नई दिल्ली. अगर आप गर्भ निरोधक उपाय के तौर पर कंडोम का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए खतरे की घंटी बज चुकी है।
पुणे में एक शोध में यह बात सामने आई है कि बाजार में मशहूर 12 कंडोम के ब्रैंड्स में से 3 खतरनाक हैं। इन कंडोम के इस्तेमाल से आपको त्वचा की खतरनाक बीमारी और डायरिया तक हो सकता है।
सरकार करती है, जिस कंडोम का प्रचार वह है खतरनाक
पुणे के यशवंत राव मोहिते, भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी के पांच छात्रों ने असिस्टेंट प्रोफेसर भारत बलाल की अगुवाई में किए गए शोध में पाया है कि जिन कंडोम में गड़बड़ी पाई गई है कि उनमें एक सरकार द्वारा प्रचारित प्रसारित किए जाने वाला लाल रंग का कंडोम ब्रैंड है। इसमें बैसिलस एंथ्रैसिस पाया गया है जो होमोसेक्सुअल के बीच पाया जाता है। इसे पॉपुलेशन सर्विस इंटरनेशनल, इंडिया बड़े पैमाने पर बांटता है।
कंडोम दे रहे हैं निमोनिया और डायरिया जैसी बीमारियों को न्योता
पुणे में शोध करने वाले प्रोफेसर बलाल ने बताया कि उनकी स्टडी में यह बात सामने आई है कि कंडोम में ऐसे जीवाणु पाए गए हैं, जिनसे क्यूटिनस एंथ्रैक्स (त्वचा का खतरनाक संक्रमण) और पल्मोनरी एंथ्रैक्स (हेमोरेजिक न्यूमोनिया) और खूनी डायरिया जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
कंडोम की खपत में गिरावट, एचआईवी एड्स का खतरा बढ़ा
भारत के 34 में से 22 राज्यों में एचआईवी एड्स फैलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि यहां पर कंडोम के इस्तेमाल में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। यानी असुरक्षित यौन संबंध लोगों को ज्यादा भा रहा है, जोकि खतरे से खाली नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में कंडोम का इस्तेमाल देश के कई राज्यों में कम हो गया है। 2010-11 में हुए एक सर्वे के मुताबिक अंडमान निकोबार में यह गिरावट सबसे ज्यादा आई है। यहां पर कंडोम की बिक्री में 50 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। वहीं दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है, जहां पर 39 फीसदी कंडोम कम बिके हैं। सिक्किम में में 38 फीसदी, केरल में 33, हरियाणा में 31 फीसदी कमी दर्ज हुई है। अब अगर कंडोम के इस्तेमाल की बात करें तो प्रति 10 हजार पुरुषों में नागालैंड में मात्र 44 लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश में 53, बिहार में 72, मणिपुर में 77 और गोवा में 81 है। वहीं कंडोम के सबसे ज्यादा इस्तेमाल की बात करें तो राजस्थान में प्रति 10 हजार में 1,834 लोग, हिमाचल में 1536, गुजरात में 1242, पंजाब में 1433 और आंध्र प्रदेश में 1224 लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।
पुणे में एक शोध में यह बात सामने आई है कि बाजार में मशहूर 12 कंडोम के ब्रैंड्स में से 3 खतरनाक हैं। इन कंडोम के इस्तेमाल से आपको त्वचा की खतरनाक बीमारी और डायरिया तक हो सकता है।
सरकार करती है, जिस कंडोम का प्रचार वह है खतरनाक
पुणे के यशवंत राव मोहिते, भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी के पांच छात्रों ने असिस्टेंट प्रोफेसर भारत बलाल की अगुवाई में किए गए शोध में पाया है कि जिन कंडोम में गड़बड़ी पाई गई है कि उनमें एक सरकार द्वारा प्रचारित प्रसारित किए जाने वाला लाल रंग का कंडोम ब्रैंड है। इसमें बैसिलस एंथ्रैसिस पाया गया है जो होमोसेक्सुअल के बीच पाया जाता है। इसे पॉपुलेशन सर्विस इंटरनेशनल, इंडिया बड़े पैमाने पर बांटता है।
कंडोम दे रहे हैं निमोनिया और डायरिया जैसी बीमारियों को न्योता
पुणे में शोध करने वाले प्रोफेसर बलाल ने बताया कि उनकी स्टडी में यह बात सामने आई है कि कंडोम में ऐसे जीवाणु पाए गए हैं, जिनसे क्यूटिनस एंथ्रैक्स (त्वचा का खतरनाक संक्रमण) और पल्मोनरी एंथ्रैक्स (हेमोरेजिक न्यूमोनिया) और खूनी डायरिया जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
कंडोम की खपत में गिरावट, एचआईवी एड्स का खतरा बढ़ा
भारत के 34 में से 22 राज्यों में एचआईवी एड्स फैलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि यहां पर कंडोम के इस्तेमाल में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। यानी असुरक्षित यौन संबंध लोगों को ज्यादा भा रहा है, जोकि खतरे से खाली नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में कंडोम का इस्तेमाल देश के कई राज्यों में कम हो गया है। 2010-11 में हुए एक सर्वे के मुताबिक अंडमान निकोबार में यह गिरावट सबसे ज्यादा आई है। यहां पर कंडोम की बिक्री में 50 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। वहीं दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है, जहां पर 39 फीसदी कंडोम कम बिके हैं। सिक्किम में में 38 फीसदी, केरल में 33, हरियाणा में 31 फीसदी कमी दर्ज हुई है। अब अगर कंडोम के इस्तेमाल की बात करें तो प्रति 10 हजार पुरुषों में नागालैंड में मात्र 44 लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश में 53, बिहार में 72, मणिपुर में 77 और गोवा में 81 है। वहीं कंडोम के सबसे ज्यादा इस्तेमाल की बात करें तो राजस्थान में प्रति 10 हजार में 1,834 लोग, हिमाचल में 1536, गुजरात में 1242, पंजाब में 1433 और आंध्र प्रदेश में 1224 लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।
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