्षा, एकता व संगठन को मजबूत बनाने का आहवान किया। जिलाध्यक्ष मोहब्बतसिंह ने सामाजिक एकता को मजबूत करने का आहवान करते हुए राजनैतिक क्षेत्र में रावणा राजपूत समाज की भूमिका पर प्रकाश डाला। एसडीएम रामचंद्र गरवा ने कहा कि कोई भी समाज पूर्ण रूप से शिक्षित नहीं होगा, तब तक समाज का विकास आगे नहीं बढ़ सकता । शिक्षित समाज में ही प्रतिभाएं आगे आती है। समाज सेवी दलपतसिंह सांखला ने भी समाज के प्रति शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम समापन पर महामंडलेश्वर संतोष भारती महाराज ने समाज में नशा प्रवृत्ति को त्यागने की बात कही। भामाशाहों द्वारा समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सचिव किशनसिंह राठौड़, कवराड़ा सरपंच जयसिंह दहिया, मंगलसिंह भाटी रोड़ला, अचलसिंह सिसोदिया पादरली, सिलावटी ब्लॉक युवा अध्यक्ष शैतानसिंह राठौड़, प्रभुसिंह पंवार चुण्ड़ा, बाबूसिंह गुडा इन्द्रपुरा, जेठूसिंह पांचोटा, महेंद्रसिंह, नारायणसिंह, तुलसीसिंह, रतनसिंह सहित रावणा राजपूत समाज के गणमान्य लोग मौजूद थे।

राजस्थानी भाषा ही राजस्थानी संस्कृति की पहचान है।

राजस्थानी भाषा ही राजस्थानी संस्कृति की पहचान है।

साधू संतो और मातृ शक्ति ने राजस्थानी भाषा संकल्प हस्ताक्षर 

किये





मल्लीनाथ मंदिर की भूमि अतिक्रमण का आरोप





बाड़मेर. कोलू गांव में स्थित मल्लीनाथ मंदिर की जमीन पर किया गया अतिक्रमण।

कोलू गांव में स्थित मंदिर का मामला, ग्रामीणों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी 

 बाड़मेर 
उपखंड बायतु की ग्राम पंचायत कोलू में स्थित लोक देवता मल्लीनाथ मंदिर की जमीन पर अतिक्रमी काबिज हो गए। आस्था स्थल की दो बीघा जमीन पर कब्जा करने से लोगों में गुस्सा है। अतिक्रमियों को बेदखल करने के लिए ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासन को कई मर्तबा अवगत करवाया। बावजूद इसके कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने मंदिर की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है। ग्राम पंचायत कोलू मुख्यालय पर खसरा न. 367 पर लोक देवता मल्लीनाथ का मंदिर स्थित है। इस खसरे में दो बीघा जमीन राजस्व रिकार्ड में मंदिर के नाम दर्ज है। यहां पर एक सार्वजनिक धर्मशाला भी है। उक्त जमीन के चारो तरफ पटिट्यों की चारदीवारी कर रखी थी। बीते दिनों अतिक्रमियों ने पट्टियां को तोड़कर उक्त जमीन पर कब्जे कर दिए। केबिन व एक कमरे का निर्माण शुरू किया। इस पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए विरोध भी किया। इस पर अतिक्रमी नहीं माने तो ग्रामीणों ने पुलिस थाना बायतु व उपखंड अधिकारी बायतु को ज्ञापन सौंपकर आस्था स्थल से अतिक्रमियों को बेदखल करने की गुहार लगाई। इस पर बायतु पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो निर्माण कार्य जारी था। इस पर दोनों पक्षों को पाबंद किया गया। लेकिन दूसरे ही दिन अतिक्रमियों ने फिर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने फिर प्रशासन को अवगत करवाया। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमियों के हौसले बुलंद है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते प्रशासन ने अतिक्रमण नहीं हटाया तो आंदोलन किया जाएगा। 

कार्रवाई की जाएगी

॥मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत मिली है। इस मामले की जांच करवाई जा रही है। बायतु एसडीएम व तहसीलदार को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए जाएंगे। -अरूण पुरोहित, एडीएम बाड़मेर

