सोमवार, 5 नवंबर 2012

नौशाद ने पाक के सेना कार्यालय में ली थी ट्रेनिंग

नौशाद ने पाक के सेना कार्यालय में ली थी ट्रेनिंग

  सुरक्षा की दृष्टि से देश के संवेदनशील क्षेत्रों में शुमार जोधपुर व आस-पास के इलाकों से गुप्त सूचनाएं पाक भेजने वाला नौशाद तीन वर्ष से सेना व सीसुब की महत्वपूर्ण सूचनाएं ई-मेल तथा फेस बुक के जरिए दुश्मनों से साझा करता रहा।

गुजरात की क्राइम ब्रांच की पूछताछ में आरोपित नौशाद ने कई सूचनाएं पाक भेजने का खुलासा किया है। सिराजुद्दीन की ही तरह नौशाद को भी कराची के पाकिस्तान सेना कार्यालय में जासूसी के लिए प्रशिक्षण दिया गया। सेना के चिन्ह, झंडे, अधिकारियों के रैंक पहचानने और उन्हें गुप्त भाषा में संदेश पाकिस्तान भेजने की ट्रेनिंग दी गई। वर्ष 2009 से अब तक वह जोधपुर आर्मी कैंटोनमेंट व आस-पास सेना की तैनातगी से जुड़ी कई सूचनाएं पाकिस्तान भेज चुका है।

क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त ए.के. शर्मा ने बताया कि जासूसी के मामले में गिरफ्तार सिराजुद्दीन ने पूछताछ में बताया था कि राजस्थान की सीमा से जुड़ी सेना व सीसुब की जानकारी जोधपुर को अली नामक युवक पाक में कैप्टन ताहिर को भेजता है। इस आधार पर गत गुरूवार रात यहां पाल लिंक रोड स्थित कम्प्यूटर सेंटर से नौशाद अली पुत्र मकसूद अली को हिरासत में लिया गया। शुक्रवार को उसे गिरफ्तार किया गया। वह अभी बारह नवम्बर तक रिमाण्ड पर है।
74 हजार में बन गया जासूस

बी.कॉम तक पढ़ाई करने वाला नौशाद बच्चों को टयूशन कराने के साथ-साथ कम्प्यूटर सेंटर भी चलाता था। 21 नवम्बर 2009 को अपनी छोटी बहन से मिलने पाक जाने के दौरान आईएसआई के कैप्टन व हैण्डलर ताहिर ने उससे सम्पर्क किया और बहन की सलामती के नाम पर भारत की गुप्त सैन्य सूचनाएं भेजने के लिए जासूस बना लिया। उसके बैंक खाते में 74 हजार रूपए भी जमा हुए। जो वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफार्मर के जरिए पाकिस्तान से आए थे।

फेस बुक से भी जासूसी
शर्मा ने बताया कि नौशाद ई-मेल में ड्राफ्ट बॉक्स में सूचनाएं सेव करके तो संदेश भेजता ही था, साथ ही सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के जरिए भी आईएसआई के ताहिर से फेस-टु-फेस होता। दोनों ने फर्जी नाम और पते से फेसबुक एकाउन्ट बनाया हुआ है। फेसबुक से जासूसी का पहला मामला प्रकाश में आया है। आरोपित के जब्त लैपटॉप से कई सबूत मिलने की संभावना है।

ताहिर और तैमूर हैं अलग-अलग
सूत्रों के अनुसार नौशाद से यह स्पष्ट हुआ है कि आईएसआई हेन्डलर ताहिर और तैमूर दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं, ना कि एक। नौशाद ने दोनों को एकसाथ देखा है।

आर्मी के लिए मामू, सीसुब के लिए ऊंट वाले मामू
नौशाद अपने संदेशों में आर्मी के लिए मामू और बीएसएफ के लिए ऊंट वाले मामू जैसे गुप्त शब्दों का उपयोग करता था।

"कुमार 1786" एकाउंट से दी सूचना
क्राइम ब्रांच की अब तक की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नौशाद अली  से सूचनाएं आदान-प्रदान करता था। जो पाकिस्तान स्थित ताहिर और तैमूर नामक आईएसआई हेन्डलरों को ई-मेल पर डॉफ्ट में सूचनाएं सेव कर जानकारी देता था।

मिलिट्री व बीएसएफ बेस कैंप तक घुसपैठ!
क्राइम ब्रांच को आशंका है कि नौशाद ने जोधपुर स्थित मिलिट्री और बीएसएफ के बेस कैंप में जाकर सूचनाएं जुटाई हैं। वह कैसे वहां तक पहुंचा तथा इसके अलावा वह किस प्रकार जानकारियां जुटाता था, इस संबंध में उससे पूछताछ की जा रही है। इसके संपर्क सूत्र कौन हैं इसकी जांच करनी है। नौशाद ने सांकेतिक भाषा में गुप्त सूचनाएं पाक भेजी है। रिमाण्ड के दौरान उससे सांकेतिक भाषा को डिकोड कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

अगवा कर फिरौती मांगने का मामला दर्ज

अगवा कर फिरौती मांगने का मामला दर्ज 

सायला। सायला निवासी दो युवकों ने चाकू की नोंक पर उनका अपहरण करने और फिरौती मांगने का मामला पुलिस थाने में दर्ज करवाया है। युवकों का कहना है कि वे रंग रोगन की मजदूरी मांगने गए थे, लेकिन आरोपियों ने उन्हें अपहरण कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया और दो लाख रूपए फिरौती मांगी। हैड कांस्टेबल जयकिशन विश्नोई ने बताया कि सायला निवासी ईश्वरलाल पुत्र कानाराम मेघवाल ने रिपोर्ट दी कि उसका पुत्र मुकेश तथा उसका दोस्त अमृत पुत्र भोलाराम मेघवाल 30 अक्टूबर को मजदूरी के बकाया रूपए लेने के लिए हरमू निवासी खीमाराम चौधरी के वहां गए थे। वहां खीमाराम के भानजा सांगणा निवासी सांवलाराम चौधरी ने उन्हें रूपए लेने के लिए आलवाड़ा आने की बात कहीं।

जिस पर वे आलवाड़ा पहुंचे। वहां पहुंचने पर हरचंद पुत्र रायमल चौधरी निवासी सांगाणा व सांवलाराम ने दोनो को चाकू दिखाकर लग्जरी जीप में बिठा दिया। इसके बाद आरोपी दोनों युवकों को बाड़मेर जिले के नागड़दा (शिव) गांव में भेड़ाना निवासी किसना उर्फ केसा पुत्र मादाराम चौधरी के कृषि कुएं पर ले गए। जहां उन्होंने युवकों के साथ मारपीट कर नगदी व मोबाइल ले लिया। इसके बाद किसना ने युवकों के परिजनों को फोन कर दो लाख रूपए की फिरौती की मांग की। वहां मौका पाकर दोनों युवक बाड़मेर कोतवाली पहुंच गए। जहां से सायला थाना पुलिस शनिवार रात दोनों युवकों को लेकर आई।

