शनिवार, 14 जुलाई 2012

अनुकंपा नौकरी पाने वाली महिला को देना होगा पहले पति के परिवार को आधा वेतन

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने पति की जगह अनुकंपा नौकरी पाने के बाद दूसरी शादी करने वाली महिला को पहले पति के परिवार को भरण-पोषण के लिए आधा वेतन देने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश गोविंद माथुर ने महिला की पहली सास भंवर कंवर की याचिका पर यह आदेश दिए। अदालत ने भंवर कंवर को एकमुश्त 50 हजार रु. भी दिए जाने को कहा है। 
याचिकाकर्ता ने अदालत में कहा कि उनका बेटा भगवत सिंह सीआरपीएफ में सिपाही पद पर कार्यरत था। ड्यूटी पर रहते हुए 25 अक्टूबर 1995 को भगवत की मौत हो गई। इसके बाद अनुकंपा के आधार पर उसकी पत्नी तेजकंवर को नौकरी दी गई। नौकरी लगने के बाद तेज कंवर ने दूसरा विवाह कर लिया। इससे भगवत की मां का भरण-पोषण बंद हो गया।

पुनर्विवाह के बाद तेजकंवर को मिलने वाली फैमिली पेंशन भी बंद कर दी गई। अदालत ने अनुकंपा स्कीम के क्लॉज 13 के आधार पर तेजकंवर के कुल वेतन में से 50 प्रतिशत राशि हर महीने की 10 तारीख तक भगवत की मां को दिए जाने के आदेश दिए। वेतन में कटौती एक अगस्त से की जाएगी।

तलाशी के नाम पर सबके सामने छात्रा के कपड़े उतारे

 

बारासात (पश्चिम बंगाल)। उत्तरी 24 परगना जिले के गोपालनगर में शिक्षिका ने आठवीं की एक छात्रा के कपड़े भरी क्लास में उतरवा दिए। इस छात्रा पर सहपाठी के पैसे चुराने का आरोप था।


लड़की के पिता पवित्र मंडल ने गोपालनगर विद्यालय की शिक्षिका रूपाली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने शिकायत में कहा कि रूपाली ने उनकी बेटी पर सहपाठी के पैसे चुराने का आरोप लगाया।


सभी छात्राओं के सामने कपड़े उतारे और तलाशी ली। एसडीओपी के अनुसार धारा 354, 509 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

बच्‍ची को पेशाब पिलाने के मामले में मनमोहन सिंह को नोटिस!


कोलकाता। विश्व भारती यूनिवर्सिटी के एक स्कूल में पांचवीं की छात्रा को स्व मूत्र पीने को मजबूर करने के मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अदालत की अवमानना का नोटिस भेजा गया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। कोलकाता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जेएन पटेल और जस्टिस संबुधा चक्रबर्ती ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया। याचिका में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी ने छात्रा को इस तरह की सजा देकर अदालत के आदेश की अवमानना की है।
हाईकोर्ट 2004 में बच्चों को किसी भी तरह की शारीरिक या मानसिक यातना देने पर रोक लगाई थी। याचिकाकर्ता तापस भंजा ने बताया कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सुशांत दत्ता गुप्ता, रजिस्ट्रार मणिमुकुट मित्रा, वार्डन उमा पोद्दार और पश्चिम बंगाल के शिक्षा सचिव बिक्रम सेन को भी नोटिस भेजा गया है। वार्डन उमा ने बच्ची द्वारा ने बच्ची द्वारा बिस्तर गीला किए जाने के अपराध में उसे अपना पेशाब पीने की सजा दी थी।

देखिये तस्वीरों में ....दिल्ली में छाया रेतिला बाड़मेर, चौहटन प्रधान शम्मा खान ने बदली काले पानी की कहानी


देखिये तस्वीरों में..... दिल्ली में छाया रेतिला बाड़मेर, चौहटन प्रधान शम्मा खान ने बदली काले पानी की कहानी 





