शनिवार, 13 जुलाई 2013

सिवाना विधानसभा क्षेत्र में सुराज संकल्प यात्रा

सिवाना विधानसभा क्षेत्र में सुराज संकल्प यात्रा

सिवाना से जितेन्द्र जांगिड की विशेष रिपोर्ट..........


भाजपा की प्रदेशाध्यक्षा वसुंधरा राजे सिंधिया अपनी सुराज संकल्प यात्रा के अंतर्गत 19जुलाई को सिवाना में विशाल जनसभा को सम्बोधित करेगी। इसकी तेयारिया जोर शोर से जारी है। भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष गजपालसिंह राठोड को इसका प्रभारी बनाया गया है। राठोड पिछले दो दिनों से सिवाना में ही है और विविध गाँवो में जनसभाए कर रहे है।वे लोगो से मिलकर सरकार की गलत नीतियो के बारे में बता रहे है ।साथ ही लोगो को अधिक से अधिक संख्या में जनसभा में पहुँचने का भी न्योता दे रहे है। साथ ही मेजर मानवेन्द्रसिंह भी इस दौरे पर नजर बनाये हुए है।सिवाना छात्रसंघ के कार्यकर्ताओ का भी तूफानी जनसंपर्क और बेठको का दौर जरी है। इसी क्रम में लोगो की नब्ज टटोलने पर पता चला कि सिवाना की जनता भी इस यात्रा में काफी रूचि ले रही है और राजे को सुनने के लिए 19तारीख का इंतजार कर रही है ।ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जनसभा में 20-25हजार लोग शरीक होंगे । यही कारण है कि जनसभा के लिए विशाल मैदान का चयन किया गया है। समय समय पर आला नेता पूर्व तेयारियो का जायजा ले रहे है ।शहर की हर दुकान ,हर घर में न्योता देने का लक्ष्य बनाया है। इसको लेकर भाजयुमो मंडल अध्यक्ष सोहनसिंह भायल, भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य संदीप सांखला,भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष यासीन पठान,भाजयुमो नगर अध्यक्ष राजेश जोशी,नगर महामंत्री मनोज रामदेव,सिवाना छात्रसंघ अध्यक्ष जितेन्द्र जांगिड,पदमसिंह देवड़ा सहित कई कर्यकर्ता जोर शोर से जुटे हुए है।।...

"भोजन की गारंटी"बनेगा"ट्रम्प कार्ड"

"भोजन की गारंटी"बनेगा"ट्रम्प कार्ड"

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी शासित राज्यों से कहा कि वे खाद्य सुरक्षा योजना जस की तस लागू करें। सोनिया ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस योजना के कार्यान्वयन के बारे में चर्चा की, जिसके तहत 82 करोड़ लोगों को सस्ता अनाज मुहैया कराया जाएगा। कांग्रेस का मानना है कि यह योजना चुनाव में उसके लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकती है।

कांग्रेस की रणनीति अपने राज्यों में इस योजना को जल्द लागू करने के साथ-साथ उन राज्यों के वोटरों तक भी संदेश पहुंचाने की है, जहां विपक्षी दलों की सरकार है। इसी साल नवंबर महीने में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर योजना की शुरूआत दिल्ली से 20 अगस्त को की जाएगी। इसी दिन हरियाणा में भी योजना लागू हो जाएगी। 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्मदिन पड़ता है। दिल्ली में यह योजना दो चरणों में लागू होगी।

कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी विपक्षी दलों से है,इन दलों ने अध्यादेश लाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि मानसून सत्र से ठीक पहले अध्यादेश लाना उचित नहीं है। कांग्रेस खाद्य सुरक्षा योजना को पांच राज्यों में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों तथा अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों में एक बडी उपलब्धि के रूप में भुनाने के प्रयास में है। यह देखते हुए वह चाहती है कि इसे पार्टी शासित राज्यों में तो जल्दी से जल्दी लागू कर दिया जाए। दरअसल, मनरेगा की तरह खाद्य सुरक्षा योजना को भी चुनावी कार्ड की तरह इस्तेमाल करने की योजना है।

कांग्रेस के भीतर इस तरह की आशंका भी व्यक्त की जा रही है कि विपक्ष शासित राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के क्रियान्वयन में ज्यादा उत्साह न दिखाएं। वैसे कई गैर कांग्रेस राज्य सरकारें अपनी ओर से पहले से ही गरीबों को कम दरों पर अनाज उपलब्ध करा रही हैं। लेकिन अध्यादेश आने के बाद यह लोगों का अधिकार बन गया है।

कांग्रेस यह योजना बना रही है कि देश भर में कार्यकर्ताओं को इस योजना के बारे में लोगों को बताया जाए। इसके तहत उसके प्रवक्ता राज्यों में जाकर प्रदेश इकाइयों और मीडिया को अध्यादेश के प्रावधानों के बारे में जानकारी देंगे। सरकार के चुनावी वर्ष में योजना लाने पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर कांग्रेस का कहना है कि उसने अपने 2009 के चुनाव घोषणा पत्र में इसका वादा किया था और उसी को पूरा करने के लिए विधेयक और अध्यादेश लाया गया है।

