शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

हवाओं से पैदा की 20 करोड़ यूनिट बिजली

हवाओं से पैदा की 20 करोड़ यूनिट बिजली

जैसलमेर स्वर्ण नगरी में चारों दिशा में पवन ऊर्जा संयंत्र लगे हुए हैं। इन्हें लेकर कई विवाद भी हुए , लेकिन इसका सच्चा पहलू यह है कि जून माह में विंड मील से 20 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। प्रदेश के विकास में सहायक साबित हो रही जैसलमेर की हवाओं ने जिले में भी विकास की नदी बहा दी । पिछले एक दशक से लग रहे पवन ऊर्जा संयंत्र आज भी निरंतर स्थापित हो रहे हैं और जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में विंड मील कंपनियों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। मई माह में करीब 19 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ था। जून में यह आंकड़ा 20 करोड़ को पार कर गया है। जुलाई में इससे भी ज्यादा उत्पादन होने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि जिले में 1657 मेगावाट के पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार आगामी दो साल में यह आंकड़ा 2 हजार पार कर जाएगा। ऐसे में प्रदेश के बिजली संकट को दूर करने में जैसलमेर का बहुत बड़ा योगदान होगा ।



वर्तमान में जहां प्रदेश में रोजाना 12 से 14 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है वहीं जैसलमेर में प्रतिमाह औसतन इतनी ही बिजली उत्पादित की जा रही है। जैसलमेर में सुजलोन, एनरकॉन और वेस्टास जैसी नामी गिरामी कंपनियों के पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में अन्य कंपनियां भी जैसलमेर की ओर रुख कर रही है।

बहन के प्यार पर थी भाइयों की निगाह, मौका पाते ही किया रिश्ते का कत्ल


नई दिल्ली। मंगोलपुरी इलाके में एक ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। दो भाइयों ने झूठी शान की खातिर एक युवक की चाकू घोंप कर हत्या कर दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया गया है।

 



बाहरी दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त भोला शंकर जायसवाल ने बताया कि दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि युवक पड़ोस में रहने वाली एक युवती से आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी, जिससे युवती के परिजन नाराज थे।


जानकारी के मुताबिक मंगोलपुरी इलाके में रहने वाली ज्योति और पड़ोस में रहने वाले रणवीर दोनों स्कूल के दिनों से ही एक-दूसरे को पसंद करते थे और शादी करना चाहते थे। लेकिन, ज्योति के परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे।

इसके बाद ज्योति ने परिजनों के विरोध के बावजूद अप्रैल माह में रणबीर से आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली, जिसके बाद से ही उसके परिजन अक्सर दोनों को परेशान कर रहे थे।


हालांकि, इस प्रेमी जोड़े ने सुरक्षा के लिए अदालत की शरण भी ली थी। गुरुवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे राहुल और गौरव अपनी बहन ज्योति के घर पहुंचे तो वह बाहर गई हुई थी। जबकि रणबीर के माता-पिता भी राजस्थान के भरतपुर स्थित अपने पैत्रिक गांव में गए हुए थे। घटना के समय रणवीर घर पर अकेला मौजूद था।


इसके बाद दोनों आरोपी भाई रणवीर (21) को जबरन एक पार्क में ले गए, जहां दोनों ने चाकू से गोदकर रणवीर को गंभीर रूप से घायल कर दिया और भाग गए। आसपास के लोगों से सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने रणबीर को संजय गांधी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ज्योति के बयान के आधार पर उसके भाइयों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपी गौरव और राहुल को गिरफ्तार कर लिया है। रणवीर फिलहाल मध्य प्रदेश के एक निजी कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था।

45000 करोड़ रुपए का घोटाला: मुख्य सचिव, बिल्डर के खिलाफ एफआईआर


मुंबई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बिल्डर निरंजन हीरानंदानी और नगर विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी बेंजामिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

 

एक आवास घोटाले में विशेष अदालत ने एसीबी को दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। अनुमान है इस आवास घोटाले में 45,000 करोड़ रुपए की गड़बड़ी हुई है।

विशेष एसीबी अदालत के न्यायाधीश वीए दौलताबादकर ने दो दिन पहले एसीबी को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत एफआईआर दर्ज करने को कहा था।

यह एफआईआर सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर की शिकायत पर हीरानंदानी व बेंजामिन और दूसरे सरकारी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई है।

पुलिस अधिकारी से वकील बने वाई पी सिंह और वकील किरण भालेराव मिलकर दौंडकर की तरफ से इस मामले की पैरवी कर रहे हैं। सिंह के अनुसार 344 एकड़ जमीन पर बिल्डर को तीन करोड़ वर्ग फुट की एफएसआई मिली।सुपर बिल्ट-अप के तौर पर इसमें 40 फीसदी अधिक क्षेत्र का इजाफा भी होता है। 15000 वर्ग फुट के हिसाब से पूरे क्षेत्र का हिसाब करें तो यह घोटाला 45,000 करोड़ के आंकड़े को पार करता है। जबकि इसमें सुपर बिल्ट-अप क्षेत्र नहीं जोड़ा गया है।

दौंडकर ने पहली बार 30 जून, 2011 को एसीबी में इसकी शिकायत दर्ज की थी, लेकिन मामले में एफआईआर दर्ज करने की बजाय एसीबी ने उसे राज्य सरकार के पास भेज दिया था। इसके बाद अप्रैल, 2012 में दौंडकर ने एसीबी की विशेष अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई।

2009 में हुई एक जांच बताती है कि सरकार ने निर्माण क्षेत्र के लिए जितनी जगह की मंजूरी दी थी, उसमें से सिर्फ एक हिस्से पर बिल्डर ने योजना के तहत सस्ते मकान बनाए, बाकी पूरी जगह पर उसने आलीशान मकान बनाकर उन्हें महंगी कीमतों पर बेचा व करोड़ों-अरबों की कमाई की।

दौंडकर का आरोप है कि सस्ते मकान बनाने की योजना के नाम पर हीरानंदानी ने पवई और अंधेरी इलाके में आने वाली 344 एकड़ जमीन का दुरुपयोग किया। सिंह ने बताया कि जैसे-जैसे जांच में और पहलुओं का खुलासा होता जाएगा।

यह बहुत बड़े जमीन घोटाले के रूप में सामने आएगा। इसमें कई नेताओं और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत है। भ्रष्टाचार का यह खेल पिछले 20 सालों से जारी है। सिंह का मानना है कि इस जमीन पर बने सैकड़ों मकान रिश्वत के रूप में नेताओं व बाबुओं में बांटे गए।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग सावन के पावन महीने में करिए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन

धर्म शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव के दर्शन करने से सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है और सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। सावन के महीने में भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन लाखों श्रद्धालु रोज करते हैं। इन ज्योतिर्लिंगों का अपना एक अलग महत्व है। इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई, हो रही है। सावन में आप भी करें 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन-
PHOTOS: सावन के पावन महीने में करिए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन
सोमनाथ सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर की यह मान्यता है कि जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने श्राप दिया था तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चन्द्रदेव ने की थी। विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह बनता और बिगड़ता रहा है।

