गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013
मुनाबाव में बनेंगे कस्टम ऑफिस व कॉलोनी
मुनाबाव में बनेंगे कस्टम ऑफिस व कॉलोनी
भवन निर्माण के लिए जैसिंधर में 60 बीघा भूमि होगी अवाप्त, छह साल से अस्थाई तौर पर गडरा में संचालित हो रहा था कस्टम विभाग
गडरारोड अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन पर कस्टम का नया भवन बनेगा। विभाग ने भवन व आवासीय कॉलोनी के लिए स्टेशन के आसपास के गांवों में 60 बीघा भूमि अवाप्त करने का प्रस्ताव भेजा था। जैसिंधर हल्का पटवारी ने कस्टम ऑफिस के लिए ग्राम पंचायत जैसिंधर स्टेशन में भूमि उपलब्ध होने की रिपोर्ट प्रस्तुत की है। केन्द्रीय भूमि अवाप्ति की अधिसूचना की धारा 6(17) के तहत भूमि अवाप्ति के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। उम्मीद है कि जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी होने पर भवन व कॉलोनी निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।
थार एक्सप्रेस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बीते छह साल से कस्टम विभाग संचालित किया जा रहा है। स्टेशन पर भवन नहीं होने पर विभाग ने गडरारोड में अस्थाई कार्यालय खोल रखा था। हाल ही में मुनाबाव में कस्टम के नए भवन व आवासीय कॉलोनी को मंजूरी मिली है। इस पर सहायक कमिश्&52द्भ;नर कस्टम स्टेशन मुनाबाव ने कलेक्टर बाड़मेर को पत्र भेजकर भवन व कॉलोनी के लिए 60 बीघा भूमि अवाप्त करने की मांग रखी। कलेक्टर ने जैसिंधर के हल्का पटवारी को उपलब्ध भूमि की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। पटवारी ने रिपोर्ट में ग्राम पंचायत जैसिंधर स्टेशन में खसरा न. 104 में भूमि उपलब्ध होने की जानकारी दी है। जिसका बाजार मूल्य 8040 रुपए प्रति बीघा है। भूमि की कीमत व सोलेसियस राशि व अन्य व्यय करीब छह लाख पचास हजार रुपए के मुआवजे का भुगतान प्रस्तावित है। इस पर कस्टम विभाग ने भूमि अवाप्ति के लिए अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही कस्टम विभाग को 60 बीघा भूमि मिलेगी।
॥कस्टम ऑफिस व आवासीय कॉलोनी के लिए भूमि अवाप्त करना प्रस्तावित है। कलेक्टर के माध्यम से पटवारी से रिपोर्ट मांगी गई थी। यह रिपोर्ट मिल गई है। अब आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।ञ्जञ्ज
रोहन कुमार, सहायक कमिश्नर, कस्टम स्टेशन मुनाबाव
॥कलेक्टर के निर्देशानुसार भूमि उपलब्ध होने की रिपोर्ट तैयार कर कस्टम के अधिकारियों को दे दी है। अब उनकी ओर से अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया की जाएगी।
मीठालाल मीणा, पटवारी जैसिंधर स्टेशन
बुधवार, 13 फ़रवरी 2013
ड्रिलिंग खर्चे पर ओएनजीसी-केर्न में विवाद: सूत्र
सूत्रों से जानकारी मिली है कि ओएनजीसी बाड़मेर ब्लॉक के ड्रिलिंग खर्च का बोझ उठाना नहीं चाहता है। बाड़मेर ब्लॉक के एक्सप्लोरेशन के लिए ओएनजीसी को 26 करोड़ डॉलर चुकाने होंगे।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक बाड़मेर ब्लॉक में नई खोजों का ही खर्चा उठाने को ओएनजीसी तैयार है। केर्न इंडिया अगले 3 साल में बाड़मेर ब्लॉक के एक्सप्लोरेशन पर 86 करोड़ डॉलर खर्च करने वाली है।
बाड़मेर ब्लॉक में केर्न इंडिया का 70 फीसदी और ओएनजीसी का 30 फीसदी हिस्सा है। केर्न इंडिया की बाड़मेर ब्लॉक में 100 कुएं खोदने की योजना है।
कई सालों तक हुआ अनुष्का का यौन शोषण
कई सालों तक हुआ अनुष्का का यौन शोषण
नई दिल्ली। दिवंगत सितार वादक पण्डित रविशंकर की बेटी अनुष्का शंकर ने खुलासा किया है कि बचपन में वह परिचितों के हाथों यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थी। 31 साल की अनुष्का ने एक वेबसाइट पर यह खुलासा किया है। अनुष्का फिलहाल लंदन में रह रही है।
वेबसाइट चेंज डॉट ओआरजी पर वन बिलियन राइजिंग नाम का एक कैंपेन चलाया जा रहा है जिसमें दुनिया भर की महिलाओं और पुरूषों से एक साथ आकर यह कहने की अपील की जा रही है कि अब बहुत हो चुका,महिलाओं के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। वेबसाइट के जरिए अनुष्का ने वैलेंटाइंस डे के मौके पर एक अरब महिलाओं को न्योता दिया है कि वे घर से बाहर निकलेंए डांस करें और अपने खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करें।
वेबसाइट पर पोस्ट किए गए वीडियो में अनुष्का बताती है कि बचपन में मेरा कई सालों तक यौन और मानसिक शोषण हुआ। ऎसा उस व्यक्ति ने किया जिस पर मेरा माता-पिता बहुत भरोसा करते थे। मेरे साथ ऎसी कई चीजें हुई जिनसे निपटना मुझे नहीं आता था। मसलन जबरन छुआ गया। गालियां दी गई। नहीं जानती थी कि मैं इसे कैसे बदल सकती हूं।
एक महिला के तौर पर मुझे लगता है कि मैं हमेशा डर के साए में जी रही हूं। रात में अकेले टहलने में डर लगता है। किसी पुरूष की ओर से पूछे गए समय का जवाब देने में डर लगता है। लेकिन अब बहुत हो चुका। दिल्ली गैंगरेप की शिकार लड़की और उस जैसी अन्य महिलाओं के लिए अब मैं जग रही हूं। मैं अपने देश की अद्भुत महिलाओं के लिए जग रही हूं। मैं अपने अंदर के बच्चे के लिए जग रही हूं। इसलिए आप मेरे साथ आइए,डांस कीजिए। डांस में किसी भी जख्म को भरने की शक्ति है।
नई दिल्ली। दिवंगत सितार वादक पण्डित रविशंकर की बेटी अनुष्का शंकर ने खुलासा किया है कि बचपन में वह परिचितों के हाथों यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थी। 31 साल की अनुष्का ने एक वेबसाइट पर यह खुलासा किया है। अनुष्का फिलहाल लंदन में रह रही है।
वेबसाइट चेंज डॉट ओआरजी पर वन बिलियन राइजिंग नाम का एक कैंपेन चलाया जा रहा है जिसमें दुनिया भर की महिलाओं और पुरूषों से एक साथ आकर यह कहने की अपील की जा रही है कि अब बहुत हो चुका,महिलाओं के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। वेबसाइट के जरिए अनुष्का ने वैलेंटाइंस डे के मौके पर एक अरब महिलाओं को न्योता दिया है कि वे घर से बाहर निकलेंए डांस करें और अपने खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करें।
वेबसाइट पर पोस्ट किए गए वीडियो में अनुष्का बताती है कि बचपन में मेरा कई सालों तक यौन और मानसिक शोषण हुआ। ऎसा उस व्यक्ति ने किया जिस पर मेरा माता-पिता बहुत भरोसा करते थे। मेरे साथ ऎसी कई चीजें हुई जिनसे निपटना मुझे नहीं आता था। मसलन जबरन छुआ गया। गालियां दी गई। नहीं जानती थी कि मैं इसे कैसे बदल सकती हूं।