कांग्रेस यह कह रही है कि इस अध्यादेश से उन राज्यों को भी फायदा होगा जो पहले से इस तरह की योजना चला रहे हैं, क्योंकि उन्हें कम दर पर केन्द्र से खाद्यान्न मिलेगा और इससे उनकी खाद्य सब्सिडी कम हो जाएगी जिससे वे बचा हुआ धन अन्य योजनाओं में लगा सकेंगे। अध्यादेश के तहत चावल तीन रूपए किलो, गेहूं एक रूपए तथा मोटा अनाज एक रूपए किलोग्राम उपलब्ध कराया जाना है। इससे देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी तथा 50 प्रतिशत शहरी आबादी को फायदा होगा।

राजस्थान: छात्रवृतियों के लिए भरें आवेदन

राजस्थान के समस्त राजकीय एवं मान्यता प्राप्त राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से सत्र 2013-14 हेतु विभिन्न छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन पत्र आमन्त्रित किये गये हैं।Fill out the application before the closing date for fellowships
कालेज शिक्षा निदेशालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवश्यकता एवं योग्यता छात्रवृत्ति, महिला योग्यता छात्रवृत्ति, उर्दू छात्रवृत्ति, राजनीतिक पीड़ितों व स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को देय छात्रवृत्ति, मृतक राज्य कर्मचारियों के बच्चों को देय छात्रवृत्ति, भारत पाक व चीन युद्ध में मृतक, अपंग सैनिकों की प्रतिभावान पुत्रियों को देय छात्रवृत्ति, ललित कला छात्रवृत्ति एवं राजस्थान के पूर्व सैनिकों की प्रतिभावान पुत्रियों को देय छात्रवृत्ति के लिए महाविद्यालय व विद्यालयों में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 26 जुलाई 2013 निर्धारित की है।

संस्था प्रधान व महाविद्यालय तथा विद्यालयों द्वारा निदेशालय या जिला नोडल अधिकारी को छात्रवृत्ति आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई रखी गई है।

वसुंधरा राजे की सभा से पहले फुट आई नज़र



सुराज संकल्प यात्रा बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में कोई धनि धोरी नहीं


वसुंधरा राजे की सभा से पहले फुट आई नज़र


बाड़मेर चार दिन बाद बाड़मेर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी महत्वपूर्ण सुराज यात्रा लेकर बाड़मेर आ रही हें .बाड़मेर जिले की सात विधान सभा क्षेत्रों में से छ पर बेहतरीन तैओयरि चल रही हें वहीं बाड़मेर विधान सभा सीट पर होने वाली सभा को लेकर भाजपा की गुट बाज़ी सामने आई हें .मंगलवार को सुराज यात्रा बाड़मेर पहुंचेगी .भाजपा के आधा दर्जन उम्मीदवार हें इस सीट पर .पर कोई सुराज यात्रा को लेकर गंभीर नहीं हें .कहने को सेठ प्रतासियों ने वसुंधरा राजे के साथ अपने फोटो लगा कर होर्डिंग जरुर लगा लिए मगर ग्रामीण क्षेत्रों से भाजपा समर्थक लोगो को सभा स्थल तक लाने के इंतजामात कोई नहीं कर रहा .हर कोई खर्चे के दर से तैयारियो को अंजाम नहीं दे रहा .कहने को भाजपा एक जुट हें .मगर सुराज यात्रा के निमंत्रण के नाम पर नेता फोटो खिचवा कर अखबारों में जरुर दे रहे हें ,मगर धरातल स्तर पर व्यवस्था कोई नहीं कर रहा .कार्यकर्ता संभावित उम्मीदवारों के खेमे में बनते नज़र आ रहे हें .शहर में लग ही नहीं रहा की चार दिन बाद वसुंधरा की सभा होने वाली हें .होर्डिंग लगाने भर से भीड़ नहीं जुटती शायद हवाई नेता यह नहीं जानते .लोगो को सभा स्थल तक लाने के सारे जातां करने होते हें .भाजपा की कार्यकारिणी के लोग भी खामोश हें .पार्टी के वफादार कार्यकर्ता चुप हें .उन्हें यह पीड़ा सता रही हें की वसुंधरा राजे की सभा में गुटबाजी के कारन कोई खलल ना पद जाए .संभावित उम्मीदवार एक दुसरे को फ़ैल करने के चक्कर में सुराज यात्रा की सभा की बलि लेने की तयारी में हें .