बाड़मेर । सहरा के गांव के वाशिन्दों की मुश्किलात और यहां की जिन्दगी के फलसे से बहुत कुछ सीखने वाले एक बार फिर थार के इस बियबान की बात मुल्क की राजधानी में राष्ट्रीय स्तर पर रख गये। यहां के लोगो ने बिना बरखा और नव सरकारी पेयजल आपूर्ति के बिना इस तरह पानी को रजत बून्दो की तरह सहेजा है और पानी को जीवन का एक अंग नहीं बिल्कुल जीवन का आधार माना है। इस बात को यूनाईटेंड नेशनल डवलपमेन्ट प्रोग्राम के राष्ट्रीय स्तरीय बैठक में रखकर एक बार फिर बाड़मेर का नाम और सिर फक्र से ऊंचा करने का काम चौहटन प्रधान शम्मा खान ने किया हैं। गुरूवार और शुक्रवार को देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित हुई यूएनडीपी की राष्ट्रीय बैठक में राजस्थान की बात रखने वालो में शामिल रहे दो लोग। जिनमें जिला प्रमुख और बाड़मेर की चौहटन प्रधान शम्मा खान शामिल रहे। नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में देशभर से पहुचे विभिन्न अधिकारियों के बीच पश्चिमी राजस्थान के रेतिले ईलाके में विभिन्न आधारों पर हुए विकास कार्य के साथसाथ तेजी से बदलते परिवेश के अलावा इस क्षैत्र में पुख्ता जल प्रबंधन को लेकर चौहटन प्रधान ने अपनी बात रखी। तय समय सीमा के तहत दिये गये पांच मिनट के वक्त को चौहटन प्रधान के प्रस्तुतिकरण को देखते हुए ब़ा दिया गया। अपने 30 मिनट के उद्बोधन में उन्होने पश्चिमी राजस्थान के वाशिन्दो की बेहद कम वर्षा में भी वर्षो से चली आ रही पानी को लेकर सफल मित्तव्ययता की भावना और शानदार पेयजल संग्रहण की विधियों को बेहद सलीके से रखा। उन्होने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में पानी को सहजना किसी धर्म, जात और वर्ग से ब़कर एक परम्परा हैं। और बरसों से इस परम्परा का निर्वाहन करना यहां के लोगो का फर्ज बन पड़ा है। यहां के जल प्रबंधन से ना केवल देश भर को बल्कि सात समन्दर पार से आने वाले शोधार्थियों को भी प्रभावित किया है। उन्होने कहा कि जिस रेतीले इलाके को काले पानी का दर्जा दिय गया है और यहां के लोगो को रेत से नहाते है इस बात को जहां भर में फैलाया गया हैं। उसी बाड़मेर में पानी के तलाबो के नाम पर पार के गांव, जैसलमेर में सागर के गांव और बीकानेर में समन्दर का अर्थ वाले सर के नाम के गांव सबसे ज्यादा है। प्याऊ बनाना यहा की परम्परा रही है। यह आज भी जारी है। ऐसे में पानी को लेकर इस ईलाके को काला पानी कहना बेमानी है। पानी की कमी से पहचाने जाने वाले इलाके से बदनाम पश्चिमी राजस्थान के एक जनप्रतिनिधि की इन बातो पर ना केवल यूएनडीपी के हर सदस्य सकारात्मक सहमति देता नजर आया वहीं इस राष्ट्रीय बैठक में चौहटन प्रधान की इस बात को नई पहल में लेते हुए यूएनडीपी के नवीन वित्तिय वर्ष में राजस्थान को एक खास राज्य का दर्जा देने की बात को सहमति प्रदान की गई। चौहटन प्रधान ने अपनी पूर्ण प्रस्तुति और अपनी बात को बाड़मेर की आवाज का दर्जा दिया और कहा कि सही बात को हर जगह रखना आज की महत्ती आवश्यकता हैं। --

राजस्थानी राखों तो ही राजस्थान'


राजस्थानी राखों तो ही राजस्थान'
आरटेट में भाषायी विषय के तौर पर शामिल करने के लिए दस्तखत अभियान शुरू