एक महिला के तौर पर मुझे लगता है कि मैं हमेशा डर के साए में जी रही हूं। रात में अकेले टहलने में डर लगता है। किसी पुरूष की ओर से पूछे गए समय का जवाब देने में डर लगता है। लेकिन अब बहुत हो चुका। दिल्ली गैंगरेप की शिकार लड़की और उस जैसी अन्य महिलाओं के लिए अब मैं जग रही हूं। मैं अपने देश की अद्भुत महिलाओं के लिए जग रही हूं। मैं अपने अंदर के बच्चे के लिए जग रही हूं। इसलिए आप मेरे साथ आइए,डांस कीजिए। डांस में किसी भी जख्म को भरने की शक्ति है।
आनंद जगानी राजस्थानी भाषा समिति जैसलमेर के जिला पाटवी मनोनित--
आनंद जगानी राजस्थानी भाषा समिति जैसलमेर के जिला पाटवी मनोनित--
जैसलमेर राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए देश भर में चलाये रहे
अभियान के तहत जैसलमेर में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष
समिति जैसलमेर का गठन कर जिला पाटवी पर आनंद जगानी को मनोनित किया ,गया
हें ,जिला संयोजक मनोहर सिंह अडबाला ने बताया की जोधपुर संभाग उप पाटवी
और बाड़मेर जैसलमेर चन्दन सिंह भाटी और प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह
बारहट के निर्देशानुसार जैसलमेर समिति के जिला पाटवी पद पर वरिष्ठ
साहित्यकार और कवि आनंद जगानी को मनोनित कर सात दिवस में कार्यकारिणी के
गठन के निर्देश दिए गए हें ,श्री जगानी लम्बे समय से समिति के
क्रियाकलापों और गतिविधियों से सक्रियता से जुड़े हुए हें .उन्होंने बताया
समिति के सह घटक राजस्थानी मोटियार ,परिषद् राजस्थानी महिला परिषद्
,राजस्थानी चिंतन परिषद् और राजस्थानी छात्र परिषद् के गठन के जारी हें
,इन घटक के जिला पाटवी पदों की शीघ्र घोषणा कर दी ,जाएगी उन्होंने बताया
की बाईस फरवरी को विश्व मात्र भाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा को मान्यता
देने की मांग को लेकर जैसलमेर में अभियान का आगाज़ किया जाएगा इसी दिन
,प्रधानमंत्री गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन
सौंपा जाएगा ,
नामा बने असिस्टेंट प्रोफ़ेसर
नामा बने असिस्टेंट प्रोफ़ेसर
जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में हुआ चयन , सीसीडीयू में थे भूजल वैज्ञानिक
बाड़मेर , बाड़मेर में सी सी डी यू में कार्यरत भूजल वैज्ञानिक डाक्टर शंकर लाल नामा का चयन राजस्थान के बड़े विश्विधालय में से एक जय नारायण व्यास विश्व विधालय में बतोर असिस्टेंट प्रोफ़ेसर चयन हुआ है .देर रात जय नारायण व्यास विश्व विधालय द्वारा बीते दिनों संपन्न हुए साक्षतकारो के जारी किये गए परिणामो में डाक्टर नामा का चयन जीयोलोजी के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के तोर पर किया गया है . अब तक जहा डाक्टर नामा बाड़मेर में सी सी डी यू में भूजल वैज्ञानिक के पद पर कार्य कर रहे थे .और इनका काम बाड़मेर जिले में कई महवपूर्ण कार्यो के लिए ख़ास रहा है , इनके द्वारा भूजल पर किये गए कार्य ग्रामीण इलाको में पेयजल के आधार मुहेया करवा रहे है , बाड़मेर के भूजल पर किया गया इनका सर्वे कई विधार्थियों को आज नई दिशा प्रदान कर रहा है . इससे पहले डाक्टर नामा बाड़मेर कोलेज में भी अपनी सेवाए दे चुके है .डाक्टर नामा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों और गुरुवरो के आशीर्वाद को दिया है . डाक्टर नामा के चयन पर बाड़मेर जन स्वास्थ्य विभाग के अधिक्षण अभियंता ओपि व्यास , अधिशासी अभियन्त बी एल जाटोल , आर आर शर्मा , जन स्वास्थ्य विभाग के अमृतजैन , हेमंत कुमार लिलड , लीलाराम हाथमा ,हरीसिंह , विक्रमबोस , राजू गोड़ , संतोखाराम और सी सी डी यू के आई इ सी कंसल्टेंट अशोक सिंह ने खुसी जाहिर की है .
थार की प्रेम कहानी कोटड़ा के किले से निकली बाघा भारमली प्रेम कहानी
थार की प्रेम कहानी कोटड़ा के किले से निकली बाघा भारमली प्रेम कहानी
बाडमेर प्रेम की कथा अकथ है, अनिवर्चनीय है। फिर भी प्रेम कथा विविध प्रकार से कही जाती है, कही जाती थी और की जाएगी। मरुप्रदो की प्रेम गांथाएं मूमल महेन्द्रा, ढोला मारु तथा बाघा भारमली प्रेम का जीवंत उदाहरण है॥ प्रेम भावत और जीवन नियन्तता है। प्रेम एक व्यवस्थित एवं स्थिर मनोदा है। जब एक व्यक्ति का आकशर्ण दूसरे व्यक्ति पर इतना प्रबल हो कि उसकी प्राप्ति, उसका सानिध्य, उसकी रक्षा और उसकी प्रसन्नता में ही सुख की अनुभूति होने लगे तब उस मनोवृति को प्रेम का नाम दिया जाता है। मानव मन की सबसे सुन्दर दुर्बलता प्रेम है।
थार के इस समुन्द्र में कई प्रेम गाथाओं ने जन्म लिया होगा। मगर बाघा भारमली की प्रेम कथा राजस्थान के लोक साहित्यिक के अन्तर्गत अपना विश्ट स्थान रखती है। समाज और परम्पराओं के विपरित बाघाभारमली की प्रेम कथा बाड़मेर के कणकण में समाई है। इस प्रेम कथा को रुठी रानी में अवय विस्तार मिला है। मगर स्थानीय तौर पर यह प्रेम कथा साहित्यकारो द्वारा अपेक्षित हुई है। किन्तु चारण कवियों ने अपने ग्रन्थो में इस प्रेम कथा का उल्लेख अवय किया है। कोटड़ा के किले से जो प्रेम कहानी निकली वह बाघाभारमली के नाम से अमर हुई।
मारवाड़ के पिचमी अंचल बाड़मेरजैसलमेर से सम्बन्धित यह प्रणय वृतान्त आज भी यहां की सांस्कृतिक परम्परा एवं लोकमानस में जीवन्त है।
उपर्युक्त प्रेमगाथा का नायक बाघजी राठौड़ बाड़मेर जिलान्तर्गत कोटड़ा ग्राम का था। उसका व्यक्तित्व शूरवीरता तथा दानाशीलता से विशेश सम्पन्न था। जैसलमेर के भाटियों के साथ उसके कुल का वैवाहिक संबंध होने के कारण वह उनका समधी (गनायत) था।
कथानायिक भारमली जैसलमेर के रावल लूणकरण की पुत्री उमादे की दासी थी। 1536 ई में उमा दे का जोधपुर के राव मालदेव (153162ई) से विवाह होने पर भारमली उमा दे के साथ ही जोधपुर आ गई। वह रुपलावण्य तथा भारीरिकसौश्ठव में अप्सरावत अद्वितीय थी।
विवाहोपरान्त मधुयामिनी के अवसर पर राव मालदेव को उमा दे रंगमहल में पधारने का अर्ज करने हेतु गई दासी भारमली के अप्रतीत सौंदर्य पर मुग्ध होकर मदस्त राव जी रंगमहल में जाना बिसरा भारमली के यौवन में ही रम गये। इससे राव मालदेव और रानी उमा दे में ॔॔रार॔॔ ठन गई, रानी रावजी से रुठ गई। यह रुठनरार जीवनपर्यन्त रही, जिससे उमा दे ॔॔रुठी रानी॔॔ के नाम से प्रसिद्व हुई।
