बुधवार, 24 अक्टूबर 2012

पत्नी को प्रेमी भगा ले गया पति ने कराया मामला दर्ज



पत्नी को प्रेमी भगा ले गया पति ने कराया मामला दर्ज


बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाना क्षेत्र में एक विवाहित महिला को एक युवक शादी की नियत से भगा कर ले गया इस आशय का मुक़दमा विवाहिता के पति ने दर्ज कराया .प्रतापाराम पुत्र धारूराम भील नि. कातरला ने मुलजिम किसनाराम पुत्र धोधाराम भील नि. मिठड़ा खुर्द वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस की पत्नि श्रीमति देवू को बहला फुसलाकर शादी करने की नियत से भगाकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना धोरीमना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।--

राजस्थान :बाड़मेर में कोयला घोटाला !

राजस्थान :बाड़मेर में कोयला घोटाला !

बाड़मेर [ चन्दन भाटी ] पिछले कुछ सालों में बाड़मेर में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी हैं, लेकिन यहाँ पर विकास के साथ-साथ घोटालों का बड़ा काम हुआ हैं जिसके बारे में सरकार भी जानती हैं। ये अलग बात हैं कि कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ जबकि अगर कुछ कार्रवाई नहीं हुई तो यहाँ पर कोयला खनन घोटाला चालीस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का आगामी तीस साल में हो सकता हैं। कोयला का अकूत भंडार मिलने के बाद बाड़मेर में खनन का ऐसा खेल हुआ हैं कि आने वाले तीस सालों में घोटाला काफी बढ़ सकता हैं। यह सनसनीखेज खुलासा राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी कमीशन के सामने दायर हुई एक याचिका के बाद हुई सुनवाई के बाद हुए निर्णय में सामने आई हैं।

राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी कमीशन के अध्यक्ष डीसी सामंत, सदस्य एस धवन, एसके मित्तल ने बाड़मेर लिग्नाईट माइनिंग कम्पनी लि. की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। खासकर इसमें एक बड़ा खुलासा हुआ हैं कि जिंदल ग्रुप के राजवेस्ट पवार प्लांट लि. भादरेश बाड़मेर में लिग्नाईट की आपूर्ति के लिए बाड़मेर में माइनिंग का ठेका 812 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से निविदा के जरिये प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से होना था, उसको बिना किसी प्रतिस्पर्धा के जिंदल ग्रुप की एसोसिएट फर्म साउथ वेस्ट माइनिंग लि. को 1230 रुपए प्रति मैट्रिक टन की दर से दे दिया गया। टैक्स जोड़ा जाए तो यह दर 1953 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर हो जाती हैं। मजे की बात यह कि जिंदल ग्रुप की एसोसिएट फर्म साउथ वेस्ट माइनिंग लि. यह ठेका लेने की पात्रता भी नहीं रखती। तीस वर्ष के लिए दिए गए इस ठेके से उक्त अवधि में टैक्स समेत करीब इकसठ हजार करोड़ का नुकसान हो सकता हैं।

समझें घाटे का ये गणित : बाड़मेर जिले में जिंदल ग्रुप की फर्म राजवेस्ट पावर प्रोजेक्ट लि. के नाम से भादरेश में 135 मेगावाट की दस इकाइयां बनाई जानी प्रस्तावित हैं, जिनमे से दो इकाइयां बन कर तैयार हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। जब पूर्ण क्षमता के साथ सभी दस इकाइयां काम करेंगी तब प्रतिदिन पचास हजार टन कोयले की जरूरत पड़ेगी। राजवेस्ट की कंसोर्टियम फर्म साउथ माइनिंग लि. इसके लिए प्रतिदिन छह करोड़ पन्द्रह लाख टैक्स समेत नौ करोड़ छियतर लाख पचास हजार लेगी, जो राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी कमीशन के समक्ष तय हुई दरों (812 रुपए प्रति मीट्रिक टन) से टैक्स सहित 5.70 करोड़ रुपए अधिक हैं। इस तरह प्रतिदिन 2.90 करोड़ टैक्स रहित घाटा होगा। एक महीने में 87 करोड़, एक वर्ष में 1044 करोड़, और तीस वर्षों में 31,220 करोड़ का घाटा होगा और टैक्स समेत यह घाटा इकसठ हजार करोड़ रुपए को पार कर जाएगा।

