देखिये तस्वीरे प्रणव मुखर्जी राजस्थान
में
जयपुर। प्रणब मुखर्जी अब यूपीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं, लेकिन कांग्रेस से विदाई का दर्द उनकी जुबां पर आ ही जाता है। गुरूवार को भी कुछ ऎसा ही हुआ। कांग्रेस विधायकों से समर्थन के लिए जयपुर आए प्रणब से जब मीडिया ने सवाल किया गया कि कांग्रेस से दूरी बन जाने के बाद अब कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि "मैं कांग्रेसी रहा हूं, लेकिन अब राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार हूं। यह सही है कि कांग्रेस से विदाई मेरे लिए एक भावुक क्षण था।"
मुखर्जी ने भारतीय सांख्यिकी परिषद आईएसआई अध्यक्ष प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी द्वारा याचिका दायर करने की मंशा पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। वे बोले कि भाजपा को जो करना है करें।
जब उनसे पूछा गया कि राजनीति में किसको अपना आदर्श मानते हैं तो बड़े सधे अंदाज में प्रणब ने कहा कि मेरा कोई राजनीतिक गुरू नहीं रहा तथा मैं कांग्रेसी रहा हूं। जब उनसे यह पूछा गया कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी क्या उन्हें दादा कहा कर पुकार सकते हैं। इस पर मुखर्जी ने कहा कि यह आप पर निर्भर है कि आप क्या पुकारते हैं।
इससे पहले मुखर्जी ने कहा कि एक समय था जब कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करती थी, लेकिन अब संयुक्त सरकारों के चलन में सभी सहयोगी दलों का सहयोग जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि वह उन सभी राजनीतिक दलों का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने उन्हें समर्थन दिया है। हालांकि उन्होंने यह जता दिया कि कांग्रेस के प्रति सदैव उनकी प्रतिबद्धता रही।
प्रणब ने उत्साहित होकर कहा कि मुझे खुशी है कि यूपीए ने मुझे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया। यूपीए के तमाम दलों ने मुझे समर्थन दिया है, कई अन्य दलों का भी मुझे समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि वह उन सभी राजनीतिक दलों का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने उन्हें समर्थन दिया है। इसी भावना से वह राज्यों का दौरा कर रहे हैं तथा सौलह जुलाई तक विभिन्न राज्यों में अपना समर्थन जुटाएंगे।
एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत
इससे पहले प्रणब गुरूवार को विशेष चार्टर प्लेन से सुबह करीब 11.15 बजे जयपुर पहुंचे। उनके साथ राजस्थान प्रभारी मुकुल वासनिक भी आएं। सांगानेर एयरपोर्ट पर केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई मंत्रियों ने उनकीा गर्मजोशी से स्वागत किया। वे एयरपोर्ट से वे सीधे होटर आमेर क्लार्कस पहुंचे।
विधायक दल की बैठक में शिरकत
होटल आमेर क्लाकर्स में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में भी प्रणब ने शिरकत की। इस बैठक में सभी विधायकों ने प्रणब के प्रति समर्थन जताया। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत तथा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा संवैधानिक पदों के कारण पार्टी की बैठक में नहीं आए जबकि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री दयाराम परमार ने नहीं आने की सूचना दे दी थी। मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा जेल में होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके। कांग्रेस सदस्यों के अलावा बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों एवं निर्दलीय सदस्य भी बैठक में मौजूद थे।
गहलोत, चन्द्रभान से अलग मुलाकात
विधायक दल की बैठक के बाद प्रणब मुखर्जी ने मुख्यमंत्री गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान तथा प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों से अलग से मुलाकात की। यूपीए समर्थित माकपा, जद यू, सपा, लोसपा व निर्दलीय विधायकों को भी प्रणब से मुलाकात का बुलावा भेजा गया था। इसके बाद मुखर्जी विधायकों के संग भोज किया।
निर्दलीय विधायकों का गणित
राजस्थान में 13 निर्दलीय विधायकों में से 10 मुखर्जी और 3 संगमा के साथ हैं। जनता दल यू के फतेहसिंह व भाजपा से निलम्बित हनुमान बेनीवाल के बारे में कांग्रेस का कहना है कि वह लगातार दोनों के समपर्क में हैं। उधर, संगमा को समर्थन का खुला ऎलान कर चुके किरोडी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी फिलहाल कांग्रेस के साथ है लेकिन उनके वोट को लेकर भी संशय बना हुआ है। लोकसभा और राज्यसभा की बात करें तो 35 सांसदों में से 25 मुखर्जी व 10 संगमा के संग दिखाई दे रहे हैं। यह अलग बात है कि राज्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों का दावा है कि उनके संग जो वोट नजर आ रहे हैं उससे कहीं ज्यादा ही वोट मिलेंगे।
संसद में राजस्थान की स्थिति
लोकसभा में 4 व राज्यसभा में 5 सदस्य भाजपा के हैं। एक निर्दलीय किरोड़ी लाल मीणा आदिवासी कार्ड पर पी.ए.संगमा के साथ हैं।
यह है दलीय स्थिति
विधानसभा सदस्य-200
कांग्रेस-102 (6 बसपा से शामिल ), भाजपा-79 (हनुमान बेनीवाल सहित)
माकपा-3, जद यू-1, सपा-1, लोसपा-1
निर्दलीय-13
लोकसभा में सीटें-25
कांग्रेस-20, भाजपा-4, निर्दलीय-1
राज्यसभा में सीटें-10
कांग्रेस-5, भाजपा-5
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