जांच शुरू की है
परिजनों की रिपोर्ट पर हमने अपहरण, मारपीट, फिरौती व जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है।
पृथ्वीराज मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जालोर

चुनाव की तैयारियों में जुटें कार्यकर्ता : मानवेंद्र


चुनाव की तैयारियों में जुटें कार्यकर्ता : मानवेंद्र
चौहटन  'कार्यकर्ता कांग्रेसनीत केंद्र व राज्य सरकार की विफलता को आमजन के बीच उजागर करें और आगामी चुनावों की तैयारियों में जुट जाएं।' यह उद्गार रविवार को पूर्व सांसद मानवेंद्रसिंह ने स्थानीय ग्राम पंचायत भवन में भारतीय जनता पार्टी चौहटन मंडल की बैठक में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में चल रहे निर्वाचन आयोग के मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में कार्यकर्ता सक्रिय रूप से युवाओं के नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाकर भाजपा को मजबूती देने का कार्य करें। पूर्व सांसद ने केंद्र सरकार की ओर से रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दिए जाने पर कहा कि इसे जनता कभी कबूल नहीं करेंगी।

जोधपुर की पूर्व जिला प्रमुख अमिता चौधरी ने कांग्रेस के शासन में बढ़ रही महंगाई से त्रस्त हो रहे आमजन को भाजपा के रूप में विकल्प चुनने की बात कही। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल ने उपस्थित कार्यकर्ताओं से निष्ठा पूर्वक कार्य कर पार्टी को जिताने के लिए प्रयास करें। शिव के पूर्व विधायक डॉ. जालम सिंह रावलोत ने वर्तमान समय में सरकार की ओर से जारी क्रॉप कटिंग आधारित फसल बीमा योजना को किसानों के साथ अन्याय बताया। बैठक में तरुण राय कागा, डॉ. मोहनलाल डोसी, राजाराम भादू, हिंदुसिंह राठौड़, लक्ष्मण वडेरा, रूपसिंह राठौड़, दिलीप पालीवाल, स्वरूपसिंह राठौड़, हनुमान जाखड़, आसूलाल बोथरा व मंडल अध्यक्ष मालाराम विश्नोई ने भी संबोधित किया। बैठक का संचालन पूर्व सरपंच भारत दान तड़ला ने किया।

भाजपा सदस्यता ग्रहण करने वालों का स्वागत: भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले बमणला जीएसएस अध्यक्ष धोधा खां, अनवर खां, राजड़ आकल व भलगांव पूर्व सरपंच देशलाराम मेघवाल को पूर्व सांसद ने माला पहना स्वागत किया। इस अवसर पर मंडल उपाध्यक्ष ईसाराम दइया, पीरसिंह ढोक, हमीरसिंह सोढ़ा, युवा मोर्चा के गजेसिंह राठौड़, मोहनलाल कुर्डिया, मंगलाराम गोसाईं व विरधाराम चौधरी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।






बायतु व धोरीमन्ना में चोरियों का पर्दाफाश

बायतु व धोरीमन्ना में चोरियों का पर्दाफाश

बाड़मेर जिला पुलिस ने बाड़मेर के धोरोमन्ना  बायतु क्षेत्र में हुई चोरियों का खुलासा कर दिया ,पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के अनुसार बायतु क्षेत्र के नागाणा थानान्तर्गत माडपुरा बरवाला गांव के गोदारों की ढाणी निवासी गजेन्द्र कुमार पुत्र सोनाराम जाट के घर में करीब सवा महीने पूर्व हुई चोरी का नागाणा पुलिस ने पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर माल बरामद कर लिया है। नागाणा थानाधिकारी महावीर सिंह शेखावत ने बताया कि इस मामले में एक आरोपी रमेश कुमार निवासी कुडला को दस दिन पूर्व ही गिरफ्तारी की जिसकी निशानदेही पर विक्रमसिंह निवासी गिराब व चिन्ना कृष्णन निवासी गोवा की गिरफ्तारी की। जिन्होंने चोरी की वारदात को कबूला तथा आरोपियों के कब्जे से चुराए गए डेढ़ लाख रूपए के सोने चांदी के आभूषण बरामद किए गए। पुलिस ने दो आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया वहीं दो तीन संदिग्ध आरोपियो की तलाश जारी है।

धोरीमन्ना. पुलिस ने बताया कि वगताराम पुत्र हरिराम निवासी धोरीमन्ना के घर में गत माह अज्ञात चोर घुसकर सोने व चांदी व नकदी सहित लाखों रूपए का माल पार कर गए। पुलिस ने विक्रमसिंह उर्फ दानसिंह पुत्र साबूदान सिंह निवासी गिराब व जेसब राव पुत्र जोन राव इसाई निवासी तुलसीनगर जबलपुर मध्यप्रदेश को गिरफ्तार कर बाड़मेर न्यायालय में पेश किया। जिन्हें पुलिस रिमाण्ड पर भेजा है।

करंट से भैंस मरी- धोरीमन्ना थाना क्षेत्र के भूणिया में लछिया बेरा निवासी रिड़मलराम पुत्र कोशलाराम की भैंस जंगल में चर रही थी। बिजली का तार टूटा होने से करंट लगने से मर गई।

चौहटन. चौहटन थानान्तर्गत मारपीट करने का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने बताया कि बांकलसरा बस्ती निवासी राजुसिंह पुत्र महेन्द्रसिंह ने मामल दर्ज करवाया कि मगरा निवासी जयराम पुत्र मुकनाराम व भदरू निवासी पपुसिंह ने उसके साथ मारपीट की और रूपए छीनकर ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की।

अवैध जिप्सम से भरे दो ट्रैक्टर जब्त


अवैध जिप्सम से भरे दो ट्रैक्टर जब्त



53 हजार रुपए जुर्माना वसूला, विभागों की संयुक्तबैठक में खनन माफियाओं के खिलाफ धरपकड़ तेज करने का निर्णय


बाड़मेरकवास क्षेत्र में जिप्सम के अवैध खनन को लेकर खनिज विभाग व नागाणा पुलिस की ओर से चलाए जा रहे धरपकड़ अभियान के तहत रविवार को दो ट्रैक्टर जब्त किए गए। इन ट्रैक्टरों में जिप्सम का अवैध परिवहन किया जा रहा था। विभाग की ओर से ट्रैक्टर मालिकों से जुर्माना वसूला गया।

खान एवं भूविज्ञान विभाग के सहायक खनि अभियंता पूरणमल सिंघाडिय़ा ने बताया कि खनिज विभाग व नागाणा पुलिस की ओर से चलाए जा रहे अभियान के तहत रविवार को जिप्सम का अवैध परिवहन कर रहे दो ट्रैक्टरों को जब्त किया गया। इन ट्रैक्टर संचालकों से करीब 53 हजार रुपए जुर्माना वसूलने के साथ ही जिप्सम जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। पुलिस और खनिज विभाग की टीम रात को भी चैकिंग करेगी।

