बाड़मेर दो नाबालिग किशोरियों के साथ गेंग रेप के मामले
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में गेंग रेप की घटाने सुरसा के मुंह की तरह दिन ब दिन बढाती जा रही हें .गुरूवार को जिले में गेंग रेप के दो मामले अलग अलग थाना क्षेत्रो में दर्ज हुए .पुलिस सूत्रानुसार सिणधरी थानातंर्गत एक नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। पीडि़ता को बोलेरो में डालकर जोधपुर ले गए। जहां पर स्थित एक गेस्ट हाऊस में उसे दो दिन तक बंधक बनाकर रखा। इसके बाद गुजरात ले जाते वक्त हिम्मतनगर में पीडि़ता का भाई मिलने पर आरोपी उसे छोड़कर भाग गए। सिणधरी थानाधिकारी सहदेव चौधरी ने बताया कि क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की ने मामला दर्ज करवाया कि 30 अप्रैल रात्रि को वह अपने घर से शौच करने के लिए खेत में गई। इस दौरान एक बोलेरो मेरे पास आकर रूकी। जिसमें सवार मेरे ही गांव के निवासी महेन्द्र सिंह पुत्र भंवरसिंह रावणा राजपूत, ढलीया उर्फ ढले खां मिरासी, भीखसिंह पुत्र रामसिंह, भाऊ खां पुत्र मांगु खां मिरासी ने उसे पकड़कर बोलेरो में डाल दिया। फिर जान से मारने की धमकी देकर चुप रहने की नसीहत दी। ये लोग उसे जोधपुर स्थित एक गेस्ट हाऊस में लेकर गए। जहां पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। दो दिन रूकने के बाद आरोपी महेन्द्र सिंह उसे गुजरात के लिए बस में बैठाकर रवाना हुआ। बस हिम्मतनगर की एक होटल पर रूकी। जहां पर मैंने मेरे भाई उत्तमसिंह को देखा तो चिल्लाने लगी। इस पर आरोपी महेन्द्र सिंह भाग गया। भाई ने मेरे परिजनों को सूचना दी। गुरुवार को पुलिस थाने में सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया। पीडि़ता का मेडिकल मुआयना करवाया गया। चौधरी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर तलाश शुरू की गई। वहीं पचपदरा पचपदरा थाना क्षेत्र में गुरुवार को एक किशोरी को बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज हुआ। पुलिस के अनुसार पटाऊ कला निवासी एक किशोरी ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि अभिषेक पुत्र ओमप्रकाश विश्रोई निवासी जोधपुर वगैरह 4 जनों ने उसे बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गए। बंधक बनाकर अभिषेक व उसके साथी अनिल पुत्र खेमाराम विश्रोई निवासी पटाऊ कला ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। गौरतलब हें की इस सप्ताह जिले में सामूहिक दुष्कर्म के छः मामले दर्ज हो चुके हें
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शुक्रवार, 3 मई 2013
उपेक्षित बेरियां,लाचार ग्रामीण
उपेक्षित बेरियां,लाचार ग्रामीण
शिव। दशकों से अकाल की मार झेल रहे क्षेत्र में पारम्परिक पेयजल स्त्रोत संरक्षण के अभाव में अस्तित्व खोते जा रहे हैं। मनरेगा में नाडी खुदाई पर बड़ा बजट खर्च किया जा रहा है वहीं सीमावर्ती गांवों में पेयजल का एक मात्र साधन बेरियां ग्राम पंचायतों एवं प्रशासनिक उदासीनता के चलते उपेक्षित हैं। क्षेत्र में एक तरफ बड़ी संख्या में बेरियां विलुप्त होती जा रही हैं। वहीं बड़े तालाब अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहे है।
ऊंट के मुंह में जीरा
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना ब्लाक में वर्ष 2007 से प्रारम्भ की गई। इस योजना में अभी तक लगभग 5000 कार्य स्वीकृत हुए हैं। जिसमें बेरियों के रख रखाव महज 20-25 कार्य सीमावर्ती रोहीड़ी व बिजावल ग्राम पंचायतों में ही पूर्ण हुए हैं। इस कार्य में स्वीकृत राशि 15 से 20 हजार रूपए होने के कारण पंचायतें इसे नजरअंदाज कर रही हंै।
क्षेत्र के लिए वरदान
डीएनपी क्षेत्र के दुरूह गांवों के रेत के धोरो में जहां पानी की कल्पना ही नहीं की जा सकती वहां पुरातन बेरियों से मीठा पानी निकल रहा है। हजारों की संख्या में बनी ये बेरियां लोगों के पेयजल का एक मात्र सहारा बनी हुई हैं। गर्मी के चार माह में तालाबों का पानी सूख जाता है। सरकारी पेयजल योजनाएं ठप हो जाती हंै। ऎसे में इस क्षेत्र के वाशिन्दों व पशुओं के लिए यह बेरियां मददगार साबित होती हैं।
क्या है बेरी
रेगिस्तानी इलाके में धोरों के निकट ही समतल जमीन होती है जहां पानी का बहाव या भराव रहता है। इसे पानी का सेजा कहते हैं। यहां जमीन की खुदाई करने पर भूगर्भ से पानी निकल आता है। छोटे कुएं की खुदाई ग्रामीण अपने स्तर पर करते है तीस से पचास फीट पर पानी निकल आता है। रहट से इसको निकाला जाता है। इस छोटे कुएं को बेरी कहते हैं।
रिपोर्ट बनी रोड़ा
पारम्परिक पेयजल स्त्रोतों को प्रशासन ने कार्य योजना में शामिल किया, लेकिन जिला परिषद ने पंचायतों के लिए भू-जल विभाग की ओर से जारी पानी की उपलब्धता की रिपोर्ट को अनिवार्य करने पर यह रिपोर्ट रोड़ा बनी हुई थी लेकिन अब यह रिपोर्ट नई बेरी खुदाई के लिए अनिवार्य करने से इस कार्य में कुछ राहत के आसार हैं। इससे पहले बेरियों के संरक्षण को लेकर ब्लाक में नरेगा का कार्य नगण्य था।
तो जिन्दा नहीं रहते
विकट भौगोलिक परिस्थितियों वाले गांव द्राभा के ग्रामीण हरिसिंह सोढ़ा एवं खंगारसिंह सोढ़ा कहते है कि गांव के पास बेरियां होने से हमारा बचाव हुआ है। यहां मीलों तक पानी का कोई अन्य माध्यम नहीं है। इन बेरियों का दशकों से पानी पी रहे हैं तभी जिन्दा है।
राहत मिलेगी
मेरी पंचायत के दस गांवों में कुल चार सौ बेरियां हैं। इनके रख रखाव को लेकर पंचायत समिति में प्रस्ताव दिए थे। लेकिन लम्बे इन्तजार के बाद भी स्वीकृति नहीं हुई है। यदि इनको पर्याप्त संरक्षण मिलता है तो निश्चित तौर पर यहां के वाशिन्दों को राहत मिलेगी।
सरादीन,सरपंच, शहदाद का पार
शिव। दशकों से अकाल की मार झेल रहे क्षेत्र में पारम्परिक पेयजल स्त्रोत संरक्षण के अभाव में अस्तित्व खोते जा रहे हैं। मनरेगा में नाडी खुदाई पर बड़ा बजट खर्च किया जा रहा है वहीं सीमावर्ती गांवों में पेयजल का एक मात्र साधन बेरियां ग्राम पंचायतों एवं प्रशासनिक उदासीनता के चलते उपेक्षित हैं। क्षेत्र में एक तरफ बड़ी संख्या में बेरियां विलुप्त होती जा रही हैं। वहीं बड़े तालाब अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहे है।
ऊंट के मुंह में जीरा
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना ब्लाक में वर्ष 2007 से प्रारम्भ की गई। इस योजना में अभी तक लगभग 5000 कार्य स्वीकृत हुए हैं। जिसमें बेरियों के रख रखाव महज 20-25 कार्य सीमावर्ती रोहीड़ी व बिजावल ग्राम पंचायतों में ही पूर्ण हुए हैं। इस कार्य में स्वीकृत राशि 15 से 20 हजार रूपए होने के कारण पंचायतें इसे नजरअंदाज कर रही हंै।
क्षेत्र के लिए वरदान
डीएनपी क्षेत्र के दुरूह गांवों के रेत के धोरो में जहां पानी की कल्पना ही नहीं की जा सकती वहां पुरातन बेरियों से मीठा पानी निकल रहा है। हजारों की संख्या में बनी ये बेरियां लोगों के पेयजल का एक मात्र सहारा बनी हुई हैं। गर्मी के चार माह में तालाबों का पानी सूख जाता है। सरकारी पेयजल योजनाएं ठप हो जाती हंै। ऎसे में इस क्षेत्र के वाशिन्दों व पशुओं के लिए यह बेरियां मददगार साबित होती हैं।