बाड़मेर राजस्थानी भाषा विषय को अध्यापक पात्रता परीक्षा में शामिल करने को लेकर शुक्रवार को हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के आनुषांगिक संगठन राजस्थानी छात्र परिषद की ओर से कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर कैनवास पर कई लोगों ने हस्ताक्षर के साथ ही राजस्थानी भाषा को लेकर अपनी बात लिखी। परिषद के जिलाध्यक्ष अशोक सारला ने बताया कि हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से जागरूकता लाने के लिए दिनभर राजस्थानी भाषा प्रेमियों में उत्साह नजर आया। इस अवसर पर बोलते हुए संघर्ष समिति के संभाग उप पाटवी चंदनसिंह भाटी ने कहा 'राजस्थानी भासा राजस्थान में ही नहीं, दूजै प्रांत अर विदेसां में भी बोली-समझी जावै है। पण आरटेट में माय राजस्थानी भासां रो विकल्प नहीं है। राजस्थानी राखों ला तो ही राजस्थान आगे बढ़े ला।' अन्य वक्ताओं ने भी राजस्थानी भाषा को आरटेट सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल करने को लेकर अपनी बात कही। दस्तखत अभियान के आगाज पर हिंदुसिंह सोढ़ा, गोपालसिंह रावलोत, अवतार सिंह, महेश जीनगर, सवाईसिंह चाहड़ार, गणेश भील, देवेंद्र, जीतू फुलवारी, दरेंद्र अणखिया, धर्मेंद्र शर्मा, दामोदर सहित कई लोगों ने हस्ताक्षर किए।

अब कैंपस में भी अभियान: अब हस्ताक्षर अभियान शिक्षण संस्थाओं में चलेगा। सोमवार को पीजी कॉलेज व 20 जुलाई को मुल्तानमल भीखचंद छाजेड़ राजकीय कन्या महाविद्यालय में कैनवास पर हस्ताक्षर के लिए छात्र-छात्राओं को अभियान से जोड़ा जाएगा।

सात दिन की मेहनत के बाद, मिला एक शव


सात दिन की मेहनत के बाद, मिला एक शव


कड़ी मेहनत के बाद पाताल से ढूंढ निकाला शव, कुएं की 110 फीट गहराई तक की खुदाई



बाड़मेर ठठर का डेर में कुएं की एक सौ दस फीट गहराई में खड़ा हूं। शुक्रवार को सात दिन की मशक्कत के बाद एक शव ढूंढ लिया गया। सैकड़ों हाथ कुएं से मिटटी निकालने में जुटे हैं। कुएं पर नजरें गड़ाए बैठे लोगों की आंखें इंतजार करते -करते थक चुकी है। जिंदगी की जंग तो हार गए मगर शवों को बाहर निकालने में हमदर्दी का जज्बा जारी था। खामोश निगाहें इस बात की गवाह बनी थी, हर कोई इस घटना से क्षुब्ध था।

जिला मुख्यालय से करीब साठ किलोमीटर दूर स्थित ठठर का डेर में गत शनिवार को कुएं के नीचे दबे दो श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद चल रही है। बीते सात दिन व 168 घंटे से मददगार शवों को ढूंढने में जुटे हैं। जिंदा होने की उम्मीद छोड़ चुके परिजन रब से बस यही दुआ कर रहे थे कि शव सलामत मिल जाए। मृतकों के घरों में मातम छाया है। कुएं का फर्मा बांधकर खुदाई का कार्य निरंतर जारी है। अब तक एक सौ फीट की गहराई तक खुदाई पूरी हो चुकी है। एक युवक का शव मिट्टी से ढूंढ लिया। देर रात शव को बाहर निकाला गया। यह शव मीरा का है या गब्बर का। इसकी पुष्टि समाचार लिखे जाने तक नहीं हो पाई थी।

आखिर फूट पड़ी रूलाई:

कितनोरिया गांव के दो युवाओं की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। वे यहां एक खेत में कुएं की खुदाई के लिए आए थे। शाम को घर लौटने का परिवार के सदस्यों को बेसब्री से इंतजार था। जब पता चला कि वे कुएं में दब गए है तब से परिवार के सदस्य दौड़ते हुए ठठर का डेर पहुंचे। जहां पर जिंदा होने की उम्मीदें निराशा में बदल गई। घर के कमाऊ सपूतों की मौत से उनके परिवार के सदस्यों के अरमान टूट गए।

60साल के अलाना ने दिखाई बहादुरी: कुएं की खुदाई के साथ फर्मा बांधने की जिम्मेदारी साठ बसंत देख चुके अलाना खां व उनकी टीम ने संभाली। उम्र के अंतिम पड़ाव में बुलंद हौसले की बदौलत यह बुजुर्ग सौ फीट की गहराई में साथियों के साथ खुदाई में हाथ बंटाता रहा। उनके साथ जुनस खां, रहीम खां बामणोर, फारुख खां, इदल खां, जमील खां, हुसैन व कुरबान शामिल थे। इस टीम ने पाताल तक पहुंचने में कामयाबी दिलाई।

मददगार बने सैकड़ों लोग: कुएं में दबे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए मदद को सैकड़ों ग्रामीण सात दिन से जुटे रहे। 



आसपास के गांवों से आए लोग यहां पड़ाव डाले हुए हैं। कुएं के चारों तरफ वाहनों की दिनभर रेलमपेल लगी रही। टेंट व पेड़ों की छांव में ग्रामीण श्रमिकों के शव बाहर निकाले जाने का बेसब्री से इंतजार करते नजर आए। ग्रामीणों के लिए भोजन, चाय व पानी के इंतजाम कर रखे थे।

प्रशासन ने दिखाई मुस्तैदी

कुएं में दबे श्रमिकों को बाहर निकालने की जंग के दौरान प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई। चौहटन एसडीएम राकेश चौधरी, पुलिस थाना धोरीमन्ना के थानाधिकारी लूण सिंह भाटी मय दल व अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे। वे ग्रामीणों का हौसला अफजाई करते रहे।

शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

मोटी कमाई का शॉर्टकट रास्ता, हाई-प्रोफाइल लड़कियों ने चुना यह धंधा

लुधियाना.जब सुजीत सिरकर ने आयुष्मान खुराना के साथ विकी डोनर फिल्म बनाई तो देश में स्पर्म (वीर्य) डोनेशन पर खुलकर पहली बार बहस हुई। हालांकि इस फिल्म में विकी स्पर्म दान के रूप में नहीं देता है बल्कि वह पैसे कमाने के लिए बेचता है। विकी को स्पर्म के बदले इतने पैसे मिलते हैं कि वह इसे ही पेशा बना लेता है। स्पर्म बेचना भारत के लिए नई बात है।

 


विकी डोनर आने के बाद इस प्रवृत्ति को खूब हवा मिली। हालांकि ऐसा नहीं है कि केवल विकी ही स्पर्म बेचता है। बरखा भी अपना डिंब या अंडे बेचती है। यहां किसी एक बरखा की बात नहीं है। बरखा का मतलब है कि लड़कियां भी अपना डिंब या अंडे आईवीएफ ( इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) यानी शरीर के बाहर डिंब या शुक्राणु के निषेचन के लिए मोटी कीमत लेकर बेचती हैं। लड़कियां डिंब या अंडे के बदले 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक वसूलती हैं।




अंडे दान करने वाली लड़कियों के भी हैं तीन वर्ग




अंडे दान करने वाली लड़कियों के भी तीन वर्ग हैं। पहली जिनके अपने बच्चे हैं और अब वे पैसे के लिए ऐसा कर रही हैं। दूसरी वो आईवीएफ के लिए हॉस्पिटल पहुंचती हैं और उनके अंडों की गुणवत्ता देखकर डॉक्टर उन्हें अपने अंडे जरूरतमंद महिला को साझा करने का सुझाव देते हैं। इसके बदले उनके आईवीएफ का खर्च माफ हो जाता है। तीसरा वर्ग उन पढ़ी-लिखी हाई-प्रोफाइल लड़कियों का है जो अपनी ऊपरी खर्चे निकालने के लिए यह काम करती हैं। 20-22 साल की ये लड़कियां बिल्कुल विकी की तरह ही बिंदास हैं।




अंडे (डिंब) दान या स्पर्म दान में क्या फर्क है?




