हैदराबाद. अयोध्या में मंदिर-मस्जिद का मुद्दा फिर से गर्माता लग रहा है। हैदराबाद से लोकसभा सांसद असादुद्दीन ओवैसी (तस्वीर में) ने कहा है कि मुसलमान अयोध्या में ढहाई गई बाबरी मस्जिद की एक इंच जमीन नहीं छोड़ेंगे। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में हर कदम पर मुसलमान छले गए हैं। ओवैसी ने कहा कि देश में शांति और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए न्याय किया जाना चाहिए।
ओवैसी यहां एमआईएम मुख्यालय दारुस्सलाम में रविवार रात युनाइटेड मुस्लिम ऐक्शन कमिटी द्वारा आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे। यह सभा विवादित ढाचे को ढहाए जाने की 20वीं बरसी से पहले आयोजित की गई थी। अयोध्या में विवादित ढाचे को 06 दिसंबर, 1992 को ढहा दिया गया था। बाबरी मामले का पूरा ब्यौरा पेश करते हुए ओवैसी ने मुसलमानों से आग्रह किया कि उन्हें कानूनी लड़ाई में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सफलता के लिए दुआ करनी चाहिए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा 30 सितंबर, 2010 को दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि को हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तीन भागों में बांटने का निर्देश दिया था। इसमें से दो हिस्सा भूमि हिंदू संगठनों को दिया जाना था, जबकि बाकी एक-तिहाई हिस्सा मुसलमानों को दिया जाना था।
युनाइटेड मुस्लिम ऐक्शन कमिटी के संयोजक अब्दुल रहीम कुरैशी ने कहा कि विवादित ढाचे के ढहाए जाने से धर्मनिरपेक्षता और न्याय की हत्या हो गई। उन्होंने कहा कि मुसलमान इस हादसे को कभी भी नहीं भूल पाएंगे। हालांकि, मुस्लिम जगत के कई जानकार यह कहते हैं कि अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह मुसलमानों को मंजूर होगा। वकील और मुस्लिम धर्म से जुड़ी कुछ प्रमुख संस्थाओं के सदस्य जफरयाब जिलानी ने हाल ही में एक टीवी चैनल से बातचीत में ऐसी बात की थी।
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