मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

ओम बन्ना की पुण्यतिथि पर भजन संध्या

ओम बन्ना की पुण्यतिथि पर भजन संध्या
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रोहट बांडाई गांव के पास ओमबन्ना की पुण्यतिथि पर गुरुवार को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को महाप्रसादी होगी। भजन संध्या में रमेश माली सहित अनेक भजन गायक प्रस्तुतियां देंगे। आयोजन की तैयारियों को लेकर भीमसिंह चोटिला,चामुंडरायसिंह रोहट, मनोहरसिंह निंबली, गणपतसिंह चोटिला सहित भक्तगण तैयारियों में जुटे हुए हैं।

भू-माफियाओं पर मेहरबानी!



जयपुर। प्रदेश में गृह निर्माण सहकारी समितियों पर लगी रोक के बाद भी सुविधा क्षेत्र को ताक पर रखकर अवैध तौर पर कॉलोनी की 70 फीसदी भूमि पर भूखंड काटने वाले भू-माफियाओं को राज्य सरकार ने उपकृत करने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार अब प्रशासन शहरों के संग अभियान में प्रदेश भर में कृषि भूमि पर बसी ऎसी सैकड़ों कॉलोनियों का नियमन करेगी, जिनमें सुविधा क्षेत्र 40 के बजाय 30 फीसदी ही बचा हो। अभियान से जुड़े मामलों पर निर्णय के लिए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के संयोजन मेंं गठित राज्य स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी ने सोमवार को यह फैसला किया।
 
नियमों के अनुसार भूखंड और सुविधा क्षेत्र में 60:40 का अनुपात रखना जरूरी है। गृह निर्माण सहकारी समितियों की कॉलोनियों के नियमन की कट ऑफ डेट 17 जून 1999 के बाद भी भू-कारोबारियों ने अवैध कॉलोनियां काटने का गोरखधंधा जारी रखा। इसके कारण कॉलोनियों में 40 के बजाय 30 फीसदी ही सुविधा क्षेत्र बच पाया है।

80 फीसदी निर्माण जरूरी
कमेटी के फैसले के मुताबिक 17 जून 1999 के बाद इस वर्ष 2 मई तक बसी कॉलोनियों के भूखंडधारियों को भी पट्टे मिल सकेंगे। लेकिन कॉलोनी में 80 फीसदी या इससे अघिक भूखंडों पर निर्माण जरूरी है। कॉलोनी में सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई भी 30 फीट हो। अगर मौके पर इससे कम चौड़ाई की सड़क है तो भूखंडधारी को पट्टा तो 30 फीट के हिसाब से ही मिलेगा। पट्टा लेने के लिए उसे यह शपथ पत्र देना होगा कि तीस फीट में आ रहे निर्माण को वह हटा लेगा और भविष्य में निर्माण नहीं करेगा।

जैसलमेर जिला प्रमुख अनाधिकृत रूप से अशोक स्तंभ का प्रयोग कर रहे हैं


जैसलमेर जिला प्रमुख अनाधिकृत रूप से अशोक स्तंभ का प्रयोग कर रहे हैं


प्रमुख के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी


जैसलमेरजिला परिषद के जिला प्रमुख अब्दुला फकीर द्वारा अपने व्यक्तिगत लेटर हेड पर राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) का प्रयोग करने को लेकर स्वच्छ सेवा संस्थान के अध्यक्ष ने गृहमंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर जिला प्रमुख के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है।

संस्थान के अध्यक्ष डॉ. बी.पी.सिंह ने गृहमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग एवं प्रयोग राष्ट्रीय संप्रतीक (अनुचित प्रयोग निषेध) अधिनियम 2005 की अनुसूची प्रथम, द्वितीय, तृतीय में नामित पदाधिकारियों द्वारा ही किए जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जिला प्रमुख अब्दुला फकीर द्वारा बिना स्वीकृति के अपने व्यक्तिगत लेटर हेड पर अशोक स्तंभ को अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति के छापकर इस राष्ट्रीय संप्रतीक का दुरुपयोग कर इस कानून के अधीन अपराध जानबूझ कर खुलेआम किया जा रहा है। डॉ. बी.पी.सिंह ने जिला प्रमुख अब्दुला फकीर के विरुद्ध सक्षम न्यायालय में अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है।

राजस्थानी भाषा रो हैलो जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन



राजस्थानी भाषा रो हैलो जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन


पोस्टकार्ड अभियान का दूसरा चरण 

बारह साल की बच्ची पर टूटा भाई-बाप का कहर, अकेली पाकर किया रेप

सवाई माधोपुर.कुंडेरा गांव के एक परिवार में रविवार शाम बारह वर्षीया बालिका से उसके पिता और भाई ने ज्यादती की। घटना से कस्बे एवं आसपास के गांवों में सनसनी फैल गई। घटना के समय बालिका की मां बड़ी बेटी के हालचाल पूछने गई थीं। शाम को पिता और भाई नशे में धुत्त घर लौटे। 
बालिका ने उन्हें गरम खाना बनाकर खिलाया। सोते समय भाई और पिता ने उसके कमरे घुसकर ज्यादती की। सूचना पर कोतवाली थानाधिकारी रामगोपाल पारीक स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे।

दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए थाने पर लाए। पुलिस अधीक्षक परम ज्योति ने भी थाने पहुंचकर पीड़िता और उसकी मां से बात की। थानाधिकारी को शीघ्र जांच पूरी करने के निर्देश दिए। कोतवाली थानाधिकारी रामगोपाल पारीक ने बताया कि मेडिकल जांच में बालिका की उम्र १२ साल व उससे ज्यादती होने की पुष्टि हुई है।

रविवार शाम कुंडेरा गांव में बारह वर्षीया बालिका से उसके पिता और भाई द्वारा ज्यादती किए जाने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही वे एएसआई वीरेंद्र सिंह और थाने के स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे।

इस दौरान पड़ोसियों एवं गांव के लोगों ने बालिका के पिता और भाई को पकड़कर बिठा रखा था। लोगों ने पुलिस को समूचे घटनाक्रम से अवगत कराया और पुलिस तफ्तीश के लिए आरोपी पिता और भाई को पकड़कर थाने पर ले आई। मामले की जांच थानाधिकारी द्वारा की जा रही है।

मां गई थी बड़ी बेटी से मिलने

घटना के अनुसार कुंडेरा गांव के एक परिवार में शाम के समय बारह वर्षीया बालिका, उसका भाई और पिता मौजूद थे।

मां उसकी बड़ी बेटी के हालचाल पूछने गई थी। शाम होने के बाद पिता और भाई दोनों नशे में धुत्त होकर घर लौटे, बालिका ने उन्हें गरम खाना बनाकर खिलाया। जब सोने का समय हुआ तो बालिका का भाई और उसका पिता उसके कमरे में घुस गए और उसके साथ ज्यादती की।

