रविवार, 25 अगस्त 2013

मशाल की तरह जल उठता है बच्चा, क्या है वजह?

चेन्नई। यदि आपके पास बैठे आदमी के शरीर से अचानक आग की लपटें निकलने लग जाएं, इन लपटों से आसपास का सामान जल जाए... तो आप क्या सोचेंगे ? हॉलीवुड की फिल्मों में तो ऎसा देखने को मिलता है, लेकिन तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में ऎसा वास्तविकता में हो रहा है। यह है महज तीन माह उम्र का बच्चा राहुल, जिसके शरीर से अचानक आग निकलने लगती है। हाल ही जब वह अपनी ही लपटों में झुलसा तो यह मामला सामने आया। कहने को इसे स्पॉन्टेनियस ±यूमन कॉम्बुस्शन बीमारी बताया जा रहा है, लेकिन चिकित्सा विज्ञान के लिए यह अब भी अनसुलझी गुत्थी बनी हुई है। बीमारी की विलक्षणता ऎसी है कि पिछले तीन सौ सालों में महज 200 ऎसे मामले सामने आए। मशाल की तरह जल उठता है बच्चा, क्या है वजह?
इस तरह के अन्य केस

-डॉक्टरों का कहना है कि यह केस अपने आप में अनोखा है। पिछले तीन सौ साल में 200 केस देखने को मिले हैं। 1980 में ऎसा ही केस साउथ वेल्स में देखने को मिला जब 73 वर्षीय हैनरी थॉमस की लाश लिविंग रूम में मिली। उसका पूरा शरीर जला हुआ था केवल उसकी खोपड़ी और उसके घुटने के नीचेे का हिस्सा बचा हुआ था। उसने पैरों में जुराब पहन रखी थी। साथ ही जिस कुर्सी पर वह बैठा था वह भी आधी जली हुई थी।

-2011 में बीबीसी ने एक रिपोर्ट में दिखाया था कि आयरलैंड के 76 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत इसी बिमारी की वजह से हो गई है। इस तरह का केस आयरलैंड का पहला केस था। उसका जला हुआ शव किचन में मिला था।

-वहीं भारत का एक डॉक्टर भी कह रहा है उसने भी करीब 20 साल पहले एक केस देखा जिसमें 23 वर्षीय युवक का शरीर अपने आप जलने लगता था। लेकिन यह केस कहीं दर्ज नहीं है।

क्या होती है स्पॉन्टेनियस ±यूमन कॉम्बुस्शन बीमारी

अभी इस बीमारी को लेकर पूरे विश्व में रिसर्च चल रहा है, लेकिन कोई भी इसको परिभाषित नहीं कर पाया है। असलियत में यह आग क्यों पकड़ने लगती है। इसको लेकर डॉक्टरों में संशय बरकरार है। डॉक्टरों का कहना है कि हर व्यक्ति के खून में एक एल्कोहल की मात्रा होती है। जिसकी मात्रा बढ़ने पर शरीर में एक विशेष तरह की आग पकड़ने वाली गैस बनती है। जिसके कारण शरीर से आग की लपटें निकलती हैं। और शरीर के पास मौजूद आग पकड़ने वाली चीजें और कपड़े आग पकड़ लेते हैं। अभी तक इस गैस के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो पाई है।


डॉक्टरों का मत
जहां विश्व में चिकित्सा विज्ञान ने इतनी उन्नती कर ली है, वहीं डॉक्टर इस विशेष तरह की बिमारी के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं कर पाए हैं। राहुल की बीमारी से पल्ला झाड़ते हुए डॉक्टरो ने उसके परिजनों को एहतियात बरतने की सामान्य हिदायतें देकर डिसचार्ज कर दिया है। अभी डॉक्टरों ने बच्चे के परिजनों को कहा है कि वे शिशु को ठंडी जगह पर रखें। शिशु को जल्दी आग पकड़ने वाली चीजों से दूर रखें।

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