जय संतोषी माँ संतोषी माता शुक्रवार व्रत कथा मूल हिन्दी पाठ

जय संतोषी माँ 

संतोषी माता शुक्रवार व्रत कथा मूल हिन्दी पाठ


संतोषी माता की शुक्रवार व्रत कथा का हिंदी मूल पाठ विशेष कर विदेशों में रह रहे उन भक्तों के लिए 'गूगल' के सहयोग से इस ब्लाग पर दिया जा रहा है, जिन्हें वहां यह आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता।
संतोषी माता शुक्रवार व्रत कथा

एक बुढिय़ा थी, उसके सात बेटे थे। छह कमाने वाले थे। एक निक्कमा था। बुढिय़ा मां छहो बेटों की रसोई बनाती, भोजन कराती और कुछ झूटन बचती वह सातवें को दे देती थी, परन्तु वह बड़ा भोला-भाला था, मन में कुछ विचार नहीं करता था। एक दिन वह बहू से बोला- देखो मेरी मां को मुझ पर कितना प्रेम है। वह बोली-क्यों नहीं, सबका झूठा बचा हुआ जो तुमको खिलाती है। वह बोला- ऐसा नहीं हो सकता है। मैं जब तक आंखों से न देख लूं मान नहीं सकता। बहू ने हंस कर कहा- देख लोगे तब तो मानोगे?

कुछ दिन बात त्यौहार आया, घर में सात प्रकार के भोजन और चूरमे के लड्डू बने। वह जांचने को सिर दुखने का बहाना कर पतला वस्त्र सिर पर ओढ़े रसोई घर में सो गया, वह कपड़े में से सब देखता रहा। छहों भाई भोजन करने आए। उसने देखा, मां ने उनके लिए सुन्दर आसन बिछा नाना प्रकार की रसोई परोसी और आग्रह करके उन्हें जिमाया। वह देखता रहा। छहों भोजन कर उठे तब मां ने उनकी झूंठी थालियों में से लड्डुओं के टुकड़े उठाकर एक लड्डू बनाया। जूठन साफ कर बुढिय़ा मां ने उसे पुकारा- बेटा, छहों भाई भोजन कर गए अब तू ही बाकी है, उठ तू कब खाएगा? वह कहने लगा- मां मुझे भोजन नहीं करना, मै अब परदेस जा रहा हूं। मां ने कहा- कल जाता हो तो आज चला जा। वह बोला- हां आज ही जा रहा हूँ । यह कह कर वह घर से निकल गया। चलते समय स्त्री की याद आ गई। वह गौशाला में कण्डे थाप रही थी।

वहां जाकर बोला-दोहा- हम जावे परदेस आवेंगे कुछ काल। तुम रहियो संन्तोष से धर्म आपनो पाल।

वह बोली- जाओ पिया आनन्द से हमारो सोच हटाय। राम भरोसे हम रहें ईश्वर तुम्हें सहाय।

दो निशानी आपनी देख धरूं में धीर। सुधि मति हमारी बिसारियो रखियो मन गम्भीर।

वह बोला- मेरे पास तो कुछ नहीं, यह अंगूठी है सो ले और अपनी कुछ निशानी मुझे दे। वह बोली- मेरे पास क्या है, यह गोबर भरा हाथ है। यह कह कर उसकी पीठ पर गोबर के हाथ की थाप मार दी। वह चल दिया, चलते-चलते दूर देश पहुंचा। वहां एक साहूकार की दुकान थी। वहां जाकर कहने लगा- भाई मुझे नौकरी पर रख लो। साहूकार को जरूरत थी, बोला- रह जा। लड़के पूछा- तनखा क्या दोगे? साहूकार ने कहा- काम देख कर दाम मिलेंगे। साहूकार की नौकरी मिली, वह सुबह ७ बजे से १० बजे तक नौकरी बजाने लगा। कुछ दिनों में दुकान का सारा लेन-देन, हिसाब-किताब, ग्राहकों को माल बेचना सारा काम करने लगा। साहूकार के सात-आठ नौकर थे, वे सब चक्कर खाने लगे, यह तो बहुत होशियार बन गया। सेठ ने भी काम देखा और तीन महीने में ही उसे आधे मुनाफे का हिस्सेदार बना लिया। वह कुछ वर्ष में ही नामी सेठ बन गया और मालिक सारा कारोबार उस छोड़कर चला गया।

अब बहू पर क्या बीती? सो सुनों, सास ससुर उसे दु:ख देने लगे, सारी गृहस्थी का काम कराके उसे लकड़ी लेने जंगल में भेजते। इस बीच घर के आटे से जो भूसी निकलती उसकी रोटी बनाकर रख दी जाती और फूटे नारियल की नारेली मे पानी। इस तरह दिन बीतते रहे। एक दिन वह लकड़ी लेने जा रही थी, रास्ते मे बहुत सी स्त्रियां संतोषी माता का व्रत करती दिखाई दी। वह वहां खड़ी होकर कथा सुनने लगी और पूछा- बहिनों तुम किस देवता का व्रत करती हो और उसकेकरने से क्या फल मिलता है? इस व्रत को करने की क्या विधि है? यदि तुम अपने इस व्रत का विधान मुझे समझा कर कहोगी तो मै तुम्हारा बड़ा अहसान मानूंगी। तब उनमें से एक स्त्री बोली- सुनों, यह संतोषी माता का व्रत है। इसके करने से निर्धनता, दरिद्रता का नाश होता है। लक्ष्मी आती है। मन की चिन्ताएं दूर होती है। घर में सुख होने से मन को प्रसन्नता और शान्ति मिलती है। निपूती को पुत्र मिलता है, प्रीतम बाहर गया हो तो शीध्र घर आवे, कवांरी कन्या को मन पसंद वर मिले, राजद्वारे में बहुत दिनों से मुकदमा चल रहा हो खत्म हो जावे, कलह क्लेश की निवृति हो सुख-शान्ति हो। घर में धन जमा हो, पैसा जायदाद का लाभ हो, रोग दूर हो जावे तथा और जो कुछ मन में कामना हो सो सब संतोषी माता की कृपा से पूरी हो जावे, इसमें संदेह नहीं।

वह पूछने लगी- यह व्रत कैसे किया जाए यह भी बताओ तो बड़ी कृपा होगी। वह कहने लगी- सवा आने का गुड़ चना लेना, इच्छा हो तो सवा पांच आने का लेना या सवा रुपए का भी सहूलियत के अनुसार लेवे। बिना परेशानी और श्रध्दा व प्रेम से जितना भी बन पड़े सवाया लेना। प्रतयेक शुक्रवार को निराहार रह कर कथा सुनना,इसके बीच क्रम टूटे नहीं, लगातार नियम पालन करना, सुनने वाला कोई न मिले तो धी का दीपक जला उसके आगे या जल के पात्र को सामने रख कर कथा कहना, परन्तु नियम न टूटे। जब कार्य सिद्ध न हो नियम का पालन करना और कार्य सिद्ध हो जाने पर व्रत का उद्यापन करना। तीन मास में माता फल पूरा करती है। यदि किसी के ग्रह खोटे भी हों, तो भी माता वर्ष भर में कार्य सिद्ध करती है, फल सिद्ध होने पर उद्यापन करना चाहिए बीच में नहीं। उद्यापन में अढ़ाई सेर आटे का खाजा तथा इसी परिमाण से खीर तथा चने का साग करना। आठ लड़कों को भोजन कराना, जहां तक मिलें देवर, जेठ, भाई-बंधु के हों, न मिले तो रिश्तेदारों और पास-पड़ौसियों को बुलाना। उन्हें भोजन करा यथा शक्ति दक्षिणा दे माता का नियम पूरा करना। उस दिन घर में खटाई न खाय।