अधिकारियों ने की बैठक: वहीं दूसरी ओर बायतु स्थित तहसील कार्यालय में रविवार शाम चार बजे एसडीएम चांदमल वर्मा के मुख्य आतिथ्य में अवैध खनन पर प्रभावी रोकथाम के लिए आवश्यक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सहायक खनि अभियंता पूरणमल सिंघाडिय़ा, तहसीलदार महावीर जैन, नागाणा थानाधिकारी महावीरसिंह, बायतु थानाधिकारी मनीषदेव, जिला उद्योग अधिकारी आलोक पांडे सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

फैक्ट्रियों से जिप्सम जब्ती का निर्णय: बैठक के दौरान अवैध खनन को रोकने के लिए संयुक्त चैकिंग अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा अवैध वाहनों की धरपकड़, फैक्ट्रियों से अवैध जिप्सम जब्त करने, भूमि उपयोग परिवर्तन के संबंध में जांच करने, अवैध जिप्सम मिलने पर बिजली कनेक्शन विच्छेद करने व उद्योग का लाइसेंस रद्द करने के साथ ही कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। 

अच्छे कार्यों के लिए जागना अच्छा : आचार्य


अच्छे कार्यों के लिए जागना अच्छा : आचार्य

जसोल(बालोतरा)

जो अमुनि होते हैं वे सदा सोये रहते हैं और जो मुनि होते हैं वे सदा जागते रहते हैं। मुनि यानि ज्ञानी व्यक्ति द्रव्य निद्रा में होने पर भी जागता है और अज्ञानी व्यक्ति द्रव्य निद्रा न होने पर भी सोते रहते हैं। यह मंगल वक्तव्य तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने रविवारीय विशेष प्रवचन 'मूल्य जागरण का' विषय पर जसोल में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि चेतना की मूच्र्छा, मोह का प्रावल्य भाव निद्रा है। अच्छे काम करने वाले के लिए द्रव्य जागरण भी वरदान सिद्ध होता है। प्रवचन के माध्यम से श्रोता का सत पथ दर्शन हो सकता है। नैतिक मूल्यों के प्रति निष्ठा होनी चाहिए। अच्छे कार्यों के लिए जागना अच्छी बात है। शिष्य का भी काम शिष्यों, अनुयायियों को जागरूक बनाए। गुरु का महान उपकार होता है कि वे सोये हुए को जगाते हैं। मूच्र्छा को तोडऩा अध्यात्म की साधना है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने अभातेयुप के 46 वें वार्षिक अधिवेशन में युवा शक्ति और साधर्मिक वत्सलता विषय पर समागत सैकड़ों युवकों को उद्बोधन प्रदान करते हुए कहा कि युवावस्था शक्ति की कुछ करने की अवस्था है। धर्म के क्षेत्र में भी युवावस्था ही कार्यकारी अवस्था मानी जाती है। युवावस्था में जब सामथ्र्य होता है तो व्यक्ति हर कार्य को संपादित कर सकता है। युवावस्था वह है जिसमें जो मंजिल निर्धारित है उसके इर्द-गिर्द पहुंच जाते हैं। मंत्री मुनि ने कहा कि एक धर्म का पालन करने वाले दूसरे का सहयोग देने का प्रयास करें। साधर्मिक के सहयोगी बने। कार्यक्रम में विजय नाहर व अनिता नाहर की सुपुत्री दर्शिका नाहर ने आचार्य से दीक्षा की अर्ज की। आचार्य ने दर्शिका पर महती कृपा करते हुए पारमार्थिक शिक्षण संस्था में प्रवेश की अनुमति प्रदान की। तेजपुर से समागत संघ की ओर से उभय चंद बैद ने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया।






जसोल राणी भटियाणी पशु मेले के आगाज



जसोल राणी भटियाणी पशु मेले के आगाज


मेले में पहले दिन पहुंचे तीन हजार पशु 

ध्वजारोहण के साथ खरीद फरोख्त शुरू


बालोतरा पंचायत समिति बालोतरा की ओर से माता राणी भटियाणी पशु मेला जसोल का आगाज रविवार को ध्वजारोहण के साथ हुआ। मेले में पहले दिन करीब 3 हजार पशु मेले स्थल पहुंचे। मेले में समूचे जोधपुर संभाग सहित राजस्थान व गुजरात से भी पशुपालक पशुओं की बिक्री के लिए मेले में पहुंचे।

रविवार सवेरे 11 बजे जिला परिषद बाड़मेर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लालाराम गुगरवाल ने ध्वजारोहण कर मेले का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। इसके साथ ही सात दिवसीय मेले में पशुओं की खरीद फरोख्त शुरू हो गई। मुख्य अतिथि मुख्य कार्यकारी अधिकारी लालाराम गुगरवाल ने कहा कि पशुपालन ही पशुपालकों के आजीविका का आधार है। हमारी संस्कृति के संवाहक बने मेलों को जीवंत बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लोग खेती पर ही निर्भर है, पशुधन के माध्यम से उन्नत खेती की जा सकती है। उन्नत किस्म की खेती होने के साथ पशुओं के चारे की भी समुचित व्यवस्था हो जाती है। उन्होंने पशुपालकों से आग्रह किया कि समय की नजाकत को देखते हुए खेती पर निर्भरता कम कर बच्चों की शिक्षा की तरफ विशेष ध्यान देंगे तो निश्चित रूप से आपका विकास होगा। 

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उन्होंने कुरीतियों से भी बचने का आह्वान किया तथा मेले से पशुपालकों को पशु खरीद कर ले जाते समय आने वाली दिक्कतों के लिए अपनी ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। पचपदरा तहसीलदार विवेक व्यास ने कहा कि पशुपालक आपसी भाईचारे की भावना को कायम रखते हुए मेले में पशुओं का क्रय-विक्रय कर अपनी आजीविका का साधन बनाते हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालन ही पशुपालकों की धरोहर है, जिसका उनके द्वारा विशेष ध्यान रखा जाता है। मेला अधिकारी विकास अधिकारी सविता टी चौधरी ने मेले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पूर्व सरपंच भगवतसिंह जसोल ने पशुपालकों द्वारा मेले से खरीदकर पशु को ले जाते समय आने वाली असुविधा के बारे में बताते हुए पशुपालकों की मदद कराने का आग्रह किया। प्रधान जमना देवी गोदारा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन कृषि अधिकारी विजयकुमार जैन ने किया। इस अवसर पर पूंजा राम बारासा, केवलचंद माली, हनुमान सिंह, भंवरलाल, हुकमाराम माली, रूपसिंह, केशाराम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व पशुपालक उपस्थित थे। मेले में विभिन्न विभागों की ओर से प्रदर्शनी भी लगाई गई है। जिससे काश्तकारों को कृषि, पशुपालन व अन्य कार्यों की जानकारी व नवीन तकनीकी का ज्ञान करवाया जा रहा है। मेले में गाय, बैल, ऊंट, घोड़े व अन्य पशुओं के साथ पशुपालकों ने डेरा जमाए हुए है। मेला आयोजन समिति की ओर से पशुपालकों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेलार्थियों की सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार की दुकानें लगाने के साथ पशुओं के चारे पानी की समुचित व्यवस्था भी की गई है। इस बार पशुओं के भावों में तेजी के चलते पशुपालकों को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। मेला स्थल पर पिछले एक सप्ताह में पशुओं की आवक निरंतर जारी है।

इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या


इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या  
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जयपुरजयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे जोधपुर के मेडिकल छात्र शशांक संचेती (२२) ने रविवार दोपहर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। शशांक फाइनल ईयर में पढ़ता था। उसकी सोमवार को परीक्षा थी। प्रथमदृष्टया जांच में सामने आया है कि शशांक डिप्रेशन में था। पुलिस को मौके पर इंजेक्शन की तीन खाली शीशी, तीन भरी हुई सीरिंज, गोलियों के खाली पत्ते और मेडिकल स्टोर की पर्ची मिली हैं। शशांक के गले में प्लास्टिक की रस्सी भी लिपटी हुई मिली। पोस्टमार्टम में दम घुटने से मौत होना नहीं आया है ऐसे में पुलिस का मानना है कि छात्र ने इंजेक्शन लगाने से पहले खुद ही गला घोंटने का प्रयास किया था। मौके पर सुसाइड नोट नहीं मिला है। पोस्टमार्टम के समय की गई जांच में दाहिनी जांघ और बाएं हाथ की बाजू पर इंजेक्शन लगाने के निशान मिले हैं। छात्र के कैंसर विशेषज्ञ पिता डॉ. सुरेश संचेती का जोधपुर में पाल लिंक रोड पर संचेती अस्पताल है।

मामले की जांच कर रहे एएसआई शिव सिंह ने बताया कि शशांक जयपुरिया अस्पताल के पास फ्लैट की तीसरी मंजिल पर अपने क्लासमेट दिल्ली निवासी समर्थ के साथ रहता था। रविवार सुबह समर्थ मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में पढऩे चला गया और शशांक तबीयत खराब होने की कहकर फ्लैट पर ही रुक गया। दोपहर में शशांक की मां डॉ. अमिता संचेती ने उसके मोबाइल पर फोन किया था लेकिन शशांक ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद उन्होंने रूममेट समर्थ और उनके यहां खाना बनाने वाले अरविंद को फोन किया। समर्थ दोपहर 1.30 बजे कमरे पर आया। कमरा अंदर से बंद मिला। दरवाजा खटखटाने और काफी आवाज लगाने के बाद भी शशांक ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद फ्लैट के गार्ड और उसी फ्लैट में रहने वाले अन्य लोगों ने धक्का देकर दरवाजा खोला। कमरे में शशांक मृत मिला। उसके गले में प्लास्टिक की रस्सी लिपटी हुई मिली। उसके पास दवाइयों के खाली रेपर, इंजेक्शन की खाली शीशी और सीरिंज पड़ी थी। इसके बाद समर्थ ने मुक्तानंद नगर निवासी शशांक के मामा दलपत लोढा को फोन किया। वे मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जयपुरिया अस्पताल पहुंचाया। पोस्टमार्टम के बाद शव मामा को सौंप दिया गया।





आईमाता उणरी जोत सूं पीलै रंग रौ काजल पड़ै, जिणनै केसर केवै


आईमाता उणरी जोत सूं पीलै रंग रौ काजल पड़ै, जिणनै केसर केवै 
 
आईमाता रै रूप में पुजीजण वाली जीजी रौ जनम बीका नाम रै राजपूत रै घरै हुयौ हौ जिकौ डाबी वंस रौ हौ। जीजी रौ जनम वि.सं. 1472 रै आसै-पासै हुयौ। बीका डाबी कीं बगत बाद गुजरात रै अंबापुर नगर मांय आय'र रैवण लागियौ। जीजीबाई रौ सरू सूं ई देवी रौ पूरौ इष्टो हौ, सो अंबापुर मांय अंबायजी री सेवा करण लागी। जीजीबाई अणूंती रूपवती ही, सो ऊणरै रूप री चरचा सुण'र मांडल (मांडू) रौ बादसा महमूद खिलजी उणसूं ब्याव करणौ चावतौ हौ। वौ बीका डाबी नै बुलाय'र आ बात उणरै सामी राखी अर साथै औ ई कैयौ के जे थूं थारी लड़की री शादी म्हारै साथै नीं करैला, तौ म्हैं जबरदस्ती उठाय'र उणरै साथै ब्याव कर लूंला।

जद चिंता में पडियौड़ौ बीका डाबी घरै आयौ अर बेटी रै पूछियां सारी बात बताई तौ बेटी जीजीबाई बोली के आप चिन्ता मत करौ, उणनै तौ म्हैं आछी तरियां समझावूंला। पछै आपरै पिता नै कैयौ के आप जाय'र उण दुस्ट नै कैय आवौ के म्हैं म्हारी बेटी रौ ब्याव थारै साथै हिंदू मजहब रै मुताबिक करूंला, सो थांनै बरात लेय'र म्हारै गाम तांई आवणौ पडै़ला। जे आपनै गरीब समझ'र वौ कीं ई सामान साथ लिजावण सारू कैवै तौ आप मना कर दीजौ, कीं ई सामान मत लाईजौ। बीका डाबी जाय'र बादसा नै ब्याव री बात बताय दी। ब्याव रौ कोडायौ बादसा बात स्वीकार कर लीवी अर बरात लेय'र अंबापुर आय पूगियौ। जीजीबाई रै कैयां बीका डाबी बादसा री बरात नै तलाव माथै ठैराय'र कंवाररै भात रौ न्यूतौ देय आयौ। जीजीबाई अेक छोटी सी झूंपडी मांय बैठ'र बरात सारू जीमण रौ प्रबंध करि दियौ। बादसा रा आदमी आवता रैया अर जीमण रौ सामान लिजावता रैया। बादसा इचरज में पड़ग्यौ के अक गरीब राजबूत कनै इत्तौ सामान कठै सूं आयौ। कोई देवी करामात तौ उणरै कनै नीं? बादसा जांच करण नै सेवट उण झूंपड़ी कनै पूगियौ, जिण मांय जीजीबाई बैठी ही। तद जीजीबाई उणनै समझावण सारू झूंपडी सूं बारै निकली। बादसा नै अैड़ौ लखायौ मानौ कोई सिंघ सामी ऊभौ है। बादसा घबराग्यौ अर हेठै पड़ग्यौ। पछै प्रार्थना करण लागियौ के अम्मा, म्हैं भूल करी। म्हैं अबै थारै साचै रूप नै पिछाणग्यौ, अबै थूं म्हारां अपराधां नै छिमा कर। बादसा री प्रार्थना माथै जीजीबाई उणनै छोड दियौ अर हिंदुवां माथै लागण वाला केई 'कर' उणसूं छुडवाया। देवी जद तांी अंबापुर रैयी, बादसा तद तांी उणरै दरसणां सारू आया करतौ अर जोत सारू सामान भिजवाया करतौ।