राव मालदेव के भारमली में रत होकर रानी उमा दे के साथ हुए विवासघात से रुश्ट उसके पीहर वालो ने अपनी राजकुमारी का वैवाहिक जीवन निर्द्वन्द्व बनाने हेतु अपने यौद्वा ॔॔गनायत॔॔ बाघजी को भारमलीका अपहरण करने के लिए उकसाया। बाघजी भारमली के अनुपम रुपयौवन से माहित हो उसे अपहरण कर कोटड़ा ले आया एवं उसके प्रति स्वंय को हार बैठा। भारमली भी उसके बल पौरुश हार्द्विक अनुसार के प्रति समर्पित हो गई। जिससे दोनो की प्रणयवल्लरी प्रीतिरस से नियप्रति सिंचित होकर प्रफुल्ल और कुसुमितसुरभित होने लगी। इस घटना से क्षुब्ध राव मालदेव द्वारा कविराज आसानन्द को बाघाजी को समझा बुझा कर भारमली को लौटा लाने हेतु भेजा गया। आसानन्द के कोटड़ा पहुॅचने पर बाघ जी तथाभारमली ने उनका इतना आदरसत्कार किया कि वे अपने आगमन का उद्देय भूल अत्यंत होकर वही रहने लगे। उसकी सेवासुश्रूशा एवं हार्दिक विनयभाव से अभिभूत आसाजी का मन लौटने की सोचता ही नही था। उनके भाव विभोर चित्त से प्रेमीयुगल की हृदयकांक्षा कुछ इस प्रकार मुखरित हो उठी
जहं तरवर मोरिया, जहं सरवर तहं हंस।
जहं बाघो तहं भारमली, जहं दारु तहं मंस॥
तत्पचात आसान्नद बाघजी के पास ही रहे। इस प्रकार बाघभारमली का प्रेम वृतान्त प्रणय प्रवाह से आप्यायित होता रहा। बाघजी के निधन पर कवि ने अपना प्रेम तथा भाौक ऐसे अभिव्यक्त किया
ठौड़ ठौड़ पग दौड़, करसां पेट ज कारणै।
रातदिवस राठौड़, बिसरसी नही बाघनै॥
वैलेंटाइन डे की कहानी::
वैलेंटाइन डे की कहानी::
यूरोप (और अमेरिका) का समाज जो है वो रखैलों (Kept) में विश्वास करता है पत्नियों में नहीं, यूरोप और अमेरिका में आपको शायद ही ऐसा कोई पुरु...ष या मिहला मिले जिसकी एक शादी हुई हो, जिनका एक पुरुष से या एक स्त्री से सम्बन्ध रहा हो और ये एक दो नहीं हजारों साल की परम्परा है उनके यहाँ | आपने एक शब्द सुना होगा "Live in Relationship" ये शब्द आज कल हमारे
देश में भी नव-अिभजात्य वगर् में चल रहा है, इसका मतलब होता है कि "बिना शादी के पती-पत्नी की तरह से रहना" | तो उनके यहाँ, मतलब यूरोप और अमेरिका में ये परंपरा आज भी चलती है,खुद प्लेटो (एक यूरोपीय दार्शनिक) का एक स्त्री से सम्बन्ध नहीं रहा, प्लेटो ने लिखा है कि "मेरा 20-22 स्त्रीयों से सम्बन्ध रहा है" अरस्तु भी यही कहता है, देकातेर् भी यही कहता है, और रूसो ने तो अपनी आत्मकथा में लिखा है कि "एक स्त्री के साथ रहना, ये तो कभी संभव ही नहीं हो सकता, It's Highly Impossible" | तो वहां एक पत्नि जैसा कुछ होता नहीं | और इन सभी महान दार्शनिकों का तो कहना है कि "स्त्री में तो आत्मा ही नहीं होती" "स्त्री तो मेज और कुर्सी के समान हैं, जब पुराने से मन भर गया तो पुराना हटा के नया ले आये " | तो बीच-बीच में यूरोप में कुछ-कुछ ऐसे लोग निकले जिन्होंने इन बातों का विरोध किया और इन रहन-सहन की व्यवस्थाओं पर कड़ी टिप्पणी की | उन कुछ लोगों में से एक ऐसे ही यूरोपियन व्यक्ति थे जो आज से लगभग 1500 साल पहले पैदा हुए, उनका नाम था - वैलेंटाइन | और ये कहानी है 478 AD (after death) की, यानि ईशा की मृत्यु के बाद |
स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ
उस वैलेंटाइन नाम के महापुरुष का कहना था कि "हम लोग (यूरोप के लोग) जो शारीरिक सम्बन्ध रखते हैं कुत्तों की तरह से, जानवरों की तरह से, ये अच्छा नहीं है, इससे सेक्स-जनित रोग (veneral disease) होते हैं, इनको सुधारो, एक पति-एक पत्नी के साथ रहो, विवाह कर के रहो, शारीरिक संबंधो को उसके बाद ही शुरू करो" ऐसी-ऐसी बातें वो करते थे और वो वैलेंटाइन महाशय उन सभी लोगों को ये सब सिखाते थे, बताते थे, जो उनके पास आते थे, रोज उनका भाषण यही चलता था रोम में घूम-घूम कर | संयोग से वो चर्च के पादरी हो गए तो चर्च में आने वाले हर व्यक्ति को यही बताते थे, तो लोग उनसे पूछते थे कि ये वायरस आप में कहाँ से घुस गया, ये तो हमारे यूरोप में कहीं नहीं है, तो वो कहते थे कि "आजकल मैं भारतीय सभ्यता और दशर्न का अध्ययन कर रहा हूँ, और मुझे लगता है कि वो परफेक्ट है, और इसिलए मैं चाहता हूँ कि आप लोग इसे मानो", तो कुछ लोग उनकी बात को मानते थे, तो जो लोग उनकी बात को मानते थे, उनकी शादियाँ वो चर्च में कराते थे और एक-दो नहीं उन्होंने सैकड़ों शादियाँ करवाई थी |
जिस समय वैलेंटाइन हुए, उस समय रोम का राजा था क्लौड़ीयस, क्लौड़ीयस ने कहा कि "ये जो आदमी है-वैलेंटाइन, ये हमारे यूरोप की परंपरा को बिगाड़ रहा है, हम बिना शादी के रहने वाले लोग हैं, मौज-मजे में डूबे रहने वाले लोग हैं, और ये शादियाँ करवाता फ़िर रहा है, ये तो अपसंस्कृति फैला रहा है, हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहा है", तो क्लौड़ीयस ने आदेश दिया कि "जाओ वैलेंटाइन को पकड़ के लाओ ", तो उसके सैनिक वैलेंटाइन को पकड़ के ले आये | क्लौड़ीयस नेवैलेंटाइन से कहा कि "ये तुम क्या गलत काम कर रहे हो ? तुम अधमर् फैला रहे हो, अपसंस्कृति ला रहे हो" तो वैलेंटाइन ने कहा कि "मुझे लगता है कि ये ठीक है" , क्लौड़ीयस ने उसकी एक बात न सुनी और उसने वैलेंटाइन को फाँसी की सजा दे दी, आरोप क्या था कि वो बच्चों की शादियाँ कराते थे, मतलब शादी करना जुर्म था | क्लौड़ीयस ने उन सभी बच्चों को बुलाया, जिनकी शादी वैलेंटाइन ने करवाई थी और उन सभी के सामने वैलेंटाइन को 14 फ़रवरी 498 ईःवी को फाँसी दे दिया गया |
पता नहीं आप में से कितने लोगों को मालूम है कि पूरे यूरोप में 1950 ईःवी तक खुले मैदान में, सावर्जानिक तौर पर फाँसी देने की परंपरा थी | तो जिन बच्चों ने वैलेंटाइन के कहने पर शादी की थी वो बहुत दुखी हुए और उन सब ने उस वैलेंटाइन की दुखद याद में 14 फ़रवरी को वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया तो उस दिन से यूरोप में वैलेंटाइन डे
मनाया जाता है | मतलब ये हुआ कि वैलेंटाइन, जो कि यूरोप में शादियाँ करवाते फ़िरते थे, चूकी राजा ने उनको फाँसी की सजा दे दी, तो उनकी याद में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है | ये था वैलेंटाइन डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार |
अब यही वैलेंटाइन डे भारत आ गया है जहाँ शादी होना एकदम सामान्य बात है यहाँ तो कोई बिना शादी के घूमता हो तो अद्भुत या अचरज लगे लेकिन यूरोप में शादी होना ही सबसे असामान्य बात है | अब ये वैलेंटाइन डे हमारे स्कूलों में कॉलजों में आ गया है और बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के लड़के-लड़िकयां बिना सोचे-समझे एक दुसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड दे रहे हैं | और जो कार्ड होता है उसमे लिखा होता है " Would You Be My Valentine" जिसका मतलब होता है "क्या आप मुझसे शादी करेंगे" | मतलब तो किसी को मालूम होता नहीं है, वो समझते हैं कि जिससे हम प्यार करते हैं उन्हें ये कार्ड देना चाहिए तो वो इसी कार्ड को अपने मम्मी-पापा को भी दे देते हैं, दादा-दादी को भी दे देते हैं और एक दो नहीं दस-बीस लोगों को ये
ही कार्ड वो दे देते हैं | और इस धंधे में बड़ी-बड़ी कंपिनयाँ लग गयी हैं जिनको कार्ड बेचना है, जिनको गिफ्ट बेचना है, जिनको चाकलेट बेचनी हैं और टेलीविजन चैनल वालों ने इसका धुआधार प्रचार कर दिया | ये सब लिखने के पीछे का उद्देँशय यही है कि नक़ल आप करें तो उसमे अकल भी लगा लिया करें | उनके यहाँ साधारणतया शादियाँ नहीं होती है और जो शादी करते हैं वो वैलेंटाइन डे मनाते हैं लेकिन हम भारत में क्यों ??????
यूरोप (और अमेरिका) का समाज जो है वो रखैलों (Kept) में विश्वास करता है पत्नियों में नहीं, यूरोप और अमेरिका में आपको शायद ही ऐसा कोई पुरु...ष या मिहला मिले जिसकी एक शादी हुई हो, जिनका एक पुरुष से या एक स्त्री से सम्बन्ध रहा हो और ये एक दो नहीं हजारों साल की परम्परा है उनके यहाँ | आपने एक शब्द सुना होगा "Live in Relationship" ये शब्द आज कल हमारे
देश में भी नव-अिभजात्य वगर् में चल रहा है, इसका मतलब होता है कि "बिना शादी के पती-पत्नी की तरह से रहना" | तो उनके यहाँ, मतलब यूरोप और अमेरिका में ये परंपरा आज भी चलती है,खुद प्लेटो (एक यूरोपीय दार्शनिक) का एक स्त्री से सम्बन्ध नहीं रहा, प्लेटो ने लिखा है कि "मेरा 20-22 स्त्रीयों से सम्बन्ध रहा है" अरस्तु भी यही कहता है, देकातेर् भी यही कहता है, और रूसो ने तो अपनी आत्मकथा में लिखा है कि "एक स्त्री के साथ रहना, ये तो कभी संभव ही नहीं हो सकता, It's Highly Impossible" | तो वहां एक पत्नि जैसा कुछ होता नहीं | और इन सभी महान दार्शनिकों का तो कहना है कि "स्त्री में तो आत्मा ही नहीं होती" "स्त्री तो मेज और कुर्सी के समान हैं, जब पुराने से मन भर गया तो पुराना हटा के नया ले आये " | तो बीच-बीच में यूरोप में कुछ-कुछ ऐसे लोग निकले जिन्होंने इन बातों का विरोध किया और इन रहन-सहन की व्यवस्थाओं पर कड़ी टिप्पणी की | उन कुछ लोगों में से एक ऐसे ही यूरोपियन व्यक्ति थे जो आज से लगभग 1500 साल पहले पैदा हुए, उनका नाम था - वैलेंटाइन | और ये कहानी है 478 AD (after death) की, यानि ईशा की मृत्यु के बाद |
स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ
उस वैलेंटाइन नाम के महापुरुष का कहना था कि "हम लोग (यूरोप के लोग) जो शारीरिक सम्बन्ध रखते हैं कुत्तों की तरह से, जानवरों की तरह से, ये अच्छा नहीं है, इससे सेक्स-जनित रोग (veneral disease) होते हैं, इनको सुधारो, एक पति-एक पत्नी के साथ रहो, विवाह कर के रहो, शारीरिक संबंधो को उसके बाद ही शुरू करो" ऐसी-ऐसी बातें वो करते थे और वो वैलेंटाइन महाशय उन सभी लोगों को ये सब सिखाते थे, बताते थे, जो उनके पास आते थे, रोज उनका भाषण यही चलता था रोम में घूम-घूम कर | संयोग से वो चर्च के पादरी हो गए तो चर्च में आने वाले हर व्यक्ति को यही बताते थे, तो लोग उनसे पूछते थे कि ये वायरस आप में कहाँ से घुस गया, ये तो हमारे यूरोप में कहीं नहीं है, तो वो कहते थे कि "आजकल मैं भारतीय सभ्यता और दशर्न का अध्ययन कर रहा हूँ, और मुझे लगता है कि वो परफेक्ट है, और इसिलए मैं चाहता हूँ कि आप लोग इसे मानो", तो कुछ लोग उनकी बात को मानते थे, तो जो लोग उनकी बात को मानते थे, उनकी शादियाँ वो चर्च में कराते थे और एक-दो नहीं उन्होंने सैकड़ों शादियाँ करवाई थी |
जिस समय वैलेंटाइन हुए, उस समय रोम का राजा था क्लौड़ीयस, क्लौड़ीयस ने कहा कि "ये जो आदमी है-वैलेंटाइन, ये हमारे यूरोप की परंपरा को बिगाड़ रहा है, हम बिना शादी के रहने वाले लोग हैं, मौज-मजे में डूबे रहने वाले लोग हैं, और ये शादियाँ करवाता फ़िर रहा है, ये तो अपसंस्कृति फैला रहा है, हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहा है", तो क्लौड़ीयस ने आदेश दिया कि "जाओ वैलेंटाइन को पकड़ के लाओ ", तो उसके सैनिक वैलेंटाइन को पकड़ के ले आये | क्लौड़ीयस नेवैलेंटाइन से कहा कि "ये तुम क्या गलत काम कर रहे हो ? तुम अधमर् फैला रहे हो, अपसंस्कृति ला रहे हो" तो वैलेंटाइन ने कहा कि "मुझे लगता है कि ये ठीक है" , क्लौड़ीयस ने उसकी एक बात न सुनी और उसने वैलेंटाइन को फाँसी की सजा दे दी, आरोप क्या था कि वो बच्चों की शादियाँ कराते थे, मतलब शादी करना जुर्म था | क्लौड़ीयस ने उन सभी बच्चों को बुलाया, जिनकी शादी वैलेंटाइन ने करवाई थी और उन सभी के सामने वैलेंटाइन को 14 फ़रवरी 498 ईःवी को फाँसी दे दिया गया |
पता नहीं आप में से कितने लोगों को मालूम है कि पूरे यूरोप में 1950 ईःवी तक खुले मैदान में, सावर्जानिक तौर पर फाँसी देने की परंपरा थी | तो जिन बच्चों ने वैलेंटाइन के कहने पर शादी की थी वो बहुत दुखी हुए और उन सब ने उस वैलेंटाइन की दुखद याद में 14 फ़रवरी को वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया तो उस दिन से यूरोप में वैलेंटाइन डे
मनाया जाता है | मतलब ये हुआ कि वैलेंटाइन, जो कि यूरोप में शादियाँ करवाते फ़िरते थे, चूकी राजा ने उनको फाँसी की सजा दे दी, तो उनकी याद में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है | ये था वैलेंटाइन डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार |
अब यही वैलेंटाइन डे भारत आ गया है जहाँ शादी होना एकदम सामान्य बात है यहाँ तो कोई बिना शादी के घूमता हो तो अद्भुत या अचरज लगे लेकिन यूरोप में शादी होना ही सबसे असामान्य बात है | अब ये वैलेंटाइन डे हमारे स्कूलों में कॉलजों में आ गया है और बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के लड़के-लड़िकयां बिना सोचे-समझे एक दुसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड दे रहे हैं | और जो कार्ड होता है उसमे लिखा होता है " Would You Be My Valentine" जिसका मतलब होता है "क्या आप मुझसे शादी करेंगे" | मतलब तो किसी को मालूम होता नहीं है, वो समझते हैं कि जिससे हम प्यार करते हैं उन्हें ये कार्ड देना चाहिए तो वो इसी कार्ड को अपने मम्मी-पापा को भी दे देते हैं, दादा-दादी को भी दे देते हैं और एक दो नहीं दस-बीस लोगों को ये
