बुधवार, 20 जून 2012

बीएडीपी में राशी का उपयोग नहीं, नौ अधिकारियों को नोटिस


बीएडीपी में राशी  का उपयोग नहीं, नौ अधिकारियों को नोटिस

सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम में स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करवाने में लापरवाही बरतने एवं स्वीकृत राशी  का 


उपयोग नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए 9 अधिकारियों को नोटिस जारी।


बाड़मेर, 20 जून। सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम में स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करवाने में लापरवाही बरतने एवं स्वीकृत राि का उपयोग नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने 9 अधिकारियों को नोटिस जारी कर सात दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही अधूरे कार्यों को सात दिवस में पूर्ण करवाने के निर्दो दिए है।
जिला कलेक्टर डा.वीना प्रधान ने बताया कि सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान पाया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग खंड बाड़मेर में 295.70 लाख के स्वीकृत कार्यों में से मात्र 3.94 लाख रूपए का उपयोग किया गया। जो आवंटित लक्ष्य का महज 1.33 प्रतित है। भौतिक प्रगति के तहत 1 अप्रैल 2012 को 6 कार्य अधूरे थे। जबकि वर्ष 201011 का एक भी स्वीकृत कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। इसी तरह सार्वजनिक निर्माण खंड िव में गत वर्ष के बकाया कार्यों पर 446.68 लाख का व्यय किया जाना था। लेकिन विरूद्व किसी प्रकार का खर्च नहीं किया गया। भौतिक प्रगति के तहत 1 अप्रैल को 15 कार्य अधूरे थे। इसमें से महज दो पूर्ण हुए। जबकि 11 कार्य प्रगति पर है। जबकि वर्ष 200910 एवं 201112 का एक भी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है।
जिला कलेक्टर प्रधान ने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग खंड चौहटन में गत वर्ष के बकाया कार्यों पर 297.14 लाख के एवज में अब तक 67.54 लाख का उपयोग किया गया है। जो आबंटित लक्ष्य का 22.73 प्रतित है। भौतिक प्रगति के तहत 11 भोष कार्यो में से 3 कार्य पूर्ण हो पाए है। इसी तरह धोरीमन्ना क्षेत्र में गत वर्ष के बकाया कार्यों पर 46.88 लाख के एवज में 15.25 लाख रूपए का उपयोग किया गया। जो आबंटित कार्य का 32.67 प्रतित है। साथ ही एक भी अधूरा कार्य अभी तक पूर्ण नहीं करवाया गया है। चौहटन पंचायत समिति क्षेत्र में गत वर्ष के बकाया कार्यों पर 197.19 लाख के बदले महज 22.55 लाख रूपए उपयोग में लिए गए है। जो आबंटित लक्ष्य का 11.44 प्रतित है। एक अप्रैल को भोष 49 कार्यों में से अब तक 3 कार्य ही पूर्ण करवाए गए है। बाड़मेर पंचायत समिति में गत वर्ष के बकाया कार्यों पर 65.77 लाख के एवज में 10.75 लाख रूपए का उपयोग किया गया। भोष 28 कार्यों में से 9 कार्य ही पूर्ण करवाए जा चुके है। िव पंचायत समिति क्षेत्र में गत वर्ष के बकाया कार्यों पर 322.20 लाख के एवज में 54.50 लाख उपयोग में लिए गए है। जो आबंटित लक्ष्य का महज 16.91 प्रतित है। वहीं भोष 43 में से 3 कार्य ही पूर्ण करवाए गए है।
कलेक्टर ने बताया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के राइजेप खंड बाड़मेर में गत वर्ष के बकाया कार्यों 382.92 लाख के बदले 10.88 लाख रूपए खर्च किए गए। जो लक्ष्य का महज 2.84 प्रतित है। भौतिक प्रगति के तहत 1 अप्रैल को भोष 35 कार्यों में से एक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया। राइजेप दक्षिण खंड में गत वर्ष के बकाया कार्यों पर 688.16 लाख रूपए के एवज में 57.81 लाख रूपए का उपयोग किया गया। जो आवंटित लक्ष्य का 8.40 प्रतित है। भौतिक प्रगति के तहत 101 कार्यों में से एक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है।
जिला कलेक्टर प्रधान ने अधिषी अभियंता बाड़मेर गिरीा माथुर,िव के अधिषी अभियंता पुखराज मेघवाल, चौहटन के आर.के.मंगल, धोरीमन्ना पंचायत समिति के विकास अधिकारी संजय अमरावत, चौहटन के विकास अधिकारी लाधूराम विनोई, बाड़मेर विकास अधिकारी आईदानसिंह सोलंकी, िव टीकमाराम चौधरी, राइजेप खंड बाड़मेर के अधिषी अभियंता रामजी लाल मीणा, दक्षिण खंड आर.आर.भार्मा को सात दिवस में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्दो दिए है। साथ ही निर्दो दिए गए है कि प्रत्येक कार्य की व्यक्तिगत स्तर पर मोनेटरिंग करते हुए भाीघ्रातिीघ्र पूर्ण करवाएं।
जल योजनाएं लटकीः पेयजल योजनाओं से संबंधित 135 महत्वपूर्ण कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने से आमजन को समय पर इसका लाभ नहीं मिल पाया है।


क्षेत्र/खंडआबंटित राि लाखों मेंव्यय राि
लाखों मेंप्रतित1 अप्रैल 2012 को
अधूरे कार्यकार्यों की मौजूदा स्थिति
अधूरे
खंड बाड़मेर295.703.941.3366
खंड िव446.68001511 पिछले दो साल का एक भी कार्य प्रारंभ नहीं।
खंड चौहटन297.1467.5422.73118
धोरीमन्ना पं.स.46.6815.2532.671010
चौहटन पं.स.197.1922.5511.444946
बाड़मेर पं.स.65.7710.7516.342819
िव पं.स.322.2054.5016.914340
राइजेप खंड बाड़मेर382.9210.882.843532 तीन कार्य प्रारंभ नहीं
राइजेप दक्षिण खंड बाड़मेर688.1657.818.4010193 आठ कार्य प्रारंभ नहीं

