बुधवार, 7 नवंबर 2012

अमरीका कांग्रेस में पहुंची पहली हिंदू सांसद

अमरीका कांग्रेस में पहुंची पहली हिंदू सांसद

वाशिंगटन। अमरीका के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में पहली बार कोई हिंदू सांसद चुनी गई है। इनका नाम है तुलसी गब्बार्ड। तुलसी डेमोक्रेट उम्मीदवार थी। उन्होंने हवाई से चुनाव लड़ा और रिपब्लिकन उम्मीदवार को भारी अंतर से हराया है।

उनकी जीत से हिंदू अमरीकन में खुशी की लहर दौड़ गई है। हिंदू अमरीकन समुदाय की संख्या 6 लाख से 2.3 मिलियन के बीच है। इनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक हैं। तुलसी का जन्म अमरीका के समोआ में हुआ था। उनके पिता कैथोलिक हैं जबकि मां हिंदू है। तुलसी 2002 में हवाई स्टेट लेजिसलेचर के लिए चुनी गई थी। उस समय उनकी उम्र मात्र 21 साल थी।

तुलनी ने कहा कि उनका विश्वास ही अमरीकी कांग्रेस में उनकी सबसे बड़ी पूंजी होगी। इससे अमरीका और भारत के बीच बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी। यह साफ है कि भारत और अमरीका के बीच नजदीकी वर्किग रिलेशनशिप की जरूरत है।

वाशिंगटन में फैसले लेने वाले लोग अगर 800 मिलियन हिंदूओं के धार्मिक विश्वासों और मूल्यों के बारे में कम जानते हैं तो ये संबंध कैसे विकसित हो सकते हैं। तुलसी ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस में अमरीकी के रूप में मौजूदगी से अमरीका की भारत के बारे में और भारत की अमरीका के बारे में समझ बढ़ेगी। उन्होंने इंडियन-अमरीकन के समर्थन का स्वागत किया है।

ओबामा की जीत से भारत में बढ़ा डर

अमेरिकी अरबपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्‍ट्रपति चुनाव में बराक ओबामा की जीत को व्यापार जगत के लिए दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। ओबामा की जीत से नाखुश ट्रंप ने अमेरिकी चुनावी प्रक्रिया को लोकतंत्र के लिए आपदा करार दिया है। रियल एस्टेट किंग डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह चुनाव एक भौंडा दिखावा था, हम लोकतंत्र नहीं हैं।' एक अन्‍य ट्वीट में ट्रंप ने कहा, 'ज्यादा वोट का मतलब नुकसान है...क्रांति।' हफिंग्टन पोस्ट के मुताबिक इस ट्वीट के जरिए ट्रंप ने अमेरिका में क्रांति का आह्वान किया है।
ओबामा की जीत से भारत में बढ़ा डर 
भारत में भी ओबामा की जीत को लेकर आशंका है। यहां आईटी उद्योग जगत में डर है कि ओबामा के आने से नुकसान होगा। आईटी कंपनी आईगेट के सीईओ फनीश मूर्ति ने ओबामा की जीत को भारतीय आईटी आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री के लिए दुखद करार दिया है। अमेरिका में रजिस्टर्ड आईगेट कंपनी के अधिकतर दफ्तर भारत में ही हैं और यहीं उसके ज्यादातर कर्मचारी काम करते हैं। मूर्ति ने कहा, 'हमें यह समझना होगा कि 2013 तक चुनाव का कितना असर रहता है, उसके बाद ही हम इसके प्रभावों का सही से आंकलन कर पाएंगे।'

भारत की आउटसोर्सिंग कंपनियां अपनी कुल आय का आधे से अधिक अमेरिका से अर्जित करती हैं। विश्लेषक मानते हैं कि आउटसोर्सिंग के प्रति ओबामा का कठोर रुख बरकरार रहेगा।

उधर, अमेरिका में बराक ओबामा के दोबारा राष्‍ट्रपति चुने जाने के साथ ही कांग्रेस के लिए पहली हिंदू का भी चयन हुआ है। डेमोक्रैट तुलसी गब्‍बार्ड ने हवाई से अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी को भरी अंतर से हरा कर चुनाव जीता है।

ओबामा की लगातार दूसरी जीत को विश्‍व मीडिया में सकारात्‍मक कवरेज मिला है। बीबीसी हिंदी ने अपने ईरान संवाददाता के हवाले से लिखा है कि ओबामा की जीत से ईरान के लोग भी राहत की सांस ले रहे हैं। मिट रोमनी की जीत ईरान के लिए युद्ध हो सकती थी। विश्व मीडिया में जहां जीत के बाद ओबामा के परिवार की तस्वीरें प्रमुखता से प्रकाशित की गई हैं वहीं खबरें में मिली जुली प्रतिक्रिया है। आगे क्लिक कर देखें स्‍क्रीनशॉट्स।

मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाऊंगाः इमरान

गुड़गांव।। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और प्रधानमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे इमरान खान ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आए तो मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाएंगे। वर्ल्ड इकॉनमी फोरम मीट में भाग लेने आए तहरीक-ए- इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान अंग्रेजी अखबार 'मेल टुडे' को दिए इंरव्यू में भारत को भरोसा दिलाने की भरसक कोशिश की।Why Imran Khan is the way he is? 
इमरान ने भारत के साथ रिश्ते को मजबूती पर जोर देते हुए कहा, 'भारत को यह समझना होगा कि न्यायिक प्रक्रिया में वक्त लगता है, लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।' साथ ही उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह की आतंकी कार्रवाई के लिए नहीं होने देंगे। इमरान ने जोर देकर कहा कि वह भारत की प्रमुख चिंता आतंकवाद के खात्मे के लिए अगर जरूरी हुआ तो जिहाद छेड़ेंगे।