यह सुन बुढिय़ा के लडके की बहू चल दी। रास्ते में लकड़ी के बोझ को बेच दिया और उन पैसों से गुड़-चना ले माता के व्रत की तैयारी कर आगे चली और सामने मंदिर देखकर पूछने लगी-'यह मंदिर किसका है? सब कहने लगे संतोषी माता का मंदिर है, यह सुनकर माता के मंदिर में जाकर चरणों में लोटने लगी। दीन हो विनती करने लगी- मां में निपट अज्ञानी हूं, व्रत के कुछ भी नियम नहीं जानती, मैं दु:खी हूं, हे माता जगत जननी मेरा दु:ख दूर कर मैं तेरी शरण में हूं। माता को दया आई - एक शुक्रवार बीता कि दूसरे को उसके पति का पत्र आया और तीसरे शुक्रवार को उसका भेजा हुआ पैसा आ पहुंचा। यह देख जेठ-जिठानी मुंह सिकोडऩे लगे। इतने दिनों में इतना पैसा आया, इसमें क्या बड़ाई? लड़के ताने देने लगे- काकी के पास पत्र आने लगे, रुपया आने लगा, अब तो काकी की खातिर बढ़ेगी, अब तो काकी बोलने से भी नहीं बोलेगी। बेचारी सरलता से कहती- भैया कागज आवे रुपया आवे हम सब के लिए अच्छा है। ऐसा कह कर आंखों में आंसू भरकर संतोषी माता के मंदिर में आ मातेश्वरी के चरणों में गिरकर रोने लगी। मां मैने तुमसे पैसा कब मांगा है। मुझे पैसे से क्या काम है? मुझे तो अपने सुहाग से काम है। मै तो अपने स्वामी के दर्शन मांगती हूं। तब माता ने प्रसन्न होकर कहा-जा बेटी, तेरा स्वामी आवेगा। यह सुनकर खुशी से बावळी होकर घर में जा काम करने लगी।

अब संतोषी मां विचार करने लगी, इस भोली पुत्री को मैने कह तो दिया कि तेरा पति आवेगा, कैसे? वह तो इसे स्वप्न में भी याद नहीं करता। उसे याद दिलाने को मुझे ही जाना पड़ेगा। इस तरह माता जी उस बुढिय़ा के बेटे के पास जा स्वप्न में प्रकट हो कहने लगी- साहूकार के बेटे, सो रहा है या जागता है। वह कहने लगा- माता सोता भी नहीं, जागता भी नहीं हूं कहो क्या आज्ञा है? मां कहने लगी- तेरे घर-बार कुछ है कि नहीं? वह बोला- मेरे पास सब कुछ है मां-बाप है बहू है क्या कमी है। मां बोली- भोले पुत्र तेरी बहू घोर कष्ट उठा रही है, तेर मां-बाप उसे त्रास दे रहे हैं। वह तेरे लिए तरस रही है, तू उसकी सुध ले। वह बोला- हां माता जी यह तो मालूम है, परंतु जाऊं तो कैसे? परदेश की बात है, लेन-देन का कोई हिसाब नहीं, कोई जाने का रास्ता नहीं आता, कैसे चला जाऊं? मां कहने लगी- मेरी बात मान, सवेरे नहा धोकर संतोषी माता का नाम ले, घी का दीपक जला दण्डवत कर दुकान पर जा बैठ। देखते-देखते सारा लेन-देन चुक जाएगा, जमा का माल बिक जाएगा, साझ होते-होते धन का भारी ठेर लग जाएगा।

अब सवेरे जल्दी उठ भाई-बंधुओं से सपने की सारी बात कहता है। वे सब उसकी अनसुनी कर दिल्लगी उड़ाने लगे। कभी सपने भी सच होते हैं। एक बूढ़ा बोला- देख भाई मेरी बात मान, इस प्रकार झूंठ-सांच करने के बदले देवता ने जैसा कहा है वैसा ही करने में तेरा क्या जाता है। अब बूढ़े की बात मानकर वह नहा धोकर संतोषी माता को दण्डवत धी का दीपक जला दुकान पर जा बैठता है। थोड़ी देर में क्या देखता है कि देने वाले रुपया लाने लगे, लेने वाले हिसाब लेने लगे। कोठे में भरे सामान के खरीददार नकद दाम दे सौदा करने लगे। शाम तक धन का भारी ठेर लग गया। मन में माता का नाम ले चमत्कार देख प्रसन्न हो घर ले जाने के वास्ते गहना, कपड़ा सामान खरीदने लगा। यहां काम से निपट तुरंत घर को रवाना हुआ।

वह बेचारी जंगल में लकड़ी लेने जाती है। लौटते वक्त माताजी क मंदिर में विश्राम करती है। वह तो उसके प्रतिदिन रुकने का जो स्थान ठहरा, धूल उड़ती देख वह माता से पूछती है- हे माता, यह छूल कैसे उड़ रही है? माता कहती है- हे पुत्री तेरा पति आ रहा है। अब तू ऐसा कर लकडिय़ों के तीन बोझ बना ले, एक नदी के किनारे रख और दूसरा मेरे मंदिर पर व तीसरा अपने सिर पर रख। तेरे पति को लकडिय़ों का गट्ठर देख मोह पैदा होगा, वह यहां रुकेगा, नाश्ता-पानी खाकर मां से मिलने जाएगा, तब तू लकडिय़ों का बोझ उठाकर जाना और चौक मे गट्ठर डालकर जोर से आवाज लगाना- लो सासूजी, लकडिय़ों का गट्ठर लो, भूसी की रोटी की रोटी दो, नारियल के खेपड़े में पानी दो, आज मेहमान कौन आया है? बहुत अच्छा। माताजी से कहकर वह प्रसन्न मन से लकडिय़ों के तीन ग_र ले आई। एक नदी के किनारे पर और एक माताजी के मंदिर पर रखा। इतने में मुसाफिर आ पहुंचा। सूखी लकड़ी देख उसकी इच्छा उत्पन्न हुई कि हम यही पर विश्राम करें और भोजन बनाकर खा-पीकर गांव जाएं। इसी तरह रुक कर भोजन बना, विश्राम करके गांव को गया। सबसे प्रेम से मिला। उसी समय सिर पर लकड़ी का गट्ठर लिए वह उतावली सी आती है। लकडिय़ों का भारी बाझ आंगन में डालकर जोर से तीन आवाज देती है- लो सासूजी, लकडिय़ों का गट्ठर लो, भूसी की रोटी दो। आज मेहमान कौन आया है?