100 रु. प्रीमियम पर एसबीआई देगा 4 लाख का दुर्घटना कवर



जयपुर.एसबीआई के बचत खाताधारकों को अब 100 रुपए सालाना प्रीमियम पर चार लाख रुपए का एक्सीडेंटल कवर मिलेगा। बैंक प्रबंधकों का दावा है कि इस तरह की यह देश की सबसे सस्ती पॉलिसी है। एसबीआई के एजीएम डी.के. तलवार ने बताया कि यह पॉलिसी 1 जून से देशभर में लागू की गई है। जयपुर रीजन में 1400 से अधिक लोग इस योजना में आवेदन कर चुके हैं।
 

यह योजना जयपुर रीजन में तीन लाख से अधिक बचत खाताधारकों पर लागू होगी। प्रदेश के 20 लाख से अधिक बचत खाताधारकों को इस योजना का फायदा होगा। 100 रुपए सालाना प्रीमियम में अगर बचत खाताधारक की दुर्घटना में मृत्यु होती है तो उसके नॉमिनी को चार लाख रुपए की राशि मिलेगी। हादसे में घायल होने पर कोई आर्थिक सहायता का प्रावधान नहीं है।


खाताधारक यह करें एसबीआई स्टाफ एसोसिएशन के प्रतिनिधि राजेश नागपाल ने जानकारी दी- खाताधारक को अपनी एसबीआई बैंक शाखा में जाकर एक प्रपोजल फॉर्म भरना होगा। फॉर्म में नाम, वारिस, खाता नंबर आदि की जानकारी भरकर देनी होगी। इसके बाद आवेदक के खाते से ही 100 रुपए चार्ज करके काटे जाएगे। इसके बाद ऑनलाइन ही पॉलिसी एक्टिवेट हो जाएगी। यह मुश्किल से पांच मिनट का प्रोसेस रहता है।

बाड़मेर चोहटन में 5.1 पैमाने का भूकंप ..

बाड़मेर चोहटन में 5.1 पैमाने का भूकंप ..

प्रशासन बेखबर बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सरहदी चौहटन तहसील में मंगलवार देर रात को भूकंप के झटके महसूस किये हालांकि इस भूकंप के झटको की खबर से प्रशासन अनजान नें जबकि स्थानीय निवासियों ने भूकंप के झटके महसूस किये .सूत्रों के अनुसार चौहटन में मंगलवार देर रात करीब दो बजे रिएक्टर पैमाने पर 5.1 के झटके महसूस किये .चौहटन निवासी स्वरुप सिंह ने बताया की रात्री दो बजे करीब भूकंप के झटके महसूस किये जिससे लोगो में दहसत फेल गयी .भूकम का केंद्र गुजरात के कुछ भुज में बताया जा रहा हें .एक बारगी चौहटन में हडकंप मच गया 

बाड़मेर के युवाओं को लील रहा हैं ' ड्रग माफिया '

बाड़मेर के युवाओं को लील रहा हैं ' ड्रग माफिया '


बाड़मेर बाड़मेर में लगातार विकास के साथ साथ अपराध और अपराधिक गतिविधियाँ बढ़ रही हैं ! इन दिनों बाड़मेर के युवा ड्रग माफियाओं की चपेट में आ रहे हैं और सैकड़ो युवा स्मैक के आदी हो चुके हैं ! जबकि पुलिस के द्वारा इस मामले में सब कुछ जानने के बाद भी अनजान बने रहने की बात की जा रही हैं ! बाड़मेर के युवाओं में स्मैक की आदत पिछले तीन-चार सालो में जबरदस्त बढ़ी हैं , प्रतिदिन एक हजार से पन्द्रह सौ रूपए में युवाओं को मौत का नशा बेचा जा रहा हैं ! कई युवा इस नशे के कारण बर्बाद हो गए हैं और जब तक परिवार के लोगो को इस की जानकारी मिली तब तक वे नशे के दलदल में बुरी तरह से फंस चुके थे ! नाम ना छापने की शर्त पर स्मैक के आदी हो चुके एक युवक ने बताया कि पहले उनको स्मैक मुफ़्त में दी गई और उसके बाद जब वे इसके आदी हो गए तो उनको मुफ़्त में स्मैक देना बंद कर दिया गया अब वो अपने दुकान खो चुका हैं और काफी क़र्ज़ भी उस पर हो गया ! बाड़मेर के स्टेशन रोड पर घडीसाज़ का काम करने वाले एक युवक ने तो स्मैक का आदी होकर अपना शरीर तबाह किया ही साथ ही दुकान भी खो दी ! एक निजी चिकित्सालय में मेनेजर का काम करने वाला मनीष (परिवर्तित नाम ) स्मैक छोड़ने के लिए काफी दिनों से जोधपुर के एक चिकित्सालय में भर्ती हैं ! सबसे गंभीर बात तो यह हैं कि रईस परिवारों के लड़के इस दलदल में सबसे ज्यादा हैं लेकिन अब आम मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे भी नशे की गर्त में डूब चुके हैं !
ड्रग्स की पहुंच स्कूल कोलेज तक
जो स्थितियां बाड़मेर में बन रही हैं उससे इस बात का अंदेशा गहरा रहा हैं कि स्मैक का काला कारोबार स्कूल-कॉलेज तक पहुंच गया हो ! बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक  संवाददाता के पास पहुंचे एक बुजुर्ग परिजन ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि पिछले पांच महीनो से उसका 18 वर्षीय पोता मानसीक अवसाद से गुजर रहा था तब उन्होंने सोचा कि परीक्षाये नजदीक होने से वो परेशान होगा लेकिन जब घर से आये दिन रूपए गायब होने लगे तो उन्होंने पोते के चल चलन पर नज़र रखी तो उन्हें पता चला कि वो स्मैक का आदी हो गया हैं और आवश्यकताएं पूरी नहीं होने के कारण वो ही चोरी कर रहा था !नौजवान आंखों में सुनहरे भविष्य के सपनों की जगह मदहोशी तैर रही है और नशे के सौदागर धड़ल्ले से इस मदहोशी के काले कारोबार में जुटे हैं। मगर, हैरत यह कि जिम्मेदार 'तंत्र' को कानों-कान इसकी खबर तक नहीं। विकास के हब के रूप में तेजी से विकसित हो रहे बाड़मेर में कुछ ऐसी ही भयावह तस्वीर नुमायां हो रही है। यही वजह है कि क्षेत्र में पहली बार बड़े पैमाने पर स्मैक व चरस जैसे मादक पदार्थो की बिक्री का खुलासा होने पर हर कोई भौंचक्क है। कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं और फैक्ट्री मजदूर नशे के सौदागरों के लिए साफ्ट टारगेट बने हुए हैं।छात्र-छात्राओं को नशे का आदी बनाकर जहां उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है, वहीं आमलोगों भी नशे का गुलाम बनाकर उनकी गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है।
बाड़मेर में बाहरी राज्यों से आए लोगो की भी खासी तादाद है। यानी, सुनहरे भविष्य के लिए घर से दूर रहने वाले और दिनभर मजदूरी कर परिवार का पेट पालने वाले मजदूर भी नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। सवाल उठना लाजमी है कि जब क्षेत्र में लंबे समय से मादक पदार्थो की बड़े पैमाने पर सप्लाई हो रही है, तो पुलिस को अब तक इसकी भनक क्यों नहीं लग रही हैं !
केस स्टडी - 1
बाड़मेर के रायकोलोनी निवासी बीस वर्षीय राजू (परिवर्तित नाम ) एक बार अपने दोस्त के साथ किसी के यहाँ गया और वहां उसने पहली बार ड्रग्स का उपयोग किया ! धीरे-धीरे उसका आनाजाना यहाँ पर बढ़ा और अब वो पिछले एक साल से स्मैक का आदी हो गया ! परिवार वालो को इसकी कानोकान ख़बर नहीं लगी ! एक दिन जब उसके पास ड्रग्स नहीं था तो उसके हाल बेहाल हो गए उसकी तड़प देख कर परिवार जनों ने सोचा की शायद वो बीमार हैं लेकिन जब वे उसको लेकर डॉक्टर के पास गए तो पता चला कि वो लम्बे समय से ड्रग्स ले रहा हैं ! अब उसके परिजन उसे रातो-रात गुजरात के अहमदाबाद में निजी चिकित्सालय इलाज के लिए ले गए !