भाई ने किया भागने का प्रयास

बालिका के चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी एवं गांव के अन्य लोग दौड़ते हुए आए और कमरे को खुलवाने का प्रयास किया। काफी देर तक भी कमरे का दरवाजा नहीं खोला तो कुछ लोगों ने दीवार की हटी हुई ईंट वाले स्थान से भीतर देखा। यहां बालिका खून से लथपथ पड़ी थी। उसके कपड़े फटे हुए थे तथा चिल्ला रही थी। लोगों ने घर को चारों ओर से घेर लिया।

भाई ने पीछे की दीवार को तोड़कर भागने का प्रयास किया। उसे लोगों ने पकड़ लिया। दीवार में बनाए गए रास्ते से गांव के लोगों ने भीतर घुसकर बाप को भी पकड़ लिया। दोनों नशे में थे। ग्रामीणों ने पिता और भाई को पकड़कर बिठा लिया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस द्वारा बालिका की मेडिकल जांच करवाई गई। जांच के दौरान चिकित्सकों ने बालिका की उम्र लगभग 12 साल तथा उसके साथ ज्यादती होने की पुष्टि की है। अस्पताल में काफी देर प्रयासों के बाद चिकित्सकों को खून का बहाव रोका जा सका। चिकित्सकों ने बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई है।

चाची से लिया पर्चा बयान

पीड़िता का चिकित्सा मुआयना करवाया गया है। उसका उपचार करवाया जारहा है। पीड़िता की चाची से बयान लिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक परम ज्योति ने भी कोतवाली थाने पर पहुंच कर पूरी घटना की जानकारी ली।

पहले भी लग चुका है आरोप

लोगों ने थानाधिकारी को बताया कि पीड़िता के भाई पर पूर्व में भी किसी लड़की से ज्यादती का आरोप लग चुका है। थानाधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों से मामले के बारे पूछताछ की जा रही है।

नाबालिग युवती से ज्यादती: SP व डिप्टी SP कोर्ट में पेश

बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक व गुड़ामालानी के उप पुलिस अधीक्षक सोमवार को जोधपुर हाईकोर्ट में पेश हुए। इन पुलिस अधिकारियों को एक नाबालिग युवती के साथ ज्यादती की जांच से संबंधित मामले में प्रार्थी जगराम की ओर से दायर विविध याचिका की सुनवाई के तहत तलब किया गया था।
 
अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित व प्रद्युम्न सिंह के माध्यम से पेश हुए बाड़मेर के एसपी राहुल बारहठ और गुड़ामालानी के डिप्टी एसपी अर्जुनसिंह ने कोर्ट में बताया कि प्रार्थी की नाबालिग पुत्री ने दर्ज बयान में एक व्यक्ति पर, जबकि बाद में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए बयान में चार लोगों पर ज्यादती का आरोप लगाया है।

पहले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की पहचान नहीं हो रही है। वैसे कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। इस पर अदालत ने संतोष प्रकट करते हुए दोनों अधिकारियों को अगली सुनवाई पर पेश होने से छूट दे दी।

सोमवार, 3 दिसंबर 2012

अलवर में फेल हुई कैश सब्सिडी योजना

गरीबों के खाते में सीधे नगद जमा कराने की केंद्र सरकार की भारी-भरकम 'गेमचेंजर' योजना उसके लिए उल्टी भी पड़ सकती है. कम से कम राजस्थान के अलवर में इसके एक साल पुराने पायलट प्रोजेक्ट का अनुभव तो यही दर्शाता है. योजना से जुड़ी मुसीबतों को लेकर कई लोग सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं.

केंद्र सरकार कैश सब्सिडी योजना को अपना ब्रह्मास्त्र बता रही है और इसे पूरे देश में लागू करने का ऐलान भी कर चुकी है. इसी योजना के बूते सरकार 2014 के चुनावी रण में विरोधियों को पटखनी देने का मनसूबा भी पाल रही है.

अगले साल 1 जनवरी से योजना लागू करने से पहले इसका पायलट प्रोजेक्ट भी राजस्थान के अलवर जिले में एक साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन अलवर की हकीकत पर गौर करें तो यूपीए 2 का यही ट्रंप कार्ड उसके ही खिलाफ असंतोष की वजह बन सकता है.

ऐसा इसलिए क्योंकि बड़ी तादाद में लोग शिकायत कर रहे हैं कि साल भर हो गया उनके खाते में पैसे ही नहीं आए हैं. इसके अलावा बहुत सारे लोगों के खाते ही नहीं खुले हैं. कहीं बैंक गांव से दूर हैं तो कहीं खाते खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं हैं.

योजना के बारे में अलवर के एक किसान भजन यादव कहते हैं, 'क्या अच्छी है, पैसे देने की योजना. मजदूरी छोड़कर पैसे के लिए बैंक के चक्कर लगाते रहो. वो भी मिलती नही. हमें कोई फायदा नही है. वहीं किसान श्रीराम यादव की शिकायत है कि पहली बार पैसे दिए थे. उसके बाद तो कभी पैसे नहीं मिले. उनका कहना है, 'हमने बैंक में खाते भी खुलवा लिए लेकिन आज दिन तक पैसे नहीं आए.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में सभी 13,458 उपभोक्ताओं के खाते में पैसे दिए थे लेकिन दूसरी तिमाही में महज 7415 और तीसरी तिमाही में 3164 उपभोक्ताओं के ही खाते में पैसे जमा हुए. प्रशासन का कहना है कि जिन लोगों ने दिए गए पैसे से केरोसिन नहीं खरीदा उनका पैसा बंद कर दिया गया है.

अलवर के रसद अधिकारी रामचंद्र मीणा का कहना है कि जिन लोगों ने दिए गए पैसे से केरोसिन नहीं खरीदा उनका पैसा हमने बंद कर दिया है.

सवाल उठता है कि अगर किसी महीने में कोई किसी वजह से केरोसिन नहीं ले पाए तो क्या उसका नाम गरीबी लिस्ट से काट देना उचित है. इस योजना के बाद केरोसिन की खपत में 70 फीसदी की कमी आई है लेकिन केरोसिन की कीमत भी 50 रुपये प्रति लीटर हो गई है. जिन्हें खरीदना है वो लोग इस बढ़ी कीमत के लिए सरकार को दोषी मान रहे हैं.




 

औरंगाबाद में स्थित है मध्यकालीन भारत का सबसे ताकतवर किला

औरंगाबाद में स्थित है मध्यकालीन भारत का सबसे ताकतवर किला जिसे सभी दौलताबाद किले के नाम से जानते हैं. दौलताबाद औरंगाबाद से 14 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बसा एक 14वीं सदी का शहर है. शुरू में इस किले का नाम देवगिरी था जिसका निर्माण कैलाश गुफा का निर्माण करने वाले राष्ट्रकुट शासक ने किया था.दौलताबाद किला
अपने निर्माण वर्ष (1187-1318) से लेकर 1762 तक इस किले ने कई शासक देखे. इस किले पर यादव, खिलजी, तुगलक वंश ने शासन किया. मोहम्मद बिन तुगलक ने देवगिरी को अपनी राजधानी बनाकर इसका नाम दौलताबाद कर दिया. आज दौलताबाद का नाम भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में वर्णित है.