क्या है बेरी
रेगिस्तानी इलाके में धोरों के निकट ही समतल जमीन होती है जहां पानी का बहाव या भराव रहता है। इसे पानी का सेजा कहते हैं। यहां जमीन की खुदाई करने पर भूगर्भ से पानी निकल आता है। छोटे कुएं की खुदाई ग्रामीण अपने स्तर पर करते है तीस से पचास फीट पर पानी निकल आता है। रहट से इसको निकाला जाता है। इस छोटे कुएं को बेरी कहते हैं।
रिपोर्ट बनी रोड़ा
पारम्परिक पेयजल स्त्रोतों को प्रशासन ने कार्य योजना में शामिल किया, लेकिन जिला परिषद ने पंचायतों के लिए भू-जल विभाग की ओर से जारी पानी की उपलब्धता की रिपोर्ट को अनिवार्य करने पर यह रिपोर्ट रोड़ा बनी हुई थी लेकिन अब यह रिपोर्ट नई बेरी खुदाई के लिए अनिवार्य करने से इस कार्य में कुछ राहत के आसार हैं। इससे पहले बेरियों के संरक्षण को लेकर ब्लाक में नरेगा का कार्य नगण्य था।
तो जिन्दा नहीं रहते
विकट भौगोलिक परिस्थितियों वाले गांव द्राभा के ग्रामीण हरिसिंह सोढ़ा एवं खंगारसिंह सोढ़ा कहते है कि गांव के पास बेरियां होने से हमारा बचाव हुआ है। यहां मीलों तक पानी का कोई अन्य माध्यम नहीं है। इन बेरियों का दशकों से पानी पी रहे हैं तभी जिन्दा है।
राहत मिलेगी
मेरी पंचायत के दस गांवों में कुल चार सौ बेरियां हैं। इनके रख रखाव को लेकर पंचायत समिति में प्रस्ताव दिए थे। लेकिन लम्बे इन्तजार के बाद भी स्वीकृति नहीं हुई है। यदि इनको पर्याप्त संरक्षण मिलता है तो निश्चित तौर पर यहां के वाशिन्दों को राहत मिलेगी।
सरादीन,सरपंच, शहदाद का पार
गुरुवार, 2 मई 2013
पुत्र देने के नाम पर तांत्रिक बना हैवान
पुत्र देने के नाम पर तांत्रिक बना हैवान
नाथद्वारा। तंत्रमंत्र से गढ़ा धन खोजने में एक दिन पहले ही जहां राजधानी में एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ी,वहीं नाथद्वारा में गुरूवार को तंत्र के जरिए पुत्र देने के नाम पर एक तांत्रिक ने महिला से दुष्कर्म कर डाला।
पुलिस ने तांत्रिक पाली निवासी गणपतलाल को गिरफ्तार कर लिया है। बंद कमरे में पीडित विवाहिता के साथ इस कु कर्म का पता जब घरवालों को चला तो उन्होंने तांत्रिक की जम कर धुनाई कर डाली।
पुलिस ने विवाहिता का मेडिकल करवाने के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अभियुक्त तांत्रिक को शुक्रवार को अदालत में पेश करेगी।
चढ़ा ली "तंत्र" की शराब
पुलिस के अनुसार गणपतलाल पिछले दो तीन दिन से ऎसे किसी शिकार की तलाश में मोगाणा गांव में ही घूम रहा था। दावा कर रहा था कि वह गृह क्लेश, पुत्र न होना जैसी समस्याओं के तांत्रिक विद्या से ईलाज करता है।
झांसे में आए महिला के परिजनों ने भी उनके यहां पुत्र नहीं होने की बात बताई तो तांत्रिक ने महिला पर भूत-प्रेत का चक्कर बता कर उन्हें इस विश्वास में ले लिया कि वह ईलाज कर देगा।
तंत्र क्रिया के लिए ग्वारपाटा, तेल के साथ दो बोतल शराब आदि सामग्री के साथ दो शराब की बोतल मंगवा ली। बंद कमरे में विवाहिता को बुला कर कपड़े उतरवाए। फिर शराब पीकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
चिल्लाई तो पता चला
तांत्रिक क्रिया के दौरान गणपतलाल ने परिजनों को कमरे से बाहर निकाल दिया और फिर विवाहिता अस्मत से खेलने लगा। हैवान तांत्रिक का यह रूप देखा तो महिला जोर से चिल्ला उठी। आवाज सुन कर बाहर बैठे परिजन भीतर आए और तांत्रिक को आपत्तिजनक अवस्था में पाया। इसे देख परिजनों ने मिल कर तांत्रिक की जमकर धुनाई की।
नाथद्वारा। तंत्रमंत्र से गढ़ा धन खोजने में एक दिन पहले ही जहां राजधानी में एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ी,वहीं नाथद्वारा में गुरूवार को तंत्र के जरिए पुत्र देने के नाम पर एक तांत्रिक ने महिला से दुष्कर्म कर डाला।
पुलिस ने तांत्रिक पाली निवासी गणपतलाल को गिरफ्तार कर लिया है। बंद कमरे में पीडित विवाहिता के साथ इस कु कर्म का पता जब घरवालों को चला तो उन्होंने तांत्रिक की जम कर धुनाई कर डाली।
पुलिस ने विवाहिता का मेडिकल करवाने के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अभियुक्त तांत्रिक को शुक्रवार को अदालत में पेश करेगी।
चढ़ा ली "तंत्र" की शराब
पुलिस के अनुसार गणपतलाल पिछले दो तीन दिन से ऎसे किसी शिकार की तलाश में मोगाणा गांव में ही घूम रहा था। दावा कर रहा था कि वह गृह क्लेश, पुत्र न होना जैसी समस्याओं के तांत्रिक विद्या से ईलाज करता है।
झांसे में आए महिला के परिजनों ने भी उनके यहां पुत्र नहीं होने की बात बताई तो तांत्रिक ने महिला पर भूत-प्रेत का चक्कर बता कर उन्हें इस विश्वास में ले लिया कि वह ईलाज कर देगा।
तंत्र क्रिया के लिए ग्वारपाटा, तेल के साथ दो बोतल शराब आदि सामग्री के साथ दो शराब की बोतल मंगवा ली। बंद कमरे में विवाहिता को बुला कर कपड़े उतरवाए। फिर शराब पीकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
चिल्लाई तो पता चला
तांत्रिक क्रिया के दौरान गणपतलाल ने परिजनों को कमरे से बाहर निकाल दिया और फिर विवाहिता अस्मत से खेलने लगा। हैवान तांत्रिक का यह रूप देखा तो महिला जोर से चिल्ला उठी। आवाज सुन कर बाहर बैठे परिजन भीतर आए और तांत्रिक को आपत्तिजनक अवस्था में पाया। इसे देख परिजनों ने मिल कर तांत्रिक की जमकर धुनाई की।
अमृतसर पहुंचा सरबजीत का शव
अमृतसर पहुंचा सरबजीत का शव
अमृतसर/लाहौर। भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह का शव गुरूवार शाम अमृतसर पहुंचा। अमृतसर से हेलीकॉप्टर के जरिए शव सरबजीत के पैतृक गांव भिखीविंड ले जाया जाएगा। जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार होगा।
पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि शव का फिर से पोस्टमार्टम कराया जाएगा,ताकि वास्तविकता सामने आ सके। पंजाब सरकार ने सरबजीत के परिजनों को एक करोड़ रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। पंजाब सरकार ने सरबजीत को शहीद का दर्जा दिया है। पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सरबजीत की दोनों बेटियों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने केन्द्र सरकार से सरबजीत की हत्या का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की मांग की है। प्रधानमंत्री सहायता कोष से सरबजीत के परिजनों को 25 लाख रूपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। करीब एक हफ्ते से लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत ने बुधवार देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया था। अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया गया।
पाक अधिकारियों ने लगाया अड़ंगा
शव को भारत लाने के लिए एक विशेष विमान पाकिस्तान भेजा गया था। पाकिस्तान के अधिकारियों की वजह से प्लेन लाहौर एयरपोर्ट से काफी देरी से रवाना हुआ।
नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों ने शव को प्लेन में चढ़ाने से रोक लिया था। विभाग का कहना था कि शव को भारत भेजने के लिए जरूरी अस्पताल का क्लीयरेंस सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी होने पर शव को प्लेन में चढ़ाने की अनुमति दे दी गई। इससे पहले कस्टम विभाग के अधिकारियों ने भी कागजी कार्रवाई के नाम पर अड़ंगा लगा दिया था।