इक्यावन फीसदी है सरकार की हिस्सेदारी : बाड़मेर के कपूरडी और जालिपा के किसानों की करीब पचास हजार बीघा जमीन अवाप्त हुई हैं, इसका मकसद यहाँ पर कोयला खनन कर कम्पनी को आपूर्ति करनी था। भूमि अवाप्ति के लिए बाड़मेर लिग्नाईट माइनिंग कम्पनी लिमिटेड का गठन किया गया, जिसमे 51 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य सरकार की है। शेष 49 फीसदी भागीदारी राजवेस्ट की है। यहाँ कहने का मतलब यह हैं कि ऊंची दरों पर राजवेस्ट की एसोसिएट फर्म को ठेका देने से होने वाले कुल घाटे में सरकार को इक्यावन फीसदी चूना लगेगा। वही राजवेस्ट को एसोसिएट फर्म से सीधा फायदा ही फायदा होगा।

ठेका निरस्त करने की सिफारिश हुई : राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी कमीशन ने याचिका पर सुनवाई के बाद पिछले वर्ष अगस्त माह में दिए गए निर्णय अनुसार साउथ वेस्ट माइनिंग लि. को दिए गए खनन ठेके को निरस्त करने और नए सिरे से निविदा आमंत्रित कर प्रतिस्पर्धी दरों के आधार पर ठेका देने के निर्देश दिए। हैरत की बात यह हैं कि साउथ वेस्ट माइनिंग लि. कमीशन को न्यायिक क्षेत्र मानने से इनकार करते हुए अभी तक बिना रोक टोक खनन कर रहे हैं। वही सरकार भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जो काफी संशय पैदा कर रहा है।

कहीं कम कीमत पर कोयला उपलब्ध : राजस्थान सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइंस मिनरल्स लि. द्वारा गिरल लिग्नाईट विद्युत तापीय संयत्र में 650 प्रति मीट्रिक टन की दर से कोयला उपलब्ध करवाया जा रहा हैं, जबकि साउथ वेस्ट माइनिंग लि. टैक्स समेत 1953 रुपए की दर से कोयला उपलब्ध करवा रहा है।

चीरघर से जिंदा होकर लौटा मुर्दा!

चीरघर से जिंदा होकर लौटा मुर्दा!

दुर्ग। डॉक्टरों ने जिस व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया था, उसे चीरघर (मरच्यूरी) से वापस उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जिला अस्पताल में उसे दो चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। चिकित्सकों ने मरीज की हालत गंभीर बताई है।

सिटी पुलिस ने दोपहर साढे 12 बजे नया बस स्टैंड से अज्ञात अचेत व्यक्ति को जिला अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सक डॉ. तुमड़े व डॉ. वीएस बघेल ने परीक्षण के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वार्ड ब्वॉय ने उसे चीरघर भी पहुंचा दिया। लगभग एक घंटे बाद चीरघर के कर्मचारियों की नजर शव पर पड़ी तो वे हैरान रह गए। शव में हलचल हो रही थी। कर्मचारियों ने एंबुलेंस से उसे वार्ड में भेजा। चिकित्सकों ने जांच की तो वह जिंदा था। अब चिकित्सकों की विशेष निगरानी में उसका उपचार किया जा रहा है।

पुलिस के मुताबिक नीले रंग की फुल पैंट तथा गुलाबी रंग की शर्ट पहने हुए मरीज को नागरिकों की सूचना पर अस्पताल पहुंचाया था। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस शव को चीरघर में रखने का आदेश देते हुए अस्पताल से लौट गई। हुलिया देखकर पुलिस अनुमान लगा रही है कि वह कुछ ही दिन पहले शहर आया होगा। चिकित्सकों की सूचना पर मर्ग दर्ज कर चुकी पुलिस भी कुछ देर के लिए सकते में आ गई। अस्पताल से जिस व्यक्ति को मृत घोषित किया गया, उसी व्यक्ति के जिंदा होने की सूचना घंटे भर बाद फिर से दी गई।

टांके में तैरती मिली मां व बेटी की लाश, कहीं ख़ुदकुशी तो नहीं!

जोधपुर.मंडोर थानांतर्गत मगरा पूंजला क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक महिला व उसकी वयस्क बेटी घर में बने टांके में डूब गईं। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया मामला खुदकुशी का लग रहा है। मंडोर थानाधिकारी कमल सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह सूचना मिली कि मगरा पूंजला क्षेत्र के गांधी नगर में रहने वाली सविता देवी (50) पत्नी श्याम लाल और उसकी बेटी मधु (22) टांके में डूब गई हैं।

मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शव बाहर निकलवाकर एमजीएच मोर्चरी भिजवाए। बाद में परिजनों की रिपोर्ट पर मर्ग दर्ज कर पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि करीब 15 दिन से सविता देवी मानसिक रूप से बीमार थी। खराब मानसिक स्थिति के चलते 3-4 दिन पहले भी वह घर से निकल गई थीं।