दौलताबाद अपने दुर्जेय पहाड़ी किले के लिए प्रसिद्ध है. 190 मीटर ऊंचाई का यह किला शंकु के आकार का है. क़िले की बाहरी दीवार और क़िले के आधार के बीच दीवारों की तीन मोटी पंक्तियां हैं जिसपर कई बुर्ज बने हुए हैं. प्राचीन देवगिरी नगरी इसी परकोटे के भीतर बसी हुई थी. इस किले की सबसे प्रमुख ध्यान देने वाली बात ये है कि इसमें बहुत से भूमिगत गलियारे और कई सारी खाईयां हैं. ये सभी चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं. इस दुर्ग में एक अंधेरा भूमिगत मार्ग भी है, जिसे ‘अंधेरी’ कहते हैं. इस मार्ग में कहीं-कहीं पर गहरे गड्ढे भी हैं, जो शत्रु को धोखे से गहरी खाई में गिराने के लिए बनाये गये थे.

किले के प्रवेश द्वार पर लोहे की बड़ी अंगीठियां बनी हैं, जिनमें आक्रमणकारियों को बाहर ही रोकने के लिए आग सुलगा कर धुआं किया जाता था. चांद मीनार, चीनी महल और बरादारी इस किले के प्रमुख स्मारक हैं. चांद मीनार की ऊंचाई 63 मीटर है और इसे अलाउद्दीन बहमनी शाह ने 1435 में दौतलाबाद पर विजयी होने के उपलक्ष्य में बनाया था. यह मीनार दक्षिण भारत में मुस्लिम वास्तुकला की सुंदरतम कृतियों में से एक है. मीनार के ठीक पीछे जामा मस्जिद है. इस मस्जिद के पिलर मुख्यतः मंदिर से सटे हुए हैं.

इसके पास चीनी महल है जहां गोलकोंडा के अंतिम शासक अब्दुल हसन ताना शाह को औरंगजेब ने 1687 में कैद किया था. इसके आस-पास घुमावदार दुर्ग हैं.

जैन पंडित हेमाद्रि के कथनानुसार देवगिरी की स्थापना यादव नरेश भिलम्म (प्रथम) ने की थी. यादव नरेश पहले चालुक्य राज्य के अधीन थे.

भिलम्म ने 1187 में स्वतंत्र राज्य स्थापित करके देवगिरी में अपनी राजधानी बनाई. उसके पौत्र सिंहन ने प्राय: संपूर्ण पश्चिमी चालुक्य राज्य अपने अधिकार में कर लिया. देवगिरी के किले पर अलाउद्दीन खिलजी ने पहली बार 1294 में चढ़ाई की थी. इसमें हार के फलस्वरूप यादव नरेश को राजस्व देना स्वीकारना पड़ा लेकिन बाद में उन्होंने जब दिल्ली के सुल्तान को राजस्व देना बन्द कर दिया तो 1307, 1310 और 1318 में मलिक कफूर ने फिर देवगिरी पर आक्रमण किया.

1327 में मोहम्मद बिन तुगलक ने देवगिरी को अपनी राजधानी बनाई और इन्होंने ही इसका नाम देवगिरी से दौलताबाद रखा. मुगल बादशाह अकबर के समय देवगिरी को मुगलों ने जीत लिया और इसे मुगल साम्राज्य में शामिल कर लिया गया. 1707 ईस्वी में औरंगजेब की मौत तक इस किले पर मुगल शासन का ही नियंत्रण रहा. जब तक कि ये हैदराबाद के निजाम के कब्जे में नहीं आया.

देवगिरी के आसपास क्या देखें

अजंता-एलोरा की गुफाएं यहां से केवल 16 किलोमीटर दूर हैं.

कैसे पहुंचें-

सड़क मार्ग
औरंगाबाद और एलोरा के बीच चलने वाली रोडवेज की बसों से यहां पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा आप टैक्सी के जरिए भी यहां सुगमता से पहुंच सकते हैं.

वायु मार्ग
यहां से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा औरंगाबाद है. इस हवाई अड्डे के लिए मुंबई, दिल्ली, जयपुर और उदयपुर से उड़ानें भरी जा सकती हैं.

रेल यात्रा
मुंबई और देश के अन्य भागों से औरंगाबाद आसानी से पहुंचा जा सकता है. मुंबई से यहां दो सीधी ट्रेनें हैं. तपोवन एक्सप्रेस सुबह के समय मुंबई से चलती है और औरंगाबाद दिन में पहुंचा देती है. इसके अलावा देवगिरी एक्सप्रेस है जो मुंबई से रात को चलती है.


 

चीन की चांद पर सब्जियां उगाने की योजना





चीनी अंतरिक्ष वैज्ञानिक आने वाले भविष्य में चांद या मंगल ग्रह पर सब्जियां उगाने की योजना बना रहे हैं. अंतरिक्ष में जाने वाले वैज्ञानिकों को सब्जियां और आक्सीजन मुहैया कराने के लिए इस योजना पर काम किया जा रहा है.

बीजिंग स्थित चीनी एस्ट्रोनोट रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर के उप निदेशक देंग यीबिंग ने सफल लैब परीक्षणों के बाद कहा कि हालिया परीक्षण आक्सीजन, कार्बन डाईआक्साइड और जल को आधार बनाकर किए गए.

उन्होंने बताया कि एक 300 क्यूबिक मीटर के केबिन में दो लोगों को हवा, जल और खाद्य आपूर्ति के साथ रखा गया. केबिन में मौजूद दोनों लोगों को आक्सीजन उपलब्ध कराते हुए और कार्बन डाई आक्साइड ग्रहण करते हुए चार प्रकार की सब्जियां उगायी गयीं. ये दोनों व्यक्ति अपने भोजन के लिए ताजा सब्जियां भी उगा सकते थे. शिन्हवा संवाद समिति ने यह खबर दी है.