कस्टम विभाग के अधिकारियों ने शव को प्लेन में चढ़ाने से पहले विदेश विभाग का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट और पुलिस रिपोर्ट मांगी। जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने के बाद अधिकारियों ने शव को भारत ले जाने की अनुमति दी।
जरदारी के पुतले फूंके -
सरबजीत की मौत से गुस्साए लोगों ने कोलकाता में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के पुतले फूंके। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नजम सेठी ने कोट लखपत जेल में कैद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
सरबजीत पर 26 अप्रैल को लाहौर की कोटलखपत जेल में कुछ कै दियों ने ईटो और धारदार हथियारों से प्राणघातक हमला किया था जिसके बाद उसे मरणासन्न हालत में लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सरबजीत को डाक्टरों ने बुधवार देर रात मृत घोषित किया। सेठी ने गुरूवार को यहां जारी अपने आदेश में सरबजीत की मौत से जुड़े प्रत्येक पहलू की जांच के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि सरबजीत सिंह की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई है।
अमृतसर/लाहौर। भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह का शव गुरूवार शाम अमृतसर पहुंचा। अमृतसर से हेलीकॉप्टर के जरिए शव सरबजीत के पैतृक गांव भिखीविंड ले जाया जाएगा। जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार होगा।
पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि शव का फिर से पोस्टमार्टम कराया जाएगा,ताकि वास्तविकता सामने आ सके। पंजाब सरकार ने सरबजीत के परिजनों को एक करोड़ रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। पंजाब सरकार ने सरबजीत को शहीद का दर्जा दिया है। पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सरबजीत की दोनों बेटियों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने केन्द्र सरकार से सरबजीत की हत्या का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की मांग की है। प्रधानमंत्री सहायता कोष से सरबजीत के परिजनों को 25 लाख रूपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। करीब एक हफ्ते से लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत ने बुधवार देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया था। अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया गया।
पाक अधिकारियों ने लगाया अड़ंगा
शव को भारत लाने के लिए एक विशेष विमान पाकिस्तान भेजा गया था। पाकिस्तान के अधिकारियों की वजह से प्लेन लाहौर एयरपोर्ट से काफी देरी से रवाना हुआ।
नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों ने शव को प्लेन में चढ़ाने से रोक लिया था। विभाग का कहना था कि शव को भारत भेजने के लिए जरूरी अस्पताल का क्लीयरेंस सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है।
जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी होने पर शव को प्लेन में चढ़ाने की अनुमति दे दी गई। इससे पहले कस्टम विभाग के अधिकारियों ने भी कागजी कार्रवाई के नाम पर अड़ंगा लगा दिया था।
कस्टम विभाग के अधिकारियों ने शव को प्लेन में चढ़ाने से पहले विदेश विभाग का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट और पुलिस रिपोर्ट मांगी। जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने के बाद अधिकारियों ने शव को भारत ले जाने की अनुमति दी।
जरदारी के पुतले फूंके -
सरबजीत की मौत से गुस्साए लोगों ने कोलकाता में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के पुतले फूंके। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नजम सेठी ने कोट लखपत जेल में कैद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
सरबजीत पर 26 अप्रैल को लाहौर की कोटलखपत जेल में कुछ कै दियों ने ईटो और धारदार हथियारों से प्राणघातक हमला किया था जिसके बाद उसे मरणासन्न हालत में लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सरबजीत को डाक्टरों ने बुधवार देर रात मृत घोषित किया। सेठी ने गुरूवार को यहां जारी अपने आदेश में सरबजीत की मौत से जुड़े प्रत्येक पहलू की जांच के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि सरबजीत सिंह की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई है।
स्वतंत्रता सेनानी नहीं क्रांतिकारी
स्वतंत्रता सेनानी नहीं क्रांतिकारी
लखनऊ।सारा देश भले ही देश को आजाद कराने में महान क्रांतिकारियों द्वारा दी गई आहुतियों को अपने दिल में संजो कर रखता हो लेकिन लगता है कि सरकार की नजरों में इसका कोई मायने नहीं है।
लखनऊ में कक्षा सात की 11 वर्षीय छात्रा और देश की सबसे कम उम्र की बाल आरटीआई कार्यकर्ता ऎश्वर्या पाराशर के इस संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगे जवाब पर सरकार ने कोई साफ उत्तर न देकर गोलमोल जानकारी दी है।
ऎश्वर्या ने प्रधानमंत्री कार्यालय से 25 मार्च 13 को भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चंद्र शेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और मंगल पांडेय को स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने के भारत सरकार के आदेशों की फोटो कॉपी मांगी थी।
आरसी नायक, निदेशक (स्वतंत्रता सेनानी) एवं गृह मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी द्वारा ऎश्वर्या को भेजे गए जवाब में केवल यह लिखा गया है कि
राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम में इन क्रांतिकारियों की शहादत एक ऎतिहासिक तथ्य है।
याचिकाकर्ता ने की प्रथम अपील
स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन स्कीम 1980 के तहत गृह मंत्रालय की स्वतंत्रता सेनानी शाखा उन स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन देता है, जो स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन स्कीम 1980 में निर्धारित मापदंड और प्रमाणिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। क्रांतिकारियों को स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने के भारत सरकार के आदेशों की फोटो कॉपी देने के बारे में यह पत्र मौन है।
जनसूचना अधिकारी द्वारा दी गई भ्रमपूर्ण जानकारी प्राप्त होने पर ऎश्वर्या दुखी और हताश है। ऎश्वर्या ने कहा कि उसे तो भारत सरकार के आदेशों की फोटो कॉपी चाहिए थी जो उसे नहीं मिलीं। अब उसने इस मामले में प्रथम अपील की है।
लखनऊ।सारा देश भले ही देश को आजाद कराने में महान क्रांतिकारियों द्वारा दी गई आहुतियों को अपने दिल में संजो कर रखता हो लेकिन लगता है कि सरकार की नजरों में इसका कोई मायने नहीं है।
लखनऊ में कक्षा सात की 11 वर्षीय छात्रा और देश की सबसे कम उम्र की बाल आरटीआई कार्यकर्ता ऎश्वर्या पाराशर के इस संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगे जवाब पर सरकार ने कोई साफ उत्तर न देकर गोलमोल जानकारी दी है।