॥मुझे पटवारी ने जानकारी नहीं दी है। यह मामला गंभीर है। इसकी जांच करके कार्रवाई की जाएगी। महावीर जैन, तहसीलदार बायतु

व्यक्तित्व निखारने का मंच है एनएसएस : सुथार

व्यक्तित्व निखारने का मंच है एनएसएस : सुथार 



बाड़मेर



एनएसएस एक ऐसा मंच है जो हमें खुद को और बेहतर समझने तथा निखारने का अवसर देता है। इस मंच के माध्यम से अपने व्यक्तित्व को निखारने का मौका मिलता है। यह उद्गार रविवार को महिला कॉलेज में एनसीसी शिविर के दौरान मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय उदयपुर के विभागाध्यक्ष व राष्ट्रीय सेवा योजना समन्यवक प्रो. सीआर सुथार ने व्यक्त किए।

बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सुथार ने कहा कि हर स्वयं सेविका को बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करना चाहिए। हमारा कर्तव्य बनता है कि हम किसी भी बच्ची को शिक्षा से वंचित नहीं होने दें। कॉलेज प्राचार्य डॉ. हुकमाराम सुथार ने कहा कि इस कॉलेज में एनएसएस इकाइयों ने राज्य और राष्ट्र स्तर पर अपने कार्यों की छाप छोड़ी है। हमें इस परम्परा को कायम रखते हुए आगे बढऩा है। इस अवसर पर डॉ. एनएस पंवार ने कहा कि हमें राष्ट्र उत्थान के लिए पूरे मन लगन से प्रयास करने होंगे। छात्रसंघ अध्यक्ष सोनू राठौड़ ने कहा छात्राओं को एनएसएस व युवा प्रकोष्ठ से जुड़ी गतिविधियों में भागीदारी निभानी होगी। कार्यक्रम अधिकारी प्रो. आरपी गुप्ता ने बताया कि आज के एक दिवसीय शिविर में छात्रों ने उत्साहपूर्ण भागीदारी निभाते हुए पूरे कॉलेज परिसर में स्वच्छता के कार्य को अंजाम दिया है। इस मौके पर स्वयं सेविकाओं ने कॉलेज परिसर में साफ-सफाई व पौधरोपण किया। प्रो. मुकेश पचौरी ने छात्राओं को मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए प्रेरित किया।

रविवार, 25 अगस्त 2013

जया, माधुरी को लच्छू महाराज अवॉर्ड

मुंबई। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जया बच्चन और धक धक गर्ल माधुरी दीक्षित को कला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित लच्छू महाराज पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।जया, माधुरी को लच्छू महाराज अवॉर्ड

शकुन्तला नीरूज संस्थान की डायरेक्टर कुमकुम आदर्श ने कहा कि जया को साल 2012 और माधुरी के 2013 के लिए लच्छू महाराज अवार्ड दिया जाएगा।


उल्लेखनीय है कि लच्छू महाराज अवार्ड कथक डांसर लच्छू महाराज की स्मृति में दिया जाता है। लच्छू महाराज का निधन वर्ष 1978 में हुआ था। यह पुरस्कार अब तक कुमकुम, आशा पारेख, जया प्रदा, श्री देवी और रेखा को दिया जा चुका है।


आपको बतादें यह अवार्ड हमेशा लच्छू महाराज के जन्मदिन 01 सितंबर को दिया जाता रहा है। हालांकि इस बार अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है।

मशाल की तरह जल उठता है बच्चा, क्या है वजह?