कश्मीर समस्या के समाधान के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए एक रोडमैप तैयार करना होगा ताकि भारत-पाकिस्तान व कश्मीर के लोग एक साथ आमने-सामने बैठकर इस समस्या का सर्वमान्य हल निकाल सकें। पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि भारत कश्मीर में सेना का इस्तेमाल करके कैंसर की जंग का इलाज डिस्पिरन से करने का प्रयास कर रहा है।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से उनके संबंधों के बारे में पूछे जान पर इमरान ने कहा, 'अगर कोई यह साबित कर दे कि मैंने आईएसआई से एक भी रुपया लिया है तो मैं हमेशा के लिए राजनीति छोड़ दूंगा।' अमेरिका के साथ अपने संबंध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया, 'मैं अमेरिका के खिलाफ नहीं हूं लेकिन साथ ही अमेरिका की कठपुतली भी नहीं बनना चाहता।' उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका को कहना चाहता हूं कि वह शांति बहाली का प्रयास करें। लेकिन उन्हें यह समझने की जरूरत है कि पाकिस्तान की कमान जरदारी जैसे किसी अमेरिकी कठपुतली के हाथों में होना पाकिस्तान के हित में कतई नहीं है।

कैदी ने आग लगा कर आत्महत्या करने की कोशिश

शेखुपरा।। बिहार की शेखपुरा जिला जेल में बंद विचाराधीन कैदी ने आग लगा कर आत्महत्या करने की कोशिश की। गंभीर हालत में कैदी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जेल अधीक्षक वीरेंद्र कुमार ने बुधवार को बताया कि दहेज हत्या के मामले में पिछले तीन महीने से जेल में बंद जामुन महतो ने मंगलवार रात करीब 12 बजे लालटेन से किरोसीन का तेल निकालकर खुद पर छिड़क लिया और आग लगा ली।

उन्होंने बताया कि महतो को करीब 75 प्रतिशत जली हुई अवस्था में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।कुमार के मुताबिक करंडे थाना क्षेत्र निवासी महतो जमानत न मिलने के कारण तनाव में रहता था। इसी मामले में उसकी पत्नी और पुत्री को जमानत मिल चुकी है जबकि उसका पुत्र अभी भी जेल में ही है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

बराक ओबामा ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव जीता

बराक ओबामा

बराक ओबामा ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव जीता  
बराक ओबामा
कड़े संघर्ष के बाद आखिरकार बराक ओबामा ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव जीत लिया है. उन्‍होंने अपने प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी को शिकस्‍त दे दी है.

देश-दुनिया की निगाहें इस वक्‍त सुपरपावर अमेरिका की ओर टिकी हुई हैं, जहां राष्‍ट्रपति चुनाव में बराक ओबामा व मिट रोमनी के बीच कांटे की टक्‍कर के बाद ओबामा ने जीत हासिल की.

इंडियाना में जीत गए मिट रोमनी
अमेरिका में बराक ओबामा और मिट रोमनी के बीच ह्वाइट हाउस की रेस लगी है, लेकिन यह रेस आसान नहीं है. 270 के जादुई आंकड़े के लिए जो जंग है, उसमें कई रोमांच अभी से दिखने लगे हैं. कभी ओबामा आगे निकल रहे हैं, तो कभी रोमनी बढ़त बना रहे हैं. अब तक के जो रुझान और नतीजे सामने आए हैं, उनके मुताबिक ओबामा के खाते में 143 इलेक्टोरल वोट और रोमनी के खाते में 153 इलेक्टोरल वोट आ चुके हैं. ओबामा के लिए बड़ा झटका यह है कि जिस इंडियाना पर ओबामा ने पिछली बार फतेह हासिल की थी, वहां रोमनी जीत गए हैं.

न्यू हैम्पशायर में नतीजा 'ऐतिहासिक' बराबरी पर
राष्ट्रपति चुनाव के लिए न्यू हैम्पशायर राज्य के डिक्सविले नॉच कस्बे में हुए मतदान में नतीजे बराबरी पर आ गए हैं. डेमोक्रेट उम्मीदवार बराक ओबामा और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी को बराबर वोट मिले हैं. न्यू हैम्पशायर राज्य के पूर्वोत्तर छोर पर स्थित डिक्सविले नॉच कस्बे में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मध्यरात्रि को मतदान हुआ, जिसमें ओबामा और रोमनी दोनों को यहां 5-5 वोट मिले हैं. यहां वर्ष 1960 से ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान के दिन मध्यरात्रि को वोट डलता आ रहा है.

डिक्सविले नॉच में सौ फीसदी मतदान
डिक्सविले नॉच में जबसे पहले मतदान की परम्परा शुरू हुई है, यहां 100 प्रतिशत मतदान होता आ रहा है. न्यू हैम्पशायर के मतदान कानून के अनुसार, यदि सभी पंजीकृत मतदाता आधिकारिक रूप से अपना वोट डाल देते हैं तो मतदान केंद्र बंद किया जा सकता है. यहां 10 पंजीकृत मतदाताओं के वोट डालने के कुछ बाद मध्यरात्रि को ही मतगणना हो गई.