केस स्टडी - २
शहर के स्टेशन रोड में रहने वाले प्रवीण (परिवर्तित नाम ) की शादी दो साल पहले हुई थी ! शादी के बाद उसके एक दोस्त ने उसे स्मैक के नशे के बारे में बताया उसने एक दो बार उसका उपयोग किया तो मदहोशी अच्छी लगी नतीजतन वो इसका आदी हो गया ! सुबह होते ही वो घर से दुकान जाने के लिए निकलता और दुकान नहीं पहुंचता साथ ही रात को देरी से घर लौटता ! घर वाले उसके बदले व्यवहार से परेशान थे और जब उन्होंने उसका पीछा किया तो उनके पैरो के नीचे से जमीन निकल गई क्यूंकि प्रवीण इस नशे का इतना आदी हो चुका था कि वो दिन में तीन बार स्मैक लेने लगा था !

चूडियों के गोदाम में आग

चूडियों के गोदाम में आग

जोधपुर। भीतरी शहर में राखी हाउस के पास स्थित निमाज की हवेली स्थित चूडियों के गोदाम में मंगलवार सुबह आग लग गई। तंग गलियों से काफी परेशानी के बाद घटनास्थल पहुंची, तीन दमकलों ने समय रहते आग पर काबू पाया, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आग से पियां नीचे गिर गई और हवेली की दीवार में दरार भी आई। अग्निशमन सूत्रों के अनुसार हवेली में पीयूष्ा सालेचा की सालेचा प्लास्टिक नाम से चूडियों की फैक्ट्री व गोदाम है। गोदाम में सुबह करीब आठ बजे आग लग गई।

चूडियों के चपेट में आने से लपटें निकलने लगीं। सूचना पर नागौरी गेट से दो व शास्त्रीनगर से एक दमकल के साथ फायर मैन मोहन चितारा, शांति स्वरूप जोशी, हरीश ओझा, अब्दुल वहीद, राज खान व मांगू गिरी वहां पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान पत्थर की पियां भी नीचे गिर गई, लेकिन गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। संकरी गलियों के कारण दमकलों को घटनास्थल तक पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाद में आगजनी स्थल तक जाने में भी दिक्कतें हुई। इससे आग पर काबू पाने में देरी हुई।

आठ सौ रूपए में टाटा सफारी, साथ में सोना भी!

आठ सौ रूपए में टाटा सफारी, साथ में सोना भी!

जैसलमेर। चिट फंड कंपनियो ने जैसलमेर जिले मे पांव पसार दिए हैं। स्वर्णनगरी एवं जिले के प्रमुख शहरों, गांवों में शुरू की गई "अविश्वसनीय" उपहार योजनाओ के चलते प्रदेश के अन्य शहरों की तरह भविष्य में यहां भी ठगी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। जैसलमेर जिले मे अब तक बड़ी संख्या में लोग इन कंपनियो के लुभावने प्रलोभनो के सम्मोहन मे आ चुके हैं। लोगों की फेहरिस्त देख कर ही अनुमान लगाया जा सकरा है कि ये कंपनियां जैसाणे में कितनी गहराई तक जड़ें जमा चुकी हैं।

इनके सदस्य बनने वालों में आम दुकानदार से लेकर प्रमुख व्यवसायी, सरकारी, गैरसरकारी, बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं। कुछ महीने पहले शुरू चिट फंड कंपनियो के "खेल" मे ग्राहको को चंद किस्तो के बदले आकर्षक उपहार देने और योजना अवधि खत्म होने पर लगभग दोगुनी राशि का भुगतान किए जाने बात कही जा रही है।

सूत्रो के मुताबिक इन गैर पंजीकृत कंपनियो की ओर से शुरू की गई स्कीम के तहत 100 रूपए सदस्यता शुल्क व आठ सौ रूपए मासिक किस्त करीब 21 माह तक देने पर गारंटी उपहार देने के दावे किए जा रहे हैं। एक अन्य स्कीम मे हजार रूपए की दस मासिक किस्त जमा करवाने पर आकर्षक पुरस्कार देने की बात कही गई है। एक ही कंपनी की ओर से छपवाए गए आकर्षक फोल्डर्स मे संबंधित लोगों के नाम व मोबाइल नंबर भी अलग-अलग हैं।

शुल्क जमा करवाने के लिए दी गई रसीदों मे तो किसी भी संबंधित व्यक्ति या संस्थान के कार्यालय का दूरभाष या मोबाइल नम्बर और पता ही नहीं लिखा है। ऎसे में ठगी होने पर अपनी गाढ़ी कमाई लगाने वाला किस पते पर पैसे लेने जाएगा इसका कोई अतापता नहीं है। चिट फंड कंपनियो की ओर से जिले मे चल रही मुख्य के्रडिट को-ऑपरेटिव संस्थाओ व प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नामो से लाटरी की योजनाओ का नाम जोड़ कर संचालन किया जा रहा है, ताकि इन संस्थाओं की साख का लाभ इन्हे मिल सके और लोग आसानी से सदस्य बन जाएं। बिना लाइसेंस लिए चल रही चिट फंड कंपनियो ने जैसलमेर में कार्यालय भी खोल रखे हैं।