चेन्नई। यदि आपके पास बैठे आदमी के शरीर से अचानक आग की लपटें निकलने लग जाएं, इन लपटों से आसपास का सामान जल जाए... तो आप क्या सोचेंगे ? हॉलीवुड की फिल्मों में तो ऎसा देखने को मिलता है, लेकिन तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में ऎसा वास्तविकता में हो रहा है। यह है महज तीन माह उम्र का बच्चा राहुल, जिसके शरीर से अचानक आग निकलने लगती है। हाल ही जब वह अपनी ही लपटों में झुलसा तो यह मामला सामने आया। कहने को इसे स्पॉन्टेनियस ±यूमन कॉम्बुस्शन बीमारी बताया जा रहा है, लेकिन चिकित्सा विज्ञान के लिए यह अब भी अनसुलझी गुत्थी बनी हुई है। बीमारी की विलक्षणता ऎसी है कि पिछले तीन सौ सालों में महज 200 ऎसे मामले सामने आए। मशाल की तरह जल उठता है बच्चा, क्या है वजह?
इस तरह के अन्य केस

-डॉक्टरों का कहना है कि यह केस अपने आप में अनोखा है। पिछले तीन सौ साल में 200 केस देखने को मिले हैं। 1980 में ऎसा ही केस साउथ वेल्स में देखने को मिला जब 73 वर्षीय हैनरी थॉमस की लाश लिविंग रूम में मिली। उसका पूरा शरीर जला हुआ था केवल उसकी खोपड़ी और उसके घुटने के नीचेे का हिस्सा बचा हुआ था। उसने पैरों में जुराब पहन रखी थी। साथ ही जिस कुर्सी पर वह बैठा था वह भी आधी जली हुई थी।

-2011 में बीबीसी ने एक रिपोर्ट में दिखाया था कि आयरलैंड के 76 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत इसी बिमारी की वजह से हो गई है। इस तरह का केस आयरलैंड का पहला केस था। उसका जला हुआ शव किचन में मिला था।

-वहीं भारत का एक डॉक्टर भी कह रहा है उसने भी करीब 20 साल पहले एक केस देखा जिसमें 23 वर्षीय युवक का शरीर अपने आप जलने लगता था। लेकिन यह केस कहीं दर्ज नहीं है।

क्या होती है स्पॉन्टेनियस ±यूमन कॉम्बुस्शन बीमारी

अभी इस बीमारी को लेकर पूरे विश्व में रिसर्च चल रहा है, लेकिन कोई भी इसको परिभाषित नहीं कर पाया है। असलियत में यह आग क्यों पकड़ने लगती है। इसको लेकर डॉक्टरों में संशय बरकरार है। डॉक्टरों का कहना है कि हर व्यक्ति के खून में एक एल्कोहल की मात्रा होती है। जिसकी मात्रा बढ़ने पर शरीर में एक विशेष तरह की आग पकड़ने वाली गैस बनती है। जिसके कारण शरीर से आग की लपटें निकलती हैं। और शरीर के पास मौजूद आग पकड़ने वाली चीजें और कपड़े आग पकड़ लेते हैं। अभी तक इस गैस के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो पाई है।


डॉक्टरों का मत
जहां विश्व में चिकित्सा विज्ञान ने इतनी उन्नती कर ली है, वहीं डॉक्टर इस विशेष तरह की बिमारी के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं कर पाए हैं। राहुल की बीमारी से पल्ला झाड़ते हुए डॉक्टरो ने उसके परिजनों को एहतियात बरतने की सामान्य हिदायतें देकर डिसचार्ज कर दिया है। अभी डॉक्टरों ने बच्चे के परिजनों को कहा है कि वे शिशु को ठंडी जगह पर रखें। शिशु को जल्दी आग पकड़ने वाली चीजों से दूर रखें।