कहीं ओबामा आगे, कहीं रोमनी
न्यू हैम्पशायर के एक अन्य छोटे शहर हैर्ट्स लोकेशन ने भी वर्ष 1940 के बाद मध्यरात्रि में मतदान की प्रक्रिया शुरू की. वहां ओबामा को 23 और रोमनी को नौ मत मिले.

दुनिया के हर देश में उत्‍सुकता
पूरी दुनिया में इस वक्त अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव ही सुर्खियों में है. अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के चुनाव के रुझान और नतीजे तेज़ी से आ रहे हैं. न्यूयॉर्क से लेकर नई दिल्ली तक, कैलिफोर्निया से लेकर काबुल तक, मिशिगन से लेकर मास्को तक, शायद ही दुनिया का ऐसा कोई मुल्क हो, जहां अमेरिका चुनाव के नतीजों का इंतजार ना हो रहा हो.

बेचैन और बेकरार हैं ओबामा
बात जब दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के, सबसे ताकतवर शख्स के चुनाव की हो, तो इस किस्म का इंतजार और ऐसी बैचेनी लाजिम भी है. लेकिन सबसे ज्यादा बेसब्री ओबामा और मिट रोमनी को है, जिनकी किस्मत दांव पर लगी है. दोबारा राष्ट्रपति बनने की आस लगाए ओबामा की बेचैनी उनके शब्दों में बयां होती है, 'मेरे दिल-ओ-दिमाग़ में तभी से खलबली मची हुई है, जब से मैंने दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया. बाक़ी सब कुछ जनता के फ़ैसले पर निर्भर करता है.'

ओबामा की इस बेताबी को समझा जा सकता है. उन्होंने जनता के बीच जाकर खूब पसीना बहाया है और अपने अधूरे कामों को पूरा करने के लिए अमेरिका की जनता से एक और कार्यकाल मांगा है.

रोमनी समझा रहे बदलाव की जरूरत
दूसरी ओर राष्ट्रपति की रेस में पहली बार किस्मत आजमाने उतरे रिपब्लिकन मिट रोमनी ने जनता को ये समझाने में जान लड़ा दी कि चार साल के बाद अब अमेरिका को बदलाव की ज़रूरत है.

ओबामा को दादी का आशीर्वाद
अब तक हुई वोटिंग से एक ही तस्वीर उभर कर सामने आ रही है कि मामला फिफ्टी-फिफ्टी का है और टक्कर कांटे की है. यह और बात है कि ओबामा को चाहने वालों को उन्हीं की जीत नज़र आ रही है. ऐसे लोगों में ओबामा की बूढ़ी दादी भी हैं. बराक ओबामा की दादी सारा ओबामा ने कहा, मेरा दिल कहता है कि वो जीत जाएगा. फिलहाल मैंने सबकुछ भगवान के ऊपर छोड़ दिया है.

कुछ अनुमान में तो यह भी कहा जा रहा है कि ओबामा और रोमनी को बराबर सीटें मिल सकती हैं और टाई हो सकता है. मतलब ओबामा और रोमनी को अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा. इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की तस्वीर साफ होने के बाद ही दुनिया को पता चलेगा कि अमेरिका के मुकद्दर का अगला सिंकदर कौन होगा.


 

राज्यपाल अल्वा ने देखा जूनागढ़



राज्यपाल अल्वा ने देखा जूनागढ़



बीकानेरत्न राज्यपाल मारग्रेट अल्वा मंगलवार को दिनभर व्यस्त रहीं। सुबह साढ़े नौ बजे से शाम सात बजे तक विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। सबसे पहले वे सुबह साढ़े नौ बजे वेटरनरी विवि पहुंची जहां 186 लाख रुपए से बनने वाले बॉयज हॉस्टल का शिलान्यास किया। यहां से वे स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय गईं। बाद में केन्द्रीय कारागार पहुंची और वहां बंदियों से मिली। यहां से वे जूनागढ़ पहुंचीं जहां विभिन्न महलों का अवलोकन किया। दोपहर में लालगढ़ पैलेस पहुंची और वहां एक भोज में शामिल हुई। शाम सवा पांच बजे उन्होंने एक कॉलेज में आयोजित एक समारोह में हिस्सा लिया। राज्यपाल की रवानगी की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। माना जा रहा है कि वे सात नवंबर को गजनेर पैलेस का भ्रमण करेंगी हालांकि अभी तक इस संबंध में अधिकृत कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है।

750 करोड़ के लिए पटौदी फैमिली में जंग

750 करोड़ के लिए पटौदी फैमिली में जंग

नई दिल्ली। पटौदी के नए नवाब सैफ अली खान के नाम 750 करोड़ रूपए की पूर्वजों की प्रोपर्टी है। पटौदी महल और परिवार की अन्य प्रोपर्टी की कीमत 750 करोड़ आंकी गई है।

सूत्रों के मुताबिक दिवंगत मंसूर अली खान ज्यादातर शेयर अपने बेटे सैफ के नाम कर गए हैं। वसीयत में बेटी सोहा और सबा का भी नाम है। दोनों को भी लाभ मिलेगा। हालांकि इस प्रपोर्टी को लेकर पटौदी परिवार में झगड़ा भी शुरू हो गया है।