एक प्रक्रिया के तौर पर स्पर्म दान से कहीं लंबी प्रक्रिया अंडे दान की है। इस पूरी प्रक्रिया में 12 से 14 दिन का समय लगता है। एग डोनेशन बैंक से एक उचित लड़की को चुनकर इस प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। करीब आठ से 10 दिनों तक हार्मोन इंजेक्शन लगाकर लड़की का मासिक चक्र मां बनने की इच्छुक महिला के मासिक चक्र से मिलाया जाता है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि 10 से 12 अंडे बन सकें। फिर बिना किसी ऑपरेशन उन अंडों को बाहर निकालकर उनका शुक्राणुओं से मेल करा दो दिन बाद मातृत्व की चाह रखने वाली महिला के गर्भ में आगे के विकास के लिए रख दिया जाता है। इसके 12 दिन में महिला का गर्भ ठहरना सुनिश्चित हो जाता है। इन सारी प्रक्रिया में बच्चे के लिए अंडा मुहैया कराने वाली लड़की की पहचान गुप्त रखी जाती है।




पंजाबी मूल की लड़कियों के डिंब सबसे महंगे




पंजाबी मूल की लड़कियों के डिंब या अंडे की गुवणत्ता को सुपर माना जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि इनकी कद और शारीरिक बनावट शानदार होती है। ऐसे में इनके डिंब से होने वाली संतान के तीखे नैन-नक्श और ऊंचे कद की संभावना प्रबल होती है।

यहां मां बनने के बाद ही होती है लड़कियों की शादी


यहां मां बनने के बाद ही होती है लड़कियों की शादी, देखिए तस्वीरें



यहां किसी लड़की की शादी तभी होती है जब वह मां बन जाती है। जी हां, यह सुन कर आप भले ही चौंक गए हों, लेकिन यह सौ फीसदी सही है। यह प्रथा अपने ही देश की एक जनजाति में आज भी कायम है। इस जनजाति का नाम टोटो है।

यहां मां बनने के बाद ही होती है लड़कियों की शादी, देखिए तस्वीरें 

यह जनजाति पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी क्षेत्र में टोटोपाड़ा कस्बे में रहती है। टोटोपाड़ा भारत और भूटान सीमा से लगा हुआ क्षेत्र है। इस आदिम जनजाति की परंपरा और रहन सहन सब कुछ आनोखा है। यहां शादी का नियम बहुत ही अलग है। यहां विवाह से पहले लड़की का मां बनना अनिवार्य है।इस जनजाति में लड़के को जो लड़की पसंद आती है उसे लड़का रात में लेकर चुपचाप भाग जाता है। इसके बाद लड़की एक साल तक उस लड़के के साथ उसके घर में रहती हैइस दौरान यदि लड़की मां बन जाती है तो उसे विवाह योग्य मान लिया जाता है। इसके बाद लड़का और लड़की के परिवार वाले मिलकार शादी की शानदार तैयारी करते हैं। दोनों की धूमधाम से शादी करवा दी जाती हैइस समुदाय में शादी की मर्यादा को बनाये रखने के लिए कठोर नियम बनाये गये हैं ताकि कोई विवाह को तोड़ न सके। अगर कोई लड़का अथवा लड़की शादी तोड़ना चाहे तो उसे विशेष पूजा का आयोजन करना पड़ता है जो शादी से भी अधिक खर्चीला होता है। इसमें सूअर की बलि दी जाती है।बताते चलें कि टोटो जनजाति दुनिया की लुप्तप्राय जनजातियों में से एक है और यह संभवतः भारत की सबसे कम आबादी वाली जनजाति है। यह जनजाति ऐसी है जिसके ऊपर परिवार नियोजन या नसबंदी जैसे उपायों के प्रयोग पर प्रतिबंध है क्योंकि उनकी कुल संख्या सिर्फ़ 1265 है, 1991 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक़ उनकी आबादी 936 थी।