ऎश्वर्या ने प्रधानमंत्री कार्यालय से 25 मार्च 13 को भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चंद्र शेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और मंगल पांडेय को स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने के भारत सरकार के आदेशों की फोटो कॉपी मांगी थी।
आरसी नायक, निदेशक (स्वतंत्रता सेनानी) एवं गृह मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी द्वारा ऎश्वर्या को भेजे गए जवाब में केवल यह लिखा गया है कि
राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम में इन क्रांतिकारियों की शहादत एक ऎतिहासिक तथ्य है।
याचिकाकर्ता ने की प्रथम अपील
स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन स्कीम 1980 के तहत गृह मंत्रालय की स्वतंत्रता सेनानी शाखा उन स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन देता है, जो स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन स्कीम 1980 में निर्धारित मापदंड और प्रमाणिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। क्रांतिकारियों को स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने के भारत सरकार के आदेशों की फोटो कॉपी देने के बारे में यह पत्र मौन है।
जनसूचना अधिकारी द्वारा दी गई भ्रमपूर्ण जानकारी प्राप्त होने पर ऎश्वर्या दुखी और हताश है। ऎश्वर्या ने कहा कि उसे तो भारत सरकार के आदेशों की फोटो कॉपी चाहिए थी जो उसे नहीं मिलीं। अब उसने इस मामले में प्रथम अपील की है।
भारत को सौंपा सरबजीत का शव
भारत को सौंपा सरबजीत का शव
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने गुरूवार को सरबजीत का शव भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। जिन्ना अस्पताल में सरबजीत का पोस्टमार्टम किया गया। करीब एक हफ्ते से लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत ने बुधवार देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
गौरतलब है कि दिल्ली से एक विशेष विमान लाहौर के लिए भेजा जा रहा है। यह विमान उनके पार्थिव शरीर को अमृतसर लेकर आएगा,उसके बाद सरबजीत के पैतृक गांव भिखीविंड ले जाया जाएगा जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। इधर,पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि सरबजीत के शव का फिर से पोस्टमार्टम कराया जाएगा,ताकि वास्तविकता सामने आ सके।
पाक ने दिए न्यायिक जांच के आदेश-
पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नजम सेठी ने कोट लखपत जेल में कैद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। सरबजीत पर 26 अप्रैल को लाहौर की कोटलखपत जेल में कुछ कै दियों ने ईटो और धारदार हथियारों से प्राणघातक हमला किया था जिसके बाद उसे मरणासन्न हालत में लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सरबजीत को डाक्टरों ने बुधवार देर रात मृत घोषित किया। सेठी ने गुरूवार को यहां जारी अपने आदेश में सरबजीत की मौत से जुड़े प्रत्येक पहलू की जांच के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि सरबजीत सिंह की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई है।
सरबजीत नॉन रिवर्सिबल कोमा में चले गए थे। सरबजीत की तबीयत में जब सुधार नहीं हो रहा था तो परिजन और भारत सरकार लगातार पाकिस्तान से अपील करते रहे कि उसे इलाज के लिए भारत या किसी अन्य देश भेज दिया जाए लेकिन उसने एक नहीं सुनी। पाकिस्तान इस बात पर अड़ा रहा कि इलाज वहीं होगा। पाकिस्तान की इसी जिद ने उनकी जान ले ली।
आरोपी रिजवान और आमिर के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया गया था। सरबजीत सिंह को 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाकों का दोषी करार दिया गया था। 1991 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी।
28 अगस्त 1990 को सरबजीत गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के आठ दिन बाद पुलिस ने उन पर लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाकों का आरोप लगाया। 1990 से ही वह लाहौर की कोट लखपत जेल में कैद थे। 1991 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। कई बार उनकी फांसी टल गई। उनकी ओर से पांच दया याचिकाएं दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरबजीत की फांसी की सजा को बरकरार रखा।
मार्च 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी फांसी की सजा पर पुर्नविचार के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी थी। मामले पर सुनवाई के दौरान उनके वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए इसलिए याचिका खारिज कर दी गई। 3 मार्च 2008 को तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उनकी दया याचिका खारिज कर दी। 26 जून 2012 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने सरबजीत को रिहा करने का फैसला किया लेकिन कुछ घंटे बाद ही अपना फैसला बदल लिया क्योंकि जमात ए इस्लामी और जमात उद दावा ने कड़ा एतराज जताया था। पाकिस्तान की सरकार ने सफाई दी कि सरबजीत नहीं बल्कि सुरजीत सिंह को रिहा किया जा रहा है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने गुरूवार को सरबजीत का शव भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। जिन्ना अस्पताल में सरबजीत का पोस्टमार्टम किया गया। करीब एक हफ्ते से लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत ने बुधवार देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
गौरतलब है कि दिल्ली से एक विशेष विमान लाहौर के लिए भेजा जा रहा है। यह विमान उनके पार्थिव शरीर को अमृतसर लेकर आएगा,उसके बाद सरबजीत के पैतृक गांव भिखीविंड ले जाया जाएगा जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। इधर,पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि सरबजीत के शव का फिर से पोस्टमार्टम कराया जाएगा,ताकि वास्तविकता सामने आ सके।
पाक ने दिए न्यायिक जांच के आदेश-
पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नजम सेठी ने कोट लखपत जेल में कैद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। सरबजीत पर 26 अप्रैल को लाहौर की कोटलखपत जेल में कुछ कै दियों ने ईटो और धारदार हथियारों से प्राणघातक हमला किया था जिसके बाद उसे मरणासन्न हालत में लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सरबजीत को डाक्टरों ने बुधवार देर रात मृत घोषित किया। सेठी ने गुरूवार को यहां जारी अपने आदेश में सरबजीत की मौत से जुड़े प्रत्येक पहलू की जांच के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि सरबजीत सिंह की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई है।
सरबजीत नॉन रिवर्सिबल कोमा में चले गए थे। सरबजीत की तबीयत में जब सुधार नहीं हो रहा था तो परिजन और भारत सरकार लगातार पाकिस्तान से अपील करते रहे कि उसे इलाज के लिए भारत या किसी अन्य देश भेज दिया जाए लेकिन उसने एक नहीं सुनी। पाकिस्तान इस बात पर अड़ा रहा कि इलाज वहीं होगा। पाकिस्तान की इसी जिद ने उनकी जान ले ली।