साल 2003 में पटौती की दो बहनों सलीहा और सबीहा ने प्रोपर्टी में अपना हिस्सा मांगा था। यह मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। सूत्रों के मुताबिक सैफ की करानी से शादी के बाद पहला पटौदी परिवार मिल बैठकर विवाद को सुलझाने की कोशिश में लगा है। शर्मिला टैगोर अपने पति मंसूर अली खान पटौदी को रिप्रजेंट करेगी।

शर्मिला टैगोर जल्द से जल्द विवाद को सुलझाना चाहती है। उधर सैफ का कहना है कि प्रोपर्टी की जीतन कीमत आंकी गई है,उतनी नहीं है। वह नहीं जानते कि असल में प्रोपर्टी की कीमत कितनी है लेकिन इतना जरूर पता है कि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है।

सेना में अंदरूनी घुसपैठ की फिराक में आईएसआई

नौशाद के खुलासे के बाद सेना के शीर्ष अधिकारी सकते में
जोधपुर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय थलसेना में सेंध लगाने की फिराक में है। इसके लिए पढ़े-लिखे युवकों को अपने जाल में फांस कर भारतीय थलसेना में भर्ती होने के लिए तैयार कर रही हैं, जिससे उसे सेना के अंदर की सटीक सूचनाएं मिल सके। हाल में जोधपुर से पकड़े गए नौशाद अली ने गुजरात क्राइम ब्रांच की हिरासत में सेना से जुड़ी शीर्ष खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में यह रहस्योद्घाटन किया है। वह कराची जाने के बाद ही आईएसआई का एजेंट बना था और वहीं उसे थलसेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया गया था। इसके बाद ही उसने जोधपुर में साइबर कैफे खोला था। उसने यह भी खुलासा किया है कि आईएसआई ने ऐसे और भी एजेंटों को सेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया है। आईएसआई के इस नए पैंतरे के बाद सेना का शीर्ष नेतृत्व सकते में है।

थलसेना में भर्ती होना चाहता था नौशाद : नौशाद ने भारतीय थल सेना में भर्ती होने का प्रयास किया था। आईएसआई ने उसे सेना में भर्ती होकर अंदरूनी सूचनाएं पहुंचाने का जिम्मा सौंपा था। इसके लिए गत वर्ष वह रातानाडा स्थित सेना भर्ती कार्यालय भी गया था और भर्ती रैली की जानकारी ली थी। सेना में भर्ती होने के लिए वह दौड़ व अन्य तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने प्रशिक्षण भी लिया था। गुजरात में पकड़े गए मोहम्मद अयूब, इदरीश और सिराजुद्दीन आदि के मुकाबले नौशाद ज्यादा शिक्षित है। उसके स्नातक होने के कारण कराची में स्थित आईएसआई के अफसर ताहिर खान ने ही उसे थलसेना में भर्ती होने को कहा था।

पार्टी ने दी क्लीन चिट,बच गई कुर्सी

पार्टी ने दी क्लीन चिट,बच गई कुर्सी

नई दिल्ली। वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के मद्देनजर पार्टी के भीतर से सतह पर उठ रही आवाजों को नजरअंदाज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि वह अपने अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ खड़ी है और उसे उनपर पूरा भरोसा है। पार्टी ने साथ ही अपने नेताओं को हिदायत दी कि वे इस मसले पर सार्वजनिक चर्चा ना करें। पार्टी ने गडकरी पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने न तो कानूनी तौर पर और न ही नैतिक आधार पर कुछ गलत किया है।

गडकरी पर लगे आरोपों और जाने-माने अधिवक्ता राम जेठमलानी की ओर से उठाए गए मुद्दों पर भाजपा नेताओं की दिन भर चली आपसी मुलाकातों के दौर के बाद शाम को मुख्यालय में पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक बैठक हुई। पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी इस बैठक से दूर रहे।

बैठक के बाद प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। इसके मुताबिक पूर्ति समूह की जिन 18 कम्पनियों को लेकर गडकरी पर सवाल उठाए गए हैं, उनमें गडकरी ने कानूनी या नैतिक रूप से कुछ भी गलत नहीं किया है। पार्टी को गडकरी पर पूरा भरोसा है। उन्होंने खुद आगे आकर जांच की बात कही है।

पार्टी गडकरी के तर्कों से सहमत

भाजपा नेताओं की इस बैठक में एस. गुरूमूर्ति विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक के दौरान उन्होंने गडकरी पर लगे आरोपों से सभी भाजपा नेताओं को अवगत कराया। प्रसाद ने कहा कि गुरूमूर्ति एक जाने माने चार्टर्ड अकाउंटेट और वित्तीय विश्लेषक हैं। वह गडकरी पर लगे आरोपों को कानूनी रूप से देख रहे हैं। गडकरी की अनुपस्थिति में उन्होंने पूरे मामले से भाजपा नेताओं को अवगत कराया। पार्टी उनके तर्को से सहमत हुई। प्रसाद के मुताबिक गुरूमूर्ति इस बारे में सुबह ही वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को अवगत करा चुके थे इसलिए वह शाम की बैठक में उपस्थिति नहीं हुए जबकि मामला गडकरी से जुड़ा था, इसलिए वह जानबूझकर इस बैठक से दूर रहे।