ही कार्ड वो दे देते हैं | और इस धंधे में बड़ी-बड़ी कंपिनयाँ लग गयी हैं जिनको कार्ड बेचना है, जिनको गिफ्ट बेचना है, जिनको चाकलेट बेचनी हैं और टेलीविजन चैनल वालों ने इसका धुआधार प्रचार कर दिया | ये सब लिखने के पीछे का उद्देँशय यही है कि नक़ल आप करें तो उसमे अकल भी लगा लिया करें | उनके यहाँ साधारणतया शादियाँ नहीं होती है और जो शादी करते हैं वो वैलेंटाइन डे मनाते हैं लेकिन हम भारत में क्यों ??????
पाक से लाए लाखों के जाली नोट, पांच साल तक सलाखों के पीछे रहेंगे मां-बेटे
पाक से लाए लाखों के जाली नोट, पांच साल तक सलाखों के पीछे रहेंगे मां-बेटे
बाड़मेर पांच साल पूर्व पाकिस्तान से थार एक्सप्रेस से जाली मुद्रा लाने वाले माँ बेटे को पांच साल की सजा और के की सजा सुनाई हें .अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) जोधपुर महानगर ने पाकिस्तान से जाली भारतीय मुद्रा लेकर आए मां-बेटे को पांच वर्ष के कारावास और 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने इसी मामले में एक अन्य आरोपी करम अली को संदेह के आधार पर बरी कर दिया।
मामले के अनुसार सीमा शुल्क विभाग को सूचना मिली थी कि 17 नवंबर 2007 को मुनाबाव-जोधपुर लिंक एक्सप्रेस से दो यात्री जाली भारतीय मुद्रा लेकर आ रहे हैं। इनमें एक महिला (उम्र 60 वर्ष) व एक पुरुष (उम्र 30 वर्ष) है। अधिकारियों ने दोनों की तलाशी ली तो उनके पास 74 चप्पलों की खेप में छुपा कर लाई गई 19 लाख 54 हजार रुपए की जाली भारतीय मुद्रा बरामद हुई। दोनों की पहचान उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर निवासी अजादर व अजादी के रूप में हुई।
ये दोनों मां-बेटे ही निकले। अभियुक्तों ने अपने बयानों में चप्पलों की खेप बुलंदशहर में ही रहने वाले करम अली को सुपुर्द किया जाना बताया। इस पर करम अली के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया गया। करम अली की ओर से अधिवक्ता सुनील मेहता व धनराज वैष्णव ने कहा कि उसके कब्जे से कोई प्रतिबंधित वस्तु बरामद नहीं हुई है, इसलिए उसे मात्र अभियुक्त गणों के बयानों के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
पत्नी को लोहे की छड़ो से दागा, घर से निकाला
बाड़मेर पांच साल पूर्व पाकिस्तान से थार एक्सप्रेस से जाली मुद्रा लाने वाले माँ बेटे को पांच साल की सजा और के की सजा सुनाई हें .अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) जोधपुर महानगर ने पाकिस्तान से जाली भारतीय मुद्रा लेकर आए मां-बेटे को पांच वर्ष के कारावास और 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने इसी मामले में एक अन्य आरोपी करम अली को संदेह के आधार पर बरी कर दिया।
मामले के अनुसार सीमा शुल्क विभाग को सूचना मिली थी कि 17 नवंबर 2007 को मुनाबाव-जोधपुर लिंक एक्सप्रेस से दो यात्री जाली भारतीय मुद्रा लेकर आ रहे हैं। इनमें एक महिला (उम्र 60 वर्ष) व एक पुरुष (उम्र 30 वर्ष) है। अधिकारियों ने दोनों की तलाशी ली तो उनके पास 74 चप्पलों की खेप में छुपा कर लाई गई 19 लाख 54 हजार रुपए की जाली भारतीय मुद्रा बरामद हुई। दोनों की पहचान उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर निवासी अजादर व अजादी के रूप में हुई।
ये दोनों मां-बेटे ही निकले। अभियुक्तों ने अपने बयानों में चप्पलों की खेप बुलंदशहर में ही रहने वाले करम अली को सुपुर्द किया जाना बताया। इस पर करम अली के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया गया। करम अली की ओर से अधिवक्ता सुनील मेहता व धनराज वैष्णव ने कहा कि उसके कब्जे से कोई प्रतिबंधित वस्तु बरामद नहीं हुई है, इसलिए उसे मात्र अभियुक्त गणों के बयानों के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
पत्नी को लोहे की छड़ो से दागा, घर से निकाला
वेश्याओं के लिए बढ़ेगी उम्र सीमा, 18 से कम की लड़की को पैसे देकर सेक्स करने पर होगी जेल
नई दिल्ली. मानव तस्करी कर लाई गईं लड़कियों को सेक्स के धंधे में धकेलने की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सरकार कानून बदलने पर विचार कर रही है। महिला और बाल विकास मंत्रालय इस पर काम कर रहा है। मंत्रालय ने अनैतिक मानव तस्करी निषेध अधिनियम (इममोरल ट्रैफिकिंग प्रिवेंशन एक्ट यानी इटपा) में संशोधनों के प्रस्ताव वाला जो कैबिनेट नोट बांटा है, उसमें प्रावधान है कि 18 साल से कम उम्र में वेश्यावृत्ति को गैरकानूनी करार दिया जाए और इससे कम उम्र की लड़कियों के साथ पैसे के एवज में सेक्स करने वालों को सजा दी जाए।
इटपा में वेश्यालय की परिभाषा काफी विस्तृत है। इसमें केवल रेड लाइट एरिया ही नहीं बल्कि किसी के घर, कमरे, सुविधाजनक जगह या किसी भी जगह पर जहां सेक्स ख़रीदा जा रहा हो उसे वेश्यालय माना गया है। यहां तक कि अगर कोई अपने घर, होटल या कार में भी सेक्स वर्कर के साथ पकड़ा जाता है तो उसे सजा दी जाएगी।
सजा का प्रस्ताव दामिनी गैंगरेप के बाद लाया गया है। दिसंबर 2012 में हुए इस गैंगरेप के बाद केंद्र और दिल्ली की कांग्रेस सरकार के खिलाफ काफी दिनों तक देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसमें सरकार से सेक्स अपराधियों के खिलाफ कड़े कानून बनाने की मांग की गयी थी। इसके बाद से यूपीए सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दों पर काम कर लोगों का भरोसा जीतना चाहती है। सरकार ने महिला सुरक्षा और सेक्स अपराध के मौजूदा ढांचे में बदलाव के लिए जस्टिस जेएस वर्मा कमिटी बनाकर उससे रिपोर्ट देने को कहा था। लेकिन इस कमिटी की रिपोर्ट में मानव तस्करी और सेक्स के व्यापर जैसे मुद्दे पूरी तरह से कवर नहीं हो सके हैं। सरकार की और से बनाए गए कैबिनेट नोट में इन दोनों मुद्दों को महिलाओं के खिलाफ अपराध के तौर पर शामिल किया गया है। हालांकि इन प्रस्तावों का सेक्स वर्कर और एक्टिविस्ट की तरफ से सेक्स वर्कर की रोजी-रोटी छिनने के नाम पर विरोध किये जाने की उम्मीद है।
पूर्व वायुसेना अध्यक्ष ने खाई थी घूस!