परिजनों ने बड़ी मुश्किल से उसे ढूंढ़ा था। सोमवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे श्यामलाल पत्नी व बेटी से बातें करने के बाद कमरे में जाकर सो गए। सुबह उनके कमरे का दरवाजा बाहर से बंद मिला। किसी तरह उन्होंने दरवाजा खोला तो उनकी पत्नी व बेटी घर में नजर नहीं आए।

काफी ढूंढ़ने के बाद उन्हें टांके का ढक्कन खुला हुआ नजर आया। उसमें मां-बेटी डूबी हुई थीं। उनके चिल्लाने की आवाज पर आसपास के लोग एकत्र हो गए और पुलिस को सूचना दी।

, बीजेपी में शामिल होंगी उमर की बीवी?

नई दिल्ली. पार्टी अध्‍यक्ष नितिन गडकरी पर लग रहे भ्रष्‍टाचार के आरोपों के बीच बीजेपी के लिए कुछ राहत वाली भी खबरे हैं। वहीं, भ्रष्‍टाचार के आरोपों से घिरे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार वीरभद्र सिंह ने मीडियाकर्मियों को धमकी दी है। टीवी चैनल के कुछ पत्रकारों ने जब उनके सवाल पूछने शुरू किए तो वह गुस्‍से में आ गए और मीडियाकर्मियों के कैमरे तोड़ डालने की धमकी दी।
वीरभद्र ने दी मीडिया को धमकी, बीजेपी में शामिल होंगी उमर की बीवी? 
खबर है कि जम्‍मू-कश्‍मीर के सीएम और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्‍दुल्‍ला की पत्‍नी पायल सिंह बीजेपी ज्‍वाइन कर सकती है। हालांकि बीजेपी आलाकमान इस बारे में कुछ कहने से साफ बच रहा है। उमर और पायल इस वक्‍त एक दूसरे से अलग रहते हैं। पायल दिल्‍ली में रह रही हैं और राजनीति में कूदने की कोशिश कर रही हैं। ऐसी भी खबर है कि पायल ने बीजेपी ज्‍वाइन करने के मसले पर गडकरी से कई बार मुलाकात भी की है।

एक तरफ बीजेपी के लिए कुछ राहत वाली खबरें हैं तो दूसरी तरफ पार्टी अध्‍यक्ष पर लगे गंभीर आरोपों पर बीजेपी ने चुप्‍पी साध ली है।

डाबला हत्या के मामले में पुलिस को मिले पुख्ता सुराग

डाबला हत्या के मामले में पुलिस को मिले पुख्ता सुराग


एसपी ने कहा: शीघ्र ही हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी



जैसलमेर  पिछले दिनों डालूराम चौधरी की हत्या करके हत्यारों ने उसका शव डाबला के पास सड़क किनारे फैंक दिया था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस इस मामले में कड़ी से कड़ी जोडऩे का प्रयास रही है लेकिन अभी तक हत्या की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है। सूत्रों के मुताबिक अब पुलिस हत्यारों के नजदीक पहुंच चुकी है। शीघ्र ही मामले का खुलासा हो जाएगा। पुलिस ने इस संबंध में मृतक के दोस्तों, आपसी रिश्तेदारों व जीएसएस के वाहन चालकों से गहनता से पूछताछ भी की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने बताया कि शीघ्र ही पुलिस हत्यारों तक पहुंच जाएगी और मामले का खुलासा हो जाएगा। पुलिस की अलग अलग टीमें इस मामले में गहन पड़ताल कर रही है।

मृतक की पेंट व मोबाइल नहीं मिला: गौरतलब है कि पुलिस को शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर डाबला के पास मृतक की लाश मिली थी। पोस्टमार्टम में सामने आया था कि सिर पर गंभीर चोट मारने के बाद मृतक का गला घोंटा गया है। पुलिस को मृतक का मोबाइल व पेंट नहीं मिली थी, इसे लेकर पुलिस ने आसपास के 25 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश भी की।

पुलिस को मृतक के 12 दिन होने का इंतजार: पुलिस ने लगभग आसपास के लोगों से पूछताछ कर ली है। अब पुलिस मृतक के 12 दिन पूरे होने का इंतजार कर रही है। उसके बाद मृतक के नजदीकी रिश्तेदारों व परिजनों से पूछताछ कर हत्या की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की जाएगी।

॥पुलिस की अलग अलग टीमें मामले की जांच कर रही है। कई लोगों से पूछताछ की गई है और कुछ हद तक पुलिस को सुराग भी मिले हैं, शीघ्र ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