उड़ती रही इस्तीफे की खबरें

इससे पहले दिन भर इस प्रकार की खबरें उड़ती रही कि गडकरी किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकते हैं। इन खबरों को जाने-माने अधिवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी के बगावती तेवरों ने बल दिया जिसमें उन्होंने सीधे गडकरी के इस्तीफे की मांग की थी। गडकरी के खिलाफ खुले तौर पर बगावत का झंडा बुलंद करते हुए जेठमलानी ने दावा किया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और शत्रुघ्न सिन्हा भी उनके साथ हैं। जेठमलानी के मुताबिक ये सभी चाहते हैं कि गडकरी अपना पद छोड़ दें।

जेठमलानी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि वे भी वैसा ही कदम उठाएंगे। हम एकमत हैं और मुझे इसमें कोई संशय नहीं है। उन्होंने अपने विचार सार्वजनिक नहीं किए हैं, मैं उम्मीद करता हूं कि वे जल्द ही अपने विचार प्रकट करेंगे। जेठमलानी ने इस सिलसिले में आडवाणी को पत्र भी लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा है कि गडकरी का अध्यक्ष पद पर बने रहना भाजपा और देश के लिए एक त्रासदी है।

जेठमलानी ने अपने पत्र में कहा कि गडकरी को तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहा जाना चाहिए और यदि पार्टी संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने तक इंतजार करती है तो यह देश के साथ विश्वासघात होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को संदेह होने लगा है कि भाजपा के प्रमुख नेता भ्रष्ट सत्ताधारियों से मिले हुए हैं।

जानेमाने अधिवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि इसके अलावा, लोकसेवकों के इस्तीफे का दर्शन सरकारी कर्मचारियों के जीवन से मेल खाता है। यदि किसी लोकसेवक के खिलाफ कोई जांच चल रही होती है तो आमतौर पर उसे निलंबित कर दिया जाता है और दोषमुक्त हो जाने पर इज्जत के साथ उसे बुला लिया जाता है, गडकरी के साथ ठीक ऎसा ही होना चाहिए।

दिनभर मेल मुलाकात का दौर

इसके कुछ घंटों बाद ही भाजपा में बैठकों और मिलने जुलने का दौर शुरू हो गया। गडकरी ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली से अलग-अलग मुलाकात की। उधर कुछ नेताओं ने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मुलाकात की। इस बीच, गुरूमूर्ति यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह से भी मिले। गुरूमर्ति ने आडवाणी से उनके आवास पर भी मुलाकात की।

इन मेल-मुलाकातों के बीच, सुषमा स्वराज ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर लिखा, "इस तरह की मीडिया रिपोर्ट बिल्कुल गलत है कि मैं नितिन गडकरी का समर्थन नहीं कर रही हूं। मैंने हमेशा उनका समर्थन किया है और मैं एक बार फिर उनके प्रति अपना समर्थन जाहिर करती हूं।"

विवेकानंद पर टिप्पणी,मांगी माफी

गडकरी की एक कम्पनी पर हाल ही में वित्तीय गड़बड़झाला का आरोप लगा है। उनके खिलाफ जांच चल ही रही है, इस बीच रविवार को बुद्धिमत्ता के स्तर पर स्वामी विवेकानंद और भगोड़ा अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तुलना कर वह एक नए विवाद में फंस गए। विवेकानंद पर की गई टिप्पणी पर खेद जताते हुए गडकरी ने एक बयान में कहा, "मैं दोहराना चाहता हूं कि मैंने कभी भी स्वामी विवेकानंद की तुलना किसी से नहीं की। स्वामी विवेकानंद को उनकी छवि से किसी भी रूप में कमतर दिखाने का मेरा कोई इरादा नहीं था। यदि स्वामी विवेकानंद के सम्बंध में मेरे शब्दों से किसी भी रूप में लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं।"

मनाने के बाद भी नहीं आए आडवाणी

माना जा रहा है कि आडवाणी गडकरी को अध्यक्ष पद पर दूसरी पारी देने के इच्छुक नहीं थे। उन्हें भनक लग गई थी कि बैठक में गडकरी के समर्थन में प्रस्ताव आएगा। इसलिए वे बैठक में नहीं गए। सुषमा से लेकर गुरूमूर्ति तक उन्हें मनाने गए। करीबियों की मानें तो आडवाणी भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति मानते हैं।

कुएं में गिरने से वृद्धा सहित दो की मौत

कुएं में गिरने से वृद्धा सहित दो की मौत 

जालोर तखतगढ़। थाना क्षेत्र के बसंत गांव में मंगलवार शाम विद्युत मोटर उतारते समय कुएं में गिरने से वृद्धा की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि चैन पुल्ली से विद्युत मोटर बाहर निकालते समय बसंत निवासी सायरकंवर रस्सी में उलझकर कुएं में गिर गई। डूबने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने देर शाम शव निकालकर तखतगढ़ स्वास्थ्य केन्द्र की मोर्चरी में रखवाया। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। 

इसी तरह रायपुर मारवाड़। थाना क्षेत्र के आसन जिलेलाव गांव में मंगलवार को कुएं में डूबने से एक युवती की मौत हो गई। पुलिस ने करीब सात घंटे की मशक्कत के बाद शव कुएं से बाहर निकाला। थानाधिकारी यशवन्त सिंह यादव ने बताया कि आसन जिलेलाव निवासी अणदू रावल की पुत्री उसके साथ कृषि कुएं पर कार्य कर रही थी।

