प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। कोलकाता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जेएन पटेल और जस्टिस संबुधा चक्रबर्ती ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया। याचिका में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी ने छात्रा को इस तरह की सजा देकर अदालत के आदेश की अवमानना की है।
हाईकोर्ट 2004 में बच्चों को किसी भी तरह की शारीरिक या मानसिक यातना देने पर रोक लगाई थी। याचिकाकर्ता तापस भंजा ने बताया कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सुशांत दत्ता गुप्ता, रजिस्ट्रार मणिमुकुट मित्रा, वार्डन उमा पोद्दार और पश्चिम बंगाल के शिक्षा सचिव बिक्रम सेन को भी नोटिस भेजा गया है। वार्डन उमा ने बच्ची द्वारा ने बच्ची द्वारा बिस्तर गीला किए जाने के अपराध में उसे अपना पेशाब पीने की सजा दी थी।
इस गंभीर विषय पर बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी का चुप रहना औरत औरत का शोषण की साजिश्ह माना जायेगा !
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