मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

भू-माफियाओं पर मेहरबानी!



जयपुर। प्रदेश में गृह निर्माण सहकारी समितियों पर लगी रोक के बाद भी सुविधा क्षेत्र को ताक पर रखकर अवैध तौर पर कॉलोनी की 70 फीसदी भूमि पर भूखंड काटने वाले भू-माफियाओं को राज्य सरकार ने उपकृत करने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार अब प्रशासन शहरों के संग अभियान में प्रदेश भर में कृषि भूमि पर बसी ऎसी सैकड़ों कॉलोनियों का नियमन करेगी, जिनमें सुविधा क्षेत्र 40 के बजाय 30 फीसदी ही बचा हो। अभियान से जुड़े मामलों पर निर्णय के लिए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के संयोजन मेंं गठित राज्य स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी ने सोमवार को यह फैसला किया।
 
नियमों के अनुसार भूखंड और सुविधा क्षेत्र में 60:40 का अनुपात रखना जरूरी है। गृह निर्माण सहकारी समितियों की कॉलोनियों के नियमन की कट ऑफ डेट 17 जून 1999 के बाद भी भू-कारोबारियों ने अवैध कॉलोनियां काटने का गोरखधंधा जारी रखा। इसके कारण कॉलोनियों में 40 के बजाय 30 फीसदी ही सुविधा क्षेत्र बच पाया है।

80 फीसदी निर्माण जरूरी
कमेटी के फैसले के मुताबिक 17 जून 1999 के बाद इस वर्ष 2 मई तक बसी कॉलोनियों के भूखंडधारियों को भी पट्टे मिल सकेंगे। लेकिन कॉलोनी में 80 फीसदी या इससे अघिक भूखंडों पर निर्माण जरूरी है। कॉलोनी में सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई भी 30 फीट हो। अगर मौके पर इससे कम चौड़ाई की सड़क है तो भूखंडधारी को पट्टा तो 30 फीट के हिसाब से ही मिलेगा। पट्टा लेने के लिए उसे यह शपथ पत्र देना होगा कि तीस फीट में आ रहे निर्माण को वह हटा लेगा और भविष्य में निर्माण नहीं करेगा।

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