थाने की बेटी मुस्कान का महेश्वरी स्कूल में प्रवेश



गूँज आपकी '' आवाज हम सब की''

थाने की बेटी मुस्कान का महेश्वरी स्कूल में प्रवेश

जयपुर ठाणे की बेटी बेबी मुस्कान जो कि अब तक कोतवाली थाना र्इन्चार्ज पुष्पेन्द्र सिंह जी एवं स्टाफ की निगरानी में षिक्षा प्राप्त कर रही थी और इस खबर को सम्मानीय मिडिया दैनिक भास्कर ने समाज के सामने उठाया एवं इसी खबर को हम गूँज आपकी आवाज हम सब की के सदस्यों ने एक मंच बनाकर फेसबुक के द्वारा समाज के सामने लाए तभी माहेष्वरी समाज के अध्यक्ष ओमप्रकाष डरगर, सचिव सुभाष सिंघी, षिक्षा सचिव नटवर मालपानी, माहेष्वरी गल्र्स पबिलक स्कूल सचिव गोपाल लाल मालपानी, टे्रजरी केदार भल्ला, स्कूल प्रिंसिपल अनिल राठी के सहयोग से बेबी मुस्कान की कक्षा बारहवीं तक की षिक्षा एवं स्कूल गणवेष एवं पुस्तकों की व्यवस्था माहेष्वरी सीनियर सैकण्डरी गल्र्स स्कूल चौड़ा रास्ता में की जा रही है। इस नेक कार्य के लिए हम गूँज आपकी ''आवाज हम सब की'' के सदस्य मयूर तिवारी, राजीव अवस्थी लोटवाड़ा, माहेष्वरी समाज का हृदय से अभिवादन करते हैं।

इंफेक्‍शन और डायरिया की वजह बन सकते हैं बाजार में बिकने वाले ज्‍यादातर कंडोम!

नई दिल्ली. अगर आप गर्भ निरोधक उपाय के तौर पर कंडोम का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए खतरे की घंटी बज चुकी है।

पुणे में एक शोध में यह बात सामने आई है कि बाजार में मशहूर 12 कंडोम के ब्रैंड्स में से 3 खतरनाक हैं। इन कंडोम के इस्तेमाल से आपको त्वचा की खतरनाक बीमारी और डायरिया तक हो सकता है।




सरकार करती है, जिस कंडोम का प्रचार वह है खतरनाक

पुणे के यशवंत राव मोहिते, भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी के पांच छात्रों ने असिस्टेंट प्रोफेसर भारत बलाल की अगुवाई में किए गए शोध में पाया है कि जिन कंडोम में गड़बड़ी पाई गई है कि उनमें एक सरकार द्वारा प्रचारित प्रसारित किए जाने वाला लाल रंग का कंडोम ब्रैंड है। इसमें बैसिलस एंथ्रैसिस पाया गया है जो होमोसेक्सुअल के बीच पाया जाता है। इसे पॉपुलेशन सर्विस इंटरनेशनल, इंडिया बड़े पैमाने पर बांटता है।
कंडोम दे रहे हैं निमोनिया और डायरिया जैसी बीमारियों को न्योता

पुणे में शोध करने वाले प्रोफेसर बलाल ने बताया कि उनकी स्टडी में यह बात सामने आई है कि कंडोम में ऐसे जीवाणु पाए गए हैं, जिनसे क्यूटिनस एंथ्रैक्स (त्वचा का खतरनाक संक्रमण) और पल्मोनरी एंथ्रैक्स (हेमोरेजिक न्यूमोनिया) और खूनी डायरिया जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।


कंडोम की खपत में गिरावट, एचआईवी एड्स का खतरा बढ़ा

भारत के 34 में से 22 राज्‍यों में एचआईवी एड्स फैलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, क्‍योंकि यहां पर कंडोम के इस्‍तेमाल में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। यानी असुरक्षित यौन संबंध लोगों को ज्‍यादा भा रहा है, जोकि खतरे से खाली नहीं है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में कंडोम का इस्‍तेमाल देश के कई राज्‍यों में कम हो गया है। 2010-11 में हुए एक सर्वे के मुताबिक अंडमान निकोबार में यह गिरावट सबसे ज्‍यादा आई है। यहां पर कंडोम की बिक्री में 50 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। वहीं दूसरे नंबर पर मध्‍य प्रदेश है, जहां पर 39 फीसदी कंडोम कम बिके हैं। सिक्किम में में 38 फीसदी, केरल में 33, हरियाणा में 31 फीसदी कमी दर्ज हुई है। अब अगर कंडोम के इस्‍तेमाल की बात करें तो प्रति 10 हजार पुरुषों में नागालैंड में मात्र 44 लोग कंडोम का इस्‍तेमाल करते हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश में 53, बिहार में 72, मणिपुर में 77 और गोवा में 81 है। वहीं कंडोम के सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल की बात करें तो राजस्‍थान में प्रति 10 हजार में 1,834 लोग, हिमाचल में 1536, गुजरात में 1242, पंजाब में 1433 और आंध्र प्रदेश में 1224 लोग कंडोम का इस्‍तेमाल करते हैं।

'सीएम और पेट्रोलियम मंत्री अपने आपको समझते क्या हैं? सबको ठीक कर दूंगा'

'सीएम और पेट्रोलियम मंत्री अपने आपको समझते क्या हैं? सबको ठीक कर दूंगा'

जयपुर. बुधवार का दिन। शास्त्रीभवन स्थित पेट्रोलियम मंत्रालय। राजस्थान के एक नेता पहले पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली से मिलना चाहते हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें बताया जाता है कि वे विदेश गए हैं तो वे जोर-जोर से बोलने लगते हैं-मुझे बताओ, कहां हैं मोइली? ये मोइली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिल गए हैं। ये बाड़मेर के लोगों से धोखा कर रहे हैं। गहलोत और मोइली अपने आपको समझते क्या हैं! मैं सबको ठीक कर दूंगा। ये जानते नहीं, मुझे लोग कर्नल सोनाराम कहते हैं! मैं सोनिया गांधी से शिकायत करूंगा।