ममता राहुल विश्नोई, एसपी, जैसलमेर

मृतक के परिजनों ने किया हंगामा


मृतक के परिजनों ने किया हंगामा


तहसीलदार, थानाधिकारी तथा ब्लॉक सीएमएचओ की समझाइश के बाद मामला हुआ शांत
चिकित्सक को एपीओ करने की मांग पर अड़े रहे परिजन



पोकरण  राजकीय अस्पताल में सोमवार को मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल हुए वृद्ध तुलछाराम दर्जी की जोधपुर ले जाते समय हुई मौत को लेकर मंगलवार को उसके परिजनों ने हंगामा किया।

मृतक के परिजनों ने सुबह 8 बजे तहसीलदार त्रिलोक चंद्र वैष्णव के निवास स्थान पहुंचकर तहसीलदार से चिकित्सा प्रभारी को हटाने तथा उसके खिलाफ जांच बैठाने की मांग की। साथ ही उन्होंने चिकित्सकों पर वृद्ध के इलाज में बरती गई लापरवाही का आरोप लगाया। शहरवासियों ने तहसीलदार को इस संबंध में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने की मांग की। जिस पर तहसीलदार ने अस्पताल मेंं सुविधाओं को सुचारू करने का आश्वासन दिया। तहसीलदार के आश्वासन के बाद गुस्साए परिजन तथा सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोग अस्पताल परिसर पहुंचे तथा चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर अड़े रहे।

चिकित्सा प्रभारी के एपीओ करने की मांग पर अड़े रहे परिजन: मृतक के परिजनों ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन करते हुए चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा का घेराव किया। वहीं तहसीलदार त्रिलोक चंद्र वैष्णव, थानाधिकारी रमेश कुमार शर्मा ने बीच बचाव कर गुस्साए लोगों को वहां से हटाया। मृतक के परिजनों ने बताया कि चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा द्वारा अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहींं दिया जा रहा है। परिजनों ने आरोप लगाया कि तुलछाराम की दुर्घटना के साथ ही उसे पोकरण अस्पताल लाया गया था। जहां पर चिकित्सकों ने उसका उपचार नहीं किया। लगभग दो घंटे बाद चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा ने उसे जोधपुर ले जाने की बात कही। तुलछाराम को उसके परिजनों द्वारा जोधपुर ले जाया गया। तभी बीच मार्ग में तुलछाराम ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में आपातकालीन सेवा के नाम पर कोई सुविधा नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों से तुरंत प्रभाव से चिकित्सा प्रभारी को एपीओ करने की मांग की।

साई बाबा सर्व समर्थ

साईं बाबा की चौरानावी पुण्यतिथि पर विशेष 


साईंबाबा सभी के महागुरु है उनकी सेवा ही मानवता कि सेवा है। श्रीसाईं का जन्म, धर्म, जात, पंथ कोई नहीं जानता क्यूंकि साईबाबा ने इस विषय पर कभी कुछ नहीं कहा. बाबा का समग्र साहित्य उनके शिरडी अवतार कार्य से भरा हुआ है और साईं भक्तो को अपनी रोचक लीलाओं द्वारा शिक्षा प्रदान करता है।
शिरडी के सांई बाबा  India20th century