देंग ने बताया कि चीन में अपनी किस्म का यह पहला परीक्षण था और देश के मानव युक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम के दीर्घकालिक विकास की दृष्टि से काफी

Jalta Hai Jiya Mera [Original song] Zakhmee - 1975

Tere Sang Pyar Mein Nahin Todna (Duet)-Naagin.flv

देश रे सबसूं बड़ै प्रदेश रै दूजै सबसूं बड़ै जिले रो नांव है बाड़मेर।

बाडमेर जिले रो सामान्य परिचय
सहयोग कर्ता रो नाम अने ठिकाणो
अर्जुन दान जी चारण
उगांव पोस्ट- करमावास
वाया-समदड़ी, जिला बाड़मेर-344021
हाल- सहायक वन संरक्षक
फलौदी, जिला- जोधपुर
मो.- 9414482882
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क्षेत्रफल28234.80 वर्ग कि.मी.साक्षरता59.65 प्रतिशत
समुद्र तल सु ऊँचाई3727 फ़ीटआदमियां री साक्षरता73.64 प्रतिशत
बिरखा रो औसत277 मि.मी.लुगाया री साक्षरता43.91 प्रतिशत
उच्चतम तापक्रम46 ं से.ग्रे.नगरपालिका2
न्युनतम तापक्रम5 ं से.ग्रे.55पंचायत समितियाँ8
कुल जनसंख्या19,63,758गांव पंचायता380
आदमियां री संख्या10,35,813राजस्व गांव1640
लुगाया री संख्या9,27,945,तहसील8
ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या
देश रे सबसूं बड़ै प्रदेश रै दूजै सबसूं बड़ै जिले रो नांव है बाड़मेर। राजस्थान राज्य रै आथूणी दिस में आयौड़ौ जिलो बाड़मेर जिणरी 270 कि.मी. सीव पाकिस्तान सूं इ लागोड़ी। जिणरौ क्षेत्रफल 28387 वर्ग किलोमीटर है। जिले मांय 1964835 मिनख रेवै जिण मांय 926855 लुगायां अ'र 1038247 आदमी रेवै। शहरी क्षेत्र रै नांव माथै बाड़मेर अ बालोतरा दोय नगरपालिकावां जिणें कुल 145404 मिनख रेवै।
इतिहास
बाड़मेर जिले रौ घणकरौ भाग वो है जिणनै सुतंतरता सूं पैली मालाणी कया करता हा। मालाणी में न्यारा-न्यारा वगत में न्यारा-न्यारा राज। जागीरदरां आपरी हकुमत करी। पुराणै इतिहास में इण खेतर रो संबंध इतिहास सूं रयो है। खैड़ गुहिलां री राजधांनी ही। गुहिलां पछै परमार चौहाण अ'र राठौड़ा रौ राज इ अठै रयो है। राव मल्लीनाथ रै नांव माथे इज इण आखै क्षेत्र ने मालाणी रै नांव सू औलखीजै। जोधपुर रै राठोड़ां रै राज रौ प्रभाव होतां थकां इ मालाणी रा जागीरदार मांयली दीठ सूं सुतंतर ही हा। वि. सं. 1893 में अठै अंगरेजी हुकूमत आयगी अ'र जोधपुर रा हाकिम अठै अकूमत करता। सुतंतरता आंदोलन अ'र सामाजिक सुधार री लैङर अठे इ आई अ'र पछै बाड़मेर जिलौ बण्यौ। इण क्षेत्र री पिछांण मालांणी, शिव, सिवाणा अ'र पचपदरा परगनां सूं ही। आज इण जिले मांय बाड़मेर अ'र बालोतरा दोय उप खंड है। सात तहसीलां - बाड़मेर, बायतू, शिव, चौहटन, गुड़ामालांणी, पचपदरा अ'र सिवाणा है। अठै आठ पंचायत समितियां - बाड़मेर, बायतू, शिव, चौहटन, धौरीमन्ना, सिणधरी, बालोतरा अ'र सिवाणआ है। 380 ग्राम पंचायतां वालो औ जिलौ जैसलमेर पछै दूजे स्थान माथ है क्षेत्रफल रै हिसाब सूं। अई रै रैवासी आपरी मायडभासा राजस्थानी में बंतल करै। पण हिन्दी, अंग्रेजी, सिन्धी, गुजराती भासावां इ समझ लेवे है। साहित्य अ'र संस्कृति रौ अखूट भंडार है। रांणी रूपादे अ'र उणांरै गुरू धारू मेघवाल री भगती री बेलड़ी अठै बज पांगरी अ'र फूली-फली। एक मुसलमांन कवि आपरौ ग्रंथ घ्वीरवांणङ लिखियौ जिणमें उणां माता शारदा अ'र गणपति नै सैसूं पेली नमन करिया है। डाढ़ी बादर रो ग्रंथ डिंगल रो एक लूंठौ ग्रंथ है। डाढी बादर लिखै-सुमप समापौ शारदा, आपौ उकती आप।
कमधां जस वरणन करूं, तुझ महर परताप।।
समरू गणपत सरसती, पांण जोड़्द्व लग पाय।
गाऊं हूं सलपावियां, विध विध सुजस बखांण।।
डिंगल रा इज दूजा डकरेल कवि हा आसाणंदजी बारठ, जिणरा बाघा भरमलजी रा दूहा डिंगल री धरोहर है। आसाणंद रा भतीज अ'र स्वनाम धन्य ईसरदासजी भादरेस रा जाया जलमिया। ईसरदासजी भक्तिरस री धारा अठै चलाई। आप हरिरस, देवियांण जैड़ी भक्तिरस रै ग्रंथां री रचना करी अ'र साथै-साथै वीररस में हालां-झालां री कुडलियां री रचना करी जिकौ डिंगल साहित्य में आपरी ठावी ठौड़ राखै। बांकीदासजी आशिया जिका इण इज जिले रै पचपदरै परगणै रै गांव भांडियावास रा हा, जोधपुर रा राज कवि हा। अंगरेज रै देस माथे चढ़ आवण सूं दुखी होयङर आप राजा अ'र देसवासियों नै ओलभा देतां थकां कयो है।
आयौ अंगरेज मुलक रै ऊपर, आहंस लीधा खेंच उरा।
धणियां मूवां न दीधी धरती, धणियां ऊभां गई धरा।।
महि जातां चीचातां महिलां, ऐ दुय मरण तणा अवसांण।
राखौ रै किंहिक रजपूती, मरद हिंदू की मूसलमांण।।
बात आईज कै रजपूती कोई जात री हिमांणी नी है, जिकौ राखै उणरी है, चावै हिंदू वो कै मुसलमाण। साहित्य री सेवा अठारा स्व. भंवरदांनजी झिणकली, नृसिंहजी राजपुरोहित करी। अबरा इ कई कवि अ'र लिखारा साहित्य री सेवा कर रया है। जिणांमें खीमदांनजी बालेवा, डूंगरदांनजी बलाऊ डिंगल साहित्य में टणका नांव है। डॉ. आइदांनसिंह भाटी, महंत खुशालनाथ धीर, स्वामी जैठानाथ, छगन व्यास अ'र दूजा इ कई नांव है जिका साहित्य री लगोलग सेवा कर रया है।
लोक कला अ'र संस्कृति रा अठै भंडार भरियौड़ा है। अठारा लंगा, मांगलियार, मिरासी, ढोली जिणांरौ पीडियां रौ धंधौ रौ हो अ'र आपरी भेट भराई इण कला सूं इज करता हा। आजादी सू लेङयर 1965 तांई इणारी सगाई सगपण कै व्याव शादी रै मौके होवती ही। पण 1965 रै पछै कोमलजी कौठारी इण सगला गायकी जातियां नै आगे लावण सारू पूरी कोसिस करी अ'र रूपायन संस्थान रै सैयोग सूं इण सगला कलाकारो नै खास पैछांण नी फगत भारत में कराई बल्कि आखी दुनिया में इण कला रौ डंकौ बजाय दीनौ। दुनिया रौ एड़ौ कोई मुलक बाकी नी जठे लंगा, मांगलियार, मिरासी नी पहुंचिया व्है। इण कलाकारां मांय सूं कई जगचावा नांव है- अलादीन लंगा, दीन मोहम्मद लंगा, भूंगरखां, सद्दीक खां, समदर खां।