पूर्व वायुसेना अध्यक्ष ने खाई थी घूस!
नई दिल्ली। रक्षा खरीद सौदे में वायुसेना की छवि दागदार होती दिख रही है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के मुताबिक इटली की कंपनी से 12 अगस्ता वेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टरों के सौदे में पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एसपी त्यागी को कथित रूप से घूस दी गई थी।
समाचार पत्र ने इस मामले में इटली की एजेंसियों की शुरूआती जांच रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया है। समाचार पत्र के मुताबिक फिनमेकेनिका एयरोस्पेस डिफेंस कंपनी ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख को मध्यस्थों के माध्यम से रिश्वत पहुंचाई थी। यह पहली बार है जब वायुसेना अध्यक्ष जैसे किसी बड़े अधिकारी का नाम किसी घोटाले में सामने आया है।
राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री सहित अति विशिष्ट लोगों के लिए 2010 में इटली की कंपनी से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा हुआ था। इतालवी कंपनी से हुए 3600 करोड़ रूपए के सौदे में 362 करोड़ की दलाली की खबर आई है। इस सौदे में गड़बड़ी की जांच कर रही इतालवी एजेंसियों ने मंगलवार को फिनमेकेनिका के सीईओ गियुसिपी ओरसी को मिलान में गिरफ्तार किया। साथ ही अगस्ता-वेस्टलैंड के प्रमुख ब्रूनो स्पैगनेलेनी को भी इटली के कोर्ट ने नजरबंद करने के भी आदेश हुए हैं।
अक्टूबर 2012 में स्विट्जरलैंड पुलिस ने गुइडो राल्फ हाश के नामक 62 वर्षीय कंसल्टेंट को भी गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया गया था। करीब डेढ़ साल से इटली सरकार फिनमेकेनिका के खातों को भारत के साथ हुए इस सौदे में दलाली की पड़ताल के लिए खंगाल रही है। समाचार पत्र के मुताबिक उसके पास 64 पेज की वह रिपोर्ट है जिसे फिनमेकेनिका के सीईओ की गिरफ्तारी के लिए ट्रिब्यूनल में फाइल किया गया था। समाचार पत्र के मुताबिक उसने इस बारे में त्यागी से कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी के करीबियों जूली त्यागी,डोस्का त्यागी और संदीप त्यागी के मार्फत यह खास रकम उन तक पहुंचाई गई। त्यागी 2004 से 2007 तक वायु सेना अध्यक्ष के पद पर थे। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि फिनेमेकेनिका की सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड को नीलामी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट में जानबूझकर तकनीकी पेच फंसाए गए। इसके लिए 360 करोड़ रूपए से ज्यादा की रिश्वत इटली और भारत में दी गई।
एसपी त्यागी ने वेस्टलैंड के पक्ष में टेंडर की डीटेल बदली। ऑपरेशनल सीलिंग की शर्त 18000 फीट से कम कर 15000 हजार फीट की गई। ऎसा नहीं किया जाता तो वेस्टलैंड नीलामी में शामिल ही नहीं हो पाती। समाचार पत्र के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में इस मामले की जांच के दौरान जूली त्यागी का नाम सामने आया था। एसपी त्यागी ने तब स्वीकार किया था कि उनके जूली से संबंध हैं लेकिन उन्होंने उनके साथ किसी तरह के व्यापारिक संबंध होने से इनकार किया था।
नई दिल्ली। रक्षा खरीद सौदे में वायुसेना की छवि दागदार होती दिख रही है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के मुताबिक इटली की कंपनी से 12 अगस्ता वेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टरों के सौदे में पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एसपी त्यागी को कथित रूप से घूस दी गई थी।
समाचार पत्र ने इस मामले में इटली की एजेंसियों की शुरूआती जांच रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया है। समाचार पत्र के मुताबिक फिनमेकेनिका एयरोस्पेस डिफेंस कंपनी ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख को मध्यस्थों के माध्यम से रिश्वत पहुंचाई थी। यह पहली बार है जब वायुसेना अध्यक्ष जैसे किसी बड़े अधिकारी का नाम किसी घोटाले में सामने आया है।
राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री सहित अति विशिष्ट लोगों के लिए 2010 में इटली की कंपनी से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा हुआ था। इतालवी कंपनी से हुए 3600 करोड़ रूपए के सौदे में 362 करोड़ की दलाली की खबर आई है। इस सौदे में गड़बड़ी की जांच कर रही इतालवी एजेंसियों ने मंगलवार को फिनमेकेनिका के सीईओ गियुसिपी ओरसी को मिलान में गिरफ्तार किया। साथ ही अगस्ता-वेस्टलैंड के प्रमुख ब्रूनो स्पैगनेलेनी को भी इटली के कोर्ट ने नजरबंद करने के भी आदेश हुए हैं।
अक्टूबर 2012 में स्विट्जरलैंड पुलिस ने गुइडो राल्फ हाश के नामक 62 वर्षीय कंसल्टेंट को भी गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया गया था। करीब डेढ़ साल से इटली सरकार फिनमेकेनिका के खातों को भारत के साथ हुए इस सौदे में दलाली की पड़ताल के लिए खंगाल रही है। समाचार पत्र के मुताबिक उसके पास 64 पेज की वह रिपोर्ट है जिसे फिनमेकेनिका के सीईओ की गिरफ्तारी के लिए ट्रिब्यूनल में फाइल किया गया था। समाचार पत्र के मुताबिक उसने इस बारे में त्यागी से कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी के करीबियों जूली त्यागी,डोस्का त्यागी और संदीप त्यागी के मार्फत यह खास रकम उन तक पहुंचाई गई। त्यागी 2004 से 2007 तक वायु सेना अध्यक्ष के पद पर थे। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि फिनेमेकेनिका की सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड को नीलामी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट में जानबूझकर तकनीकी पेच फंसाए गए। इसके लिए 360 करोड़ रूपए से ज्यादा की रिश्वत इटली और भारत में दी गई।