इस दौरान पैर फिसलने से वह कुएं में गिर गई। पानी ज्यादा होने के चलते डूबने से उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस पर दोपहर में कुएं पर मोटर लगाकर कुआं खाली किया गया उसके बाद शव बाहर निकाला जा सका।

महिला थाना प्रभारी व उनकी पुत्री को डेंगू

महिला थाना प्रभारी व उनकी पुत्री को डेंगू


जालोर जिला मुख्यालय पर डेंगू के दो और रोगियों की पुष्टि हुई है। जानकारी के अनुसार महिला थाना प्रभारी अनिता रानी व उनकी तीन वर्षीय बेटी में जांच के दौरान डेंगू की पुष्टि हुई। जिसके बाद उनका डॉ. हेमंत जैन की देखरेख में उपचार चल रहा है।

जिला मुख्यालय पर डेंगू का यह तीसरा रोगी मिला है। इससे पहले शहर की रामदेव कॉलोनी में डेंगू का रोगी मिला था। वहीं जिले में अब तक डेंगू के रोगियों का आंकड़ा 33 के पार पहुंच गया है। गौरतलब है कि जिला अस्पताल से कुछ ही दूरी पर एसडीएम के निवास के पास ही सरकारी क्वार्टर बने हुए हैं, जहां महिला थाना प्रभारी का निवास है। डेंगू की पुष्टि के बाद विभागीय टीम मौके पर पहुंची और मरीज के परिजनों समेत आस पास रहने वालों की ब्लड स्लाइड्स ली गई। साथ ही स्प्रे और नालों में छिड़काव किया गया।

भीनमालत्न शहर के एक निजी अस्पताल में एक ही परिवार के दो सदस्य डेंगू से ग्रसित पाए गए हैं। जानकारी के अनुसार धोराढ़ाल निवासी शैतानसिंह (14) व गजेंद्रसिंह (19) पुत्र भवसिंह राजपूत को बुखार आने पर एक निजी अस्पताल में रक्त की जांच करवाने पर डेंगू पॉजिटिव होना पाया गया। जिन्हें उच्च इलाज के लिए रेफर किया गया।

सायलात्न शहर में में डेंगू का एक मामला सामने आया है। मरीज को डेंगू की पुष्टि होने के बाद चिकित्सक ने उसे इलाज के लिए आगे रेफर कर दिया। जानकारी के अनुसार सायला निवासी बारह वर्षीय नीतेश कुमार पुत्र वागमल पुरोहित को पिछले दो तीन दिनों से बुखार आ रहा था। जिस पर परिजन मंगलवार को उसे यहां के सूरज अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए। इधर, डेंगू होने के संदेह पर जांच की गई तो बालक को डेंगू होने की पुष्टि हुई। इस पर चिकित्सक ने उसे आगे रेफर कर दिया।

चलते ऑटो से बीच सड़क गिरा स्कूली बच्चा,



चलते ऑटो से बीच सड़क गिरा स्कूली बच्चा, 

ड्राइवर को पता ही नहीं चला

शहर के एक प्राइवेट स्कूल में अध्ययनरत 6 वर्षीय छात्र ऑटो रिक्शा से गिरने के कारण हुआ घायल, काफी दूर तक जाने के बाद लोगों ने रुकवाया चालक को, ओवरलोड था ऑटो, ड्राइवर को सुनाई खरी खोटी

जालोर शहर के कलेक्ट्रेट के सामने मुख्य मार्ग पर मंगलवार को एक स्कूली बच्चा चलते ऑटो रिक्शा से बीच सड़क पर गिर गया। जिससे उसके पैर और सिर पर चोटें आई हैं। हालांकि प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया। ऑटो रिक्शा से गिरे इस स्कूली बच्चे के बारे में वाहनचालक को पता तक नहीं चला। ऐसे में मार्ग से गुजर रहे कुछ लोगों ने बच्चे को उठाया और काफी दूर तक जाने के बाद ऑटो रिक्शा चालक को रुकवाकर उसे खूब खरी खोटी सुनाई। जानकारी के अनुसार शहर के गांधी चौक निवासी मानस (6) पुत्र हेमंत श्रीमाली सेंट पॉल स्कूल की तीसरी कक्षा में पढ़ता है। स्कूल से छुट्टी के बाद ऑटो रिक्शा में घर आ रहा था। इस दौरान कलेक्ट्रेट के सामने वह ऑटो से गिर गया, जिसे लोगों ने राजकीय अस्पताल पहुंचाया। वहीं ऑटो चालक को लोगों ने कुछ ही दूरी पर रुकवाकर लताड़ लगाई।


स्कूल संचालकों के पास नहीं है बसें

देखा जाए तो जिला मुख्यालय ही नहीं, बल्कि जिले भर में संचालित होने वाली कई प्राइवेट स्कूलों में बालवाहिनी या बच्चों के सुरक्षित परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में स्कूल में पढऩे वाले सैकड़ों बच्चे रोजाना ऑटो रिक्शा में असुरक्षित रूप से स्कूल से घर और घर से स्कूल जाते हैं। गौरतलब है कि स्कूली बच्चों के सुरक्षित परिवहन को लेकर परिवहन विभाग की ओर से बाल वाहिनी योजना शुरू की गई थी, लेकिन इस योजना को शुरू हुए पांच साल बीतने के बावजूद स्कूल संचालकों के पास बालवाहिनी की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं इस संबंध में परिवहन कार्यालय में अब तक जिले भर के साठ से सत्तर प्राइवेट स्कूलों में बालवाहिनी का पंजीकरण हो रखा है।