ये हैं इनाम
मोटरसाइकिल, चांदी व सोने के सिक्के, एलसीडी, एयर कंडीशनर, मारूति अल्टो, टाटा सफारी, फ्रीज, आटा चक्की।

इन्होंने कहा
जनता को ऎसी चिट फंड कंपनियो के झांसे मे आने से बचना चाहिए। जयपुर व अन्य जिलो मे हो चुकी ऎसी घटनाओ को ध्यान मे रखते हुए आम आदमी को सावधानी बरतने की जरूरत है।
-वीरेंन्द्रसिंह शहर कोतवाल, जैसलमेर

खारे पानी को मीठा करने के सुजलाम योजना फेल

खारे पानी को मीठा करने के सुजलाम योजना फेल 

थार में "कलाम" का "कमाल" भी बेकार



बाड़मेर। थार के रेगिस्तान में बसे लोगों और यहां सरहदों की सुरक्षा कर रहे जवानों के लिए भयंकर समस्या बन चुके मीठे पानी के लिए देश के जाने माने वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलामऎसा कमाल किया था कि इस योजना को समूचे बाड़मेर में तरीके से चलाया गया होता तो दुरूह धोरों को किसी बड़ी परियोजना का इंतजार नहीं होता। अपने गांव के खारे पानी को मीठा कर लोग अपनी जरूरत पूरा कर लेते।





कम राशि में बड़ी समस्या को हल करने के कलाम की कमाल की योजना ने साकारा रूप भी ले लिया था, लेकिन जलदाय महकमे की अरूचि ने सारे किए धरे पर पानी फेर दिया। थार में सुजलम परियोजना के तहत स्थापित 37 ईडी संयंत्र(जल निर्लवणीकरण संयत्र) फेल कर दिए गए।


वर्ष 1997 में डॉ. कलाम रक्षा प्रयोगशाला में प्रमुख वैज्ञानिक थे। इस दौरान उनके सामने पश्चिमी राजस्थान की सरहद पर जवानों के सामने आ रही पेयजल की समस्या का जिक्र किया गया। स्वयं कलाम बाड़मेर आए और उन्होंने इसे समझा। उन्होंने पाया कि यहां मीठा पानी तो नहीं है, लेकिन कई गांव ऎसे है जहां खारा पानी जरूर है। इस खारे पानी को मीठे मेे तब्दील कर दिया जाए तो सैकड़ों गांवों की समस्या हल हो सकती है। सरहदी गांवों में यह संयंत्र लगने से बीएसएफ व सेना के जवानों को भी फायदा हो जाएगा। कलाम ने इसका उपाय खोज लिया।

उन्होंने पानी में टीडीएस व लवण की मात्रा को कम करने के लिए ईडी प्लांट तैयार करवाए। प्रतिदिन पांच से दस हजार लीटर पानी मीठा हो सकता था। रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर को यह जिम्मेवारी सौंपते हुए 37 गांवों में संयंत्र स्थापित किए। आराबा दूदावता व चौहान गांव में स्वयं डॉ. कलाम ने इसका उद्घाटन किया। 37 गांवों में सालों बाद मीठा पानी पहुंचा और लोगों की समस्या का समाधान हो गया।

पांच साल तक सब ठीक रहा और रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर इसकी देखरेख करती रही, लेकिन पांच साल के रखरखाव बाद इसे जलदाय महकमे को सुपुर्द कर दिया। जलदाय महकमे ने इसे एक दिन भी गंभीरता से नहीं लिया। यहां एक गैर तकनीकी व्यक्ति की नियुक्ति कर दी गई। इसके बाद लगातार इन संयंत्रों में खराबी आने लगी। कई बार ग्रामीणों, सरपंचों व जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की लेकिन महकमे ने ध्यान ही नहीं दिया। दो साल में तो सारे संयंत्र जवाब दे गए। ऎसे में एक बड़ी और कमाल की योजना थार में फेल हो गई।


खुद कलाम को दु:ख


राष्ट्रपति रहते हुए कलाम बाड़मेर यात्रा पर आए। आराबा के सरपंच उम्मेदसिंह आराबा ने उन्हें सारी बात बताई। कलाम को इस पर दु:ख हुआ। उन्होंने इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए, लेकिन जलदाय महकमे ने तो जैसे इन संयंत्रों से दुश्मनी ही पाल ली थी।

भयंकर पेयजल किल्लत


जहां ये संयंत्र स्थापित है आज उन गांवों में पानी की भयंकर किल्लत है। ग्रामीण पांच सौ से आठ सौ रूपए टैंकर के देकर पानी खरीद रहे हंै। अधिकांश जगह अन्य कोई सरकारी इंतजाम नहीं है। जहां है वहां भी पानी की आपूर्ति महीनों नहीं होती है।


काया कल्प हो जाता


कमाल की इस योजना को गांव ढाणियों में शुरू कर दिया गया होता तो काया कल्प हो जाता। जीएलआर टांकों के साथ इस प्रकार के संयंत्र खड़े हो जाते तो दूरस्थ ढाणियों में लंबी लंबी पाइप लाइन बिछाने की जरूरत नहीं होती।


ध्यान ही नहीं दिया


इस योजना पर जलदाय विभाग ने ध्यान दिया न प्रशासनिक तंत्र ने। कलाम के दिमाग को पूरा देश सलाम करता है। उन्होंने योजना बनाई थी तो शर्तियां इसमें बहुत दम था। कम लागत की इस योजना से पूरे जिले की समस्या हल हो सकती थी।


उम्मेदसिंह आराबा,पूर्व सरपंच (कलाम के साथ रहकर पूरी योजना को परखा था)

विवाहिता ने टांके में कूदकर की आत्महत्या

विवाहिता ने टांके में कूदकर की आत्महत्या

बालोतरा। पचपदरा थानांतर्गत रूपजी राजा बेरी गांव में एक विवाहिता ने मंगलवार सुबह टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। थानाधिकारी जगदीशप्रसाद शर्मा के अनुसार श्रीमती लीला (22) पत्नी देवाराम निवासी रूपजी राजा बेरी मंगलवार सुबह आठ बजे घर से निकली थी। उसने सार्वजनिक टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। विवाहिता की शादी सवा वर्ष पहले हुई है।