यह सुनकर उसकी सास बाहर आकर अपने दिए हुए कष्टों को भुलाने हेतु कहती है- बहु ऐसा क्यों कहती है? तेरा मालिक ही तो आया है। आ बैठ, मीठा भात खा, भोजन कर, कपड़े-गहने पहिन। उसकी आवाज सुन उसका पति बाहर आता है। अंगूठी देख व्याकुल हो जाता है। मां से पूछता है- मां यह कौन है? मां कहती है-बेटा यह तेरी बहु है। आज १२ बर्ष हो गए, जब से तू गया है तब से सारे गांव में जानवर की तरह भटकती फिरती है। घर का काम-काज कुछ करती नहीं, चार पहर आकर खा जाती है। अब तुझे देख भूसी की रोटी और नारियल के खोपड़े में पानी मांगती है। वह लज्जित हो बोला- ठीक है मां मैने इसे भी देखा और तुम्हें भी देखा है, अब दूसरे घर की ताली दो, उसमें रहूंगा। अब मां बोली-ठीक है बेटा, जैसी तेरी मरजी हो सो कर। यह कह ताली का गुच्छा पटक दिया। उसने ताली लेकर दूसरे मकान की तीसरी मंजिल का कमरा खोल सारा सामान जमाया। एक दिन में राजा के महल जैसा ठाट-बाट बन गया। अब क्या था? बहु सुख भोगने लगी।

इतने में शुक्रवार आया। उसने अपने पति से कहा- मुझे संतोषी माता के व्रत का उद्यापन करना है। उसका पति बोला -अच्छा, खुशी से कर लो। वह उद्यापन की तैयारी करने लगी। जिठानी के लड़कों को भोजन के लिए कहने गई। उन्होंने मंजूर किया परन्तु पीछे से जिठानी ने अपने बच्चों को सिखाया, देखो रे, भोजन के समय सब लो खटाई मांगना, जिससे उसका उद्यापन पूरा न हो। लड़के जीमने आए खीर खाना पेट भर खाया, परंतु बाद में खाते ही कहने लगे- हमें खटाई दो, खीर खाना हमको नहीं भाता, देखकर अरूचि होती है। वह कहने लगी- भाई खटाई किसी को नहीं दी जाएगी। यह तो संतोषी माता का प्रसाद है। लड़के उठ खड़े हुए, बोले- पैसा लाओ, भोली बहु कुछ जानती नहीं थी, उन्हें पेसे दे दिए। लड़के उसी समय हठ करके इमली खटाई ले खाने लगे। यह देखकर बहु पर माताजी ने कोप किया। राजा के दूत उसके पति को पकड़ कर ले गए। जेठ जेठानी मन-माने वचन कहने लगे। लूट-लूट कर धन इकठ्ठा कर लाया है, अब सब मालूम पड़ जाएगा जब जेल की मार खाएगा।

बहु से यह वचन सहन नहीं हुए। रोती हुई माताजी के मंदिर गई, कहने लगी- हे माता, तुमने क्या किया, हंसा कर अब भक्तों को रुलाने लगी? माता बोली- बेटी तूने उद्यापन करके मेरा व्रत भंग किया है। इतनी जन्दी सब बातें भुला दी? वह कहने लगी- माता भूलती तो नहींं, न कुछ अपराध किया है, मैने तो भूल से लड़कों को पैसे दे दिए थे, मुझे क्षमा करो। मै फिर तुम्हारा उद्यापन करूंगी। मां बोली- अब भूल मत करना। वह कहती है- अब भूल नहीं होगी, अब बतलाओ वे कैसे आवेंगे? मां बोली- जा पुत्री तेरा पति तुझे रास्ते में आता मिलगा। वह निकली, राह में पति आता मिला। वह पूछती है- तुम कहां गए थे? वह कहने लगा- इतना धन जो कमाया है उसका टैक्स राजा ने मांगा था, वह भरने गया था। वह प्रसन्न हो बोली- भला हुआ, अब घर को चलो।

घर गए, कुछ दिन बाद फिर शुक्रवार आया। वह बोली- मुझे फिर माता का उद्यापन करना है। पति ने कहा- करो। बहु फिर जेठ के लड़कों को भोजन को कहने गई। जेठानी ने एक दो बातें सुनाई और सब लड़कों को सिखाने लगी। तुम सब लोग पहले ही खटाई मांगना। लड़के भोजन से पहले कहने लगे- हमे खीर नहीं खानी, हमारा जी बिगड़ता है, कुछ खटाई खाने को दो। वह बोली- खटाई किसी को नहीं मिलेगी, आना हो तो आओ, वह ब्राह्मण के लड़के लाकर भोजन कराने लगी, यथा शक्ति दक्षिणा की जगह एक-एक फल उन्हें दिया। संतोषी माता प्रसन्न हुई।

माता की कृपा होते ही नवें मास में उसके चन्द्रमा के समान सुन्दर पुत्र प्राप्त हुआ। पुत्र को पाकर प्रतिदिन माता जी के मंदिर को जाने लगी। मां ने सोचा- यह रोज आती है, आज क्यों न इसक घर चलूं? इसका आसरा देखू तो सही। यह विचार कर माता ने भयानक रूप बनाया, गुड़-चने से सना मुख, ऊपर सूंड के समान होठ, उस पर मक्खियां भिन-भिन कर रही थी। देहली पर पैर रखते ही उसकी सास चिल्लाई- देखो रे, कोई चुडैल डाकिन चली आ रही है, लड़कों इसे भगाओ, नहीं तो किसी को खा जाएगी। लड़के भगाने लगे, चिल्लाकर खिड़की बंद करने लगे। बहु रौशनदान में से देख रही थी, प्रसन्नता से पगली बन चिल्लाने लगी- आज मेरी माता जी मेरे घर आई है। वह बच्चे को दूध पीने से हटाती है। इतने में सास का क्रोध फट पड़ा। वह बोली-रांड देखकर क्या उतावली हुई है? बच्चे को पटक दिया। इतने में मां के प्रताप से लड़के ही लड़के नजर आने लगे। वह बोली- मां मै जिसका व्रत करती हूं यह संतोषी माता है। इतना कहकर झट से सारे किवाड़ खोल दिए।


सबने माता जी के चरण पकड़ लिए और विनती कर कहने लगे- हे माता, हम मूर्ख हैं, अज्ञानी हैं, तुम्हारे व्रत की विधि हम नहीं जानते, व्रत भंग कर हमने बड़ा अपराध किया है, जग माता आप हमारा अपराध क्षमा करो। इस प्रकार माता प्रसन्न हुई। बहू को प्रसन्न हो जैसा फल दिया, वैसा माता सबको दे, जो पढ़े उसका मनोरथ पूर्ण हो।

बोलो संतोषी की माता की जय।

गुरुवार, 5 जुलाई 2012

बिग बॉस में अब नई पोर्न स्टार !