आप भी बरतें सावधानी

हालांकि यह हादसा यहीं तक टल गया, लेकिन इससे सभी को सबक मिलता है कि बच्चों को टैक्सी के जरिए स्कूल भेजते समय सावधानी जरूर बरती जाए। आपने यदि किसी ऑटो टैक्सी को हायर किया है तो यह ध्यान अवश्य रखें कि कहीं टैक्सी चालक नियमों को तोड़कर टैक्सी में अधिक बच्चे तो नहीं बैठा रहा है। साथ ही वह बच्चों को किस प्रकार से बैठाता है। इसका भी ध्यान रखें। अधिकांश टैक्सी वाले वाहन के चारों ओर बस्ते लटका देते हैं और ड्राइवर सीट से लेकर पीछे तक छोटे से टैंपो में 10 से 15 बच्चे बैठा लेते हैं जो गलत है। यदि आपका बच्चा भी ऐसी ही स्थिति में स्कूल आता जाता है तो सावधानी बरतें। टैक्सी चालक को मना करें कि वह आवश्यकता से अधिक बच्चों को ना बैठाएं।

अभिभावकों में नहीं है जागरूकता

देखा जाए तो शहर की विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को अभिभावक खुद ऑटो रिक्शा में ही स्कूल भेजते हैं। उनकी ओर से यह भी तय नहीं किया जाता है कि ऑटो रिक्शा चालक और वाहन की स्थिति क्या है और सुरक्षित परिवहन को लेकर वह वाहन सही है भी या नहीं। ऐसे में खुद अभिभावक अगर बालवाहिनी में बच्चों को स्कूल में भेजें तो इस प्रकार के हादसों पर अंकुश लग सकता है।

बच्चे को चोट आने पर ले गए सरकारी अस्पताल, उपचार के बाद दी छुट्टी

निजी स्कूलों में लगे ऑटो चालक बरत रहे लापरवाही, जोखिम में डाल रहे स्कूली बच्चों की जान

पांच साल पहले जारी हुए थे बाल वाहिनी चलाने के आदेश, अभी भी जिले भर की कई प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे जाते हैं ऑटो रिक्शा में

परिवहन विभाग ने कहा सभी स्कूलों के संचालकों को जारी किया था पत्र, इसके बावजूद बालवाहिनी के बजाय ऑटो रिक्शा का हो रहा संचालन
पुलिस और परिवहन विभाग है जिम्मेदार

सरकार की ओर से 21 जुलाई 1998 को बालवाहिनी योजना लागू की गई थी। जिसके तहत बच्चों के सुरक्षित परिवहन को लेकर संचालक को अनुबंधित बस, मिनी बस, टैक्सी, मैक्सी व ऑटो रिक्शा वाहनों की सूची, उनके पंजीयन नंबर, विद्यालय का पूरा नाम पता व चालक का विवरण जिसमें चालक का लाइसेंस पांच वर्ष पुराना होना चाहिए की सूचना परिवहन अधिकारी के समक्ष पेश करने का नियम था। ऐसा नहीं करने पर दुर्घटना के दौरान विद्यालय प्रशासन को इसका जिम्मेदार ठहराया जाएगा। साथ ही परिवहन और पुलिस विभाग की ओर से वाहन जब्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

सख्ती से की जाएगी कार्रवाई

॥इस प्रकार की घटना होना वाकई में चिंताजनक है। यह गंभीर मामला है। भविष्य में ऐसी घटनाएं वापस न हो इसके पूरे प्रयास किए जाएंगे, लेकिन इसके साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में भी जागरूकता जरूरी है। उन्हें चाहिए कि वे थोड़े से पैसों के लालच में इस प्रकार के ऑटो रिक्शा हायर न करें जो जरूरत से ज्यादा बच्चों को बिठाते हों। घटना की रोकथाम के लिए हम ऑटो रिक्शा चालकों से भी बातचीत करेंगे। दीपक कुमार, एसपी एवं अध्यक्ष बाल वाहिनी समिति

ऐसी होनी चाहिए बाल वाहिनी

विद्यालयों में संचालित बाल वाहिनी का रंग पीला होना चाहिए और इस पर आसमानी रंग की पट्टी होनी भी जरूरी है। साथ ही वाहन पर बालवाहिनी भी लिखना होगा। इस गाड़ी के शीशों और खिड़कियों पर ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे कोई छात्र वाहन से अपना शरीर का कोई अंग बाहर न निकाल पाए। इस वाहन में स्पीड गवर्नर मशीन भी लगी होनी चाहिए, जिससे इसकी स्पीड कंट्रोल हो सके, जिससे निर्धारित गति से ही यह वाहन चल पाए।

मंगलवार, 6 नवंबर 2012

कार्यकर्ताओं से मिले मानवेन्‍द्र


कार्यकर्ताओं से मिले मानवेन्‍द्र

बाड़मेर। पूर्व सांसद मानवेन्‍द्र सिंह ने मंगलवार को स्‍थानीय सर्किट हाउस में जिले भर से भाजपा के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। मानवेन्‍द्र से मुलाकात करने वालो में शिव के पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत, एडवोकेट रूपसिंह राठौड़, चौहटन से भाजपा नेता तरूणराय कागा, भाजपा नेता मूलाराम, ब्रदी शारदा सहित दर्जनों लोग शामिल थे।

कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान पूर्व सांसद ने जिले में पार्टी की मौजुदा स्थिति के बारे में फीडबैक लेने के साथ कार्यकर्ताओं को आगामी चुनावों के मदेनजर अभी से तैयार रहने की बात कही। मानवेन्‍द्र ने कहा कि राज्‍य में कांग्रेस की मौजुदा सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में पूरी तरह से विफल रही है। उन्‍होनें कहा कि राज्‍य में पार्टी के पक्ष में पूरा माहौल बना हुआ है और लोग भाजपा से उम्‍मीद लगाए बैठै है। पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार की विफलताओं को जनता के बीच ले जाएं।

इस मौके पर उपस्थिति कार्यकर्ताओं ने भी पूर्व सांसद के सुझावों पर सहमति व्‍यक्‍त करते हुए क्षेत्र में पार्टी को और अधिक मजबूत करने में पूरजोर सहयोग करने की बात कही।

सौदे से पहले पकड़े गए हथियारों के सौदागर


सौदे से पहले पकड़े गए हथियारों के सौदागर





भीलवाड़ा। हथियार बेचने मध्यप्रदेश से आए दो युवकों को स्थानीय एक युवक सहित भीमगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनसे दो पिस्टल व आठ जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। तीनों आरोपी सौदे से पहले हथियारों की परख करते समय पुलिस के हत्थे चढ़ गए।


एसपी डॉ. नितिनदीप बल्लगन ने बताया कि भीमगंज थाना प्रभारी नेमीचंद चौधरी सोमवार शाम तिलकनगर आउटर में गश्त कर रहे थे। सिद्धि विनायक अस्पताल के पीछे सुनसान जगह पर मौजूद तीन युवक पुलिस को देख झाडिय़ों में छिपने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने तीनों को पकड़ा और पूछताछ की। युवकों ने खुद को मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के गांव दोरार निवासी सुगर सिंह उर्फ अमन पाल पुत्र गोपीराम, राममोहन पाल पुत्र सवाईलाल पाल तथा भीलवाड़ा के भवानी नगर निवासी हरीश पुत्र छगन भरावा बताया। संदेह के आधार पर पुलिस ने इनकी तलाशी ली।


सुगर सिंह व राम मोहन के पास एक-एक पिस्टल व तीन-तीन कारतूस, जबकि हरीश के पास दो जिंदा कारतूस मिले। पुलिस ने हथियार बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। ग्वालियर के युवकों ने पुलिस को बताया कि वे हरीश के मार्फत हथियार बेचने के लिए यहां आए थे। हरीश भीमगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ पहले भी हथियारों की खरीद-फरोख्त व वाहन चोरी के मामले दर्ज हैं। उल्लेखनीय है कि भीमगंज पुलिस ने ही 16 जुलाई को पांच लोगों को गिरफ्तार कर चार हथियार बरामद किए थे।
लोडेड थी पिस्टल: भीमगंज थाना प्रभारी का कहना है कि पुलिस ने जब पिस्टल बरामद कर चेक की तो इनमें तीन-तीन कारतूस लोड थे। ये, दोनों फायर कर हरीश को हथियारों की परख कराने की फिराक में थे तभी पुलिस वहां पहुंच गई।

उदयपुर जेल में हुई पहचान: हरीश वाहन चोरी के मामले में करीब एक-डेढ़ साल पहले उदयपुर जेल में बंद था। इस दौरान मध्यप्रदेश के भी कुछ युवक जेल में थे। इन युवकों से मिलने के लिए सुगर सिंह व राम मोहन वहां आते थे। जेल में बंद युवकों के मार्फत इन दोनों से हरीश की पहचान हो गई। इनके बीच धंधे की बात भी हुई। हरीश ने इनसे बेचने के लिए हथियार मंगवाए थे।

25-25 हजार में बेचनी थी पिस्टल: आरोपियों ने पूछताछ में कबूला कि उन्होंने ये दोनों पिस्टल मध्यप्रदेश में विजय सिंह नाम के एक व्यक्ति से 15-15 हजार रुपए में खरीदी थी। वे ये दोनों पिस्टल 25-25 हजार रुपए में यहां बेचने वाले थे। सौदे के बाद मिलने वाली राशि में से हरीश को कमीशन देना था।

जैसलमेर थानाधिकारी फलसुण्ड तीन जने निलम्बित

थानाधिकारी फलसुण्ड तीन जने निलम्बित

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस अधीक्षक ममता राहुल ने फलसुंड थानाधिकारी सहित तीन जनों को आज निलंबित कर दिया ,निलंबन के दौरान तीनो का मुख्यालय पुलिस लाइन जैसलमेर किया गया हें ,पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल को सुचना मिली की 420 भादस के मामले में एक व्यक्ति को पुलिस थाना फलसुण्ड में पुछताछ हेतु लाये जाने की सुचना पर पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल के निर्देशानुसार वृताधिकारी वृत पोकरण कल्याणमल बंजारा द्वारा पुलिस थाना फलसुण्ड को अचानक चैक करने पर सुचना की पुष्टी होने पर थानाधिकारी पुलिस थाना फलसुण्ड कमलिंकशोर उनि, हैड कानि0 बांकसिंह एवं कानि0 वीरसिंह को तुरंत प्रभाव से निलम्बित कर तीनो का मुख्यालय पुलिस लाईन जैसलमेर रखा गया।