आरोपी रिजवान और आमिर के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया गया था। सरबजीत सिंह को 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाकों का दोषी करार दिया गया था। 1991 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी।
28 अगस्त 1990 को सरबजीत गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के आठ दिन बाद पुलिस ने उन पर लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाकों का आरोप लगाया। 1990 से ही वह लाहौर की कोट लखपत जेल में कैद थे। 1991 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। कई बार उनकी फांसी टल गई। उनकी ओर से पांच दया याचिकाएं दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरबजीत की फांसी की सजा को बरकरार रखा।
मार्च 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी फांसी की सजा पर पुर्नविचार के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी थी। मामले पर सुनवाई के दौरान उनके वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए इसलिए याचिका खारिज कर दी गई। 3 मार्च 2008 को तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उनकी दया याचिका खारिज कर दी। 26 जून 2012 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने सरबजीत को रिहा करने का फैसला किया लेकिन कुछ घंटे बाद ही अपना फैसला बदल लिया क्योंकि जमात ए इस्लामी और जमात उद दावा ने कड़ा एतराज जताया था। पाकिस्तान की सरकार ने सफाई दी कि सरबजीत नहीं बल्कि सुरजीत सिंह को रिहा किया जा रहा है।
सोनिया के निवास पर सिखों का प्रदर्शन
सोनिया के निवास पर सिखों का प्रदर्शन
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में मंगलवार को बरी किए जाने के फैसले के विरोध में सिख प्रदर्शनकारी दूसरे दिन गुरूवार को विरोध स्वरूप सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं,साथ ही उनके और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेट्स को भी गिरा दिया। सोनिया गांधी के घर प्रदर्शनकारी नहीं पहुंच सके,इसके लिए पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
प्रदर्शनकारी अपने साथ एक अर्थी भी लाए हैं। सज्जन कुमार के बरी होने के साथ-साथ वे पाकिस्तान के लाहौर के जिन्ना मे बुधवार देर रात भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत का भी विरोध कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सज्जन कुमार को 1984 मे हुए सिंख विरोधी दंगों के एक मामले में मंगलवार को बरी करने के विरोध में बुधवार को भी सिख प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर ट्रैफिक जैम भी किया। फैसले से नाराज प्रदर्शनकारी वैशाली-मेट्रो रूट पर पड़ने वाले सुभाषनगर मेट्रो स्टेशन पर पटरियों पर उतर आए।
प्रदर्शनकारी मेट्रो के अंदर भी घुस विरोध करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ट्रेन से उतारा। इसके कुछ देर बाद मेट्रो सेवा बहाल हो गई। नारे लगाते हुए 1984 के गुनाहगारों को फांसी दो और हमें न्याय चाहिए जैसी तखतियां लिए प्रदर्शनकारी तिलक नगर पुलिस स्टेशन पहुंचे और वहां टै्रफिक जैम कर दिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 29 साल हो गए हैं और हमें अभी तक न्याय नहीं मिला है। सरकार को शर्म आनी चाहिए। हम कभी नहीं भूल सकते और उन लोगों को माफ कर सकते जो दंगों में शामिल थे।
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में मंगलवार को बरी किए जाने के फैसले के विरोध में सिख प्रदर्शनकारी दूसरे दिन गुरूवार को विरोध स्वरूप सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं,साथ ही उनके और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेट्स को भी गिरा दिया। सोनिया गांधी के घर प्रदर्शनकारी नहीं पहुंच सके,इसके लिए पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
प्रदर्शनकारी अपने साथ एक अर्थी भी लाए हैं। सज्जन कुमार के बरी होने के साथ-साथ वे पाकिस्तान के लाहौर के जिन्ना मे बुधवार देर रात भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत का भी विरोध कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सज्जन कुमार को 1984 मे हुए सिंख विरोधी दंगों के एक मामले में मंगलवार को बरी करने के विरोध में बुधवार को भी सिख प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर ट्रैफिक जैम भी किया। फैसले से नाराज प्रदर्शनकारी वैशाली-मेट्रो रूट पर पड़ने वाले सुभाषनगर मेट्रो स्टेशन पर पटरियों पर उतर आए।
प्रदर्शनकारी मेट्रो के अंदर भी घुस विरोध करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ट्रेन से उतारा। इसके कुछ देर बाद मेट्रो सेवा बहाल हो गई। नारे लगाते हुए 1984 के गुनाहगारों को फांसी दो और हमें न्याय चाहिए जैसी तखतियां लिए प्रदर्शनकारी तिलक नगर पुलिस स्टेशन पहुंचे और वहां टै्रफिक जैम कर दिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 29 साल हो गए हैं और हमें अभी तक न्याय नहीं मिला है। सरकार को शर्म आनी चाहिए। हम कभी नहीं भूल सकते और उन लोगों को माफ कर सकते जो दंगों में शामिल थे।
चाचा 3 साल से करता रहा दुष्कर्म
चाचा 3 साल से करता रहा दुष्कर्म
जयपुर। गांधी नगर थाना इलाके में झालाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती की अश्लील क्लीपिंग सार्वजनिक करने का भय दिखा कर सगे चाचा द्वारा दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। आए दिन की प्रताड़नाओं से तंग आकर युवती ने घटनाक्रम की जानकारी अपने परिजनों को दी। इस संबंध में परिजनों ने गांधी नगर थाने में मामला दर्ज कराया है।
गांधी नगर थाना प्रभारी मुकेश चौधरी ने बताया कि झालाना क्षेत्र निवासी 21 साल की युवती ने मामला दर्ज कराया है कि उसके सगे चाचा कमल कुमार ने वष्ाü 2010 में उसे घर में टीवी देखने के बहाने बुलाया। इस दौरान उसने कमरा बंद कर दुष्कर्म करते हुए अश्लील क्लीपिंग बना ली। इसके बाद आरोपी क्लीपिंग को सार्वजनिक करने का भय दिखा कर दुष्कर्म करता रहा। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
शादी के बाद भी किया शोषण
पीडिता ने इस्तगासा के जरिए आरोप लगाया है कि चाचा ने उसके साथ सालों तक दुष्कर्म किया। वष्ाü 2012 में पीडिता की आंधी थाना इलाके में शादी हुई। इसके बाद जब भी वह पीहर आती तो क्लीपिंग का भय दिखा आरोपी दुष्कर्म करता रहा।
जयपुर। गांधी नगर थाना इलाके में झालाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती की अश्लील क्लीपिंग सार्वजनिक करने का भय दिखा कर सगे चाचा द्वारा दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। आए दिन की प्रताड़नाओं से तंग आकर युवती ने घटनाक्रम की जानकारी अपने परिजनों को दी। इस संबंध में परिजनों ने गांधी नगर थाने में मामला दर्ज कराया है।