भक्तों के बीच बैठे हुए साईँ बाबा
पूरा नाम शिरडी के सांई बाबा
परंपरा 
साईं बाबा (अज्ञात– १५ अक्‍तूबर, १९१८), एक भारतीय संत एवं गुरू हैं जिनका जीवन शिरडी में बीता। उन्होंने लोक कल्याणकारी कार्यों को किया तथा जनता में भक्‍त‍ि एवं धर्म की धारा बहाई। इनके अनुयायी भारत के सभी प्रान्तों में हैं एवं इनकी मृत्यु के लगभग ९४ वर्षों के बाद आज भी इनके चमत्कारों को सुना जाता है।
सांई बाबा की शिक्षासबका मालिक एक हैसाई बाबा की सबसे बड़ी शिक्षा और सन्देश है कि जाति, धर्म, समुदाय, आदि व्यर्थ की बातों में ना पड़कर आपसी मतभेद भुलाकर आपस में प्रेम और सदभावाना से रहना चाहिए क्योकि सबका मलिक एक है।श्रद्धा और सबूरीसाई बाबा ने अपने जीवन में यह सन्देश दिया है कि हमेशा श्रद्धा और विश्‍वास के साथ जीवन यापन करते हुए सबूरी (सब्र)के साथ जीवन व्यतीत करें।मानवता ही सबसे बड़ा धर्म हैसाई बाबा ने कभी भी किसी को धर्म की अवहेलना नहीं की अपितु सभी धर्मों का सम्मान करने की सलाह देते हुए हमेशा मनवता को ही सबसे बडा धर्म और कर्म बताते हुए जीवन जीने की अमूल्य शिक्षा प्रदान की है।जातिगत भेद भुला कर प्रेम पूर्वक रहनासाई बाबा ने कहा है की जाति,समाज,भेद-भाव,आदि सब बाते ईश्‍वर ने नहीं बल्कि इंसानों द्वारा बनाया गया हैं इसलिए ईश्‍वर की नजर में न तो कोई उच्च है और न ही कोई निम्न इसलिए जो काम ईश्‍वर को भी पसंद नहीं है वह मनुष्यों को तो करना ही नहीं चाहिए। अर्थात जात-पात,धर्म,समाज आदि मिथ्या बातों में न पड़ कर आपस में प्रेमपूर्वक रहकर जीवन व्यतीत करना चाहिए।गरीबो और लाचार की मदद करना सबसे बड़ी पूजा हैसाई बाबा ने हमेशा ही सभी जनमानस से यही बार-बार कहा है कि सभी के साथ ही समानता का व्यवहार करना चाहिए। गरीबों और लाचारों की यथासम्भव मदद करना चाहिए और यही सबसे बडी पूजा है। क्योकि जो गरीबों, लाचारों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है।माता-पिता, बुजुर्गो, गुरुजनों, बडो का सम्मान करना चाहिएसाई बाबा हमेशा ही समझाते थे कि अपने से बडो का आदर सम्मान करना चाहिए। गुरुजनो बुजर्गो को सम्मान करना जिसस उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है जिससे हमारे जीवन की मुश्किलों में सहायता मिलती है।साई बाबा की जय हो


साई बाबा का चरित्र

साई बाबा सर्व समर्थ हो कर भी हमेशा अपना जीवन सीमित साधनों द्वारा ही व्यतीत किए और सभी जनमानस को सादगी एवं सरल जीवन व्यतीत करना सिखाएं। क्योकि सरलता पूर्वक ही इस संसार में प्रभु को प्राप्त किया जा सकता है। सांई हमेशा ही आडम्बरो से मुक्त रह कर यह बताते थे कि आडम्बरो में ही अहंकार की भवना निहित होती है। इसलिए अगर मुक्त होना चाहते हो सबसे पहले स्वयं को आडम्बरो से छुटकारा पाना होगा।

सांई बाबा जो हमेशा ही यही कोशिश करते रहें की जनमानस क ह्रदयपटल में से समाज में व्याप्त सामाजिक कुरितीयों का नाश हो और सभी प्रेम पूर्वक रह कर जीवन का आनंद ले क्योंकि हमारे भारतवर्ष में कितने ही धर्म जाति के लोग व उनके समुदाय बसे हुए हैं।और सभी अपने धर्म को श्रेष्ट बताते हुए आपस में मतभेद रखते हैं। और जिसका परिणाम सिवाय समाजिक अराजकता और दन्गे के रुप में सामने आते है। इसिलिए बाबा ने हमेशा ही यह कह कर की "सबका मालिक एक" गुरुमंत्र दिया है।

अल्पसंख्यक मोर्चा ने दी सिविल लाइंस पर गिरफ्तारी

अल्पसंख्यक मोर्चा ने दी सिविल लाइंस पर गिरफ्तारी



जयपुर  भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से मंगलवार को सिविल लाइंस फाटक पर प्रदर्शन करके गिरफ्तारियां दी गईं। ये कार्यकर्ता दूदू में 20 अक्टूबर को 'आधार' कार्ड रैली में मुस्लिम महिलाओं को बुर्के उतरवाकर प्रवेश दिए जाने का विरोध कर रहे थे। मोर्चे ने इस संबंध में राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी दिया। इससे पहले मोर्चे के कार्यकर्ता भाजपा मुख्यालय में एकत्र हुए और वहां जुलूस के रूप में सिविल लाइंस फाटक तक पहुंचे। यहां प्रदेशाध्यक्ष अमीन पठान ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दूदू में मुस्लिम महिलाओं के साथ कांग्रेस सरकार द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया। जो कांग्रेस मुस्लिमों की खैरख्वाह बनती है, उसी कांग्रेस सरकार में उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। इससे एक बात स्पष्ट है कि कांग्रेस मुसलमानों को केवल वोट बैंक मानती है। उनकी भावनाओं से उसे कोई मतलब नहीं है।