खनिज ' तेल 
फगत बाड़मेर जिल री आस इज नी खनिज अ'र तेल पण आ आखै राजस्थान री आस है। अठै मिलियौ लिग्नाइट आपरी किसम रौ अ'र इण सूं बिजली बणावण रौ कामं भादरेस गांव में चालू वैगो है। तिण रौ काम राजवेस्ट कम्पनी कर रही है। इणमें एक हजार मेगावाट बिजली बणाई जावेली। इण सारू सगणौ लिग्नाइट जालीपा अ'र कपूरड़ी गांव सूं लायौ जावेला। पाणी खातर 184 किमी लांबी पाइप लाइन इंदिरागांधी नहर सूं बिछाइजगी है। एड़ो अंदाज है कै पूरी खिमता सूं बिजली बणणी सरू होयां पछै प्रदेश में बिजली री कमी कोनी रेवेला। प्राकृतिक तेल रा भंडार इण जिले रै न्यारी न्यारी अगावां मिलिया है। जिणसुं अठै रिफाइनरी लागण री आस जागी है। रिफाइनरी लाग्यां सूं बाड़मेर जिले रै बाशिंदां नै रोजगार तो मिलेगा इस साथै-साथे प्रदेश ने अणूती आमदनी वैला। जिणसूं इण जिले अ'र प्रदेश रो कायापलट रौ काम व्हैला।
उद्योग धंधा अठै घणाइ चालै है। न्यारा न्यारा क्षेत्र में न्यारा न्यारा उद्योग है। बाड़मेर शहर में कपड़ा री रंगाई छपाई रौ आछौ धन्धो चालै है। अठारी चादरां, लुगायां रा कपड़ा अ'र अजख री छपाई जग चावी है। चौहटन अ'र उणरे आसै-पासै रे गांवां से लुगायां कांचरी कसीदाकारी रौ कां करै, जिकौ देखण अ'र सरावण जोग है। लुगायां रा कपड़ा माथै कांचरी कसीदाकारी री कारीगरी देखां तो बाकौ फाट जावै। लुगायां जद इण कसीदाकारी रा कपड़ा पहैरङर निकलै तो सूरज री रोशनी सूं कांच रै टुकडां सूं चिलकौ पड़ै जिकौ च्यारूं मैर चमक पैदा कर दे। बाड़मेर शहर में फर्नीचर रौ कां घणौ आछौ व्हे रयौ है। सरूपांत में अठै लकड़ी रा पागा अ'र घरटी री पुड़ी माथे खुदाई री कां करियो जावतौ पण अबै तो बड़ौ उद्योग बण गयौ है। बाड़मेर मांय 50 रै लगै-टगै कारखांना है, जठै फर्नीचर बणे है। रोहीड़ा री लकड़ी माथै नक्कासी रो कां घणौ सांतरौ व्है है। डबलबैड, ड्रेसिंग टेबल, सौफासेट, बार्डरोब सेन्ट्रल टेबल इत्याद सगला भांत-भांत रा आइटम अठै त्यार व्है रहा है, जिणरी आखै देश अ'र विदेशां में भारी मांग है। फर्नीचर उद्योग तो फल-फूल रयो है, पण इणरै साथे इ रोहिड़ा रौ नां निशान मिटण री तांई पहुंच गियो है। बाड़मेर जिले रै दूजै बड़े नगर बालोतरा री पिछांण रंग-छपाई रै कारण आखै देश में बणी थकी है। बालोतरा अ'र जसोल में 500 सूं वधती फैक्टरियां चाल रही है। जठै परतख अपरतख रूप सूं दस हजार लोगों ने रोजगार मिल रयो है। अठै पोपलीन छीट अ'र वायल री मनमोवणी छपाई रंगोई रौ कां व्है है। आज कालै स्क्रीन प्रिंट (Print) री साड़ियां इ त्यार करीजे है, जिणांरी मांग देश रै खुणै-खुणै में है।
बाड़मेर जिल में स्थापत्य कला रो घणौइ भण्डार है। किराड़ रा जैन मंदिर आपरी कहाणी खुद कैवे है। आज री तारीख में ऐ टूटा भाग मंदिर खुड मूंडै बोले जैड़ा है। उणानै देखङर अन्दाजौ लगायो जाय सके है जद व्है बणिया व्हैला कितरा फूटरा अ'र नांमी रया व्हैला। सिवांणा रौ किलौ, खेड़ रौ रणछोड़ मंदिर, नाकोड़ा रौ जैन मंदिर, जसोल में रांणी भटियांणी रो मंदिर, अटलधांम सिवाणा, आसोतरा रौ ब्रह्मधांम, भीमगोडा, हलदेसर, हिंगलाज माता रो मंदिर, चौहटन मे वीरातरा माता रो मंदिर, राठौड़ां री कुलदेवी नागणैच्या रौ मंदिर सगला आपरी स्थापत्य कला रा न्यारा-न्यारा नमूना पेश कर रया है।बाड़मेर जिले मांय मेळा घणाई भरीजे अ'र लोग इणा में घणै कोड सूं भाग लेवै। बाड़मेर में भरीजण वाला मेळा नीचे मुजब है :-
लाखेटा गैर मेळा :-होली रै पछै तीज रै दिन लाखेटा गांव मांय संतोषभारतीजी री समाधी माथै भरीजण वालो औ मेळो सांस्कृतिक एकता रौ लांठौ नमूनो है। आसै-पासे रा 20 गांवां रा लोग लुगाई टाबर इण मेळा में आवै। गैर नाच री होड़ व्है। पैले दूजै अ'र तीजै ठायै माथै आवण वाली गैर ने ईनांम दईजै।
कांनांणै (कानाना) रो डांडिया गैर मेळो-सीतला माता री याद में कांनांणा गांव में गैर मेळो व्है। अठै डांडिया गैर रो घणौ आछो आयोजन व्है। 30-40 गांवां री गैरां अठै धमचक मांडवै। लुगायां रा टोला ई लूर री तगड़ी बानगी पेश करै।
वीरातरा माता रौ मेळौ : चौहटन तहसील सूं 12 किमी दूर माथै आथूंणी दिस कांनी भाखरां रै बिचै वीरातरा माता रै मंदिर माथै साल मे तीन बार मेळौ भरीजै। मेळा चेत वदी तेरस, भादरवा सुदी तेरस अ'र माध सुदी तेरस रै दिन व्है है।
जसोल रौ रांणी भटियांणी मेळौ :- बालोतरा सूं पांच कि.मी. आंतरे लूणी नही रै दिखणादै कांठै बस्यौड़ीं है जसोल। अठै रांणी भटियांणी रो जग चावौ मंदिर है। अठै वैसाख, असाढ, भादरवा अ'र माघ रै महीनै मेळौ भरीजै। लुगायां रा थट्ट लाग जावे। हियौ हियौ दबीजै। तिल राखण में इ जगा नी रै।
बायत् रो खेमा बाब रौ मेळो :- बालोतरा अ'र बाड़मेर रै बिच्चै आयोड़ै गांव में भादरवा अ'र माध महीनै चांदणी नम रै खेमा बाब रौ मेळौ भरीजै। ऐड़ी मान्यता है कै बाब री किरपा सूं पांन हुयोड़ा ने अठै एकर फेरी दिरावण सूं ठीक होय जावै।
नागांणै रौ नागणेची मेळौ :- राठौड़ राजपूतां री कुलदेवी नागणेची माता रौ मंदिर नागांणै मे है जिसोक कल्याणपुरा सूं बालेसर जावण वाली सड़क माथै है। अठै नवरात्री में साल में दोय बार टणकौ मेळौ भरीजै। आखै देस सूं जातरू अठै आवे अ'र माता इणांरी मनरी इंछा पुरी करै। अठै लकड़ी री मूरत देखण जोग है।
