शनिवार, 14 जुलाई 2012

राजस्थानी राखों तो ही राजस्थान'


राजस्थानी राखों तो ही राजस्थान'
आरटेट में भाषायी विषय के तौर पर शामिल करने के लिए दस्तखत अभियान शुरू



बाड़मेर राजस्थानी भाषा विषय को अध्यापक पात्रता परीक्षा में शामिल करने को लेकर शुक्रवार को हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के आनुषांगिक संगठन राजस्थानी छात्र परिषद की ओर से कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर कैनवास पर कई लोगों ने हस्ताक्षर के साथ ही राजस्थानी भाषा को लेकर अपनी बात लिखी। परिषद के जिलाध्यक्ष अशोक सारला ने बताया कि हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से जागरूकता लाने के लिए दिनभर राजस्थानी भाषा प्रेमियों में उत्साह नजर आया। इस अवसर पर बोलते हुए संघर्ष समिति के संभाग उप पाटवी चंदनसिंह भाटी ने कहा 'राजस्थानी भासा राजस्थान में ही नहीं, दूजै प्रांत अर विदेसां में भी बोली-समझी जावै है। पण आरटेट में माय राजस्थानी भासां रो विकल्प नहीं है। राजस्थानी राखों ला तो ही राजस्थान आगे बढ़े ला।' अन्य वक्ताओं ने भी राजस्थानी भाषा को आरटेट सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल करने को लेकर अपनी बात कही। दस्तखत अभियान के आगाज पर हिंदुसिंह सोढ़ा, गोपालसिंह रावलोत, अवतार सिंह, महेश जीनगर, सवाईसिंह चाहड़ार, गणेश भील, देवेंद्र, जीतू फुलवारी, दरेंद्र अणखिया, धर्मेंद्र शर्मा, दामोदर सहित कई लोगों ने हस्ताक्षर किए।

अब कैंपस में भी अभियान: अब हस्ताक्षर अभियान शिक्षण संस्थाओं में चलेगा। सोमवार को पीजी कॉलेज व 20 जुलाई को मुल्तानमल भीखचंद छाजेड़ राजकीय कन्या महाविद्यालय में कैनवास पर हस्ताक्षर के लिए छात्र-छात्राओं को अभियान से जोड़ा जाएगा।

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