एसपी त्यागी ने वेस्टलैंड के पक्ष में टेंडर की डीटेल बदली। ऑपरेशनल सीलिंग की शर्त 18000 फीट से कम कर 15000 हजार फीट की गई। ऎसा नहीं किया जाता तो वेस्टलैंड नीलामी में शामिल ही नहीं हो पाती। समाचार पत्र के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में इस मामले की जांच के दौरान जूली त्यागी का नाम सामने आया था। एसपी त्यागी ने तब स्वीकार किया था कि उनके जूली से संबंध हैं लेकिन उन्होंने उनके साथ किसी तरह के व्यापारिक संबंध होने से इनकार किया था।
सामंतशाही के विरुद्ध लडऩे वाले सच्चे देशप्रेमी थे जोशी
सामंतशाही के विरुद्ध लडऩे वाले सच्चे देशप्रेमी थे जोशी
स्वतंत्रता सेनानी लालचंद जोशी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
जैसलमेर
स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजसेवी स्व.लालचंद जोशी की तीसरी पुण्यतिथि पर नगर के गणमान्य लोगों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। दुर्ग स्थित जेल में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त कलेक्टर परशुराम धानका, विशिष्ठ अतिथि यूआईटी अध्यक्ष उम्मेदसिंह तथा अध्यक्षता दीनदयाल ओझा ने की।
सुरेश जोशी ने स्व. जोशी के जीवन का परिचय दिया तथा उनके द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन में दिए गए योगदान के बारे में बताया। समाजसेवी महेन्द्र व्यास ने उन्हें सामंतशाही के विरुद्ध लडऩे वाला सच्चा देश प्रेमी व प्रेरणादायी व्यक्तित्व बताया। पुष्करणा न्याति ट्रस्ट के अध्यक्ष बालकृष्ण जगाणी ने कहा कि आदर्श सिद्धांत के साथ जीने वाले कालजयी हो जाते है।
समाज सेविका सरस्वती छंगाणी ने सादा जीवन उच्च विचार उनका व्यक्तित्व बताया। साथ ही उनके बताए मार्ग पर चलने की बात कही। मुख्य अतिथि उम्मेदसिंह तंवर ने उनके परंपरागत मूल्यों के सरंक्षण को हमें संजोकर रखना है। हमारी विरासत के उन मूल्यों पर चलकर ही जोशी ने अपने जीवन को दिशा दी। तंवर ने जैसलमेर के सेनानियों की याद को अमर बनाए रखने के लिए संग्रहालय बनाने की आवश्यकता जताई। दीनदयाल ओझा ने कहा कि जोशी जी के त्याग, सेवा एवं समर्पण के बारे में प्रकाश डाला। इस अवसर पर मनोहरसिंह अड़बाला, भगवानदास गोपा, जुगल बोहरा, नवल चौहान, नटवर जोशी, मदनलाल गज्जा, ओमप्रकाश व्यास, भंवरलाल आचार्य, कमल आचार्य, दिलीप चूरा ने विद्यालय में फल व बिस्कुट वितरित किए। कार्यक्रम का संचालन आनंद जगाणी ने किया।
जैसलमेर कृष्णन बने कॉटलर के ब्रांड एम्बेसेडर
कृष्णन बने कॉटलर के ब्रांड एम्बेसेडर
जैसलमेर स्वर्णनगरी के 12 वर्षीय कृष्णन भाटिया को इथिक वियर बनाने वाली प्रमुख कंपनी कॉटलर ने अपना ब्रांड एम्बेसेडर बनाया हैं। इसके लिए कृष्णन का विशेष फोटो शूट भी किया गया। चयन होने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने इसका श्रेय पिता अनिल भाटिया, सुनिल शेटी को दिया। कॉटलर कंपनी द्वारा बच्चों व पुरुषों के लिए शेरवानी एवं अफगानी शूट का निर्माण किया जाता है।
तलवार नहीं कलम की धार में दिखाएं वीरता: त्रिभुवन सिंह
तलवार नहीं कलम की धार में दिखाएं वीरता: त्रिभुवन सिंह
मालाणी के सपूत रावल मल्लीनाथ की पुण्य तिथि पर कार्यक्रम आयोजित
बाड़मेर राजपूतों ने शक्ति, भक्ति और युक्ति बल से गौरवमयी इतिहास सृजित किया और सभी धर्म के लोगों को गले लगाकर हमेशा उदारता का परिचय दिया है। यह क्षत्रिय कौल का स्वर्णिम अतीत रहा है, लेकिन वर्तमान परीपेक्ष्य में हमें जमाने के साथ चलना होगा। कलम को हथियार बनाकर प्रतियोगिता युग में वीरता पूर्वक आगे बढऩा होगा। हमें हर क्षेत्र में अपनी स्थिति सुनिश्चित करनी होगी। रावल मल्लीनाथ की तरह सभी धर्मों, संप्रदाय के लोगों से मधुर संबंध रखते हुए लक्ष्य को पाने के लिए अनवरत प्रयास जारी रखे। यह विचार युवा रावत त्रिभुवन सिंह ने क्षत्रिय युवक संघ के सौजन्य से मल्लीनाथ राजपूत छात्रावास में मालाणी के संस्थापक व भक्त शिरोमणि रावल मल्लीनाथ की पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में कही।संघ के नगर प्रमुख दीपसिंह रणधा ने बताया कि समारोह में उपस्थित लोगों ने रावल मल्लीनाथ की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा दिखाई। इस मौके पर शिक्षाविद कमलसिंह महेचा ने कहा कि राव सीहाजी की दसवीं पीढ़ी में पैदा हुए रावल मल्लीनाथ ने इस्लामी आतंक का मुकाबला करते हुए अपने भाइयों को बराबरी का दर्जा दिया।
साथ ही दलितों को हमेशा गले लगाया। धारु मेघ, सहधर्मिणी राणी रूपादे और गुरु उगमसिंह से प्रेरणा लेकर आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया तथा लंबे समय तक संघर्षशील रहते हुए मालाणी की स्थापना की। मारवाड़ को प्रतिकूल परिस्थितियों जहां पानी महंगा और खून सस्ता था। इससे उबारकर आमजन को आश्रय दिया।
संघ के संभाग प्रमुख रामसिंह माडपुरा, जोगेन्द्रसिंह रामसर ने भी विचार रखे। इस अवसर पर प्रेमसिंह लखा, सांगसिंह लूणू, नींबसिंह फोगेरा, मांगूसिंह बिशाला, स्वरूपसिंह खारा, रायसिंह उंडखा समेत बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे।
पत्नी को लोहे की छड़ो से दागा, घर से निकाला
पत्नी को लोहे की छड़ो से दागा, घर से निकाला
धोरीमन्ना। धोरीमन्ना क्षेत्र के बूठ जेतमाल गांव की एक विवाहिता ने अपने पति, सास, ससुर, देवर पर दहेज के लिए लोहे की गर्म छड़ो से दागने व मारपीट के बाद घर से बाहर निकालने का मामला दर्ज करवाया। मांगीदेवी पत्नी मगाराम निवासी बैरड़ो की ढाणी बलाऊ राणीगांव ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसका विवाह दस वर्ष पूर्व हुआ था।
उसके पति मगाराम व सास, ससुर, देवर देवाराम, एक अन्य महिला मोहनी व तगाराम ने दहेज के लिए प्रताडित किया। मारपीट में एक आंख पर चोटें आई तथा गर्म लोहे की छड़ शरीर पर दागी। इसके बाद आरोपितों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
धोरीमन्ना। धोरीमन्ना क्षेत्र के बूठ जेतमाल गांव की एक विवाहिता ने अपने पति, सास, ससुर, देवर पर दहेज के लिए लोहे की गर्म छड़ो से दागने व मारपीट के बाद घर से बाहर निकालने का मामला दर्ज करवाया। मांगीदेवी पत्नी मगाराम निवासी बैरड़ो की ढाणी बलाऊ राणीगांव ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसका विवाह दस वर्ष पूर्व हुआ था।