गांधी नगर थाना प्रभारी मुकेश चौधरी ने बताया कि झालाना क्षेत्र निवासी 21 साल की युवती ने मामला दर्ज कराया है कि उसके सगे चाचा कमल कुमार ने वष्ाü 2010 में उसे घर में टीवी देखने के बहाने बुलाया। इस दौरान उसने कमरा बंद कर दुष्कर्म करते हुए अश्लील क्लीपिंग बना ली। इसके बाद आरोपी क्लीपिंग को सार्वजनिक करने का भय दिखा कर दुष्कर्म करता रहा। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
शादी के बाद भी किया शोषण
पीडिता ने इस्तगासा के जरिए आरोप लगाया है कि चाचा ने उसके साथ सालों तक दुष्कर्म किया। वष्ाü 2012 में पीडिता की आंधी थाना इलाके में शादी हुई। इसके बाद जब भी वह पीहर आती तो क्लीपिंग का भय दिखा आरोपी दुष्कर्म करता रहा।
बहन से रेप कर किया दोस्तों के हवाले
बहन से रेप कर किया दोस्तों के हवाले
जयपुर। राजधानी के आमेर थाना इलाके में एक युवक ने अपनी मौसेरी बहन के साथ दुष्कर्म कर उसे दोस्तो के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है और अब उसके दो दोस्तों की तलाश में जुटी है।
जानकारी के अनुसार आमेर के पीली की तलाई निवासी आरोपी युवक 29 अप्रेल को अपनी मौसी की नाबालिग को घर से भगा ले गया। युवक ने किशोरी को अपनी दोस्त के मकान में रखा और वहीं पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस के अनुसार आरोपी युवक किशोरी से दुराचार के बाद उसे वहीं छोड़ फरार हो गया। यहां उसे अकेला देख दोस्तों ने भी दुष्कर्म की कोशिश की लेकिन शोर मचाने पर युवक घबरा गए और उसे आमरे थाने के पास छोड़ फरार हो गए। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर उसके दोस्तों को तलाश कर रही है।
जयपुर। राजधानी के आमेर थाना इलाके में एक युवक ने अपनी मौसेरी बहन के साथ दुष्कर्म कर उसे दोस्तो के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है और अब उसके दो दोस्तों की तलाश में जुटी है।
जानकारी के अनुसार आमेर के पीली की तलाई निवासी आरोपी युवक 29 अप्रेल को अपनी मौसी की नाबालिग को घर से भगा ले गया। युवक ने किशोरी को अपनी दोस्त के मकान में रखा और वहीं पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस के अनुसार आरोपी युवक किशोरी से दुराचार के बाद उसे वहीं छोड़ फरार हो गया। यहां उसे अकेला देख दोस्तों ने भी दुष्कर्म की कोशिश की लेकिन शोर मचाने पर युवक घबरा गए और उसे आमरे थाने के पास छोड़ फरार हो गए। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर उसके दोस्तों को तलाश कर रही है।
बाड़मेर नगर परिषद् का बाबू भगवानाराम प्रजापत रिश्वत लेते पकड़ा गया
नगर परिषद् का बाबू भगवानाराम प्रजापत रिश्वत लेते पकड़ा गया
बाड़मेर नगर परिषद् बाड़मेर में गुरूवार को भरष्टाचार निरोधक विभाग ने एक लिपिक को हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया .विभागीय सूत्रों के अनुसार नगर परिषद् के लिपिक भगवाना राम ने दूरभाष विभाग में कार्यरत समेजा के भूमि सम्बंधित कार्य के निस्तारण के लिए दस हज़ार रुपये मांगे थे .जिसे आह देने के लिए परिषद् गए जन्हा पूर्व में विभाग द्वारा जाल बिछाया गया था राशी देते ही उसे रंगे हाथो पकड़ लिए .आरोपी ने नोट खाने की नाकाम कोशिश भी की .विभागीय कार्यवाही जारी हें
बाड़मेर नगर परिषद् बाड़मेर में गुरूवार को भरष्टाचार निरोधक विभाग ने एक लिपिक को हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया .विभागीय सूत्रों के अनुसार नगर परिषद् के लिपिक भगवाना राम ने दूरभाष विभाग में कार्यरत समेजा के भूमि सम्बंधित कार्य के निस्तारण के लिए दस हज़ार रुपये मांगे थे .जिसे आह देने के लिए परिषद् गए जन्हा पूर्व में विभाग द्वारा जाल बिछाया गया था राशी देते ही उसे रंगे हाथो पकड़ लिए .आरोपी ने नोट खाने की नाकाम कोशिश भी की .विभागीय कार्यवाही जारी हें
पुलिस ने पति को पीटा, बचाने आई गर्भवती पत्नी को लात मार आंखों में डाली शराब
फलौदी। अदालत से प्राप्त इस्तगासा के आधार पर पुलिस थाने में एक एएसआई व तीन कांस्टेबल सहित पांच जनों के विरुद्ध घर में घुस कर महिला व परिवार वालों से मारपीट का मामला दर्ज हुआ है। कुण्डल निवासी नि:शक्त रेवंतसिंह ओड़ ने अदालत में इस्तगासा पेश किया कि 24 मार्च को एएसआई सज्जनसिंह कांस्टेबल अखेराज, दिनेश व मोहनलाल के साथ शाम को उसके घर आए और मारपीट करने लगे।
गर्भवती पत्नी छुड़ाने आई तो उसे भी मुल्जिमों ने लातों से मारा। बिलू यादव भी वहां आ गया और उसने भी रेवंत व उसकी पत्नी से मारपीट की। बाद में पुलिस थाने पहुंच कर उसके व उसकी पत्नी के विरुद्ध राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर दिया।
25 मार्च की सुबह मुल्जिमान उसके घर पहुंचे और पति-पत्नी को गिरफ्तार कर पुलिस थाना ले आए और वहां भी दोनों के साथ मारपीट की। पत्नी को डंडों से पीटा और आंखों में शराब डालकर मारपीट की। पुलिस की मारपीट से उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई।
30 मार्च को उसकी पत्नी जमानत पर छूटी और 4 अप्रैल को वह जमानत पर बाहर आया। उसने आशंका जताई कि पत्नी का गर्भपात हो सकता है तथा शराब डालने से उसकी एक आंख खराब हो गई है।
गर्भवती पत्नी छुड़ाने आई तो उसे भी मुल्जिमों ने लातों से मारा। बिलू यादव भी वहां आ गया और उसने भी रेवंत व उसकी पत्नी से मारपीट की। बाद में पुलिस थाने पहुंच कर उसके व उसकी पत्नी के विरुद्ध राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर दिया।
25 मार्च की सुबह मुल्जिमान उसके घर पहुंचे और पति-पत्नी को गिरफ्तार कर पुलिस थाना ले आए और वहां भी दोनों के साथ मारपीट की। पत्नी को डंडों से पीटा और आंखों में शराब डालकर मारपीट की। पुलिस की मारपीट से उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई।
30 मार्च को उसकी पत्नी जमानत पर छूटी और 4 अप्रैल को वह जमानत पर बाहर आया। उसने आशंका जताई कि पत्नी का गर्भपात हो सकता है तथा शराब डालने से उसकी एक आंख खराब हो गई है।
ख़ास खबर तो आई एस आई का अगला शिकार कुलदीप यादव और कुलदीप सिंह होंगे ?
फोटो लखपत जेल पाक में भारतीय कैदी ....तीसरे नंबर कर कुलदीप यादव |
इसी साल चमेल सिंह की भी जेल में पिट पिट कर हत्या की थी
कोट लखपत में दो भारतीय नागरिको की जान दांव पर
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर लगभग सौलह साल से लाहौर (पाकिस्तान) की जेल में बंद एक भारतीय ने जेल अधिकारियों पर यातनाएं देने का आरोप लगाया है। अहमदाबाद, गुजरात निवासी 41 वर्षीय कुलदीप कुमार यादव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान ने कैद कर रखा है। सरबजीत को कैदियों से हमला करवा मौत देने की साजिस में आई एस आई कामयाब हो गया .आई एस आए की नज़र अब लखपत जेल में पचीस पचीस साल की सज़ा भुगत रहे गुजरात निवासी कुलदीप कुमार और कश्मीर जम्मू निवासी कुलदीप सिंह पर हें .आई एस आई इन पर भी कभी भी हमला करवा सकती हें ,यह खुलासा इनके साथ तीन साल तक लखपत जेल में रहे बाड़मेर जिले के रासबानी गाँव निवासी जुम्मा खान ने विशेष बातचीत में किया .जुम्मा खान तीन साल पहले पाकिस्तान से रिहा होक वतन लौटा हें .