कोलायत मे नौंका विहार री सुविधा भी हैं। अटे रे पवित्र सरोवर रे किनारे कई मंदिर व स्नान घाट बणयोडा हैं।
नागांणै रौ नागणेची मेळौ :- राठौड़ राजपूतां री कुलदेवी नागणेची माता रौ मंदिर नागांणै मे है जिसोक कल्याणपुरा सूं बालेसर जावण वाली सड़क माथै है। अठै नवरात्री में साल में दोय बार टणकौ मेळौ भरीजै। आखै देस सूं जातरू अठै आवे अ'र माता इणांरी मनरी इंछा पुरी करै। अठै लकड़ी री मूरत देखण जोग है।
ब्रह्मधांम आयोतर :- बालोतरा सूं सिवांणै जावतां मारग में आसोतरा ब्रह्मधांम आवै। अठै जैसलमेर रै भाठै रौ मनमोवणो मंदिर बलियोड़ी है। ब्रह्माजी अ'र सवित्रीजी री मूरतां मंदिर में बिराजै। मंदिर बणावणिया महान संत खेतारांमजी रौ मंदिर इ अठै बणियोड़ौ। यूं तो अठै बरस भर जातरू आवता रेवै। पण बैसाख री चांनणी पांचम अ'र छठ ने मेळो भरीजे।
नाकोड़ा तीर्थ :- बालोतरा सूं नव कि.मी. आंतरै भाखरां रै बिचै आयोड़ौ औ तीरथ पूरै देस मे चावौ है। अठै भगवांन री मूरत निज मंदिर मे थरपियोड़ी है। बाकी तीर्थकरां री मूरतां ई अठै बिराजै। नाकोड़ा भैरूजी री मूरत घणी मनमोवणी है। पोष में अंधारी दसमी रौ मेळौ भरीजै। जैन जातरूंवां रै अलावा अठै दूजा जातरू इ घणई आवै। अठै रैवण अ'र भोजन री आछी व्यवस्था है।
तिलवाड़ै री मेळौ :- भारत रा जूना पशु मेळां में सामिल मल्लीनाथ पशु मेळौ तिलवाड़ै जिकौ च्चेतरी रौ मेळौछ ई कैवीजे है। चेत वदी इग्यारस रै दिन झंडो रूपै अ'र पूरा 15 दिन तांई मेळो चालै। अठै राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब प्रदेशां सूं बौपारी डांगर खरीदण सारू आवै। लूणी नदी रै पाट में भरीजण वाले इण मेलै में मालाणी रा घोड़ा, थारपारकर बलद, बाड़मेरी उंट ज्यादा बेचीजै अ'र खरीदीजै। मेलै रै छैलै दिन पशुवां री होडाहोड व्है अ'र जीतववालां ने ईनांम दिरीजै।
बीजा पशुं मेळा :-इणीज भांत जसोल रांणी भटियांणी पशु मेळौ कात्ती सुद पांचम सूं इग्यारस तांई, गुड़ा मालाणी रौ जैतमाल पशुमेळौ काती वद आठम सूं चवदस तांई भरीजै। सिणधरी में बजरंग पशुमेळौ मिगसर सुद पांचम सूं इग्यारस तांई भरीजै।
थार महोत्सव :- होली रै दूजै दिन सूं सरू होयङर सीतला सातम तांई चालण वालौ औ महोत्सव देस विदेश रै पर्यटकां सारू घणौ महतारऊ है। इण मौकै पयर्ण्टकां सारू न्यारी-न्यारी मनमोवणी होड़ां राखीजै। थार महोत्सव बाड़मेर सूं सरू होयङर सीतला सातम रै दिन वीर दुर्गादास रै गांव कांनांणै (कानाना) मांय सीतला माता री पूजा रै साथै पूरो व्है। इण दिन न्यारा-न्यारा गांव री गैरा आवै अ'र पूरा जोस सूं आपरौ हुनर बतावै। इण री खास बात है आंगी गैर। आंगी गैर में गैरिया आपरी कमर माथै 15 मीटर घेर रौ कपड़े रौ वागौ पैरे अ'र पगां में दोय-दोय कीलो रा भारी घूघरा बांधै। पछै नाचै जद आंगी रा घेर अ'र घूघरां री घणकार देखण सुणण जोग व्है। लुगायां रौ नाच करङर सीतलामाता नै मनावै।
इण जिले रै रैवासियां देस आजाद हुवां पछै दोय युद्धां ने परतख झेलिया है। आंन-बांन सारू मरणिया मिनखां भूखा-तिरसा रय ई आपरै जवांनां रै हौसलौ बढ़यौ अ'र दुसमण रा दांत खाटा कर दिखाया है। 1965 रै जुद्ध में रेल्वे रा कर्मचारियां आपरी जांन जोखिम में घालङर काम करियौ। उण सगलां नै घणा-घणा नमन। अठा रा सपूत देस री सेवा में आगीवांण है। सेना में अठा रा सपूत सिपाही सूं लेयङर मेजरजनरल तांई रै औहदे पहुंच्या है तो सिविल सेवा में आई.ए.एस., आई.पी.एस, आई.एफ.एस. रै ऊंचै औहदे माथै इण धरा रा सपूत बिराजै अ'र आकै देस में आपरी सेवावां देवे है। हाईकोर्ट रा जज, पुलिस में डी.जी. माथै अठारा सपूत बिराजा रया है। एक बात, जिका अजै तांई खटकै है, वा आ है कै इण धरती सूं कोई ऐड़ो राजनेता नी हुवो जिणरो पिछांण भारत पूरै में व्है। अ'र जिकै इण क्षेत्र रो भलो पण कर सकै। विधांनसभा में इ कोई ऐड़ो नेता नी हुवो, जिकै जोर सूं अठारी अबखायां ने बताय नै उणाने मिटायी। आसा कर सकां कै आवण वालो समय में अठै ऐड़ौ नेता आवैला।
आज रे समय में इ अठै अजै तांई कई कुरीतियां जड़ां जमायोड़ी है। इणांने मिटावणी घणी जरूरी है। ऐ कुरीतियां फगत सरकारी कानून अ'र उणरै डंडा रै जोर नी मिटैला। समजा ने खुदनै आगै आवणौ पड़ैला। कई सामाजिक कार्यकर्ता कै गैर सरकारी संगठन आगै आवैला तो इज पार पड़ैला। आखातीज रै दिन अठै सैकड़ू बाल विवाह व्है जावै, जिणमें सगला सामिल व्है। नेता, अफसर, सगला। बाल विवाह रोकण सारू शारदा एक्ट बणियोड़ौ है, पण लागू करणो अबखौ कांम है। दूजी कुरीती है अमल खावणौ। सगाई, सगपण, ब्यांव, मुकलावौ अ'र मरतंग, सगला अवसरां माथै अमल खावण री परंपरा। सगाई, ब्यांव में तो एक दिन इज खावे पण मरतंग में तो बारै दिन तांई माखा भिणभिणावता। इणनै मिटावणो घणी जरूरी। एक औरूं कुरीती है टीका-दहेज। इण कुरीती कितरा घर बरबाद कर दीना है अ'र अबै तो इण कुरीती कितनी कन्यावां री भ्रूणहत्यावां कराय दीनी है। इणनै मिटावण री सगलां सूं पैली आवश्यकता है। सरकार कांनी सूं करड़ा कानून बणिया थका है, पण इण सारू आगीवांण तो समाज ने इज होवणो पड़ैला। जिण समाज में औ रोग घणौ बधियोड़ो है, उणांमे आज नी बल्कि अबै इज चेतणो पड़ेला नी तो लाडी री मन में इज रै जावैला।
मेह थोड़ौ नेह घणौ, आछी घणी आ ठौड़।
बढ़िया बाहड़मेर है, मरूधरा रौ मौड़।।

