बुधवार, 20 जून 2012

आठ सौ रूपए में टाटा सफारी, साथ में सोना भी!

आठ सौ रूपए में टाटा सफारी, साथ में सोना भी!

जैसलमेर। चिट फंड कंपनियो ने जैसलमेर जिले मे पांव पसार दिए हैं। स्वर्णनगरी एवं जिले के प्रमुख शहरों, गांवों में शुरू की गई "अविश्वसनीय" उपहार योजनाओ के चलते प्रदेश के अन्य शहरों की तरह भविष्य में यहां भी ठगी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। जैसलमेर जिले मे अब तक बड़ी संख्या में लोग इन कंपनियो के लुभावने प्रलोभनो के सम्मोहन मे आ चुके हैं। लोगों की फेहरिस्त देख कर ही अनुमान लगाया जा सकरा है कि ये कंपनियां जैसाणे में कितनी गहराई तक जड़ें जमा चुकी हैं।

इनके सदस्य बनने वालों में आम दुकानदार से लेकर प्रमुख व्यवसायी, सरकारी, गैरसरकारी, बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं। कुछ महीने पहले शुरू चिट फंड कंपनियो के "खेल" मे ग्राहको को चंद किस्तो के बदले आकर्षक उपहार देने और योजना अवधि खत्म होने पर लगभग दोगुनी राशि का भुगतान किए जाने बात कही जा रही है।

सूत्रो के मुताबिक इन गैर पंजीकृत कंपनियो की ओर से शुरू की गई स्कीम के तहत 100 रूपए सदस्यता शुल्क व आठ सौ रूपए मासिक किस्त करीब 21 माह तक देने पर गारंटी उपहार देने के दावे किए जा रहे हैं। एक अन्य स्कीम मे हजार रूपए की दस मासिक किस्त जमा करवाने पर आकर्षक पुरस्कार देने की बात कही गई है। एक ही कंपनी की ओर से छपवाए गए आकर्षक फोल्डर्स मे संबंधित लोगों के नाम व मोबाइल नंबर भी अलग-अलग हैं।

शुल्क जमा करवाने के लिए दी गई रसीदों मे तो किसी भी संबंधित व्यक्ति या संस्थान के कार्यालय का दूरभाष या मोबाइल नम्बर और पता ही नहीं लिखा है। ऎसे में ठगी होने पर अपनी गाढ़ी कमाई लगाने वाला किस पते पर पैसे लेने जाएगा इसका कोई अतापता नहीं है। चिट फंड कंपनियो की ओर से जिले मे चल रही मुख्य के्रडिट को-ऑपरेटिव संस्थाओ व प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नामो से लाटरी की योजनाओ का नाम जोड़ कर संचालन किया जा रहा है, ताकि इन संस्थाओं की साख का लाभ इन्हे मिल सके और लोग आसानी से सदस्य बन जाएं। बिना लाइसेंस लिए चल रही चिट फंड कंपनियो ने जैसलमेर में कार्यालय भी खोल रखे हैं।

ये हैं इनाम
मोटरसाइकिल, चांदी व सोने के सिक्के, एलसीडी, एयर कंडीशनर, मारूति अल्टो, टाटा सफारी, फ्रीज, आटा चक्की।

इन्होंने कहा
जनता को ऎसी चिट फंड कंपनियो के झांसे मे आने से बचना चाहिए। जयपुर व अन्य जिलो मे हो चुकी ऎसी घटनाओ को ध्यान मे रखते हुए आम आदमी को सावधानी बरतने की जरूरत है।
-वीरेंन्द्रसिंह शहर कोतवाल, जैसलमेर

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