शोर सुनकर मंत्रालय के अधिकारी कर्मचारी तक झांकने लगते हैं। लोग एक-दूसरे से पता करते हैं तो जानकारी मिलती है कि ये कांग्रेस विधायक और पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम हैं और रिफाइनरी की जगह बदलने को लेकर आग बबूला हैं। राजस्थान की रिफाइनरी लीलाला के बजाय पचपदरा तय करने के विरोध में कर्नल सोनाराम मंगलवार और बुधवार को दिल्ली में पेट्रोलियम मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों से मिले।

वे पेट्रोलियम सचिव विवेक रॉय, एडिशनल सेक्रेटरी राजीवकुमार, एडिशनल सेक्रेटरी और फाइनेंशल एडवाइजर एससी खूंटिया और ज्वाइंट सेक्रेटरी रिफाइनरी आरके सिंह से मुलाकात की कोशिशें कीं, लेकिन उनकी बातचीत सिर्फ सिंह ने ही सुनी। इसके बाद वे पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन से भी मुलाकात की।


हां, मैं दिल्ली गया था : सोनाराम

हां, मैं दिल्ली गया था। सबको हकीकत बताई। मैं मिलने तो मोइली से गया था, लेकिन वह तो विदेश गए थे। लेकिन मैंने सबको खरा-खरा कहा।

पंचतत्व में विलीन प्राण, अंतिम विदाई में उमड़ा बॉलीवुड



मुंबई।बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार विलेन प्राण का अब से कुछ देर पहले अंतिम संस्कार किया गया। प्राण ने शुक्रवार रात 8.30 बजे मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रह थे। प्राण को हाल ही में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 93 साल के प्राण हिंदी सिनेमा के सबसे चर्चित खलनायक रहे। उनकी रौबदार आवाज और अभिनय का अनोखा अंदाज एक समय फिल्म की सफलता की गारंटी माना जाता था।



प्राण साहब के जाने से बॉलीवुड में उनकी जगह हमेशा हमेशा के लिए खाली हो गई जिसे कोई भी नहीं भर सकता है। प्राण साहब को आखिरी विदाई देने के लिए पूरा बॉलीवुड उमड़ पड़ा। प्राण साहब के साथ काम कर चुके और जिन लोगों ने उन्हें पर्दे पर देखा हैं उन्होंने आखिरी बार सलाम पेश किया। प्राण को अंतिम विदाई देने अमिताभ, शत्रुघ्न सिन्हा, रजा मुराद, डैनी अनुपम खेर समेत तमाम सितारे पहुंचे।



प्राण ने अपने पूरे फिल्म करियर में कई पुरस्कार और सम्मान अपने नाम किए। प्राण ने अपने शानदार अभिनय के जरिये 1967, 1969 और 1972 में फिल्मफेयर के बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का पुरस्कार जीता। जबकि 1997 में फिल्मों में उनके योगदान के लिए फिल्मफेयर का लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड दिया गया। यही नहीं सन 2000 में स्टारडस्ट ने प्राण को विलेन ऑफ द मिलेनियम के पुरस्कार से सम्मानित किया। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया और भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए 2013 में उन्हें दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजा गया।

नागौर में ट्रक-कार भिड़ंत,5 की मौत

नागौर में ट्रक-कार भिड़ंत,5 की मौत
नागौर। शहर के खींवसर थाना इलाके के नागडी गांव के पास शुक्रवार देर रात नागौर से शादी समारोह से लौट रहे पांच युवकों की कार को ट्रक ने टक्कर मार दी।

टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि पांचों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में तीन युवक नोखा व दो युवक कुन्हाडिया गांव के रहने वाले थे। पुलिस ने कार में फंसे शवों को बाहर निकाला और खींवसर के राजकीय अस्पताल में रखवाया।

मृतकों की पहचान जितेन्द्र,किशन,देवराज पुरोहित,अशोक सिंह और हनुमान सिंह के रूप में की गई। ये सभी नागौर से एक शादी समारोह में शामिल हो कर लौट रहे थे।

करीब 1.30 बजे नागडी के पास सामने से आ रहा ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। दुर्घटना के बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कार में फंसे लोगो को बाहर निकालकर उन्हें खींवसर राजकीय अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कांस्टेबल से सरकारी क्वार्टर में दुष्कर्म

कांस्टेबल से सरकारी क्वार्टर में दुष्कर्म
जयपुर। राजस्थान पुलिस की एक महिला कांस्टेबल से मोबाइल पर दोस्ती और फिर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

आरोपी युवक हरियाणा मूल का बताया जा रहा है और पीडित कांस्टेबल फिलहाल राजधानी जयपुर में तैनात है। पीडित कांस्टेबल की ओर से दुष्कर्म का यह मामला यहां शास्त्री नगर थाने में दर्ज कराया गया है।