उसके पति मगाराम व सास, ससुर, देवर देवाराम, एक अन्य महिला मोहनी व तगाराम ने दहेज के लिए प्रताडित किया। मारपीट में एक आंख पर चोटें आई तथा गर्म लोहे की छड़ शरीर पर दागी। इसके बाद आरोपितों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
300 साल से साथ हैं शिव-साकड़े सुल्तान
300 साल से साथ हैं शिव-साकड़े सुल्तान
उज्जैन।उज्जैन में एक ऎसा स्थान है, जहां हिंदू-मुसलमान पूजा-सजदा कर सैकड़ों सालों से धार्मिक सौहार्द्र व सद्भावना की मिसाल देते आ रहे हैं। शहर के अब्दालपुरा में एक स्थान पर एक ओर भगवान शिव विराजित हैं तो दूसरी ओर साकड़े सुल्तान की मजार है। यहां दोनों ही संप्रदायों के अनुयायी अपने-अपने समय में पूजा-अर्चना करते हैं।
300 साल पुराना स्थान : खजूर वाली मस्जिद से थोड़ा आगे बढ़ने पर अब्दालपुरा में 300 साल पुराना मंदिर है। इसके अंदर एक तरफ भगवान शिव व नंदी और दूसरी तरफ साकड़े सुल्तान की मजार है। यहां हर रोज सुबह और शाम को पूजा-अर्चना के साथ साकड़े सुल्तान की आरती होती है। ये सद्भाव मुगल काल से चला आ रहा है।
एक पीर थे सुल्तान: पुरातत्वविद् और विद्वान डॉ. धीरेंद्र सोलंकी ने बताया कि 15वीं सदी में उज्ौन में पैदा हुए सुल्तान एक पीर थे, जिनके हजारों अनुयायी थे और साकड़े भगवान शिव को कहा गया है। इसलिए दोनों का नाम मिलकर साकड़े-सुल्तान हुआ।
पुजारी मनीष गुरू ने बताया कि यहां पर दोनों धर्मो के अनुयायी आते हैं और श्रद्धा से फातेहा पढ़ते हैं व पूजा-अर्चना करते हैं। 20 साल से मैं इस मंदिर की सेवा कर रहा हूं।
वाग्देवी की सुरक्षा बढ़ाई
ग्वालियर. भोजशाला (धार) मंदिर में स्थापना के लिए तैयार की गई वाग्देवी की प्रतिकृति की यहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन और पुलिस मूर्ति की सुरक्षा को लेकर विशेष अलर्ट हो गए हैं। अष्टधातु से बनी एक क्विंटल वजनी यह मूर्ति शहर के ही एक मूर्तिकार ने तैयार की है।
यह मूर्ति धार के मां सरस्वती मंदिर भोजशाला संघष्ाü समिति के प्रमुख और संघ के पूर्व प्रचारक नवल किशोर शर्मा ने दो साल पहले तैयार करवाई थी। यह लंदन स्थित मूल प्रतिमा की हूबहू प्रतिकृति है। इसे यहां से ले जाते वक्त पुलिस ने नवलकिशोर को अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट ने मूूर्तिकार प्रभात राय को ही मूर्ति सुपुर्द करने के आदेश दिए थे। विरोध के बाद इसे कुछ दिनों तक थाने में भी रखा गया था, जिसका संघ ने विरोध किया था।
दरअसल मूर्ति को धार स्थित भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद (संरक्षित स्मारक) में स्थापित करने की कोशिश 2012 में की जा चुकी है। प्रशासन को चिंता है कि 15 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन पुन: इसी तरह की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके चलते प्रशासन ने मूर्ति को प्रशासन की अनुमति के बगैर किसी को न सौंपे जाने के निर्देश दिए हैं। निर्देश के बाद शहर के थाना प्रभारी भी अलर्ट हो गए हैं।
उज्जैन।उज्जैन में एक ऎसा स्थान है, जहां हिंदू-मुसलमान पूजा-सजदा कर सैकड़ों सालों से धार्मिक सौहार्द्र व सद्भावना की मिसाल देते आ रहे हैं। शहर के अब्दालपुरा में एक स्थान पर एक ओर भगवान शिव विराजित हैं तो दूसरी ओर साकड़े सुल्तान की मजार है। यहां दोनों ही संप्रदायों के अनुयायी अपने-अपने समय में पूजा-अर्चना करते हैं।
300 साल पुराना स्थान : खजूर वाली मस्जिद से थोड़ा आगे बढ़ने पर अब्दालपुरा में 300 साल पुराना मंदिर है। इसके अंदर एक तरफ भगवान शिव व नंदी और दूसरी तरफ साकड़े सुल्तान की मजार है। यहां हर रोज सुबह और शाम को पूजा-अर्चना के साथ साकड़े सुल्तान की आरती होती है। ये सद्भाव मुगल काल से चला आ रहा है।
एक पीर थे सुल्तान: पुरातत्वविद् और विद्वान डॉ. धीरेंद्र सोलंकी ने बताया कि 15वीं सदी में उज्ौन में पैदा हुए सुल्तान एक पीर थे, जिनके हजारों अनुयायी थे और साकड़े भगवान शिव को कहा गया है। इसलिए दोनों का नाम मिलकर साकड़े-सुल्तान हुआ।
पुजारी मनीष गुरू ने बताया कि यहां पर दोनों धर्मो के अनुयायी आते हैं और श्रद्धा से फातेहा पढ़ते हैं व पूजा-अर्चना करते हैं। 20 साल से मैं इस मंदिर की सेवा कर रहा हूं।
वाग्देवी की सुरक्षा बढ़ाई
ग्वालियर. भोजशाला (धार) मंदिर में स्थापना के लिए तैयार की गई वाग्देवी की प्रतिकृति की यहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन और पुलिस मूर्ति की सुरक्षा को लेकर विशेष अलर्ट हो गए हैं। अष्टधातु से बनी एक क्विंटल वजनी यह मूर्ति शहर के ही एक मूर्तिकार ने तैयार की है।
यह मूर्ति धार के मां सरस्वती मंदिर भोजशाला संघष्ाü समिति के प्रमुख और संघ के पूर्व प्रचारक नवल किशोर शर्मा ने दो साल पहले तैयार करवाई थी। यह लंदन स्थित मूल प्रतिमा की हूबहू प्रतिकृति है। इसे यहां से ले जाते वक्त पुलिस ने नवलकिशोर को अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट ने मूूर्तिकार प्रभात राय को ही मूर्ति सुपुर्द करने के आदेश दिए थे। विरोध के बाद इसे कुछ दिनों तक थाने में भी रखा गया था, जिसका संघ ने विरोध किया था।
दरअसल मूर्ति को धार स्थित भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद (संरक्षित स्मारक) में स्थापित करने की कोशिश 2012 में की जा चुकी है। प्रशासन को चिंता है कि 15 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन पुन: इसी तरह की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके चलते प्रशासन ने मूर्ति को प्रशासन की अनुमति के बगैर किसी को न सौंपे जाने के निर्देश दिए हैं। निर्देश के बाद शहर के थाना प्रभारी भी अलर्ट हो गए हैं।
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