घटना की सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारी कमलेश आबूसरिया व पुलिस मौके पर पहुंची। पीहर पक्ष व ससुराल पक्ष के लोगों की मौजूदगी में शव को बाहर निकलवाया गया। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनो को सुपुर्द कर मर्ग के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया।

मोकला में नवजात बच्ची की संदिग्ध मौत


मोकला में नवजात बच्ची की संदिग्ध मौत


जैसलमेरजिले के मोकला गांव में सोमवार को नवजात बच्ची की संदिग्ध मौत का मामला सामने आने पर हड़कंप मच गया। गौरतलब है कि जिले में पिछले दो सप्ताह में यह तीसरा मामला सामने आया है। सूचना मिलते ही प्रशासन, पुलिस व चिकित्सा विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और लोगों से पूछताछ की।

पिछले मामलों को देखते हुए इस बार दफनाए हुए शव को बाहर निकालने व नवजात बच्ची के बिसरा जांच के लिए भिजवाने के कयास लगाए जा रहे थे। सोमवार देर शाम तक प्रशासन व पुलिस की टीम जांच करती रही। लेकिन मोकला के ग्रामीणों ने जांच करने पहुंची टीम को बताया कि गांव में ऐसी परंपरा है कि छह माह से छोटी उम्र के बच्चे की मौत हो जाने पर न तो उसे दफनाया जाता है और न ही उसे जलाया जाता है। शव को तिलक लगाकर जंगल में रख दिया जाता है। प्रशासन सकते में

प्रशासन को मोकला के ग्रामीणों तरफ से बताई गई परंपरा अजीब लग रही है। जानकारों के मुताबिक जैसलमेर में ऐसी परंपरा पहले सुनने को नहीं मिली थी। अब प्रशासन को जब नवजात बच्ची का शव ही नहीं मिला तो मामले की जांच कैसे होगी। हालांकि अभी तक इस संबंध में प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का मुकदमा दर्ज नहीं करवाया गया है। प्रशासन इस मामले के संबंध में गंभीर नजर आ रहा है।

40 महिलाओं को बनाया शिकार, पैसे के साथ लूट ली इज्जत

नई दिल्ली. दक्षिण दिल्ली पुलिस ने मुंबई के एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो सीबीआई व अन्य विभागों का अफसर बनकर महिलाओं से न केवल पैसे ऐंठता था बल्कि उनके साथ दुष्कर्म भी करता था। यह जालसाज अब तक लगभग 40 महिलाओं को अपना शिकार बना चुका है। 
मुंबई से गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली पुलिस इसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाई है। यहां पूछताछ में इस शातिर ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। फिलहाल अदालत में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है, लेकिन पुलिस उसे फिर से रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

वसंत कुंज साउथ निवासी एक युवती द्वारा 26 फरवरी को दी गई शिकायत के बाद पुलिस को इसकी तलाश थी। आखिरकार चार माह बाद पुलिस इस शातिर तक पहुंच ही गई। दरअसल युवती ने शिकायत की थी कि एक व्यक्ति ने फोन पर किसी जांच एजेंसी का अफसर बताते हुए उसे डराया कि उसके भाई के खिलाफ 90 महिलाओं ने शिकायत दी है। अगर अपने भाई को बचाना चाहती हो तो सेटिंग के लिए 40 हजार रुपए पहुंचा दो, नहीं तो महिलाओं को गलत फोन करने के आरोप में तुम्हारे भाई को 11 साल की सजा हो सकती है। युवती ने आरोप लगाया कि इस व्यक्ति ने उसे एम्स मेट्रो स्टेशन के पास बुलाया और अपनी कार में उससे दुष्कर्म किया।

पुलिस ने मामला दर्ज किया और इस व्यक्ति की तलाश शुरू की। जांच में सामने आया कि यह व्यक्ति मुंबई में है। पुलिस टीम मुंबई पहुंची और यहां कुछ अन्य महिलाओं की तरफ से भी शिकायत मिली। इस बीच पुलिस को उसकी कार नंबर और उसका नाम हाथ लग गया। ऐसे में पुलिस ने कड़ी से कड़ी मिलाई और किंगफिशर एयरलाइंस के ऑफिस में पहुंच गई। जहां से पता चला कि इस व्यक्ति का पूरा नाम भूपेन्द्र नाथ वर्मा है और वह नवी मुंबई का रहने वाला है। यहां से पता चला कि वह कब-कब मुंबई से दिल्ली आया।

पुलिस टीम ने मुंबई के वासी नगर सेक्टर-2 में छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने मुंबई की अदालत में उसे पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लिया और दिल्ली लेकर पहुंची। पुलिस के सामने इसने खुलासा किया कि वह महिलाओं को फोन करके अपना परिचय कभी सीबीआई अफसर, कभी पुलिस अफसर या कभी एमटीएनएल के बड़े अधिकारी के रूप में देता था और यह कहकर पैसे ऐंठता था कि उनके पति या भाई के खिलाफ महिलाओं की शिकायत मिली है। पुलिस के मुताबिक इस शातिर ने लगभग ढाई हजार महिलाओं से फोन पर संपर्क किया। इनमें से जो महिला या युवती इसके चंगुल में फंसी उससे न केवल इसने पैसे ऐंठे बल्कि उनकी इज्जत भी लूटी। पुलिस का कहना है कि इसे फिर से रिमांड पर लिया जाएगा।

श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा


श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा



मथुरा उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन नगर है. भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि होने के कारण यह नगर धार्मिक दृष्टिकोण से हिन्दु धर्मावलम्बियों के लिए श्रद्धेय एवं आदरणीय है. भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा भक्ति रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस पवित्र भूमि का दर्शन करके पुण्य लाभ पाना चाहता है. मथुरा में भगवान श्री कृष्ण से सम्बन्धित कई दर्शनीय स्थल हैं जहां पहुंचकर श्री कृष्ण सानिध्य एवं भक्ति रस का आनन्द मिलता है.
 