बाड़मेर चोर की बीच चौराहे महिलाओ ने चप्पलो से की धुनाई


बाड़मेर चोर की बीच चौराहे महिलाओ ने चप्पलो से की धुनाई

बाड़मेर राजस्थान के बाड़मेर शहर में देर शाम शहर के सबसे बड़े सर्कल पर तीन चार महिलाओ ने मिलकर एक चोर की जमकर धुनाई की उसके बाद जो कुछ भी हुआ उसे देख कर हर कोई चोक्कना रह गया कि आिर हो क्या रहा है करीब बीस मिनट तक इस चोर की बारी बारी से महिलाओ ने चप्पलो थपडो और उसकेबाद भूसे मार मार कर पिटाई क डाली जब लोगो ने बीच बचाव किय तो महिलाए रुक रूककर चप्पले सेपिटाई करता रही आप खुद देखिए फुटेज में किस तरह एक महिला चोर को पकड रही तो दो महिलाए चप्पलो से बार बारी से मार रही है उसे बाद देखिए जब लोग बीच बचामें आ रहे है तो किस तरह से रुकरूककर धुनाई कर रही है यह पड़ा र पर चप्पल ,तो यह पड़ा गाल पर चाटा तो यह पड़ा पीठ पर चप्पल इस तरह यह ड्रामा करीब बीस मिनट चलता रहा और देखते ही देखते बीच सर्कल पर दर्जनों लोगो की भीड़ जमा हो गई युवक के बाल व कपड़े पकड़े महिलाओं ने युवक को जूतों े जमकर धोया। दरअसल युवक ने इन महिलाओ के घरो से कुछ रोज पूर्व बकरिया चुरा ली थी, जिसके बाद ये महिलाएं जब रविवार को सिणधरी चौराहे पर पहुंची तो युवक से मुलाकात हो गई। महिलाओं ने आव देखा न तांव अपने पैर से जूते निकाले और बीच चौराहें पर युवक पर टूट पड़ी। महिलाओं ने युवक की जमकर पिटाई की। इस बीच कुछ लोग बीच बचाव को भी आए लेकिन आक्रोशित महिलाओं को रोक नहीं पाए। जब लोगों ने रोकने की कोशिश भी की तो बचाव करने वाले लोगों के भी एक दो जूते मार डाले। आखिरकार पंद्रह-बीस मिनट तक चले इस ड्रामे के बाद कुछ लोग बीच बचाव को लेकर आए और महिलाओं के चुगल से युवक को छुड़ाया। युवक जैसे ही महिलाओं के चुगल से छूटा तो पतली गली नापी और भाग छूटा। ऐसे नजारे को देख लोगों में चर्चाओं का माहौल गर्मा गया। युवक का गुनाह था कि उसने चोरी थी, ऐसे में महिलाओं ने उसे सबक सिखाते हुए बीच चौराहे पर जमकर धुनाई कर दी।

सिवाना तालाब में डूबा युवक ....


तालाब में डूबा युवक ....... 

सिवाना से जितेन्द्र जांगिड की रिपोर्ट.. 

सिवाना। निकटवर्ती मुठली गाँव के गंवाई तालाब में स्नान करने गया एक युवक की डूब गया। प्रत्यक्ष दर्शियो के अनुसार अकाराम पुत्र राणाराम जाति भील आयु सैतीस वर्षदोपहर करीब ढाई बजे अपने मित्र के साथ तालाब पर नहाने के लिए गया था। इसी बीच उसका पैर फिसल गया और वह तालाब में जा गिरा ।तैरना न आने के कारण वह गहरे पानी में डूब गया। खबर मिलते ही ग्रामीण भारी संख्या में वहां पहुंचे और गटना की सुचना पुलिस को दी। आनन फानन में पुलिस और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। गोताखोरो को शव खोजने के लिए लगाया गया। सूर्यास्त के बाद भी शव खोजा नही जा सका।अँधेरा होने और प्रकाश की व्यवस्था ना होने के कारण शव तलाशने का काम रोक दिया गया। खबर लिखे जाने तक उपखंड अधिकारी गोमती शर्मा, तहसीलदार और पुलिस के जवानों सहित ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर मौजूद थी। अब सुबह शव की तलाश की जाएगी।