सड़क हादसे में पाली एसडीएम खान मोहम्मद और उनकी पुत्री की मौत

नागौर

लाडनूं से तीन किलोमीटर दूर नागौर मार्ग पर मंगलवार रात को साढ़े सात बजे तेज गति से चल रही एक कार के पलटी खाने से उसमें सवार पाली के उपखंड अधिकारी खान मोहम्मद खान और उनकी पुत्री रुखसाना की मौत हो गई। हादसे में एसडीएम का दोहिता तथा कार चालक भी गंभीर घायल हो गए। मूलत: नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र के सथाना गांव के खान मोहम्मद झुंझुनूं में एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शाम को पाली जा रहे थे। लाडनूं तहसीलदार गिरधारी लाल ने बताया कि पाली एसडीएम खान मोहम्मद खान (55) पुत्र उम्मेद खां, उनकी पुत्री रुखसाना पत्नी मारुथ खां तथा दोहिता सात वर्षीय अनीस झुंझुनूं से लाडनूं होते हुए पाली जा रहे थे। करीब साढ़े सात बजे जैसे ही उनकी फॉरच्यूनर कार लाडनूं से तीन किलोमीटर नागौर की तरफ पहुंची तो कार चालक नियंत्रण खो बैठा और कार आठ दस बार पलटी खाते हुए करीब 50 मीटर तक चली गई। हादसे में पाली एसडीएम खान मोहम्मद खान की मौके पर ही मौत हो गई और गंभीर घायल रुखसाना, अनीस व कार चालक पाली निवासी महेंद्र वैष्णव को लाडनूं अस्पताल लाया गया।


गंभीर हालत होने पर महेंद्र व रुखसाना को जयपुर रेफर किया गया। इस दौरान रुखसाना ने भी दम तोड़ दिया। दोनों शव देर रात को लाडनूं अस्पताल में ही रखवाए गए। हादसे की सूचना मिलते ही डेगाना, लाडनूं, नागौर, डीडवाना, मकराना व सीकर से लोग लाडनूं पहुंचे। उधर वृत्ताधिकारी हेमराज व तहसीलदार गिरधारीलाल भी मौके पर पहुंचे व घटनास्थल का मुआयना कर घायलों का तत्काल इलाज शुरू करवाया।

स्पीड थी बहुत तेज

घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के अनुसार कार जिस समय पलटी उसकी स्पीड काफी तेज थी। इस वजह से चालक महेंद्र का कार पर नियंत्रण नहीं रहा। आलम यह था कि पलटने के बाद कार 50 मीटर तक घिसटती गई और कार के चारों दरवाजे टूटकर दूर जा गिरे और कार में सवार एसडीएम, उनकी बेटी, दोहिता व चालक टूटे दरवाजों से बारी बारी गिरते गए और गंभीर घायल हो गए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना की जानकारी नागौर जिला कलेक्टर अशोक भंडारी, एसपी भूपेंद्र साहू, पाली जिला कलेक्टर को भी दी गई।

एसएचओ ने दिखाई लापरवाही

हादसे में लाडनूं थानेदार दरजाराम की लापरवाही सामने आई। नागौर कंट्रोल रूम से थानेदार को कई बार कॉल किए गए लेकिन उन्होंने फोन अटैंड नहीं किया। आधा अधिकारियों के फोन करने के बाद भी थानाधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। पुलिस के देर से मौके पर पहुंचने से घायल कराहते रहे और उन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाया।

मंगलवार, 23 अक्टूबर 2012

'टार्जन' महिला की जंगल में बंदरों ने देखभाल की

लंदन।। ब्रिटेन की एक महिला ने दावा किया है कि कोलंबिया के एक जंगल में पांच साल तक बंदरों ने उनकी देखभाल की। यह मामला बहुत कुछ रडयार्ड किपलिंग की 'द जंगल बुक' के काल्पनिक किरदार 'मोगली' से मिलता-जुलता है। मरीना चैपमैन के मुताबिक उनका अपहरण कर लिया गया था और बाद में उन्हें अकेला छोड़ दिया गया था।marina chapman 
'सन' अखबार की खबर के मुताबिक वह चिड़ियों और खरगोशों को पकड़ कर अपना पेट भरती रहीं। जब शिकारियों को उनके बारे में पता चला तो वे मरीना को पास के एक शहर में ले गए और एक चकलाघर में बेच दिया। मरीना वहां से भाग निकलीं और ब्रिटेन चली गईं। वेस्ट यॉर्क्स के ब्रैडफर्ड में वह नौकरानी का काम करने लगीं।

मरीना की यह दिलचस्प कहानी अब एक किताब में दर्ज हो गई है और उनके जीवन पर एक डॉक्युमेंट्री बनाने का प्लान है। उनकी बेटी वनेसा ने बताया, 'यह माना गया कि किडनैपर्स ने गलती से उन्हें किडनैप कर लिया था। मां को बस यह याद है कि उन्हें क्लोरोफॉर्म सुंघाया गया था। इससे पहले की जिंदगी के बारे में उन्हें बस अपनी एक काली गुड़िया की याद है।'