कीं ई बगत में जीजी बाई री सिद्धाई री चरचा च्यारूंमेर फैलगी, सो जनता उणां रै दरसणां सारू आवण लागी। आपरी तपस्या में विघन पड़ता देख त माता-पिता रै साथै मेवाड़ राज्य में नारडाई में आयगी। कीं अरसै तांई अठै ठैर'र अखंड जोत थापन करी, पछै डायलाणै नाम रै गाम मांय आई। क्यूंकै गुजरात सूं मेवाड़ में देवी आई, सो जीजी रै स्थान माथै देवीजी नै लोग 'आईजी' रै नाम सूं बतलावण लागग्या। इण भांत जीजीबाई रौ नाम पैला देवीजी पड़ियौ अर पछै 'आईजी'।

डायलाणै मांय आईजी रै थरप्योड़ौ बड़ 'जीजीबड़' रै नाम सूं चावौ रैयौ। डायलाणै सूं रवाना हुय'र देवी पैला सोजत आई। उठै देवली रा दरसण करण नै राण कुंभा रा बेटा रायमल आया, जिका देस-निकालौ भुगत रैया हा। बाद में देवी रै कैयै मुजब रायमलजी मेवाड़ री राजगादी माथै बैठिया।

सोजत मांय कीं बगत बितायां रै बाद देवी वि.स.ं 1521 में बिलाड़ा आई। उण बगत बिलाड़ा रा अधिपति राव जोधाजी रा बेटा भारमलजी हा। देवी अबै घणी बूढ़ी हुय चुकी ही, सो तपस्या में विघन पड़तौ देख'र बिला सीरवी री ढाणी मांय रैवण लागी। वां दिनां भारमलजी रा कामदार जाणौजी रौ बेटौ किणी बात सूं रूठ'र रामपुरै गयौ परौ हौ, जठै वौ दीवाण बणग्यौ है। जद जाणौजी देवी कनै बेटै रौ ुख लेय'र गया तौ देवी कैयौ के थारौ बेटौ आणंद में है अर रामपुरै मांय दीवाण बणियौड़ौ है। तद जाणौजी देवी सूं प्रार्थना करी के हे मात, थूं माधवदास नै म्हारै सूं मिलवाय दै अर पछै थूं आपरै कनै राख। कीं बगत बाद देवी रै प्रताप सूं माधवदास रामपुर सूं आयग्यौ। बेटै नै देख'र जाणौजी रौ आणंद रौ पार नीं रैयौ अर वै उणनै माताजी रै चरणां में समरपित कर दियौ। माताजी माधवदास माथै आपरौ हाथ मेलियौ अर कैयौ के खूब भूलौ-फलौ। कीं बगत बाद माधवदास पाछौ रामपुरै गयौ अर रावजी सूं इजाजत लेय'र माताजी रै कनै आयग्यौ। उणरै पछै माताजी री इज सेवा मांय रैयौ। माताजी माधवदास रै डोरौ बांधियौ। माताजी माधवदास नै आपरौ प्रधान शिष्य बणायौ अर सगलै शिष्यां नै आग्या दीवी के औ माधव म्हारौ प्रधान है, इणरी आग्या थां सगलां नै मानणी पड़ैला। आं री शिष्य मंडली मांय सीरवी जात रा लोग बेसी हा।

माधवदास जीवण भर माताजी री सेवा मंय रैया अर बूढा हुय'र वि.सं. 1555 में सुरग सिधारिया। अबै माताजी उणां रै बेटै गोविंददास नै माधवदास री जगै प्रधान बणाया। गोविंददास नै औ पद वि.सं. 1557 रै माघ महीनै री चानणी दूज नै दियौ हौ, सो औ दिन डोराबंध लोग बडै उच्छब रै साथै मनावै। माताजी गोविन्ददास नै सगलै ई साधु-सेवकां री मंडली मांय उपदेश दियौ। वि.सं. 1550 सूं 1561 तांई भांत-भांत रा उपदेश दिया अर पछै आपरै सगलै ई अनुयायियां नै अेकठ कर'र कैयौ के आज म्हैं म्हारी जोत गोविन्दास मांय प्रगटूं। अैड़ौ कैय'र माताजी आपरै पाट स्थान कानी अेकांत मांय गोविन्ददास नै वचन सिद्धि री शक्ति दीवी अर सगली ई गुप्त योगाभ्यास री बातां ई समझाय दी। पछै आपरै पाट स्थान रा दरवाजा बंद करवा दिया। गोविन्ददास समेत माताजी पाट स्थान माथै सात दिन तांई बंद रैया। सातवैं दिन रोज जद दरवाजौ खोलियौ गयौ तो सगलां नै अेकाअेक जोरदार प्रकाश दीसियौ। सगलां री ई आंखियां चकाचूंध सूं बंद हुयगी। उणरै बाद गोविन्ददासजी रै पगां मांय सगला ई गिर पड़िया। गोविन्ददास सगलां नै अेकठ कर'र माताजी री आग्यावां समझाय दी।

आई माता रौ से सूं चावौ स्थान बिलाड़ा मांय इज है। अठै अेक भव्य मिंदर बणियौडौ़ है। आज ई बिलाड़ै मांय इणां री गादी अर दीवै री अखंड जोत रा दरसम करण नै हजारूं लोग आवै। अठै रा पुजारी दीवाण बाजै। इणां रा अनुयायी 'आईपंथ' रा 'डोराबंद' बाजै। दरअसल आई माता रै नाम रौ डोरौ बांधियौ जावै, जिणनै वै लोग 'बेल' कैवै। आईपंथी दारू-मांस रौ सेवन नीं करै। आईमाता रै स्थान नै अै लोग बढेर कैवै। हरेक बढेर मांय अेक कोटवाल हुवै जिकौ बढैर रौ काम करै। डोरेबंद नै 'बांढेरू' कैवै। इणां में जिकौ ई साधु हुय जावै। वौ आईजी री पूजा करै। लोग उणां नै 'बाबा' कैय'र बतलावै। आईमाता नै मानणिया घणकरा तौ सीरवी लोग इज है। आईपंथ रै सिद्धान्तां मुजब अै लौग गाड्या ई जावै।

