जोधपुर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय थलसेना में सेंध लगाने की फिराक में है। इसके लिए पढ़े-लिखे युवकों को अपने जाल में फांस कर भारतीय थलसेना में भर्ती होने के लिए तैयार कर रही हैं, जिससे उसे सेना के अंदर की सटीक सूचनाएं मिल सके। हाल में जोधपुर से पकड़े गए नौशाद अली ने गुजरात क्राइम ब्रांच की हिरासत में सेना से जुड़ी शीर्ष खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में यह रहस्योद्घाटन किया है। वह कराची जाने के बाद ही आईएसआई का एजेंट बना था और वहीं उसे थलसेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया गया था। इसके बाद ही उसने जोधपुर में साइबर कैफे खोला था। उसने यह भी खुलासा किया है कि आईएसआई ने ऐसे और भी एजेंटों को सेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया है। आईएसआई के इस नए पैंतरे के बाद सेना का शीर्ष नेतृत्व सकते में है।
थलसेना में भर्ती होना चाहता था नौशाद : नौशाद ने भारतीय थल सेना में भर्ती होने का प्रयास किया था। आईएसआई ने उसे सेना में भर्ती होकर अंदरूनी सूचनाएं पहुंचाने का जिम्मा सौंपा था। इसके लिए गत वर्ष वह रातानाडा स्थित सेना भर्ती कार्यालय भी गया था और भर्ती रैली की जानकारी ली थी। सेना में भर्ती होने के लिए वह दौड़ व अन्य तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने प्रशिक्षण भी लिया था। गुजरात में पकड़े गए मोहम्मद अयूब, इदरीश और सिराजुद्दीन आदि के मुकाबले नौशाद ज्यादा शिक्षित है। उसके स्नातक होने के कारण कराची में स्थित आईएसआई के अफसर ताहिर खान ने ही उसे थलसेना में भर्ती होने को कहा था।
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