जुम्मा खान ने बताया कि कोट लखपत जेल से कुलदीप ने राजकोट निवासी अपने वकील एम. के. पॉल को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मुझे यातनाएं दी जा रही हैं। मैं अब और यातनाएं सहन नहीं कर सकता। मैं इस पत्र में यह बताने की स्थिति में नहीं हूं कि मुझे किस तरह की यातनाएं दी जा रही हैं। भारत सरकार मेरी रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए कोई ईमानदार पहल नहीं कर रही। सरकार ने अहमदाबाद में रहने वाले मेरे परिवार को कोई मुआवजा भी नहीं दिया है।
पॉल ने बताया कि यादव 23 मार्च 1994 से पाकिस्तान में बंद है। कुलदीप की 76 वर्षीय मां मायादेवी जब अपने बेटे के बारे में बात करती हैं तो उनकी आंखों के आंसू नहीं थमते। अहमदाबाद के चांदखेड़ा में रहने वाली मायादेवी ने कहा कि कुलदीप 1989 में यह कहकर हमें छोड़कर चला गया कि मैं नई दिल्ली नौकरी के लिए जा रहा हूं। उसने यह नहीं बताया कि उसे कहां नौकरी मिली है और वह किसके लिए काम कर रहा है। कुलदीप ने गुजरात यूनिवर्सिटी से वकालत पढ़ी है। मायादेवी के मुताबिक कुलदीप के पाकिस्तान की जेल में होने के बारे में उन्हें कुछ साल पहले पता चला था। उसके बाद हमने उसकी रिहाई के लिए खूब भागदौड़ की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बेटे के बारे में सोचते-सोचते उसके पिता नानकचंद की वर्ष 2000 में मौत हो गई।
1 फरवरी, 2007 को भारतीय उच्चायोग द्वारा भेजा गया खत कुलदीप के पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में होने का पुख्ता सबूत मिले थे । इस खत में न सिर्फ कुलदीप के वहां होने की पुष्टि की गई है, बल्कि यह भी कहा गया है कि उनकी जल्द रिहाई के प्रयास जारी हैं। मगर इन दिनों कुलदीप को भारतीय सरकार ने भुला दिया .उनके साथ कुलदीप सिंह भी हे जिसे पचीस साल की सज़ा मिली हें उनकी सज़ा के सत्रह सत्रह साल पूर्ण हो चुके हें मगर उनकी रिहाई की कोई उम्मीद नज़र नहीं आती सरबजीत की मौत के बाद आई एस आई चुप बैठेगी ऐसा नहीं लगता क्योंकि पाकिस्तानी जिलो में समस्त गतिविधिया आई एस आई चलती हें .आई एस आई दोनों कुल्दीपो को मौत की सज़ा दिलाना चाहती थी मगर पाकिस्तान न्यायालय ने उन्हें पचीस पचीस साल की सज़ा सुनाई थी ,उनकी सात सात साल की सज़ा शेष हें ,ऐसे में दोनों कुलदीप की जिंदगियां लखपत जेल में सुरक्षित हें कहा नहीं जा सकता .क्योंकि इसी साल पाक जेल में बंद चमेल सिंह की भी चोबीस जनवरी को पिट पिट कर बुरी तरह घायल कर दिया था बाद में उसे जिन्ना अस्पताल में भारती कराया था जन्हा उसमने दम तोड़ दिया था कर दी थी
जम्मू-कश्मीर के प्रगवाल निवासी सिंह को 2008 में पाकिस्तान में जासूसी करने का दोषी ठहराया गया था .चमेल सिंह पर भी जासूसी का आरोप लगाया था .इसी तरह पाक जेल में बंद सतपाल सिंह की भी मौत जेल में पिटाई के कारन हुई थी
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ख़ास रिपोर्ट सरबजीत की लखपत जेल की कहानी उसके दोस्त जुम्मा खान की जुबानी
ख़ास रिपोर्ट सरबजीत की लखपत जेल की कहानी उसके दोस्त जुम्मा खान की जुबानी
सरबजीत को वतन वापसी की उमीदो पर भारत सरकार ने फेरा था पानी चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर पाकिस्तान की लाहौर की लखपत जेल में जानलेवा हमले में पिछले सप्ताह गंभीर रूप से घायल हुए सरबजीत सिंह ने आख़िरकार जिन्ना अस्पताल में देर रत दम तोड़ दिया .सरब्ज्त के साथ विश्वासघात आई एस आए ने किया .सरबजीत पर हमला आई एस आई ने कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो ने लखपत जेल में बंद कैदियों से हमला करवा जान से मार डाला . लेकिन हम आपको सरबजीत के लखपत जेल की तीन साल कहानी से रूबरू करते है जिसने सबजीत के साथ जेल में पुरे तीन साल गुजारे है इस शख्स से सबजीत अपने दिल की बाते करता था अब जब इस शख्स को इस बात से खबर मिली कि सबजीत पर जेल में हमला हो गया है तो यह शख्स हर पल आल्हा से यह दुआ कर रहा है कि सबजीत अपनी जिन्दगी की जग जीत जाए।जुम्मा की दुआ भी आज बेअसर हो गई सरबजीत ने दान तोड़ दिया .जुम्मा की आँखे सरबजीत की मौत के बाद सुनी सी हो गयी .,
पिछले कई दिनों से पुरे देश में सरबजीत को लेकर दुआए को दौर जारी है लेकिन एक ऐसा शख्स है जिसने सरबजीत के साथ अपनी जिन्दगी के अहम तीन साल एक साथ गुजारे है और जब राजस्थान के बाड़मेर जिले भारत -पाक पर रहने वाले जुमे खान को इस बात की खबर मिला की उसके दोस्त सरबजीत पर
पाक की लखपत जेल में हमला हुआ तो जुमे खान के पेरो तलो जमीन खिसक गई ओए जुमे खान को अब तक इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि उसके दोस्त जिन्दगी की आखिर जग लड़ रहा है अब जुमे खान को हर वो पल पल रह रह कर याद आ आरहे है जो उसने सरबजीत के साथ बिताए थे जुमे खान अब हर वक्त अपने अलाह से यह दुआ कर रहा है कि सरबजीत का इलाज दुसरे देश में हो और जब वो अपनी जिन्दगी की जंग जीत जाए तो रिहा होकर अपने मुल्क वापिस अपने घर लोट आए मगर ऐसा नहीं हो सका .
सबजीत के साथ जेल में रहने वाला भारतीय कैदी
..जुमे खान के अनुसार सबजीत को इस बात का यकीन हो गया था कि उससे अब फासी नहीं होगी इस बात को लेकर वो हमेशा खुश रहता था और सबजीत हेमशा यह कहता था कि वह निर्दोष है उसने पाक में कोई भी ब्लास्ट नहीं किया है वो तो रेहड़ी पर सामान बेचते हुए पकड़ा गया था उसके बाद आई एस आई ने उससे फसा दिया गया था में सबजीत से जेल में महीने में एक दो बार मिलते रहते थे जुमे खान के अनुसार अब जो हमला जेल हुआ है वो किसी भी कैदी नहीं किया है जेल में जो भी केडी रहते है वो भाई की तरह रहते है यह हमला तो कसाब की फासी का बदला लेने के लिए पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई ने करवाया है मुझे इसी बात का बड़ा दुख है कि सबजीत पर पाक में जेल में हमला करवाया कर उसे मोट के घाट उतारने की कोशशि की है इससे तो अच्छा होता कि जब सरबजीत को फाशी की सजा सुनाई गयी थी उसी वक्त फासी पर चढ़ा देते इस तरीके से पाक ने सरबजीत के साथ धोखा दिया है
.जुमे खान पाक की लखपत जेल से दो साल पहले रिहा हुआ था जुमे खान पशु चराते हुए सीमा के उस पार चला गया था उसके बाद पाक ने उसे जासूस के आरोप में दस साल की सजा सुनाई थी और जुमे खान ने सजा पुरे होने के बाद तीन साल २007 से 2010 तक लखपत जेल में सरबजीत के साथ बिताए थे अब जुमे खान को इस बात कि चिंता सता रही है कि पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई अजमल कसब और अफजल गुरु का बदला लेने के लिए और किसी भी भारतीय पर जेल में हमला करवाकर मोत के घाट उतार सकती है .आई एस आई कसब और अफज़ल गुरु की मौत का बदल भारत से लेना चाहता था सरबजीत को मौत देकर बदल ले लिया .
बाड़मेर पाकिस्तान की लाहौर की लखपत जेल में जानलेवा हमले में पिछले सप्ताह गंभीर रूप से घायल हुए सरबजीत सिंह ने आख़िरकार जिन्ना अस्पताल में देर रत दम तोड़ दिया .सरब्ज्त के साथ विश्वासघात आई एस आए ने किया .सरबजीत पर हमला आई एस आई ने कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो ने लखपत जेल में बंद कैदियों से हमला करवा जान से मार डाला . लेकिन हम आपको सरबजीत के लखपत जेल की तीन साल कहानी से रूबरू करते है जिसने सबजीत के साथ जेल में पुरे तीन साल गुजारे है इस शख्स से सबजीत अपने दिल की बाते करता था अब जब इस शख्स को इस बात से खबर मिली कि सबजीत पर जेल में हमला हो गया है तो यह शख्स हर पल आल्हा से यह दुआ कर रहा है कि सबजीत अपनी जिन्दगी की जग जीत जाए।जुम्मा की दुआ भी आज बेअसर हो गई सरबजीत ने दान तोड़ दिया .जुम्मा की आँखे सरबजीत की मौत के बाद सुनी सी हो गयी .,
पिछले कई दिनों से पुरे देश में सरबजीत को लेकर दुआए को दौर जारी है लेकिन एक ऐसा शख्स है जिसने सरबजीत के साथ अपनी जिन्दगी के अहम तीन साल एक साथ गुजारे है और जब राजस्थान के बाड़मेर जिले भारत -पाक पर रहने वाले जुमे खान को इस बात की खबर मिला की उसके दोस्त सरबजीत पर
पाक की लखपत जेल में हमला हुआ तो जुमे खान के पेरो तलो जमीन खिसक गई ओए जुमे खान को अब तक इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि उसके दोस्त जिन्दगी की आखिर जग लड़ रहा है अब जुमे खान को हर वो पल पल रह रह कर याद आ आरहे है जो उसने सरबजीत के साथ बिताए थे जुमे खान अब हर वक्त अपने अलाह से यह दुआ कर रहा है कि सरबजीत का इलाज दुसरे देश में हो और जब वो अपनी जिन्दगी की जंग जीत जाए तो रिहा होकर अपने मुल्क वापिस अपने घर लोट आए मगर ऐसा नहीं हो सका .