'अयोध्या में एक इंच ज़मीन नहीं छोड़ेंगे मुसलमान'

हैदराबाद. अयोध्या में मंदिर-मस्जिद का मुद्दा फिर से गर्माता लग रहा है। हैदराबाद से लोकसभा सांसद असादुद्दीन ओवैसी (तस्वीर में) ने कहा है कि मुसलमान अयोध्या में ढहाई गई बाबरी मस्जिद की एक इंच जमीन नहीं छोड़ेंगे। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में हर कदम पर मुसलमान छले गए हैं। ओवैसी ने कहा कि देश में शांति और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए न्याय किया जाना चाहिए।
'अयोध्या में एक इंच ज़मीन नहीं छोड़ेंगे मुसलमान' 
ओवैसी यहां एमआईएम मुख्यालय दारुस्सलाम में रविवार रात युनाइटेड मुस्लिम ऐक्शन कमिटी द्वारा आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे। यह सभा विवादित ढाचे को ढहाए जाने की 20वीं बरसी से पहले आयोजित की गई थी। अयोध्या में विवादित ढाचे को 06 दिसंबर, 1992 को ढहा दिया गया था। बाबरी मामले का पूरा ब्यौरा पेश करते हुए ओवैसी ने मुसलमानों से आग्रह किया कि उन्हें कानूनी लड़ाई में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सफलता के लिए दुआ करनी चाहिए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा 30 सितंबर, 2010 को दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि को हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तीन भागों में बांटने का निर्देश दिया था। इसमें से दो हिस्सा भूमि हिंदू संगठनों को दिया जाना था, जबकि बाकी एक-तिहाई हिस्सा मुसलमानों को दिया जाना था।

युनाइटेड मुस्लिम ऐक्शन कमिटी के संयोजक अब्दुल रहीम कुरैशी ने कहा कि विवादित ढाचे के ढहाए जाने से धर्मनिरपेक्षता और न्याय की हत्या हो गई। उन्होंने कहा कि मुसलमान इस हादसे को कभी भी नहीं भूल पाएंगे। हालांकि, मुस्लिम जगत के कई जानकार यह कहते हैं कि अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह मुसलमानों को मंजूर होगा। वकील और मुस्लिम धर्म से जुड़ी कुछ प्रमुख संस्थाओं के सदस्य जफरयाब जिलानी ने हाल ही में एक टीवी चैनल से बातचीत में ऐसी बात की थी।

-राजस्थानी के बिना हम अपनी सांस्कृतिक पहचान खो देंगे





राजस्थानी भाषा मान्यता पोस्ट कार्ड अभियान


--राजस्थानी के बिना हम अपनी सांस्कृतिक पहचान खो देंगे

बाड़मेर। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा राजस्थानी मोटियार परिषद के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के उद्देश्य से कलरव माध्यमिक विद्यालय में म्हारी जुबान रो तालो खोलो पोस्टकार्ड अभियान के द्वितीय चरण में अभियान के तहत संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी के मुख्य आतिथ्य जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता की अध्यक्षता में राजस्थानी भाषा रो हैलो जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजस्थानी रो हैलो जन जागरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चन्दन सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थानी भाषा समृद्व भाषा है जो हमारी संस्कृति और परम्परा का प्रतीक है। उन्होने कहा कि राजस्थान की ओलखाण राजस्थानी से है। हम अपनी मायड़ भाषा को दरकिनार कर अपनी पहचान खोते जा रहे है। उन्होने कहा कि राजस्थान के विकास में राजस्थान की संस्कृति इतिहास और परंपरा का अहम योगदान रहा है। सात समंदर पार से आने वाला पर्यटक राजस्थानी संस्कृति परंपरा और इतिहास को देखने आता है जब हम अपनी पहचान ही खो देंगे तो पर्यटक राजस्थान क्यों आएगा।

उन्होने कहा कि घर की संस्कृति परंपरा को बरकरार रखना हमारा दायित्व हैं। हमें अपनी भाषा को मान्यता दिलाने का पुरजोर प्रयास करे। उन्होने कहा कि बाड़मेर जिले से राजस्थानी भाषा को मान्यता देने का जो प्रयास हो रहे है उन्हें राष्ट्रपति तक पहूंचाने की जिम्मेदारी मेरी है। उन्होने कहा कि बाड़मेर के राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल को राष्ट्रपति से मुलाकात के पूरे प्रयास कर जल्द मिलवाने तथा पुरजोर तरीके से मान्यता की मांग रखेंगे। उन्होने कहा कि अपनी घर की बोली हमारी धरोहर है। इस धरोहर को ध्वस्त ना होने दे। इस अवसर पर रिड़मल सिंह दांता ने कहा कि वो इंसान ही क्या जिसे अपनी माँ, मातृभूमि तथा मायड़ भाषा से प्रेम ना हो।