हरेक महिनै रै चानणै पख री बीज नै आईमाता री पूजा हुवै। उण दिन डोराबंद आपरै घरां सूं तरै-तरै रौ भोजन बढेर मांय लावै। आईमाता नै चढायां रे बाद सब प्रसाद बांट दियौ जावै। रात रा आईमाता रै जस रा गीत गाईजै। इणरै अलावा तीन 'बीजां' माथै खास उच्छब हुवै। पैलौ भादवै सुदी बीज नै, दूजौ माघ सुदी बीज नै अर तीजौ बैसाख सुदी बीज नै। भादवै सुदी बीज नै नवी जोत पधराईजै।

बिलाड़ा रै आईमाता रौ बढेर आखै भारत रै सीरवी समाज अर आईपंथी लोगां रौ धारमिक धाम है। मारवाड़़ रै बिलाड़ा कस्बै मांय आईजी रौ मिंदर है। 'खारड़िया सीरवी' (मारवाड़ रौ इतिहास- श्री जगदीशसिंह गहलोत मुजब सीरवी अेक कृषक जात है, जिकी राजपूतां सूं निकली कैयी जावै। औ ई कैयौ जावै कै 13 वीं सदी में अै जालौर माथै राज करता हा। अलाउद्दीन खिलजी रै अत्याचारां सूं सताईज्या अै लोग बिलाड़ा मांय आय'र बसिया अर सीर में खेतीबाड़ी करण सारू लागिया, जिणसूं अै सीरवी कैयीज्या। बाद में आईजी नाम री अेक राजपूत महिला इणां नै आपरै पंथ मांय मिलाया।) आईजी नै आपरी कुलदेवी मानै। आईजी रै मिंदर मांय धी रौ अखंड दीयौ जलतौ रैवै। उणरी जोत सूं पीलै रंग रौ काजल पड़ै, जिणनै केसर केवै। काजल री पीली झंई नै आईजी माता री करामात रौ फल समझियौ जावै। आईजी रा अनुयायी उणां रै नाम रा डोरा बांधै। भादवै री चांनणी बीज आईजी रे लोकान्तरित री तिथ हुवण सूं उण दिन सीरवी परिवार त्यूंहार रै पूर में मनावै। सीरवी आईजी रै मिंदर नै 'दरगाह' ई कैवै अर उठै जाय'र दीयै री जोत अर बिछायोड़ी गादी रा दरसण कर आपरौ धिनभाग मानै।

रविवार, 4 नवंबर 2012

शराब तस्कर व जुआरी की धरपकड़ :



शराब तस्कर व जुआरी की धरपकड़ :

जैसलमेर  ममता राहुल पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर के निर्देशन व श्री सायरसिंह वृताधिकारी वृत जैसलमेर के सुपरविजन व वीरेन्द्रसिंह नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर के नेतृत्व में शहर जैसलमेर में शराब तस्करों व जुआरियों के विरूद्ध रविवार  को अभियान चलाया जाकर निम्न कार्यवाही की गई : रविवार  दुर्गाराम उ.नि. मय कानि0 विक्रमसिंह नं0 580, बस्ताराम कानि0 द्वारा कस्बा जैसलमेर सत्यदेव पार्क सार्वजनिक स्थान पर पर्चीयों पर अंक लगाकर जुआ खेल रहे कैलाश पुरी पुत्र गोविन्द पुरी स्वामी नि0 ब्बि पाड़ा जैसलमेर को पकड़ कर उसके कब्जा से जुआ राशि 160 रूपये व जुआ आिशयाय बरामद किया गया। भगवानसिंह स.उ.नि. मय कानि0 गंगासिंह नं0 706, बालेन्द्रसिंह 364, गंगासिंह 105, जोरावरसिंह नं0 602 व जसवंतसिंह चालक द्वारा मुखबीर ईतला से बबर मगरा में अवैध शराब बेच रहे ज्ञानसिंह पुत्र सांगसिंह बैलदार नि0 बबर मगरा जैसलमेर के कब्जा से 14 बोतल बीयर व 12 पव्वे बरामद किये जाकर मुल्जिम को गिर0 किया गया।

कन्हैयालाल वक्र अध्यक्ष नियुक्त

जोशी वरिष्ठ नागरिक एवम पेंशनर प्रकोष्ठ

जिला कांग्रेस बाड़मेर के अध्यक्ष नियुक्त


बाड़मेर, 04 नवंबर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस द्वारा सभी जिलों में वरिष्ठ नागरिक एवम पेंशनर प्रकोष्ठ खोलने का निर्णय लेते हुए कन्हैयालाल वक्र को बाड़मेर प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष घोषित किया गया है। उन्हें जिला एवम ब्लॉक वाइज प्रकोष्ठों के गठन की जिम्मेदारी सौंपी है।


वक्र ने बताया कि बाड़मेर समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिये शीघ्र ही कांग्रेस की विचारधारा और रीतिनीति समर्थित वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनरों से सम्पर्क कर प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में ब्लॉक स्तर के प्रकोष्ठ गठित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी वरिष्ठ नागरिकों से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु ग्रामीण अंचल तक के लोगों को जागरूक करने के सुनिश्चित प्रयास किये जायेंगे।

उन्होंने कांग्रेस के सभी उच्च पदाधिकारियों द्वारा उन पर किये गये विश्वास के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस निर्णय से निश्चित ही दूरस्थ गांवों में रहने वाले लोगों की आवाज को बल मिलेगा। इससे कांग्रेस के जनाधार को ब़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिला, राज्य और केन्द्रीय स्तर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों के सहयोग से इस कार्यक्रम को सफल बनायेंगे।

पागलों का गांव- वादुरा



चेन्नई।। कड़क धूप और पैरों और हाथों में पड़ी लोहे की बेड़ियों के दर्द को नज़रअंदाज़ करते हुए राजू यानि राजेन्द्र धेरे ज़मीन पर झुक कर मिट्टी पर उंगली से अपना नाम उकेरने लगता है। राजू की उम्र और उसका काम पूछिए तो वो झट से जवाब देता है एक और कक्षा एक और बेफ़िक्री से यहां-वहां घूमने लगता है। लेकिन क्या यह उसकी असली उम्र है ?
mental illness 
40 साल के राजू का यह दुःख वादुरा गांव के लगभग हर घर में पसरा हुआ है। वादुरा अमरावती ज़िले के बीचों-बीच नांदगांव-खंडेश्वर ब्लॉक में बसा है और इस गांव की आबादी करीब 1800 है। विदर्भ के दूसरे इलाके हमेशा ही ग़रीब किसानों की आत्महत्या को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। लेकिन यह गांव वादुरा या कहें कि पागलों का वादुरा, जैसा कि इसे दूसरे इलाकों में कहा जाता है, के पास परेशान होने के लिए एक दूसरी बड़ी वजह है। इस गांव को पागलपन या कहें कि दिमागी बीमारी का श्राप है जिससे बरसों से इस गांव के लोग जूझ रहे हैं और अब सरकार के हस्तक्षेप की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