बिग बॉस में अब नई पोर्न स्टार !
मुंबई। टीवी चैनल का सबसे मसालेदार शो "बिग बॉस" एक बार फिर जल्द ही कलर्स पर शुरू होने जा रहा है। लेकिन इस बार बिग बॉस के घर की होटेस्ट मैबर सन्नी लियोन की गैरहाजरी में शो की टीआरपी को लेकर आयोजक चिंतित हैं। सुनने में आया है कि इस बार भी बिग बॉस कोई नई सन्नी लियोन(पोर्न) की तलाश में है। कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय मूल की ब्रिटिश पोर्न स्टार आयशा कारमेला इस बार बिग बॉस के घर में जलवे बिखरने वाली है।


उल्लेखनी है कि पिछले 5 सीजनस में बिग बॉस के घर में कई बड़ी लड़ाईयां, बै्रक अप्स, पैच अप्स और काफी एक्सपोज हुआ है। इसमें सबसे चर्चित मैबर कनाडाई पोर्न स्टार सन्नी लियोन रही, जिसके चलते शो का बाजार हमेशा गर्म रहा। जानकारी के अनुसार एक बार फिर कलर्स चैनल को एक नए चेहरे की तलाश है जो पिछले सीजन की पॉर्न स्टार सन्नी लिऔन को टक्कर दे सकें ।

"बिग बॉस" के घर हर बार धमाल

"बिग बॉस 1 : राखी सावंत और कैशमीरा शाह ने घर में खूब धमाल मचाया था, जिसके चलते सीजन 1 काफी हिट रहा। पहले शो के होस्ट फिल्म अभिनेता अर्शद वारसी थे।

"बिग बॉस 2: यह शो भी कंटेस्टेंट की वजह से चर्चा में रहा। जिसमे सबसे पहले शामिल है राहुल महाजन, मोनिका बेदी और पायल रोहातगी का लव ट्राइएंगल। उसके बाद संभावना सेठ और राजा चौधरी की गाली गलोच की वजह से वह शो काफी पॉपुलर रहा। इस शो को होस्ट किया "बिग ब्रर्दर" की विजेता रह चुकी अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने।

"बिग बॉस 3: काफी सोबर सिंपल रहा पहले दो सीजनस के मुकाबले। इसको होस्ट किया था अमिताब बच्चन ने।

"बिग बॉस 4: डॉली बिंद्रा और पाकिस्तानी अभिनेत्री वीना मलिक इस शो का मुय आकर्षण का केन्द्र रही। दोनो ने मिल कर घर में काफी हंगामे खड़े किए। इस शो के होस्ट थे सलमान खान।

"बिग बॉस 5: विदेशी पॉर्न स्टार सन्नी लीओन ने अपने जलवे बिखेर कर काफी पॉपूलेरिटी हांसिल की। पहली बार संजय दत्त और सलमान खान ने संयुक्त रूप से शो को होस्ट किया।

अब देखना यह है कि "बिग बॉस 6" में कौन ऎसा आएगा जो इस बार घर में धमा चौकड़ी मचाने को तैयार होगा।

दहेज के लिए हर किसी से रेप का शिकार हुई युवती


भोपाल।। मध्य प्रदेश के सागर जिले में दहेज की मांग पूरी न कर पाने के कारण एक 20 साल की युवती को ससुरालवालों के जुल्म का शिकार होना पड़ा। पिछले तीन साल से महिला को तबेले में जंजीरों से बांध कर रखा गया। इतना ही नहीं, इस दौरान उसके पति, रिश्तेदारों और यहां तक कि पड़ोसियों ने बार-बार उसके साथ बलात्कार किया।
Rape 
युवती पर जुल्म की इंतहा यह थी कि तीन सालों तक उसका रेप किया गया। इस साल मई में 50 हजार रुपये के लिए उसे एक महाजन को बेच दिया गया। सिर्फ इसलिए क्योंकि उसके परिवारवालों के पास दहेज देने के लिए पैसे नहीं थे। युवती एक बार काफी बीमार हो गई, उस वक्त एक पड़ोसी उसे अस्पताल ले गया, लेकिन उसने भी अस्पताल ले जाते समय कथित तौर पर उसका रेप किया। युवती के साथ हुए इस बर्बर व्यवहार का उस समय पता चला, जब उसके एक रिश्तेदार ने सौभाग्य से उसे महाजन के घर पर देख लिया और इस बात की जानकारी उसके परिवारवालों को दी।

1 जुलाई को महिला अपने रिश्तेदारों के साथ राहतगढ़ पुलिस स्टेशन गई और इस अपने ऊपर हुए जुल्म ही यह भयावह कहानी सुनाई। पुलिस अधिकारी एस. पी सागर के अनुसार, महिला की शादी सागर जिले के पराश्री टूंडा गांव के आनंद कुर्मी के साथ पांच साल पहले हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही ससुरालवालों ने दहेज के लिए उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

पीड़िता के किसान पिता रामकिशन ने बताया, 'शादी के समय ससुरालवालों ने एक लाख रुपये की मांग की थी, जो उन्हें दे दिए गए थे। लेकिन वह बार-बार चीजों की मांग करने लगे। उन्होंने कलर टीवी, मोटरसाइकल, ट्रैक्टर के साथ-साथ एक लाख रुपये नकद और मांगे। इसके लिए बार-बार उन्होंने मेरी बेटी के साथ मारपीट की।'रामकिशन ने कहा, जब मेरी बेटी गर्भवती हुई तो सास और परिवार के दूसरे लोगों ने मिलकर जबरन उसका गर्भपात करवा दिया। शादी के दो साल बाद उन लोगों ने कहा कि अब उनकी बेटी वहां नहीं रह सकती।'

इसके बाद ससुरालवालों ने उसे तबेले में गाय-भैसों के साथ जंजीर से बांधकर रखा। कुछ दिन बाद उसका पति आनंद कुर्मी उसे पास के एक गांव खुरई में राम सिंह नाम के अपने रिश्तेदार के यहां छोड़ आया। राम सिंह और उसके बेटों नरेंद्र और लोकेंद्र ने युवती को घर में बंद करके रखा और करीब 20 दिन तक उसके साथ रेप किया।

इसके बाद राम सिंह ने उसे एक दूसरे गांव महुना के महाजन द्वारका प्रसाद को उसे बेच दिया। यहां भी उसके साथ बार-बार रेप किया गया। इस बीच एक दिन महिला काफी बीमार पड़ गई तो महाजन का पड़ोसी खड़ग सिंह उसे अस्पताल ले गया, लेकिन रास्ते में उसने भी उससे रेप किया।

बाद में महाजन के घर लौटते समय महिला को रिश्तेदार ने देख लिया और पहचान लिया। तब जाकर महिला के घरवालों को इसकी जानकारी मिली और किसी तरह उसे वहां से छुड़ाया गया। 28 जून को महिला को छुड़ाकर उसके घर वाले अपने पास ले आए और दो दिन बाद इस मामले की रिपोर्ट पुलिस मे लिखवाई।

पुलिस ने महिला के पति, ससुरालवालों, रेप के दूसरे आरोपियों सहित महाजन के खिलाफ केस दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस ने तीन आरोपियों जिसमें युवती के साथ अस्पताल ले जाते समय रेप करने का आरोपी खड़ग सिंह भी शामिल है, को गिरफ्तार किया है।

एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष को पुलिस ने पीटा

 

जयपुर। गांधी नगर पुलिस ने एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष सुमित भगासरा सहित एक दर्जन छात्रों को हिरासत में लिया है। दरअसल सुमित भगासरा, लॉ कॉलेज के अध्यक्ष अमित विश्नोई, छात्र नेता विद्याधर मील, महेंद्र लांबा, भानू प्रताप सिंह, रविन्द्र चौधरी, ललित यादव सहित कई लोग कुलपति निवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान सुमित सहित कई छात्र कुलपति निवास का दरवाजा कूदकर कुलपति प्रो.बी.एल.शर्मा से जबरन वार्ता करने के लिए दाखिल हो गए। इस पर प्रो.बी.एल.शर्मा ने आपत्ति भी जताई। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने सुमित की लाठी से पिटाई कर दी।