सबजीत के साथ जेल में रहने वाला भारतीय कैदी
..जुमे खान के अनुसार सबजीत को इस बात का यकीन हो गया था कि उससे अब फासी नहीं होगी इस बात को लेकर वो हमेशा खुश रहता था और सबजीत हेमशा यह कहता था कि वह निर्दोष है उसने पाक में कोई भी ब्लास्ट नहीं किया है वो तो रेहड़ी पर सामान बेचते हुए पकड़ा गया था उसके बाद आई एस आई ने उससे फसा दिया गया था में सबजीत से जेल में महीने में एक दो बार मिलते रहते थे जुमे खान के अनुसार अब जो हमला जेल हुआ है वो किसी भी कैदी नहीं किया है जेल में जो भी केडी रहते है वो भाई की तरह रहते है यह हमला तो कसाब की फासी का बदला लेने के लिए पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई ने करवाया है मुझे इसी बात का बड़ा दुख है कि सबजीत पर पाक में जेल में हमला करवाया कर उसे मोट के घाट उतारने की कोशशि की है इससे तो अच्छा होता कि जब सरबजीत को फाशी की सजा सुनाई गयी थी उसी वक्त फासी पर चढ़ा देते इस तरीके से पाक ने सरबजीत के साथ धोखा दिया है
.जुमे खान पाक की लखपत जेल से दो साल पहले रिहा हुआ था जुमे खान पशु चराते हुए सीमा के उस पार चला गया था उसके बाद पाक ने उसे जासूस के आरोप में दस साल की सजा सुनाई थी और जुमे खान ने सजा पुरे होने के बाद तीन साल २007 से 2010 तक लखपत जेल में सरबजीत के साथ बिताए थे अब जुमे खान को इस बात कि चिंता सता रही है कि पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई अजमल कसब और अफजल गुरु का बदला लेने के लिए और किसी भी भारतीय पर जेल में हमला करवाकर मोत के घाट उतार सकती है .आई एस आई कसब और अफज़ल गुरु की मौत का बदल भारत से लेना चाहता था सरबजीत को मौत देकर बदल ले लिया .
तीन जगह सड़क हादसा तीन लोगों की मौत
तीन जगह सड़क हादसा तीन लोगों की मौत
पाली तखतगढ़ थाना क्षेत्र के लापोद गांव के पास मंगलवार देर रात बाइक फिसलने से युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाली के बारवा गांव के निकट किसी वाहन की चपेट में आने से बाइक चालक की मौत हो गई। उधर, रास के कोलपुरा गांव के निकट ट्रोला की चपेट में आने से रास अस्पताल में लगे कंपाउडर की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार लापोद गांव का रमेश कुमार पुत्र हीराराम चौधरी मंगलवार रात करीब 10 बजे बाइक लेकर तखतगढ़ से अपने घर लौट रहा था। लापोद गांव के पास रात के अंधेरे में अचानक संतुलन खोने से उसकी बाइक फिसलने हो गई, जिससे रमेश कुमार नीचे गिर गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बाली के बारवा गांव के पास मंगलवार रात 9 बजे किसी वाहन की चपेट में आने से गणेशराम मेघवाल पुत्र भूराराम निवासी बारवा की मौत हो गई। दुर्घटना के समय गणेशराम बाइक पर बारवा से सेवाड़ी गांव जा रहा था, जिसे किसी वाहन ने चपेट में आ गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि टक्कर मारने वाले वाहन का पता नहीं लग पाया है। उधर, रास के सरकारी अस्पताल में नियुक्त कंपाउडर ओमप्रकाश सिंघाडिय़ा निवासी जैतारण मंगलवार दिन में जरूरी काम से रास से कोलपुरा की ओर जा रहा था। रास्ते में ट्रोला चालक ने उसकी बाइक को चपेट में ले लिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ब्यावर अस्पताल में ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पाली तखतगढ़ थाना क्षेत्र के लापोद गांव के पास मंगलवार देर रात बाइक फिसलने से युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाली के बारवा गांव के निकट किसी वाहन की चपेट में आने से बाइक चालक की मौत हो गई। उधर, रास के कोलपुरा गांव के निकट ट्रोला की चपेट में आने से रास अस्पताल में लगे कंपाउडर की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार लापोद गांव का रमेश कुमार पुत्र हीराराम चौधरी मंगलवार रात करीब 10 बजे बाइक लेकर तखतगढ़ से अपने घर लौट रहा था। लापोद गांव के पास रात के अंधेरे में अचानक संतुलन खोने से उसकी बाइक फिसलने हो गई, जिससे रमेश कुमार नीचे गिर गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बाली के बारवा गांव के पास मंगलवार रात 9 बजे किसी वाहन की चपेट में आने से गणेशराम मेघवाल पुत्र भूराराम निवासी बारवा की मौत हो गई। दुर्घटना के समय गणेशराम बाइक पर बारवा से सेवाड़ी गांव जा रहा था, जिसे किसी वाहन ने चपेट में आ गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि टक्कर मारने वाले वाहन का पता नहीं लग पाया है। उधर, रास के सरकारी अस्पताल में नियुक्त कंपाउडर ओमप्रकाश सिंघाडिय़ा निवासी जैतारण मंगलवार दिन में जरूरी काम से रास से कोलपुरा की ओर जा रहा था। रास्ते में ट्रोला चालक ने उसकी बाइक को चपेट में ले लिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ब्यावर अस्पताल में ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
भीनमाल विधायक के भतीजे की हादसे में मौत
भीनमाल विधायक के भतीजे की हादसे में मौत
कावतरा से भीनमाल आ रहा थे परिवार के सदस्य। जुंजाणी में सड़क किनारे खड़े पेड़ से टकराई बोलेरो
भीनमाल
भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी के भतीजे की बुधवार को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस ने पीएम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार कावतरा निवासी मेघाराम पुत्र सादाराम चौधरी बुधवार सवेरे करीब 9.30 बजे बोलेरो जीप नंबर आरजे 16 यूए 9595 को लेकर परिवार के तीन अन्य सदस्यों के साथ कावतरा से भीनमाल आ रहा था। इस दौरान सरहद जुंजाणी में सड़क किनारे खड़े पेड़ से बोलेरो अचानक टकरा गई, जिससे मेघाराम की मौत हो गई। घटना की सूचना पर एएसआई कुंदनसिंह देवड़ा मय दल ने मौका स्थल पर पहुंचकर शव को स्थानीय राजकीय अस्पताल लाया। यहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया। विधायक के भतीज की दुर्घटना में मौत की खबर पर नगरपालिका अध्यक्ष हीरालाल बोहरा और पूर्व सरपंच वरधाराम चौधरी सहित बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। शाम करीब 4 बजे गमगीन माहौल में मेघाराम का अंतिम संस्कार किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
खुशियां बदली मातम में
मृतक मेघाराम के भाई प्रकाश की शादी 20 मई को होने वाली है। शादी की तैयारियों को लेकर परिवार के सदस्य मुंबई सहित अन्य शहरों से गांव आए हुए थे। शादी को लेकर घर में तैयारियां चल रही थी, लेकिन दुर्घटना में मेघाराम की मौत ने खुशियों को मातम में बदल दिया।
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