ज़िंदगी की कठिनाइयों से परेशान होकर इस जनजाति की महिलाएं पास के शहर में जाकर फ़र्ज़ी नामों से नसबंदी करा रही हैं क्योंकि टोटोपारा में बच्चों का पेट पालना कोई आसान काम नहीं है। भूटान की सीमा से लगे टोटोपारा गांव में केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्यक्रमों की छाया तक नहीं पहुंची है।

दांतों के डॉक्टर ने ऐसा चंगुल में फंसाया, बेहोश कर बना ली अश्लील सीडी



सोनीपत. डाक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है, परंतु शहर में एक दंत चिकित्सक ने महिला रोगी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। उसी हालत में उसके साथ बलात्कार किया और अश्लील सीडी बना ली। बाद में सीडी से पीड़िता को ब्लैकमेल कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा।
 



जब महिला छह माह की गर्भवती हो गई तो डाक्टर ने शादी से मना कर दिया। महिला ने इसकी शिकायत सिक्का कालोनी पुलिस चौकी में की। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया। महिला ने दंत चिकित्सक गौरव रायल पर बलात्कार के अलावा भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है।




डाक्टर पर मामला दर्ज होने पर शहर के सभी डाक्टरों में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। पुलिस को दी शिकायत में बताया कि फिलहाल पीड़िता करनाल में अपने भाई के पास रहती है। वर्ष 2005 में उसकी सेक्टर-14 निवासी सचिन के साथ हुई थी। जनवरी 2011 में वह अपने पति के साथ रायल अस्पताल में दांत की जांच कराने के लिए आई थी। जहां पर दंत चिकित्सक गौरव ने उसके दांतों की जांच की और कुछ दिन बाद जांच कराने के लिए बुलाया। वह अकेली ही चली गई। अस्पताल में डा.गौरव भी अकेले ही थे। उसने आरोप लगाया कि डाक्टर ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। इसके बाद वह बेहोश हो गई। डाक्टर ने उसके साथ बलात्कार किया और उसकी अश्लील सीडी बना ली। बाद में उस सीडी के बल पर वह लगातार ब्लैकमेल कर बलात्कार करता रहा।


पुलिस को सीडी की तलाश

डीएसपी बलबीर सिंह ने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला ने अश्लील सीडी बनाने का आरोप लगाया है। पुलिस सीडी की तलाश कर रही है। फिलहाल बरामद नहीं हुई है।


डाक्टर ने कराया तलाक

आरोपी डाक्टर ने पीड़िता को इस कदर अपने चंगुल में फंसाया हुआ था कि उसका हंसता खेलता हुआ परिवार तबाह हो गया। करीब छह वर्ष से शादी का बंधन भी टूट गया। उसके पति के साथ तलाक हो गया। जबकि डाक्टर उसे लगातार शादी करने का झांसा दे रहा था। जब वह छह की गर्भवती हो गई तो डाक्टर ने शादी करने से मना कर दिया। इसके बाद तो उसका सबकुछ ही लूट गया।

परमाणु सक्षम अग्नि-1 का सफल परीक्षण

परमाणु सक्षम अग्नि-1 का सफल परीक्षण
भुवनेश्वर। भारत ने शुक्रवार को स्वदेशी तकनीक से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु सक्षम अग्नि-1 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि ओडिशा के एक सैन्य ठिकाने से यह परीक्षण किया गया। अग्नि मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है।

यह मिसाइल 700 किलोमीटर दूरी तक के लक्ष्यों को भेद सकती है और एक टन वजनी परमाणु मुखास्त्र वहन कर सकती है। यहां से करीब 170 किलोमीटर दूर भद्रक जिले के धामरा के नजदीक व्हीलर द्वीप पर एक सैन्य ठिकाने से यह परीक्षण किया गया।