स्व.चौधरी चरण सिंह एवं स्व.महाराजा जयसिंह की प्रतिमा का अनावरण



नई दिल्ली, उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने स्व.चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का एवं मोती डगरी पार्क में स्व.महाराजा जयसिंह की प्रतिमा का अनावरण किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय खेल एवं युवा मामले ( स्वतंत्र प्रभार ) एवं रक्षा राज्यमंत्री श्री जितेन्द्र सिंह, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री आर.पी.एन.सिंह, केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री नमोनारायण मीणा, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री लाल चंद कटारिया तथा प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री एमादुद्दीन अहमद खा,ॅ सांसद श्री जयन्त चौधरी, पूर्व सांसद श्री विश्वेन्द्र सिंह, बीस सूत्री कार्यक्रम राज्यस्तरीय आयोजना एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ.करण सिंह यादव, जिला प्रमुख श्रीमती साफिया जुबेर, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष श्री प्रदीप आर्य, नगर परिषद की सभापति श्रीमती कमलेश सैनी,बीस सूत्री कार्यक्रम के जिला उपाध्यक्ष श्री रोहिताश चौधरी, राजस्थान राज्य बीज निगम के अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र राठौड, राजस्थान प्रान्यास मण्डल के अध्यक्ष श्री कृष्ण मुरारी गंगावत, मेवात विकास परिषद के अध्यक्ष हाजी उस्मान खॉ, विधायक श्री सूरज मल धानका, श्री टीकाराम जूली, पूर्व विधायक श्री जुबेर खॉ,श्री महेन्द्र शास्त्री, श्री महिपाल यादव, श्री जौहरी लाल मीणा, श्री अशोक दीक्षित सहित जिला कलक्टर श्री आर.एस.जाखड, जिला पुलिस अधीक्षक श्री ओम प्रकाश सहित अनेक जन प्रतिनिधि एवं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

प्रेम का अभाव भूलों को माफ नहीं करने देता- साध्वी प्रियरंजना



प्रेम का अभाव भूलों को माफ नहीं करने देता- साध्वी प्रियरंजना

बच्चों का पांचवा रविवारीय षिविर सम्पन्न

बाड़मेर 25.08.2013

थार नगरी बाड़मेर में श्री जिनकानितसागर सूरी आराधना भवन में चातुर्मासिक विराजित साध्वीवर्या प्रखरव्याख्यात्री श्री प्रिय रजना श्री जी मसा ने अपने 35 वें दिन प्रवचन माला में कहा कि यदि मन सदगुण वासित नही ंतो सुख का कोर्इ अनुभव नहीं और मन यदि दुर्गण वासित नही ंतो सकलेष का कोर्इ अनुभव नहीं। मन को सदगुणों से वासित करने के लिए क्या करें इसके लिए तीन सुंदर उपाय है -

प्रथम उपाय बुरा भुलना सीखों मनुष्य दु:खी है दुध्र्यानग्रस्त है दोषीत है इसके अनेक कारणों में से एक कारण यह है कि कटु अनुभवों को याद रखने मनुष्य बहुत ताकतवर बना है भले ही दस वर्ष पहले किसी ने उसका अपमान किया हो आज भी उसे वह उसे बराबर याद है। व कटु अनुभव उसके स्मृति पटल पर बराबर अंकित है भले ही तीन वर्ष पहले की ठण्ड में हैरान परेषान हुआ हो तो आज भी उस ठण्ड में चमक उसके दिमाग में बराबर सायी हुर्इ है। वर्तमान सुखद है अनुकुल है संतोषप्रद है उसके बावजूद मनुष्य दु:खी है भूतकाल के कटू अनुभवों की स्मृति के कारण। कटु स्मृति मनुष्य को न तो स्वस्थ रहने देती है न ही प्रसन रहने देती है न तो सामने वाले व्यकित के साथ प्रेममय व्यवहार करने देती है न ही उस व्यकित को क्षमा प्रदान करने देती है। स्मृति यह शायद वरदान है परन्तु विस्मृति र्इष्वरीय देन है स्मृति शायद सम्पति है परन्तु विस्मृति तो ज्वाहरात है स्मृति शायद चना है परन्तु विस्मृति तो बादाम है।

वास्तव में प्रत्येक क्षण जीवन नया है पुरानें नाम के आधार पर यदि जीवन जीने जाये तो भाग्य दु:ख एंव हताषा के अलावा दुसरा मिलेगा भी क्या। भूतकाल को भी निर्णायक बनाकर वर्तमान में जीवन जीया जाये तो वेदन एवं व्यथा के सिवाया दुसरा अनुभव भी होगी क्या ? जीवन गतिषील है उपर से नीचे की ओर आ रहे पत्थर के समान जीवन प्रवाहषील है सागर की ओर जा रही नदी के समान जीवन परिवर्तनषील है सतत रंग बदल रहे है गिरगिट के समान एसें स्थायी जीवन को कटु स्मृतियों के संग्रह द्वारा दु:खद त्रासदायक एवं सकलेषकारक बना देने की भुल हमें हरगिज नहीं करनी चाहिए।