ब्रिटेन आने के बाद मरीना जॉन चैपमैन से मिलीं और उन्होंने 1977 में शादी कर ली। मरीना 2 बच्चों की मां हैं। वनेसा के मुताबिक मरीना ने उन्हें बहुत अलग ढंग से पाला। वनेसा ने बताया, 'हमें खाना मांगने के लिए काफी शोर मचाना पड़ता था।'

पति बोला, ससुर से सेक्स में बुरा क्या!



नई दिल्ली।। शादी हुए कुछ ही दिन बीते थे कि बहू की खूबसूरती पर ससुर इस कदर फिदा हुआ कि वह आए दिन उसके साथ शारीरिक छेड़छाड़ करने लगा। परिवार की इज्जत की खातिर पहले तो वह चुपचाप सहती रही, मगर जब उसकी चुप्पी से ससुर के हौसले बढ़ते चले गए और उसने फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए जोर जबर्दस्ती शुरू कर दी।
rape 


जब बर्दाश्त से बाहर हो गया तो उसने पति को पूरी बात बता दी, मगर जिसके साथ सात फेरे लिए उसकी बात सुनकर वह हैरान रह गई। पति ने कहा कि सेक्स करने में बुराई क्या है। फिर क्या था.... बहू अपनी ससुराल छोड़कर मायके आ गई और सारी बात परिवार को बता दी। अब पति और ससुर पर युवती ने केस दर्ज कराया है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के नारायणा में परिवार के साथ रहने वाली 20 वर्षीय शालिनी (बदला हुआ नाम) के पिता सरकारी पद पर कार्यरत हैं। जून 2010 में शालिनी की शादी कोलकाता स्थित सियालदाह में सनी प्रसाद के धूमधाम के साथ हुई थी। शालिनी का आरोप है कि शादी के कुछ ही दिनों बाद उसका ससुर खूबसूरती की तारीफ करते हुए शारीरिक छेड़छाड़ करने लगा। शुरुआत में यह सब चुपचाप सहती रही मगर बाद में शालिनी से रहा नहीं गया तो उसने पति से शिकायत कर दी।

हैरानी उसे तब हुई जब उसके पति ने भी यह कहा कि हाईप्रोफाइल सोसायटी में यह सब चलता है और सेक्स करने में कोई बुराई नहीं है। ससुराल में यह सब नजारा देखकर उससे रहा नहीं गया और कोलकाता से दिल्ली आ गई। उसने मायके में आकर सारी बात बताई। फिलहाल पति और ससुर के खिलाफ नारायणा थाने में केस दर्ज कराया गया है। पुलिस टीम दोनों की गिरफ्तारी के लिए कोलकाता रवाना की गई है।

नाग से नागिन का ऐसा 'इश्क', जिसने भी देखा नहीं कर सका आंखों पर यकीन

नाग से नागिन का ऐसा \'इश्क\', जिसने भी देखा नहीं कर सका आंखों पर यकीन  नाग से नागिन का ऐसा \'इश्क\', जिसने भी देखा नहीं कर सका आंखों पर यकीन

कैथल। यह न तो किसी फिल्म की कहानी है और न ही कोई किस्सा। लेकिन जिस किसी ने इस अजीब दास्तान को सुना वही इसे देखने के लिए भागा चला आया। जहां मायावादी जमाने में आदमी ही आदमी का दुश्मन है, वहीं जानवरों व पशु पक्षियों में एक दूसरे के लिए स्नेह भरा हुआ है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण इस मामले में नजर आ रहा है।


नाग और नागिन की इस प्रेम कहानी को जिसने भी अपनी आंखों से देखा तो विश्वास नहीं कर सका। एक गड्ढे में दो फुट का नाग मरा पड़ा था और उसके मृत शरीर से लिपटी थी नागिन। वह दो दिन से नाग की देह के पास उसकी मौत पर विलाप कर रही है।पहली नजर में देखने पर लगता है कि दो सांप मरे पड़े हैं। नाग की लाश पर नागिन इस तरह चिपकी हुई कि उसके जिंदा रहने का एहसास नहीं हो रहा था। जब नाग को हिलाया गया तो नागिन ने गुस्से में अपना फन उठाया। इसके बाद वह नाग के चारों तरफ चक्कर लगा कर फिर उसी जगह आकर नाग के शरीर से लिपट गई। जब लोगों ने ये घटना देखा तो किताबों में पढ़ा व सुना अंधविश्वास फिर से जन्म लेने लगा।