एकीकृत परीक्षण केंद्र के निदेशक एम.वी.के. वी. प्रसाद ने बताया कि यह मिसाइल 100 प्रतिशत अचूकता के साथ लक्ष्यों को निशाना बनाएगी।

झोंपे में आग से विवाहिता जिंदा जली

झोंपे में आग से विवाहिता जिंदा जली
रामदेवरा। गांव के पूर्वी छोर स्थित ब्रजपुरा बस्ती में गुरूवार दोपहर रहवासी झोंपे में आग लगने से उसमें बैठी विवाहिता जिंदा जल गई। गांव के रेलवे स्टेशन के सामने आबाद ब्रजपुरा बस्ती में गुरूवार दोपहर एक बजे एक झोंपे में अचानक आग लग गई। तेज हवा से चंद मिनटों में ही आग ने पूरे झोंपे में फैल गई। जिससे झोंपा धूं-धूं जलने लगा।

इस दौरान युवती काली (30) पत्नी गुणाराम बेलदार झोंपे के अंदर ही बैठी थी। जिसे बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिलाा तथा वह आग की लपटों से झुलस गई एवं सूखी लकडियों से बना झोंपा उस पर गिर जाने व बुरी तरह से जल जाने से उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। धुंआ उठता देख आसपास के लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक काली की मौत हो चुकी थी।

पुलिस उपाधीक्षक ने किया मौका मुआयना
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस उपाधीक्षक विपिनकुमार शर्मा व उपनिरीक्षक हुकमसिंह शेखावत मौके पर पहुंचे तथा घटनास्थल का जायजा लिया। सूचना पर पोकरण नगरपालिका की दमकल भी मौके पर पहुंची तथा आग को काबू किया। आग से झोंपे में रखा अनाज, खाने पीने के बर्तन सहित अन्य सामान भी जलकर नष्ट हो गया।

कारणों का नहीं चला पता
झोंपे में लगी आग के कारणों का पता नहीं चला है। न किसी पक्ष की ओर से मामला दर्ज करवाया। पुलिस के युवती के पीहर पक्ष के आने का इंतजार कर रही है तथा मामले की जांच कर रही है। झोंपे में आग व युवती के जिंदा जल जाने की सूचना गांव में फैलते ही घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।

पाक मे कैदियोंं के कब्जे में 15 वार्डन

पाक मे कैदियोंं के कब्जे में 15 वार्डन
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के हैदराबाद सेंट्रल जेल के कैदियों ने शुक्रवार को जेल प्रशासान के साथ झड़प होने के बाद जेल के 15 वार्डन को बंधक बना लिया। जेल के पुलिस उप महानिरीक्षक गुलजार चन्ना ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि कैदियों ने 15 वार्डन को बंधक बना लिया है। चन्ना ने बताया कि कैदी जेल तोड़ने का प्रयास कर रहे थे जिसे नाकाम करने के लिए पुलिस ने सुबह करीब 11 बजे गोलाबारी और फायरिंग की। घटना के सिलसिले में कैदियों का पक्ष नहीं जाना जा सका।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि कैदी बैरक से बाहर ज्यादा समय बिताने की अनुमति दिए जाने के लिए मांग कर रहे थे। साजिद खासखेली और करीम बख्श नाम के दो कैदियों की कथित रूप से मौत हो गई। एक शव को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया है। जेल अस्पताल के प्रभारी डॉ. पीर मंजूर अली ने बताया कि संघर्ष में तीन वार्डन और तीन कैदी घायल हो गए हैं।

बंधकों को छुड़ाने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने कोई अभियान नहीं शुरू किया है। पिछले वर्ष एक जेल में इस तरह के एक अभियान के बाद सिंध हाईकोर्ट के न्यायाधीश सज्जाद अली शाह ने अपने आदेश में कहा था कि प्रशासन अदालत से अनुमति लिए बगैर कैदियों के खिलाफ कोई अभियान नहीं चला सकता है। हैदराबाद सेंट्रल जेल में मार्च 2011 में एक कप चाय को लेकर कैदियों के विरोध के बाद हुए संघर्ष में सात कै दियों की मौत हो गई थी तथा 40 कैदी और सात पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