इन गांव वालों को 2010 के ड्राफ्ट मेन्टल हेल्थ केयर बिल के बारे में कुछ भी नहीं पता, जिसके मुताबिक दिमागी बीमारी से जूझ रहे किसी भी व्यक्ति को बेड़ियों में जकड़ना कानूनन जुर्म है। राजू के परिवार का कहना है कि उसे बांध कर रखना ही उसे कंट्रोल में रखने का एकमात्र तरीका है। वो बताते हैं कि राजू अक्सर हिंसक हो जाता है। हमने उसे नागपुर स्थित स्थानीय मेन्टल हॉस्पिटल में तीन बार भर्ती करवाया लेकिन कोई फ़र्क नहीं पड़ा। राजू अपने छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ रहता है। राजू के पिता ने 3 साल पहले गरीबी से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। गांव के लोगों ने बताया कि राजू को एक बहुत बुद्धिमान लड़का माना जाता था, जिसने बहुत कम उम्र में ही तैराकी सीख ली थी। लेकिन, उस प्रतिभा का कोई भी अंश आज राजू में दिखाई नहीं देता।इसी तरह इस गांव के 52 वर्षीय लक्ष्मण सतंगे उर्फ़ टाइगर में भी उनके जवानी के दिनों की कोई बात नज़र नहीं आती। वह अपने घर में ही घूमते रहते हैं या एक कोने में चुपचाप बैठ कर किसी भी चीज़ को घंटों तक एकटक देखते रहते हैं। कुछ ऐसा ही हाल उनके छोटे बेटे प्रभाकर का है। दो महीने पहले वह गांव भर में भटकता रहता था। लेकिन अब वह सिर्फ़ खुद से बात करता है, और ज़्यादातर वक़्त सोते हुए बिताता है।
पागलों का गांव नाम से जाना जाने वाले वादुरा में दिमागी बीमारी का अनुपात चिन्ताजनक रूप से बेहद ऊँचा है। लेकिन शायद सरकार को इस गाँव की तरफ़ देखने की फिलहाल फ़ुर्सत नहीं है।

पत्नी ने संबंध बनाने से मना किया तो पति ने कर दिया टुकड़े-टुकड़े

जम्मू. पत्नी ने संबंध बनाने से मना किया तो शराबी पति ने उसे मार डाला। शव के टुकड़े -टुकड़े कर जलाने का प्रयास किया। लेकिन साले ने लोगों की मदद से जीजा को पकड़वा दिया।
 
वारदात शनिवार रात दो बजे उधमपुर जिले के वैगड़ में हुई। पुलिस आरोपी पति मनचंद को गिरफ्तार कर लिया। दोनों का विवाह चार साल पहले ही हुआ था। पुलिस को आरोपी ने बताया कि पत्नी कांता ने उससे संबंध बनाने से मना कर दिया था।

उसका साला देशराज घर पर मिलने आया था। वह पत्नी को जबरन दूसरे कमरे में ले गया। वहां धारदार हथियार से उसके टुकड़े -टुकड़े कर दिए। शव को मिट्टी का तेल डालकर जलाने का प्रयास करने लगा। लेकिन उसके साले ने मोहल्ले के लोगों की मदद से उसे ऐसा करने से रोक दिया।

ये इंसान है या चलता फिरता ब्लड बैंक?



बाड़मेर : आम राय होती हैं कि इंसान खून का नाम सुनकर सन्न रह जाता हैं या यूँ कहे कि खून देखकर ही विचलित हो जाता हैं तो यह सही होगा। लेकिन पश्चिमी राजस्थान में एक और जहां राज्य सरकार ने अपने स्तर पर रक्तदान को महान बता कर इसके बारे में फैलाई गई भ्रांतियां तोड़ने की कई कोशिशे की हैं लेकिन इन सारी योजनाओं और कोशिशों से ज्यादा एक युवक का शगल ज्यादा भारी पड़ा है। इस युवक ने ना केवल अपने खून से कई जाने बचाई हैं बल्कि सबसे ज्यादा बार रक्तदान करने का रिकॉर्ड भी राज्य में बना दिया हैं। इस युवक का मानना हैं कि खून के रिश्ते को दुनिया का सबसे अटूट बंधन माना जाता है और अपनी रगों में बहते खून के चंद कतरे ''दान'' करके आप ऐसे अनजाने लोगो की जान निस्वार्थ भाव से बचा सकते हैं जो आपसे कभी मिले नहीं या फिर आपका कोई उनसे वास्ता नहीं रहा हो। इस युवक की मानसिकता से प्रभावित होकर बाड़मेर शहर में बहुत से लोग रक्तदान के महत्व को समझते हैं और अब तक सैकड़ों युवक इस युवक से प्रेरणा लेकर कई बार रक्तदान कर चुके हैं।








रतन भवानीरतन की सोच हैं कि रक्तदान को महादान माना जाता है। इससे रक्तदाता को आत्मसंतोष और किसी की जान बचाने का सुकुन हासिल होता है। स्वस्थ व्यक्ति हर तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है और अगर देश का हर स्वस्थ नागरिक नियमित रूप से रक्तदान करे तो रक्त की कमी से किसी की मौत नहीं होगी। अब तक सत्तर से ज्यादा बार रक्तदान कर चुके 40 वर्षीय रतन भवानी ने बताया कि मैं कई सालों से रक्तदान कर रहा हूँ, साल में चार बार रक्तदान जरूर करता हूं। रक्तदान मेरे लिए दूसरों का जीवन बचाने और उनकी मदद करने का जरिया है। ब्लड डोनर के तौर पर मेरा खून बहुत से लोगों के काम आता है। बाड़मेर निवासी इस चलते फिरते ब्लड बैंक को लोग रतन भवानी से ज्यादा रक्त भवानी के नाम से जानते हैं और बड़ी इज्जत के साथ इनसे लोग मिलते भी हैं। 75 बार अपना खून गैरों की रगों में बहा कर उन्हें नवजीवन देने वाले इस साहसिक युवक की माने तो जब हर क्षण नया खून बनता हैं और पुराने खून का अस्तित्व खत्म हो जाता हैं तो हमे रक्तदान में किस बात की हिचक।