छात्र घायल हुआ लाठीचार्ज में: पुलिस लाठीचार्ज में छात्र महेंद्र लांबा के सिर में चोट आई। उसके सिर से खून बह रहा था। खबर लिखे जाने तक इस छात्र का मेडिकल मुआयना नहीं हो सका था।

क्यों किया छात्रों ने प्रदर्शन: इन छात्रों का गुस्सा इसलिए फूटा। दरअसल रसायन शास्त्र विभाग की बिल्डिंग सुबह साढ़े आठ बजे गिरी थी। दोपहर एक बजे तक राहत कार्य शुरु नहीं हुए थे। एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष सुमित भगासरा यही कहते रहे कि किसी के दबने की आशंका है। इस वजह से प्रदर्शन किए गए।

रंग नही स्वभाव बदले- डॉ. विधुत प्रभा


रंग नही स्वभाव बदले- डॉ. विधुत प्रभा 
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बाड़मेर 05 बाड़मेर। प्र ृति ने जैसा रूप रंग आकार प्रकार दिया हम उस पर लाख लिपा पोती करे भी उसे बदल नही सकते हम अगर पुरूषार्थ करे तो अवश्य स्वभाव को मोहक एवं पि्रय बना सकते है। ये बात गुरूवार को आयोजित प्रवचन में डॉ. विधुत प्रभा जी ने कही। उन्होने प्रवचन में कहा कि जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में प्रतिकूलता अनुकुलता में समभाव से रहना सिख लिया। उसकी यह मिठास उसे स्वयं को तो शान्ति और समाधि देती ही है। उसे जुडे लोगो को भी आनन्द देती है। एक घन्टा सदैव स्वभाव को मुधर बनाने में लगावे फिर देख्ो कि सुन्दर न होते हुए भी आप कितने सुन्दर लगते है। 

पार्षद खत्री ने सौपा इस्तीफा परिषद की बैठक का किया बहिष्कार



पार्षद खत्री ने सौपा इस्तीफा परिषद की बैठक का किया बहिष्कार 

सफाई नही करवा सकता तो पार्षद रहने का कोइ हक नही 


बाड़मेर 05 जुलाई। सफाई व्यवस्था से परेशान पार्षदो े इस्तीे अब सभापति की टेबल पर पहुंचने लगे है। नगर पलिका से परिषद में क्रमोनत होने े बाद पहली साधारण सभा की बैठक में कांग्रेस े पाषर्द और बिल्डिग कमेटी े अध्यक्ष अम्रतलाल खत्री ने सभापति उषा जैन को इस्तीफा सोप दिया। बैठक में आरयुडीपीआई े अधिकारी को हटाने को लेकर भी जोरदार हंगामा हुआ और शीध्र हटाने की मांग को लेकर कई पार्षद धरने पर बैठ गये। बिजली कटौती को बन्द करने की मांग को लेकर राज्य सरकार का प्रस्ताव बनाकर भेजने की बात पर सभी पार्षदो ने सहमति जताई। बैठक में अतिक्रमण हटाने, सफाई कर्मीयों की भर्ती, सामुदाईयिक सभा भवनो पर किराया वसुलने, अनुदान राशी का पूनः चालु कराने,नाले े अतिक्रमण को हटाने सहित कई मुद्दो पर विचार विर्मश किया गया। बैठक में कई मामलो को लेकर जमकर हंगामा हुआ वही कई मामलो में पार्षद धरने पर भी बैठे। 
कांग्रेस पार्षद खत्री ने सौपा इस्तीफा- सदन की बैठक प्रारम्भ होते ही वार्ड 22 े पार्षद और बिल्डिग कमेटी े अध्यक्ष अम्रतलाल खत्री ने बैठक का बहिष्कार करते हुए सभापति को दो पत्र सौपे जिसमें से एक इस्तीफा था। सभापति को सौपे गये पत्र में बताया गया है कि अगर मेरे वाडर में सफाई तक नही करवा पा रहा हुं तो मुझे पार्षद रहने का कोई हक नही है। पत्र में बताया गया है कि में पिछले तीन वषोर में व्यवस्था नही सुधार सका हुं इस लिये में इस बैठक का बहिष्कार करता हुं। सदन में सौपे गये पत्र को सार्वजनिक करने को लेकर प्रतिपक्ष ने खुब हंगामा किया मगर सभापति उषा जैन ने इसे छुपाने का प्रयास किया लेकिन पार्षदो की ओर हंगामे े बाद पत्रो को सार्वजनिक किया गया। वही पार्षद अम्रतलाल खत्री ने बताया कि अगर सफाई नही सुधारी जाती है तो मेरे इस्तीे को स्वीकार किया जाये। 
आरयुडीपीआई े अधिकारी को हटाने की मांग- साधारण सभा कि बैठक में आरयुडीपीआई े अधिकारी को तुरन्त प्रभाव से हटाने की मांग को लेकर कई पार्षद धरने पर बैठ गये पार्षदो का आरोप है कि पुरे शहर कि सड़े खोद दी गई है। किसी का कहना वो मानता नही है न ही किसी को जवाब देता है। 
अतिक्रमण को हटाने की मांग-पार्षदो की ओर से आरोप लगाये गये कि अतिक्रमणो का चिन्हीकरण करने े बावजुद भी अतिक्रमण क्यों नही हटाये जा रहे है। इस पर पालिका सभापति और आयुक्त ने आश्वासन दिया कि जल्द अतिक्रमणो का हटाया जायेगा। इस पर वार्ड 32 में बने नाले पर किये गये अतिक्रमण को हटाने की मांग कि गई। पार्षदो ने जल्द से जल्द अतिक्रमणो को हटाने की मांग कि गई। 