मथुरा नगरी

भगवान विष्णु जिस प्रकार शिव को अपना आराध्य मानते हैं उसी प्रकार शिव भी विष्णु भगवान को अपना आराध्य मानते हैं. इसलिए जहां भी शिव की पूजा होती है वहां विष्णु की भी पूजा होती है. इसी प्रकार जिस स्थान पर विष्णु भगवान का वास होता है, भगवान शिव अवश्य ही वहां निवास करते हैं. मथुरा नगरी भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण की जन्मस्थली है अत: नगर की सुरक्षा हेतु भगवान शिव भी इसकी चारों दिशाओं में अलग-अलग नामों से विराजमान रहते हैं. उत्तर दिशा में भगवान शिव का एक मंदिर है जो गोकर्णेश्वर के नाम से जाना जाता है. दक्षिण में रंगेश्वर शिव मंदिर है. पूर्व में पिघलेश्वर और पश्चिम दिशा में भूतेश्वर महादेव का मंदिर है.
केशवदेवजी मंदिर

मथुरा में कटरा केशवदेव जी का मंदिर सर्वाधिक प्रसिद्ध है. मान्यताओं के अनुसार यह स्थान कंश का कारागृह था जिसमें उसने अपनी बहन देवकी सहित वसुदेव जी को बंदी बनाकर रखा था. इस स्थान पर 80-85 ई. पू. में वसु नामक व्यक्ति द्वारा मंदिर तोरण द्वार एवं वेदिका निर्माण का ब्राह्मी लिपी में लिखा एक साक्ष्य मिला है. माना जाता है कि वसु ही वह पहला व्यक्ति था जिसने यहां मंदिर बनवाया था. इसके बाद विक्रमादित्य ने इस स्थान पर मंदिर बनवाया जिसे महमूद गजनवी ने तोड़वा दिया.

तीसरी बार इस मंदिर को राजा विजयपाल ने बनवाया. इसे सिकन्दर लोदी ने नष्ट कर दिया. चौथी बार कृष्ण जन्मभूमि पर ओरछा के राजा जूदेव बुंदेला ने मंदिर बनवाया. मुगल शासक औरंगजेब ने इसे नष्ट करके इसके ध्वंसावशेषों से मस्जिद का निर्माण करवाया. आज जो जन्मभूमि मंदिर है वह पं. मदन मोहन मालवीय एवं उद्योगपति जुगल किशोर बिड़ला द्वारा बनवाया गया है. इस मंदिर के सामने आज भी औरंगजेब द्वारा बनवाया गया मस्जिद है.
श्री कृष्ण चबूतरा

केशवदेव जी मंदिर के प्रांगण में कृष्ण चबूतरा नाम से एक मंदिर है. इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि यहां कंश का कारागार था जहां श्री कृष्ण ने जन्म लिया था. इस चबूतरे की छत की दीवाल पर संगमरमर लगा हुआ है. इसे ध्यान से देखने पर श्री कृष्ण की विभिन्न छवियां नज़र आती हैं.
कंकाली टीला

जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ उसी समय वसुदेव जी के मित्र नंदराय जी के घर कन्या रूप में देवी योगमाया का जन्म हुआ. वसुदेव जी कंश के भय से श्री कृष्ण को नंदराय जी के पास छोड़ आये और नंदराय जी के कहने पर उनकी कन्या को अपने साथ मथुरा ले आये. कंश ने जब देवकी के हाथों से कन्या को छीनकर मारने के उद्देश्य से भूमि पर पटकना चाहा तो कन्या उसके हाथों से छूटकर आसमान में चली गयीं। इसी योगमाया देवी को समर्पित है कंकाली दीला पर स्थापित कंकाली देवी का मंदिर.

मल्लपुरा

केशवदेव मंदिर के पास में ही पोतरा कुण्ड है. यहां श्री कृष्ण, वसुदेव तथा देवकी जी का मंदिर है. इस स्थान को मल्लपुरा कहते हैं. मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां कंश के पहलवान चाणूर, मुष्टिक, तोशल और कूटशल रहा करते थे.

मथुरा के अन्य मंदिर

इन मंदिरों के अलावा भी मथुरा में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं. इनमें किशोरी रमण जी का मंदिर, वसुदेव घाट, गोविंद जी का मंदिर, विहारी जी का मंदिर काफी प्रसिद्ध है.

मथुरा कैसे पहुंचे

मथुरा दिल्ली से लगभग 150 किलोमीटर तथा आगर से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप यहां सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं. रेलवे द्वारा भी आप यहां आ सकते हैं. श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा रेलवे स्टेशन से काफी पास में है. यहां से आप आटो या टैक्सी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं.

मथुरा में जन्मोत्स

श्री कृष्ण भगवान का जन्मोत्सव मथुरा एवं वृंदावन में काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर पूरे शहर में काफी चहल-पहल रहती है. देश विदेश से लाखों की संख्या में श्री कृष्ण भक्त यहां आते हैं. वैसे, मथुरा की यात्रा आप कभी भी कर सकते हैं. पूरे वर्ष यहां लोगों का आना जाना लगा रहता है.

मंगलवार, 19 जून 2012

अनैतिक कार्य के लिए बंगलादेश से मुंबई और फिर जोधपुर लाई गई किशोरी

जोधपुर.बांग्लादेश से अनैतिक कार्य के लिए मुंबई होते हुए जोधपुर लाई गई किशोरी को सात दिन तक भूखा प्यासा कमरे में बंद रखा गया। सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे मुक्त करवाकर अदालत के आदेश से नारी निकेतन भेज दिया।  
एसीपी (पूर्व) मनोज चौधरी ने बताया कि किशोरी के बयान के आधार पर हड्डी मिल स्थित महावीर कॉलोनी निवासी कबाड़ी रमजान, नेतड़ा (मथानिया) निवासी टैक्सी चालक उम्मेदसिंह तथा माता का थान निवासी फार्मासिस्ट अरुण देवड़ा को ज्यादती के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

रातानाडा थाना प्रभारी सुगनसिंह ने बताया कि किशोरी से अनैतिक कार्य करवाने के आरोप में गिरफ्तार सुभाष चौक निवासी नेहा पटेल को अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया, जबकि सुभाष चौक निवासी घनश्याम सिंधी, आसोप निवासी नंदू चौधरी, पांच बत्ती निवासी दीपक जैन तथा बांग्लादेश के नागरिक मोहम्मद सांतो शेख को एक दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा गया है।

भंवरीदेवी मामले में तीन और गिरफ्तार

भंवरीदेवी मामले में तीन और गिरफ्तार

 

