शनिवार, 14 जुलाई 2012

सात दिन की मेहनत के बाद, मिला एक शव


सात दिन की मेहनत के बाद, मिला एक शव


कड़ी मेहनत के बाद पाताल से ढूंढ निकाला शव, कुएं की 110 फीट गहराई तक की खुदाई



बाड़मेर ठठर का डेर में कुएं की एक सौ दस फीट गहराई में खड़ा हूं। शुक्रवार को सात दिन की मशक्कत के बाद एक शव ढूंढ लिया गया। सैकड़ों हाथ कुएं से मिटटी निकालने में जुटे हैं। कुएं पर नजरें गड़ाए बैठे लोगों की आंखें इंतजार करते -करते थक चुकी है। जिंदगी की जंग तो हार गए मगर शवों को बाहर निकालने में हमदर्दी का जज्बा जारी था। खामोश निगाहें इस बात की गवाह बनी थी, हर कोई इस घटना से क्षुब्ध था।

जिला मुख्यालय से करीब साठ किलोमीटर दूर स्थित ठठर का डेर में गत शनिवार को कुएं के नीचे दबे दो श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद चल रही है। बीते सात दिन व 168 घंटे से मददगार शवों को ढूंढने में जुटे हैं। जिंदा होने की उम्मीद छोड़ चुके परिजन रब से बस यही दुआ कर रहे थे कि शव सलामत मिल जाए। मृतकों के घरों में मातम छाया है। कुएं का फर्मा बांधकर खुदाई का कार्य निरंतर जारी है। अब तक एक सौ फीट की गहराई तक खुदाई पूरी हो चुकी है। एक युवक का शव मिट्टी से ढूंढ लिया। देर रात शव को बाहर निकाला गया। यह शव मीरा का है या गब्बर का। इसकी पुष्टि समाचार लिखे जाने तक नहीं हो पाई थी।

आखिर फूट पड़ी रूलाई:

कितनोरिया गांव के दो युवाओं की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। वे यहां एक खेत में कुएं की खुदाई के लिए आए थे। शाम को घर लौटने का परिवार के सदस्यों को बेसब्री से इंतजार था। जब पता चला कि वे कुएं में दब गए है तब से परिवार के सदस्य दौड़ते हुए ठठर का डेर पहुंचे। जहां पर जिंदा होने की उम्मीदें निराशा में बदल गई। घर के कमाऊ सपूतों की मौत से उनके परिवार के सदस्यों के अरमान टूट गए।

60साल के अलाना ने दिखाई बहादुरी: कुएं की खुदाई के साथ फर्मा बांधने की जिम्मेदारी साठ बसंत देख चुके अलाना खां व उनकी टीम ने संभाली। उम्र के अंतिम पड़ाव में बुलंद हौसले की बदौलत यह बुजुर्ग सौ फीट की गहराई में साथियों के साथ खुदाई में हाथ बंटाता रहा। उनके साथ जुनस खां, रहीम खां बामणोर, फारुख खां, इदल खां, जमील खां, हुसैन व कुरबान शामिल थे। इस टीम ने पाताल तक पहुंचने में कामयाबी दिलाई।

मददगार बने सैकड़ों लोग: कुएं में दबे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए मदद को सैकड़ों ग्रामीण सात दिन से जुटे रहे। 



आसपास के गांवों से आए लोग यहां पड़ाव डाले हुए हैं। कुएं के चारों तरफ वाहनों की दिनभर रेलमपेल लगी रही। टेंट व पेड़ों की छांव में ग्रामीण श्रमिकों के शव बाहर निकाले जाने का बेसब्री से इंतजार करते नजर आए। ग्रामीणों के लिए भोजन, चाय व पानी के इंतजाम कर रखे थे।

प्रशासन ने दिखाई मुस्तैदी

कुएं में दबे श्रमिकों को बाहर निकालने की जंग के दौरान प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई। चौहटन एसडीएम राकेश चौधरी, पुलिस थाना धोरीमन्ना के थानाधिकारी लूण सिंह भाटी मय दल व अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे। वे ग्रामीणों का हौसला अफजाई करते रहे।

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