शराबियो पर पुलिस की नकेल छः शराबी गिरफ्तार


शराबियो पर पुलिस की नकेल छः शराबी गिरफ्तार 

जैसलमेर शहर जैसलमेर में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस अधीक्षक ममता राहुल विश्नोई जिला जैसलमेर के निर्देशानुसार जैसलमेर शहर में शराब पीकर उत्पात मचाने वाले असामाजिक तत्वों व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अभियान चलाया जाकर सुनील कुमार पंवार आर.पी.एस. (प्रोबे) वृताधिकारी पुलिस वृत जैसलमेर के नेतृत्व में जेठाराम उ.नि. मय किशनाराम मुआ 89 व जाब्ता द्वारा शहर में सघन गस्त कर निम्नानुसार कार्यवाही की गई : गुरूवार को रेल्वे स्टेशन के सामने आम रोड़ पर चार व्यक्ति शराब के नशे में धुत फैल फितुर करते मिले जिन्हे नाम पता पुछा तो अपने नाम पते सुभाष धनीराम जाति जाट नि0 नागली ओला पु.था. खेरवाल जिला अलवर हाल सुजलॉन कम्पनी जैसलमेर, . आम्बाराम पुत्र केसुराम कौम भील नि0 जय नारायण व्यास कोलोनी जैसलमेर, हरचन्दराम पुत्र लूणाराम जाति भील नि0 लूणाराम की ़ाणी हाल बबर मगरा जैसलमेर 4. सुरताराम पुत्र हिम्मताराम जाति मेघवाल नि0 जय नारायण व्यास कोलोनी जैसलमेर होना बताया जिन्हे धारा 60 पुलिस एक्ट में गिरफ्तार किया गया।
इसी तरह सुनील कुमार पंवार आर.पी.एस. (प्रोबे) वृताधिकारी पुलिस वृत जैसलमेर के नेतृत्व में जेठाराम उ.नि. मय किशनाराम मुआ 89 व जाब्ता द्वारा दौराने गस्त गड़ीसर चौराहा पर दो मोटर साईकिलों नम्बर क्रमशः आर.जे. 15 एसए 7313 व आर.जे. 15 एसबी 0373 लहराते हुए चालाते हुए पाये जाने पर। मोटरसाईकिलों को रूकवा कर चालकों को चैक किया तो मोटर साईकिल नं0 आर.जे. 15 एसए 7313 के चालक ने अपना नाम संतोष कुमार पुत्र भवसागर प्रसाद सोनी नि0 ब्बि पाड़ा जैसलमेर होना बताया तथा मोटर साईकिल नं0 आर.जे. 15 एसबी 0373 के चालक ने अपना नाम गणपतराम पुत्र झाझणराम जाति मेघवाल नि0 वाल्मिकी कॉलोनी जैसलमेर होना बताया जिनके मूह से शराब की दुर्गन्ध आने पर उक्त दोनों को दस्तयाब कर राजकीय श्री जवाहिर चिकित्सालय जैसलमेर पहुंच शराब बाबत मेडिकल मुआयना करवाया गया तो शराब सेवन किया होना पाया जाने पर उक्त दोनों का यह कृत्य धारा 185 एम.वी.एक्ट में दण्डनीय अपराध होने से गिरफतार कर जमानत मुचलका पर आजाद किया गया।

जोधपुर के राजकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में सेना भर्ती रैली


जोधपुर के राजकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में सेना भर्ती रैली 

जोधपुर के राजकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में आज सैनिक सामान्य पद / सैनिक क्लर्क / एस.के.टी. सैनिक नर्सिंग असिस्टेंट तथा सैनिक तकनीकी पद के लिए बाड़मेर, जालौर तथा पाली जिलों के के अभ्यार्थियों के लिए सेना भर्ती रैली आयोजित की गयी। दिन के दौड़ में 6600 अभ्यार्थियों ने 1600 मीटर की दौड़ लगाकर अपने भाग्य को आजमाया। 632 अभ्यार्थियों को सफल घोषित पाया गया। दौड़ में सफल अभ्यार्थियों का शारीरिक परीक्षण तथा दस्तावेजों की जाँच की जा रही है। इनमें से कुछ अभ्यार्थी शारीरिक परीक्षण में कमी पाए जाने पर असफल घोषित किए जाऐंगे तथा दस्तावेजों की जाँच में कमी होने पर पूरा करने के लिए समय दिया जाएगा। दस्तावेज सही पाए गए अभ्यार्थियों का चिकित्सा जाँच कल किया जाएगा। 

शुक्रवार दिनांक 06 जुलाई 2012 को होने वाली सेना भर्ती में उदयपुर, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिलों के तथा मुख्यालय क्षेत्रीय भर्ती कार्यालय, जयपुर द्वारा बाहरी / विशेष मंजूरी ;व्नजेपकमत ध ैचमबपंस ेंदबजपवदद्ध के अभ्यार्थी और सेना सुरक्षा कोर के लिए भर्ती में भाग लेने वाले भूतपूर्व सैनिकों के अभ्यार्थी सैनिक सामान्य पद, सैनिक क्लर्क / एसकेटी, सैनिक तकनीकी, सैनिक नर्सिंग सहायक पदो ंके लिए भाग ले सकेंगे। 

देखिये तस्वीरे प्रणव मुखर्जी राजस्थान में




 देखिये तस्वीरे प्रणव मुखर्जी राजस्थान 
में

"कांग्रेस से जुदाई का दर्द तो है ही"


जयपुर। प्रणब मुखर्जी अब यूपीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं, लेकिन कांग्रेस से विदाई का दर्द उनकी जुबां पर आ ही जाता है। गुरूवार को भी कुछ ऎसा ही हुआ। कांग्रेस विधायकों से समर्थन के लिए जयपुर आए प्रणब से जब मीडिया ने सवाल किया गया कि कांग्रेस से दूरी बन जाने के बाद अब कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि "मैं कांग्रेसी रहा हूं, लेकिन अब राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार हूं। यह सही है कि कांग्रेस से विदाई मेरे लिए एक भावुक क्षण था।"

मुखर्जी ने भारतीय सांख्यिकी परिषद आईएसआई अध्यक्ष प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी द्वारा याचिका दायर करने की मंशा पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। वे बोले कि भाजपा को जो करना है करें।

जब उनसे पूछा गया कि राजनीति में किसको अपना आदर्श मानते हैं तो बड़े सधे अंदाज में प्रणब ने कहा कि मेरा कोई राजनीतिक गुरू नहीं रहा तथा मैं कांग्रेसी रहा हूं। जब उनसे यह पूछा गया कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी क्या उन्हें दादा कहा कर पुकार सकते हैं। इस पर मुखर्जी ने कहा कि यह आप पर निर्भर है कि आप क्या पुकारते हैं।

इससे पहले मुखर्जी ने कहा कि एक समय था जब कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करती थी, लेकिन अब संयुक्त सरकारों के चलन में सभी सहयोगी दलों का सहयोग जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि वह उन सभी राजनीतिक दलों का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने उन्हें समर्थन दिया है। हालांकि उन्होंने यह जता दिया कि कांग्रेस के प्रति सदैव उनकी प्रतिबद्धता रही।

प्रणब ने उत्साहित होकर कहा कि मुझे खुशी है कि यूपीए ने मुझे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया। यूपीए के तमाम दलों ने मुझे समर्थन दिया है, कई अन्य दलों का भी मुझे समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि वह उन सभी राजनीतिक दलों का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने उन्हें समर्थन दिया है। इसी भावना से वह राज्यों का दौरा कर रहे हैं तथा सौलह जुलाई तक विभिन्न राज्यों में अपना समर्थन जुटाएंगे।

एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत

इससे पहले प्रणब गुरूवार को विशेष चार्टर प्लेन से सुबह करीब 11.15 बजे जयपुर पहुंचे। उनके साथ राजस्थान प्रभारी मुकुल वासनिक भी आएं। सांगानेर एयरपोर्ट पर केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई मंत्रियों ने उनकीा गर्मजोशी से स्वागत किया। वे एयरपोर्ट से वे सीधे होटर आमेर क्लार्कस पहुंचे।


विधायक दल की बैठक में शिरकत

होटल आमेर क्लाकर्स में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में भी प्रणब ने शिरकत की। इस बैठक में सभी विधायकों ने प्रणब के प्रति समर्थन जताया। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत तथा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा संवैधानिक पदों के कारण पार्टी की बैठक में नहीं आए जबकि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री दयाराम परमार ने नहीं आने की सूचना दे दी थी। मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा जेल में होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके। कांग्रेस सदस्यों के अलावा बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों एवं निर्दलीय सदस्य भी बैठक में मौजूद थे।