सैकड़ों रक्तदाताओं की टीम बना चुके हैं रतन : पहली बार रतन भवानी ने उस वक्त रक्तदान किया जब वे खेल के मैदान में खेल रहे थे और उन्हें सूचना मिली कि उनके पड़ोस में रहने वाली आठ साल की बच्ची छत से पतंग उड़ाते समय गिर गई हैं और उसे खून चाहिए, घरवालों के मना करने और काफी डर होने के बाद भी रतन सीधे अस्पताल पहुंचे ब्लड ग्रुप को चेक करवाया और किस्मत से ब्लडग्रुप वही निकला जो उस बच्ची को चाहिए था, बस फिर क्या था इस रक्तदान अभियान की शुरुआत हो गई और उसके बाद यह सिलसिला चल पड़ा। अब तक रतन भवानी कई लोगो को जीवनदान दे चुके हैं और साथ ही साथ रक्तदाताओं की ऐसी टीम बना चुके हैं, जिसके सदस्य पन्द्रह या बीस नहीं बल्कि डेढ़ सौ से ज्यादा हैं, जो हर आपातकाल में रक्तदान के लिए तत्पर रहते हैं। बाड़मेर अस्पताल में अब जब भी रक्तदान की बात आती हैं चिकित्सक से आम आदमी हर किसी के मुंह से सीधे यही वाक्य निकलता हैं कि रतन भवानी को पूछो। ऐसे में रतन भवानी और उनकी टीम बाड़मेर के लोगों की लाइफलाइन बन कर साबित हो रहे हैं। रतन भवानी के साथ इस रक्तदान के मिशन को उनके साथी संजय जोशी भी आगे बढ़ा रहे हैं। संजय जोशी पेशे से शारीरिक शिक्षक हैं और वो भी रतन भवानी के सम्पर्क में आने के बाद करीब चालीस बार रक्तदान कर चुके हैं। संजय जोशी के अनुसार पहली बार जब रक्तदान किया तो काफी भयभीत था लेकिन जब इस बात की संतुष्टि मिली कि इस खून से किसी को नई जिन्दगी मिली हैं तो भय भी खत्म हो गया और एक नए मिशन की नींव मन में स्थापित हो गई।

प्रशासन चाहे तो सैकड़ों रतन हो सकते हैं बाड़मेर में : दरअसल बाड़मेर के इस साहसिक रक्तदाता को कभी प्रशासन या सरकार ने प्रोत्साहित करने का प्रयास ही नहीं किया। एक बाद अस्पताल प्रशासन की अनुशंसा के आधार पर रतन भवानी को पन्द्रह अगस्त पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, लेकिन उसके बाद कभी भी उनके इस हौसले की तारीफ करने को आगे नहीं आया। चाहे कवास में आई बाढ़ हो या फिर हर बाद मलेरिया की भीषण महामारी रतन भवानी हर बार अस्पताल में ब्लड बैंक के आगे ही नज़र आये। बाड़मेर में लोग रात को तीन बजे भी अगर फ़ोन कर लें रतन भवानी उनके सहयोग के लिए तत्पर नज़र आयेंगे, लेकिन ना जाने क्यूँ प्रशासन ने इस साहस का कभी अपने स्तर पर सम्मान करना उचित नहीं समझा, जिसके चलते रतन भवानी काफी व्यथित हैं। बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय में बतौर वरिष्ठ लिपिक कार्य करने वाले रतन भवानी कहते हैं कि सरकार और जिला प्रशासन कोई ऐसी मुहिम चलाए जिसके कारण युवा वर्ग रक्तदान के प्रति अग्रसर हो और उसके कारण कई लोगों की अकाल मौत ना हो पाए। रतन इस तरह के अभियान में अपनी सेवाएँ देने को हमेशा तैयार रहते हैं।



दूरदर्शन भी बना चुका हैं रतन पर टेलीफिल्म : रतन भवानी के रक्तदान के प्रति समर्पण और जज्बे के कारण दिल्ली दूरदर्शन ने दो एपिसोड की डॉक्युमेंट्री फिल्म जिसका नाम किरण था को शूट कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किया था, जिसके बाद पूरे भारत में रतन भवानी का नाम हुआ और लोग उनसे जरिये पत्र और टेलीफोन सम्पर्क करने लगे साथ ही लोग उनसे पूछते थे कि रक्तदान करने से क्या मिलता हैं तो रतन उन्हें जवाब देते कि रक्तदान ने जिन्दगी बचाने का पुण्य और बार-बार रक्तदान करने का हौसला मिलता हैं।

बिहार को वाजिब हक दिलाकर दम लेंगे नीतीश

बिहार को वाजिब हक दिलाकर दम लेंगे नीतीश
Nitish Kumar government splurges Rs 50 crores on adhikar rally 

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित अधिकार रैली में बिहार को उसका वाजिब हक दिलाकर ही दम लेने का संकल्प लिया। विशेष दर्जा के अपने अभियान के फलक का भी उन्होंने विस्तार किया और कहा कि विकास में राष्ट्रीय औसत से पीछे रहने वाले सभी राज्यों को विशेष दर्जा मिले। इसके लिए केंद्र सरकार अपनी विकास की नीति बदले। उन्होंने मार्च में अगली रैली दिल्ली के रामलीला मैदान में करने का भी एलान किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि रैली में पूरा बिहार आकर खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी जनता की इस आवाज को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं।

नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष दर्जा की मांग को लेकर वह लंबी लड़ाई लड़ेंगे। राजनीतिक दलों को उन्होंने स्पष्ट संकेत दे दिया कि 2014 में केंद्र में उसी पार्टी की सरकार बनेगी जो उनकी मांग का समर्थन करेगी। कहा, 'यह भी हमारा संकल्प है। सात सालों में हम आगे बढ़े हैं। दुनिया के सभी पिछड़े राज्यों में बिहार को देख उत्साह जगा है। यह कहा जा रहा है कि जब बिहार आगे बढ़ सकता है तो हम क्यों नहीं?' नीतीश ने मौके पर भीड़ से पूछा कि क्या हमारी युवा पीढ़ी इतना इंतजार कर सकती है। भीड़ ने काफी जोश में हाथ उठाकर कहा-'नहीं'।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसी कारण हम विशेष दर्जा की मांग कर रहे हैं। तरक्की करने का हर बिहारी का भी हक है। हम यह अधिकार लेकर रहेंगे। सूबे की साढ़े दस करोड़ की आबादी को नजरअंदाज कर देश में समावेशी विकास कैसे होगा? जब सवा करोड़ बिहारियों के हस्ताक्षर के साथ जदयू का शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला तो उन्होंने विशेष दर्जा के सवाल पर अंतर मंत्रालयी समूह गठित किया। उसने अपनी रिपोर्ट में बिहार के पिछड़ेपन को स्वीकार किया, लेकिन हमारी मांग को खारिज कर दिया। हमारी मांग है कि इस सवाल पर केंद्र सरकार विशेषज्ञों की टीम गठित करे और सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा दे। मांग पूरी न की गई तो मार्च में दिल्ली के रामलीला मैदान में अगली रैली करेंगे।'

शरद यादव ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री व सोनिया जी देख लें कि आज रैली में पूरा बिहार खड़ा है। जेपी के नेतृत्व में जब बिहार खड़ा हुआ था तब इंदिरा गांधी जैसी ताकतवर नेत्री की सत्ता चली गई थी। बिहार ने हिंदुस्तान बदला है। संप्रग सरकार में हुए विभिन्न घोटालों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 12 लाख करोड़ लूटा दिए गए। अगर एक लाख करोड़ भी बिहार को दे देते तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह प्रदेश कहां से कहां चला जाता।