25 वर्षीय पीडिता के अनुसार आरोपी युवक सोमदत्त यादव हरियाणा के महेन्द्रगढ़ का रहने वाला है और कोच्ची में काम करता है। सोमदत्त ने करीब तीन साल पहले पीडिता से फोन पर दोस्ती की थी।


दोनों के बीच टेलीफोनिक दोस्ती धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई और आरोपी के बुलावे पर पीडिता पहले महेन्द्रगढ़ और फिर फ्लाइट से कोच्ची(केरल) तक जा पहुंची।

कुछ दिन कोच्ची रहने के बाद आरोपी पीडिता को लेकर जयपुर पहुंचता है और उसी के सरकारी क्वार्टर में उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम देता है।


हरियाणा पुलिस ने नहीं की मदद



शास्त्री नगर थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार आरोपी ने शादी का झांसा देकर महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म किया और जयपुर से लौट गया। इसके बाद पिछले साल 29 नवम्बर को पीडिता को पता चला कि आरोपी पहले से शादीशुदा है तो वह 12 दिसम्बर 12 को महेन्द्रगढ़ गई।


लेकिन वहां पर आरोपी व आरोपी के मामा ने उससे अभद्रता करते हुए भगा दिया। महेन्द्रगढ़ पुलिस को शिकायत की,लेकिन आरोपी का प्रभाव होने के कारण वहां की पुलिस ने कोई मदद नहीं की।


हालांकि,अब पीडिता की ओर से अब शास्त्री नगर थाने में इस्तगासे से मामला दर्ज कराए जाने के बाद जांच शास्त्री नगर एसीपी कर रहे हैं।

तनोट मंदिर परिसर में फ़क़ीर बाबा की दरगाह

सांप्रदायिक सद्भाव की मिशाल बना तनोट राय माता मंदिर 


तनोट मंदिर परिसर में फ़क़ीर बाबा की दरगाह 

चन्दन सिंह भाटी 

बाड़मेर भारत पाकिस्तान सरहद पर दोनों देशो के मध्य हुए युद्धों का साक्षी रहा जैसलमेर जिले का तनोट मंदिर भारत वर्ष का संभवता एक मात्र देवी मंदिर हें जिसके परिसर में फ़क़ीर बाबा की दरगाह बने गई हें ,अक्सर देश भर में धार्मिक मान्यताओ के चलते दरगाह या मस्जिद मंदिरों में नहीं बने ,जाती ,मूलतः तनौत राय माता मंदिर हें ,जिसके भारत पकिस्तान के उनीस सौ पेंसठ और इकाहातर के युद्धों के चमत्कार आज भी लोगो को रोमांचित करते हें ,जैसलमेर से लगभग एक सौ पैंतीस किलोमीटर पकिस्तान सरहद के पास स्थित तनौत माता के मंदिर की देख भाग सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी और जवान ही करते हें ,यंहा तक की मंदिर का पुजारी भी सीमा सुरक्षा बल का हें ,इस मंदिर परिसर के मुख्य बरामदे में बाबा फ़क़ीर की सुंदर दरगाह बनी हें ,जो सांप्रदायिक सद्भाव की मिशाल पेश करती हें ,हालांकि इस दरगाह का कोई एतिहासिक महत्त्व नहीं हें नहीं पारम्परिक महत्त्व ,इसके बावजूद सीमा सुरक्षा बल ने मात्र एक पत्थरनुमा दरगाह को मूर्त रूप देकर शानदार बना दिया ,सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों ने बताया तनौत माता का मूल मंदिर हें ,पूर्व में यहाँ छोटा सा मंदिर था ,मंदिर के बाहर एक पत्थरनुमा आकर में हरे कपडे से लिपटा स्थान था ,इस स्थान पर कभी कोई सजदा करने नहीं आता था ,हां कभी कभार आस पास के लोग शुक्रवार को आते थे ,मुस्लिम परिवार बड़ी संख्या में तनौत के दर्शन करने तो आते थे मगर उन्हें भी इस दरगाह के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी ,मंदिर का जन जिर्नोदार किया गया तो दरगाह को मंदिर परिसर में लेकर इसे खूबसूरत रूप दे दिया ,तनौत माता के दर्शन करने आने वाले मुस्लिम भक्त इस दरगाह में भी पूजा पाठ करते हें ,आस पास के गाँवो के मुस्लिम धर्म से जुड़े लोग भी नमाज़ ऐडा करने आतेहें ,हमें ख़ुशी हें की तनौत माता मंदिर सांप्रदायिक सद्भावना का प्रतिक बना ,तनोऊ के पास स्थित गाँव रणियाई निवासी रोजे खान का कहना हें की जन्हा हिन्दू मंदिरों में मुस्लिमो का प्रवेश तक निषेद्ध हें इसे में तनोत माता के मंदिर में दरगाह बना कर हमारे मन में सद्भावन जगा दे सीमा सुरक्षा बल ने ,हम लोग शुक्रवार को तनौत जाकर पहले माता के दर्शन करते हें फिर दरगाह में नमाज अदा कर पूजा पाठ करते हें ,तनौत माता मंदिर आने वाला हर श्रद्धालु इस दरगाह में प्रसाद चढ़ा कर अगरबती करता हें ,वाकई अद्भुत हें ,बाबा फ़क़ीर की दरगाह