शनिवार को रूपनगर के रहने वाले एक युवक ने बताया कि किसी ने नाग को मार कर वहां फेंक दिया था। उसने पास में ही गड्ढा खोद कर उसे दफनाने का सोची। अमित कुमार, रणधीर व नरेश कुमार ने बताया कि नवरात्रों में नाग के इस तरह पड़े रहने को अशुभ समझा जाता है। गड्ढा खोदने के बाद लाठी से जैसे ही वे मृतक नाग को उठाने लगे तो उन्हें उसकी देह से लिपटी नागिन का अहसास हुआ। नाग को हिलाने से उसने क्रोध में फन उठाया तो युवक पीछे हट गए। मिट्टी के रंग की नागिन नाग के शरीर के पास फन फैला कर बैठ गई। वह कभी वहां चक्कर लगाती तो कभी उसके शरीर से लिपट जाती। जब नाग को छेड़ा जाता तो वह फन उठा कर विरोध जताती। समाचार लिखे जाने तक नागिन नाग के शरीर के साथ लिपटी हुई थी। जिसने भी इस घटना को सुना वह मौके पर पहुंच गया। देखते ही देखते वहां महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। अमीचंद, अनिल कुमार, चंद्रभान, बलवीर व मांगे राम ने कहा कि उनका प्रयास है कि नागिन को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे और वह पास के जंगल में चली जाए। इसके बाद में वे मृत नाग को दफन कर देंगे। अगर अब वे नाग को हटाते हैं तो नागिन उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने चाचा की चिता को अग्नि दी



मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने चाचा की चिता को अग्नि दी

जोधपुर 22 अक्टूबर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने चाचा श्री मोहनसिंह गहलोत की चिता को अग्नि दी।

मुख्यमंत्री आज शाम सा़े चार बजे जोधपुर पहुंचे तथा वहां से सीधे मण्डोर स्थित अपने भाई के फार्म हाउस जाकर श्री मोहनसिंह गहलोत की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर उनके अंतिम दर्शन किये तथा उनकी अर्थी को कंधा दिया। मुख्यमंत्री वहां से सीधे कागा शमशान भूमि पहुंचे जहां उन्होंने अपने भाइयों श्री कंवरसेन तथा श्री अग्रसेन के साथ मिलकर  मोहनसिंह की चिता को अग्नि दी।  मोहनसिंह गहलोत लगभग 85 साल के थे तथा बीमार होने के कारण मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती थे। आज दोपहर लगभग सा़े बारह बजे उनका निधन हुआ। उनके कोई पुत्र नहीं है। उनके अंतिम संस्कार के अवसर पर महापौर रामेश्वर दाधीच, उपमहापौर न्याज मोहम्मद, विधायक कैलाश भंसाली, जेडीए चेयरमेन राजेन्द्र सोलंकी, पूर्व विधायक हीरालाल बिश्नोई, जुगल काबरा, सईद असांरी, अनिल टांटिया, इकबाल खान, जवाहर सुराणा, प्रदीप ाकलिया, सुनील परिहार, रणवीरसिंह कच्छवाहा, जसवंतसिंह कच्छवाहा, जिला कलक्टर गौरव गोयल, पुलिस कमिश्नर भूपेन्द्र दक, पुलिस अधीक्षक नवज्योति गोगोई, राहुल प्रकाश सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

फसीह महमूद 10 दिन के रिमांड पर

फसीह महमूद 10 दिन के रिमांड पर

नई दिल्ली। दिल्ली की स्थानीय अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी फसीह महमूद को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। फसीह के अधिवक्ता सैयद इरफान आलम ने मंगलवार को बताया कि मजिस्ट्रेट ने सोमवार शाम को पूछताछ के लिए फसीह को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

बेंगलूरू और दिल्ली में बम विस्फोटों को अंजाम देने के लिए षडयंत्र रचने के आरोपी फसीह को सोमवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। फसीह को सऊदी अरब ने प्रत्यर्पित किया था।

पेशे से इंजीनियर फसीह (35) बिहार के दरभंगा जिले का निवासी है। फसीह को हवाई अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर वर्ष 2010 में बेंगलूरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम और दिल्ली में एक विस्फोट की साजिशकरने का आरोप है। दिल्ली और कर्नाटक पुलिस को उसकी तलाश थी।

सऊदी अरब में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत महमूद को सऊदी प्रशासन ने संदिग्ध आतंकी सम्पर्क के लिए कथित तौर पर 13 मई को अल जुबल से गिरफ्तार किया था और 26 जून को जेल भेज दिया था।