गहलोत, चन्द्रभान से अलग मुलाकात

विधायक दल की बैठक के बाद प्रणब मुखर्जी ने मुख्यमंत्री गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान तथा प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों से अलग से मुलाकात की। यूपीए समर्थित माकपा, जद यू, सपा, लोसपा व निर्दलीय विधायकों को भी प्रणब से मुलाकात का बुलावा भेजा गया था। इसके बाद मुखर्जी विधायकों के संग भोज किया।


निर्दलीय विधायकों का गणित

राजस्थान में 13 निर्दलीय विधायकों में से 10 मुखर्जी और 3 संगमा के साथ हैं। जनता दल यू के फतेहसिंह व भाजपा से निलम्बित हनुमान बेनीवाल के बारे में कांग्रेस का कहना है कि वह लगातार दोनों के समपर्क में हैं। उधर, संगमा को समर्थन का खुला ऎलान कर चुके किरोडी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी फिलहाल कांग्रेस के साथ है लेकिन उनके वोट को लेकर भी संशय बना हुआ है। लोकसभा और राज्यसभा की बात करें तो 35 सांसदों में से 25 मुखर्जी व 10 संगमा के संग दिखाई दे रहे हैं। यह अलग बात है कि राज्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों का दावा है कि उनके संग जो वोट नजर आ रहे हैं उससे कहीं ज्यादा ही वोट मिलेंगे।

संसद में राजस्थान की स्थिति

लोकसभा में 4 व राज्यसभा में 5 सदस्य भाजपा के हैं। एक निर्दलीय किरोड़ी लाल मीणा आदिवासी कार्ड पर पी.ए.संगमा के साथ हैं।

यह है दलीय स्थिति

विधानसभा सदस्य-200
कांग्रेस-102 (6 बसपा से शामिल ), भाजपा-79 (हनुमान बेनीवाल सहित)
माकपा-3, जद यू-1, सपा-1, लोसपा-1
निर्दलीय-13
लोकसभा में सीटें-25
कांग्रेस-20, भाजपा-4, निर्दलीय-1
राज्यसभा में सीटें-10
कांग्रेस-5, भाजपा-5

फेसबुक पर कीजिए गहलोत को शिकायत

फेसबुक पर कीजिए गहलोत को शिकायत



जयपुर। मुख्यमंत्री से कोई शिकायत करनी है या किसी मुद्दे पर सुझाव देना है तो जनसुनवाई में सीएम हाउस तक जाने की जरूरत नहीं। अशोक गहलोत अब माउस के एक क्लिक पर आपकी बात का जवाब देंगे, आपकी शिकायत सुनेंगे और परेशानियां दूर करने की भी कोशिश करेंगे। ...बस आपको उनके फेसबुक पेज से जुड़ना है। दरअसल सीएम सीधे जनता से रूबरू हो सके इसके लिए एक खास फेसबुक पेज "आपका मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत )" तैयार किया है।

जिस पर लोग सीधे उनसे अपनी बात कह सकते हैं। पिछले बीस दिनों में इस पेज से करीब 840 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। इसी पेज के जरिए मुख्यमंत्री भी अपने फैन्स को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, गतिविधियों की जानकारी दे रहे हैं। लोग भी ढेरों योजनाओं पर अपने सुझाव और शिकायतें मुख्यमंत्री से साझा कर रहे हैं।

कइयों को मुख्यमंत्री ने जवाब भी दिया। जन सहयोग मंच की ओर से फेसबुक पर तैयार किया गया यह पेज युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हो रहा है। मंच के समन्वयक राज्य जन अभाव अभियोग निराकरण समिति (सचिवालय) के सदस्य लोकेश शर्मा हैं।




फर्जी प्रोफाइल से गफलत



चौंकाने वाली बात यह है कि फेसबुक पर नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीब 11-11 प्रोफाइल/पेज मौजूद हैं। जिनसें काफी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। वसुंधरा राजे के एक सर्च पर 4 फेसबुक पेज और 7 प्रोफाइल मिलते हैं। इसी तरह अशोक गहलोत के सात फेसबुक पेज और चार प्रोफाइल मौजूद हैं।

शिकायतों की बानगी
इस साइट पर युवक कांग्रेस (गंगापुर सिटी) के सदस्य अभिषेक सुरोठिया ने मांग की है कि वाटर शेड जलग्रहण योजना में कार्यरत संविदाकर्मियों को नियमित किया जाए। वहीं बाड़मेर के अक्षय सिंह चारण ने चेताया है कि क्षेत्र में सड़कों की स्थिति ठीक नहीं हुई तो अगले चुनावों में कांग्रेस को वोट नहीं मिलेंगे। परबतसर (नागौर) निवासी नदीम शेख ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के सुबह 11 बजे तक भी नहीं आने के बारे में शिकायतें की गई हैं।

भंवरी काण्ड का अंत

भंवरी काण्ड का अंत 

डीएनए रिपोर्ट पेश, मर चुकी है भंवरी

जोधपुर। एएनएम भंवरी देवी मर चुकी है, यह बात गुरूवार को कोर्ट में भंवरी की हडि्डयों व अवशेषों की सीबीआई द्वारा पेश डीएनए रिपोर्ट से पुख्ता हो गई। भंवरी देवी के अपहरण एवं हत्या के मामले में सीबीआई ने अजा-जजा मामलों की विशेष अदालत में अमरीकी एजेंसी एफबीआई की डीएनए रिपोर्ट अदालत में पेश की।

मालूम हो कि भंवरी देवी की कुछ हडि्डयों व अवशेषों और भंवरी के बेटे साहिल तथा बेटी गुनगुन का ब्लड सैम्पल सीबीआई ने जांच के लिए एफबीआई को भेजा था। वहां से उसे जांच रिपोर्ट गत शुक्रवार को मिल गई थी। जांच रिपोर्ट में भंवरी के नट होने समेत अवशेषों के सैम्पल मैच होना बताया गया है। यहीं रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। आरोपी कैलाश जाखड़ के फरार होने और पकड़े जाने की घटना के बाद यह पहली सुनवाई थी।

मालूम हो कि गत जनवरी के प्रथम सप्ताह में सीबीआई के हाथ लगे कैलाश जाखड़ व विशनाराम विशनोई ने भंवरी का शव जालोड़ा में जलाकर हडि्डयां तथा अवशेष्ा राजीव गांधी लिफ्ट केनाल में फेंकने की जानकारी दी थी। जिसके आधार पर सीबीआई ने नहर से हडि्डयां, दांत, हाथ घड़ी, कपड़े, आभूष्ाण, खोपड़ी के अवशेष्ा बरामद किए थे।


इसी मामले में बर्खास्त मंत्री महिपाल की जेल शिफ्टिंग को चुनौती देने वाली याचिका पर होने वाली सुनवाई 7 अगस्त तक के लिए टल गई है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अन्य आरोपी मलखान सिंह की अर्जी के साथ ही 7 अगस्त को सुनवाई की जाएगी।

मलखान ने दी मीडिया को धमकी

भंवरी मामले में आरोपी लूणी विधायक मलखान सिंह गुरूवार को पेशी पर लाए गए थे, इस दौरान मीडिया को देख आपा खो बैठे। जोधपुर कोर्ट के बाहर मलखान सिंह को कवर करने गए मीडिया कर्मियों उनके फोटो लेनी चाही तो मलखान ने उन्हें कैमरे बंद करने को कहा, ऎसा न करने पर देख लेने की धमकी दी।