जीवन को सदगुणों से सुवासित करने का दुसरा उपाय है सभी को साथ में रखना सीखोर्ं। पे्रम पूर्ण हदय होता है दूध में डाले गये थोड़े जामन के समान जिस प्रकार दूध को दही में रूपानितरित कर देता है उसी प्रकार जिन संबंधों का आधार प्रेम होता है वे संबंध जमें बिना नहीं रहते। जबकि द्वेषपूर्ण हदय होता है दूध में डालते एसिड के समान दूध में दो तीन एसिड की बूंदे डालते ही जिस प्रकार दूध को फाड़ देती है उसी प्रकार संबंधों में शामिल होने वाले द्वेष वर्षो पुराने मीठे संबंधों की होली सुलगाकर ही रहता है प्रेम का अभाव सामने वाले की भुलों को माफ नहंी करने देते है। जबकि अंहकार का प्रभाव स्वयं की भूलों को कबूल नहीं करने देता है।

तीसरा उपाय - भगवान में समा जाना चाहिए समर्पण रेगिस्तान में जाती नदी जैसा ही है परन्तु सागर में समा जाती नदी जैसा है भगवान में समा जाने का र्इनाम है अपने समस्त क्षु्रदता समाप्त हो जाये और प्रभु की समस्त महानता हमें मिल जाये अपने समस्त दोष नष्ट हो जायें और प्रभु के समस्त गुण अपने हो जाये अपने समस्त दु:ख विलीन हो जाये और प्रभु के समस्त सुख हमारे हो जायें।

जीवन जीने की तीन जड़ीबूटिया है

1. दुखी व्यकित की दुआ लेना सीखों दुसरों के दु:खों को दूर करने से दुआ मिलती है।

2. जीवन में संतो का आषीर्वाद लेना सीखोर्ं। इसके लिए पाप कम करेंगें तो पाप मिलेगा।

3. परमात्मा की कृपा लेना सीखो पाप की प्रवृति से निवृति लेगें तभी परमात्मा का अनुग्रह होगा।

साध्वी प्रिय दिव्याजना जी ने कहा कि द्रव्य प्राण हमारा भाव प्राण पर ही टिका हुआ है भाव प्राण का मतलब आंतरिक जीवन सुखमय शातिमय एवं निर्मल होना। केवल प्रषनल्टी अच्छी होने से आपकी आत्मा का कल्याण नहीं हो सकता है दुखी व्यकित की दुआ से उम्र बढती है तन-मन धन सहायता करों उसकी दुआ से हमारा भव सुधरेगा। भीखारी का तिरस्कार मत करेां उसकी दुआ से सुहाग अमर रहेगा। संतो का आषीर्वाद सिंतामयी रत्नों से बढकर है।

बच्चों का रविवारीय षिविर सम्पन -

खरतरगछ चतुर्मास कमेटी के अध्यक्ष मांगीलाल मालू एवं भूरचंद संखलेषा ने बताया कि स्थानीय आराधना भवन में साधवीवर्या प्रियरजना श्री मा सा की पावन प्रेरणा से एवं साध्वी प्रिय दिव्याजना एवं साध्वी प्रिय शुभाजना के सानिध्य में बच्चों का पांचवा रविवरीय षिविर सम्पन्न हुआ। साध्वी जी ने षिविर में बच्चों को सुसंस्कार के साथ पानी का अपव्यय नहीं करें इसमें जीव जन्तुओं की हत्या से आषातना होती है इससे हमारा पर्यावरण गड़बड़ा जाता है प्रदूषित वातावरण बनता है अनछना पानी नहीं पीना चाहिए। इसके साथ मंदिर विधि,जूठा भोजना, धार्मिक पाठषाला, इत्यादि के बारे में विस्तार से समझाया। आज षिवरार्थी बच्चों के एकासना की व्यवस्था एवं प्रभावना की व्यवस्था संघ की ओर से थी। षिविर में अध्यक्ष मागींलाल मालू, उपाध्यक्ष भूरचंद संखलेषा, सोहन अरटी, बाबूलाल छाजेड़, पारसमल मेहता, मदनलाल बोथरा, विरचंद भंसाली, खेतमल तातेड़, उदयगुरू सहित षिविर में सेवाएं दी।

बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि साध्वी वर्या की पावन प्रेरणा से अक्षय निधि तप, समोवसरण तप सहित आयमिबल, लड़ी तेला तप, सहित पूज्य साध्वी वर्या प्रिय रजना श्री जी के आयमिबल की तपास्या नियमित रूप स चल रही है।

साधू संतो और मातृ शक्ति ने राजस्थानी भाषा संकल्प हस्ताक्षर किये


राजस्थानी भाषा ही राजस्थानी संस्कृति की पहचान है।

साधू संतो और मातृ शक्ति ने राजस्थानी भाषा संकल्प हस्ताक्षर किये




अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के तत्वाधान में संकल्प पखवाड़े के तहत रविवार को संकल्प हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। हस्ताक्षर अभियान में बाड़मेर के लोगो ने विशेष कर मातृ शक्ति ,ने उत्साह और संकल्प के साथ हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता पुरजोर तरीके से उठाई। रविवार को साधू संतो और मातृ शक्ति ने राजस्थानी भाषा के लिए संकल्प हस्ताक्षर कर अभियान को गति दी।

इस अवसर स्वामी प्रताप पूरी जी महाराज ने कहा की राजस्थानी अत्यन्त मिठास एवं सम्मान के भाव की भाषा है। हमारी पीढ़ीयों का लोक शिक्षण राजस्थानी भाषा में हुआ है। ऐसी सुन्दर भाषा की संवेधानिक मान्यता आवश्यक है। राजस्थानी राजस्थान के अलावा अन्य प्रान्तों में भी बोली जाती है। महाराणा कुंभा ने रसिक प्रिया टीका राजस्थानी में लिखी। इसी तरह मारवाड़ के लेखकों ,कवियों और साहित्यकारों ने आदिकाल से आधुनिक काल से राजस्थानी भाषा लेखन को समृद्व करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई।


इस अवसर पर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने कहा की राजस्थानी भाषा राजस्थान के लोगो की मातृभाषा होने के साथ ही राजस्थानी संस्कृति की पहचान है। भाषा लोगो को बान्धे रखती है भाषा ही संस्कृति को आगे ले जाती है और भाषा के बिना राजस्थान की संस्कृति की कल्पना बेमानी है। भाटी ने बताया कि राजस्थानी को आठवी अनूसूची मे जोडने हेतु 25 अगस्त 2003 को विधानसभा में सकल्प प्रस्ताव पास किया गया। जिसे दस साल आज पूर्ण हो गए। दस सालो से राजस्थानी भाषा को मान्यता का मामला संसद में अटका हें।



श्रीमती वर्षा राठी ने कहा की आठवी अनुसूची में जुडने से प्रदेश के बच्चो को राजस्थानी तृतीय भाषा के रूप में लेने की सुविधा मिल जाएगी। भारतीय प्रशासनिक सेवा मे भी हिन्दी अग्रेजी के अलावा राजस्थानी भी माध्यम होगा। प्रदेश के सांसद विधायको को भी राजस्थानी मे शपथ लेने व संवाद की सुविधा मिल सकेगी। इस अवसर पर जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ,इन्द्र प्रकाश पुरोहित रमेश सिंह इन्दा ,दिग्विजय सिंह चुली,स्वामी सत्यशील ,स्वामी अवधेश ,सवाई चावड़ा ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,अनवर सिंह बन्धडा ,कैलाश जायडू , वर्षा राठी ,सुधा डांगरा ,बसंती तापडिया ,श्यामा सोनी ,रुख्मानी मूंदड़ा ,कौशल्या चंडक ,ओम प्रकाश त्रिवेदी सहित समिति के कई थे