जैसलमेर की तंग गलियों में पर्यटन दलाल सक्रिय




जैसलमेर पर्यटन सीजन पर विशेष ...भाग 3 

पर्यटन व्यवसाय दलालों ने जैसलमेर का पर्यटन उद्योग ख़त्म किया


चन्दन भाटी||



जैसलमेर पश्चिमी राजस्थान की पर्यटन नगरी जैसलमेर में पर्यटक की घटती संख्या ने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को चिंता में डाल दिया हें ,जयपुर और दिल्ली में बैठे पर्यटन से जुड़े सम्बंधित टूर ट्रेवल्स कंपनियों द्वारा दलाली और कमीशन की राशि अत्यधिक बढ़ा देने से टूर पैकेज महंगे हो गए जिसके कारण भी विदेशी जैसलमेर आना पसंद नहीं कर रहे, दलालों के कारण राजस्थान में मरुस्थली इलाकों में पर्यटन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. विदेशी सैलानियों के टूर पैकेज पर बड़ी ट्रेवल कम्पनियों को जैसलमेर में मुह्मांगा कमीशन नहीं मिलने के कारण इस व्यवसाय से जुड़े एजेंट ग्रुप जैसलमेर भेजने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे .

विदेशी पर्यटकों को जैसलमेर यात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा महँगी पड़ती हें .दिल्ली से दलाली का खेल शुरू होकर जैसलमेर तक अनवरत चलता हें .सौ रुपये की चीज एक हज़ार रुपये तक बढ़ जाती हें ,जैसलमेर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन या पर्यटन विभाग किसी कार्य योजना पर काम नहीं कर रहे .    .जैसलमेर में विदेशी पर्यटक देखते  ही दलालों का समूह सक्रीय हो जाता हें .पर्यटकों  के ठहराने से लेकर खाने पीने ,सफारी ,गाईड ,खरीदी ,सब पर कमिसंखोरी होती हें .पर्यटक जैसलमेर में बढाती कमिसंखोरी से दुखी हें .उनका जैसलमेर से मोह भंग हो रहा हें .

थार पर्यटन के लिए प्रसिद्ध जैसलमेर जिले में इस वर्ष देसी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में खासी कमी आने की आशंका है. हालांकि कहा जा रहा है कि पर्यटकों की संख्या घटने का प्रमुख कारण यहां बहुतायत में लगाई गई पवन ऊर्जा मिलें है.
जैसलमेर में वर्ष 2011 में कुल 2 लाख 98 हजार 891 देसी पर्यटक और 1 लाख 25 हजार 958 विदेशी पर्यटक आए थे जबकि वर्ष 2012 में जनवरी से जुलाई तक केवल 56 हजार 958 देसी और 35 हजार 823 विदेशी पर्यटक आए. जैसलमेर के पर्यटन क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इस वर्ष घरेलू पर्यटकों की संख्या में 60 फीसदी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में 40 फीसदी की कमी आ सकती है.

जैसलमेर की सत्यम ट्यूर्स एंड ट्रैवल्स के डायरेक्टर शैतान सिंह देवड़ा का कहना है कि जैसलमेर में पिछले पांच सालों में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही थी और पर्यटन यहां के लोगों के लिए प्रमुख व्यवसाय बन गया था, लेकिन इस वर्ष पर्यटकों की संख्या में कमी का अनुमान है. इस साल जैसलमेर में पर्यटकों की की संख्या बढऩे के आसार कम ही हैं.

जैसलमेर लोकेशन के प्रदीप गौड़ का कहना है कि पर्यटकों की संख्या बढऩे से जैसलमेर के लोगों को नया रोजगार क्षेत्र मिल गया था. मेंहदीरत्ता का कहना है कि वैश्विक मंदी जैसलमेर में पर्यटकों की संख्या और घटाएगी.
फ़्रांसिसी पर्यटक जेम्स हेनरी ने बताया की जैसलमेर के लोग पर्यटकों को लूटने में लगे हें .इतनी कमीशन खोरी भारत में कहीं नहीं देखि .पर्यटकों को लूटा जा रहा हें .सुविधाए देने के नाम पर धोखा धडी भी होती हें .पहले दो साल में एक बार जैसलमेर आता था .मगर इस बार पांच साल बाद आया हूँ .

गौरतलब है कि राजस्थान का रेगिस्तानी जिला जैसलमेर हेरिटेज थार पर्यटन और सम के धौरों के लिए विश्व के पर्यटन नक्शे पर एक खास जगह रखता है मगर बड़ी ट्रेवल कम्पनियां कम कमीशन के कारण पर्यटकों को जैसलमेर के पैकेज उपलब्ध करने में संकोच कर रही हैं.