जोधपुर। अदालत परिसर में फायरिंग कर भंवरीदेवी अपहरण मामले में हत्या के आरोपी व गैंगस्टर कैलाश जाखड़ को भगाने के मामले में रविवार को तीन और युवकों को गिरफ्तार किया गया। इधर, पुलिस को जानकारी मिली है कि कैलाश जिले के ग्रामीण इलाकों में छिपा है। विशेष्ा टीम ने शनिवार रात को जिले के जालोड़ा क्षेत्र में दबिश दी, लेकिन उसे भनक लग गई और वह फरार हो गया। उधर, कमिश्नरेट व रेंज पुलिस की संयुक्त टीमों ने बीकानेर क्षेत्र में भी छापामारी कर रही है।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) राहुल प्रकाश ने बताया कि प्रकरण में फलोदी के पल्ली निवासी महेन्द्र पुत्र हनुमानराम विश्नोई, मथानिया थानान्तर्गत नेरवा निवासी पारस पुत्र हरखाराम जाखड़ तथा लोहावट थानान्तर्गत फतेहसागर पीलवा निवासी रामकिशन पुत्र हीराराम विश्नोई को गिरफ्तार किया गया। जबकि शनिवार को संरक्षण में लिए गए केरू निवासी बाल अपचारी को न्यायालय ने बाल सुधार गृह भेज दिया।

अब तक छह हमलावर गिरफ्त में
इस मामले में अब तक भेड़ लोहावट निवासी हनुमानराम जाट, विनायकपुरा भवाद निवासी रणवीर विश्नोई, केरू निवासी बाल अपचारी, पल्ली निवासी महेन्द्र, नेरवा का पारस तथा पीलवा का रामकिशन हत्थे चढ़ चुके हैं। हनुमान व रणवीर पुलिस रिमाण्ड पर हैं।

पकड़ में आते-आते बचा कैलाश
सूत्रों के मुताबिक कैलाश व कुछ साथी लोहावट व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र में हो सकते हैं। उसकी तलाश कर रही विशेष्ा टीम को शनिवार रात कैलाश के जालोड़ा क्षेत्र में होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस ने वहां दबिश दी, लेकिन पुलिस छापे की उसे भनक लग गई और कुछ देर पहले वह भाग निकला।
जोधपुर। अदालत परिसर में फायरिंग कर भंवरीदेवी अपहरण मामले में हत्या के आरोपी व गैंगस्टर कैलाश जाखड़ को भगाने के मामले में रविवार को तीन और युवकों को गिरफ्तार किया गया। इधर, पुलिस को जानकारी मिली है कि कैलाश जिले के ग्रामीण इलाकों में छिपा है। विशेष्ा टीम ने शनिवार रात को जिले के जालोड़ा क्षेत्र में दबिश दी, लेकिन उसे भनक लग गई और वह फरार हो गया। उधर, कमिश्नरेट व रेंज पुलिस की संयुक्त टीमों ने बीकानेर क्षेत्र में भी छापामारी कर रही है।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) राहुल प्रकाश ने बताया कि प्रकरण में फलोदी के पल्ली निवासी महेन्द्र पुत्र हनुमानराम विश्नोई, मथानिया थानान्तर्गत नेरवा निवासी पारस पुत्र हरखाराम जाखड़ तथा लोहावट थानान्तर्गत फतेहसागर पीलवा निवासी रामकिशन पुत्र हीराराम विश्नोई को गिरफ्तार किया गया। जबकि शनिवार को संरक्षण में लिए गए केरू निवासी बाल अपचारी को न्यायालय ने बाल सुधार गृह भेज दिया।

अब तक छह हमलावर गिरफ्त में
इस मामले में अब तक भेड़ लोहावट निवासी हनुमानराम जाट, विनायकपुरा भवाद निवासी रणवीर विश्नोई, केरू निवासी बाल अपचारी, पल्ली निवासी महेन्द्र, नेरवा का पारस तथा पीलवा का रामकिशन हत्थे चढ़ चुके हैं। हनुमान व रणवीर पुलिस रिमाण्ड पर हैं।

पकड़ में आते-आते बचा कैलाश
सूत्रों के मुताबिक कैलाश व कुछ साथी लोहावट व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र में हो सकते हैं। उसकी तलाश कर रही विशेष्ा टीम को शनिवार रात कैलाश के जालोड़ा क्षेत्र में होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस ने वहां दबिश दी, लेकिन पुलिस छापे की उसे भनक लग गई और कुछ देर पहले वह भाग निकला।

बैंक में सुरंग, दो गिरफ्तार

बैंक में सुरंग, दो गिरफ्तार

जोधपुर। सुरंग बनाकर बैंक के स्ट्रांग रूम में सेंधमारी करने के प्रयास में प्रतापनगर थाना पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि पिछले दो दिनों से बैंक में सेंधमारी के लिए सुरंग बनाने के काम में लगे थे। प्रतापनगर थानाधिकारी देरावरसिंह ने बताया कि बोम्बे मोटर क्षेत्र निवासी हनुमानराम और महेन्द्र मेघवाल को गिरफ्तार किया है। ये दोनों शनिवार रात को पास ही स्थित कैनरा बैंक के अंडरग्राउंड में घुस गए।

शनिवार रात से लेकर रविवार रात तक इन्होंने अंडरग्राउंड की पार्किüग को खोदकर स्ट्रांग रूम तक सुरंग बना दी। लेकिन वे स्ट्रांगरूम की दीवार नहीं तोड़ पाए। अगले दिन सोमवार सुबह बैंक खुलने से पहले ही फरार हो गए। जब बैंक खुला तो अधिकारियों को अंडर ग्राउंड में सुरंग की जानकारी मिली। इस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। फुट मार्क के आधार पर पुलिस ने आसपास के कुछ संदिग्ध लोगों की तलाश की और दोनों आरोपी धरे गए।

ऎसे घुसे बैंक में
दोनों आरोपियों का मकान बैंक के पास ही स्थित है। ऎसे में ये बैंक की सारी स्थिति से वाकिफ थे। बैंक में घुसने के लिए वो पार्किüग में दाखिल हुए। पर्किüग के शटर और दीवार के बीच कुछ खाली जगह है। दोनों आरोपी इस खाली जगह से पार्किüग वाले अन्डर ग्राउंड में घुस गए। इस अन्डर ग्राउंड में खुर्पी, हथोड़ा आदि औजारों से सुरंग बनाकर बैंक के अन्डर ग्राउंड में प्रवेश किया। इस अन्डर ग्राउंड में ही स्ट्रांग रूम बना है। इन्होंने स्ट्रांग रूम की दीवार तोड़ने की कोशिश की मगर तोड़ नहीं पाए। इनका प्लान था कि वो रात को सेंधमारी करते और दिन में वापस बाहर निकल जाते।