उन्होने कहा कि देश के अन्य प्रांतो की छोटीछोटी बोलियों को संवैधानिक भाषा का दर्जा दिया गया मगर राजस्थानी भाषा आज भी वंचित है जो कष्टदायी है। इस अवसर पर जिला पाटवी रिड़मलसिंह दांता ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलने तक आंदोलन तथा अभियान जारी रहेगा। उन्होने कहा कि पूरे जिले में समिति का नेटवर्क बन गया है। जनता का सीधा जुड़ाव अभियान से होना साबित करता है कि राजस्थानीयों के मन में मायड़ भाषा की हुक उठ चुकी है जो संसद तक जाएगी।

इस अवसर पर राजस्थानी मोटियार परिषद के नगर अध्यक्ष रमेश सिंह इन्दा ने कहा कि मायड़ भाषा का सम्मान है। जिसका हमे दिल से सम्मान करना होगा। विद्यालय व्यवस्थापक रमेश सांचिहर ने कहा कि अभियान से मातृ शक्ति को जोड़ने का भी पूर्ण प्रयास होगा। उन्होने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के पीछे भागने की बजाए हमें अपनी संस्कृति और भाषा का निर्वहन करना चाहिए। इस अवसर परप्रधानाध्यापक लक्षमण सिंह राठोड ने कहा कि युवाओं का ऐसा दल तैयार हुआ जो निस्वार्थ भावना से अपनी मायड़ भाषा को मान्यता दिलाने का पुरजोर प्रयास कर रहा है। उन्होने कहा कि मायड़ भाषा के प्रति युवाओं में सकारात्मक सोच राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए पर्याप्त है। इस अवसर पर परिषद् के सह जिला संयोजक दिग्विजय सिंह चुली ने कहा कि बाड़मेर जिले में जो आवाज राजस्थानी भाषा को मान्यता की जुड़ी है वो पूरे राजस्थान में फैल चुकी है। उन्होने कहा कि हस्ताक्षर अभियान तथा पोस्टकार्ड अभियान में आमजन को भागीदारी ने मान्यता का रास्ता तय कर दिया है।समारोह में गिरीश व्यास ,हेमराज ,नवीन जोशी ,सवाई लाल ॐ प्रकाश ,किशोर कुमार ,तनुजा सांचिहर ,सुरेश सिंह कोमल सांवत ,सोनिया ,जीवन राम शांति सहित , ,सहित स्कूल के अध्यापक ,पार्षद और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ,इस अवसर पर शीत कालीन संसद सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए प्रधानमंत्री ,सांसद और गृह मंत्री के नाम सेकड़ो पोस्ट कार्ड लिखे गए ,.

राजस्थानी साहित्य किया भेंट

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति और मोटियार परिषद् द्वारा राजस्थानी भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए विद्यार्थियों के लिए राजस्थानी साहित्य स्कूलों में भेंट करने का भी आज आगाज़ किया ,समिति के पदाधिकारियों ने राजस्थानी साहित्य पत्रिका कठेसर की प्रतिया विद्यालय प्रबंधन को भेंट की ..

जैसलमेर से चोरी गई बोलेरो बरामद, खरीदार आरोपी गिरफ्तार


एक पखवाडे में वाहन चोरो के विरूद्ध जैसलमेर जिला पुलिस की दूसरी बडी कार्यवाही,
  जैसलमेर   से चोरी गई बोलेरो बरामद, खरीदार आरोपी गिरफ्तार

जैसलमेर हाल ही के कुछ दिनों में जिला जैसलमेर में वाहन चोरियों की वारदातो के बने के कारण पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल द्वारा जिले के समस्त वृताधिकारियों एवं थानाधिकारियो को अपनेअपने हल्खा क्षैत्र में चोरी हुए वाहनो को तलाश कर जल्द से जल्द बरामद कर वाहन चोरो को गिरफतार करने के निर्देश दिये। जिस पर पुलिस थाना सांगड के हल्खा क्षैत्र में दिनांक 20.11.2012 की रात्रि में चोरी हुई गाडी को बरामद किया जाकर आरोपियों की तलाश जारी है।

इसी प्रकार गत दिनों  मध्यरात्रि इण्डेन गैस एजेन्सी के सामने जैसलमेर से दो अज्ञात चोरों द्वारा एक बोलेरो गाड़ी नम्बर आर.जे. 04 टीए 2249 के डुप्लीकेट चाबी लगाकर चुराकर ले जाने की वाहन मालिक सुमेरसिंह की रिपोर्ट पर पुलिस थाना जैसलमेर में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान भगवानसिंह सउनि के जिम्मे किया गया। उक्त घटना की सुचना उच्च अधिकारियो को देने पर पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल द्वारा उक्त घटना को गम्भीरता से लेते हुए थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर वीरेन्द्रसिंह निपु को उक्त चोरी पर जल्द से जल्द कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। जिस पर वीरेन्द्रसिंह नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर व ओम प्रकाश गौदारा नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना सांगड़ के नेतृत्व में विशोष टीमें गठित की गई जिसमें पुलिस थाना जैसलमेर से भगवानसिंह सउनि, कानि0 बस्ताराम, माधोसिंह एवं कार्यालय में तैनात मुकेश बीरा व पुलिस थाना सांगड़ से मुख्य आरक्षक नीम्बसिंह, कानि. रामसिंह, रायमलराम, दिलीप कुमार मामुर किये गये तथा विश्वसनीय मुखबीर मामुर कर चोरी गये वाहन व मुल्जिम की तलाश हेतु पुलिस टीम द्वारा धोरीमना, गुड़ा मालानी, रामजीका गोल, सिणधरी, होण्डू, सरणू आदि संभावित स्थानों पर धोरों में पैदलपैदल लगातार 0708 दिन तक दबीश्ों दी गई। पुलिस की लगातार दबीशों एवं पुलिस की कडी मेहनत एवं लगन से कार्य करने पर सिणधरी ग्राम में स्थित मईयों की ़ाणी से मुखबीर ईतलानुसार मेघाराम पुत्र गिरधारीराम जाति जाट नि0 मईयों की ़ाणी एड सिणधरी को दस्तयाब कर गहनता से पुछताछ की गई तो उसने उक्त चोरी गये वाहन खरीदना स्वीकार किया तथा उक्त अपराधी की ईतला पर उसकी ़ाणी के पिछवाडे में सीणीयों के घास के निचे छिपाकर रखी बोलेरो डीआई नम्बर आर.जे. 15 टीए 2249 को बरामद की गई। उक्त वाहन सस्ती दाम में खरीदने वाले मेघाराम को गिरफ्तार किया जाकर लगातार पुछताछ जारी है। मुल्जिम से चोरी गये वाहन बेचने वालों का पता लगाया जाकर गिरफ्तारी होगी।

गठित टीम द्वारा कड़ी मेहनत, सूज बूझ व लग्न से चोरी गई बोलेरो बरामद कर इनका कार्य सराहनीय रहा। शीघ्र ही बोलेरो चोरी करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी की जाकर अन्य वाहन चोरी के प्रकरणों में भी गहनता से पुछताछ होगी।

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