सविता की मौत ने बदला कानून

सविता की मौत ने बदला कानून
लंदन। भारतीय मूल की सविता हलप्पनवार की मौत ने गर्भपात से जुड़े कानून पर आयरलैंड में कुछ ऎसी बहस शुरू की कि अब वहां सांसदों ने पहली बार ये कानून बदलने के पक्ष में मतदान किया है। गर्भपात को वैधानिक दर्जा देने वाला कानून करें कुछ शतोंü के साथ पारित कर दिया गया है।

बहुमत से समर्थन: मतदान के दौरान 127 सांसद इसके पक्ष में थे जबकि 31 सांसदों ने गर्भपात को कानूनी बनाने का विरोध किया। ज्यादातर सांसदों ने इस बात पर सहमति जताई कि अगर डॉक्टर को ऎसा लगता है कि गर्भपात न कराने से गर्भवती महिला की जान जा सकती है, तो ऎसी स्थिति में गर्भपात की अनुमति दी जानी चाहिए।

एक घटना जिसने बदल दिया कानून : दरअसल, आयरलैंड एक कैथोलिक देश है जहां अब तक गर्भपात एक कानूनन जुर्म था। लेकिन पिछले साल एक भारतीय मूल की गर्भवती महिला डॉक्टर सविता हलप्पनवार के गर्भ गिरने यानी मिसकैरेज से हुई मौत के बाद वहां गर्भपात से जुड़े कानून को लेकर बहस छिड़ गई थी।

31 वर्षीय सविता पिछले साल अक्टूबर में अस्पताल में भर्ती हुई थीं, जहां उनका गर्भ गिर गया था। इसके एक हफ्ते बाद सेप्टिसेमिया के कारण उनकी मौत हो गई थी। उनके पति ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि अस्पताल ने उनकी पत्नी की गर्भपात की दरख्वास्त पर कोई सुनवाई नहीं की। मामले में जांच हुई, तो सामने आया कि उन्हें गर्भपात की इजाजत इसलिए नहीं दी गई क्योंकि उनकी जान को खतरा नहीं था।

ये दिए जा रहे तर्क
गर्भपात का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस कानून के पारित हो जाने से आयरलैंड में पहली बार ऎसा होगा कि लोग जान बूझ कर गर्भ में बच्चा गिरवाने की कोशिश करेंगे।


कार्यकर्ताओं के लिए ये केवल एक धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक मानवाधिकारों से जुड़ा मुद्दा भी है क्योंकि उन्हें लगता है कि गर्भवती मां के साथ-साथ उनके गर्भ में पल रहे बच्चे का भी समान अधिकार होता है। हालांकि गर्भपात का समर्थन करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये विधेयक अब भी इस बात को नजरअंदाज करता है कि हर दिन 11 महिलाएं गर्भपात के लिए आयरलैंड छोड़कर ब्रिटेन जाती हैं। अब अगर डॉक्टर को लगता है कि गर्भपात न करवाने से महिला के स्वास्थ्य को खतरा है, तो वे कानूनी कार्रवाई के डर के बिना ही ये फैसला ले सकेंगे कि गर्भपात किया जाए या नहीं।


दुनिया भर में विरोध
दुनिया भर में लोगों ने आयरलैंड के गर्भपात-विरोधी कानून का विरोध किया था। लेकिन जब तक डॉक्टरों को ये बात समझ में आई कि उनकी जान को वाकई खतरा है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सविता के पति का कहना है कि अगर गर्भपात समय रहते करवा लिया गया होता, तो उनकी पत्नी की जान बच सकती थी। इस हादसे के बाद दुनिया भर में आयरलैंड के गर्भपात-विरोधी कानून को लेकर बहस छिड़ गई थी।

विरोध लेकिन क्यों
इस कानून के पक्ष में हुई वोटिंग पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इससे गर्भपात के चलन में तेजी आ सकती है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि ये विधेयक अब भी कमजोर है क्योंकि इसमें दुष्कर्म के कारण हुए गर्भ के मुद्दे को संबोधित नहीं किया गया है।

साथ ही इस विधेयक में उस स्थिति में भी गर्भपात की इजाजत नहीं दी गई है, जिसमें भ्रूण के गर्भाशय के बाहर भी बचने की संभावना नहीं होती। इस मामले में एक पक्ष और है जो पिछले दिनों ज्वलंत चर्चा का विषय बना हुआ है। कैथोलिक परंपराओं वाले इस देश में कुछ संगठन इसे धार्मिक परंपरा से जोड़कर देख रहे हैं। वे इसे धार्मिक मामलों में दखल करार देते हैं।

थार में उपजा अरब का खजूर

थार में उपजा अरब का खजूर

जोधपुर। चार साल की कड़ी मेहनत के बाद थार के धोरों में अरबी खजूर के फल तैयार हो चुके हैं। इसकी पौध संयुक्त अरब अमीरात से लाई गई थी। अब करीब ग्यारह सौ पेड़ों पर लगे फल पक गए हैं। जुलाई के अंत तक पहली बार यह फसल बाजार में आएगी। कृषि विभाग के अधिकारी भी पैदावार को देखकर उत्साहित हैं, लेकिन मानसून में फसल को नुकसान की भी आशंका बनी हुई है।