ससुर ने किया रेप,बहू हो गई प्रेगनेंट

ससुर ने किया रेप,बहू हो गई प्रेगनेंट
मुजफ्फरनगर। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। कहीं पड़ोसी बलात्कार कर रहा है तो कहीं बाप ही अपनी बेटी को शिकार बना रहा है। यूपी के मुजफ्फरनगर में भी इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। मुजफ्फरपुर जिले के डाभेरी गांव में एक ससुर ने अपनी बहू की अस्मत लूट ली। उप पुलिस अधीक्षक रफीक अहमद ने बताया कि आरोपी अमान जबीर को गिरफ्तार कर लिया गया है। रेप के बाद अमान की बहू गर्भवती हो गई थी। इससे पहले यूपी में ही पुलिस थाने में रेप की कोशिश का मामला सामने आया था।

एक लड़की,20 लड़के,सरे राह कपड़े फाड़े

एक लड़की,20 लड़के,सरे राह कपड़े फाड़े
गुवाहाटी। एक अकेली नाबालिग लड़की और 20 लोग। नाबालिग से सरेराह छेड़खानी और मारपीट। बाद में लड़की के कपड़े फाड़े। आधे घंटे तक यह सब चलता रहा। न तो पुलिस बचाने आई और न ही आम लोग। सब तमाशबीन बने रहे।

यह घटना है कि असम के गुवाहाटी की। सोमवार रात करीब 20 लोगों ने इस लड़की पर उस वक्त हमला किया जब वह क्रिश्चियन बस्ती इलाके में स्थित एक बार से पार्टी कर अपने घर लौट रही थी। इस घटना से पूरा देश शर्मसार हो रहा है। आम लोगों के साथ साथ बॉलीवुड भी इस घटना की निंदा कर रहा है और आरोपियों की कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। महिला आयोग ने तो आरोपियों को उम्र कैद की सजा देने की मांग की है।

सूत्रों के मुताबिक जब यह लड़की अपने घर लौट रही थी तो रास्ते में किसी लड़के ने इस पर भद्दे कमेंट किए। इसको लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इस बीच कई और लोग वहां पहुंचे और लड़की से छेड़खानी करने लगे। जब लड़की ने विरोध किया तो उसकी धुनाई कर दी और कपड़े फाड़ दिए। घटना का पता उस वक्त लगा जब यू ट्यूब ने इंटरनेट पर वीडियो डाला। पुलिस ने 20 में से चार लोगों को पहचान कर ली है। इनमें से तीन को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

असम के डीजीपी जयंतो ए चौधरी ने बताया कि घटना के संबंध में जानकारी के लिए बार मालिक से पूछताछ की जाएगी। वीडियो से आरोपी लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। मामले को लेकर जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर दी जाए्गी। असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए वे इस तरह की करतूतों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से सभी बार,पब,होटल और क्लबों पर नजर रखने को कहा है। गोगोई ने कहा कि अगर पुलिस और प्रशासन को इस तरह की घटना की सूचना मिलती है तो तुरंत छापा मारे।

200 की सीमा खत्म, खूब करो एसएमस

200 की सीमा खत्म, खूब करो एसएमस
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्राई के फैसले को पलटते हुए मोबाइल धारकों को प्रतिदिन 200 से ज्यादा एसएमएस करने की छूट दे दी है। हालांकि कारोबारियों को इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। एनजीओ टेलीकॉम वॉचडॉग की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सीकरी और राजीव सहाय की खंडपीठ ने शुक्रवार को कहा कि इस तरह की पाबदी लगाना उचित नहीं।

मालूम हो कि ट्राई ने 27 सितम्बर 2011 को मोबाइल धारकों पर रोज 220 से अधिक मैसेज करने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके खिलाफ एनजीओ टेलीकॉम वॉचडॉग ने हाईकोर्ट में यह कहते हुए याचिका दाखिल की थी कि ट्राई का यह आदेश अभिव्यक्ति की आजादी का हनन करने के समान है।