ऎसे आए पकड़ में
आरोपियों ने बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे को अखबार से ढक दिया। इससे सीसीटीवी कैमरे में भी इनका हुलिया नहीं आ सका। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो पार्किüग वाले अन्डर ग्राउड में जमा धूल में दोनों आरोपियों के फुटप्रिंट मिले। इनमें एक व्यक्ति के लंगड़ाने का फुट मार्क था। पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ करते-करते आरोपियों तक पहुंच गई।

दीवार टूट जाती तो...
स्ट्रांग रूम की दीवार मजबूत होने के कारण टूट नहीं पाई। यदि यह दीवार टूट जाती तो करोड़ों की नकदी और लॉकर में रखे लोगों के जेवरात पार हो जाते।


बैंक में सुरंग, दो गिरफ्तार
जोधपुर। सुरंग बनाकर बैंक के स्ट्रांग रूम में सेंधमारी करने के प्रयास में प्रतापनगर थाना पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि पिछले दो दिनों से बैंक में सेंधमारी के लिए सुरंग बनाने के काम में लगे थे। प्रतापनगर थानाधिकारी देरावरसिंह ने बताया कि बोम्बे मोटर क्षेत्र निवासी हनुमानराम और महेन्द्र मेघवाल को गिरफ्तार किया है। ये दोनों शनिवार रात को पास ही स्थित कैनरा बैंक के अंडरग्राउंड में घुस गए।

शनिवार रात से लेकर रविवार रात तक इन्होंने अंडरग्राउंड की पार्किüग को खोदकर स्ट्रांग रूम तक सुरंग बना दी। लेकिन वे स्ट्रांगरूम की दीवार नहीं तोड़ पाए। अगले दिन सोमवार सुबह बैंक खुलने से पहले ही फरार हो गए। जब बैंक खुला तो अधिकारियों को अंडर ग्राउंड में सुरंग की जानकारी मिली। इस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। फुट मार्क के आधार पर पुलिस ने आसपास के कुछ संदिग्ध लोगों की तलाश की और दोनों आरोपी धरे गए।

ऎसे घुसे बैंक में
दोनों आरोपियों का मकान बैंक के पास ही स्थित है। ऎसे में ये बैंक की सारी स्थिति से वाकिफ थे। बैंक में घुसने के लिए वो पार्किüग में दाखिल हुए। पर्किüग के शटर और दीवार के बीच कुछ खाली जगह है। दोनों आरोपी इस खाली जगह से पार्किüग वाले अन्डर ग्राउंड में घुस गए। इस अन्डर ग्राउंड में खुर्पी, हथोड़ा आदि औजारों से सुरंग बनाकर बैंक के अन्डर ग्राउंड में प्रवेश किया। इस अन्डर ग्राउंड में ही स्ट्रांग रूम बना है। इन्होंने स्ट्रांग रूम की दीवार तोड़ने की कोशिश की मगर तोड़ नहीं पाए। इनका प्लान था कि वो रात को सेंधमारी करते और दिन में वापस बाहर निकल जाते।

ऎसे आए पकड़ में
आरोपियों ने बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे को अखबार से ढक दिया। इससे सीसीटीवी कैमरे में भी इनका हुलिया नहीं आ सका। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो पार्किüग वाले अन्डर ग्राउड में जमा धूल में दोनों आरोपियों के फुटप्रिंट मिले। इनमें एक व्यक्ति के लंगड़ाने का फुट मार्क था। पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ करते-करते आरोपियों तक पहुंच गई।

दीवार टूट जाती तो...
स्ट्रांग रूम की दीवार मजबूत होने के कारण टूट नहीं पाई। यदि यह दीवार टूट जाती तो करोड़ों की नकदी और लॉकर में रखे लोगों के जेवरात पार हो जाते।

चाय बेचने वाले ने 'दादा' के सामने ताल ठोंकी

ग्वालियर।। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए घोषित किए गए उम्मीदवार केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी का मुकाबला करने को लेकर भले ही बड़े-बड़े राजनीतिक दलों से लेकर दिग्गजों तक की सांस फूल रही हो, मगर मध्य प्रदेश के ग्वालियर के आनंद सिंह कुशवाहा ने ताल ठोंक दी है। पेशे से चाय बेचने वाले आनंद का कहना है कि वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। PRANAB-MUKHERJEE.jpg 
ग्वालियर के तारागंज इलाके में चाय बेचने वाले आनंद की पहचान चुनावी मैदान में काका धरती पकड़ जैसी बनती जा रही है। वह पार्षद से लेकर राष्ट्रपति पद तक का चुनाव लड़ चुके हैं। पिछली दफा भी उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरा था। इस बार भी वह अपनी किस्मत आजमाने मैदान में उतरे हैं। उन्हें हार की चिंता नहीं है।

आनंद कहते हैं कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार है। उन्हें भी चुनाव लड़ने का हक है, लिहाजा ऐसा क्यों न करें! वह साबित करना चाहते हैं कि आम आदमी कुछ भी कर सकता है। दूसरों को चाय पिलाकर अपने परिवार का जीवन यापन करने वाले आनंद की राजनीति में गहरी दिलचस्पी है और वह आने वाले ग्राहकों से चाय की चुस्की के बीच देश और राजनीति के मुद्दों पर चर्चा करते नजर आ जाते हैं। आनंद ग्वालियर से लोकसभा व विधानसभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं।

आनंद के पास महज कुछ हजार रुपए की संपत्ति है, जिसकी घोषणा उन्होंने 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान की थी। घोषणा के मुताबिक उनके पास पांच हजार रुपये नकद, पत्नी के पास मंगलसूत्र, एक साइकिल और खुद का मकान है। इसके अलावा उन पर 12 हजार रुपये का बैंक कर्ज और 60 हजार रुपये का दीगर कर्ज है। उनके आश्रितों के नाम से कोई संपत्ति नहीं है।

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अभी तक जिन चार लोगों ने नामांकन भरे हैं, उनमें आनंद भी शामिल हैं। उनका कहना है कि कुछ सांसदों से उनकी बात हुई है और उन सांसदों ने भरोसा दिलाया है कि समय आने पर वे उनका साथ देंगे।