इस लिहाज से तत्काल फ ल को बाजार में लाने की तैयारी चल रही है। दरअसल कृषि विभाग ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान योजना के तहत जैसलमेर के सगरा-भोजका में यह पेड़ लगाए। वर्ष 2009 में करीब 100 हेक्टेयर में 15 हजार 381 पौधे लगाए गए। इनमें से करीब ग्यारह सौ पौधे ऎसे हैं जिन पर पूरी तरह से फल पक कर तैयार हैं। अनुमान के मुताबिक प्रत्येक पेड़ पर लगभग पचास किलो खजूर लगा है, यानि करीब 550 क्विंटल। रमजान के महीने में इसकी खपत तेजी से हो सकती है।

गुजरात के खजूर से मुकाबला
जोधपुर सहित मारवाड़ में खजूर सबसे ज्यादा गुजरात से आता है। इसके अलावा मुंबई, राजकोट, पाकिस्तान, मदीना व अन्य अरब देशों से भी खजूर मंगाया जाता है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान में तैयार खजूर की वैरायटी अरब देशों की तरह ही है। उनका स्वाद भी अच्छा है। कीमत भी कम होगी। अच्छी बात ये है कि थार का खजूर आपकों 40 रूपए किलो तक मिल सकेगा।

एक पेड़ से 70 साल तक कमाई
कृषि अधिकारियों के अनुसार जैसलमेर में लगाए गए एक पौधे पर वर्तमान में पचास किलो फल का होने का अनुमान है। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ एक पौधा 250 किलो तक फल दे सकता है। यही नहीं एक पौधा करीब 70 साल तक उपज देने में सक्षम है। निजी तौर पर किसान यह फसल उगा सकते हैं। क्योंकि यह आर्थिक संबल प्रदान करने वाली फसल है। जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर व चूरू में अगर किसान खजूर की खेती करना चाहें तो उन्हें पौधे लाने पर सरकार सब्सिडी देती है।

खजूर की वैरायटी व खासियत
यहां पर बरही, सघाई, जायली, खलास, खुनैशी व मेडजूल वैरायटी का खजूर लगाया गया है। यह पीला और हल्का लाल रंग लिए होता है। खाने में भी ये काफी स्वादिष्ट होते हैं।

सरकार देती है सब्सिडी
संयुक्त अरब अमीरात से पांच वैरायटी यहां लगाई गई थी। खजूर तैयार है और जल्द ही लोगों को खाने को मिलेगा। पौधों पर सरकार नब्बे प्रतिशत तक सब्सिडी देती है।
-वीरेन्द्रसिंह सोलंकी, उपनिदेशक होर्टीकल्चर, जोधपुर

"वसुंधरा ही उखाड़ सकती हैं कांग्रेस को"

"वसुंधरा ही उखाड़ सकती हैं कांग्रेस को"

जयपुर। पिछले दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी के कार्यक्रमों में शामिल हुए बाबा रामदेव शुक्रवार को अपनी जयपुर यात्रा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वंसुधरा राजे से मिले। बाद में उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को वसुंधरा ही कांग्रेस के कुशासन से मुक्ति दिला सकती है। क्योंकि राजस्थान में एक वे ही ऎसी सर्वमान्य नेता हैं, जिनमें कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का माद्दा है।

बाबा रामदेव घनश्याम तिवाड़ी की देवदर्शन यात्रा की शुरूआत तथा बाद में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में शामिल हुए थे। तब उन्होंने कहा था कि राजे को सबको साथ लेकर चलना होगा। शुक्रवार को रामदेव ने अन्य कार्यक्रमों के अलावा राजे से दो घंटे मुलाकात की। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार से आमजन नाराज है। वसुंधरा व तिवाड़ी के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि तिवाड़ी भी दमदार नेता हैं। बाबाओं का काम ही सामंजस्य बैठाना है, वसुंधरा हो या फिर तिवाड़ी।

इधर, मानसरोवर के टैगोर स्कूल में प्रातीय युवा सम्मेलन में रामदेव ने युवाओं से आह्वान किया है कि वे विधानसभा व लोकसभा चुनावों में सत्ता व व्यवस्था परिवर्तन के लिए अभी से जुट जाएं। सम्मेलन में महिला प्रकोष्ठ की विजय लक्ष्मी, सरिता, डॉ. बलवंत शास्त्री व दिनेशगिरी महाराज ने भी विचार व्यक्त किए।

निस्तेज हैं गहलोत
इससे पहले प्रेसवार्ता में रामदेव ने कहा कि केन्द्र व राजस्थान से कांग्रेस के कुराज को खत्म करना ही उनका लक्ष्य है। राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत ने कुराज स्थापित कर रखा है, वे निस्तेज हैं। हालांकि इस आरोप का आधार पूछने पर वे जवाब नहीं दे पाए। बल्कि कहा कि गहलोत व्यक्तिगत रूप से शरीफ हैं, लेकिन कांग्रेस भ्रष्टाचार की गंगोत्री है। इसलिए उनका राज भी कुराज ही है। भाजपा में शामिल होने के बारे में उन्होंने कहा कि वे न कभी इसके सदस्य थे और न अभी हैं, लेकिन अगर उनके संगठन द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों को भाजपा चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी तो वे उसे समर्थन देंगे।